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संविधान सारथी: रोज़ाना अपनी समझ को धार दें!

संविधान सारथी: रोज़ाना अपनी समझ को धार दें!

नमस्कार, भविष्य के निर्माताओं! आज आपके लिए लेकर आए हैं भारतीय राजव्यवस्था और संविधान पर आधारित एक ऐसी प्रश्नोत्तरी, जो आपकी अवधारणाओं को पैना करेगी और आपको आपके लक्ष्य के करीब ले जाएगी। आइए, आज फिर से हमारे जीवंत लोकतंत्र के ताने-बाने को गहराई से समझें और अपनी तैयारी को एक नई दिशा दें!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?

  1. 24वां संशोधन अधिनियम, 1971
  2. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  3. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  4. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह संशोधन भारतीय संविधान में किए गए सबसे महत्वपूर्ण संशोधनों में से एक है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन तत्कालीन सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान पारित किया गया था। ‘समाजवादी’ शब्द का उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है, जहाँ संसाधनों का समान वितरण हो।
  • गलत विकल्प: 24वां संशोधन संसद की संविधान में संशोधन करने की शक्ति को पुनः स्थापित करता है। 44वां संशोधन कुछ मौलिक अधिकारों को सुरक्षित करता है और आपातकालीन प्रावधानों में बदलाव करता है। 52वां संशोधन दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
  3. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
  4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, जो धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी नागरिक के विरुद्ध विभेद का प्रतिषेध करता है, केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक स्थानों पर पहुँच या सेवाएँ प्राप्त करने में नागरिकों के साथ कोई भेदभाव न हो।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण) और अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) विदेशी नागरिकों सहित सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं, जो भारत में रह रहे हैं।

प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?

  1. सभी राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं।
  2. दिल्ली और पुडुचेरी के विधानसभाओं के सदस्य भाग लेते हैं।
  3. संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य भाग लेते हैं।
  4. सांसद और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों के मतों का मूल्य निर्धारित होता है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति का चुनाव एकल संक्रमणीय मत प्रणाली द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार होता है, जैसा कि अनुच्छेद 55 में वर्णित है। इस चुनाव में संसद के केवल निर्वाचित सदस्य (लोकसभा और राज्यसभा दोनों से) और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य (दिल्ली और पुडुचेरी सहित) भाग लेते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: संसद के मनोनीत सदस्य और राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b) और (d) सही हैं। विकल्प (c) गलत है क्योंकि संसद के केवल निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं, सभी सदस्य नहीं (मनोनीत सदस्य शामिल नहीं होते)।

प्रश्न 4: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के संबंध में कौन सा कथन सत्य है?

  1. यह एक संवैधानिक निकाय है।
  2. इसका गठन राष्ट्रपति के एक अध्यादेश द्वारा किया गया था।
  3. यह लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत एक वैधानिक निकाय है।
  4. इसका मुख्य कार्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच करना है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) मूल रूप से 1964 में राष्ट्रपति के एक प्रस्ताव द्वारा स्थापित किया गया था। बाद में, 2003 में संसद द्वारा पारित एक अधिनियम द्वारा इसे वैधानिक दर्जा प्रदान किया गया। इसलिए, यह एक वैधानिक निकाय है, संवैधानिक नहीं। यह लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 का भी हिस्सा है, लेकिन इसका गठन उस अधिनियम के तहत नहीं हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: CVC का मुख्य कार्य केंद्रीय सरकार के संगठनों में भ्रष्टाचार निवारण के लिए सरकारी संस्थानों की निगरानी और सतर्कता के मामलों में सलाह देना है। आयोग की शक्तियां सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत सिविल न्यायालय के समान हैं।
  • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि CVC एक वैधानिक निकाय है। (b) गलत है क्योंकि यह अध्यादेश से नहीं, बल्कि प्रस्ताव से शुरू हुआ था और बाद में अधिनियम द्वारा वैधानिक दर्जा मिला। (c) यद्यपि यह लोकपाल अधिनियम का हिस्सा है, इसका गठन उस अधिनियम के तहत नहीं हुआ था; इसका अपना अधिनियम है। (d) इसका मुख्य कार्य सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार से संबंधित है।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता भारतीय संविधान को एकात्मक (Unitary) प्रकृति की ओर झुकाव वाली बनाती है?

