हीरे के पीछे का विज्ञान: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के मौलिक सिद्धांतों की गहरी समझ आपको सफलता के करीब ले जा सकती है। आज के अभ्यास सत्र में, हम “Doubling Down on Diamond” शीर्षक के पीछे छिपे वैज्ञानिक पहलुओं पर आधारित 25 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) हल करेंगे, जो आपकी तैयारी को परखने में मदद करेंगे।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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हीरा, कार्बन का एक अपररूप (allotrope), अपने असाधारण कठोरता के लिए जाना जाता है। यह कठोरता मुख्य रूप से किस प्रकार के रासायनिक बंधों (chemical bonds) के कारण होती है?
- (a) आयनिक बंध (Ionic bond)
- (b) सहसंयोजक बंध (Covalent bond)
- (c) धात्विक बंध (Metallic bond)
- (d) हाइड्रोजन बंध (Hydrogen bond)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंध परमाणुओं के बीच आकर्षण बल होते हैं जो उन्हें एक साथ बांधते हैं। सहसंयोजक बंध में, परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं, जिससे एक मजबूत और स्थिर संरचना बनती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधों द्वारा दृढ़ता से जुड़ा होता है, जो एक त्रि-आयामी (three-dimensional) नेटवर्क बनाते हैं। यह मजबूत, दिशात्मक (directional) सहसंयोजक बंध नेटवर्क हीरे को इसकी असाधारण कठोरता प्रदान करता है। आयनिक बंधों में इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है, धात्विक बंधों में डीलोकलाइज्ड इलेक्ट्रॉन होते हैं, और हाइड्रोजन बंध कमजोर होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) बहुत अधिक होता है, जो इसके चमकीलेपन (brilliance) में योगदान देता है। हीरे का अपवर्तनांक लगभग कितना होता है?
- (a) 1.5
- (b) 2.0
- (c) 2.42
- (d) 3.0
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक वह माप है कि प्रकाश किसी माध्यम से कितनी धीमी गति से यात्रा करता है, और यह प्रकाश के झुकने (refraction) की डिग्री को भी निर्धारित करता है। उच्च अपवर्तनांक वाले पदार्थ प्रकाश को अधिक मोड़ते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक लगभग 2.42 होता है। यह उच्च अपवर्तनांक प्रकाश को हीरे के भीतर बार-बार परावर्तित (reflect) करने का कारण बनता है, जिससे इसका विशिष्ट चमकीलापन आता है। 1.5 कांच के लिए विशिष्ट है, 2.0 एक सामान्य सीमा है, और 3.0 बहुत ही दुर्लभ है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे की संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु निम्नलिखित में से किस प्रकार का संकरण (hybridization) प्रदर्शित करता है?
- (a) sp
- (b) sp²
- (c) sp³
- (d) d²sp³
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): संकरण परमाणु ऑर्बिटल्स का मिश्रण है जो नए संकर ऑर्बिटल्स (hybrid orbitals) बनाते हैं जो रासायनिक बंधों के निर्माण के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणु sp³ संकरण प्रदर्शित करता है। प्रत्येक sp³ संकरित ऑर्बिटल तीन अन्य sp³ संकरित ऑर्बिटल्स के साथ 109.5° का चतुष्फलकीय (tetrahedral) कोण बनाता है। यह चतुष्फलकीय ज्यामिति हीरे की त्रि-आयामी क्रिस्टल संरचना को जन्म देती है। sp संकरण रैखिक है, sp² त्रिकोणीय समतलीय (trigonal planar) है, और d²sp³ अष्टफलकीय (octahedral) है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरा विद्युत का एक बहुत अच्छा कुचालक (insulator) है। इसका कारण क्या है?
