सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: आनुवंशिकी से लेकर ऊर्जा तक
परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की एक मजबूत पकड़ अत्यंत आवश्यक है। यह खंड भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण अवधारणाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) का एक संग्रह प्रस्तुत करता है। इन प्रश्नों का अभ्यास करके, आप अपनी तैयारी को परख सकते हैं और परीक्षा में पूछे जाने वाले विभिन्न प्रकार के प्रश्नों से परिचित हो सकते हैं। आइए, अपनी ज्ञान की यात्रा शुरू करें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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प्रश्न: ME/क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (ME/CFS) जैसे सिंड्रोम के संभावित आनुवंशिक सुरागों की पहचान बड़े पैमाने पर अध्ययन में की गई है। निम्नलिखित में से कौन सी कोशिका संरचना आनुवंशिक सामग्री (DNA) का वहन करती है?
- (a) माइटोकॉन्ड्रिया
- (b) राइबोसोम
- (c) कोशिका द्रव्य
- (d) नाभिक
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिका के नाभिक (Nucleus) में अधिकांश आनुवंशिक सामग्री, डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) के रूप में, गुणसूत्रों (chromosomes) में व्यवस्थित होती है।
व्याख्या (Explanation): माइटोकॉन्ड्रिया में भी अपना DNA होता है, लेकिन कोशिका का प्रमुख आनुवंशिक भंडार नाभिक में होता है। राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण करते हैं और कोशिका द्रव्य कोशिका के आंतरिक वातावरण का हिस्सा है। इसलिए, आनुवंशिक सामग्री का प्राथमिक वाहक नाभिक है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रश्न: यदि कोई व्यक्ति ME/क्रोनिक फटीग सिंड्रोम से जुड़ा एक विशिष्ट जीन उत्परिवर्तन (gene mutation) वहन करता है, तो यह संभावना है कि यह उत्परिवर्तन उसके:
- (a) रक्त में मौजूद प्रोटीन को प्रभावित करेगा
- (b) डीएनए अनुक्रम (DNA sequence) में एक परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करता है
- (c) केवल बाहरी शारीरिक विशेषताओं को बदलेगा
- (d) ऊर्जा उत्पादन प्रक्रिया को तुरंत रोक देगा
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीन उत्परिवर्तन डीएनए के न्यूक्लियोटाइड अनुक्रम में एक स्थायी परिवर्तन है। यह परिवर्तन किसी भी कोशिका को प्रभावित कर सकता है और परिणामी प्रोटीन या उसके कार्य में बदलाव ला सकता है।
व्याख्या (Explanation): जीन आनुवंशिकता की मूल इकाई है और यह डीएनए से बना होता है। उत्परिवर्तन डीएनए के अनुक्रम में परिवर्तन है। यह परिवर्तन कोशिका के विभिन्न कार्यों, जैसे प्रोटीन संश्लेषण या ऊर्जा उत्पादन को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकता है, लेकिन प्रत्यक्ष रूप से यह डीएनए अनुक्रम में बदलाव है। यह केवल बाहरी शारीरिक विशेषताओं को नहीं, बल्कि आंतरिक प्रक्रियाओं को भी प्रभावित कर सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: ME/क्रोनिक फटीग सिंड्रोम में ऊर्जा चयापचय (energy metabolism) में संभावित गड़बड़ी का अध्ययन करते समय, वैज्ञानिक अक्सर किस कोशिका अंगक (organelle) पर ध्यान केंद्रित करते हैं?
- (a) लाइसोसोम
- (b) गॉल्जी उपकरण
- (c) माइटोकॉन्ड्रिया
- (d) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का “पावरहाउस” कहा जाता है क्योंकि वे कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) के माध्यम से अधिकांश कोशिका की ऊर्जा (ATP) उत्पन्न करते हैं।
व्याख्या (Explanation): क्रोनिक फटीग सिंड्रोम में थकान एक प्रमुख लक्षण है, जो सीधे ऊर्जा उत्पादन में कमी से जुड़ा हो सकता है। इसलिए, ऊर्जा उत्पादन के लिए जिम्मेदार माइटोकॉन्ड्रिया अध्ययन का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य हैं। लाइसोसोम कोशिका अपशिष्ट को पचाते हैं, गॉल्जी उपकरण प्रोटीन को संशोधित और पैकेज करता है, और एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम प्रोटीन संश्लेषण और लिपिड चयापचय में शामिल होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: एक जीव में क्रोमोसोम की संख्या में परिवर्तन, जैसे कि ME/CFS से संबंधित आनुवंशिक अध्ययन में, किस प्रक्रिया से उत्पन्न हो सकता है?
