हीरा, विज्ञान और आपकी परीक्षा: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: नमस्कार, प्रतियोगी परीक्षा के आकांक्षियों! विज्ञान की दुनिया अविश्वसनीय रूप से विशाल और रोचक है। “Doubling Down on Diamond” जैसा शीर्षक हमें सामग्रियों की प्रकृति, उनके गुणों और अनुप्रयोगों पर सोचने के लिए प्रेरित करता है। इस सत्र में, हम भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के सिद्धांतों से जुड़े 25 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) हल करेंगे, जो आपकी आगामी परीक्षाओं के लिए आपकी समझ को परखने और मजबूत करने में सहायक होंगे। आइए, इस वैज्ञानिक यात्रा पर चलें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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कार्बन के किस अपरूप (allotrope) का उपयोग काटने और चमकाने के औजारों में किया जाता है?
- (a) ग्रेफाइट
- (b) फुलरीन
- (c) हीरा
- (d) कोक
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन के विभिन्न अपरूपों के भौतिक और रासायनिक गुणों में भिन्नता होती है, जो उनके परमाणुओं की व्यवस्था पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक अत्यंत कठोर अपरूप है। इसके प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से चतुष्फलकीय (tetrahedral) ज्यामिति में जुड़ा होता है, जिससे एक त्रि-आयामी (3D) नेटवर्क बनता है। यह मजबूत सहसंयोजक बंधन (covalent bonds) हीरे को अत्यधिक कठोर बनाते हैं, जिससे यह काटने, पीसने और चमकाने जैसे औजारों के लिए आदर्श बन जाता है। ग्रेफाइट नरम होता है और स्नेहक (lubricant) के रूप में उपयोग किया जाता है। फुलरीन गोलाकार या बेलनाकार संरचना वाले कार्बन के अपरूप हैं। कोक कोयले के भंजन (destructive distillation) से प्राप्त कार्बन का एक रूप है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) कितना होता है, जो इसे अत्यधिक चमकीला बनाता है?
- (a) 1.52
- (b) 2.42
- (c) 1.33
- (d) 1.77
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का अपवर्तनांक यह निर्धारित करता है कि प्रकाश उसमें से कितनी तेजी से गुजर सकता है और प्रकाश के मुड़ने (refraction) की मात्रा कितनी होगी। उच्च अपवर्तनांक वाले पदार्थ प्रकाश को अधिक मोड़ते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक लगभग 2.42 होता है। यह मान अन्य सामान्य पारदर्शी पदार्थों की तुलना में बहुत अधिक है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह तेजी से मुड़ता है। हीरे की कटाई इस प्रकार की जाती है कि प्रकाश बार-बार आंतरिक परावर्तन (internal reflection) से गुजरे और जब वह सतह से बाहर निकले तो एक “चमक” (brilliance) उत्पन्न करे। 1.52 कांच का सामान्य अपवर्तनांक है, 1.33 पानी का, और 1.77 कुछ प्लास्टिक का हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे की कठोरता का कारण इसकी क्रिस्टल संरचना में कार्बन परमाणुओं के बीच कौन सा बंधन है?
- (a) आयनिक बंधन (Ionic bond)
- (b) धात्विक बंधन (Metallic bond)
- (c) सहसंयोजक बंधन (Covalent bond)
- (d) हाइड्रोजन बंधन (Hydrogen bond)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंधन परमाणुओं को एक साथ बांधने वाले बल हैं, और बंधन की प्रकृति पदार्थ के गुणों को निर्धारित करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंधन (covalent bond) द्वारा जुड़ा होता है। ये सहसंयोजक बंधन बहुत मजबूत होते हैं और इलेक्ट्रॉन युग्मों (electron pairs) की साझेदारी से बनते हैं। कार्बन परमाणुओं की यह त्रि-आयामी सहसंयोजक नेटवर्क संरचना ही हीरे की असाधारण कठोरता का मुख्य कारण है। आयनिक बंधन आयनों के बीच, धात्विक बंधन धातुओं में, और हाइड्रोजन बंधन विशेष रूप से ध्रुवीय अणुओं (polar molecules) के बीच होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी में, प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) के लिए आवश्यक शर्त क्या है, जो हीरे की चमक में योगदान करती है?
