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इतिहास की गूंज: आज के महा-मॉक टेस्ट से अपने ज्ञान को परखें!

इतिहास की गूंज: आज के महा-मॉक टेस्ट से अपने ज्ञान को परखें!

समय की लहरों में गोता लगाइए और अपने ऐतिहासिक ज्ञान को चुनौती दीजिए! आज का यह विशेष मॉक टेस्ट आपको प्राचीन भारत के रहस्यों से लेकर आधुनिक भारत के संघर्षों और विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं तक ले जाएगा। तैयार हो जाइए, क्योंकि हर प्रश्न आपकी समझ को और गहरा करेगा!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद का गठन किया था?

  1. अशोक
  2. समुद्रगुप्त
  3. शिवाजी महाराज
  4. हर्षवर्धन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: शिवाजी महाराज, मराठा साम्राज्य के संस्थापक, ने अपनी शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की एक परिषद का गठन किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में पेशवा (मुख्य मंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), मजूमदार (लेखा परीक्षक), सुमंत (विदेश मंत्री), सचिव (शाही पत्र व्यवहार), पंडितराव (धार्मिक मामलों के प्रमुख), सेनापति (सेना प्रमुख) और न्यायाधीश (न्याय प्रमुख) शामिल थे। यह व्यवस्था प्रशासन में दक्षता और विशेषज्ञता सुनिश्चित करती थी।
  • गलत विकल्प: अशोक मौर्य वंश के शासक थे, समुद्रगुप्त गुप्त वंश के प्रसिद्ध राजा थे, और हर्षवर्धन उत्तर गुप्त काल के एक प्रमुख सम्राट थे। इन शासकों की अपनी अलग प्रशासनिक व्यवस्थाएं थीं, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी से विशेष रूप से जुड़ा हुआ है।

प्रश्न 2: ‘गीत गोविंद’ के रचयिता जयदेव किस शासक के दरबारी कवि थे?

  1. धर्मपाल
  2. लक्ष्मण सेन
  3. देवपाल
  4. रामपाल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: जयदेव, प्रसिद्ध संस्कृत कवि और संगीतकार, बंगाल के सेन राजवंश के शासक लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि थे।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘गीत गोविंद’ एक उत्कृष्ट काव्य कृति है जो राधा और कृष्ण के प्रेम का वर्णन करती है। यह भारतीय साहित्य और संगीत में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। लक्ष्मण सेन (शासनकाल 1179-1206 ई.) सेन राजवंश के सबसे प्रतापी राजाओं में से एक थे।
  • गलत विकल्प: धर्मपाल, देवपाल और रामपाल पाल राजवंश के शासक थे, जिनका काल सेन राजवंश से पहले का था।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?

  1. अकबरनामा – अबुल फजल
  2. तारीख-ए-फिरोजशाही – जियाउद्दीन बरनी
  3. तबकाते-अकबरी – निजामुद्दीन अहमद
  4. हुमायूंनामा – गुलबदन बेगम

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ का संबंध जियाउद्दीन बरनी से है, लेकिन यह फिरोजशाह तुगलक के शासनकाल का वर्णन करती है, न कि किसी अन्य फिरोज की। हालांकि, प्रश्न के संदर्भ में, अन्य विकल्प पूरी तरह से सही सुमेलित हैं, जिससे यह विकल्प संदिग्ध है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ बरनी की ही रचना है। यदि प्रश्न का आशय किसी अन्य फिरोज से है तो यह गलत है, लेकिन रचनाकार सही है। (मान्यता है कि यहाँ प्रश्नकर्ता ने ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ के लेखक को पूछा है।)
  • संदर्भ और विस्तार: अबुल फजल ने ‘अकबरनामा’ लिखा, जो अकबर के जीवन और शासन का विस्तृत विवरण है। निजामुद्दीन अहमद ने ‘तबकाते-अकबरी’ लिखी, जो भारत के इतिहास पर एक महत्वपूर्ण फारसी ग्रंथ है। हुमायूं की बहन गुलबदन बेगम ने ‘हुमायूंनामा’ लिखा, जो हुमायूं के जीवन पर आधारित है। जियाउद्दीन बरनी ने ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ लिखी, जो ग्यासुद्दीन तुगलक से लेकर फिरोजशाह तुगलक के प्रारंभिक शासनकाल तक का इतिहास बताती है।
  • गलत विकल्प: प्रश्न के चारो विकल्प सही प्रतीत होते हैं, लेकिन यदि यह प्रश्न किसी विशेष परीक्षा के संदर्भ में है जहाँ ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ को गलत माना गया है, तो उसका कारण स्पष्ट नहीं है। हालाँकि, सामान्य ज्ञान के अनुसार, सभी युग्म सही हैं। (यह एक संभावित त्रुटिपूर्ण प्रश्न हो सकता है।)

प्रश्न 4: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?

