इतिहास के महारथी: दैनिक ज्ञानवर्धक परीक्षा
समय की गहराइयों में गोता लगाएँ और अपने ऐतिहासिक ज्ञान की धार तेज करें! आज का यह विशेष अभ्यास सत्र आपको प्राचीन भारत की सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर आधुनिक भारत के स्वतंत्रता संग्राम और विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं तक ले जाएगा। अपनी तैयारी को परखें और हर प्रश्न के साथ अपनी समझ को और भी मजबूत करें।
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा सिंधु घाटी सभ्यता का स्थल वर्तमान भारत में स्थित नहीं है?
- लोथल
- हड़प्पा
- कालीबंगा
- धौलावीरा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: हड़प्पा, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल, वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी नदी के तट पर स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: हड़प्पा वह स्थल है जिसके नाम पर इस सभ्यता को “हड़प्पा सभ्यता” भी कहा जाता है। इसकी खोज 1921 में दयाराम साहनी ने की थी। लोथल (गुजरात), कालीबंगा (राजस्थान), और धौलावीरा (गुजरात) वर्तमान भारत में स्थित प्रमुख सिंधु घाटी सभ्यता के स्थल हैं।
- गलत विकल्प: लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था, कालीबंगा भूकंपीय साक्ष्य के लिए जाना जाता है, और धौलावीरा यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है; ये सभी वर्तमान भारत में हैं।
प्रश्न 2: मौर्य वंश का संस्थापक कौन था?
- अशोक
- बिन्दुसार
- चंद्रगुप्त मौर्य
- बृहद्रथ
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में नंद वंश के अंतिम शासक धनानंद को हराकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त मौर्य को अक्सर भारतीय इतिहास में एक एकीकृत साम्राज्य स्थापित करने वाले पहले शासकों में गिना जाता है। उन्होंने चाणक्य (कौटिल्य) की सहायता से मगध में सत्ता हासिल की और एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया।
- गलत विकल्प: अशोक चंद्रगुप्त मौर्य का पौत्र था और मौर्य वंश का एक महान शासक था। बिन्दुसार चंद्रगुप्त मौर्य का पुत्र था, और बृहद्रथ मौर्य वंश का अंतिम शासक था।
प्रश्न 3: ‘अष्टध्यायी’ नामक प्रसिद्ध ग्रंथ के लेखक कौन हैं?
- पाणिनि
- पतंजलि
- कालिदास
- वाल्मीकि
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘अष्टध्यायी’ एक संस्कृत व्याकरण पर आधारित प्राचीन ग्रंथ है, जिसके लेखक महर्षि पाणिनि हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ प्राचीन भारत में भाषा विज्ञान और व्याकरण के अध्ययन के लिए एक मौलिक रचना मानी जाती है। इसे लगभग 5वीं से 4वीं शताब्दी ईसा पूर्व के बीच लिखा गया था।
- गलत विकल्प: पतंजलि ने ‘महाभाष्य’ लिखा, जो पाणिनि के ‘अष्टध्यायी’ पर एक टीका है। कालिदास एक महान कवि और नाटककार थे, और वाल्मीकि ने ‘रामायण’ की रचना की।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहे जाने का प्रमुख कारण नहीं है?
