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संविधान की कसौटी: रोज की परीक्षा

संविधान की कसौटी: रोज की परीक्षा

नमस्कार, भविष्य के प्रशासकों! भारतीय लोकतंत्र की नींव को समझना आपके प्रतियोगी सफर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज हम भारतीय राजव्यवस्था और संविधान के 25 अनूठे प्रश्नों के साथ आपकी वैचारिक स्पष्टता की गहराई को परखेंगे। यह सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि आपके ज्ञान को पैना करने का दैनिक अवसर है!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे। यह संशोधन मिनी-संविधान के रूप में जाना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारत के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक दर्शन को और अधिक स्पष्ट करना था, जो एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना पर बल देता है।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन (1985) दल-बदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है। 73वां संशोधन (1992) पंचायती राज से संबंधित है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा रिट, किसी व्यक्ति को सार्वजनिक पद पर बने रहने के अधिकार की वैधता को चुनौती देने के लिए जारी किया जाता है?

  1. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  2. परमादेश (Mandamus)
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto) का अर्थ है ‘किस अधिकार से’। यह रिट किसी सार्वजनिक पद पर अवैध रूप से बैठे व्यक्ति को पद पर बने रहने के अधिकार की वैधता को चुनौती देने के लिए जारी किया जाता है। यह उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी किया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक कार्यालयों पर केवल योग्य व्यक्ति ही नियुक्त हों।
  • गलत विकल्प: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) व्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित है, उसे न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश। परमादेश (Mandamus) किसी लोक प्राधिकारी को उसके कर्तव्य का पालन करने का आदेश है। उत्प्रेषण (Certiorari) किसी निम्न न्यायालय या न्यायाधिकरण के निर्णय को रद्द करने का आदेश है।

प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में कौन भाग नहीं लेता है?

  1. लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
  2. राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
  3. दिल्ली और पुडुचेरी विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य
  4. सभी राज्य विधान परिषदों के सदस्य

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के बारे में अनुच्छेद 54 में प्रावधान है। इसके अनुसार, निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सभी निर्वाचित सदस्य तथा राज्यों की विधान सभाओं के सभी निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: राज्य विधान परिषदों के सदस्य (चाहे निर्वाचित हों या मनोनीत) राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते हैं। दिल्ली और पुडुचेरी की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्यों को 70वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा निर्वाचक मंडल में शामिल किया गया।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) के सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं, इसलिए वे गलत हैं।

प्रश्न 4: किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल होने पर किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 256

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 356 के तहत, यदि किसी राज्य का राज्यपाल यह रिपोर्ट करता है कि राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि उस राज्य की सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चलाई जा सकती है, तो राष्ट्रपति उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। इसे ‘संवैधानिक आपातकाल’ भी कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 365 भी इससे जुड़ा है, जो कहता है कि यदि कोई राज्य केंद्र के निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है, तो राष्ट्रपति यह निष्कर्ष निकाल सकता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 256 राज्यों को केंद्रीय कानूनों के अनुपालन के निर्देश देने के केंद्र के अधिकार से संबंधित है, लेकिन सीधे राष्ट्रपति शासन लगाने का आधार नहीं है।

प्रश्न 5: भारत में लोकपाल की नियुक्ति के लिए निम्नलिखित में से कौन सी समिति सिफारिश करती है?

  1. संसदीय समिति
  2. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति
  3. चयन समिति जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, विपक्ष के नेता, भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित न्यायाधीश और एक प्रख्यात विधिवेत्ता शामिल हों।
  4. राष्ट्रपति द्वारा गठित विशेष समिति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत, लोकपाल की नियुक्ति एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाती है। इस समिति में भारत के प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता, भारत के मुख्य न्यायाधीश (या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जिन्हें वे नामित करें) और एक प्रख्यात विधिवेत्ता (जिन्हें राष्ट्रपति, उपरोक्त सदस्यों से मिलकर बनी समिति की सलाह पर नामित करें) शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह चयन प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि एक निष्पक्ष और योग्य व्यक्ति लोकपाल के पद पर आसीन हो।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प चयन समिति के गठन के संबंध में लोकपाल अधिनियम के प्रावधानों से मेल नहीं खाते हैं।