  1. लिखित संविधान
  2. स्वतंत्र न्यायपालिका
  3. सशक्त केंद्र के साथ संघीय व्यवस्था
  4. अखिल भारतीय सेवाएँ

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: यद्यपि भारत एक संघीय देश है (अनुच्छेद 1), कुछ विशेषताएँ इसे एकात्मकता की ओर झुकाव वाली बनाती हैं। अखिल भारतीय सेवाएँ (All India Services) (अनुच्छेद 312) ऐसी ही एक विशेषता है। इन सेवाओं के सदस्यों की भर्ती और प्रशिक्षण केंद्र सरकार करती है, लेकिन वे राज्य कैडरों में सेवा करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था केंद्र सरकार को राज्यों में प्रशासनिक नियंत्रण रखने का एक माध्यम प्रदान करती है, जो एकात्मक विशेषता को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: (a) लिखित संविधान संघात्मक और एकात्मक दोनों व्यवस्थाओं में पाया जा सकता है। (b) स्वतंत्र न्यायपालिका भी संघात्मक व्यवस्था की एक प्रमुख विशेषता है। (c) सशक्त केंद्र के साथ संघीय व्यवस्था स्वयं में एकात्मकता की ओर झुकाव नहीं है, बल्कि यह संघात्मक व्यवस्था का एक रूप है।

प्रश्न 6: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को नए राज्यों के निर्माण और उनके क्षेत्रों, सीमाओं या मौजूदा राज्यों के नामों में परिवर्तन करने की शक्ति प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 1
  2. अनुच्छेद 2
  3. अनुच्छेद 3
  4. अनुच्छेद 4

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 3, संसद को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह किसी राज्य में से उसका कोई क्षेत्र अलग करके अथवा दो या अधिक राज्यों को या राज्यों के भागों को मिलाकर, अथवा किसी राज्य क्षेत्र को किसी राज्य के साथ मिलाकर नए राज्यों का निर्माण कर सकेगी और ऐसे राज्यों की सीमाएं या नाम बदल सकेगी।
  • संदर्भ और विस्तार: इसके लिए राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश की आवश्यकता होती है, और संबंधित राज्य विधानमंडल का मत जानने के लिए राष्ट्रपति उसे संदर्भित कर सकता है, लेकिन संसद उसके मत से बंधित नहीं होती।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 1 भारत को ‘राज्यों का संघ’ घोषित करता है। अनुच्छेद 2 संसद को ऐसे नए राज्यों को संघ में प्रवेश करने या स्थापित करने की शक्ति देता है, जो पहले भारत का हिस्सा नहीं थे। अनुच्छेद 4 में कहा गया है कि अनुच्छेद 2 और 3 के तहत बनाए गए कानून अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन नहीं माने जाएंगे।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी दलीलें मूल अधिकार (Fundamental Rights) के उल्लंघन के मामले में सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के समक्ष उठाई जा सकती हैं?

  1. उत्प्रेषण (Certiorari)
  2. परमादेश (Mandamus)
  3. अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32 सर्वोच्च न्यायालय को और अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए रिट जारी करने की शक्ति देते हैं। इन रिटों में बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus), परमादेश (Mandamus), प्रतिषेध (Prohibition), उत्प्रेषण (Certiorari) और अधिकार पृच्छा (Quo Warranto) शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ये रिटें नागरिकों के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर अदालतों द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रमुख न्यायिक उपचार हैं।
  • गलत विकल्प: सभी सूचीबद्ध रिटों का प्रयोग मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले में किया जा सकता है।

प्रश्न 8: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?

