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पृथ्वी के रहस्यों को जानें: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के 25 महत्वपूर्ण प्रश्न

पृथ्वी के रहस्यों को जानें: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के 25 महत्वपूर्ण प्रश्न

परिचय: नमस्कार, भावी सरकारी अधिकारियों! क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी का साधारण सा झुकना भी हमारे शरीर में सिहरन पैदा कर सकता है? यह शीर्षक हमें ब्रह्मांड के उन गूढ़ रहस्यों की ओर ले जाता है, जिनसे अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के इन महत्वपूर्ण प्रश्नों के साथ, हम न केवल ज्ञान को गहरा करेंगे, बल्कि परीक्षा के लिए अपनी तैयारी को भी धार देंगे। आइए, इन रोचक सवालों के माध्यम से विज्ञान की दुनिया में एक रोमांचक यात्रा शुरू करें!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. भूगर्भशास्त्र के संदर्भ में, पृथ्वी की सतह का सपाट न होकर वक्र (curved) होना मुख्य रूप से किस कारक का परिणाम है?

    • (a) टेक्टोनिक प्लेटों का क्षैतिज गति
    • (b) पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण
    • (c) वायुमंडलीय दबाव
    • (d) ज्वारीय बल

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): गुरुत्वाकर्षण, द्रव्यमान वाली किसी भी वस्तु को केंद्र की ओर खींचता है।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी का विशाल द्रव्यमान एक शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बनाता है। यह गुरुत्वाकर्षण बल, पृथ्वी के पदार्थ को उसके केंद्र की ओर समान रूप से खींचता है, जिसके परिणामस्वरूप एक लगभग गोलाकार (or curved) आकार बनता है। टेक्टोनिक प्लेटें पृथ्वी की सतह को आकार देती हैं, लेकिन गोलाकार रूप का मूल कारण गुरुत्वाकर्षण ही है। वायुमंडलीय दबाव और ज्वारीय बल सतह पर प्रभाव डालते हैं, लेकिन वे पृथ्वी के समग्र गोलाकार आकार को निर्धारित नहीं करते।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  2. यदि पृथ्वी अचानक अपने अक्ष पर घूमना बंद कर दे, तो भूमध्य रेखा पर स्थित किसी वस्तु का जड़त्वीय (inertial) वेग क्या होगा? (पृथ्वी की त्रिज्या ≈ 6400 किमी, घूर्णन काल ≈ 24 घंटे)

    • (a) 0 किमी/घंटा
    • (b) लगभग 1600 किमी/घंटा
    • (c) लगभग 3200 किमी/घंटा
    • (d) लगभग 6400 किमी/घंटा

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वृत्तीय गति में किसी वस्तु का वेग (v) = 2πr / T, जहाँ r त्रिज्या है और T घूर्णन काल है।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी भूमध्य रेखा पर लगभग 6400 किमी त्रिज्या के साथ 24 घंटे में एक चक्कर पूरा करती है। वस्तु का वेग = (2 * π * 6400 किमी) / 24 घंटे ≈ (2 * 3.14 * 6400) / 24 ≈ 12800 * 3.14 / 24 ≈ 40192 / 24 ≈ 1674.6 किमी/घंटा। इसलिए, यदि पृथ्वी घूमना बंद कर दे, तो वस्तु अपनी जड़त्वीय गति को बनाए रखेगी, जो लगभग 1600 किमी/घंटा होगी।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. पृथ्वी की वक्रता (curvature) के कारण, दूर क्षितिज पर नाव का मस्तूल (mast) पहले क्यों दिखाई देता है, जबकि उसका निचला भाग बाद में?