- (a) प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करे और आपतन कोण क्रांतिक कोण (critical angle) से कम हो।
- (b) प्रकाश विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करे और आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक हो।
- (c) प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करे और आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक हो।
- (d) प्रकाश विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करे और आपतन कोण क्रांतिक कोण से कम हो।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन तब होता है जब प्रकाश एक सघन माध्यम से एक विरल माध्यम में यात्रा करता है और आपतन कोण (angle of incidence) उस माध्यम के लिए क्रांतिक कोण (critical angle) से अधिक हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, जब प्रकाश अंदर प्रवेश करता है, तो यह हीरे (सघन माध्यम) से हवा (विरल माध्यम) में जाने का प्रयास करता है। यदि आपतन कोण क्रांतिक कोण (जो हीरे के लिए लगभग 24.4 डिग्री है) से बड़ा है, तो प्रकाश हवा में अपवर्तित होने के बजाय पूरी तरह से हीरे के अंदर परावर्तित हो जाता है। इसी प्रक्रिया के कारण हीरा चमकता है। अन्य स्थितियाँ या तो अपवर्तन (प्रकाश का बाहर निकलना) या कम चमक का कारण बनती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा कथन हीरे के रासायनिक गुणों के बारे में सत्य है?
- (a) यह एक उत्कृष्ट विद्युत चालक है।
- (b) यह आसानी से रासायनिक रूप से अभिक्रिया करता है।
- (c) यह अत्यंत निष्क्रिय (inert) होता है।
- (d) यह ऊष्मा का अच्छा अवशोषक (absorber) है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ के रासायनिक गुण उसकी प्रतिक्रियाशीलता (reactivity) और अन्य पदार्थों के साथ बंधन बनाने की उसकी प्रवृत्ति से संबंधित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे के कार्बन परमाणु मजबूत सहसंयोजक बंधों से बंधे होते हैं, और इसकी क्रिस्टल संरचना कॉम्पैक्ट होती है, जिसके परिणामस्वरूप यह रासायनिक रूप से अत्यंत निष्क्रिय (inert) होता है। यह सामान्य परिस्थितियों में अधिकांश एसिड, क्षार और अन्य रसायनों के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है। हीरा एक विद्युत कुचालक (insulator) है, न कि चालक, क्योंकि इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं। यद्यपि यह ऊष्मा का बहुत अच्छा संवाहक (conductor) है, यह अवशोषक नहीं है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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शुद्ध हीरे को गर्म करने पर, किस गैस की उपस्थिति में यह जल सकता है?
- (a) नाइट्रोजन (N₂)
- (b) ऑक्सीजन (O₂)
- (c) आर्गन (Ar)
- (d) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): दहन (combustion) एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ ऑक्सीजन की उपस्थिति में तीव्रता से प्रतिक्रिया करता है, जिससे ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न होता है।
व्याख्या (Explanation): यद्यपि हीरा रासायनिक रूप से निष्क्रिय होता है, यह उच्च तापमान पर ऑक्सीजन की उपस्थिति में जल सकता है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) गैस बनती है। प्रतिक्रिया इस प्रकार है: C (हीरा) + O₂ (गैस) → CO₂ (गैस)। लगभग 850°C से ऊपर के तापमान पर यह अभिक्रिया होती है। अन्य गैसें दहन के लिए आवश्यक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कार्बन के उस अपरूप की पहचान करें जो मुख्य रूप से इलेक्ट्रोड, पेंसिल लेड (lead) और स्नेहक (lubricant) के रूप में उपयोग किया जाता है।
- (a) हीरा
- (b) फुलेरीन
- (c) ग्रेफाइट
- (d) कोयला
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न कार्बन अपरूपों की अपनी विशिष्ट संरचना और गुण होते हैं, जो उनके अनुप्रयोगों को निर्धारित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट कार्बन का एक अपरूप है जो परतों (layers) से बना होता है। इन परतों के बीच कमजोर वैन डेर वाल्स बल (van der Waals forces) होते हैं, जिससे परतें एक-दूसरे पर आसानी से फिसल सकती हैं। यह गुण ग्रेफाइट को एक उत्कृष्ट स्नेहक बनाता है। इसके अतिरिक्त, ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक (conductor) होता है, इसलिए इसका उपयोग बैटरी और इलेक्ट्रोड में किया जाता है, और इसकी मुलायम प्रकृति के कारण इसे पेंसिल की लेड में भी इस्तेमाल किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, “हीरे” (Diamond) शब्द का उपयोग अक्सर किस संदर्भ में किया जाता है, जो जीव-जंतुओं या पौधों के विकास से संबंधित हो?
