समाजशास्त्र की दैनिक चुनौती: अपने ज्ञान को परखें!
नमस्ते, भावी समाजशास्त्रियों! आज के समाजशास्त्र के दैनिक अभ्यास सत्र में आपका स्वागत है। अपने ज्ञान की गहराई को परखें, अपने अवधारणात्मक स्पष्टता को निखारें, और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता के लिए अपनी तैयारी को एक नया आयाम दें। आइए, आज के 25 प्रश्नों के इस बौद्धिक महासंग्राम में उतरें!
समाजशास्त्र अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: ‘सांस्कृतिक विलंब’ (Cultural Lag) की अवधारणा किसने प्रस्तुत की?
- कार्ल मार्क्स
- मैक्स वेबर
- विलियम एफ. ऑग्बर्न
- एमिल दुर्खीम
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: विलियम एफ. ऑग्बर्न ने ‘सांस्कृतिक विलंब’ की अवधारणा को प्रस्तुत किया। यह उस समय अंतराल को संदर्भित करता है जो एक समाज में भौतिक संस्कृति (जैसे प्रौद्योगिकी) में परिवर्तन और अभौतिक संस्कृति (जैसे सामाजिक मानदंड, मूल्य, विश्वास) में परिवर्तन के बीच उत्पन्न होता है।
- संदर्भ और विस्तार: ऑग्बर्न ने अपनी पुस्तक “Social Change with Respect to Culture and Original Nature” (1922) में इस अवधारणा को स्पष्ट किया। उनका तर्क था कि भौतिक संस्कृति अक्सर अभौतिक संस्कृति की तुलना में तेजी से बदलती है, जिससे सामाजिक समायोजन में कठिनाई और संघर्ष उत्पन्न होता है।
- अincorrect विकल्प: कार्ल मार्क्स वर्ग संघर्ष पर केंद्रित थे, मैक्स वेबर नौकरशाही और तर्कसंगतता पर, और एमिल दुर्खीम सामाजिक एकजुटता और एनोमी पर।
प्रश्न 2: ‘सामाजिक संरचना’ (Social Structure) के सिद्धांत में ‘संरचनात्मक-प्रक्रियावाद’ (Structural-Functionalism) का मुख्य प्रतिपादक कौन है?
- सी. राइट मिल्स
- टैल्कॉट पार्सन्स
- इर्विंग गॉफमैन
- हरबर्ट मीड
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: टैल्कॉट पार्सन्स संरचनात्मक-प्रक्रियावाद के प्रमुख प्रस्तावक माने जाते हैं। यह उपागम समाज को एक जटिल प्रणाली के रूप में देखता है, जिसके विभिन्न अंग (संरचनाएं) एक साथ कार्य करके समाज को बनाए रखते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: पार्सन्स ने अपने AGIL मॉडल (Adaptation, Goal Attainment, Integration, Latency) के माध्यम से सामाजिक व्यवस्था के चार प्रमुख प्रकार्यों की व्याख्या की, जो किसी भी सामाजिक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक हैं।
- अincorrect विकल्प: सी. राइट मिल्स ने ‘शक्ति अभिजात’ (Power Elite) की अवधारणा दी, इर्विंग गॉफमैन ने ‘नाटकीय उपागम’ (Dramaturgy) विकसित किया, और हरबर्ट मीड ने ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद’ (Symbolic Interactionism) में योगदान दिया।
प्रश्न 3: भारतीय समाजशास्त्र में ‘संस्कृतिकरण’ (Sanskritization) की अवधारणा किसने दी?