प्रश्न 6: भारतीय संविधान का कौन सा भाग राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) से संबंधित है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग IVA
  4. भाग V

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, अनुच्छेद 36 से 51 तक, राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) का प्रावधान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत देश के शासन में मूलभूत हैं और कानून बनाने में इन सिद्धांतों को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा, जैसा कि अनुच्छेद 37 में कहा गया है। ये गैर-न्यायिक हैं, जिसका अर्थ है कि इन्हें अदालत में लागू नहीं किया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IVA मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका से संबंधित है।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘केशवानंद भारती मामले’ में ‘संविधान की मूल संरचना’ सिद्धांत का प्रतिपादन किया?

  1. गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
  2. एस. आर. बोम्मई बनाम भारत संघ
  3. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
  4. मेनका गांधी बनाम भारत संघ

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: 1973 के ऐतिहासिक ‘केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य’ मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक पूर्ण पीठ ने यह ऐतिहासिक निर्णय दिया कि संसद को संविधान के किसी भी भाग में संशोधन करने की शक्ति है, लेकिन वह संविधान की ‘मूल संरचना’ (Basic Structure) को नहीं बदल सकती।
  • संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत ने संसदीय सर्वोच्चता की अवधारणा को सीमित किया और संविधान की सर्वोच्चता तथा उसके मौलिक स्वरूप की रक्षा की। मूल संरचना में न्यायपालिका की स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता, संघात्मक ढांचा, गणतंत्रात्मक स्वरूप आदि शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: गोलकनाथ मामले (1967) में कहा गया था कि संसद मौलिक अधिकारों को संशोधित नहीं कर सकती। एस. आर. बोम्मई मामला (1994) राष्ट्रपति शासन के प्रयोग से संबंधित है। मेनका गांधी मामला (1978) अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) की व्यापक व्याख्या से संबंधित है।

प्रश्न 8: भारत में पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?

  1. 70वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 77वां संशोधन अधिनियम, 1995

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा दिया गया। इसने ग्यारहवीं अनुसूची भी जोड़ी, जिसमें PRIs के 29 विषय शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज को स्थानीय स्वशासन की एक ‘तीसरे स्तर की सरकार’ के रूप में स्थापित करना था, जो लोगों की भागीदारी को मजबूत करे।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन (1992) शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 70वां संशोधन दिल्ली की विधानसभा को निर्वाचक मंडल में शामिल करने से संबंधित है। 77वां संशोधन अनुसूचित जातियों/जनजातियों के लिए सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित है।

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के कर्तव्यों में शामिल नहीं है?

  1. भारत की संचित निधि से निकाले गए सभी व्यय का लेखा-परीक्षा करना।
  2. उन सभी प्राप्तियों का लेखा-परीक्षा करना जो भारत की संचित निधि में जमा की जाती हैं।
  3. उन सभी लेखों का लेखा-परीक्षा करना जो किसी मंत्रालय या विभाग के नियंत्रणाधीन किसी कार्यालय या उप-कार्यालय या भंडारण में रखे जाते हैं।
  4. उन सभी कंपनियों का लेखा-परीक्षा करना जिनमें सार्वजनिक हित का तत्व हो, भले ही वे प्रत्यक्ष रूप से सरकार के स्वामित्व में न हों।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अनुच्छेद 149 के तहत भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों का लेखा-परीक्षा करता है। उसके कुछ अन्य कर्तव्य अनुच्छेद 150 और 151 में वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत की संचित निधि, लोक निधि और सभी सरकारी उपक्रमों के खातों का लेखा-परीक्षा करता है। विकल्प (a), (b) और (c) CAG के मुख्य कर्तव्यों में शामिल हैं। विकल्प (d) CAG के प्रत्यक्ष अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है, हालांकि CAG कंपनियों के लेखा-परीक्षा के लिए विशेष प्रावधानों के तहत कार्य कर सकता है (जैसे कंपनी अधिनियम के तहत)। लेकिन यह उसके मूल संवैधानिक कर्तव्यों का हिस्सा नहीं है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (d) CAG के संवैधानिक कर्तव्यों के दायरे से बाहर है, जो मुख्य रूप से सरकारी खातों के लेखा-परीक्षण पर केंद्रित हैं।

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा भारतीय संविधान का अभिरक्षक (Guardian) माना जाता है?