    • (a) प्रकाश का अपवर्तन (Refraction of light)
    • (b) प्रकाश का विवर्तन (Diffraction of light)
    • (c) प्रकाश का परावर्तन (Reflection of light)
    • (d) पृथ्वी की गोलाई (Earth’s sphericity)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी की सतह गोलाकार है, इसलिए वस्तुएं एक-दूसरे के पीछे छिप जाती हैं।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी की वक्रता के कारण, दूर की वस्तुएं क्षितिज के नीचे छिप जाती हैं। जब कोई नाव क्षितिज की ओर बढ़ती है, तो उसका सबसे ऊंचा भाग (जैसे मस्तूल) पहले क्षितिज के ऊपर आता है क्योंकि वह दर्शक के लिए सबसे पहले दिखाई देता है। जैसे-जैसे नाव करीब आती है, उसका निचला भाग धीरे-धीरे पृथ्वी की वक्रता से ऊपर उठता हुआ दिखाई देता है। यह प्रकाश के मुड़ने (अपवर्तन) के कारण भी थोड़ा प्रभावित हो सकता है, लेकिन मुख्य कारण पृथ्वी की गोलाई है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  4. पृथ्वी की आंतरिक संरचना में, वह परत जो पिघली हुई चट्टान (मैग्मा) का स्रोत है और ज्वालामुखी विस्फोटों के लिए जिम्मेदार है, कौन सी है?

    • (a) क्रस्ट (Crust)
    • (b) मेंटल (Mantle)
    • (c) बाहरी कोर (Outer Core)
    • (d) आंतरिक कोर (Inner Core)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मेंटल का ऊपरी भाग, जिसे एस्थेनोस्फीयर (asthenosphere) कहा जाता है, प्लास्टिक (plastic) अवस्था में होता है और यह मैग्मा का स्रोत है।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी की तीन मुख्य परतें हैं: क्रस्ट (सबसे बाहरी परत), मेंटल (मध्य परत), और कोर (आंतरिक परत)। मेंटल का ऊपरी भाग, एस्थेनोस्फीयर, अर्ध-पिघली हुई, चिपचिपी चट्टानों से बना है। जब टेक्टोनिक प्लेटें हिलती हैं या दबाव में परिवर्तन होता है, तो इस क्षेत्र से मैग्मा ऊपर उठकर ज्वालामुखी विस्फोट का कारण बनता है। क्रस्ट बहुत पतला और ठोस है, जबकि कोर अत्यधिक गर्म है लेकिन घनत्व और दबाव के कारण ठोस (आंतरिक कोर) या बहुत चिपचिपा (बाहरी कोर) होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  5. पृथ्वी के वायुमंडल में ऑक्सीजन (O2) का प्रमुख स्रोत क्या है?

    • (a) ज्वालामुखीय गतिविधियाँ
    • (b) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
    • (c) पौधों द्वारा श्वसन
    • (d) कोयले का दहन

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में, पौधे सूर्य के प्रकाश, जल और कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके ग्लूकोज (ऊर्जा) और ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): जबकि अन्य प्रक्रियाएँ गैसों का उत्पादन या उपभोग करती हैं, वायुमंडल में ऑक्सीजन का सबसे बड़ा योगदान प्रकाश संश्लेषण है, जो मुख्य रूप से पौधों, शैवाल (algae) और कुछ बैक्टीरिया द्वारा किया जाता है। वे CO2 और H2O को अवशोषित करते हैं और O2 को एक उप-उत्पाद के रूप में छोड़ते हैं। ज्वालामुखी गतिविधियाँ CO2 और अन्य गैसें छोड़ती हैं, श्वसन O2 का उपभोग करता है, और जीवाश्म ईंधन का दहन CO2 छोड़ता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  6. जब पृथ्वी अपनी कक्षा में सूर्य के चारों ओर घूमती है, तो वह कितनी डिग्री तक झुकी होती है?

    • (a) 0°
    • (b) 23.5°
    • (c) 45°
    • (d) 90°

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी का घूर्णन अक्ष (rotational axis) उसकी कक्षीय तल (orbital plane) के लंबवत से लगभग 23.5 डिग्री झुका हुआ है।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी का अपनी धुरी पर 23.5 डिग्री का झुकाव ही ऋतुओं (seasons) के परिवर्तन का मुख्य कारण है। यह झुकाव स्थिर रहता है, जिससे वर्ष के विभिन्न समयों पर पृथ्वी के विभिन्न गोलार्ध सूर्य की ओर अधिक या कम झुकते हैं। 0° का झुकाव कोई ऋतु नहीं होगी, 45° या 90° झुकाव अत्यधिक चरम ऋतुओं का कारण बनेगा।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  7. भूकंपीय तरंगों (seismic waves) में से कौन सी पृथ्वी की सतह पर सबसे पहले पहुँचती है और सबसे कम विनाशकारी होती है?

