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इतिहास रणभूमि: आज ही परखें अपना ज्ञान

इतिहास रणभूमि: आज ही परखें अपना ज्ञान

सभी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के उम्मीदवारों का स्वागत है! इतिहास की गहराइयों में उतरने और अपने ज्ञान की धार को तेज करने का यह सुनहरा अवसर है। आइए, आज के इस रोमांचक क्विज़ के साथ अतीत के पन्नों को पलटें और अपनी तैयारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल को ‘सिंधु का नखलिस्तान’ कहा जाता था?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ है ‘मृतकों का टीला’, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था। इसकी भव्यता, सुनियोजित शहरी ढाँचा और विशाल सार्वजनिक इमारतें, विशेष रूप से महान स्नानागार, इसे एक अनूठा दर्जा देती थीं, जिसके कारण इसे ‘सिंधु का नखलिस्तान’ (Oasis of Indus) कहा गया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह स्थल आधुनिक पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी के किनारे स्थित था। यह 2500 ईसा पूर्व के आसपास अपने चरम पर था। मोहनजोदड़ो से मिली महत्वपूर्ण खोजों में टेराकोटा की नाचती हुई लड़की की मूर्ति, पुरोहित राजा की मूर्ति और मुहरें शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा सिंधु घाटी सभ्यता का पहला खोजा गया स्थल था। लोथल गुजरात में स्थित एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था, जबकि कालीबंगा राजस्थान में स्थित एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस अभिलेख में अशोक को ‘बुद्ध शक्य’ कहा गया है?

  1. मास्की का लघु शिलालेख
  2. ब्रह्मगिरि का लघु शिलालेख
  3. रुमिनदेई का स्तंभ लेख
  4. एरण का शिलालेख

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: कर्नाटक के रायचूर जिले में स्थित मास्की का लघु शिलालेख सबसे महत्वपूर्ण अभिलेखों में से एक है, जिसमें सम्राट अशोक को सीधे ‘बुद्ध शक्य’ (Sakya Muni) कहा गया है। यह अन्य अभिलेखों से अलग है जहाँ उन्हें केवल ‘देवानांप्रिय’ या ‘पियदस्सी’ जैसे उपाधियों से संबोधित किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शिलालेख इस बात का पुख्ता प्रमाण देता है कि अशोक स्वयं को बुद्ध के अनुयायी मानते थे और शाक्य कुल से अपना संबंध स्थापित करते थे, जो बुद्ध का कुल था। यह शिलालेख अशोक के शासनकाल के लगभग 14वें वर्ष का है।
  • गलत विकल्प: ब्रह्मगिरि का लघु शिलालेख भी अशोक से संबंधित है और उसमें भी ‘देवानांप्रिय’ का उल्लेख है। रुमिनदेई (लुम्बिनी) का स्तंभ लेख बुद्ध के जन्मस्थान से संबंधित है और उसमें कर में छूट का उल्लेख है। एरण का शिलालेख गुप्तकाल का है, विशेषकर भानुगुप्त का।

प्रश्न 3: ऋग्वैदिक काल में ‘गविष्टि’ शब्द का प्रयोग किस अर्थ में किया जाता था?

  1. युद्ध
  2. पशुओं का पीछा
  3. गाय का दान
  4. भूमि का विभाजन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: ऋग्वैदिक काल में ‘गविष्टि’ शब्द का अर्थ ‘गायों की खोज’ या ‘पशुओं का पीछा’ करना था। इसका प्रयोग युद्ध के संदर्भ में भी किया जाता था क्योंकि अक्सर युद्धों का मुख्य कारण गायें ही होती थीं, जिन्हें ‘अघन्या’ (न मारे जाने योग्य) कहा जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद में कई ऐसे सूक्त हैं जो ‘गविष्टि’ का वर्णन करते हैं, जो इन प्रारंभिक समाजों में पशुधन, विशेष रूप से गायों के महत्व को दर्शाता है। गायें संपत्ति का प्रमुख रूप थीं और उनके लिए संघर्ष आम था।
  • गलत विकल्प: ‘युद्ध’ एक व्यापक शब्द है, जबकि ‘गविष्टि’ विशेष रूप से गायों से संबंधित खोज या संघर्ष को दर्शाता है। ‘गाय का दान’ या ‘भूमि का विभाजन’ जैसे शब्द उस काल के संदर्भ में ‘गविष्टि’ से भिन्न थे।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक ने ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की थी?