- (a) कठोर कंकाल वाले जीव
- (b) डायमंडबैक सांप
- (c) हीरे की चमक वाले फूल
- (d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): “हीरा” (Diamond) शब्द का प्रयोग आम तौर पर एक कीमती रत्न के रूप में या भौतिकी और रसायन विज्ञान में कार्बन के एक विशेष रूप के संदर्भ में किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): “Doubling Down on Diamond” जैसे शीर्षक में, “Diamond” का संदर्भ मुख्य रूप से खनिज या भौतिक वस्तु के रूप में है, न कि किसी जीव-जंतु या पौधे के विशिष्ट नाम के रूप में। हालांकि कुछ जीव-जंतुओं या पौधों के नामों में “डायमंड” शब्द हो सकता है (जैसे डायमंडबैक रैटलस्नेक), यह शीर्षक के वैज्ञानिक संदर्भ से सीधे तौर पर जुड़ा नहीं है। यह एक लाक्षणिक (metaphorical) प्रयोग हो सकता है, लेकिन जीव विज्ञान में इसका कोई स्थापित वैज्ञानिक प्रयोग नहीं है जो सामान्य कार्बन अपरूप से संबंधित हो।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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पृथ्वी पर कौन सा खनिज सबसे कठोर माना जाता है?
- (a) क्वार्ट्ज (Quartz)
- (b) कोरुंडम (Corundum)
- (c) मूस (MOHS) पैमाना
- (d) हीरा (Diamond)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): खनिज कठोरता (mineral hardness) को आमतौर पर MOHS पैमाने का उपयोग करके मापा जाता है, जो खनिजों की खरोंच (scratching) के प्रतिरोध को दर्शाता है।
व्याख्या (Explanation): MOHS कठोरता पैमाना 1 से 10 तक होता है, जहाँ 10 सबसे कठोर होता है। इस पैमाने पर, हीरा (Diamond) 10 की कठोरता के साथ सबसे कठोर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ है। कोरुंडम (जैसे नीलम और माणिक) 9 की कठोरता पर आता है, और क्वार्ट्ज 7 पर। MOHS पैमाना स्वयं एक खनिज नहीं है, बल्कि कठोरता मापने का एक पैमाना है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे का उपयोग लेजर बीम को केंद्रित (focus) करने वाली मशीनों में क्यों किया जाता है?
- (a) यह प्रकाश को विसरित (diffuse) करता है।
- (b) यह प्रकाश के प्रति अत्यधिक परावर्तक (reflective) है।
- (c) यह उच्च अपवर्तनांक के कारण प्रकाश को प्रभावी ढंग से केंद्रित कर सकता है।
- (d) यह ऊष्मा को बहुत धीरे-धीरे अवशोषित करता है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): लेंस के रूप में कार्य करने वाले पदार्थ का अपवर्तनांक (refractive index) प्रकाश किरणों को मोड़ने और केंद्रित करने की उसकी क्षमता को निर्धारित करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) इसे प्रकाश किरणों को प्रभावी ढंग से मोड़ने और एक बिंदु पर केंद्रित करने में सक्षम बनाता है। यह गुण इसे लेजर कटिंग और अन्य सटीक अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाने वाले लेंस या ऑप्टिकल घटकों के लिए बहुत उपयोगी बनाता है। प्रकाश के प्रति अत्यधिक परावर्तक होना (b) चमक के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन केंद्रित करने के लिए अपवर्तनांक महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का निर्माण पृथ्वी की सतह के नीचे किन अत्यधिक दबाव और तापमान वाली परिस्थितियों में होता है?