- श्रीनिवास
- एन. के. बोस
- इरावती कर्वे
- योगेन्द्र सिंह
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: एम.एन. श्रीनिवास ने ‘संस्कृतिकरण’ की अवधारणा को प्रतिपादित किया। यह एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा निम्न जातियाँ या जनजातियाँ उच्च जातियों के रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और विश्वासों को अपनाकर अपनी सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाने का प्रयास करती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा श्रीनिवास की पुस्तक “Religion and Society Among the Coorgs of South India” में प्रमुखता से आई। संस्कृतिकरण सांस्कृतिक गतिशीलता का एक रूप है, न कि संरचनात्मक गतिशीलता का।
- अincorrect विकल्प: एन. के. बोस ने ‘पश्चिमीकरण’ (Westernization) पर काम किया, इरावती कर्वे ने भारतीय समाज और नातेदारी पर गहन अध्ययन किया, और योगेन्द्र सिंह ने भारतीय समाज में परिवर्तन और आधुनिकीकरण पर महत्वपूर्ण कार्य किया।
प्रश्न 4: ‘वर्ग संघर्ष’ (Class Struggle) किस समाजशास्त्री के चिंतन का केंद्रीय तत्व है?
- मैक्स वेबर
- एमिल दुर्खीम
- ऑगस्ट कॉम्ते
- कार्ल मार्क्स
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: कार्ल मार्क्स के अनुसार, इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास रहा है। उन्होंने पूंजीवादी समाज में बुर्जुआ (पूंजीपति वर्ग) और सर्वहारा (श्रमिक वर्ग) के बीच अंतर्निहित संघर्ष पर बल दिया।
- संदर्भ और विस्तार: मार्क्स का मानना था कि यह वर्ग संघर्ष अंततः सर्वहारा क्रांति की ओर ले जाएगा, जिससे एक वर्गविहीन समाज की स्थापना होगी। उनकी प्रमुख कृति ‘दास कैपिटल’ है।
- अincorrect विकल्प: वेबर ने शक्ति और स्थिति के अन्य आधारों पर भी जोर दिया, दुर्खीम ने सामाजिक एकजुटता और कार्यविभाजन पर, और कॉम्ते ने प्रत्यक्षवाद (Positivism) का प्रतिपादन किया।
प्रश्न 5: ‘एनोमी’ (Anomie) या ‘सुनीता’ की अवधारणा किस समाजशास्त्री से जुड़ी है?
- हरबर्ट स्पेंसर
- रॉबर्ट मैर्टन
- एमिल दुर्खीम
- जॉर्ज सिमेल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: एमिल दुर्खीम ने ‘एनोमी’ की अवधारणा का प्रयोग उस स्थिति का वर्णन करने के लिए किया जब समाज में सामाजिक मानदंडों का क्षरण हो जाता है और व्यक्ति को दिशाहीनता का अनुभव होता है।
- संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने अपनी पुस्तकों ‘The Division of Labour in Society’ और ‘Suicide’ में इस अवधारणा का विस्तार से वर्णन किया है। उनके अनुसार, यह सामाजिक व्यवस्था में अचानक आए परिवर्तनों के कारण उत्पन्न हो सकती है।
- अincorrect विकल्प: स्पेंसर ने सामाजिक डार्विनवाद, मैर्टन ने विचलन के प्रकार (जैसे नवाचार, अनुष्ठानवाद) और सिमेल ने सामाजिक स्वरूपों पर काम किया।
प्रश्न 6: ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद’ (Symbolic Interactionism) का विकास मुख्य रूप से किन विचारकों से जुड़ा है?
- कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स
- एमिल दुर्खीम और मैक्स वेबर
- जॉर्ज हर्बर्ट मीड और चार्ल्स कूली
- टोनीस और सिमेल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: जॉर्ज हर्बर्ट मीड को प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद का जनक माना जाता है, हालांकि चार्ल्स कूली ने ‘looking-glass self’ (आईने जैसा स्व) की अवधारणा के माध्यम से इसके विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत इस बात पर केंद्रित है कि व्यक्ति प्रतीकों (जैसे भाषा, हावभाव) के माध्यम से एक-दूसरे के साथ कैसे बातचीत करते हैं और कैसे यह अंतःक्रिया वास्तविकता का निर्माण करती है। मीड ने ‘I’ और ‘Me’ के माध्यम से स्वयं के विकास की व्याख्या की।
- अincorrect विकल्प: अन्य विकल्प क्रमशः मार्क्सवादी, शास्त्रीय समाजशास्त्र और प्रारंभिक जर्मन समाजशास्त्र से जुड़े हैं।
प्रश्न 7: ‘गिल्ड’ (Guild) या ‘श्रेणी’ जैसी संस्थाएँ किस प्रकार के समाज की विशेषता हैं?