  1. समुद्रगुप्त
  2. चंद्रगुप्त द्वितीय
  3. कुमारगुप्त प्रथम
  4. स्कंदगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: चंद्रगुप्त द्वितीय, जो समुद्रगुप्त के पुत्र थे, ने ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की थी। यह उपाधि शकों पर विजय के उपलक्ष्य में ली गई थी और यह उनके शक्तिशाली शासनकाल और सांस्कृतिक उपलब्धियों का प्रतीक बन गई।
  • संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय का शासनकाल (लगभग 375-415 ईस्वी) गुप्त साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। उन्होंने अपनी राजधानी पाटलिपुत्र से संचालित की और मालवा, गुजरात आदि क्षेत्रों पर अपना प्रभाव बढ़ाया। उनके दरबार में कालिदास जैसे विद्वान थे।
  • गलत विकल्प: समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है और उन्होंने स्वयं को ‘पराक्रम’ की उपाधि से विभूषित किया था। कुमारगुप्त प्रथम ने ‘महेंद्रदित्य’ की उपाधि धारण की थी, और स्कंदगुप्त ने ‘विक्रमादित्य’ के साथ ‘क्रमादित्य’ की उपाधि भी धारण की थी, लेकिन चंद्रगुप्त द्वितीय का ‘विक्रमादित्य’ उपाधि से प्रमुख संबंध है।

प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘अष्टदिग्गज’ की उपाधि धारण करने वाले तेलुगु साहित्य के आठ महान कवियों को संरक्षण दिया?

  1. देवराय द्वितीय
  2. कृष्ण देवराय
  3. राम राय
  4. वीर नरसिंह

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: कृष्ण देवराय (शासनकाल 1509-1529 ईस्वी) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे और वे तेलुगु साहित्य के महान संरक्षक थे। उनके दरबार में ‘अष्टदिग्गज’ (आठ महान दिशाएं) नामक आठ तेलुगु विद्वानों और कवियों का समूह था, जिसमें अल्लसानी पेद्दाना भी शामिल थे।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्ण देवराय स्वयं एक विद्वान कवि थे और उन्होंने ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक तेलुगु महाकाव्य की रचना की। अष्टदिग्गज के संरक्षण ने तेलुगु साहित्य को अभूतपूर्व ऊंचाई दी। उन्होंने कला और वास्तुकला को भी बढ़ावा दिया।
  • गलत विकल्प: देवराय द्वितीय एक सक्षम शासक थे जिन्होंने ‘मलिकार्जुन’ की उपाधि धारण की थी। राम राय ने अंततः तालीकोटा के युद्ध में साम्राज्य को नेतृत्व प्रदान किया। वीर नरसिंह विजयनगर के तुलुव वंश के संस्थापक थे।

प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-आरिज’ नामक एक सैन्य विभाग की स्थापना की?

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. इल्तुतमिश
  3. बलबन
  4. अलाउद्दीन खिलजी

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: गियासुद्दीन बलबन (शासनकाल 1266-1287 ईस्वी), जो इल्तुतमिश का गुलाम था, ने ‘दीवान-ए-आरिज’ (सैन्य विभाग) की स्थापना की। इस विभाग का मुख्य कार्य सेना का पुनर्गठन, सैनिकों की भर्ती, उनके प्रशिक्षण और रसद की व्यवस्था करना था।
  • संदर्भ और विस्तार: बलबन ने अपनी स्थिति को मजबूत करने औरMongol आक्रमणों से बचाव के लिए एक मजबूत और अनुशासित सेना का निर्माण किया। ‘दीवान-ए-आरिज’ सीधे सुल्तान को रिपोर्ट करता था और इसका बजट भी सुल्तान द्वारा ही तय किया जाता था, जिससे यह विभाग सुल्तान की शक्ति का केंद्र बन गया।
  • गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक दिल्ली सल्तनत के संस्थापक थे। इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (40 सरदारों का समूह) का गठन किया था। अलाउद्दीन खिलजी ने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ (वित्तीय विभाग) की स्थापना की थी और बाजार नियंत्रण व्यवस्था लागू की थी।

प्रश्न 7: 1857 के विद्रोह के दौरान, किस भारतीय नेता को ‘हिंदुस्तान का सम्राट’ घोषित किया गया था?