- (a) प्रकाश संश्लेषण
- (b) कोशिका विभाजन (जैसे मियोसिस) में त्रुटि
- (c) एंजाइम सक्रियण
- (d) हार्मोनल स्राव
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): गुणसूत्रों की संख्या में परिवर्तन, जिसे एन्यूप्लोइडी (aneuploidy) कहा जाता है, अक्सर मियोसिस (अर्धसूत्री विभाजन) के दौरान गैर-अलगाव (nondisjunction) के कारण होता है, जहाँ गुणसूत्र समान रूप से अलग नहीं होते हैं।
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प्रश्न: यदि ME/CFS में आनुवंशिक भिन्नता (genetic variation) किसी प्रोटीन के कार्य को बदल देती है, तो यह किस प्रकार की प्रतिक्रिया (reaction) को प्रभावित कर सकती है?
- (a) ऊष्मा का चालन
- (b) प्रकाश का परावर्तन
- (c) एक एंजाइमेटिक प्रतिक्रिया
- (d) विद्युत का प्रवाह
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कई प्रोटीन एंजाइम के रूप में कार्य करते हैं, जो विशिष्ट जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं (biochemical reactions) को उत्प्रेरित (catalyze) करते हैं। प्रोटीन के कार्य में परिवर्तन से इन एंजाइमेटिक प्रतिक्रियाओं की दर या दक्षता बदल सकती है।
व्याख्या (Explanation): ऊष्मा का चालन, प्रकाश का परावर्तन और विद्युत का प्रवाह भौतिक प्रक्रियाएं हैं। जबकि आनुवंशिक भिन्नता अप्रत्यक्ष रूप से इन भौतिक गुणों को प्रभावित कर सकती है, प्रोटीन अक्सर एंजाइम के रूप में सीधे जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं में शामिल होते हैं। इसलिए, एंजाइमेटिक प्रतिक्रियाओं पर प्रभाव सबसे संभावित और सीधा प्रभाव है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: ME/CFS अध्ययन में पहचाने गए जीन, कोशिका के भीतर सूचना के प्रवाह को कैसे प्रभावित कर सकते हैं?
- (a) कोशिका भित्ति की कठोरता बढ़ाकर
- (b) आनुवंशिक कोड (DNA) को सीधे रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करके
- (c) प्रोटीन संश्लेषण के माध्यम से सेलुलर कार्यों को नियंत्रित करके
- (d) कोशिका के आकार को रैखिक रूप से बढ़ाकर
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीन डीएनए में कोडित जानकारी रखते हैं। यह जानकारी ट्रांसक्रिप्शन (transcription) और ट्रांसलेशन (translation) की प्रक्रियाओं के माध्यम से प्रोटीन में परिवर्तित होती है, जो कोशिका के विभिन्न कार्यों को निष्पादित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): जीन कोशिका भित्ति की कठोरता, ऊर्जा रूपांतरण या आकार परिवर्तन को सीधे नियंत्रित नहीं करते हैं। वे प्रोटीन संश्लेषण को निर्देशित करते हैं, जो कोशिका के व्यवहार, कार्य और प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। इसलिए, जीन का प्रभाव प्रोटीन संश्लेषण के माध्यम से होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: ME/CFS से संबंधित आनुवंशिक अध्ययनों में, कोशिका झिल्ली (cell membrane) पर प्रभाव का अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण हो सकता है?