- आदिम समाज
- सामंतवादी समाज
- औद्योगिक समाज
- पारंपरिक या पूर्व-औद्योगिक समाज (जैसे मध्ययुगीन यूरोप)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गिल्ड या श्रेणियाँ मध्ययुगीन यूरोप जैसे पारंपरिक या पूर्व-औद्योगिक समाजों की विशेषता थीं। ये विशिष्ट व्यवसायों या शिल्पों के श्रमिकों के संगठन थे जो अपने सदस्यों के हितों की रक्षा करते थे।
- संदर्भ और विस्तार: गिल्ड गुणवत्ता नियंत्रण, प्रशिक्षण (जैसे प्रशिक्षुता), मूल्य निर्धारण और प्रतिस्पर्धा को विनियमित करते थे। ये समाजों में सामाजिक और आर्थिक संगठन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे।
- अincorrect विकल्प: आदिम समाज में कबीले होते हैं, सामंतवादी समाज में जागीरदारी व्यवस्था होती है, और औद्योगिक समाज में श्रमिक संघ (Trade Unions) और निगम (Corporations) प्रमुख होते हैं।
प्रश्न 8: ‘सामाजिक गतिशीलता’ (Social Mobility) का अर्थ है:
- लोगों का एक समूह से दूसरे समूह में संक्रमण
- लोगों की सामाजिक स्थिति में परिवर्तन
- लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर भौगोलिक स्थानांतरण
- किसी समाज में सामाजिक वर्गों की व्यवस्था
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सामाजिक गतिशीलता से तात्पर्य किसी व्यक्ति या समूह की एक सामाजिक स्थिति से दूसरी सामाजिक स्थिति में जाने की प्रक्रिया से है, जो समय के साथ ऊर्ध्वाधर (ऊपर या नीचे) या क्षैतिज (समान स्तर पर) हो सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह समाज में व्यक्तियों की गति की संभावना और पैटर्न का अध्ययन है, और यह सामाजिक स्तरीकरण (Social Stratification) का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
- अincorrect विकल्प: (a) लोगों का एक समूह से दूसरे समूह में संक्रमण क्षैतिज गतिशीलता का हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह गतिशीलता का पूर्ण अर्थ नहीं है। (c) भौगोलिक स्थानांतरण (Migration) सामाजिक गतिशीलता का एक कारण हो सकता है, लेकिन यह स्वयं सामाजिक गतिशीलता नहीं है। (d) सामाजिक वर्गों की व्यवस्था स्तरीकरण है, गतिशीलता नहीं।
प्रश्न 9: ‘आधुनिकीकरण’ (Modernization) की प्रक्रिया को किन कारकों से जोड़ा जाता है?
- तर्कसंगतता, औद्योगिकीकरण और शहरीकरण
- परंपरा, अंधविश्वास और कृषिकीकरण
- सामंतवाद, जाति व्यवस्था और ग्रामीणता
- आदिमवाद, जनजातीयता और खानाबदोशी
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: आधुनिकीकरण एक व्यापक प्रक्रिया है जिसमें तर्कसंगतता (Rationality), औद्योगिकीकरण (Industrialization), शहरीकरण (Urbanization), लोकतंत्रीकरण (Democratization) और शिक्षा का प्रसार जैसे तत्व शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह पारंपरिक समाजों से औद्योगिक और उत्तर-औद्योगिक समाजों में परिवर्तन को दर्शाता है, जहाँ वैज्ञानिक सोच, तकनीकी प्रगति और सामाजिक व्यवस्था में बदलाव प्रमुख होते हैं।
- अincorrect विकल्प: अन्य विकल्प पारंपरिक या आदिम समाजों की विशेषताओं से जुड़े हैं, जो आधुनिकीकरण के विपरीत हैं।
प्रश्न 10: ‘परिवार’ (Family) को समाज की ‘मौलिक इकाई’ (Basic Unit) के रूप में कौन सा सिद्धांत मानता है?