- (a) ज्वालामुखीय विस्फोट के दौरान
- (b) भूगर्भीय प्लेटों के टकराने से
- (c) मेंटल (mantle) में, पृथ्वी की सतह से लगभग 150-200 किमी नीचे
- (d) महासागरीय नितल (oceanic floor) पर
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे कार्बन का एक रूप है, और इसका निर्माण विशिष्ट भूगर्भीय परिस्थितियों में होता है जहाँ कार्बन परमाणु उच्च दबाव और तापमान के तहत व्यवस्थित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे आमतौर पर पृथ्वी के मेंटल में, सतह से लगभग 150-200 किलोमीटर नीचे, बहुत उच्च दबाव (लगभग 4.5-6 GPa) और तापमान (लगभग 900-1300°C) पर बनते हैं। ये स्थितियाँ ही कार्बन परमाणुओं को हीरे की क्रिस्टल संरचना में व्यवस्थित होने के लिए मजबूर करती हैं। ज्वालामुखीय विस्फोट (विशेष रूप से किम्बरलाइट पाइप) इन हीरों को सतह के करीब लाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान में, हीरे को किस प्रकार के पदार्थ (class of material) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है?
- (a) आयनिक यौगिक (Ionic compound)
- (b) धात्विक यौगिक (Metallic compound)
- (c) सहसंयोजक ठोस (Covalent solid)
- (d) आणविक ठोस (Molecular solid)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थों का वर्गीकरण उनके रासायनिक बंधों के प्रकार और उनके कारण बनने वाले संरचनात्मक नेटवर्क के आधार पर किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, सभी कार्बन परमाणु एक दूसरे से मजबूत सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़े होते हैं, जिससे एक विशाल त्रि-आयामी नेटवर्क बनता है। इस प्रकार की संरचना को सहसंयोजक ठोस (Covalent Solid) या नेटवर्क सहसंयोजक ठोस (Network Covalent Solid) कहा जाता है। यह वर्गीकरण हीरे के असाधारण कठोरता, उच्च गलनांक और विद्युत कुचालकता जैसे गुणों की व्याख्या करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सिंथेटिक (कृत्रिम) हीरे बनाने की प्रक्रिया में आमतौर पर किसका उपयोग किया जाता है?
- (a) दाब और निर्वात (Vacuum)
- (b) केवल उच्च तापमान
- (c) उच्च दाब और उच्च तापमान (HPHT) या रासायनिक वाष्प जमाव (CVD)
- (d) प्रकाश और कम तापमान
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले हीरे के समान ही परिस्थितियों का अनुकरण करके बनाए जाते हैं, जिसमें कार्बन स्रोत और उपयुक्त भौतिक स्थितियाँ शामिल होती हैं।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे बनाने की दो मुख्य विधियाँ हैं: हाई प्रेशर, हाई टेम्परेचर (HPHT) विधि, जो प्राकृतिक निर्माण की नकल करती है, और केमिकल वेपर डिपोजिशन (CVD) विधि, जिसमें एक गैस मिश्रण से कार्बन को धीरे-धीरे जमा किया जाता है। दोनों ही विधियों में विशेष उपकरण और नियंत्रित वातावरण की आवश्यकता होती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी में, हीरे को “आदर्श रूप से पारदर्शी” (ideally transparent) क्यों माना जाता है, जो इसे रत्नों के लिए उपयोगी बनाता है?