  1. कृष्ण देवराय
  2. देवराय द्वितीय
  3. हरिहर और बुक्का
  4. राम राय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: ये दोनों भाई पहले काकतीय साम्राज्य के सामंत थे और बाद में तुंगभद्रा नदी के किनारे एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना की। विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत का एक अत्यंत शक्तिशाली और समृद्ध साम्राज्य था, जो अपनी कला, वास्तुकला और व्यापार के लिए जाना जाता था।
  • गलत विकल्प: कृष्ण देवराय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे, लेकिन उन्होंने साम्राज्य की स्थापना नहीं की थी। देवराय द्वितीय और राम राय भी महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन संस्थापक नहीं।

प्रश्न 5: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया था?

  1. 1929 का लाहौर अधिवेशन
  2. 1931 का कराची अधिवेशन
  3. 1920 का नागपुर अधिवेशन
  4. 1922 का गया अधिवेशन

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में, जिसकी अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी, ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस का लक्ष्य अब केवल डोमिनियन स्टेटस प्राप्त करना नहीं, बल्कि पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना है। इसी अधिवेशन में 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ मनाने का भी निश्चय किया गया था।
  • गलत विकल्प: 1931 के कराची अधिवेशन में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीतियों का प्रस्ताव पारित हुआ था। 1920 के नागपुर अधिवेशन में असहयोग आंदोलन की रूपरेखा तय हुई थी। 1922 के गया अधिवेशन में स्वराजवादियों ने कांग्रेस से अलग होने का निर्णय लिया था।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा कथन अशोक के धम्म के बारे में सही नहीं है?

  1. धम्म किसी धर्म विशेष का नाम नहीं था, बल्कि आचरण की एक विधि थी।
  2. यह सभी संप्रदायों के प्रति सहिष्णुता पर जोर देता था।
  3. यह व्यक्तिगत मुक्ति (मोक्ष) का मार्ग था।
  4. अशोक ने अपने अभिलेखों में धम्म के सिद्धांतों को प्रचारित किया।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: अशोक का ‘धम्म’ एक नैतिक और सामाजिक आचरण संहिता थी, न कि कोई एक धर्म। यह सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता पर बल देता था और अशोक ने इसे अपने अभिलेखों के माध्यम से प्रचारित किया। हालाँकि, यह सीधे तौर पर व्यक्तिगत मुक्ति (मोक्ष) का मार्ग नहीं था, बल्कि सामाजिक सद्भाव और नैतिक जीवन जीने का मार्ग था।
  • संदर्भ और विस्तार: धम्म के सिद्धांतों में अहिंसा, सत्य, दान, ब्रह्मचर्य, और अन्य नैतिक गुण शामिल थे। इसका उद्देश्य समाज में शांति, सद्भाव और कल्याण को बढ़ावा देना था।
  • गलत विकल्प: यह कथन कि धम्म व्यक्तिगत मुक्ति का मार्ग था, अशोक के अभिलेखों में वर्णित इसके मूल अर्थ से भिन्न है। धम्म का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और नैतिक उत्थान था।

प्रश्न 7: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल बादशाह ने की थी?

  1. हुमायूं
  2. अकबर
  3. जहांगीर
  4. शाहजहाँ

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की शुरुआत मुगल बादशाह अकबर ने 1582 ईस्वी में की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक धार्मिक-दार्शनिक विचारधारा थी जो विभिन्न धर्मों के सार को मिलाकर एक नया पंथ बनाने का प्रयास था। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और सार्वभौमिक भाईचारे को बढ़ावा देना था। हालांकि, यह असफल रहा और इसके अनुयायी बहुत कम थे।
  • गलत विकल्प: हुमायूं, जहांगीर और शाहजहाँ के शासनकाल में ऐसी किसी धार्मिक विचारधारा की शुरुआत नहीं हुई थी।

प्रश्न 8: भारत में पुर्तगाली शक्ति का वास्तविक संस्थापक किसे माना जाता है?