- (a) कोशिका झिल्ली प्रकाश संश्लेषण का मुख्य स्थल है
- (b) कोशिका झिल्ली आयन और अणुओं के परिवहन को नियंत्रित करती है
- (c) कोशिका झिल्ली DNA प्रतिकृति (DNA replication) को सीधे प्रभावित करती है
- (d) कोशिका झिल्ली ऊर्जा को ऊष्मा में परिवर्तित करती है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिका झिल्ली एक अर्ध-पारगम्य अवरोध (semi-permeable barrier) है जो कोशिका के अंदर और बाहर आयनों और अणुओं के परिवहन को नियंत्रित करती है। इसमें ऊर्जा चयापचय और संकेत पारगमन (signal transduction) में भी भूमिका होती है।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण क्लोरोप्लास्ट में होता है। DNA प्रतिकृति नाभिक में होती है। कोशिका झिल्ली सीधे ऊर्जा को ऊष्मा में परिवर्तित नहीं करती है। हालांकि, कोशिका झिल्ली की पारगम्यता और कार्य में परिवर्तन ME/CFS जैसे सिंड्रोम में महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि यह पोषक तत्वों के सेवन, अपशिष्ट निष्कासन और कोशिका संचार को प्रभावित कर सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: आनुवंशिक अध्ययनों में, जीन की अभिव्यक्ति (gene expression) को कैसे मापा जाता है?
- (a) कोशिका झिल्ली की मोटाई मापकर
- (b) उत्पन्न ATP की मात्रा को मापकर
- (c) विशेष प्रोटीन की मात्रा या mRNA के स्तर को मापकर
- (d) कोशिका के कुल पानी की मात्रा को मापकर
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीन अभिव्यक्ति एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक जीन से उत्पादित प्रोटीन या कार्यात्मक RNA को संश्लेषित किया जाता है। इसे आमतौर पर उत्पादित mRNA (मैसेंजर RNA) या परिणामी प्रोटीन की मात्रा को मापकर किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): कोशिका झिल्ली की मोटाई, ATP की मात्रा या पानी की मात्रा जीन अभिव्यक्ति के सीधे मापक नहीं हैं। mRNA जीन का एक मध्यवर्ती उत्पाद है, और प्रोटीन अंतिम उत्पाद है। इसलिए, इन दोनों की मात्रा जीन की सक्रियता या अभिव्यक्ति का सूचक होती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: ME/CFS में संभावित आनुवंशिक कारणों का अध्ययन करने के लिए, वैज्ञानिक मानव जीनोम (human genome) के किस घटक का विश्लेषण करते हैं?
- (a) केवल प्रोटीन
- (b) केवल RNA
- (c) DNA का संपूर्ण अनुक्रम
- (d) केवल सेलुलर झिल्ली
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव जीनोम एक जीव के DNA का संपूर्ण सेट है, जिसमें सभी जीन शामिल हैं। आनुवंशिक कारणों का अध्ययन करने के लिए, शोधकर्ता अक्सर जीनोम के DNA अनुक्रम में भिन्नताओं का विश्लेषण करते हैं।
व्याख्या (Explanation): केवल प्रोटीन या RNA का विश्लेषण आनुवंशिक मूल को पूरी तरह से नहीं समझाता है। सेलुलर झिल्ली भौतिक संरचनाएं हैं। DNA वह अणु है जिसमें आनुवंशिक जानकारी होती है, और जीनोम का संपूर्ण DNA अनुक्रम आनुवंशिक भिन्नताओं का पता लगाने के लिए विश्लेषण का प्राथमिक लक्ष्य है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: यदि ME/CFS से जुड़े जीन में परिवर्तन से एक एंजाइम की गतिविधि बढ़ जाती है, तो यह सेलुलर स्तर पर क्या प्रभाव डाल सकता है?
- (a) उपापचयी दर (metabolic rate) में कमी
- (b) ऊर्जा उत्पादन (ATP synthesis) में वृद्धि
- (c) प्रोटीन निर्माण में कमी
- (d) विषाक्त पदार्थों का संचय
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एंजाइम जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं। यदि एक एंजाइम जो ऊर्जा उत्पादन से संबंधित है, उसकी गतिविधि बढ़ जाती है, तो संबंधित उपापचयी मार्ग (metabolic pathway) अधिक सक्रिय हो जाता है, जिससे अधिक ATP का उत्पादन होता है।
व्याख्या (Explanation): बढ़ी हुई एंजाइम गतिविधि से उपापचयी दर में वृद्धि होगी, प्रोटीन निर्माण को प्रभावित कर सकती है (यदि वह एंजाइम प्रोटीन निर्माण से संबंधित है), और विषाक्त पदार्थों के संचय को कम कर सकती है (यदि एंजाइम विषाक्त पदार्थों को हटाता है)। यदि यह ऊर्जा उत्पादन से संबंधित एंजाइम है, तो ATP उत्पादन में वृद्धि सबसे संभावित परिणाम है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: ME/CFS में कोशिकाओं के भीतर रासायनिक संकेतों के संचरण (chemical signal transmission) में आनुवंशिक कारक कैसे भूमिका निभा सकते हैं?