- मार्क्सवाद
- संरचनात्मक-प्रक्रियावाद
- प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद
- नारीवाद
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: संरचनात्मक-प्रक्रियावादी दृष्टिकोण, विशेष रूप से टैल्कॉट पार्सन्स जैसे समाजशास्त्रियों ने, परिवार को समाज की एक मौलिक इकाई के रूप में देखा जो सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- संदर्भ और विस्तार: पार्सन्स के अनुसार, परिवार बच्चों का समाजीकरण (Socialization) और सदस्यों की भावनात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति जैसे प्राथमिक कार्य करता है, जो समाज की निरंतरता के लिए आवश्यक हैं।
- अincorrect विकल्प: मार्क्सवाद परिवार को पूंजीवादी व्यवस्था की एक संस्था के रूप में देखता है जो संपत्ति के हस्तांतरण और पितृसत्ता को बनाए रखती है। प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद परिवार के भीतर व्यक्तिगत अंतःक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करता है, और नारीवाद परिवार में लैंगिक असमानताओं की आलोचना करता है।
प्रश्न 11: ‘सप्तपदी’ (Saptapadi) किस सामाजिक संस्थान से संबंधित एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है?
- शिक्षा
- धर्म
- विवाह
- राजनीति
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सप्तपदी हिंदू विवाह का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसमें दूल्हा-दुल्हन अग्नि के चारों ओर सात फेरे लेते हैं और प्रत्येक फेरे में एक विशेष प्रतिज्ञा करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इसे विवाह को पूर्ण और अकाट्य मानने का प्रतीक माना जाता है। यह विवाह संस्था के माध्यम से परिवार और समाज के स्थायी बंधन को दर्शाता है।
- अincorrect विकल्प: शिक्षा, धर्म (अन्य अनुष्ठान हो सकते हैं) और राजनीति में ऐसे विशिष्ट अनुष्ठान नहीं होते जो विवाह के समान अर्थ रखते हों।
प्रश्न 12: ‘जाति व्यवस्था’ (Caste System) की एक प्रमुख विशेषता ‘अंतर्विवाह’ (Endogamy) है, जिसका अर्थ है:
- किसी भी जाति के व्यक्ति आपस में विवाह कर सकते हैं।
- विवाह केवल अपनी ही जाति के भीतर अनुमत है।
- विवाह किसी भी उच्च जाति में किया जा सकता है।
- विवाह केवल अंतर-जातीय ही हो सकता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: जाति व्यवस्था की मुख्य विशेषताओं में से एक अंतर्विवाह है, जिसका अर्थ है कि किसी व्यक्ति को अपनी ही जाति, उप-जाति या कुल (Lineage) के भीतर विवाह करना चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था जाति की शुद्धता बनाए रखने और सामाजिक स्तरीकरण को सुदृढ़ करने का एक तरीका है। यह बहिर्विवाह (Exogamy) के विपरीत है, जहाँ विवाह समूह के बाहर किया जाता है।
- अincorrect विकल्प: अन्य विकल्प जाति व्यवस्था की कठोर प्रकृति के विपरीत हैं।
प्रश्न 13: ‘धर्म’ (Religion) को ‘जनता के लिए अफीम’ (Opium of the people) किसने कहा?
- मैक्स वेबर
- एमिल दुर्खीम
- कार्ल मार्क्स
- सिगमंड फ्रायड
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: कार्ल मार्क्स ने धर्म को ‘जनता के लिए अफीम’ कहा। उनका मानना था कि धर्म लोगों को उनकी वास्तविक दुनिया की समस्याओं (जैसे गरीबी और शोषण) से विचलित करता है और उन्हें झूठी आशा प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: मार्क्स के अनुसार, धर्म दमनकारी वर्गों द्वारा श्रमिकों को शांत रखने और उनकी शोषक परिस्थितियों को स्वीकार करने के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग किया जाता है।
- अincorrect विकल्प: वेबर ने धर्म और पूंजीवाद के बीच संबंध का अध्ययन किया, दुर्खीम ने धर्म को सामाजिक एकजुटता का स्रोत माना, और फ्रायड ने धर्म को एक भ्रम (Illusion) के रूप में देखा।
प्रश्न 14: ‘आदिम समाज’ (Primitive Society) के अध्ययन में ‘संरचनात्मक-प्रक्रियावाद’ के किस प्रकार का प्रयोग किया गया?