- (a) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन (free electrons) नहीं होते हैं।
- (b) यह बहुत कठोर होता है।
- (c) इसमें उच्च गलनांक (high melting point) होता है।
- (d) यह प्रकाश को परावर्तित करता है।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए पदार्थ में मुक्त और गतिशील आवेश वाहकों (जैसे इलेक्ट्रॉन या आयन) का होना आवश्यक है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणुओं के सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन (valence electrons) सहसंयोजक बंधों के निर्माण में शामिल होते हैं और स्थानीयकृत (localized) होते हैं। कोई भी मुक्त या डीलोकलाइज्ड इलेक्ट्रॉन उपलब्ध नहीं होते हैं जो विद्युत धारा का संचालन कर सकें। इसलिए, हीरा एक विद्युत का कुचालक है। कठोरता, गलनांक और प्रकाश का परावर्तन सीधे तौर पर विद्युत चालकता से संबंधित नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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जब हीरे को उच्च तापमान पर हवा में गर्म किया जाता है, तो यह मुख्य रूप से किस गैस में परिवर्तित हो जाता है?
- (a) ऑक्सीजन (O₂)
- (b) नाइट्रोजन (N₂)
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- (d) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन के दहन (combustion) की प्रतिक्रिया में, यह ऑक्सीजन के साथ मिलकर कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है, जिसमें ऊष्मा निकलती है।
व्याख्या (Explanation): उच्च तापमान पर हवा (जिसमें ऑक्सीजन होती है) की उपस्थिति में, हीरे (कार्बन) का दहन होता है। प्रतिक्रिया इस प्रकार है: C (हीरा) + O₂ (गैस) → CO₂ (गैस)। इसलिए, हीरा मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड गैस में परिवर्तित हो जाता है। नाइट्रोजन प्रतिक्रिया नहीं करती है, और कार्बन मोनोऑक्साइड का निर्माण तब होता है जब ऑक्सीजन की आपूर्ति सीमित होती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक हीरे की कठोरता को पार कर सकता है?
- (a) क्वार्ट्ज (Quartz)
- (b) फेल्डस्पार (Feldspar)
- (c) बोरॉन नाइट्राइड (Boron Nitride – Cubic Boron Nitride)
- (d) एल्यूमीनियम ऑक्साइड (Aluminum Oxide)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle):Mohs कठोरता पैमाना (Mohs scale of hardness) खनिजों की सापेक्ष कठोरता को मापता है, जिसमें हीरे को 10 का उच्चतम मान दिया गया है।
व्याख्या (Explanation): क्यूबिक बोरॉन नाइट्राइड (c-BN) हीरे के बाद दूसरा सबसे कठोर ज्ञात पदार्थ है। कुछ विशेष परिस्थितियों में, यह हीरे के बराबर या उससे थोड़ा अधिक कठोर हो सकता है। क्वार्ट्ज की Mohs कठोरता 7 है, फेल्डस्पार 6 है, और एल्यूमीनियम ऑक्साइड (जैसे नीलम) 9 है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का उपयोग काटने और चमकाने (cutting and polishing) के औजारों में बड़े पैमाने पर किया जाता है। यह गुणधर्म किस कारण से है?
- (a) इसकी उच्च तापीय चालकता (high thermal conductivity)
- (b) इसकी उच्च ऑप्टिकल पारदर्शिता (high optical transparency)
- (c) इसकी असाधारण कठोरता (exceptional hardness)
- (d) इसकी रासायनिक निष्क्रियता (chemical inertness)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी सामग्री की काटने या घर्षण (abrasion) करने की क्षमता उसकी कठोरता से निर्धारित होती है; जितनी अधिक कठोर सामग्री, उतनी ही प्रभावी ढंग से वह अन्य सामग्रियों को काट या घिस सकती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की अत्यधिक कठोरता इसे अन्य कठिन सामग्रियों को काटने, ड्रिल करने और चमकाने के लिए एक आदर्श अपघर्षक (abrasive) बनाती है। यह अन्य सामग्रियों की तुलना में अपनी धार को बनाए रखता है और आसानी से घिसता नहीं है। उच्च तापीय चालकता, ऑप्टिकल पारदर्शिता और रासायनिक निष्क्रियता इसके अन्य महत्वपूर्ण गुण हैं, लेकिन ये सीधे तौर पर इसे काटने के औजारों के लिए मुख्य रूप से उपयुक्त नहीं बनाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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पृथ्वी के वायुमंडल में, ओजोन परत (ozone layer) किस गैस की एक परत है?