  1. रानी लक्ष्मीबाई
  2. तात्या टोपे
  3. बहादुर शाह द्वितीय
  4. नाना साहिब

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: 1857 के विद्रोह के फैलने के बाद, दिल्ली में विद्रोही सैनिकों ने मुगल सम्राट बहादुर शाह द्वितीय को ‘हिंदुस्तान का सम्राट’ घोषित किया। हालांकि वह उस समय बूढ़े और शक्तिहीन थे, लेकिन उन्होंने विद्रोह को प्रतीकात्मक नेतृत्व प्रदान किया।
  • संदर्भ और विस्तार: बहादुर शाह द्वितीय की घोषणा ने विद्रोह को एक अखिल भारतीय चरित्र प्रदान करने का प्रयास किया, जो एक एकीकृत राजनीतिक लक्ष्य की ओर इशारा करता था। यह अंग्रेजों के लिए एक गंभीर चुनौती थी, जिसने उनके शासन की वैधता पर प्रश्नचिन्ह लगाया।
  • गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई झाँसी की रानी थीं जो कानपुर के पास विद्रोह का नेतृत्व कर रही थीं। तात्या टोपे एक प्रमुख सैन्य नेता थे। नाना साहिब पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र थे और कानपुर क्षेत्र में विद्रोह के नेता थे।

प्रश्न 8: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. सरदार वल्लभभाई पटेल
  3. सुभाष चंद्र बोस
  4. मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग होने के बाद ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक एक नई राजनीतिक पार्टी की स्थापना की। इसका उद्देश्य कांग्रेस के भीतर अधिक कट्टरपंथी और समाजवादी नीतियों को बढ़ावा देना था।
  • संदर्भ और विस्तार: सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था क्योंकि महात्मा गांधी और अन्य वरिष्ठ नेता उनकी नीतियों से असहमत थे। फॉरवर्ड ब्लॉक ने भारत की स्वतंत्रता के लिए उग्रवादी और प्रत्यक्ष कार्रवाई पर जोर दिया, खासकर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान।
  • गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भी कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेता और अध्यक्ष रहे।

प्रश्न 9: भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) की शुरुआत किसने की थी?

  1. लॉर्ड वेलेजली
  2. लॉर्ड डलहौजी
  3. लॉर्ड कॉर्नवालिस
  4. लॉर्ड विलियम बेंटिंक

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: लॉर्ड कॉर्नवालिस, भारत के गवर्नर-जनरल (1786-1793), ने 1793 में बंगाल, बिहार, उड़ीसा और मद्रास के कुछ हिस्सों में ‘स्थायी बंदोबस्त’ लागू किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था के तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक बनाया गया और उनसे यह उम्मीद की गई कि वे सरकार के लिए एक निश्चित राशि भू-राजस्व के रूप में तय दर पर जमा करेंगे। इससे राजस्व संग्रह में स्थिरता आई, लेकिन किसानों पर बोझ बढ़ गया क्योंकि जमींदारों ने शोषण बढ़ाया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेजली ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए कुख्यात हैं। लॉर्ड विलियम बेंटिंक को भारत में सती प्रथा के उन्मूलन और अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाने के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 10: प्राचीन भारत में ‘श्रेष्ठिन’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त होता था?