- प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद
- नृवंशविज्ञान (Ethnography)
- प्रत्यक्षवाद
- आत्मसातकरण (Assimilation)
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: आदिम समाजों के अध्ययन में ‘नृवंशविज्ञान’ (Ethnography) का प्रयोग किया गया, जिसमें मानवशास्त्री (Anthropologists) और समाजशास्त्री (Sociologists) इन समाजों में लंबे समय तक रहकर उनके रीति-रिवाजों, विश्वासों और सामाजिक संरचनाओं का प्रत्यक्ष अवलोकन करते थे।
- संदर्भ और विस्तार: ब्रॉनिस्लॉ मैलिनोव्स्की और ए.आर. रेडक्लिफ-ब्राउन जैसे विद्वानों ने इस पद्धति का उपयोग करके ‘प्रकार्यवाद’ (Functionalism) को विकसित किया, जो यह देखता है कि समाज के विभिन्न अंग (संस्थाएं) समाज को कैसे बनाए रखने में योगदान करते हैं।
- अincorrect विकल्प: प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद व्यक्तिगत अंतःक्रियाओं पर केंद्रित है। प्रत्यक्षवाद वैज्ञानिक तरीकों पर जोर देता है, और आत्मसातकरण अल्पसंख्यकों द्वारा बहुसंख्यक संस्कृति को अपनाने की प्रक्रिया है।
प्रश्न 15: ‘समान्यकरण’ (Generalization) और ‘सिद्धांत’ (Theory) के निर्माण में किस शोध पद्धति का महत्व है?
- केस स्टडी (Case Study)
- साक्षात्कार (Interview)
- सर्वेक्षण (Survey)
- नृवंशविज्ञान
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सर्वेक्षण (Survey) अनुसंधान पद्धति बड़े जनसमूहों से डेटा एकत्र करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे समाजशास्त्री सामान्यीकरण (Generalizations) करने और सामाजिक घटनाओं के बारे में सिद्धांत (Theories) विकसित करने में सक्षम होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: सर्वेक्षणों में प्रश्नावली या संरचित साक्षात्कारों का उपयोग करके बड़ी संख्या में लोगों के विचारों, व्यवहारों और विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है, जिससे पैटर्न और रुझानों की पहचान की जा सके।
- अincorrect विकल्प: केस स्टडी एक व्यक्ति या छोटी घटना का गहरा विश्लेषण है, साक्षात्कार व्यक्तिगत जानकारी के लिए है, और नृवंशविज्ञान गहन सांस्कृतिक समझ के लिए है; ये सभी उपयोगी हैं लेकिन बड़े पैमाने पर सामान्यीकरण के लिए सर्वेक्षण अधिक उपयुक्त है।
प्रश्न 16: ‘लोकप्रिय संस्कृति’ (Popular Culture) को अक्सर ‘उपभोक्तावाद’ (Consumerism) और ‘मानकीकरण’ (Standardization) से कैसे जोड़ा जाता है?
- यह स्थानीय परंपराओं को बढ़ावा देती है।
- यह सांस्कृतिक विविधता को बढ़ाती है।
- यह बड़े पैमाने पर उत्पादन और उपभोग के माध्यम से सांस्कृतिक एकरूपता लाती है।
- यह सामाजिक गतिशीलता को बाधित करती है।
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लोकप्रिय संस्कृति, विशेष रूप से आधुनिक समाजों में, अक्सर बड़े पैमाने पर मीडिया, विज्ञापन और वाणिज्यिक हितों द्वारा संचालित होती है। यह सांस्कृतिक उत्पादों को मानकीकृत करती है और लोगों को अधिक उपभोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे सांस्कृतिक एकरूपता बढ़ती है।
- संदर्भ और विस्तार: इसे अक्सर ‘सांस्कृतिक उद्योग’ (Cultural Industry) के रूप में भी देखा जाता है, जहाँ संस्कृति को लाभ कमाने के लिए उत्पादित किया जाता है।
- अincorrect विकल्प: लोकप्रिय संस्कृति अक्सर स्थानीय परंपराओं को कम करती है और सांस्कृतिक विविधता को सीमित करती है, हालांकि यह सामाजिक गतिशीलता को सीधे तौर पर बाधित या प्रोत्साहित नहीं करती।
प्रश्न 17: ‘सामाजिक विघटन’ (Social Disorganization) का सिद्धांत, जिसने अपराध दर में वृद्धि को शहरीकरण और आप्रवासन से जोड़ा, किस शहर में विकसित हुआ?
