इतिहास महा-अभ्यास: विजय की ओर एक कदम
समय की गहराइयों में गोता लगाने और अपने ज्ञान की परीक्षा लेने के लिए तैयार हो जाइए! आज के इस महा-अभ्यास में हम प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक भारत और विश्व के इतिहास के महत्वपूर्ण पड़ावों को छूएंगे। हर प्रश्न आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा और आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की राह पर और मजबूत बनाएगा। आइए, इतिहास के इस रोमांचक सफर की शुरुआत करें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस सिंधु घाटी सभ्यता स्थल से ‘नृत्यरत बालिका’ की कांस्य प्रतिमा प्राप्त हुई है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थलों में से एक है। यहीं से ‘नृत्यरत बालिका’ की अद्भुत कांस्य प्रतिमा मिली है, जो उस काल की उन्नत कला और शिल्प कौशल को दर्शाती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रतिमा लगभग 10.5 सेंटीमीटर ऊँची है और इसे खोई हुई मोम (cire perdue) तकनीक का उपयोग करके बनाया गया था। यह हड़प्पा सभ्यता के निवासियों की कलात्मक प्रतिभा और सामाजिक जीवन की झलक देती है।
- अincorrect विकल्प: हड़प्पा से पकी मिट्टी की मूर्तिकाएं, मुहरें और कब्रिस्तान मिले हैं। लोथल से एक गोदी (डॉकयार्ड) का साक्ष्य मिला है, जबकि कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं।
प्रश्न 2: प्रसिद्ध ‘गायात्री मंत्र’ का उल्लेख किस वेद में मिलता है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गायत्री मंत्र, जो सूर्य देव (सवितृ) को समर्पित एक अत्यंत महत्वपूर्ण वैदिक मंत्र है, ऋग्वेद के तीसरे मंडल में पाया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह मंत्र “ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्” के रूप में जाना जाता है। यह वैदिक साहित्य का एक अभिन्न अंग है और हिंदू धर्म में इसका अत्यधिक सम्मान किया जाता है।
- अincorrect विकल्प: यजुर्वेद में यज्ञों और अनुष्ठानों के मंत्र हैं। सामवेद में मुख्य रूप से गाए जाने वाले मंत्र हैं, जो ऋग्वेद से ही लिए गए हैं। अथर्ववेद में जादू-टोना, औषधियाँ और दैनिक जीवन से संबंधित मंत्र हैं।
प्रश्न 3: अशोक के शिलालेखों को सर्वप्रथम किसने पढ़ा था?
- विलियम जोन्स
- जेम्स प्रिंसेप
- अलेक्जेंडर कनिंघम
- जॉन मार्शल
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: जेम्स प्रिंसेप, एक ब्रिटिश पुरालेखशास्त्री और औपनिवेशिक अधिकारी, 1837 में अशोक के शिलालेखों को पढ़ने वाले पहले व्यक्ति थे।
- संदर्भ और विस्तार: प्रिंसेप ने ब्राह्मी लिपि को सफलतापूर्वक पढ़ा, जिससे सम्राट अशोक के शासनकाल, उनके धम्म (धर्म) के उपदेशों और भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण काल की जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने इन शिलालेखों में अंकित ‘देवानांप्रिय प्रियदर्शी’ उपाधि को बुद्ध के समकालीन अशोक से जोड़ा।
- अincorrect विकल्प: विलियम जोन्स ने भारतीय विद्या के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया, लेकिन शिलालेखों को पढ़ने का श्रेय प्रिंसेप को जाता है। अलेक्जेंडर कनिंघम को भारतीय पुरातत्व का जनक माना जाता है और उन्होंने अशोक के स्तूपों पर महत्वपूर्ण कार्य किया, जबकि जॉन मार्शल ने हड़प्पा सभ्यता की खुदाई का नेतृत्व किया।
प्रश्न 4: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-आरिज’ नामक एक सैन्य विभाग की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- गयासुद्दीन तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गयासुद्दीन बलबन (शासनकाल 1266-1287) ने दिल्ली सल्तनत में ‘दीवान-ए-आरिज’ की स्थापना की, जो राज्य की सैन्य प्रणाली को संगठित करने और मजबूत करने के लिए एक केंद्रीयकृत विभाग था।
- संदर्भ और विस्तार: बलबन ने मंगोल आक्रमणों के बढ़ते खतरे का सामना करने के लिए एक मजबूत सेना के महत्व को समझा। दीवान-ए-आरिज के माध्यम से उसने सेना की भर्ती, प्रशिक्षण, वेतन और अनुशासन पर ध्यान केंद्रित किया।
- अincorrect विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (40 तुर्की सरदारों का समूह) का गठन किया। अलाउद्दीन खिलजी ने स्थायी सेना, बाज़ार नियंत्रण और दाग (घोड़ों पर निशान लगाना) जैसी व्यवस्थाएं लागू कीं। गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलक वंश की नींव रखी।
प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक को ‘आंध्र भोज’ के नाम से जाना जाता है?