- (a) ऑक्सीजन (O₂)
- (b) नाइट्रोजन (N₂)
- (c) ओजोन (O₃)
- (d) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ओजोन (O₃) एक अणु है जो ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से बना है। वायुमंडल के समताप मंडल (stratosphere) में, ओजोन की एक परत पाई जाती है।
व्याख्या (Explanation): ओजोन परत समताप मंडल में मौजूद ओजोन (O₃) गैस की एक सांद्रित परत है। यह परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी (UV) विकिरण को अवशोषित (absorb) करके पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करती है। ऑक्सीजन (O₂) सामान्य ऑक्सीजन है, नाइट्रोजन (N₂) वायुमंडल का सबसे प्रचुर गैस है, और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) एक ग्रीनहाउस गैस है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव शरीर में, ऑक्सीजन का परिवहन मुख्य रूप से रक्त में किसके द्वारा होता है?
- (a) प्लाज्मा (Plasma)
- (b) श्वेत रक्त कोशिकाएं (White Blood Cells)
- (c) लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells) – हीमोग्लोबिन
- (d) प्लेटलेट्स (Platelets)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन नामक एक प्रोटीन होता है, जिसमें लौह (iron) होता है। हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन के साथ मिलकर ऑक्सीहीमोग्लोबिन (oxyhemoglobin) बनाता है।
व्याख्या (Explanation): मानव शरीर में, ऑक्सीजन का अधिकांश भाग (लगभग 98.5%) लाल रक्त कोशिकाओं के भीतर हीमोग्लोबिन द्वारा ले जाया जाता है। हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन के अणुओं से बंध जाता है और उन्हें शरीर के ऊतकों तक पहुँचाता है, जहाँ वे ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयोग किए जाते हैं। बाकी ऑक्सीजन प्लाज्मा में थोड़ी मात्रा में घुली हुई होती है। श्वेत रक्त कोशिकाएं प्रतिरक्षा प्रणाली से संबंधित हैं, और प्लेटलेट्स रक्त के थक्के जमने में मदद करते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) की प्रक्रिया में, पौधे सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके किसमें परिवर्तित करते हैं?
- (a) ऑक्सीजन और पानी
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज (शर्करा) और ऑक्सीजन में
- (c) ग्लूकोज और पानी को कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन में
- (d) केवल ऑक्सीजन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य की प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं, जिससे वे शर्करा (ग्लूकोज) का निर्माण कर सकें।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण की समग्र प्रतिक्रिया है: 6CO₂ (कार्बन डाइऑक्साइड) + 6H₂O (पानी) + प्रकाश ऊर्जा → C₆H₁₂O₆ (ग्लूकोज) + 6O₂ (ऑक्सीजन)। इस प्रकार, पौधे कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज (एक प्रकार की शर्करा) और ऑक्सीजन में परिवर्तित करते हैं। यह प्रक्रिया पृथ्वी पर जीवन के लिए मौलिक है क्योंकि यह वायुमंडल में ऑक्सीजन का उत्पादन करती है और खाद्य श्रृंखला का आधार बनती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सूक्ष्मदर्शियों (microscopes) में, लेंसों के व्यवहार को समझने के लिए किस भौतिकी के सिद्धांत का उपयोग किया जाता है?