    • (a) प्राथमिक तरंगें (P-waves)
    • (b) द्वितीयक तरंगें (S-waves)
    • (c) सतही तरंगें (Surface waves)
    • (d) लव तरंगें (Love waves)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्राथमिक तरंगें (P-waves) ध्वनि तरंगों की तरह माध्यम से संपीड़न (compression) और विसंपीड़न (decompression) के रूप में यात्रा करती हैं, और ठोस, तरल और गैसों से गुजर सकती हैं।

    व्याख्या (Explanation): भूकंप के केंद्र से निकलने वाली प्राथमिक तरंगें (P-waves) सबसे तेज होती हैं और सबसे पहले सतह पर पहुँचती हैं। वे ठोस, तरल और गैसों से यात्रा कर सकती हैं। द्वितीयक तरंगें (S-waves) थोड़ी धीमी होती हैं और केवल ठोस पदार्थों से गुजर सकती हैं। सतही तरंगें (जैसे लव तरंगें और रेले तरंगें) सबसे धीमी होती हैं लेकिन सबसे अधिक विनाशकारी होती हैं क्योंकि वे पृथ्वी की सतह पर अधिक विचलन (oscillation) पैदा करती हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  8. पृथ्वी की त्रिज्या को सटीक रूप से मापने के लिए प्राचीन यूनानियों ने किस ज्यामितीय विधि का उपयोग किया था?

    • (a) त्रिकोणमिति (Trigonometry)
    • (b) लंबन (Parallax)
    • (c) खगोलीय अवलोकन (Astronomical observation)
    • (d) गुरुत्वाकर्षण मापन (Gravitational measurement)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एराटोस्थनीज (Eratosthenes) ने दो अलग-अलग स्थानों पर सूर्य की किरणों के कोणों में अंतर का उपयोग किया था।

    व्याख्या (Explanation): प्राचीन यूनानी विद्वान एराटोस्थनीज ने दो शहरों (सायन और अलेक्जेंड्रिया) में ग्रीष्म संक्रांति (summer solstice) के दिन दोपहर के समय सूर्य की किरणों के कोणों का अवलोकन किया। सायन में सूर्य सीधे ऊपर था (कुएं में परछाई नहीं थी), जबकि अलेक्जेंड्रिया में कुछ डिग्री का कोण था। इन कोणों और दोनों शहरों के बीच की दूरी का उपयोग करके, उन्होंने पृथ्वी की परिधि का काफी सटीक अनुमान लगाया, जिससे उसकी त्रिज्या का पता चला। यह विधि खगोलीय अवलोकन और ज्यामिति का एक संयोजन थी।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  9. जीवमंडल (Biosphere) में कार्बन का चक्र (cycle) किस प्रमुख जैविक प्रक्रिया द्वारा नियंत्रित होता है, जिसमें पृथ्वी के झुकाव का अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है?

    • (a) श्वसन (Respiration)
    • (b) अपघटन (Decomposition)
    • (c) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
    • (d) वाष्पीकरण (Evaporation)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण कार्बन डाइऑक्साइड को वायुमंडल से लेता है और कार्बनिक यौगिकों में परिवर्तित करता है।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण पृथ्वी पर कार्बन चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पौधे और अन्य जीव CO2 को अवशोषित करते हैं और कार्बनिक पदार्थ बनाते हैं। पृथ्वी का अपनी धुरी पर झुकाव (23.5°) सीधे तौर पर ऋतुओं को प्रभावित करता है, जो बदले में प्रकाश संश्लेषण की दर को प्रभावित करता है (जैसे, उत्तरी गोलार्ध में गर्मियों में अधिक प्रकाश संश्लेषण)। अन्य प्रक्रियाएं जैसे श्वसन और अपघटन कार्बन चक्र में योगदान करती हैं, लेकिन CO2 को बायोस्फीयर से हटाने और इसे जैव-भार (biomass) में बदलने वाली मुख्य प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण है। वाष्पीकरण जल चक्र से संबंधित है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. पृथ्वी की सतह से लगभग 23.5° झुकाव के कारण, वर्ष के किस दिन आर्कटिक वृत्त (Arctic Circle) पर 24 घंटे सूर्य का प्रकाश रहता है (यानी, मध्यरात्रि सूर्य – Midnight Sun)?