- (a) विद्युत आवेश को अवशोषित करके
- (b) रिसेप्टर प्रोटीन (receptor proteins) के उत्पादन को बदलकर
- (c) गुरुत्वाकर्षण बल को संशोधित करके
- (d) ऊष्मीय ऊर्जा का अवशोषण करके
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिकाएं अक्सर कोशिका झिल्ली पर स्थित रिसेप्टर प्रोटीन के माध्यम से रासायनिक संकेतों का पता लगाती हैं। जीन इन रिसेप्टर प्रोटीनों के उत्पादन और कार्य को निर्देशित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): जीन सीधे विद्युत आवेश, गुरुत्वाकर्षण या ऊष्मीय ऊर्जा के अवशोषण को प्रभावित नहीं करते हैं। हालांकि, वे रिसेप्टर प्रोटीन को एन्कोड करते हैं जो बाहरी संकेतों को कोशिकाओं के अंदर स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक होते हैं। रिसेप्टर्स में परिवर्तन संकेत संचरण को बदल सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: ME/CFS के अध्ययन में, आनुवंशिक कारक शरीर में विशिष्ट यौगिकों की प्रतिक्रिया में क्या भूमिका निभा सकते हैं, जो ऊर्जा उत्पादन में शामिल होते हैं?
- (a) वे यौगिकों को निष्क्रिय कर सकते हैं
- (b) वे यौगिकों के संश्लेषण या चयापचय को प्रभावित कर सकते हैं
- (c) वे यौगिकों को विद्युत में परिवर्तित कर सकते हैं
- (d) वे यौगिकों के भौतिक अवस्था को बदल सकते हैं
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीन अक्सर एंजाइमों को एन्कोड करते हैं जो जैव रासायनिक मार्गों में प्रमुख भूमिका निभाते हैं, जैसे कि यौगिकों का संश्लेषण या उनका चयापचय।
व्याख्या (Explanation): जीन सीधे तौर पर यौगिकों को निष्क्रिय करने, विद्युत में परिवर्तित करने या उनकी भौतिक अवस्था बदलने में शामिल नहीं होते हैं। उनका मुख्य कार्य यौगिकों के उत्पादन या उनके रूपांतरण (चयापचय) के लिए आवश्यक एंजाइमों का निर्माण करना है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: ME/CFS में कोशिका श्वसन (cellular respiration) में संभावित आनुवंशिक दोषों का अध्ययन करते समय, किस अणु का स्तर महत्वपूर्ण हो सकता है?
- (a) प्रकाश
- (b) ध्वनि
- (c) ऑक्सीजन (O₂)
- (d) गुरुत्वाकर्षण
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिका श्वसन, विशेष रूप से ऑक्सीडेटिव फास्फारिलीकरण (oxidative phosphorylation), एक प्रक्रिया है जिसमें कोशिकाओं द्वारा ऊर्जा (ATP) उत्पन्न करने के लिए ऑक्सीजन (O₂) का उपयोग किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश और ध्वनि ऊर्जा के रूप हैं लेकिन कोशिका श्वसन में सीधे भाग नहीं लेते। गुरुत्वाकर्षण भी प्रासंगिक नहीं है। ऑक्सीजन कोशिका श्वसन के लिए एक आवश्यक अभिकर्मक (reactant) है। इसलिए, इसके चयापचय या कोशिका द्वारा इसके उपयोग को प्रभावित करने वाले जीन को ME/CFS में रुचि का विषय माना जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: ME/CFS से संबंधित आनुवंशिक अध्ययन में, ‘संशोधन’ (modification) शब्द का अर्थ क्या हो सकता है?