- कला और साहित्य का उत्कृष्ट विकास
- वैज्ञानिक और गणितीय प्रगति
- भारतीय उपमहाद्वीप का राजनीतिक एकीकरण
- विदेशों के साथ व्यापार का व्यापक विस्तार
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य, विज्ञान (विशेषकर गणित और खगोल विज्ञान), और वास्तुकला में अभूतपूर्व प्रगति हुई। हालाँकि, गुप्त साम्राज्य ने एक विशाल क्षेत्र पर शासन किया, लेकिन इसने संपूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप का पूर्ण राजनीतिक एकीकरण नहीं किया था, जो बाद के साम्राज्यों (जैसे मौर्य) की तुलना में कम था।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त के साम्राज्य विस्तार के बावजूद, कई क्षेत्र (जैसे दक्षिण भारत के कुछ भाग) प्रत्यक्ष गुप्त शासन के अधीन नहीं थे। कला में अजंता की गुफाएँ, साहित्य में कालिदास की रचनाएँ, और विज्ञान में आर्यभट्ट का योगदान इस काल की महान उपलब्धियाँ हैं।
- गलत विकल्प: कला, साहित्य, विज्ञान और व्यापार में प्रगति इस उपाधि के मुख्य कारण थे, जबकि पूर्ण राजनीतिक एकीकरण इसका प्राथमिक कारण नहीं था।
प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक नए कृषि विभाग की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- गयासुद्दीन तुगलक
- मोहम्मद बिन तुगलक
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मोहम्मद बिन तुगलक (एमबीटी) ने 1325-1351 के बीच शासन किया और कृषि को बढ़ावा देने के लिए ‘दीवान-ए-अमीर कोही’ नामक एक विभाग की स्थापना की।
- संदर्भ और विस्तार: इस विभाग का मुख्य उद्देश्य कृषि का विस्तार करना, भूमि की उत्पादकता बढ़ाना और किसानों को सहायता प्रदान करना था। एमबीटी ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि उसे अपने राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार की आवश्यकता महसूस हुई थी, और कृषि उस समय अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार थी।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (40 अमीरों का समूह) का गठन किया। गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलक वंश की नींव रखी। फिरोजशाह तुगलक ने नहरों का निर्माण और सार्वजनिक निर्माण विभाग की स्थापना की।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसने ‘कृष्णदेवराय’ के नाम से शासन किया?
- देवराय प्रथम
- देवराय द्वितीय
- कृष्णदेवराय
- राम राय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529) विजयनगर साम्राज्य के तुलुव वंश के सबसे महान शासक थे।
- संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेवराय एक कुशल प्रशासक, सेनापति और कला, साहित्य तथा वास्तुकला के संरक्षक थे। उनके शासनकाल को विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण युद्ध जीते और साम्राज्य का विस्तार किया। उन्होंने तेलुगु साहित्य को भी बहुत संरक्षण दिया और स्वयं एक विद्वान थे।
- गलत विकल्प: देवराय प्रथम और द्वितीय भी महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन कृष्णदेवराय की प्रसिद्धि और उपलब्धियाँ उनसे कहीं अधिक थीं। राम राय एक बाद के शासक थे जो तालीकोटा के युद्ध (1565) में विजयनगर की हार के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 7: ‘बंदोबस्त’ प्रणाली, जो भूमि राजस्व से संबंधित थी, भारत में किसके द्वारा शुरू की गई थी?
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कार्नवालिस
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: लॉर्ड कार्नवालिस ने 1793 में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) की शुरुआत की।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रणाली बंगाल, बिहार, उड़ीसा और मद्रास के कुछ हिस्सों में लागू की गई थी। इसके तहत, जमींदारों को जमीन का मालिक बना दिया गया और उनसे कहा गया कि वे सरकार को एक निश्चित राजस्व राशि दें, जिसे स्थायी रूप से तय कर दिया गया था। यह भारत में ब्रिटिश राजस्व प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
- गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेजली ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था। लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए प्रसिद्ध हैं।
प्रश्न 8: 1857 के विद्रोह के संबंध में, निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?
- इस विद्रोह का तात्कालिक कारण ‘एनफील्ड राइफल’ में इस्तेमाल होने वाली कारतूसों पर गाय और सूअर की चर्बी का लेप होना था।
- यह विद्रोह मेरठ छावनी से शुरू हुआ था।
- रानी लक्ष्मीबाई को ‘झांसी की रानी’ के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- यह विद्रोह पूरे भारत में एक साथ फैला और इसने ब्रिटिश शासन को तुरंत उखाड़ फेंका।
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: कथन (d) गलत है। 1857 का विद्रोह पूरे भारत में एक साथ नहीं फैला था, और इसने ब्रिटिश शासन को तुरंत समाप्त नहीं किया, बल्कि इसने ब्रिटिशों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संघर्ष की शुरुआत की, जिसके परिणामस्वरूप भारत सरकार अधिनियम 1858 पारित हुआ और ब्रिटिश ताज का शासन सीधे स्थापित हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: विद्रोह की शुरुआत मेरठ में हुई और यह जल्द ही उत्तर भारत के बड़े हिस्सों और कुछ मध्य भारतीय क्षेत्रों में फैल गया। इसने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया।
- गलत विकल्प: अन्य सभी कथन (a), (b), और (c) 1857 के विद्रोह के संबंध में सही हैं।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से किस समाज सुधारक ने ‘विधवा पुनर्विवाह’ की वकालत की और उसे बढ़ावा दिया?