- (a) गुरुत्वाकर्षण (Gravity)
- (b) विद्युत चुंबकत्व (Electromagnetism)
- (c) प्रकाशिकी (Optics) – प्रकाश का अपवर्तन (Refraction of Light)
- (d) ऊष्मप्रवैगिकी (Thermodynamics)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाशिकी भौतिकी की वह शाखा है जो प्रकाश के व्यवहार और गुणों का अध्ययन करती है, जिसमें प्रकाश का प्रतिबिंब (reflection) और अपवर्तन (refraction) शामिल है।
व्याख्या (Explanation): सूक्ष्मदर्शियों में, उत्तल लेंस (convex lenses) का उपयोग प्रकाश को एक बिंदु पर केंद्रित करने या परिवर्तित करने के लिए किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप आवर्धित (magnified) छवि बनती है। यह प्रभाव प्रकाश के अपवर्तन के सिद्धांत पर आधारित है, जो बताता है कि जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाता है तो वह अपनी दिशा बदल देता है। गुरुत्वाकर्षण, विद्युत चुंबकत्व और ऊष्मप्रवैगिकी अन्य महत्वपूर्ण भौतिकी शाखाएं हैं, लेकिन वे सीधे तौर पर लेंस के कार्य को नियंत्रित नहीं करती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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शरीर में ऊर्जा उत्पादन के लिए कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज का ऑक्सीकरण (oxidation) किस प्रक्रिया द्वारा होता है?
- (a) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
- (b) किण्वन (Fermentation)
- (c) श्वसन (Respiration)
- (d) पाचन (Digestion)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) एक जैव रासायनिक प्रक्रिया है जो कोशिकाओं में ऊर्जा (ATP के रूप में) उत्पन्न करती है, जिसमें पोषक तत्वों (जैसे ग्लूकोज) को ऑक्सीजन का उपयोग करके तोड़ा जाता है।
व्याख्या (Explanation): कोशिकीय श्वसन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोशिकाएं ग्लूकोज को ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके ऊर्जा, कार्बन डाइऑक्साइड और पानी उत्पन्न करती हैं। यह प्रक्रिया माइटोकॉन्ड्रिया (mitochondria) में होती है। प्रकाश संश्लेषण ऊर्जा को अवशोषित करता है, किण्वन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ऊर्जा उत्पन्न करता है, और पाचन पोषक तत्वों को तोड़ने की प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि कोई वस्तु चंद्रमा पर ले जाई जाती है, तो उसके भार (weight) पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
- (a) भार बढ़ेगा
- (b) भार घटेगा
- (c) भार अपरिवर्तित रहेगा
- (d) भार शून्य हो जाएगा
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): भार किसी वस्तु पर गुरुत्वाकर्षण बल का माप है। वस्तु का द्रव्यमान (mass) स्थिर रहता है, लेकिन गुरुत्वाकर्षण का बल भिन्न हो सकता है।
व्याख्या (Explanation): चंद्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी से कम है, इसलिए चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव पृथ्वी की तुलना में लगभग 1/6 है। चूंकि भार गुरुत्वाकर्षण पर निर्भर करता है, इसलिए चंद्रमा पर वस्तु का भार पृथ्वी पर उसके भार से कम होगा। द्रव्यमान, जो पदार्थ की मात्रा है, समान रहेगा।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव रक्त में, अम्लता (acidity) और क्षारीयता (alkalinity) को बनाए रखने में कौन सा बफर सिस्टम (buffer system) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है?
- (a) प्रोटीन बफर
- (b) फॉस्फेट बफर
- (c) बाइकार्बोनेट बफर (Bicarbonate buffer)
- (d) अमोनियम बफर
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बफर सिस्टम शरीर के तरल पदार्थों के pH को एक संकीर्ण सीमा के भीतर स्थिर रखने में मदद करते हैं, जो जैव रासायनिक प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
व्याख्या (Explanation): मानव रक्त में, बाइकार्बोनेट बफर सिस्टम pH को नियंत्रित करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और बाइकार्बोनेट आयनों (HCO₃⁻) के संतुलन पर काम करता है, जो रक्त के pH को लगभग 7.4 पर बनाए रखते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ध्वनि की तीव्रता (intensity) को मापने के लिए किस इकाई का उपयोग किया जाता है?
- (a) हर्ट्ज़ (Hertz)
- (b) डेसिबल (Decibel)
- (c) वाट (Watt)
- (d) पास्कल (Pascal)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ध्वनि की तीव्रता ध्वनि तरंगों की शक्ति का माप है जो प्रति इकाई क्षेत्र में प्रसारित होती है। डेसिबल (dB) ध्वनि के स्तर को मापने के लिए एक लघुगणकीय (logarithmic) पैमाना है।
व्याख्या (Explanation): ध्वनि की तीव्रता को आमतौर पर डेसिबल (dB) में मापा जाता है। हर्ट्ज़ आवृत्ति की इकाई है, वाट शक्ति की इकाई है (लेकिन ध्वनि शक्ति के लिए नहीं), और पास्कल दबाव की इकाई है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव शरीर में, पित्त (bile) का उत्पादन मुख्य रूप से किस अंग में होता है?