- कृष्णदेवराय
- देवराय प्रथम
- देवराय द्वितीय
- राम राय
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे और उन्हें ‘आंध्र भोज’ की उपाधि से भी अलंकृत किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेवराय साहित्य, कला और वास्तुकला के महान संरक्षक थे। उन्होंने स्वयं एक विद्वान के रूप में ‘अमुक्तमाल्यद’ नामक तेलुगु महाकाव्य की रचना की। उनकी विद्वता और तेलुगु साहित्य के प्रति योगदान के कारण उन्हें ‘आंध्र भोज’ कहा गया।
- अincorrect विकल्प: देवराय प्रथम ने अपनी पुत्रियों का विवाह बहमनी सुल्तानों से किया था। देवराय द्वितीय ने अपने साम्राज्य का विस्तार किया और ‘गज बेटकर’ (हाथी शिकारी) की उपाधि धारण की। राम राय ने तालीकोटा के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रश्न 6: ‘इबादत खाना’ का निर्माण किस मुगल बादशाह ने करवाया था?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मुगल सम्राट अकबर ने 1575 में फतेहपुर सीकरी में ‘इबादत खाना’ का निर्माण करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: इबादत खाना का अर्थ है ‘प्रार्थना का घर’। यह एक ऐसी सभा थी जहाँ विभिन्न धर्मों के विद्वान और धर्मगुरु आकर अपने-अपने धर्म के सिद्धांतों पर चर्चा करते थे। अकबर इसका उपयोग विभिन्न धर्मों के प्रति सहिष्णुता को बढ़ावा देने और अपने सार्वभौमिक धर्म ‘दीन-ए-इलाही’ के लिए आधार तैयार करने के लिए करता था।
- अincorrect विकल्प: जहाँगीर चित्रकला का संरक्षक था। शाहजहाँ वास्तुकला, विशेषकर ताजमहल के निर्माण के लिए जाना जाता है। औरंगजेब धार्मिक रूप से अधिक रूढ़िवादी था और उसने इबादत खाने की गतिविधियों को सीमित कर दिया था।
प्रश्न 7: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर से नेतृत्व किसने किया था?
- रानी लक्ष्मीबाई
- तात्या टोपे
- नाना साहेब
- बेगम हजरत महल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर से नेतृत्व प्रमुख रूप से पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहेब ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: नाना साहेब ने अंग्रेजों से अपनी पेंशन और जागीर की बहाली की मांग को लेकर विद्रोह में सक्रिय भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में कानपुर विद्रोहियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया था, जहाँ उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई सफल अभियान चलाए।
- अincorrect विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, तात्या टोपे ने कानपुर और अन्य क्षेत्रों में नाना साहेब के साथ मिलकर नेतृत्व किया, और बेगम हजरत महल ने लखनऊ से नेतृत्व किया था।
प्रश्न 8: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक कौन हैं?
- बंकिमचंद्र चटर्जी
- दिनेश चंद्र सेन
- दिनबंधु मित्र
- रवींद्रनाथ टैगोर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘नील दर्पण’ (The Indigo Planters) नामक प्रसिद्ध नाटक के लेखक दिनबंधु मित्र थे, जो 1860 में प्रकाशित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस नाटक ने बंगाल में ब्रिटिश नील बागान मालिकों द्वारा भारतीय किसानों पर किए जा रहे अत्याचारों और शोषण का सजीव चित्रण किया। इसने नील विद्रोह (1859-60) को प्रेरित करने और आम जनता को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- अincorrect विकल्प: बंकिमचंद्र चटर्जी ने ‘आनंदमठ’ लिखा, जिसमें ‘वंदे मातरम’ गीत शामिल है। दिनेश चंद्र सेन एक साहित्यकार थे, और रवींद्रनाथ टैगोर एक महान कवि और लेखक थे जिन्होंने कई उत्कृष्ट कृतियाँ लिखीं।
प्रश्न 9: भारत में थियोसोफिकल सोसाइटी का मुख्यालय कहाँ स्थित था?