    • (a) 21 मार्च (वसंत विषुव)
    • (b) 22 सितंबर (शरद विषुव)
    • (c) 21 जून (ग्रीष्म संक्रांति)
    • (d) 22 दिसंबर (शीत संक्रांति)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice) के दौरान, उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर सबसे अधिक झुका होता है।

    व्याख्या (Explanation): 21 जून को, उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर लगभग 23.5° झुका होता है। इस झुकाव के कारण, आर्कटिक वृत्त (66.5° उत्तर अक्षांश) और उससे ऊपर के क्षेत्र 24 घंटे तक सूर्य के प्रकाश में रहते हैं। इसे मध्यरात्रि सूर्य (Midnight Sun) कहा जाता है। 21 मार्च और 22 सितंबर को विषुव (equinoxes) होते हैं, जब दिन और रात बराबर होते हैं। 22 दिसंबर को, दक्षिणी गोलार्ध सूर्य की ओर झुका होता है, और अंटार्कटिक वृत्त पर मध्यरात्रि सूर्य दिखाई देता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. पृथ्वी की वक्रता के कारण, यदि कोई जहाज क्षितिज के पार जाता है, तो उसका कौन सा भाग सबसे अंत में दिखाई देता है?

    • (a) उसका पतवार (Hull)
    • (b) उसका मस्तूल (Mast)
    • (c) उसका डेक (Deck)
    • (d) उसका लंगर (Anchor)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी की वक्रता वस्तु के निचले भागों को दर्शक से पहले छिपाती है।

    व्याख्या (Explanation): जब कोई जहाज क्षितिज से दूर जाता है, तो पृथ्वी की वक्रता के कारण उसका निचला भाग (पतवार) पहले क्षितिज रेखा के नीचे छिप जाता है। जैसे-जैसे वह और दूर जाता है, डेक और अंत में मस्तूल का ऊपरी भाग ही दिखाई देता है, और अंत में वह भी छिप जाता है। इसलिए, जब जहाज क्षितिज पर लौटता है, तो मस्तूल सबसे पहले दिखाई देता है और पतवार सबसे अंत में।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  12. कौन सा ग्रह पृथ्वी के समान द्रव्यमान और आकार रखता है, जिसके कारण इसे अक्सर “पृथ्वी का जुड़वां” कहा जाता है?

    • (a) मंगल (Mars)
    • (b) शुक्र (Venus)
    • (c) बृहस्पति (Jupiter)
    • (d) बुध (Mercury)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): शुक्र का व्यास और द्रव्यमान पृथ्वी के लगभग समान है।

    व्याख्या (Explanation): शुक्र (Venus) को अक्सर “पृथ्वी का जुड़वां” या “बहन ग्रह” कहा जाता है क्योंकि इसके आकार, द्रव्यमान और घनत्व पृथ्वी के बहुत करीब हैं। हालांकि, इसका वायुमंडल, जो कार्बन डाइऑक्साइड से भरा है, और अत्यधिक ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण यह अत्यधिक गर्म है, जो इसे पृथ्वी से बहुत अलग बनाता है। मंगल छोटा है, बृहस्पति और बुध काफी भिन्न हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  13. यदि पृथ्वी का कोर अचानक ठोस हो जाए, तो इससे पृथ्वी की चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

    • (a) यह मजबूत हो जाएगा
    • (b) यह कमजोर या समाप्त हो जाएगा
    • (c) यह अपरिवर्तित रहेगा
    • (d) यह अनियमित रूप से परिवर्तित होगा

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र उसके कोर में पिघले हुए धातुओं के संवहन (convection) द्वारा उत्पन्न होता है।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र मुख्य रूप से उसके बाहरी कोर में पिघले हुए लोहे और निकल के संचलन (dynamo effect) के कारण उत्पन्न होता है। यदि यह कोर अचानक ठोस हो जाए, तो यह संचलन रुक जाएगा, जिससे चुंबकीय क्षेत्र कमजोर या समाप्त हो जाएगा। चुंबकीय क्षेत्र हमें सूर्य से आने वाली हानिकारक सौर विकिरण से बचाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  14. जब कोई प्रकाश किरण पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती है, तो यह थोड़ा झुक जाती है। इस घटना को क्या कहते हैं, जो खगोलीय पिंडों को उनकी वास्तविक स्थिति से थोड़ा ऊपर दिखाई देने का कारण बनती है?