- (a) अग्न्याशय (Pancreas)
- (b) पित्ताशय (Gallbladder)
- (c) यकृत (Liver)
- (d) आंत (Intestine)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पित्त एक पाचन रस है जो वसा को पचाने और अवशोषित करने में मदद करता है। यह यकृत द्वारा स्रावित होता है।
व्याख्या (Explanation): पित्त का उत्पादन यकृत (Liver) में होता है। यह यकृत से पित्ताशय (Gallbladder) में संग्रहीत और स्रावित होता है, जो छोटी आंत में वसा को तोड़ने में मदद करता है। अग्न्याशय पाचक एंजाइम और हार्मोन का उत्पादन करता है, और आंत पाचन और अवशोषण का मुख्य स्थल है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जब कोई वस्तु जल में तैरती है, तो उस पर लगने वाला उत्प्लावन बल (buoyant force) किसके बराबर होता है?
- (a) वस्तु के भार के बराबर
- (b) वस्तु द्वारा विस्थापित द्रव के भार के बराबर
- (c) वस्तु के आयतन के बराबर
- (d) वस्तु द्वारा विस्थापित द्रव के आयतन के बराबर
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आर्किमिडीज का सिद्धांत (Archimedes’ Principle) कहता है कि किसी तरल में डूबी हुई वस्तु पर ऊपर की ओर लगने वाला उत्प्लावन बल उस वस्तु द्वारा विस्थापित द्रव के भार के बराबर होता है।
व्याख्या (Explanation): यदि कोई वस्तु जल में तैरती है, तो इसका मतलब है कि उस पर लगने वाला ऊपर की ओर उत्प्लावन बल वस्तु के स्वयं के भार के बराबर है। यदि वस्तु जल में डूब जाती है, तो इसका मतलब है कि वस्तु का भार उत्प्लावन बल से अधिक है। यदि वस्तु पूरी तरह से डूबी हुई है लेकिन तैर रही है (जैसे पनडुब्बी), तो उत्प्लावन बल वस्तु के भार के बराबर होता है, जो उसके द्वारा विस्थापित द्रव के भार के बराबर होता है। हालाँकि, तैरने की स्थिति में, यह वस्तु के भार के बराबर होता है। लेकिन प्रश्न “जब कोई वस्तु जल में तैरती है” की बात कर रहा है, जिसके लिए आर्किमिडीज का मूल सिद्धांत लागू होता है कि उत्प्लावन बल विस्थापित द्रव के भार के बराबर होता है। यदि वस्तु तैर रही है, तो इसका मतलब है कि यह बल वस्तु के भार को संतुलित कर रहा है। इसलिए, वस्तु द्वारा विस्थापित द्रव का भार ही वह बल है जो उसे तैरने देता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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क्लोरोफिल (chlorophyll) नामक हरा वर्णक (pigment) पौधों में प्रकाश संश्लेषण के लिए कौन सी भूमिका निभाता है?
- (a) यह जड़ों से पानी अवशोषित करता है।
- (b) यह सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करता है।
- (c) यह CO₂ को संग्रहित करता है।
- (d) यह पौधों को सहारा देता है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्लोरोफिल एक वर्णक है जो पौधों की कोशिकाओं में पाया जाता है और प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करने में सक्षम होता है।
व्याख्या (Explanation): क्लोरोफिल, जो पौधों को उनका हरा रंग देता है, प्रकाश संश्लेषण में प्राथमिक वर्णक है। यह सूर्य के प्रकाश से फोटॉन (photons) को अवशोषित करता है, उस ऊर्जा का उपयोग कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से ग्लूकोज (भोजन) बनाने के लिए किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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विद्युत धारा (electric current) की SI इकाई क्या है?