  1. वह भारत सरकार का प्रमुख विधि अधिकारी होता है।
  2. उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  3. वह संसद के किसी भी सदन में बोल सकता है, लेकिन मतदान नहीं कर सकता।
  4. उसे महाभियोग प्रक्रिया द्वारा हटाया जा सकता है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 के अनुसार, महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वह भारत सरकार का प्रमुख विधि अधिकारी होता है। अनुच्छेद 88 के अनुसार, महान्यायवादी को संसद के दोनों सदनों में बोलने और कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है, लेकिन वह मतदान नहीं कर सकता।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी को राष्ट्रपति द्वारा हटाया जाता है, न कि महाभियोग प्रक्रिया से। वह उसी प्रक्रिया द्वारा पद धारण करता है, जो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को पद से हटाने की है, लेकिन वह महाभियोग की प्रक्रिया से नहीं हटाया जाता।
  • गलत विकल्प: (a), (b) और (c) कथन सत्य हैं। (d) असत्य है क्योंकि महान्यायवादी को महाभियोग द्वारा नहीं, बल्कि राष्ट्रपति की इच्छा पर या पद की शर्तों के अनुसार हटाया जाता है।

प्रश्न 9: कौन सी पंचायती राज संस्था, ग्राम स्तर पर बुनियादी स्तर पर काम करती है?

  1. ग्राम सभा
  2. ग्राम पंचायत
  3. न्याय पंचायत
  4. यह सभी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IX (अनुच्छेद 243 से 243-O) में पंचायती राज संस्थाओं का उल्लेख है। ग्राम पंचायत, ग्राम स्तर पर कार्य करने वाली निर्वाचित संस्था है, जो ग्राम विकास के लिए उत्तरदायी होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: ग्राम सभा, ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र के भीतर आने वाले गांवों के पंजीकृत मतदाताओं की सभा होती है। न्याय पंचायत, ग्राम पंचायतों के समूह के लिए न्यायिक कार्य कर सकती है, लेकिन यह हर जगह मौजूद नहीं होती और ग्राम पंचायत ग्राम स्तर पर बुनियादी कार्य करती है।
  • गलत विकल्प: ग्राम सभा सर्वोच्च संस्था है, ग्राम पंचायत कार्यकारी संस्था है। न्याय पंचायत का कार्यक्षेत्र व्यापक हो सकता है। बुनियादी स्तर पर कार्य करने वाली निर्वाचित संस्था ‘ग्राम पंचायत’ है।

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा कथन वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) के बारे में सही नहीं है?

  1. यह अनुच्छेद 360 के तहत घोषित किया जा सकता है।
  2. इसे एक बार घोषित किया जा चुका है।
  3. इसके तहत राज्यों के वित्तीय खातों को सुरक्षित रखने के लिए राष्ट्रपति निर्देश दे सकता है।
  4. इसके प्रभाव को संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। इसके तहत, राष्ट्रपति यह घोषणा कर सकता है कि वित्तीय स्थिरता या भारत की साख खतरे में है। घोषणा के बाद, वह राज्यों को वित्तीय औचित्य के उपायों के बारे में ऐसे निर्देश दे सकता है, जिनमें लाभ के पदों को धारण करने वाले व्यक्तियों के वेतन भत्तों में कमी भी शामिल है।
  • संदर्भ और विस्तार: वित्तीय आपातकाल के प्रभाव को संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। यह आपातकाल अब तक केवल एक बार (1991 में भारत के भुगतान संतुलन संकट के दौरान) घोषित किया गया था।
  • गलत विकल्प: (a), (c), और (d) कथन सत्य हैं। (b) कथन असत्य है क्योंकि वित्तीय आपातकाल कभी घोषित नहीं किया गया है।

प्रश्न 11: किस वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है?