- लंदन
- न्यूयॉर्क
- शिकागो
- पेरिस
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘शिकागो स्कूल’ (Chicago School) के समाजशास्त्रियों ने सामाजिक विघटन के सिद्धांत को विकसित किया। उन्होंने शिकागो शहर में तीव्र शहरीकरण, आप्रवासन और सामाजिक परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करके यह दर्शाया कि कैसे ये कारक अपराध और अन्य सामाजिक समस्याओं को जन्म देते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: रॉबर्ट पार्क, अर्नेस्ट बर्गेस जैसे विद्वानों ने ‘सामुदायिक अध्ययन’ (Community Studies) के माध्यम से यह दिखाया कि कैसे शहर के विभिन्न क्षेत्र (जैसे केंद्रीय व्यापार जिला, श्रमिक वर्ग की बस्तियाँ) अपनी विशिष्ट सामाजिक समस्याओं से जुड़े होते हैं।
- अincorrect विकल्प: अन्य शहर प्रमुख शहरी केंद्र हैं, लेकिन शिकागो स्कूल इस विशिष्ट सिद्धांत के विकास का केंद्र था।
प्रश्न 18: ‘भूमंडलीकरण’ (Globalization) का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- यह राष्ट्रीय संस्कृतियों को मजबूत करता है।
- यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान और एकीकरण को बढ़ाता है।
- यह स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को संरक्षित करता है।
- यह सामाजिक असमानताओं को कम करता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भूमंडलीकरण दुनिया भर के देशों और लोगों के बीच बढ़ते सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को संदर्भित करता है। इसका एक प्रमुख प्रभाव सांस्कृतिक आदान-प्रदान और एकीकरण में वृद्धि है।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रौद्योगिकी, संचार, व्यापार और प्रवास के माध्यम से संभव हुआ है, जिससे विचारों, उत्पादों और जीवन शैलियों का वैश्विक प्रसार होता है। हालाँकि, इसके नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं, जैसे सांस्कृतिक साम्राज्यवाद।
- अincorrect विकल्प: भूमंडलीकरण अक्सर राष्ट्रीय संस्कृतियों को चुनौती देता है, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं पर मिश्रित प्रभाव डालता है, और असमानताओं को बढ़ा भी सकता है।
प्रश्न 19: ‘उत्तर-औद्योगिक समाज’ (Post-Industrial Society) की अवधारणा का मुख्य प्रतिपादक कौन है?
- कार्ल मार्क्स
- मैक्स वेबर
- डेनियल बेल
- एन्थनी गिडेन्स
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: डेनियल बेल ने ‘उत्तर-औद्योगिक समाज’ की अवधारणा विकसित की। यह उस समाज को दर्शाता है जहाँ उत्पादन मुख्य रूप से वस्तुओं से हटकर सूचना, ज्ञान और सेवाओं पर आधारित होता है।
- संदर्भ और विस्तार: बेल के अनुसार, ज्ञान और सूचना ‘संगठनात्मक सिद्धांत’ (Organizing Principle) बन जाते हैं, और पेशेवर और तकनीकी वर्ग प्रमुख हो जाता है। उनकी पुस्तक “The Coming of Post-Industrial Society” (1973) इस विषय पर मौलिक है।
- अincorrect विकल्प: मार्क्स ने औद्योगिक समाज की आलोचना की, वेबर ने नौकरशाही और तर्कसंगतता पर ध्यान केंद्रित किया, और गिडेन्स ने आधुनिकीकरण के आधुनिक सिद्धांत विकसित किए।
प्रश्न 20: ‘नागरिक समाज’ (Civil Society) से क्या तात्पर्य है?