- (a) वोल्ट (Volt)
- (b) ओम (Ohm)
- (c) एम्पीयर (Ampere)
- (d) वाट (Watt)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत धारा आवेश के प्रवाह की दर है। SI (अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली) में, विद्युत धारा की मूल इकाई एम्पीयर (A) है।
व्याख्या (Explanation): एक एम्पीयर को प्रति सेकंड एक कूलम्ब (coulomb) आवेश के प्रवाह के रूप में परिभाषित किया जाता है। वोल्ट (V) विद्युत विभव (electric potential) की इकाई है, ओम (Ω) विद्युत प्रतिरोध (resistance) की इकाई है, और वाट (W) शक्ति (power) की इकाई है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा एक वायरस (virus) के कारण होने वाला रोग है?
- (a) तपेदिक (Tuberculosis)
- (b) मलेरिया (Malaria)
- (c) एड्स (AIDS)
- (d) टाइफाइड (Typhoid)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वायरस सूक्ष्मजीव हैं जो जीवित कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं और रोग पैदा करते हैं।
व्याख्या (Explanation): एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम) ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) नामक वायरस के कारण होता है। तपेदिक (TB) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु (bacteria) के कारण होता है, मलेरिया प्लास्मोडियम परजीवी (parasite) के कारण होता है, और टाइफाइड साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु के कारण होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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किसी पदार्थ का गलनांक (melting point) क्या होता है?
- (a) वह तापमान जिस पर वह उबलता है।
- (b) वह तापमान जिस पर वह जम जाता है।
- (c) वह तापमान जिस पर वह ठोस से द्रव में परिवर्तित होता है।
- (d) वह तापमान जिस पर वह द्रव से गैस में परिवर्तित होता है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): गलनांक वह विशिष्ट तापमान है जिस पर एक ठोस पदार्थ अपने गलनांक पर पिघलकर द्रव अवस्था में बदल जाता है।
व्याख्या (Explanation): गलनांक वह तापमान है जिस पर कोई पदार्थ ठोस से द्रव अवस्था में परिवर्तित होता है। इस बिंदु पर, ठोस और द्रव अवस्थाएं संतुलन में मौजूद होती हैं। उबलना (boiling) वह प्रक्रिया है जो द्रव से गैस में परिवर्तन से संबंधित है। जमना (freezing) द्रव से ठोस में परिवर्तन है, और वाष्पीकरण (vaporization) द्रव से गैस में परिवर्तन है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव शरीर में, कौन सी ग्रंथि (gland) “मास्टर ग्रंथि” के रूप में जानी जाती है क्योंकि यह अन्य कई अंतःस्रावी ग्रंथियों (endocrine glands) को नियंत्रित करती है?
- (a) थायराइड ग्रंथि (Thyroid gland)
- (b) अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal gland)
- (c) अग्न्याशय (Pancreas)
- (d) पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary gland)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पिट्यूटरी ग्रंथि मस्तिष्क के आधार पर स्थित एक छोटी ग्रंथि है जो कई महत्वपूर्ण हार्मोन जारी करती है जो शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): पिट्यूटरी ग्रंथि को “मास्टर ग्रंथि” कहा जाता है क्योंकि यह वृद्धि, चयापचय (metabolism), प्रजनन और अन्य अंतःस्रावी ग्रंथियों के कार्य को विनियमित करने वाले हार्मोन का उत्पादन और स्राव करती है। थायराइड हार्मोन को विनियमित करता है, अधिवृक्क स्ट्रेस हार्मोन जारी करता है, और अग्न्याशय इंसुलिन और ग्लूकागन जैसे हार्मोन का उत्पादन करता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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भौतिकी में, बल (force) की SI इकाई क्या है?