  1. बेरूबारी संघवाद, 1960
  2. केशवानंद भारतीवाद, 1973
  3. मेनका गांधीवाद, 1978
  4. गोलकनाथवाद, 1967

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारतीवाद, 1973 के ऐतिहासिक फैसले में, सर्वोच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दी कि प्रस्तावना भारतीय संविधान का एक अभिन्न अंग है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस मामले में, न्यायालय ने यह भी कहा कि प्रस्तावना का वही विधिक प्रभाव है जो संविधान के अन्य भागों का है। इसने ‘मूल संरचना सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) को भी प्रतिपादित किया, जिसके अनुसार संसद प्रस्तावना सहित संविधान के किसी भी भाग को संशोधित कर सकती है, लेकिन उसके मूल ढांचे को नहीं बदल सकती।
  • गलत विकल्प: बेरूबारी संघवाद में कहा गया था कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है। गोलकनाथवाद में कहा गया था कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती। मेनका गांधीवाद ने अनुच्छेद 21 के दायरे का विस्तार किया।

प्रश्न 12: राष्ट्रपति के महाभियोग के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?

  1. महाभियोग का प्रस्ताव केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है।
  2. आरोप का प्रस्ताव सदन के कुल सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित होना चाहिए।
  3. राष्ट्रपति को महाभियोग चलाने के आशय की लिखित सूचना कम से कम 14 दिन पूर्व देनी होगी।
  4. महाभियोग प्रस्ताव पारित होने पर राष्ट्रपति का पद रिक्त हो जाता है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया अनुच्छेद 61 में दी गई है। आरोप का प्रस्ताव किसी भी सदन में प्रस्तुत किया जा सकता है। आरोप पत्र पर सदन के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए और राष्ट्रपति को 14 दिन पूर्व लिखित सूचना देनी होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: जिस सदन में प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाता है, उस सदन के कम से कम दो-तिहाई (2/3) सदस्यों द्वारा संकल्प पारित होने के बाद, प्रस्ताव दूसरे सदन में भेजा जाता है। यदि दूसरा सदन भी कम से कम दो-तिहाई (2/3) बहुमत से प्रस्ताव पारित कर देता है, तो राष्ट्रपति को पद से हटा दिया जाता है।
  • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि प्रस्ताव किसी भी सदन में लाया जा सकता है। (b) गलत है, यह आरोप के प्रस्ताव पर 2/3 बहुमत नहीं, बल्कि 1/4 सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए। आरोप सिद्ध करने का संकल्प 2/3 बहुमत से पारित होना चाहिए, लेकिन वह दूसरे सदन द्वारा किया जाता है। (d) गलत है, महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद ही पद रिक्त होता है, यह एक प्रक्रिया है। (c) सही है, 14 दिन पूर्व सूचना आवश्यक है।

प्रश्न 13: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद अस्पृश्यता (Untouchability) के उन्मूलन और इसके किसी भी रूप में आचरण को निषिद्ध करता है?

  1. अनुच्छेद 15
  2. अनुच्छेद 16
  3. अनुच्छेद 17
  4. अनुच्छेद 18

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 17 प्रत्यक्ष रूप से अस्पृश्यता को समाप्त करता है और इसके किसी भी रूप में आचरण को दंडनीय अपराध घोषित करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: संसद ने अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 पारित किया है, जिसे बाद में नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1976 के रूप में संशोधित और पुनः अधिनियमित किया गया, ताकि अस्पृश्यता के तहत किए गए अपराधों के लिए दंड का प्रावधान किया जा सके।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के मामलों में अवसर की समानता देता है। अनुच्छेद 18 उपाधियों के अंत से संबंधित है।

प्रश्न 14: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council – NDC) के संबंध में कौन सा कथन सत्य है?