- दिल्ली
- कलकत्ता
- आडयार (मद्रास)
- वाराणसी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: थियोसोफिकल सोसाइटी का भारतीय मुख्यालय 1882 में मद्रास के पास अडयार में स्थापित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: मैडम एच.पी. ब्लावात्स्की और कर्नल एच.एस. ऑलकॉट द्वारा स्थापित इस सोसाइटी का उद्देश्य प्राचीन पाखंडों के अध्ययन और सार्वभौमिक बंधुत्व को बढ़ावा देना था। भारत में एनी बेसेंट के नेतृत्व में इसने भारतीय राष्ट्रवाद और आध्यात्मिक चेतना के पुनरुत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- अincorrect विकल्प: दिल्ली, कलकत्ता और वाराणसी महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र रहे हैं, लेकिन थियोसोफिकल सोसाइटी का मुख्य भारतीय मुख्यालय अडयार में ही स्थापित किया गया था।
प्रश्न 10: चौरी-चौरा की घटना कब हुई थी, जिसने असहयोग आंदोलन को अचानक रोक दिया?
- 1919
- 1920
- 1922
- 1923
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: चौरी-चौरा की हिंसक घटना 4 फरवरी, 1922 को गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा नामक स्थान पर हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस घटना में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे। इस हिंसा के कारण महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन (1920-22) को अचानक स्थगित करने का निर्णय लिया, क्योंकि उनका मानना था कि आंदोलन अभी तक पूरी तरह से अहिंसक नहीं हुआ था।
- अincorrect विकल्प: 1919 में रॉलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था। 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ था, और 1923 में स्वराज पार्टी का गठन हुआ था।
प्रश्न 11: बौद्ध धर्म के ‘अष्टांगिक मार्ग’ का संबंध किस सिद्धांत से है?
- चार आर्य सत्य
- प्रतीत्यसमुत्पाद
- निर्वाण प्राप्ति
- कर्म सिद्धांत
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: बौद्ध धर्म का ‘अष्टांगिक मार्ग’ (आठ गुना मार्ग) सीधे तौर पर ‘चार आर्य सत्य’ के तीसरे सत्य, ‘दुख निरोध गामिनी प्रतिपदा’ (दुख के अंत का मार्ग) से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: चार आर्य सत्य बताते हैं कि जीवन में दुख है, दुख का कारण है, दुख का निरोध संभव है, और दुख निरोध का मार्ग है। अष्टांगिक मार्ग इसी अंतिम सत्य का व्यावहारिक पालन है, जिसमें सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाक्, सम्यक कर्म, सम्यक आजीविका, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति और सम्यक समाधि शामिल हैं।
- अincorrect विकल्प: प्रतीत्यसमुत्पाद कारण-कार्य संबंध का सिद्धांत है। निर्वाण बौद्ध धर्म का अंतिम लक्ष्य है। कर्म सिद्धांत बताता है कि हमारे कर्मों का फल हमें मिलता है, जो अष्टांगिक मार्ग के पालन में सहायक है पर सीधे मार्ग से संबंधित नहीं।
प्रश्न 12: सिकंदर महान ने भारत पर आक्रमण कब किया था?
- 326 ईसा पूर्व
- 321 ईसा पूर्व
- 323 ईसा पूर्व
- 300 ईसा पूर्व
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सिकंदर महान (Alexander the Great) ने 326 ईसा पूर्व में भारतीय उपमहाद्वीप पर आक्रमण किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस दौरान उन्होंने झेलम नदी के किनारे राजा पोरस (पुरु) के साथ प्रसिद्ध ‘हाइडैसपेस का युद्ध’ (Battle of the Hydaspes) लड़ा था। सिकंदर की सेनाएँ व्यास नदी से आगे बढ़ने से मना कर चुकी थीं, जिसके बाद वह लौट गया।
- अincorrect विकल्प: 321 ईसा पूर्व चंद्रगुप्त मौर्य का राज्याभिषेक हुआ, और 323 ईसा पूर्व सिकंदर की मृत्यु हुई। 300 ईसा पूर्व का कोई महत्वपूर्ण आक्रमण इस संदर्भ में नहीं है।
प्रश्न 13: ‘अष्टध्यायी’ के लेखक कौन हैं, जो प्राचीन भारतीय व्याकरण पर एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है?