- राजा राम मोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- ज्योतिबा फुले
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किए और 1856 में हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम पारित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- संदर्भ और विस्तार: उस समय विधवा पुनर्विवाह एक अत्यंत वर्जित प्रथा थी। विद्यासागर ने अपने प्रयासों से इस प्रथा को सामाजिक स्वीकृति दिलाने में अहम योगदान दिया। उन्होंने स्वयं कई विधवाओं के पुनर्विवाह भी करवाए।
- गलत विकल्प: राजा राम मोहन राय ने सती प्रथा के उन्मूलन में प्रमुख भूमिका निभाई। स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘शुद्धि आंदोलन’ और वेदों के प्रचार पर बल दिया। ज्योतिबा फुले ने जाति व्यवस्था और सामाजिक असमानता के खिलाफ संघर्ष किया।
प्रश्न 10: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?
- कोलकाता अधिवेशन, 1920
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- कराची अधिवेशन, 1931
- त्रिपुरी अधिवेशन, 1939
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 31 दिसंबर 1929 को लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ (संपूर्ण स्वतंत्रता) का लक्ष्य घोषित किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इस अधिवेशन में कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग को अपना मुख्य उद्देश्य बनाया और 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया, जिसे आज भी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- गलत विकल्प: कोलकाता अधिवेशन, 1920 में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव पारित हुआ था। कराची अधिवेशन, 1931 में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीति पर प्रस्ताव पारित हुआ था। त्रिपुरी अधिवेशन, 1939 में सुभाष चंद्र बोस के अध्यक्ष चुने जाने के बाद राजनीतिक मतभेद उभरे थे।
प्रश्न 11: ‘जलियांवाला बाग हत्याकांड’ किस वर्ष हुआ था?
- 1917
- 1919
- 1921
- 1923
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह घटना जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे भारतीय नागरिकों पर गोलीबारी के कारण हुई थी, जो रोलेट एक्ट के विरोध में शांतिपूर्वक सभा कर रहे थे। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई और इसने ब्रिटिश शासन के प्रति भारतीयों के गुस्से को और बढ़ा दिया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प गलत हैं क्योंकि वे उस घटना के वर्ष से संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से किस अधिनियम द्वारा भारत में सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली की शुरुआत की गई?
- भारतीय परिषद अधिनियम, 1861
- भारतीय परिषद अधिनियम, 1892
- भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 (मार्ले-मिंटो सुधार)
- भारत सरकार अधिनियम, 1919 (मोंटेगू-चेम्सफोर्ड सुधार)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारतीय परिषद अधिनियम, 1909, जिसे ‘मार्ले-मिंटो सुधार’ के नाम से भी जाना जाता है, ने भारत में मुसलमानों के लिए सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली की शुरुआत की।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम का उद्देश्य भारतीयों को शासन में अधिक प्रतिनिधित्व देना था, लेकिन इसने ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति के तहत सांप्रदायिक आधार पर निर्वाचन की शुरुआत करके भारतीय समाज को विभाजित करने का प्रयास किया।
- गलत विकल्प: 1861 का अधिनियम भारतीयों को विधान परिषदों में शामिल करने से संबंधित था। 1892 का अधिनियम अप्रत्यक्ष चुनावों की शुरुआत करता था। 1919 का अधिनियम द्वैध शासन (Dyarchy) की शुरुआत के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 13: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1929
- 1930
- 1931
- 1932
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता महात्मा गांधी और भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुआ था। इसके तहत, कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित कर दिया और दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए सहमत हो गई, जबकि ब्रिटिश सरकार ने आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा करने और कुछ राजनीतिक कैदियों की रिहाई का वादा किया।
- गलत विकल्प: अन्य वर्ष गलत हैं और किसी महत्वपूर्ण घटना से जुड़े हो सकते हैं, लेकिन वे इस समझौते के वर्ष से मेल नहीं खाते।
प्रश्न 14: ‘भूदान आंदोलन’ किसके द्वारा शुरू किया गया था?