  1. राष्ट्रपति
  2. संसद
  3. सर्वोच्च न्यायालय
  4. प्रधानमंत्री

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय को भारतीय संविधान का ‘अभिरक्षक’ या ‘संरक्षक’ माना जाता है। अनुच्छेद 137 सर्वोच्च न्यायालय को उसके अपने निर्णयों या आदेशों की समीक्षा की शक्ति देता है। अनुच्छेद 32 और 226 के तहत, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय क्रमशः नागरिकों के मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए रिट जारी कर सकते हैं, जो संविधान की सर्वोच्चता बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
  • संदर्भ और विस्तार: संविधान की मूल संरचना को बनाए रखने और विधायी तथा कार्यकारी कार्यों की संवैधानिकता की जांच करने की शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को यह भूमिका प्रदान करती है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख हैं, संसद विधायी अंग है, और प्रधानमंत्री कार्यकारी प्रमुख हैं, लेकिन संविधान की अंतिम व्याख्या और उसकी रक्षा का कार्य सर्वोच्च न्यायालय का है।

प्रश्न 11: संविधान के किस संशोधन ने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी?

  1. 39वां संशोधन
  2. 42वां संशोधन
  3. 61वां संशोधन
  4. 44वां संशोधन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 61वें संशोधन अधिनियम, 1989 द्वारा संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन किया गया, जिसके अनुसार लोकसभा और राज्यों की विधान सभाओं के लिए निर्वाचन, वयस्क मताधिकार (वयस्क होने की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष) के आधार पर होगा।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य युवाओं की राजनीतिक प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ाना था, क्योंकि 18 वर्ष की आयु में व्यक्ति को वयस्क मान लिया जाता है और उसके कई अधिकार व दायित्व होते हैं।
  • गलत विकल्प: 39वां संशोधन (1975) राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के निर्वाचन से संबंधित मामलों को न्यायिक समीक्षा से बाहर रखता था (जिसे बाद में 44वें संशोधन द्वारा निरस्त कर दिया गया)। 42वां संशोधन (1976) और 44वां संशोधन (1978) अन्य महत्वपूर्ण प्रावधानों से संबंधित हैं।

प्रश्न 12: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. केंद्रीय गृह मंत्री
  4. केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण राज्य मंत्री

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 316(1) के तहत की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: UPSC भारत की अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सेवाओं के लिए परीक्षाओं का संचालन करता है। राष्ट्रपति आयोग के सदस्यों की सेवा शर्तों को भी निर्धारित करते हैं।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, गृह मंत्री या कार्मिक मंत्री की नियुक्ति की शक्ति राष्ट्रपति के पास है, न कि उनके पास।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद राज्य को समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने का निर्देश देता है?

  1. अनुच्छेद 40
  2. अनुच्छेद 44
  3. अनुच्छेद 48
  4. अनुच्छेद 50

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में अनुच्छेद 44 यह निर्देश देता है कि “राज्य अपने नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) प्राप्त करने का प्रयास करेगा।”
  • संदर्भ और विस्तार: समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी धार्मिक समुदायों के लिए विवाह, तलाक, विरासत और दत्तक ग्रहण जैसे व्यक्तिगत कानूनों को एकसमान बनाना है। यह निदेशक सिद्धांत प्रकृति में गैर-न्यायिक हैं, लेकिन देश के लिए एक महत्वपूर्ण लक्ष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 48 कृषि और पशुपालन के संगठन से संबंधित है। अनुच्छेद 50 कार्यपालिका को न्यायपालिका से अलग करने से संबंधित है।

प्रश्न 14: भारत में दल-बदल (Defection) के आधार पर किसी सदस्य की अयोग्यता का प्रावधान संविधान की किस अनुसूची में किया गया है?