- (a) यह सभी तरंगदैर्ध्य (wavelengths) के प्रकाश को अवशोषित करता है।
- (b) इसमें कोई रंग केंद्र (color center) नहीं होता है और यह प्रकाश को प्रभावी ढंग से अपवर्तित करता है।
- (c) यह प्रकाश को बिखेरता (scatters) है।
- (d) यह प्रकाश को पीछे की ओर परावर्तित करता है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ की पारदर्शिता (transparency) इस बात पर निर्भर करती है कि वह विभिन्न तरंगदैर्ध्य के प्रकाश के साथ कैसे इंटरैक्ट करता है, विशेष रूप से अवशोषण और प्रकीर्णन (scattering) के संबंध में।
व्याख्या (Explanation): शुद्ध हीरे में कोई रंग नहीं होता है और वह दृश्य स्पेक्ट्रम (visible spectrum) के अधिकांश प्रकाश को अवशोषित या बिखेरता नहीं है। इसके बजाय, यह प्रकाश को काफी हद तक गुजरने देता है और उसे प्रभावी ढंग से अपवर्तित करता है, जिससे उसकी चमक और “फायर” (fire) दिखाई देता है। अशुद्धियाँ (impurities) ही अक्सर हीरे में रंग लाती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के निर्माण में कार्बन का प्राथमिक स्रोत क्या होता है?
- (a) वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड
- (b) समुद्र का पानी
- (c) पृथ्वी के आवरण (mantle) में कार्बनिक पदार्थ और कार्बन यौगिक
- (d) ज्वालामुखीय गैसें
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे के निर्माण के लिए शुद्ध कार्बन की आवश्यकता होती है, और यह कार्बन उन भूवैज्ञानिक वातावरणों से प्राप्त होता है जहाँ हीरे बनते हैं।
व्याख्या (Explanation): भूवैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के मेंटल में पहले से मौजूद कार्बनिक पदार्थ और कार्बन युक्त खनिज, बहुत उच्च दबाव और तापमान के तहत, हीरे में परिवर्तित हो जाते हैं। वायुमंडलीय CO₂ या समुद्र का पानी आमतौर पर इन गहराईयों तक नहीं पहुँचता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे में “फायर” (fire) शब्द का क्या अर्थ है, जो रत्नों के मूल्य को बढ़ाता है?
- (a) प्रकाश के प्रति उसकी उच्च परावर्तकता
- (b) प्रकाश के विभिन्न रंगों में अपवर्तन (dispersion)
- (c) उसकी कठोरता
- (d) उसका घनत्व
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश का विक्षेपण (dispersion) किसी पदार्थ की क्षमता है कि वह सफेद प्रकाश को उसके घटक रंगों (स्पेक्ट्रम) में विभाजित कर सके, जो विभिन्न तरंगदैर्ध्य के प्रकाश के लिए अपवर्तनांक में अंतर के कारण होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का “फायर” उसके उच्च विक्षेपण (dispersion) का परिणाम है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो विभिन्न रंग (तरंगदैर्ध्य) थोड़ा अलग-अलग कोणों पर मुड़ते हैं। जब यह हीरे से बाहर निकलता है, तो प्रकाश इन रंगों में अलग हो जाता है, जिससे इंद्रधनुष जैसे रंगीन प्रभाव पैदा होते हैं। इसे “फायर” कहा जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से कौन सी इकाई भौतिकी में दबाव (pressure) को मापने के लिए प्रयोग की जाती है, जो हीरे के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है?
- (a) जूल (Joule)
- (b) वाट (Watt)
- (c) पास्कल (Pascal)
- (d) एम्पीयर (Ampere)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): दबाव प्रति इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाला बल है। SI प्रणाली में, दबाव की इकाई पास्कल (Pa) है, जो 1 न्यूटन प्रति वर्ग मीटर के बराबर है।
व्याख्या (Explanation): हीरे के निर्माण के लिए अत्यंत उच्च दबाव (लगभग 4.5-6 गिगापास्कल, यानी 4.5-6 x 10⁹ Pa) की आवश्यकता होती है। जूल ऊष्मा या ऊर्जा की इकाई है, वाट शक्ति की इकाई है, और एम्पीयर विद्युत धारा की इकाई है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, कोशिका झिल्ली (cell membrane) के पार पदार्थों के संचलन में किस प्रकार के प्रोटीन शामिल होते हैं?