- जय प्रकाश नारायण
- विनोबा भावे
- एम. एन. रॉय
- भगत सिंह
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भूदान आंदोलन (भूमि दान आंदोलन) 1951 में आचार्य विनोबा भावे द्वारा शुरू किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन भूमिहीन किसानों को भूमि वितरित करने के उद्देश्य से शुरू हुआ था। विनोबा भावे ने लोगों से अपनी भूमि का एक हिस्सा दान करने की अपील की, जिसे फिर जरूरतमंदों में बांटा जाएगा। यह आंदोलन अहिंसक सामाजिक परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
- गलत विकल्प: जय प्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ का आह्वान किया था। एम. एन. रॉय एक क्रांतिकारी और दार्शनिक थे। भगत सिंह एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे।
प्रश्न 15: ‘साइमन कमीशन’ भारत कब आया?
- 1927
- 1928
- 1929
- 1930
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: साइमन कमीशन, जिसका उद्देश्य भारत में संवैधानिक सुधारों का अध्ययन करना था, फरवरी 1928 में भारत आया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस कमीशन के सभी सदस्य ब्रिटिश थे, जिसके कारण भारत में इसका व्यापक विरोध हुआ। भारत में इस कमीशन के खिलाफ “साइमन वापस जाओ” के नारे लगाए गए थे। इसी विरोध के दौरान लाला लाजपत राय की मृत्यु हुई थी।
- गलत विकल्प: 1927 में इसका गठन हुआ था, लेकिन भारत में आगमन 1928 में हुआ था। 1929 और 1930 में अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं।
प्रश्न 16: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का प्रमुख नारा क्या था?
- “स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व”
- “राष्ट्रीयता, गणतंत्र, एकता”
- “रक्त और लोहे की नीति”
- “लोकतंत्र, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता”
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति का मुख्य नारा “Liberté, Égalité, Fraternité” था, जिसका हिंदी अनुवाद “स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व” है।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा फ्रांसीसी गणराज्य के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करता है और आज भी फ्रांस का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है। क्रांति का उद्देश्य राजशाही और सामंती व्यवस्था को समाप्त कर एक अधिक न्यायपूर्ण और समान समाज की स्थापना करना था।
- गलत विकल्प: “रक्त और लोहे की नीति” बिस्मार्क से जुड़ी है। अन्य नारे फ्रांसीसी क्रांति के संदर्भ में सटीक नहीं हैं।
प्रश्न 17: अमेरिका की स्वतंत्रता की घोषणा कब की गई?
- 4 जुलाई, 1775
- 4 जुलाई, 1776
- 4 जुलाई, 1783
- 4 जुलाई, 1787
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: संयुक्त राज्य अमेरिका की स्वतंत्रता की घोषणा 4 जुलाई, 1776 को फिलाडेल्फिया में अपनाई गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस घोषणा ने ब्रिटिश शासन से तेरह अमेरिकी उपनिवेशों की स्वतंत्रता की घोषणा की। थॉमस जेफरसन इस घोषणा के मुख्य लेखक थे। यह घटना अमेरिकी क्रांति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी।
- गलत विकल्प: 1775 में क्रांति की शुरुआत हुई थी। 1783 में पेरिस की संधि द्वारा स्वतंत्रता को मान्यता मिली। 1787 में अमेरिकी संविधान अपनाया गया था।
प्रश्न 18: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के बाद राष्ट्र संघ (League of Nations) की स्थापना किस उद्देश्य से की गई थी?