  1. सेनापति
  2. व्यापारियों का मुखिया
  3. धर्म गुरु
  4. ग्राम का मुखिया

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: प्राचीन भारत में, विशेषकर गुप्त काल और उससे पहले, ‘श्रेष्ठिन’ (Shreshthin) शब्द का प्रयोग मुख्य रूप से व्यापारियों के मुखिया या बड़े व्यापारियों के लिए किया जाता था। वे अपनी व्यावसायिक गतिविधियों के लिए जाने जाते थे।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘श्रेष्ठिन’ अक्सर व्यापारी संघों (गिल्ड) का नेतृत्व करते थे और आर्थिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। उन्हें कभी-कभी ‘सार्थवाह’ (कारवां के नेता) से भी जोड़ा जाता है, लेकिन ‘श्रेष्ठिन’ अधिक व्यापक अर्थ में व्यापारियों के प्रमुख को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: ‘सेनापति’ सेना का प्रमुख होता था। ‘धर्म गुरु’ धार्मिक नेता होते थे। ‘ग्राम का मुखिया’ (जैसे ग्रामणी) ग्राम प्रशासन का प्रमुख होता था।

प्रश्न 11: किस मुगल बादशाह ने ‘जजिया कर’ को पुनः लागू किया था?

  1. अकबर
  2. जहाँगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: औरंगजेब, जो अपनी धार्मिक कट्टरता के लिए जाना जाता है, ने 1679 ईस्वी में गैर-मुस्लिमों पर लगने वाले ‘जजिया कर’ को पुनः लागू किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: अकबर ने जजिया कर को समाप्त कर दिया था ताकि विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच सद्भाव बनाया जा सके। औरंगजेब के इस कदम की व्यापक आलोचना हुई और इसने गैर-मुस्लिम प्रजा में असंतोष पैदा किया।
  • गलत विकल्प: अकबर ने जजिया को समाप्त किया था। जहाँगीर और शाहजहाँ के शासनकाल में जजिया लागू नहीं था।

प्रश्न 12: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?

  1. 1913, सैन फ्रांसिस्को
  2. 1907, बर्लिन
  3. 1915, सिंगापुर
  4. 1918, लंदन

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना 1913 में लाला हरदयाल और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका में की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना था। गदर पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक पत्रिका भी प्रकाशित की, जो हिंदी, उर्दू और अन्य भारतीय भाषाओं में छपती थी और जिसका उद्देश्य विदेशों में रह रहे भारतीयों को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ना था।
  • गलत विकल्प: बर्लिन में 1915 में भारतीय स्वतंत्रता समिति का गठन हुआ था, सिंगापुर में नहीं। अन्य विकल्प समय और स्थान के हिसाब से गलत हैं।

प्रश्न 13: ‘सप्त-पर्णी गुफा’ (Saptaparni Cave) में कौन सी बौद्ध संगीति आयोजित हुई थी?

  1. प्रथम
  2. द्वितीय
  3. तृतीय
  4. चतुर्थ

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन राजगृह के पास स्थित सप्त-पर्णी गुफा में किया गया था। यह संगीति मगध के राजा अजातशत्रु के संरक्षण में हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संगीति में बुद्ध की शिक्षाओं को विनय पिटक और सुत्त पिटक के रूप में संकलित किया गया था। यह महाकश्यप की अध्यक्षता में हुई थी, जिनका उद्देश्य बुद्ध के उपदेशों को व्यवस्थित करना था।
  • गलत विकल्प: द्वितीय बौद्ध संगीति वैशाली में हुई थी। तृतीय बौद्ध संगीति पाटलिपुत्र में हुई थी। चतुर्थ बौद्ध संगीति कश्मीर के कुंडलवन में हुई थी।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन ‘नया-पंथ’ (Neoplatonism) का प्रमुख विचारक था?

  1. अरस्तू
  2. सुकरात
  3. प्लॉटिनस
  4. एपिकुरस

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: प्लॉटिनस (204-270 ईस्वी) को ‘नया-पंथ’ (Neoplatonism) का संस्थापक माना जाता है। यह एक दार्शनिक विचारधारा थी जो प्लेटो के विचारों पर आधारित थी लेकिन उसमें पूर्वी रहस्यवाद और अन्य दार्शनिक परंपराओं का भी समावेश था।
  • संदर्भ और विस्तार: प्लॉटिनस ने ‘एनेड्स’ (Enneads) नामक ग्रंथ में अपने विचारों को प्रस्तुत किया। उन्होंने ‘एक’ (The One) नामक एक परम सत्ता की अवधारणा दी, जिससे सृष्टि का प्रवाह होता है। नया-पंथ का पश्चिमी दर्शन और धर्मशास्त्र पर गहरा प्रभाव पड़ा।
  • गलत विकल्प: अरस्तू, सुकरात और एपिकुरस प्राचीन यूनानी दार्शनिक थे, लेकिन वे नए-पंथ से सीधे तौर पर जुड़े नहीं थे, हालांकि उनके विचारों ने नए-पंथ को प्रभावित किया।

प्रश्न 15: विजयनगर साम्राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार क्या था?