- (a) जूल (Joule)
- (b) वाट (Watt)
- (c) न्यूटन (Newton)
- (d) पास्कल (Pascal)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बल वह कारक है जो किसी वस्तु की गति की स्थिति को बदलने या बदलने का प्रयास करता है। SI प्रणाली में, बल की मूल इकाई न्यूटन (N) है।
व्याख्या (Explanation): एक न्यूटन को उस बल के रूप में परिभाषित किया जाता है जो 1 किलोग्राम द्रव्यमान वाली वस्तु में 1 मीटर प्रति सेकंड वर्ग का त्वरण (acceleration) उत्पन्न करता है। जूल (J) ऊर्जा या कार्य (work) की इकाई है, वाट (W) शक्ति की इकाई है, और पास्कल (Pa) दबाव की इकाई है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव पाचन तंत्र में, कार्बोहाइड्रेट का पाचन कहाँ से शुरू होता है?
- (a) पेट (Stomach)
- (b) छोटी आंत (Small Intestine)
- (c) मुख (Mouth)
- (d) बड़ी आंत (Large Intestine)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पाचन भोजन को छोटे अणुओं में तोड़ने की प्रक्रिया है जिसे शरीर अवशोषित कर सके। पाचन मुख से शुरू होता है।
व्याख्या (Explanation): मुख में, लार (saliva) में एमाइलेज (amylase) नामक एंजाइम होता है, जो कार्बोहाइड्रेट (जैसे स्टार्च) को सरल शर्करा में तोड़ना शुरू कर देता है। पेट में प्रोटीन का पाचन शुरू होता है, छोटी आंत में प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट का अधिकांश पाचन और अवशोषण होता है, और बड़ी आंत मुख्य रूप से पानी के अवशोषण और अपशिष्ट निष्कासन के लिए जिम्मेदार है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रेडियोधर्मी क्षय (radioactive decay) की दर को मापने के लिए किस शब्द का उपयोग किया जाता है?
- (a) क्षय स्थिरांक (Decay constant)
- (b) अर्ध-आयु (Half-life)
- (c) अवशोषण गुणांक (Absorption coefficient)
- (d) क्षय ऊर्जा (Decay energy)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अर्ध-आयु (half-life) वह समय अवधि है जिसके दौरान किसी रेडियोधर्मी पदार्थ की आधी मात्रा क्षय हो जाती है। यह रेडियोधर्मी क्षय की दर का एक माप है।
व्याख्या (Explanation): अर्ध-आयु रेडियोधर्मी क्षय की दर का एक मौलिक पैरामीटर है। प्रत्येक रेडियोधर्मी समस्थानिक (isotope) की एक विशिष्ट अर्ध-आयु होती है, जो यह निर्धारित करती है कि वह कितनी तेजी से क्षय होता है। क्षय स्थिरांक क्षय की दर से संबंधित है, लेकिन अर्ध-आयु एक अधिक सामान्य और समझने योग्य माप है। अवशोषण गुणांक विद्युत चुम्बकीय विकिरण के अवशोषण से संबंधित है, और क्षय ऊर्जा क्षय प्रक्रिया में जारी ऊर्जा है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पौधों में, परासरण (osmosis) की प्रक्रिया में जल का परिवहन कोशिका झिल्ली (cell membrane) के पार किस प्रकार होता है?
- (a) सक्रिय परिवहन (Active transport)
- (b) निष्क्रिय परिवहन (Passive transport)
- (c) एंडोसाइटोसिस (Endocytosis)
- (d) एक्सोसाइटोसिस (Exocytosis)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परासरण विलायक (जैसे जल) के अणुओं का अर्ध-पारगम्य झिल्ली (semipermeable membrane) के पार उच्च विलायक सांद्रता वाले क्षेत्र से निम्न विलायक सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर गति है, जो सांद्रता प्रवणता (concentration gradient) के अनुसार होता है।
व्याख्या (Explanation): परासरण एक प्रकार का निष्क्रिय परिवहन है क्योंकि इसके लिए कोशिका से ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती है; यह सांद्रता के अंतर से प्रेरित होता है। सक्रिय परिवहन के लिए कोशिका से ऊर्जा (ATP) की आवश्यकता होती है। एंडोसाइटोसिस और एक्सोसाइटोसिस बड़े अणुओं के परिवहन के तरीके हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।