- राज्य और बाजार के बीच का क्षेत्र, जिसमें स्वैच्छिक संगठन, संघ और समुदाय शामिल हैं।
- केवल सरकारी संस्थाओं का समूह।
- सेना और पुलिस जैसे बल।
- व्यक्तिगत घरों और परिवारों का समूह।
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: नागरिक समाज को अक्सर राज्य (सरकार) और बाजार (निजी व्यवसाय) से अलग एक क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया जाता है। इसमें वे सभी स्वैच्छिक संगठन, समूह और संस्थाएँ शामिल होती हैं जो सार्वजनिक जीवन में भाग लेती हैं और सामूहिक हितों की रक्षा करती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें गैर-सरकारी संगठन (NGOs), सामुदायिक समूह, धार्मिक संगठन, पेशेवर संघ, और सामाजिक आंदोलन शामिल हो सकते हैं। यह लोकतंत्र और सार्वजनिक जवाबदेही के लिए महत्वपूर्ण है।
- अincorrect विकल्प: (b), (c), और (d) नागरिक समाज की परिभाषा के दायरे से बाहर हैं।
प्रश्न 21: ‘सामाजिक पूंजी’ (Social Capital) की अवधारणा किसके द्वारा विकसित की गई?
- पियरे बोरदियू
- जेम्स कॉलमैन
- रॉबर्ट पुटनम
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सामाजिक पूंजी की अवधारणा कई समाजशास्त्रियों द्वारा विकसित की गई है, जिनमें पियरे बोरदियू, जेम्स कॉलमैन और रॉबर्ट पुटनम प्रमुख हैं। प्रत्येक ने इसके विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला है।
- संदर्भ और विस्तार: बोरदियू ने इसे नेटवर्क और उनसे प्राप्त लाभों के रूप में देखा, कॉलमैन ने इसे सामाजिक संरचनाओं (जैसे परिवार, समुदाय) से उत्पन्न होने वाले संसाधनों के रूप में परिभाषित किया जो व्यक्तियों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं, और पुटनम ने इसे नागरिक जुड़ाव और सामुदायिक विश्वास से जोड़ा।
- अincorrect विकल्प: चूंकि तीनों ने इस अवधारणा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, इसलिए ‘उपरोक्त सभी’ सही उत्तर है।
प्रश्न 22: ‘सामाजिक नवाचार’ (Social Innovation) से क्या तात्पर्य है?
- एक नई तकनीक का आविष्कार
- समाज में किसी समस्या के समाधान के लिए नए तरीके और रणनीतियाँ, जिनमें सामाजिक संबंध और सहयोग शामिल हैं।
- केवल सरकार द्वारा शुरू की गई नीतियाँ।
- वैज्ञानिक अनुसंधान का नया क्षेत्र।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सामाजिक नवाचार से तात्पर्य समाज की किसी विशेष आवश्यकता को पूरा करने के लिए नए समाधान खोजना है। ये समाधान अक्सर नए सामाजिक संबंध, सहयोग या सामुदायिक प्रयास पर आधारित होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें सामाजिक उद्यम, सामुदायिक विकास पहल, या सामाजिक समस्याओं को दूर करने के लिए नए दृष्टिकोण शामिल हो सकते हैं। यह केवल तकनीकी नवाचार से भिन्न है क्योंकि इसका मुख्य ध्यान सामाजिक परिणाम पर होता है।
- अincorrect विकल्प: (a) तकनीकी नवाचार एक हिस्सा हो सकता है, लेकिन हमेशा सामाजिक नवाचार नहीं। (c) सरकारें सामाजिक नवाचार कर सकती हैं, लेकिन यह केवल सरकारों तक सीमित नहीं है। (d) वैज्ञानिक अनुसंधान का क्षेत्र ज्ञान बढ़ाता है, पर सीधे सामाजिक समस्या का समाधान नहीं।
प्रश्न 23: ‘इरविन गॉफमैन’ (Erving Goffman) का ‘नाटकीय उपागम’ (Dramaturgical Approach) किस प्रकार की सामाजिक अंतःक्रिया का अध्ययन करता है?