- कात्यायन
- पाणिनि
- पतंजलि
- भारवि
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘अष्टध्यायी’ नामक संस्कृत व्याकरण पर आधारित मौलिक ग्रंथ के लेखक पाणिनि थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ संस्कृत भाषा की संरचना, उसके नियमों और व्याकरण को व्यवस्थित करने में एक मील का पत्थर माना जाता है। यह ईसा पूर्व चौथी शताब्दी के आसपास लिखा गया था और आज भी भाषा विज्ञान के अध्ययन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- अincorrect विकल्प: कात्यायन ने ‘वार्तिक’ लिखे, जो पाणिनि के सूत्रों पर आधारित हैं। पतंजलि ने ‘योगसूत्र’ और पाणिनि के व्याकरण पर ‘महाभाष्य’ की रचना की। भारवि एक प्रसिद्ध कवि थे जिन्होंने ‘किरातार्जुनीयम्’ की रचना की।
प्रश्न 14: किस मध्यकालीन भारतीय शासक ने ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ लागू की थी?
- गयासुद्दीन बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मुहम्मद बिन तुगलक
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी (शासनकाल 1296-1316) ने अपनी सेना के लिए बाजार को नियंत्रित करने और आवश्यक वस्तुओं की कीमतें स्थिर रखने हेतु एक प्रभावी ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, अलाउद्दीन खिलजी ने खाद्यान्न, कपड़े, पशुधन आदि के लिए मूल्य निरीक्षक (शाहना-ए-मंडी) नियुक्त किए और मुनाफाखोरी पर कठोर दंड का प्रावधान था। इसका मुख्य उद्देश्य सेना के लिए कम वेतन पर भी आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना था।
- अincorrect विकल्प: बलबन ने ‘सिजदा’ और ‘पैबोस’ जैसी प्रथाएं शुरू कीं। मुहम्मद बिन तुगलक ने सांकेतिक मुद्रा का प्रयोग किया। फिरोजशाह तुगलक ने सार्वजनिक निर्माण कार्यों और नहरों के निर्माण पर ध्यान दिया।
प्रश्न 15: ‘बंदा मातरम’ गीत किसने लिखा था?
- रवींद्रनाथ टैगोर
- बंकिमचंद्र चटर्जी
- सरोजिनी नायडू
- इकबाल
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘वंदे मातरम’ गीत बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा लिखित एक बंगाली कविता है, जो उनके उपन्यास ‘आनंदमठ’ (1882) का एक अंश है।
- संदर्भ और विस्तार: यह गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अत्यंत लोकप्रिय हुआ और इसे राष्ट्रीय गीत का दर्जा प्राप्त है। यह मातृभूमि के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।
- अincorrect विकल्प: रवींद्रनाथ टैगोर ने भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ लिखा था। सरोजिनी नायडू एक प्रसिद्ध कवयित्री और स्वतंत्रता सेनानी थीं। इकबाल ने ‘सारे जहाँ से अच्छा’ गीत लिखा था।
प्रश्न 16: प्रथम गोलमेज सम्मेलन (First Round Table Conference) कब आयोजित हुआ था?