- (a) किसी अन्य ग्रह पर जीवन की खोज
- (b) किसी प्रक्रिया या कार्य में परिवर्तन
- (c) प्रकाश संश्लेषण के लिए नई विधि
- (d) ध्वनि तरंगों का मापन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीव विज्ञान और आनुवंशिकी में, ‘संशोधन’ (modification) का तात्पर्य किसी संरचना, कार्य या प्रक्रिया में परिवर्तन या भिन्नता से है, जो आनुवंशिक या पर्यावरणीय कारकों के कारण हो सकता है।
व्याख्या (Explanation): अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज, प्रकाश संश्लेषण की नई विधि या ध्वनि तरंगों का मापन ‘संशोधन’ के सामान्य अर्थ से संबंधित नहीं हैं। आनुवंशिक संदर्भ में, यह अक्सर जीन के कार्य या अभिव्यक्ति में परिवर्तन को दर्शाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: ME/CFS से जुड़े जीन की पहचान करने के लिए, वैज्ञानिक किस प्रकार की ‘लॉगिंग’ (logging) का उपयोग कर सकते हैं?
- (a) लॉग को जलाना
- (b) डेटा रिकॉर्डिंग (जैसे जीन अनुक्रम डेटा)
- (c) लॉगिंग (जंगल की कटाई)
- (d) लॉग (गणित) का उपयोग
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वैज्ञानिक अनुसंधान में, ‘लॉगिंग’ (logging) का अर्थ अक्सर डेटा, अवलोकनों या प्रयोगों के परिणामों को व्यवस्थित रूप से रिकॉर्ड करना होता है। आनुवंशिक अध्ययनों में, यह जीन अनुक्रम डेटा या संबंधित जानकारी की रिकॉर्डिंग हो सकती है।
व्याख्या (Explanation): लॉग को जलाना, जंगल की कटाई या गणितीय लॉगिंग वैज्ञानिक डेटा रिकॉर्डिंग के संदर्भ में प्रासंगिक नहीं हैं। वैज्ञानिक डेटा रिकॉर्डिंग (लॉगिंग) आनुवंशिक अध्ययनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है ताकि बड़ी मात्रा में जानकारी को ट्रैक और विश्लेषण किया जा सके।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: ME/CFS में ऊर्जा चयापचय के अध्ययन में ‘नेटवर्क’ (network) शब्द का क्या तात्पर्य है?
- (a) मछली पकड़ने का जाल
- (b) परस्पर जुड़े घटकों का समूह (जैसे प्रोटीन, जीन)
- (c) इंटरनेट कनेक्शन
- (d) विद्युत सर्किट
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीव विज्ञान में, ‘नेटवर्क’ का तात्पर्य अक्सर परस्पर जुड़े हुए घटकों के एक समूह से होता है जो एक साथ कार्य करते हैं, जैसे कि जीन नेटवर्क, प्रोटीन-प्रोटीन इंटरैक्शन नेटवर्क, या उपापचयी नेटवर्क।
व्याख्या (Explanation): मछली पकड़ने का जाल, इंटरनेट कनेक्शन या विद्युत सर्किट वैज्ञानिक संदर्भ में ‘नेटवर्क’ के अर्थ से अलग हैं। जीव विज्ञान में, यह जैविक घटकों के बीच जटिल परस्पर क्रियाओं का वर्णन करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: ME/CFS में कोशिकाओं के बीच संचार (cellular communication) में आनुवंशिक परिवर्तन कैसे भूमिका निभा सकते हैं?
- (a) वे झिल्ली पारगमन (membrane transport) को बढ़ा सकते हैं
- (b) वे सेलुलर सिग्नलिंग पाथवे (cellular signaling pathways) को बदल सकते हैं
- (c) वे कोशिका विभाजन की दर को स्थिर कर सकते हैं
- (d) वे कोशिका के जल सामग्री को बढ़ा सकते हैं
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सेलुलर सिग्नलिंग पाथवे कोशिकाओं को बाहरी या आंतरिक संकेतों का जवाब देने में सक्षम बनाते हैं। आनुवंशिक परिवर्तन इन पाथवे में शामिल प्रोटीन (जैसे रिसेप्टर्स, एंजाइम) को प्रभावित करके सिग्नलिंग को बदल सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): जीन परिवर्तन सीधे झिल्ली पारगमन को बढ़ाने, कोशिका विभाजन को स्थिर करने या जल सामग्री को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका नहीं निभाते हैं। वे सेलुलर संचार के लिए आवश्यक जटिल सिग्नलिंग पाथवे को संशोधित कर सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: ME/CFS में आनुवंशिक अध्ययन के लिए ‘प्रतिलेखन’ (transcription) का क्या अर्थ है?