- व्यक्ति और समाज के बीच संबंध
- समाजशास्त्र अनुसंधान के तरीके
- दैनिक जीवन में स्वयं की प्रस्तुति और दूसरों के साथ सामाजिक व्यवहार
- सांस्कृतिक परिवर्तन की प्रक्रिया
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: इरविन गॉफमैन के नाटकीय उपागम (या नाटकीयता) के अनुसार, लोग मंच पर अभिनेताओं की तरह होते हैं, जो दूसरों के सामने अपने ‘स्वयं’ (Self) को एक विशेष तरीके से प्रस्तुत करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: उनकी पुस्तक “The Presentation of Self in Everyday Life” (1959) में, उन्होंने ‘सामने का पर्दा’ (Front Stage) और ‘पर्दे के पीछे’ (Back Stage) जैसी अवधारणाओं का उपयोग करके बताया कि कैसे लोग सामाजिक अपेक्षाओं के अनुसार अपनी भूमिकाएँ निभाते हैं और अपने कार्यों का प्रबंधन करते हैं।
- अincorrect विकल्प: अन्य विकल्प गॉफमैन के काम के प्रत्यक्ष फोकस नहीं थे, हालांकि उनकी अवधारणाएँ अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित हो सकती हैं।
प्रश्न 24: ‘दलित’ (Dalit) शब्द का प्रयोग भारतीय समाज में किन सामाजिक समूहों के लिए किया जाता है?
- उच्च ब्राह्मण जातियाँ
- भूमिहार और राजपूत
- जिन्हें ऐतिहासिक रूप से ‘अछूत’ माना जाता था
- जनजातीय समुदाय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘दलित’ शब्द का प्रयोग उन भारतीय सामाजिक समूहों के लिए किया जाता है जिन्हें ऐतिहासिक रूप से जाति व्यवस्था में सबसे नीचे रखा गया था और जिन्हें ‘अछूत’ माना जाता था। इस शब्द का अर्थ ‘दबाया हुआ’ या ‘कुचला हुआ’ है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शब्द आत्म-पहचान का प्रतीक बन गया है, जो जातिगत उत्पीड़न के खिलाफ प्रतिरोध और गरिमा की पुनर्प्राप्ति का प्रतिनिधित्व करता है। डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने इस समुदाय के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- अincorrect विकल्प: अन्य विकल्प दलितों के ऐतिहासिक सामाजिक स्थिति को नहीं दर्शाते हैं।
प्रश्न 25: ‘सामाजिक मानदंड’ (Social Norms) का उल्लंघन करने पर समाज आमतौर पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करता है?
- प्रोत्साहन और पुरस्कार
- सामाजिक नियंत्रण और दंड (जैसे आलोचना, जुर्माना, या कारावास)
- उदासीनता और उपेक्षा
- सहानुभूति और सहायता
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सामाजिक मानदंडों का उल्लंघन करने पर समाज की सामान्य प्रतिक्रिया में सामाजिक नियंत्रण तंत्र सक्रिय होते हैं, जो उल्लंघन के प्रकार और गंभीरता के आधार पर दंड (जैसे आलोचना, जुर्माना, सामाजिक बहिष्कार, या कानूनी सज़ा) के रूप में हो सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये दंड न केवल उल्लंघनकर्ता को रोकने के लिए होते हैं, बल्कि दूसरों को भी मानदंडों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यह समाज में व्यवस्था और पूर्वानुमानशीलता बनाए रखने में मदद करता है।
- अincorrect विकल्प: (a) उल्लंघन के लिए प्रोत्साहन नहीं मिलता। (c) और (d) केवल असाधारण परिस्थितियों में हो सकते हैं, लेकिन सामान्य प्रतिक्रिया दंड ही होती है।