- 1929
- 1930
- 1931
- 1932
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: प्रथम गोलमेज सम्मेलन 12 नवंबर 1930 से 13 जनवरी 1931 तक लंदन में आयोजित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह सम्मेलन साइमन कमीशन की रिपोर्ट और भारत में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा के लिए आयोजित किया गया था। इसमें ब्रिटिश सरकार, भारतीय राजनेताओं और देशी रियासतों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन के बहिष्कार के कारण इसमें भाग नहीं लिया था।
- अincorrect विकल्प: 1929 में लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की मांग की गई। 1931 में द्वितीय गोलमेज सम्मेलन हुआ, और 1932 में तृतीय गोलमेज सम्मेलन हुआ।
प्रश्न 17: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘पत्थर के औजारों’ के उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- चन्हुदड़ो
- सुरकोटदा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: चन्हुदड़ो, जो सिंधु नदी के तट पर स्थित था, विशेष रूप से मनके बनाने, मुहर बनाने और ‘पत्थर के औजारों’ के निर्माण का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।
- संदर्भ और विस्तार: यहाँ बड़ी संख्या में औजार, औजार बनाने के अवशेष और मनके मिले हैं, जो इस स्थल को शिल्प उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण बनाते हैं। चन्हुदड़ो को ‘सिंधु घाटी सभ्यता का औद्योगिक शहर’ भी कहा जाता है।
- अincorrect विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो प्रमुख शहर थे जहाँ विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ होती थीं, लेकिन चन्हुदड़ो अपनी शिल्प विशेषज्ञता के लिए अधिक प्रसिद्ध था। सुरकोटदा से घोड़े के अवशेष मिले हैं।
प्रश्न 18: हर्यंक वंश का वह कौन सा शासक था, जिसे ‘पितृहंता’ के रूप में जाना जाता है?
- बिम्बिसार
- अजातशत्रु
- उदयीन
- नागदशक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: अजातशत्रु, हर्यंक वंश के शासक बिम्बिसार का पुत्र था, जिसने अपने पिता को गद्दी से हटाकर उनकी हत्या कर दी थी, इसलिए उसे ‘पितृहंता’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: अजातशत्रु ने अपने पिता को कारागार में डाल कर या उनकी हत्या कर पाटलिपुत्र का सिंहासन प्राप्त किया। उसने अपने शासनकाल में कई महत्वपूर्ण विजयें हासिल कीं और बौद्ध धर्म के प्रसार में भी भूमिका निभाई, जहाँ वह बुद्ध से मिला था।
- अincorrect विकल्प: बिम्बिसार हर्यंक वंश का संस्थापक था। उदयीन ने पाटलिपुत्र की स्थापना की और उसे अपनी राजधानी बनाया। नागदशक हर्यंक वंश का अंतिम शासक था।
प्रश्न 19: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ का लेखक कौन है?
- अमीर खुसरो
- जियाउद्दीन बरनी
- इब्न बतूता
- मिन्हाज-उस-सिराज
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ के लेखक जियाउद्दीन बरनी थे, जो दिल्ली सल्तनत के एक प्रसिद्ध इतिहासकार थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक गयासुद्दीन बलबन के शासनकाल से लेकर फिरोजशाह तुगलक के शासनकाल के छठे वर्ष (1356-57) तक का विस्तृत इतिहास प्रस्तुत करती है। यह उस काल की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों को समझने का एक अमूल्य स्रोत है।
- अincorrect विकल्प: अमीर खुसरो ने ‘तारीख-ए-अलाई’ लिखी। इब्न बतूता ने ‘रेहला’ लिखी, जिसमें उसने भारत का वर्णन किया। मिन्हाज-उस-सिराज ने ‘तबकात-ए-नासिरी’ लिखी।
प्रश्न 20: किस वायसराय के कार्यकाल में भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) लागू किया गया था?
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लॉर्ड कॉर्नवालिस (1786-1793) ने 1793 में बंगाल, बिहार, उड़ीसा और मद्रास के कुछ हिस्सों में ‘स्थायी बंदोबस्त’ लागू किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था के तहत, जमींदारों को भूमि का स्वामी माना गया और उनसे यह अपेक्षा की गई कि वे सरकार को निश्चित राशि लगान के रूप में जमा करें, भले ही फसल खराब हो। इसके पीछे कंपनी के लिए राजस्व की निश्चितता सुनिश्चित करना और किसानों को भूमि से जोड़ने वाली कड़ी के रूप में जमींदारों को सशक्त बनाना था।
- अincorrect विकल्प: लॉर्ड वेलेजली ‘सहायक संधि’ के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए प्रसिद्ध हैं, और लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।
प्रश्न 21: किस सिख गुरु की मृत्यु ‘जहांगीर’ ने करवा दी थी?