  1. सातवीं अनुसूची
  2. नौवीं अनुसूची
  3. दसवीं अनुसूची
  4. बारहवीं अनुसूची

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: दसवीं अनुसूची, जिसे 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था, संसद और राज्य विधानमंडलों के सदस्यों को दल-बदल के आधार पर अयोग्य घोषित करने के प्रावधानों को निर्धारित करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुसूची राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करने और विधायकों के लिए पार्टी व्हिप का पालन करने हेतु पेश की गई थी। इसमें दल-बदल के आधार पर अयोग्यता के नियम और अपवाद बताए गए हैं।
  • गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों को दर्शाती है। नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों का सत्यापन करती है, जो न्यायिक समीक्षा से परे हैं। बारहवीं अनुसूची नगर पालिकाओं की शक्तियों, प्राधिकार और जिम्मेदारियों को निर्धारित करती है।

प्रश्न 15: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव किसके द्वारा किया जाता है?

  1. संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य
  2. संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य
  3. लोकसभा के सदस्य
  4. राज्यसभा के सदस्य

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 66 के अनुसार, भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्यों (निर्वाचित और मनोनीत) द्वारा एक एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली द्वारा किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह उपराष्ट्रपति के चुनाव को राष्ट्रपति के चुनाव से भिन्न बनाता है, जिसमें केवल निर्वाचित सदस्य ही भाग लेते हैं। उपराष्ट्रपति, राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है।
  • गलत विकल्प: चूंकि उपराष्ट्रपति के चुनाव में संसद के मनोनीत सदस्य भी भाग लेते हैं, इसलिए विकल्प (a) गलत है। लोकसभा या राज्यसभा के केवल सदस्य ही चुनाव नहीं करते।

प्रश्न 16: ‘राज्य का मुख्य सचिव’ (Chief Secretary of the State) की क्या भूमिका होती है?

  1. वह राज्य विधानमंडल का प्रमुख होता है।
  2. वह राज्य का सर्वोच्च कार्यकारी अधिकारी होता है।
  3. वह राज्य के महाधिवक्ता (Advocate General) के समकक्ष होता है।
  4. वह केवल एक प्रशासनिक अधिकारी है जिसका कोई नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: राज्य का मुख्य सचिव राज्य सरकार का प्रशासनिक प्रमुख और सर्वोच्च अधिकारी होता है। वह राज्य के मंत्रिपरिषद के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य करता है और सभी प्रमुख विभागों के बीच समन्वय स्थापित करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: मुख्य सचिव राज्य के प्रशासनिक तंत्र के शीर्ष पर होता है और सरकार की नीतियों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह राज्य का कैबिनेट सचिव भी होता है।
  • गलत विकल्प: वह राज्य विधानमंडल का प्रमुख नहीं होता, वह कार्यकारी का हिस्सा है। वह महाधिवक्ता से वरिष्ठ होता है और उसकी भूमिका भिन्न होती है। वह केवल एक प्रशासनिक अधिकारी नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण नीति-निर्धारण और समन्वयकर्ता की भूमिका निभाता है।

प्रश्न 17: किस संशोधन ने दिल्ली को ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र’ (National Capital Territory) का दर्जा दिया?

  1. 69वां संशोधन अधिनियम, 1991
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 84वां संशोधन अधिनियम, 2001
  4. 86वां संशोधन अधिनियम, 2002

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 69वें संशोधन अधिनियम, 1991 ने दिल्ली को विशेष दर्जा देते हुए संविधान में अनुच्छेद 239AA और 239AB जोड़ा। इसके परिणामस्वरूप दिल्ली को ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र’ (NCT) के रूप में नामित किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने दिल्ली के लिए एक विधान सभा और मंत्रिपरिषद की स्थापना का प्रावधान किया, हालांकि कुछ शक्तियाँ केंद्र के पास बनी रहीं।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन नगर पालिकाओं से, 84वां संशोधन सीटों के पुन: समायोजन से, और 86वां संशोधन शिक्षा के अधिकार (अनुच्छेद 21A) से संबंधित है।

प्रश्न 18: भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के सदस्यों की नियुक्ति के लिए चयन समिति की अध्यक्षता कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. केंद्रीय गृह मंत्री
  4. लोकसभा के अध्यक्ष

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) अधिनियम, 1993 के तहत, NHRC के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति एक चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इस समिति की अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: चयन समिति में गृह मंत्री, लोकसभा के अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता, राज्यसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश (या उनके द्वारा नामित एक सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश) भी शामिल होते हैं।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री चयन समिति के अध्यक्ष होते हैं, और वे सीधे नियुक्ति नहीं करते। राष्ट्रपति नियुक्ति करते हैं, लेकिन वे चयन समिति के अध्यक्ष नहीं होते। गृह मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष समिति के सदस्य होते हैं, अध्यक्ष नहीं।

प्रश्न 19: संसद द्वारा पारित किसी भी साधारण विधेयक को राष्ट्रपति कितनी बार पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकते हैं?