  1. यह एक संवैधानिक निकाय है।
  2. इसका अध्यक्ष भारत का राष्ट्रपति होता है।
  3. इसके सदस्यों में केवल केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होते हैं।
  4. यह पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम मंजूरी देती है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक गैर-संवैधानिक (non-constitutional) और गैर-वैधानिक (non-statutory) निकाय है, जिसका गठन 1952 में किया गया था। इसका अध्यक्ष भारत का प्रधानमंत्री होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: NDC में प्रधानमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक शामिल होते हैं। इसका मुख्य कार्य पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देना और राष्ट्रीय विकास से संबंधित नीतियों की समीक्षा करना है।
  • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि यह संवैधानिक नहीं है। (b) गलत है क्योंकि अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है। (c) गलत है क्योंकि इसमें केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री के अलावा अन्य सदस्य भी शामिल हो सकते हैं। (d) इसका मुख्य कार्य पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम मंजूरी देना है।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान के किस भाग में राज्य के नीति निदेशक तत्वों (Directive Principles of State Policy) का वर्णन किया गया है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग IV-A
  4. भाग V

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्वों का उल्लेख भारतीय संविधान के भाग IV (अनुच्छेद 36 से 51) में किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत न्यायोचित नहीं हैं (non-justiciable), जिसका अर्थ है कि इन्हें किसी भी न्यायालय द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता। तथापि, देश के शासन में ये सिद्धांत मौलिक हैं और राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वह कानून बनाते समय इन सिद्धांतों को लागू करे।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।

प्रश्न 16: किसी राज्य के मुख्यमंत्री की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. उस राज्य का राज्यपाल
  3. उस राज्य की विधानसभा के अध्यक्ष
  4. भारत के प्रधानमंत्री

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 164 के अनुसार, किसी राज्य के मुख्यमंत्री की नियुक्ति उस राज्य का राज्यपाल करेगा।
  • संदर्भ और विस्तार: मुख्यमंत्री वह व्यक्ति होता है जिसे राज्य की विधानसभा में बहुमत का विश्वास प्राप्त हो। राज्यपाल उसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री नियुक्त करता है जो विधानसभा में बहुमत दल का नेता हो या बहुमत प्राप्त करने की क्षमता रखता हो।
  • गलत विकल्प: भारत के राष्ट्रपति, विधानसभा के अध्यक्ष या प्रधानमंत्री की नियुक्ति में प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती है।

प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सी दलील (Writ) का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’?

  1. परमादेश (Mandamus)
  2. उत्प्रेषण (Certiorari)
  3. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  4. प्रतिषेध (Prohibition)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’। यह रिट तब जारी की जाती है जब किसी व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया हो।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य हिरासत में रखे गए व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना और हिरासत को विधिपूर्ण ठहराना है। यदि हिरासत अवैध पाई जाती है, तो व्यक्ति को रिहा कर दिया जाता है। यह अनुच्छेद 32 (SC) और 226 (HC) के तहत उपलब्ध है।
  • गलत विकल्प: ‘परमादेश’ का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’ (सार्वजनिक प्राधिकरण को कर्तव्य पालन का आदेश), ‘उत्प्रेषण’ का अर्थ है ‘प्रमाणित होना’ (नीचे की अदालत के आदेश को रद्द करना), और ‘प्रतिषेध’ का अर्थ है ‘रोकना’ (अधिकारिता से बाहर काम करने से रोकना)।

प्रश्न 18: भारतीय संविधान का कौन सा संशोधन शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
  4. 97वां संशोधन अधिनियम, 2011

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 74वां संशोधन अधिनियम, 1992, शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है और संविधान में एक नया भाग IX-A जोड़ा गया है, जिसमें अनुच्छेद 243-P से 243-ZG शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने भारत में शहरी शासन को मजबूत किया और इसे पंचायती राज संस्थाओं के समान दर्जा दिया।
  • गलत विकल्प: 73वां संशोधन पंचायती राज से संबंधित है। 86वां संशोधन शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाता है। 97वां संशोधन सहकारी समितियों से संबंधित है।

प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था भारतीय संविधान की ‘लिखित’ प्रकृति का उल्लंघन करती है?