  1. वास्को डी गामा
  2. फ्रांसिस्को-डी-अल्मेडा
  3. अल्फांसो-डी-अल्बुकर्क
  4. निनो-डी-कुन्हा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: अल्फांसो-डी-अल्बुकर्क को भारत में पुर्तगाली शक्ति का वास्तविक संस्थापक माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अल्बुकर्क 1509 से 1515 ईस्वी तक भारत में पुर्तगालियों के गवर्नर रहे। उन्होंने 1510 ईस्वी में बीजापुर के सुल्तान से गोवा छीनकर पुर्तगालियों का अड्डा बनाया। उन्होंने पुर्तगाली उपनिवेशों की विस्तारवादी नीति को अपनाया और पुर्तगालियों को पूर्वी व्यापार पर हावी होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: वास्को डी गामा ने 1498 में भारत की समुद्री यात्रा की थी और सबसे पहले कालीकट पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने शक्ति की स्थापना नहीं की। अल्मेडा पहले गवर्नर थे, लेकिन अल्बुकर्क ने नीतियों को अधिक सुदृढ़ किया। निनो-डी-कुन्हा बाद में आए।

प्रश्न 9: 1857 के विद्रोह को ‘भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’ किसने कहा था?

  1. कार्ल मार्क्स
  2. सर जॉन लॉरेंस
  3. टी. आर. होम्स
  4. विनायक दामोदर सावरकर

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) ने अपनी पुस्तक ‘द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस, 1857’ में 1857 के विद्रोह को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा था।
  • संदर्भ और विस्तार: सावरकर ने इस विद्रोह को एक सुनियोजित राष्ट्रीय विद्रोह के रूप में चित्रित किया, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकना था। यह उनकी पुस्तक उस समय भारत में राष्ट्रवादी भावनाओं को जगाने में बहुत प्रभावशाली साबित हुई।
  • गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ने इसे ‘सैनिकों का विद्रोह’ कहा था। सर जॉन लॉरेंस और टी. आर. होम्स जैसे ब्रिटिश अधिकारियों ने इसे केवल एक सैनिक विद्रोह या सांप्रदायिक दंगे के रूप में देखा।

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा स्थल सिंधु घाटी सभ्यता का बंदरगाह नगर था?

  1. मोहनजोदड़ो
  2. हड़प्पा
  3. कालीबंगन
  4. लोथल

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: लोथल, जो वर्तमान गुजरात में स्थित है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख बंदरगाह नगर था।
  • संदर्भ और विस्तार: लोथल की खुदाई से एक विशाल गोदी (dockyard) का प्रमाण मिला है, जो इसके एक महत्वपूर्ण बंदरगाह होने की पुष्टि करता है। यह शहर व्यापार और वाणिज्य का एक प्रमुख केंद्र था।
  • गलत विकल्प: मोहनजोदड़ो और हड़प्पा प्रमुख शहर थे, लेकिन लोथल की तरह बंदरगाह के रूप में इनकी पहचान नहीं है। कालीबंगन कृषि से संबंधित प्रमाणों के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 11: ‘वन्दे मातरम’ गीत बंकिमचंद्र चटर्जी के किस उपन्यास से लिया गया है?

  1. दुर्गेश नंदिनी
  2. आनंदमठ
  3. कपाल कुंडला
  4. विषवृक्ष

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘वन्दे मातरम’ गीत बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा लिखित प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंदमठ’ से लिया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह उपन्यास 1770 के दशक में बंगाल में हुए संन्यासी विद्रोह की पृष्ठभूमि पर आधारित है। ‘वन्दे मातरम’ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक अत्यंत प्रेरणादायक गान बन गया।
  • गलत विकल्प: दुर्गेश नंदिनी, कपाल कुंडला और विषवृक्ष बंकिमचंद्र के अन्य प्रसिद्ध उपन्यास हैं, लेकिन ‘वन्दे मातरम’ ‘आनंदमठ’ से संबंधित है।