  1. केवल एक बार
  2. दो बार
  3. जितनी बार चाहें
  4. यह विशेषाधिकार केवल राज्य विधानमंडलों के पास है, संसद के पास नहीं।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 111 के अनुसार, राष्ट्रपति किसी विधेयक को (जब तक कि वह धन विधेयक या संविधान संशोधन विधेयक न हो) संसद को पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकते हैं। हालांकि, यदि विधेयक संसद के दोनों सदनों द्वारा (संशोधनों सहित या बिना संशोधनों के) पुनः पारित किया जाता है और राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है, तो राष्ट्रपति उस पर अपनी सहमति देने के लिए बाध्य होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस शक्ति को ‘निलंबनकारी वीटो’ (Suspensive Veto) कहा जाता है, क्योंकि राष्ट्रपति केवल विधेयक को कुछ समय के लिए विलंबित कर सकते हैं, उसे पूर्णतः वीटो नहीं कर सकते। वे केवल एक बार ही विधेयक को पुनर्विचार हेतु भेज सकते हैं।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति एक से अधिक बार पुनर्विचार हेतु नहीं भेज सकते। यह शक्ति उन्हें एक बार के लिए दी गई है।

प्रश्न 20: भारत में ‘न्यायिक सक्रियता’ (Judicial Activism) का अर्थ क्या है?

  1. न्यायपालिका द्वारा विधायी और कार्यकारी कार्यों में हस्तक्षेप करना।
  2. न्यायपालिका द्वारा अपने निर्णयों को लागू करवाना।
  3. न्यायपालिका द्वारा सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय भूमिका निभाना।
  4. न्यायपालिका द्वारा कानून बनाना।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: न्यायिक सक्रियता का अर्थ है कि न्यायपालिका, विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय, जनहितों की रक्षा और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय भूमिका निभाती है। यह तब होता है जब न्यायपालिका अपने पारंपरिक भूमिका से आगे बढ़कर उन मामलों में हस्तक्षेप करती है जिनमें विधायिका या कार्यपालिका अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहती है।
  • संदर्भ और विस्तार: अक्सर जनहित याचिका (PIL) के माध्यम से न्यायिक सक्रियता का प्रयोग किया जाता है, जैसे कि पर्यावरण संरक्षण, सार्वजनिक स्वास्थ्य, या मानवाधिकारों जैसे मुद्दों पर। हालांकि, यह विधायिका और कार्यपालिका के कार्यों में अनुचित हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
  • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि हस्तक्षेप हमेशा ‘अनुचित’ नहीं होता, बल्कि न्याय और लोकहित के लिए होता है। (b) न्यायपालिका का कर्तव्य है कि वह अपने निर्णयों को लागू करवाए, यह सक्रियता का हिस्सा है लेकिन पूर्ण अर्थ नहीं। (d) कानून बनाना विधायिका का कार्य है, न्यायपालिका का नहीं।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत ‘आपातकाल की घोषणा’ (Proclamation of Emergency) की जा सकती है?

  1. अनुच्छेद 350
  2. अनुच्छेद 352
  3. अनुच्छेद 354
  4. अनुच्छेद 358

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के तहत, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं, यदि उन्हें युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर भारत या उसके किसी भाग की सुरक्षा को खतरा महसूस होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: आपातकाल की घोषणा का राष्ट्रपति द्वारा किया जाना एक महत्वपूर्ण संवैधानिक प्रावधान है जो देश की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को बनाए रखने के लिए है। इसके लागू होने पर मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 350 राष्ट्रीय अल्पसंख्यकों की विशेष चिंताओं से संबंधित है। अनुच्छेद 354 लागू होने पर अनुच्छेद 352 के तहत उपबंधों के लागू होने के संबंध में है। अनुच्छेद 358 राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान अनुच्छेद 19 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के निलंबन से संबंधित है।

प्रश्न 22: भारत मेंFINANCE COMMISSION (वित्त आयोग) का मुख्य कार्य क्या है?