  1. संघीय सरकार
  2. लोकसभा
  3. राज्यसभा
  4. भारतीय संविधान का संशोधन

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान ‘लिखित’ है, जिसका अर्थ है कि इसके प्रावधान एक ही दस्तावेज में व्यवस्थित रूप से दिए गए हैं। जबकि ‘संशोधन’ (Amendment) की प्रक्रिया का उल्लेख अनुच्छेद 368 में है, संविधान का संशोधन स्वयं ‘लिखित’ होने की प्रकृति का उल्लंघन नहीं करता, बल्कि ‘लचीलापन’ (flexibility) प्रदान करता है। यह प्रश्न थोड़ी भ्रामक हो सकती है, लेकिन ‘संशोधन’ से तात्पर्य है कि मूल लिखित पाठ को बदला जा सकता है, जो इसे थोड़ा लचीला बनाता है, लेकिन यह ‘अ’लिखित (unwritten) नहीं बनाता। ‘लिखित’ संविधान का अर्थ है कि सभी कानून एक जगह संहिताबद्ध हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह प्रश्न संभवतः भारतीय संविधान के ‘कठोर’ (rigid) बनाम ‘लचीले’ (flexible) होने के पहलू को छूने का प्रयास कर रहा है। ब्रिटेन का संविधान अलिखित है, जबकि भारत का लिखित है। भारत का संविधान कठोर और लचीले दोनों का मिश्रण है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), (c) संघीय सरकार, लोकसभा और राज्यसभा संविधान के ‘लिखित’ होने के कारण उसका उल्लंघन नहीं करते, बल्कि वे उसी का हिस्सा हैं। यदि प्रश्न यह पूछ रहा हो कि कौन सी प्रक्रिया संविधान की प्रकृति को बदल सकती है, तो यह संशोधन है। हालांकि, ‘लिखित’ होने का उल्लंघन वह नहीं है। सबसे उचित उत्तर ‘संविधान का संशोधन’ है यदि प्रश्न यह पूछे कि कौन सी प्रक्रिया संविधान को बदल सकती है, अन्यथा यह प्रश्न अपने आप में त्रुटिपूर्ण है। लेकिन दिए गए विकल्पों में, ‘संशोधन’ ही वह प्रक्रिया है जो मूल लिखित पाठ को बदलती है।

प्रश्न 20: लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee – PAC) के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधान मंत्री
  3. लोकसभा अध्यक्ष
  4. राज्यसभा अध्यक्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: लोक लेखा समिति (PAC) संसद की एक समिति है, जो भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्टों की जांच करती है। इसके अध्यक्ष की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: परंपरा के अनुसार, PAC का अध्यक्ष मुख्य रूप से विपक्षी दल का सदस्य होता है। यह समिति सरकारी व्यय की वित्तीय अनुशासन और औचित्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या राज्यसभा अध्यक्ष की PAC के अध्यक्ष की नियुक्ति में प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती है।

प्रश्न 21: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को यह अधिकार है कि वह कोई भी ऐसा कानून बना सकती है जो भाग III में दिए गए मौलिक अधिकारों को लागू कराने के लिए आवश्यक हो?

  1. अनुच्छेद 12
  2. अनुच्छेद 33
  3. अनुच्छेद 34
  4. अनुच्छेद 35

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 35 स्पष्ट रूप से कहता है कि भाग III में उल्लिखित मौलिक अधिकारों को प्रभावी बनाने के लिए कानून बनाने की शक्ति केवल संसद को है।
  • संदर्भ और विस्तार: उदाहरण के लिए, अस्पृश्यता को समाप्त करने (अनुच्छेद 17) या किसी विशेष वर्ग के लिए विशेष प्रावधान करने (अनुच्छेद 15(4)) जैसे मौलिक अधिकारों को लागू करने हेतु आवश्यक कानून बनाने का अधिकार संसद को ही है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 12 ‘राज्य’ को परिभाषित करता है। अनुच्छेद 33 सशस्त्र बलों आदि के सदस्यों के मौलिक अधिकारों को सीमित करने के लिए संसद को शक्ति देता है। अनुच्छेद 34 मार्शल लॉ के समय मौलिक अधिकारों पर निर्बंधन से संबंधित है।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा भारत के उपराष्ट्रपति की पदावधि का विस्तार करता है?