  1. कृषि
  2. व्यापार
  3. दस्तकारी
  4. खनिज

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: विजयनगर साम्राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि थी। साम्राज्य ने सिंचाई की उन्नत व्यवस्था की थी, जैसे नहरें और टैंक, जिससे कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिला।
  • संदर्भ और विस्तार: विजयनगर शासकों ने कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने किसानों को सहायता प्रदान की और भूमि सुधारों को लागू किया। चावल, कपास, बाजरा आदि मुख्य फसलें थीं। व्यापार भी महत्वपूर्ण था, लेकिन कृषि प्रमुख आधार थी।
  • गलत विकल्प: व्यापार, विशेष रूप से मसालों, रत्नों और वस्त्रों का, बहुत फला-फूला, लेकिन यह कृषि पर आधारित था। दस्तकारी और खनिज उत्पादन भी थे, लेकिन अर्थव्यवस्था की नींव कृषि ही थी।

प्रश्न 16: ‘इनाम कमीशन’ का गठन किस उद्देश्य से किया गया था?

  1. भूमि सुधारों की समीक्षा
  2. कृषि उत्पादकता बढ़ाना
  3. राजस्व बंदोबस्त की समीक्षा
  4. वन संरक्षण

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: ‘इनाम कमीशन’ का गठन ब्रिटिश भारत में उन भूमियों की जांच करने के लिए किया गया था जिन्हें ‘इनाम’ (Exempted Lands) के तहत कर-मुक्त रखा गया था। इसका मुख्य उद्देश्य इन कर-मुक्त भूमियों को राजस्व के दायरे में लाना था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह कमीशन 1847 में लॉर्ड डलहौजी के समय में स्थापित किया गया था। इसके द्वारा बड़ी संख्या में इनाम भूमि को सरकार के अधीन कर लिया गया, जिससे कई भूमि-स्वामी प्रभावित हुए।
  • गलत विकल्प: यह सीधे तौर पर भूमि सुधार, कृषि उत्पादकता या वन संरक्षण से संबंधित नहीं था, बल्कि राजस्व के स्रोत (कर-मुक्त भूमि) की जांच से संबंधित था।

प्रश्न 17: चंपारण सत्याग्रह का संबंध किस वायसराय के कार्यकाल से है?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड मिंटो
  3. लॉर्ड चेम्सफोर्ड
  4. लॉर्ड लिनलिथगो

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: चंपारण सत्याग्रह, जो 1917 में हुआ था, उस समय भारत के वायसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-1921) थे।
  • संदर्भ और विस्तार: यह महात्मा गांधी का भारत में पहला सविनय अवज्ञा आंदोलन था, जो बिहार के चंपारण जिले में नील की खेती करने वाले किसानों के अधिकारों के लिए लड़ा गया था। इस आंदोलन की सफलता ने गांधीजी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन 1905 में बंगाल विभाजन के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड मिंटो 1909 के मार्ले-मिंटो सुधारों से जुड़े हैं। लॉर्ड लिनलिथगो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वायसराय थे।

प्रश्न 18: ‘गिल्ड’ (Guilds) का उल्लेख किस प्राचीन भारतीय ग्रंथ में मिलता है, जो व्यापारियों और कारीगरों के संघ थे?