- (a) DNA से RNA का निर्माण
- (b) RNA से प्रोटीन का निर्माण
- (c) DNA से DNA का निर्माण
- (d) प्रोटीन से RNA का निर्माण
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आणविक जीव विज्ञान में, प्रतिलेखन (transcription) वह प्रक्रिया है जिसमें DNA टेम्पलेट का उपयोग करके एक RNA अणु (आमतौर पर mRNA) संश्लेषित किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): RNA से प्रोटीन का निर्माण ट्रांसलेशन (translation) कहलाता है। DNA से DNA का निर्माण प्रतिकृति (replication) कहलाता है। प्रोटीन से RNA का निर्माण नहीं होता है। इसलिए, प्रतिलेखन DNA से RNA का उत्पादन है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न: ME/CFS में ऊर्जा उत्पादन में शामिल किसी विशिष्ट एंजाइम के उत्पादन को नियंत्रित करने वाला जीन क्या कहलाता है?
- (a) संरचनात्मक जीन (Structural gene)
- (b) नियामक जीन (Regulatory gene)
- (c) ऑपरेटर जीन (Operator gene)
- (d) प्रमोटर जीन (Promoter gene)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): संरचनात्मक जीन (Structural genes) वे जीन होते हैं जो प्रोटीन (जैसे एंजाइम) या कार्यात्मक RNA अणु के लिए अनुक्रम को एन्कोड करते हैं।
व्याख्या (Explanation): नियामक जीन उत्पादन को नियंत्रित करते हैं, ऑपरेटर जीन ऑपेरॉन (operon) का हिस्सा होते हैं जो सक्रियण/दमन को नियंत्रित करते हैं, और प्रमोटर जीन RNA पोलीमरेज़ के बंधन स्थल होते हैं। ऊर्जा उत्पादन में शामिल एंजाइम के उत्पादन को सीधे तौर पर संरचनात्मक जीन एन्कोड करता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न: ME/CFS में ऊर्जा उत्पादन में कमी के लिए कौन सा तत्व (element) आवश्यक हो सकता है, क्योंकि यह ATP (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) का एक महत्वपूर्ण घटक है?
- (a) सल्फर (S)
- (b) फास्फोरस (P)
- (c) सोडियम (Na)
- (d) पोटेशियम (K)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ATP (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) ऊर्जा का प्राथमिक अणु है। इसके नाम में ‘ट्राइफॉस्फेट’ इंगित करता है कि इसमें तीन फास्फेट समूह होते हैं। फास्फोरस ATP की संरचना के लिए मौलिक है।
व्याख्या (Explanation): सल्फर, सोडियम और पोटेशियम शरीर के लिए महत्वपूर्ण तत्व हैं, लेकिन ATP की ऊर्जा-वाहक क्षमता के लिए फास्फोरस मौलिक है। ATP के फास्फेट बंधन में संग्रहीत ऊर्जा जारी होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: ME/CFS में, यदि किसी कोशिका का ATP स्तर कम हो जाता है, तो शरीर में कौन सी भौतिक प्रक्रिया सबसे पहले प्रभावित हो सकती है?
- (a) ऊष्मा का विकिरण
- (b) पेशी संकुचन (muscle contraction)
- (c) प्रकाश का अपवर्तन
- (d) ध्वनि का संचार
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ATP कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। यह ऊर्जा कई प्रक्रियाओं के लिए उपयोग की जाती है, जिसमें पेशी संकुचन, तंत्रिका आवेगों का संचरण और सक्रिय परिवहन शामिल हैं।
व्याख्या (Explanation): ऊष्मा का विकिरण, प्रकाश का अपवर्तन और ध्वनि का संचार ऐसी प्रक्रियाएं हैं जो सीधे ATP के स्तर से उतनी प्रभावित नहीं होतीं जितनी कि पेशी संकुचन। पेशी संकुचन के लिए ATP की आवश्यकता होती है ताकि एक्टिन और मायोसिन फिलामेंट्स को स्थानांतरित किया जा सके।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न: ME/CFS के अध्ययन में, ‘विशिष्टता’ (specificity) का क्या अर्थ हो सकता है, जब आनुवंशिक कारकों या प्रोटीन की बात की जाती है?