  1. राष्ट्रपति द्वारा जारी किया गया अध्यादेश
  2. सांसदों द्वारा पारित एक प्रस्ताव
  3. उपराष्ट्रपति द्वारा भारत के राष्ट्रपति को संबोधित एक पत्र
  4. राज्यसभा द्वारा पारित एक संकल्प

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 67 के अनुसार, भारत का उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा, किसी भी समय, अपने पद का त्याग कर सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: उपराष्ट्रपति की पदावधि 5 वर्ष होती है, लेकिन वह स्वेच्छा से त्यागपत्र देकर इसे समाप्त कर सकता है। उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए राज्यसभा में संकल्प पारित होता है, जिसे लोकसभा द्वारा भी समर्थित किया जाना चाहिए, लेकिन यह पदावधि का ‘विस्तार’ नहीं है, बल्कि ‘हटाना’ है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति का अध्यादेश या सांसदों का प्रस्ताव उपराष्ट्रपति की पदावधि को प्रभावित नहीं करते। राज्यसभा का संकल्प हटाने की प्रक्रिया शुरू करता है, न कि पदावधि का विस्तार।

प्रश्न 23: भारतीय संविधान के कौन से अनुच्छेद जम्मू और कश्मीर राज्य से संबंधित विशेष प्रावधान करते थे, जिन्हें हाल ही में निरस्त कर दिया गया है?

  1. अनुच्छेद 370 और 371
  2. अनुच्छेद 35A और 370
  3. अनुच्छेद 371A और 371F
  4. अनुच्छेद 370 और 371A

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 370, जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष स्वायत्तता प्रदान करता था। इसी अनुच्छेद के तहत भारत के राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 35A को लागू किया था, जो जम्मू और कश्मीर के स्थायी निवासियों के लिए विशेष अधिकारों और विशेषाधिकारों को परिभाषित करता था। राष्ट्रपति के आदेश द्वारा अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया और इसके साथ ही अनुच्छेद 35A का प्रभाव भी समाप्त हो गया।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 371 के विभिन्न खंड विभिन्न राज्यों को विशेष दर्जा प्रदान करते हैं।
  • गलत विकल्प: केवल अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त किया गया था। अनुच्छेद 371 और इसके खंड अभी भी लागू हैं।

प्रश्न 24: किसी राज्य की विधान परिषद (Legislative Council) के सदस्यों की कुल संख्या कितनी हो सकती है?

  1. उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या का एक-तिहाई से अधिक नहीं।
  2. उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के बराबर।
  3. उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या का आधा।
  4. सदैव 50 सदस्य।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 171(1) के अनुसार, विधान परिषद के सदस्यों की कुल संख्या उस राज्य की विधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या के एक-तिहाई (1/3) से अधिक नहीं होगी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संख्या 40 से कम भी नहीं होगी। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि विधान परिषद, निर्वाचित सदन (विधानसभा) की तुलना में अधिक शक्ति न रखे।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b), (c) और (d) संविधान के प्रावधानों के विपरीत हैं।

प्रश्न 25: भारत में ‘नियोजित विकास’ की अवधारणा किस वर्ष के बजट में पहली बार प्रस्तुत की गई?

  1. 1947
  2. 1950
  3. 1951
  4. 1956

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में पहली पंचवर्षीय योजना 1951 में शुरू हुई थी। इसी वर्ष प्रस्तुत किए गए बजट में पहली बार नियोजित विकास की अवधारणा को प्रमुखता से सामने रखा गया।
  • संदर्भ और विस्तार: पहली पंचवर्षीय योजना (1951-1956) कृषि और संबंधित क्षेत्रों पर केंद्रित थी। नियोजित विकास का अर्थ है कि देश के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक व्यवस्थित योजना बनाना और उसे लागू करना।
  • गलत विकल्प: 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ। 1950 में संविधान लागू हुआ। 1956 में दूसरी पंचवर्षीय योजना शुरू हुई, जिसने औद्योगिक विकास पर जोर दिया।

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