  1. अर्थशास्त्र
  2. महाभाष्य
  3. अभिज्ञानशाकुंतलम्
  4. मुद्राराक्षस

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: कौटिल्य के ‘अर्थशास्त्र’ में व्यापारियों और कारीगरों के संघों, जिन्हें ‘गिल्ड’ या ‘श्रेणी’ कहा जाता था, के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है।
  • संदर्भ और विस्तार: अर्थशास्त्र, जो तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास लिखा गया था, तत्कालीन अर्थव्यवस्था, समाज और प्रशासन का व्यापक विवरण प्रदान करता है। इसमें गिल्ड के नियमों, उनके प्रमुखों (जैसे श्रेष्ठिन), और उनके द्वारा निभाई जाने वाली भूमिकाओं का उल्लेख है।
  • गलत विकल्प: महाभाष्य (पतंजलि द्वारा), अभिज्ञानशाकुंतलम् (कालिदास द्वारा), और मुद्राराक्षस (विशाखदत्त द्वारा) अन्य महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं, लेकिन गिल्ड प्रणाली का सबसे व्यवस्थित विवरण अर्थशास्त्र में ही मिलता है।

प्रश्न 19: किस सूफी संत को ‘किताब-उल-हिंद’ (भारत का इतिहास) लिखने के लिए जाना जाता है?

  1. अल-बरुनी
  2. इब्न बतूता
  3. अमीर खुसरो
  4. शेख निजामुद्दीन औलिया

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: अल-बरुनी, एक फारसी विद्वान, महमूद गजनवी के साथ भारत आया था और उसने ‘किताब-उल-हिंद’ (या ‘तारीख-अल-हिंद’) नामक एक महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखा, जिसमें 11वीं शताब्दी के भारत का विस्तृत सामाजिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विवरण है।
  • संदर्भ और विस्तार: अल-बरुनी पहला मुस्लिम विद्वान था जिसने भारतीय धर्म, विज्ञान और दर्शन का गहन अध्ययन किया और उसे अरबी में प्रस्तुत किया। उसकी पुस्तक ने पश्चिमी विद्वानों के लिए भारतीय ज्ञान का द्वार खोला।
  • गलत विकल्प: इब्न बतूता मोरक्को का एक यात्री था जिसने ‘रेहला’ लिखा। अमीर खुसरो दिल्ली सल्तनत के एक प्रसिद्ध कवि और संगीतकार थे। शेख निजामुद्दीन औलिया एक प्रमुख चिश्ती सूफी संत थे।

प्रश्न 20: ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’ (Vernacular Press Act) को किस वायसराय ने रद्द किया था?

  1. लॉर्ड लिटन
  2. लॉर्ड रिपन
  3. लॉर्ड डफरिन
  4. लॉर्ड कर्जन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: लॉर्ड रिपन (1880-1884), जो अपनी उदारवादी नीतियों के लिए जाने जाते हैं, ने 1882 में लॉर्ड लिटन द्वारा पारित ‘वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट’ को रद्द कर दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस एक्ट को ‘गैगिन्ग एक्ट’ भी कहा जाता था, जिसने भारतीय भाषाओं के समाचार-पत्रों पर कड़ी पाबंदियाँ लगाई थीं। रिपन ने प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करते हुए इसे समाप्त कर दिया, हालांकि उन्होंने बाद में ‘इलवर्ट बिल’ जैसे कुछ विवादास्पद कार्य भी किए।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड लिटन ने इस एक्ट को लागू किया था। लॉर्ड डफरिन के कार्यकाल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।

प्रश्न 21: फ्रांस की क्रांति के समय फ्रांस का राजा कौन था?

  1. लुई XIV
  2. लुई XV
  3. लुई XVI
  4. नेपोलियन बोनापार्ट

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: फ्रांस की क्रांति 1789 में शुरू हुई, और उस समय फ्रांस के राजा लुई सोलहवें (Louis XVI) थे।
  • संदर्भ और विस्तार: लुई सोलहवें और उनकी पत्नी मैरी एंटोइनेट को क्रांति के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया था और बाद में उन्हें गिलोटिन (फाँसी) पर चढ़ा दिया गया था। उनके शासन की वित्तीय कुप्रबंधन और राजनीतिक अस्थिरता क्रांति के प्रमुख कारणों में से थे।
  • गलत विकल्प: लुई XIV (सन किंग) 1715 में मर चुके थे। लुई XV 1774 में मरे थे। नेपोलियन बोनापार्ट क्रांति के बाद एक सैन्य और राजनीतिक नेता के रूप में उभरे।

प्रश्न 22: ‘सल्तनत काल’ में ‘बर्नी’ (Barnai) शब्द का प्रयोग किसके लिए किया जाता था?