- (a) राइबोसोम (Ribosomes)
- (b) कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm)
- (c) चैनल प्रोटीन (Channel proteins) और वाहक प्रोटीन (Carrier proteins)
- (d) सेंट्रोसोम (Centrosomes)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिका झिल्ली अर्ध-पारगम्य (semi-permeable) होती है और पदार्थों को नियंत्रित तरीके से कोशिका में प्रवेश करने और बाहर निकलने की अनुमति देती है। यह कार्य विशेष झिल्ली प्रोटीन द्वारा किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): चैनल प्रोटीन (Channel proteins) कोशिका झिल्ली के माध्यम से आयनों या छोटे अणुओं के लिए मार्ग प्रदान करते हैं, जबकि वाहक प्रोटीन (Carrier proteins) विशिष्ट अणुओं से बंधकर और उनकी संरचना बदलकर उन्हें पार ले जाते हैं। राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण करते हैं, कोशिकाद्रव्य कोशिका का तरल भाग है, और सेंट्रोसोम कोशिका विभाजन में भूमिका निभाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान में, ‘कार्बन डेटिंग’ (Carbon Dating) तकनीक किस समस्थानिक (isotope) का उपयोग करती है?
- (a) कार्बन-12 (¹²C)
- (b) कार्बन-13 (¹³C)
- (c) कार्बन-14 (¹⁴C)
- (d) कार्बन-10 (¹⁰C)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रेडियोमेट्रिक डेटिंग तकनीकें अस्थिर (unstable) समस्थानिकों के क्षय (decay) की दर पर आधारित होती हैं।
व्याख्या (Explanation): कार्बन डेटिंग में कार्बन-14 (¹⁴C) का उपयोग किया जाता है, जो एक रेडियोधर्मी समस्थानिक है। कार्बन-12 (¹²C) सबसे प्रचुर और स्थिर समस्थानिक है, जिसका उपयोग प्रायः कार्बनिक पदार्थों के संदर्भ परमाणु के रूप में किया जाता है। कार्बन-13 (¹³C) भी एक स्थिर समस्थानिक है। कार्बन-10 (¹⁰C) बहुत अस्थिर होता है और इसका उपयोग कार्बन डेटिंग में नहीं होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) के दौरान पौधे वायुमंडल से कौन सी गैस अवशोषित करते हैं?
- (a) ऑक्सीजन (O₂)
- (b) नाइट्रोजन (N₂)
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- (d) मीथेन (CH₄)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं, कार्बन डाइऑक्साइड और पानी का उपयोग करके ग्लूकोज (शर्करा) बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में, पौधे पत्तियों पर मौजूद स्टोमेटा (stomata) के माध्यम से वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) को अवशोषित करते हैं। इस CO₂ का उपयोग पानी (H₂O) के साथ मिलकर ग्लूकोज (C₆H₁₂O₆) और ऑक्सीजन (O₂) बनाने के लिए किया जाता है, जो उप-उत्पाद के रूप में निकलती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान में, हीरे को विद्युत का कुचालक (insulator) क्यों माना जाता है?
- (a) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं।
- (b) इसके परमाणु विद्युत को प्रतिकर्षित करते हैं।
- (c) यह अत्यधिक ऊष्मारोधी (thermal insulator) है।
- (d) इसमें आयनिक बंधन होते हैं।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता (electrical conductivity) के लिए पदार्थ में मुक्त या विस्थापित (mobile) इलेक्ट्रॉनों का होना आवश्यक है जो आवेश (charge) को ले जा सकें।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, सभी बाहरी-कक्षा (valence) इलेक्ट्रॉन कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधों में बंधे होते हैं। इलेक्ट्रॉनों को स्थानांतरित करने के लिए कोई मुक्त या शिथिल (loosely bound) इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं। इसलिए, हीरा एक उत्कृष्ट विद्युत कुचालक है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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जीव विज्ञान में, मानव शरीर के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए कौन सा रक्त घटक जिम्मेदार है?