प्रश्न 12: हड़प्पा सभ्यता के किस स्थल से ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ प्राप्त हुई है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. धौलावीरा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: मोहनजोदड़ो से ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ नामक प्रसिद्ध कलाकृति मिली है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह लगभग 4 इंच की छोटी, परंतु अत्यंत सजीव प्रतिमा है, जो उस काल की उत्कृष्ट धातु कर्म कला को दर्शाती है। प्रतिमा एक युवा स्त्री को लावण्यपूर्ण मुद्रा में प्रस्तुत करती है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा, लोथल और धौलावीरा अन्य महत्वपूर्ण स्थल हैं जहाँ से महत्वपूर्ण पुरातात्विक साक्ष्य मिले हैं, लेकिन यह विशेष प्रतिमा मोहनजोदड़ो से ही प्राप्त हुई है।

प्रश्न 13: किस एक्ट के द्वारा भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया?

  1. 1773 का रेग्युलेटिंग एक्ट
  2. 1784 का पिट्स इंडिया एक्ट
  3. 1813 का चार्टर एक्ट
  4. 1833 का चार्टर एक्ट

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: 1813 के चार्टर एक्ट द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी के भारतीय व्यापार के एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया था, सिवाय चीन के साथ व्यापार और चाय के व्यापार के।
  • संदर्भ और विस्तार: इस एक्ट ने भारत में ब्रिटिश व्यापारियों के लिए मुक्त व्यापार के द्वार खोल दिए। यह ब्रिटिश संसद द्वारा भारत के प्रशासन को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
  • गलत विकल्प: 1773 का रेग्युलेटिंग एक्ट कंपनी के राजनीतिक कार्यों को नियंत्रित करने का पहला प्रयास था। 1784 का पिट्स इंडिया एक्ट ब्रिटिश सरकार को कंपनी के मामलों पर अधिक नियंत्रण प्रदान करता था। 1833 के चार्टर एक्ट ने कंपनी के शेष व्यापारिक एकाधिकार को भी समाप्त कर दिया और इसे पूर्णतः प्रशासनिक संस्था बना दिया।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सा ग्रंथ ‘पंचतंत्र’ के लेखक विष्णु शर्मा द्वारा नहीं लिखा गया है?

  1. हितोपदेश
  2. मित्रलाभ
  3. मित्रसंप्राप्ति
  4. सत्यनिर्णय

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘पंचतंत्र’ के लेखक विष्णु शर्मा हैं, लेकिन ‘हितोपदेश’ के लेखक नारायण पंडित हैं। ‘मित्रलाभ’ और ‘मित्रसंप्राप्ति’ पंचतंत्र के दो भाग (तंत्र) हैं। ‘सत्यनिर्णय’ भी पंचतंत्र का एक उप-भाग माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘पंचतंत्र’ पाँच भागों में विभक्त है: मित्रलाभ, मित्रसंप्राप्ति, काकोलूकीयम्, लब्धप्रणाशम् और अपरीक्षितकारम्। यह कहानियों का एक संग्रह है जो नैतिक शिक्षा देता है। ‘हितोपदेश’ भी पशु-कथाओं के माध्यम से नैतिक शिक्षा देने वाला एक प्रसिद्ध ग्रंथ है, लेकिन इसके लेखक विष्णु शर्मा नहीं हैं।
  • गलत विकल्प: जैसा कि ऊपर बताया गया है, ‘हितोपदेश’ के लेखक नारायण पंडित हैं, जबकि अन्य विकल्प (या उनके उप-भाग) विष्णु शर्मा द्वारा रचित ‘पंचतंत्र’ से संबंधित हैं।

प्रश्न 15: साइमन कमीशन का गठन कब किया गया था?

  1. 1925
  2. 1927
  3. 1928
  4. 1929

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: साइमन कमीशन का गठन 1927 में किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: ब्रिटिश सरकार ने 1919 के भारत सरकार अधिनियम के प्रावधानों की समीक्षा के लिए 1927 में सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमीशन का गठन किया। इस कमीशन में किसी भी भारतीय को शामिल नहीं किया गया था, जिसके कारण इसका भारत में व्यापक विरोध हुआ। यह कमीशन 1928 में भारत आया था।
  • गलत विकल्प: गठन 1927 में हुआ था, भारत आगमन 1928 में। 1925 और 1929 संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 16: निम्नलिखित में से किस ग्रंथ की रचना अमीर खुसरो ने नहीं की थी?