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना
- भविष्य में युद्धों को रोकना
- साम्यवादी विचारों का प्रसार करना
- यूरोप का औपनिवेशीकरण करना
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध के बाद, भविष्य में इस तरह के विनाशकारी युद्धों को रोकने के उद्देश्य से 1920 में राष्ट्र संघ की स्थापना की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगठन का उद्देश्य राष्ट्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना, विवादों का शांतिपूर्ण समाधान खोजना और सामूहिक सुरक्षा सुनिश्चित करना था। हालांकि, यह द्वितीय विश्व युद्ध को रोकने में विफल रहा और बाद में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इसका स्थान ले लिया गया।
- गलत विकल्प: राष्ट्र संघ का मुख्य उद्देश्य युद्धों को रोकना था, न कि व्यापार या साम्यवाद का प्रसार करना। औपनिवेशीकरण इसका लक्ष्य नहीं था।
प्रश्न 19: ‘ऑपरेशन बारबरोसा’ (Operation Barbarossa) क्या था?
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी द्वारा सोवियत संघ पर आक्रमण
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मित्र राष्ट्रों द्वारा नॉर्मंडी पर आक्रमण
- प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ओटोमन साम्राज्य के खिलाफ एक ब्रिटिश अभियान
- शीत युद्ध के दौरान अफगानिस्तान में सोवियत हस्तक्षेप
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘ऑपरेशन बारबरोसा’ नाजी जर्मनी द्वारा 22 जून 1941 को सोवियत संघ पर शुरू किए गए आक्रमण का कोड नाम था।
- संदर्भ और विस्तार: यह इतिहास की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाइयों में से एक थी और इसने द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्वी मोर्चे की शुरुआत की। इस आक्रमण का उद्देश्य सोवियत संघ को हराना और उसके संसाधनों पर कब्जा करना था।
- गलत विकल्प: नॉर्मंडी पर आक्रमण ‘डी-डे’ (D-Day) के नाम से जाना जाता है। अन्य विकल्प भी द्वितीय विश्व युद्ध से संबंधित हैं लेकिन ‘ऑपरेशन बारबरोसा’ का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
प्रश्न 20: ‘मंगोलों का सबसे महान शासक’ किसे माना जाता है, जिसने अपने साम्राज्य को बहुत विस्तृत किया?
- ओगदेई खान
- कुबलई खान
- चंगेज खान
- तैमूर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: चंगेज खान (जन्म तेमुजिन) को मंगोल साम्राज्य का संस्थापक और सबसे महान शासक माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: उसने 13वीं शताब्दी की शुरुआत में मंगोल जनजातियों को एकजुट किया और एक विशाल साम्राज्य की नींव रखी, जो उसके उत्तराधिकारियों के अधीन एशिया और पूर्वी यूरोप तक फैल गया। उसकी सैन्य रणनीति और संगठन ने उसे एक महान विजेता बनाया।
- गलत विकल्प: ओगदेई खान चंगेज खान का पुत्र था और उसका उत्तराधिकारी था। कुबलई खान चंगेज खान का पोता था जिसने चीन में युआन वंश की स्थापना की। तैमूर एक तुर्क-मंगोल विजेता था जिसने 14वीं शताब्दी में एक विशाल साम्राज्य स्थापित किया, लेकिन वह चंगेज खान का वंशज था।
प्रश्न 21: ‘पुरातन’ (Palaeolithic) काल के लोग मुख्य रूप से क्या करते थे?
- कृषि कार्य और पशुपालन
- शहरी जीवन और व्यापार
- शिकार और संग्राहक
- धातु कर्म और औजार बनाना
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: पुरातन काल (Lower Palaeolithic) के लोग मुख्य रूप से शिकारी और संग्राहक थे, जो शिकार किए गए जानवरों के मांस और जंगली पौधों और फलों पर निर्भर रहते थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस काल के मानव पत्थर के औजारों का प्रयोग करते थे, लेकिन कृषि या स्थायी बस्तियों का विकास नहीं हुआ था। वे छोटे, खानाबदोश समूहों में रहते थे।
- गलत विकल्प: कृषि मध्यपाषाण (Mesolithic) और नवपाषाण (Neolithic) काल में विकसित हुई। शहरी जीवन और धातु कर्म नवपाषाण और कांस्य युग की विशेषताएं हैं।
प्रश्न 22: भारतीय इतिहास में ‘कनौज का युद्ध’ (Battle of Kannauj) किसके बीच लड़ा गया था?