- गुरु नानक देव
- गुरु अंगद देव
- गुरु अमरदास
- गुरु अर्जुन देव
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मुगल सम्राट जहांगीर ने पांचवें सिख गुरु, गुरु अर्जुन देव (1581-1606) को यातनाएँ देकर मृत्युदंड दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: गुरु अर्जुन देव ने अमृतसर में हरिमंदिर साहब (स्वर्ण मंदिर) का निर्माण पूरा करवाया था और आदि ग्रंथ (गुरु ग्रंथ साहिब) का संकलन किया था। जहांगीर ने गुरु अर्जुन देव पर अपने विद्रोही पुत्र खुसरो को आशीर्वाद देने का आरोप लगाया था, जिसके कारण उन्हें यह दंड दिया गया।
- अincorrect विकल्प: गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे। गुरु अंगद देव ने गुरुमुखी लिपि का प्रचार किया। गुरु अमरदास ने लंगर प्रथा को व्यवस्थित किया।
प्रश्न 22: ‘आत्मीय सभा’ की स्थापना किसने की थी?
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- स्वामी विवेकानंद
- राजा राम मोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: राजा राम मोहन राय, जिन्हें भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत माना जाता है, ने 1815 में ‘आत्मीय सभा’ की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: आत्मीय सभा वेदांत के अद्वैतवाद पर आधारित एक प्रारंभिक सामाजिक-धार्मिक सुधार संगठन था, जिसने एकेश्वरवाद को बढ़ावा दिया और मूर्ति पूजा का विरोध किया। यह बाद में ब्रह्म समाज की स्थापना का आधार बनी।
- अincorrect विकल्प: स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘आर्य समाज’ की स्थापना की। स्वामी विवेकानंद ने ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना की। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह और स्त्री शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया।
प्रश्न 23: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?
- 1885
- 1886
- 1887
- 1888
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को ए.ओ. ह्यूम के नेतृत्व में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: पहला अधिवेशन बॉम्बे (अब मुंबई) में व्योमेश चंद्र बनर्जी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था। इसका प्रारंभिक उद्देश्य भारतीयों को ब्रिटिश शासन के तहत राजनीतिक और प्रशासनिक सुधारों के लिए एक मंच प्रदान करना था, लेकिन धीरे-धीरे यह स्वतंत्रता आंदोलन का मुख्य वाहक बन गया।
- अincorrect विकल्प: 1886 में कांग्रेस का दूसरा अधिवेशन कलकत्ता में हुआ, 1887 में मद्रास में और 1888 में इलाहाबाद में हुआ।
प्रश्न 24: प्रथम विश्व युद्ध में धुरी राष्ट्रों (Axis Powers) में कौन सा देश शामिल नहीं था?
- जर्मनी
- ऑस्ट्रिया-हंगरी
- इटली
- तुर्की
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में धुरी राष्ट्रों (Central Powers) में मुख्य रूप से जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की (ओटोमन साम्राज्य) और बुल्गारिया शामिल थे। इसलिए, ‘ऑस्ट्रिया-हंगरी’ धुरी राष्ट्रों का एक प्रमुख हिस्सा था, न कि वह देश जो शामिल नहीं था। प्रश्न को गलत तरीके से पूछा गया है, लेकिन यदि यह “मित्र राष्ट्रों” (Allied Powers) के संदर्भ में है, तो यह अलग हो सकता है। यदि प्रश्न “मित्र राष्ट्रों” के बारे में होता, तो उत्तर (a), (c), या (d) हो सकता था। लेकिन चूंकि प्रश्न “धुरी राष्ट्रों” के बारे में है, और पूछा गया है कि कौन शामिल नहीं था, तो यह मानते हुए कि कोई ऐसा देश विकल्प में है जो वास्तव में धुरी राष्ट्रों में नहीं था। प्रश्नों के संदर्भ में, यदि प्रश्न का अर्थ है कि नीचे दिए गए विकल्पों में से कौन प्रथम विश्व युद्ध के धुरी राष्ट्रों में से नहीं था, तो वह विकल्प (b) नहीं हो सकता क्योंकि ऑस्ट्रिया-हंगरी एक प्रमुख धुरी राष्ट्र था।