    • (a) विवर्तन (Diffraction)
    • (b) प्रकीर्णन (Scattering)
    • (c) अपवर्तन (Refraction)
    • (d) ध्रुवीकरण (Polarization)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है, तो उसकी गति और दिशा बदल जाती है।

    व्याख्या (Explanation): वायुमंडलीय अपवर्तन (Atmospheric Refraction) वह घटना है जहाँ प्रकाश की किरणें पृथ्वी के वायुमंडल की विभिन्न घनत्व वाली परतों से गुजरते हुए मुड़ जाती हैं। पृथ्वी के मामले में, वायुमंडल की निचली परतें अधिक सघन होती हैं। जब प्रकाश, जैसे कि तारों या सूर्य से आने वाला प्रकाश, वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो यह धीरे-धीरे मुड़ता है, जिससे वह वस्तु अपनी वास्तविक स्थिति से थोड़ी ऊपर दिखाई देती है। उदाहरण के लिए, सूर्योदय से पहले सूर्य दिखाई देने लगता है और सूर्यास्त के बाद भी थोड़ी देर तक दिखाई देता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. पृथ्वी के घूर्णन के कारण होने वाले ज्वार-भाटा (tides) में, चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल सबसे प्रमुख भूमिका निभाता है। लेकिन, सूर्य का गुरुत्वाकर्षण भी ज्वार-भाटा को प्रभावित करता है। जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं (जैसे अमावस्या या पूर्णिमा पर), तो क्या होता है?

    • (a) लघु ज्वार (Neap Tides) आते हैं
    • (b) अप्रत्याशित ज्वार (Unpredictable Tides) आते हैं
    • (c) वृत्तज्वार (Spring Tides) आते हैं
    • (d) कोई ज्वार नहीं आता

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जब सूर्य और चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल संरेखित (aligned) होता है, तो उनके प्रभाव जुड़ जाते हैं, जिससे ज्वार-भाटा का आयाम (amplitude) बढ़ जाता है।

    व्याख्या (Explanation): जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा लगभग एक सीधी रेखा में होते हैं (सिजिगी – syzygy), सूर्य और चंद्रमा दोनों का गुरुत्वाकर्षण प्रभाव ज्वार-भाटा पैदा करने के लिए जुड़ जाता है। इससे उच्च ज्वार (high tides) सामान्य से अधिक ऊंचे और निम्न ज्वार (low tides) सामान्य से अधिक नीचे होते हैं। इन्हें वृत्तज्वार (Spring Tides) कहा जाता है। इसके विपरीत, लघु ज्वार (Neap Tides) तब आते हैं जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा समकोण (right angles) पर होते हैं, जहाँ चंद्रमा का प्रभाव सूर्य के प्रभाव को कुछ हद तक रद्द कर देता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  16. पृथ्वी की पपड़ी (crust) में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व कौन सा है?

    • (a) लोहा (Iron)
    • (b) ऑक्सीजन (Oxygen)
    • (c) सिलिकॉन (Silicon)
    • (d) एल्यूमीनियम (Aluminum)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी की पपड़ी में तत्वों का वितरण उनके रासायनिक गुणों और गठन के इतिहास पर निर्भर करता है।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी की पपड़ी में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व ऑक्सीजन (लगभग 46.6% द्रव्यमान द्वारा) है, जो मुख्य रूप से सिलिकेट खनिजों के रूप में मौजूद है। इसके बाद सिलिकॉन (लगभग 27.7%) आता है, जो ऑक्सीजन के साथ मिलकर सिलिकेट बनाता है। एल्यूमीनियम (लगभग 8.1%) और लोहा (लगभग 5.0%) तीसरे और चौथे सबसे प्रचुर तत्व हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  17. मानव शरीर में, गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी की ओर नीचे की ओर लगने वाले बल का प्रतिरोध करने में कौन सी शारीरिक प्रणाली सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है?