- (a) एक जीन जो किसी भी प्रोटीन का उत्पादन कर सकता है
- (b) एक प्रोटीन जो किसी भी अणु से बंध सकता है
- (c) एक जीन या प्रोटीन जो किसी विशेष कार्य या अणु पर कार्य करता है
- (d) एक प्रक्रिया जो सभी कोशिकाओं में समान रूप से होती है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीव विज्ञान में विशिष्टता (specificity) का अर्थ है कि कोई अणु (जैसे प्रोटीन, एंजाइम) या प्रक्रिया किसी विशेष लक्ष्य या कार्य के लिए चुनिंदा रूप से कार्य करती है।
व्याख्या (Explanation): एक सामान्य जीन या प्रोटीन विशिष्ट नहीं होता है। एक प्रोटीन जो किसी भी अणु से बंधता है वह विशिष्ट नहीं है। यह एक जीन या प्रोटीन के लिए महत्वपूर्ण है कि वह एक विशेष लक्ष्य (जैसे एक विशिष्ट सब्सट्रेट, एक विशिष्ट रिसेप्टर) के साथ इंटरैक्ट करे ताकि कोशिका में सटीक कार्य हो सके।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: ME/CFS में ऊर्जा उत्पादन से संबंधित एक आनुवंशिक परिवर्तन, कोशिका के किस ‘मापदंड’ (parameter) को सबसे अधिक प्रभावित कर सकता है?
- (a) विलेयता (solubility)
- (b) अवशोषण (absorption)
- (c) दक्षता (efficiency)
- (d) घनत्व (density)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया की दक्षता (efficiency) इस बात को संदर्भित करती है कि किसी दी गई मात्रा में इनपुट (जैसे ग्लूकोज, ऑक्सीजन) से कितनी ऊर्जा (ATP) का उत्पादन होता है। आनुवंशिक परिवर्तन इस दक्षता को बदल सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): विलेयता, अवशोषण और घनत्व भौतिक गुण हैं। ऊर्जा उत्पादन की दक्षता एक प्रक्रियात्मक मापदंड है जो सीधे तौर पर उपापचय की गुणवत्ता को दर्शाता है। आनुवंशिक परिवर्तन इस प्रक्रिया को धीमा या तेज करके, या इसे कम कुशल बनाकर दक्षता को प्रभावित कर सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न: ME/CFS के आनुवंशिक अध्ययन में, ‘सहसंबंध’ (correlation) का क्या मतलब हो सकता है?
- (a) एक जीन का स्वतंत्र होना
- (b) एक जीन और एक लक्षण या स्थिति के बीच संबंध
- (c) प्रकाश के साथ प्रतिक्रिया
- (d) ध्वनि के साथ जुड़ाव
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आनुवंशिकी में, सहसंबंध (correlation) एक सांख्यिकीय संबंध है जो दो चर (variables) के बीच मौजूद होता है। आनुवंशिक अध्ययनों में, इसका मतलब है कि किसी विशेष जीन या जीन प्रकार की उपस्थिति किसी विशेष लक्षण, बीमारी या प्रतिक्रिया से जुड़ी हुई है।
व्याख्या (Explanation): जीन का स्वतंत्र होना सहसंबंध नहीं है। प्रकाश या ध्वनि के साथ संबंध भी सीधे आनुवंशिक सहसंबंध का वर्णन नहीं करते हैं। आनुवंशिक अध्ययनों में, सहसंबंध का अर्थ है कि एक जीन की उपस्थिति (या अनुपस्थिति/संस्करण) का किसी विशेष परिणाम (जैसे ME/CFS की संभावना) से संबंध है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण ऊर्जा उत्पादन की एक प्रक्रिया है। एंजाइम सक्रियण एक विशिष्ट प्रतिक्रिया को शुरू करता है, और हार्मोनल स्राव शरीर में विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करता है। गुणसूत्रों की संख्या को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाली प्रक्रिया कोशिका विभाजन है, विशेष रूप से अर्धसूत्री विभाजन जो युग्मकों (gametes) के निर्माण के लिए होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।