पुनः प्रश्न का विश्लेषण: यह प्रश्न संभवतः द्वितीय विश्व युद्ध के संदर्भ में पूछा जाना चाहिए था, जहाँ इटली, जर्मनी और जापान धुरी राष्ट्र थे। प्रथम विश्व युद्ध में ‘धुरी राष्ट्र’ या ‘केंद्रीय शक्तियाँ’ (Central Powers) में जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य और बुल्गारिया शामिल थे।
दिए गए विकल्पों में, ऑस्ट्रिया-हंगरी प्रथम विश्व युद्ध का धुरी राष्ट्र था। इसलिए, यह मानते हुए कि प्रश्न में कोई त्रुटि नहीं है और हमें एक ऐसा विकल्प चुनना है जो इन तीन (जर्मनी, इटली, तुर्की) से भिन्न हो, तो यह संभव है कि प्रश्न द्वितीय विश्व युद्ध के धुरी राष्ट्रों से भ्रमित हो।
सबसे उपयुक्त व्याख्या यह है कि प्रश्न प्रथम विश्व युद्ध के केंद्रीय शक्तियों के बारे में है। उस स्थिति में, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की केंद्रीय शक्तियाँ थीं। यदि प्रश्न के अनुसार “धुरी राष्ट्रों में कौन शामिल नहीं था” यह पूछा गया है, और हमें इन चार में से चुनना है, तो इसका मतलब है कि तीन शामिल थे और एक नहीं। यह संभव नहीं है क्योंकि चारों केंद्रीय शक्तियों का हिस्सा थे।
मान लीजिए प्रश्न का आशय यह है कि इनमे से कौन सा द्वितीय विश्व युद्ध का धुरी राष्ट्र नहीं था (जो प्रथम विश्व युद्ध से संबंधित नहीं है) या प्रश्न में एक गलत विकल्प दिया गया है।
मान लीजिए प्रश्न का आशय प्रथम विश्व युद्ध के संदर्भ में है और पूछा गया है कि इन चार में से कौन सा *मित्र राष्ट्र* था (जो स्पष्ट रूप से पूछा नहीं गया है)।
सबसे तार्किक व्याख्या यह है कि प्रश्न प्रथम विश्व युद्ध के धुरी राष्ट्रों के बारे में है, और हमें वह चुनना है जो इन तीन (जर्मनी, इटली, तुर्की) से भिन्न हो, लेकिन ऑस्ट्रिया-हंगरी भी धुरी राष्ट्र था।
यहाँ एक संभावित त्रुटि है। अगर हम यह मान लें कि प्रश्न का इरादा द्वितीय विश्व युद्ध के बारे में पूछना था:
द्वितीय विश्व युद्ध में धुरी राष्ट्रों में जर्मनी, इटली, जापान थे। तो यदि ऑस्ट्रिया-हंगरी उस सूची में नहीं आता (क्योंकि यह प्रथम विश्व युद्ध में था), तो यह उत्तर होगा।**लेकिन चूंकि यह प्रथम विश्व युद्ध के संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है, और विकल्प (b) ऑस्ट्रिया-हंगरी है, जो स्वयं एक प्रमुख केंद्रीय शक्ति थी, तो इस प्रश्न में समस्या है।**
हम सबसे सामान्य समझ के अनुसार, जहाँ प्रथम विश्व युद्ध के केंद्रीय शक्तियों के समूह से एक भिन्न विकल्प चुनना हो, और यदि दिए गए विकल्पों में से कोई एक मित्र राष्ट्र हो, तो हम उसे चुनेंगे। लेकिन यहाँ सभी विकल्प केंद्रीय शक्तियों (धुरी राष्ट्रों) के हैं।
सबसे अच्छा तरीका यह है कि प्रश्न को संशोधित किया जाए या इसे छोड़ दिया जाए। लेकिन चूंकि हमें उत्तर देना है, और ऑस्ट्रिया-हंगरी प्रथम विश्व युद्ध का धुरी राष्ट्र था, और प्रश्न पूछता है कि कौन शामिल नहीं था, तो यह विरोधाभासी है।
**मान लीजिये प्रश्न यह है: “प्रथम विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) में निम्न में से कौन सा देश शामिल था?”**
इस संदर्भ में, यदि हम विकल्पों को देखें, तो केवल “ऑस्ट्रिया-हंगरी” ही ऐसा है जो वास्तव में प्रथम विश्व युद्ध के केंद्रीय शक्तियों (धुरी राष्ट्रों) का हिस्सा था। जर्मनी, इटली और तुर्की भी केंद्रीय शक्तियों का हिस्सा थे।**यदि प्रश्न यह पूछना चाहता है कि इनमें से कौन सा राष्ट्र बाद में (द्वितीय विश्व युद्ध में) धुरी राष्ट्र नहीं बना, तो यह फिर से भिन्न हो जाता है।**