  1. खजाइन-उल-फुतूह
  2. तुगलकनामा
  3. किताब-उल-हिंद
  4. नूह सिपिहर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘किताब-उल-हिंद’ (जिसे तहकीक-ए-हिंद भी कहते हैं) के लेखक अल-बरूनी हैं, न कि अमीर खुसरो।
  • संदर्भ और विस्तार: अमीर खुसरो (1253-1325 ईस्वी) एक महान कवि, संगीतकार और इतिहासकार थे, जिन्होंने सात सुल्तानों का शासनकाल देखा। उन्होंने ‘खजाइन-उल-फुतूह’ (अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल का इतिहास), ‘तुगलकनामा’ (ग्यासुद्दीन तुगलक के शासनकाल का इतिहास) और ‘नूह सिपिहर’ (खुसरो की पहली फारसी रचना जिसमें उन्होंने भारतीय जलवायु, फसलें और भाषा की प्रशंसा की) जैसी महत्वपूर्ण रचनाएँ कीं। अल-बरूनी ने महमूद गजनवी के साथ भारत आकर ‘किताब-उल-हिंद’ लिखी थी, जो उस समय के भारतीय समाज, विज्ञान और धर्म का विस्तृत वर्णन है।
  • गलत विकल्प: अमीर खुसरो ने खजाइन-उल-फुतूह, तुगलकनामा और नूह सिपिहर की रचना की थी।

प्रश्न 17: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. स्कंदगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: गुप्त शासक समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि उन्हें इतिहासकार ए.एल. श्रीवास्तव ने प्रदान की थी। समुद्रगुप्त ने अपने शासनकाल में एक विशाल साम्राज्य का विस्तार किया था और कई युद्धों में विजय प्राप्त की थी, जो फ्रांस के महान शासक नेपोलियन बोनापार्ट के विजय अभियानों के समान था। उनके इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख में उनकी विजयों का विस्तृत वर्णन मिलता है।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) भी एक महान शासक था जिसने मालवा पर विजय प्राप्त की थी। स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया था।

प्रश्न 18: अवध का अंतिम नवाब कौन था?

  1. नवाब शुजाउद्दौला
  2. नवाब आसफुद्दौला
  3. नवाब वाजिद अली शाह
  4. नवाब नसीरुद्दीन हैदर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: अवध का अंतिम नवाब वाजिद अली शाह था।
  • संदर्भ और विस्तार: वाजिद अली शाह के शासनकाल में ही 1856 ईस्वी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने कुशासन का आरोप लगाकर अवध को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया था। उनके शासनकाल को उनकी कला और संस्कृति के प्रति प्रेम के लिए भी जाना जाता है।
  • गलत विकल्प: नवाब शुजाउद्दौला बक्सर के युद्ध में शामिल थे। आसफुद्दौला ने लखनऊ को अवध की राजधानी बनाया था। नसीरुद्दीन हैदर भी अवध के नवाब थे, लेकिन वाजिद अली शाह अंतिम थे।

प्रश्न 19: निम्नलिखित में से किस वायसराय के कार्यकाल में दिल्ली भारत की राजधानी बनी?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
  3. लॉर्ड चेम्सफोर्ड
  4. लॉर्ड रीडिंग

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय के कार्यकाल में (1910-1916) दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: 1911 में दिल्ली दरबार में ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम ने कोलकाता से दिल्ली को भारत की राजधानी बदलने की घोषणा की थी। नई राजधानी का शिलान्यास 1912 में हुआ और इसका निर्माण कार्य लॉर्ड हार्डिंग के कार्यकाल में शुरू हुआ।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में बंगाल का विभाजन हुआ था। लॉर्ड चेम्सफोर्ड के समय रॉलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था। लॉर्ड रीडिंग के समय चौरी-चौरा कांड हुआ था।

प्रश्न 20: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कहाँ हुई थी?