  1. देश के धन का प्रबंधन करना।
  2. केंद्र और राज्यों के बीच करों के वितरण की सिफारिश करना।
  3. देश की वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) तैयार करना।
  4. राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) की बैठकों की अध्यक्षता करना।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: वित्त आयोग का गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत किया जाता है। इसका मुख्य कार्य केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच विभिन्न करों से प्राप्त राजस्व के शुद्ध आय के वितरण और राज्यों के बीच ऐसे राजस्व के आवंटन के सिद्धांतों पर सिफारिशें देना है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह आयोग राज्यों को सहायता अनुदान (Grants-in-Aid) दिए जाने के संबंध में भी सिफारिशें करता है। यह एक संवैधानिक निकाय है जो संघवाद के वित्तीय आधार को मजबूत करता है।
  • गलत विकल्प: धन का प्रबंधन RBI करता है। बजट तैयार करना वित्त मंत्रालय का कार्य है। राष्ट्रीय विकास परिषद की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं।

प्रश्न 23: ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) का उन्मूलन और इसका किसी भी रूप में अभ्यास किस अनुच्छेद के तहत प्रतिबंधित है?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 15
  3. अनुच्छेद 17
  4. अनुच्छेद 18

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17 ‘अस्पृश्यता’ के अंत का प्रावधान करता है और इसके किसी भी रूप में आचरण को प्रतिबंधित करता है। यह एक मौलिक अधिकार है।
  • संदर्भ और विस्तार: अस्पृश्यता से उत्पन्न किसी भी निशक्तता को लागू करना कानून के अनुसार दंडनीय अपराध है। संसद ने ‘अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955’ (जिसे बाद में नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 के रूप में संशोधित किया गया) पारित करके इस अनुच्छेद को प्रभावी बनाया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता से संबंधित है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 18 उपाधियों के अंत का प्रावधान करता है।

प्रश्न 24: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?

  1. उनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  2. उन्हें लोकसभा या राज्यसभा की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है।
  3. वे किसी भी अदालत में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  4. वे कोई भी निजी वकालत का कार्य नहीं कर सकते।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 76(1) के तहत की जाती है। वे सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं और अनुच्छेद 88 के तहत उन्हें संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही में भाग लेने और बोलने का अधिकार है, लेकिन वे मतदान नहीं कर सकते। वे भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किसी भी अदालत में करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि, महान्यायवादी को सरकार की ओर से या उससे संबंधित कुछ निजी वकालत का कार्य करने की अनुमति है, बशर्ते कि वह सरकार के हितों के विरुद्ध न हो। वे केवल वे निजी कार्य नहीं कर सकते जो सरकार के हितों के प्रतिकूल हों। इसलिए, यह कहना कि वे ‘कोई भी निजी वकालत का कार्य नहीं कर सकते’ गलत है।
  • गलत विकल्प: कथन (a), (b), और (c) सही हैं। कथन (d) गलत है क्योंकि वे सीमित निजी वकालत कर सकते हैं।

प्रश्न 25: भारतीय संविधान में ‘मौलिक कर्तव्य’ (Fundamental Duties) किस भाग में शामिल किए गए हैं?

  1. भाग III
  2. भाग III-A
  3. भाग IV-A
  4. भाग V

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को भाग IV-A में अनुच्छेद 51A के तहत शामिल किया गया है। ये सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे।
  • संदर्भ और विस्तार: मौलिक कर्तव्य नागरिकों के नैतिक दायित्व हैं जो देश के प्रति उनके कर्तव्यों को रेखांकित करते हैं, जैसे संविधान का पालन करना, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना, देश की रक्षा करना आदि। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये गैर-न्यायिक हैं।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से, भाग III-A (जो अस्तित्व में नहीं है) कुछ संदर्भों में अनुच्छेदों के संशोधन से संबंधित हो सकता है, और भाग V संघ की कार्यपालिका से संबंधित है।

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