**अतः, इस प्रश्न की संरचनात्मक त्रुटि को स्वीकार करते हुए, यदि हम मान लें कि प्रश्न प्रथम विश्व युद्ध के केंद्रीय शक्तियों के बारे में है और हमें वह विकल्प चुनना है जो इनमें से ‘सबसे कम’ केंद्रीय शक्ति से संबंधित हो या उस समूह में फिट न हो, तो भी यह मुश्किल है।**
**एक और संभावना यह है कि प्रश्न धुरी राष्ट्रों का अर्थ मित्र राष्ट्रों से लगा रहा हो।**
मित्र राष्ट्रों में मुख्य रूप से फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, जापान, इटली (1915 के बाद) और अमेरिका (1917 के बाद) शामिल थे।
जर्मनी (धुरी)
ऑस्ट्रिया-हंगरी (धुरी)
इटली (शुरुआत में तटस्थ, बाद में मित्र राष्ट्र)
तुर्की (धुरी)**इस आधार पर, यदि प्रश्न का अर्थ है कि कौन मित्र राष्ट्र था, तो इटली (c) एक संभावना है, क्योंकि वह मित्र राष्ट्रों की ओर से लड़ा था।**
मान लेते हैं कि प्रश्न का इरादा प्रथम विश्व युद्ध के संदर्भ में मित्र राष्ट्रों और धुरी राष्ट्रों को मिलाना है और पूछना है कि कौन धुरी राष्ट्रों का हिस्सा नहीं था।
धुरी राष्ट्र: जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्की।
मित्र राष्ट्र: फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली (बाद में), अमेरिका (बाद में)।
विकल्पों में:
a) जर्मनी (धुरी)
b) ऑस्ट्रिया-हंगरी (धुरी)
c) इटली (पहले तटस्थ, फिर मित्र राष्ट्र)
d) तुर्की (धुरी)**इस व्याख्या के अनुसार, इटली (c) धुरी राष्ट्र नहीं था, बल्कि मित्र राष्ट्रों की ओर से लड़ा था। इसलिए, यदि प्रश्न का अर्थ है कि ‘कौन धुरी राष्ट्र नहीं था’, तो उत्तर (c) होगा।**
सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध में, इटली ने शुरुआत में तटस्थता की घोषणा की थी, लेकिन 1915 में लंदन की संधि के बाद वह मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) की ओर से युद्ध में शामिल हो गया। इसलिए, प्रथम विश्व युद्ध के धुरी राष्ट्रों (Central Powers) में इटली शामिल नहीं था।
संदर्भ और विस्तार: प्रथम विश्व युद्ध की केंद्रीय शक्तियाँ (धुरी राष्ट्र) जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य (तुर्की) और बुल्गारिया थीं। मित्र राष्ट्रों में मुख्य रूप से फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली, जापान और बाद में संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल थे।
अincorrect विकल्प: जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और तुर्की प्रथम विश्व युद्ध में केंद्रीय शक्तियों (धुरी राष्ट्रों) का हिस्सा थे।
प्रश्न 25: ‘दास प्रथा’ का उन्मूलन किस ब्रिटिश वायसराय के कार्यकाल में हुआ था?
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: दास प्रथा का उन्मूलन 1843 में लॉर्ड विलियम बेंटिंक (1828-1835) के कार्यकाल के दौरान हुआ था, जिसमें 1833 के चार्टर अधिनियम ने भारत में दासता को गैरकानूनी घोषित करने का मार्ग प्रशस्त किया था।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने भारत में कई सामाजिक सुधार किए। 1833 के चार्टर अधिनियम के माध्यम से, भारत में दासता को एक दंडनीय अपराध घोषित किया गया और 1843 में अधिनियम V लागू किया गया, जिसने कानूनी रूप से दासता को समाप्त कर दिया।
- अincorrect विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत के सिद्धांत जैसे विस्तारवादी सुधार किए। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे। लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट जैसे विवादास्पद कार्य किए।