- चंद्रगुप्त मौर्य और नंद वंश
- चंद्रगुप्त विक्रमादित्य और शक शासक
- हुमायूँ और शेर शाह सूरी
- अकबर और हेमू
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: कनौज का युद्ध 1540 में हुमायूँ और शेरशाह सूरी के बीच लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में शेरशाह सूरी ने हुमायूँ को निर्णायक रूप से हराया, जिसके परिणामस्वरूप हुमायूँ को भारत छोड़कर भागना पड़ा और भारत में सूर साम्राज्य की स्थापना हुई। यह युद्ध हुमायूँ के लिए एक बड़ा झटका था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प विभिन्न ऐतिहासिक लड़ाइयों या घटनाओं से संबंधित हैं।
प्रश्न 23: ‘अकबरनामा’ का लेखक कौन है?
- अबुल फजल
- फैजी
- बदायुनी
- तुलसीदास
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘अकबरनामा’ का लेखन प्रसिद्ध इतिहासकार अबुल फजल ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह मुग़ल बादशाह अकबर के जीवन और शासन का एक विस्तृत ऐतिहासिक विवरण है। इसे फारसी भाषा में लिखा गया था और यह मुग़ल काल के इतिहास को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है। अबुल फजल अकबर के नौ रत्नों में से एक थे।
- गलत विकल्प: फैजी अबुल फजल का भाई था और अकबर के दरबार में एक कवि था। बदायुनी ने ‘मुंतखब-उत-तवारिख’ लिखी, जो अकबर के शासन की आलोचना करती है। तुलसीदास महान संत और कवि थे जिन्होंने ‘रामचरितमानस’ लिखा।
प्रश्न 24: ‘शिवाजी के गुरु’ कौन थे, जिन्होंने उन्हें आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया?
- समर्थ रामदास
- गुरु नानक देव
- संत तुकाराम
- संत ज्ञानेश्वर
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: समर्थ रामदास, एक महान संत और कवि, मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के आध्यात्मिक गुरु थे।
- संदर्भ और विस्तार: समर्थ रामदास ने शिवाजी को धार्मिक और नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी, जिसने शिवाजी के राष्ट्रवाद और हिंदू धर्म के प्रति उनके समर्पण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने ‘दास बोध’ नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की।
- गलत विकल्प: गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे। संत तुकाराम और संत ज्ञानेश्वर महाराष्ट्र के अन्य प्रमुख भक्ति संत थे, लेकिन शिवाजी के सीधे गुरु समर्थ रामदास थे।
प्रश्न 25: ‘चौरी-चौरा घटना’ के कारण किस आंदोलन को अचानक बंद कर दिया गया?
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
- भारत छोड़ो आंदोलन
- असहयोग आंदोलन
- खिलाफत आंदोलन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: चौरी-चौरा की हिंसक घटना (4 फरवरी 1922) के कारण महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को अचानक बंद करने का निर्णय लिया।
- संदर्भ और विस्तार: गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा में भीड़ ने पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे। गांधीजी, जो अहिंसा के प्रबल समर्थक थे, इस हिंसा से बहुत आहत हुए और उन्होंने आंदोलन को स्थगित कर दिया। इस निर्णय ने कांग्रेस के भीतर मतभेद भी पैदा किए।
- गलत विकल्प: सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 में शुरू हुआ था। भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में हुआ था। खिलाफत आंदोलन असहयोग आंदोलन के समानांतर चल रहा था, लेकिन चौरी-चौरा की घटना का सीधा प्रभाव असहयोग आंदोलन पर पड़ा।