  1. भूमि
  2. जागीर
  3. कर
  4. भूमि का माप

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: सल्तनत काल में, ‘बर्नी’ (या ‘बरनी’) शब्द का प्रयोग भूमि की माप या क्षेत्रफल को दर्शाने के लिए किया जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक प्रकार की भूमि माप इकाई थी, हालांकि इसका सटीक आकार और प्रयोग विभिन्न समयों और क्षेत्रों में भिन्न हो सकता था। यह लगान निर्धारण का आधार बनती थी।
  • गलत विकल्प: ‘भूमि’ या ‘जागीर’ के लिए अन्य शब्द थे (जैसे इकटा)। ‘कर’ के लिए ‘खराज’, ‘ज़कात’, ‘जजिया’ जैसे शब्द थे। ‘बर्नी’ विशेष रूप से भूमि की माप से संबंधित था।

प्रश्न 23: ‘अ peasants’ revolt’ (किलर्स का विद्रोह) किस वर्ष हुआ था?

  1. 1381
  2. 1450
  3. 1588
  4. 1642

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: ‘किलर्स का विद्रोह’ (Peasants’ Revolt), जिसे वाट टायलर का विद्रोह भी कहा जाता है, 1381 में इंग्लैंड में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह मजदूरी पर नियंत्रण, सामंती व्यवस्था के उत्पीड़न और प्लेग के बाद उत्पन्न सामाजिक-आर्थिक तनावों के कारण हुआ था। वाट टायलर और जॉन बॉल जैसे नेताओं ने किसानों और कारीगरों को एकजुट किया।
  • गलत विकल्प: अन्य दिए गए वर्ष यूरोप के इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़े हो सकते हैं, लेकिन किसानों का यह प्रमुख विद्रोह 1381 में ही हुआ था।

प्रश्न 24: ‘दासबोध’ के रचयिता कौन हैं?

  1. संत ज्ञानेश्वर
  2. संत तुकाराम
  3. संत समर्थ रामदास
  4. संत एकनाथ

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: ‘दासबोध’ 17वीं शताब्दी के एक महान संत, समर्थ रामदास द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और दार्शनिक ग्रंथ है।
  • संदर्भ और विस्तार: समर्थ रामदास, छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु माने जाते हैं। ‘दासबोध’ में वे ईश्वर भक्ति, आत्म-ज्ञान, नैतिकता और राष्ट्रप्रेम जैसे विषयों पर उपदेश देते हैं। यह ग्रंथ मराठी साहित्य में बहुत प्रभावशाली रहा है।
  • गलत विकल्प: संत ज्ञानेश्वर ने ‘ज्ञानेश्वरी’ लिखी, संत तुकाराम ने ‘तुकाराम गाथा’ रची, और संत एकनाथ भी भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतों में से थे, लेकिन ‘दासबोध’ समर्थ रामदास की रचना है।

प्रश्न 25: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ‘ट्रेंटो-गैलिसिया अभियान’ (Trento-Galicia Offensive) किस मोर्चे पर लड़ा गया था?

  1. पश्चिमी मोर्चा
  2. पूर्वी मोर्चा
  3. इतालवी मोर्चा
  4. बाल्कन मोर्चा

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही होने का कारण: ट्रेंटो-गैलिसिया अभियान (जिसे इस्ट्रियन आक्रामक के रूप में भी जाना जाता है) प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इतालवी मोर्चे (Italian Front) पर इटली और ऑस्ट्रिया-हंगरी के बीच लड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अभियान 1916 में इटली के आक्रमण के रूप में शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य ऑस्ट्रियाई मोर्चे को तोड़ना और ट्रेंटो को पुनः प्राप्त करना था। यह इतालवी मोर्चे पर सबसे महत्वपूर्ण संघर्षों में से एक था, जिसमें भारी जनहानि हुई।
  • गलत विकल्प: पश्चिमी मोर्चा फ्रांस और बेल्जियम में था। पूर्वी मोर्चा रूस और मध्य शक्तियों के बीच था। बाल्कन मोर्चा बाल्कन प्रायद्वीप में था। ट्रेंटो-गैलिसिया मुख्य रूप से इटली और ऑस्ट्रिया-हंगरी के बीच के पर्वतीय क्षेत्रों में केंद्रित था।

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