  1. लंदन
  2. न्यूयॉर्क
  3. सैन फ्रांसिस्को
  4. बर्लिन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका) में हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी की स्थापना लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति की योजना बनाना और उसे अंजाम देना था। पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र भी प्रकाशित किया, जो भारत में क्रांतिकारी गतिविधियों को बढ़ावा देने में सहायक हुआ।
  • गलत विकल्प: लंदन, न्यूयॉर्क और बर्लिन में भी भारतीय क्रांतिकारियों की गतिविधियाँ हुईं, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को ही था।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक ने चांदी के सिक्के जारी किए थे?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. स्कंदगुप्त

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: गुप्त शासक चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने चांदी के सिक्के जारी किए थे, जिन्हें ‘रजत मुद्रा’ कहा जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय ने शकों पर विजय प्राप्त की थी और इस विजय के उपलक्ष्य में उसने चांदी के सिक्के जारी किए थे। ये सिक्के ‘रूपक’ कहलाते थे और इनका वजन लगभग 3.75 ग्राम होता था। इन सिक्कों पर गरुड़ या राजा की आकृति बनी होती थी।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने सोने के सिक्के जारी किए थे। समुद्रगुप्त ने भी मुख्य रूप से सोने के सिक्के जारी किए थे। स्कंदगुप्त ने भी सोने और चांदी दोनों के सिक्के जारी किए थे, लेकिन चांदी के सिक्कों को व्यापक रूप से चंद्रगुप्त द्वितीय से जोड़ा जाता है, खासकर शकों पर विजय के संदर्भ में।

प्रश्न 22: ‘सती प्रथा’ के अंत में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका किस वायसराय ने निभाई?

  1. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  2. लॉर्ड डलहौजी
  3. लॉर्ड कैनिंग
  4. लॉर्ड डफरिन

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सती प्रथा के अंत में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने निभाई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: राजा राममोहन राय जैसे समाज सुधारकों के प्रयासों और लॉर्ड विलियम बेंटिंक के सक्रिय सहयोग से 1829 ईस्वी में नियम 17 द्वारा सती प्रथा को प्रतिबंधित कर दिया गया। उन्होंने इस प्रथा को ‘नरक का द्वार’ कहा था।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी व्यपगत सिद्धांत (डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे। लॉर्ड डफरिन के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी।

प्रश्न 23: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?

  1. 1905-1909
  2. 1914-1918
  3. 1939-1945
  4. 1947-1950

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को समाप्त हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में मुख्य रूप से केंद्रीय शक्तियाँ (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ऑटोमन साम्राज्य) और मित्र राष्ट्र (फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, बाद में इटली और अमेरिका) शामिल थे। इसने यूरोप के राजनीतिक मानचित्र को पूरी तरह से बदल दिया और लाखों लोगों की जान ली।
  • गलत विकल्प: 1905-1909 प्रथम विश्व युद्ध से पहले का काल था। 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का समय था। 1947-1950 भारत की स्वतंत्रता के बाद का प्रारंभिक काल था।

प्रश्न 24: भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत किसे कहा जाता है?

  1. स्वामी दयानंद सरस्वती
  2. स्वामी विवेकानंद
  3. राजा राममोहन राय
  4. ईश्वरचंद्र विद्यासागर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: राजा राममोहन राय को ‘भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत’ और ‘आधुनिक भारत का जनक’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्होंने 19वीं सदी में भारत में सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक सुधारों की शुरुआत की। उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना की और सती प्रथा के उन्मूलन, बाल विवाह के विरोध और स्त्री शिक्षा के समर्थन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने पाश्चात्य शिक्षा और विचारों का भी स्वागत किया।
  • गलत विकल्प: स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की, स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की और ईश्वरचंद्र विद्यासागर विधवा पुनर्विवाह के पक्षधर थे। ये सभी महान समाज सुधारक थे, लेकिन पुनर्जागरण की शुरुआत का श्रेय राजा राममोहन राय को जाता है।

प्रश्न 25: किस मुगल सम्राट ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नया कृषि विभाग स्थापित किया?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मोहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: दीवान-ए-अमीर कोही नामक एक नया कृषि विभाग मुहम्मद बिन तुगलक (1325-1351 ईस्वी) ने स्थापित किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह विभाग कृषि के विकास और विस्तार के लिए स्थापित किया गया था, विशेष रूप से गंगा-यमुना दोआब क्षेत्र में। इसका उद्देश्य किसानों को सहायता प्रदान करना और कृषि उपज बढ़ाना था। मुहम्मद बिन तुगलक ने अपने शासनकाल में कई प्रयोग किए, जिनमें से कुछ सफल रहे और कुछ असफल।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीस सरदारों का दल’ (तुर्कान-ए-चहलगानी) का गठन किया था। बलबन ने अपनी शक्ति को केंद्रित करने के लिए कई सुधार किए। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की थी।

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