- (a) प्लाज्मा (Plasma)
- (b) श्वेत रक्त कोशिकाएँ (White Blood Cells)
- (c) लाल रक्त कोशिकाएँ (Red Blood Cells)
- (d) प्लेटलेट्स (Platelets)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रक्त के विभिन्न घटक शरीर के विभिन्न कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं, जिसमें गैसों का परिवहन भी शामिल है।
व्याख्या (Explanation): लाल रक्त कोशिकाएँ (Erythrocytes) हीमोग्लोबिन नामक एक प्रोटीन से भरपूर होती हैं, जो फेफड़ों से ऑक्सीजन को बांधता है और इसे शरीर के ऊतकों तक पहुँचाता है। प्लाज्मा रक्त का तरल घटक है, श्वेत रक्त कोशिकाएँ प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं, और प्लेटलेट्स रक्त के थक्के जमने में मदद करते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान में, एक यौगिक की शुद्धता का निर्धारण करने के लिए किस भौतिक गुण का उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि हीरे की?
- (a) रंग (Color)
- (b) गंध (Odor)
- (c) गलनांक/क्वथनांक (Melting/Boiling Point)
- (d) घनत्व (Density)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): शुद्ध क्रिस्टलीय ठोसों का एक विशिष्ट और तीव्र गलनांक (sharp melting point) होता है, जो एक विशिष्ट तापमान पर होता है, जबकि अशुद्धियाँ उस गलनांक को कम कर देती हैं और उसे फैला देती हैं।
व्याख्या (Explanation): शुद्ध यौगिकों का एक विशिष्ट और तीव्र गलनांक (और क्वथनांक, यदि लागू हो) होता है। यदि कोई अशुद्धि मौजूद है, तो यह गलनांक को कम कर देगा और गलने की सीमा को चौड़ा कर देगा। हीरे का बहुत उच्च गलनांक होता है, और अशुद्धियाँ या दोष इसके भौतिक गुणों को बदल सकते हैं। यद्यपि रंग, गंध और घनत्व भी महत्वपूर्ण गुण हैं, गलनांक/क्वथनांक अक्सर शुद्धता का एक अधिक विश्वसनीय संकेतक होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, ‘ऑक्सीजन की कमी’ (hypoxia) की स्थिति में कोशिकाएं किस चयापचय (metabolic) मार्ग पर निर्भर करती हैं?
- (a) ग्लाइकोलिसिस (Glycolysis)
- (b) क्रेब्स चक्र (Krebs Cycle)
- (c) ऑक्सीडेटिव फास्फारिलीकरण (Oxidative Phosphorylation)
- (d) बीटा-ऑक्सीकरण (Beta-oxidation)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) में ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, लेकिन कुछ मार्ग ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में भी ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): ग्लाइकोलिसिस, ग्लूकोज को पाइरूवेट (pyruvate) में तोड़ने की प्रक्रिया, ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में भी हो सकती है (अवायवीय श्वसन – anaerobic respiration)। यह कोशिका को सीमित मात्रा में ATP (ऊर्जा) प्रदान करता है। क्रेब्स चक्र और ऑक्सीडेटिव फास्फारिलीकरण दोनों के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। बीटा-ऑक्सीकरण फैटी एसिड के चयापचय से संबंधित है जिसके लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे की कठोरता के बावजूद, यह किस प्रकार की मशीनिंग (machining) के लिए प्रयोग किया जाता है?
- (a) प्लाज्मा कटिंग
- (b) लेजर कटिंग और अल्ट्रासोनिक ड्रिलिंग
- (c) पानी की जेट कटिंग (Waterjet cutting)
- (d) सैंडब्लास्टिंग (Sandblasting)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अत्यंत कठोर सामग्रियों को मशीन करने के लिए विशेष तकनीकों की आवश्यकता होती है जो सामग्री की कठोरता को दूर कर सकें।
व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता का मतलब है कि पारंपरिक यांत्रिक कटिंग विधियाँ अप्रभावी होती हैं। लेजर कटिंग, जो लेजर बीम की केंद्रित ऊर्जा का उपयोग करती है, हीरे को वाष्पीकृत (vaporize) कर सकती है। इसी तरह, अल्ट्रासोनिक ड्रिलिंग में, हीरे के कणों को एक कंपन उपकरण के साथ प्रयोग किया जाता है जो सामग्री को पीसकर हटाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।