    • (a) पाचन तंत्र (Digestive System)
    • (b) तंत्रिका तंत्र (Nervous System)
    • (c) कंकाल तंत्र (Skeletal System) और मांसपेशियां (Muscles)
    • (d) श्वसन तंत्र (Respiratory System)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कंकाल तंत्र शरीर को संरचनात्मक सहायता प्रदान करता है, और मांसपेशियां गति और गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ बल प्रदान करती हैं।

    व्याख्या (Explanation): कंकाल तंत्र शरीर को उसका आकार और समर्थन प्रदान करता है, जिससे यह सीधा खड़ा हो सके। मांसपेशियां, गुरुत्वाकर्षण के विपरीत काम करते हुए, शरीर को स्थिर रखती हैं और गति को सक्षम बनाती हैं। उदाहरण के लिए, खड़े होने या चलने के लिए, पैरों की मांसपेशियों को गुरुत्वाकर्षण के खिंचाव का मुकाबला करना पड़ता है। तंत्रिका तंत्र इन मांसपेशियों के संकुचन को नियंत्रित करता है, लेकिन प्रत्यक्ष भौतिक समर्थन और बल कंकाल और मांसपेशियों से आता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  18. भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं के कारण पृथ्वी की सतह में होने वाले परिवर्तन, जैसे कि वक्रता, मुख्य रूप से किस प्रकार की ऊर्जा द्वारा संचालित होते हैं?

    • (a) सौर ऊर्जा (Solar Energy)
    • (b) भू-तापीय ऊर्जा (Geothermal Energy)
    • (c) गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा (Gravitational Energy)
    • (d) परमाणु ऊर्जा (Nuclear Energy)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पृथ्वी की आंतरिक गर्मी, जो रेडियोधर्मी क्षय (radioactive decay) से उत्पन्न होती है, भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं को शक्ति प्रदान करती है।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी की आंतरिक गर्मी, जिसे भू-तापीय ऊर्जा के रूप में जाना जाता है, पृथ्वी के कोर में रेडियोधर्मी तत्वों के क्षय और ग्रह के निर्माण के दौरान बची हुई गर्मी से उत्पन्न होती है। यह गर्मी मेंटल में संवहन धाराओं को चलाती है, जो टेक्टोनिक प्लेटों की गति का कारण बनती है। इन प्लेटों की गति ही भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और पहाड़ों के निर्माण जैसी भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं को संचालित करती है, जो पृथ्वी की सतह के आकार और वक्रता को प्रभावित करते हैं। सौर ऊर्जा वायुमंडलीय प्रक्रियाओं को चलाती है, गुरुत्वाकर्षण स्थलीय वस्तुओं को एक साथ रखता है, और परमाणु ऊर्जा मुख्य रूप से शक्ति उत्पादन में उपयोग होती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. मानव कान ध्वनि तरंगों को कैसे महसूस करता है, और क्या पृथ्वी की वक्रता इस प्रक्रिया को सीधे प्रभावित करती है?

    • (a) ध्वनि तरंगें बाहरी कान में प्रवेश करती हैं और कंपन पैदा करती हैं, पृथ्वी की वक्रता से कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ता।
    • (b) ध्वनि तरंगें सीधे मस्तिष्क में प्रवेश करती हैं, पृथ्वी की वक्रता इसे बदल देती है।
    • (c) ध्वनि हवा के माध्यम से यात्रा करती है और कान के परदे को कंपन करती है, पृथ्वी की वक्रता से कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ता।
    • (d) ध्वनि तरंगें हड्डियों से गुजरती हैं और सीधे श्रवण तंत्रिका को उत्तेजित करती हैं, पृथ्वी की वक्रता द्वारा संशोधित।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ध्वनि तरंगें माध्यम (जैसे हवा) में कंपन के रूप में यात्रा करती हैं और कान में झिल्ली को कंपन करती हैं।

    व्याख्या (Explanation): ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है जो माध्यम (जैसे हवा) के कणों के कंपन से यात्रा करती है। जब ध्वनि तरंगें कान तक पहुँचती हैं, तो वे कान के परदे (eardrum) को कंपन कराती हैं। ये कंपन फिर मध्य कान की छोटी हड्डियों (ossicles) और आंतरिक कान (cochlea) में स्थानांतरित हो जाते हैं, जहाँ वे विद्युत संकेतों में परिवर्तित हो जाते हैं जो श्रवण तंत्रिका (auditory nerve) के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुँचते हैं। पृथ्वी की वक्रता ध्वनि तरंगों की यात्रा को बहुत लंबी दूरी पर थोड़ा प्रभावित कर सकती है (जैसे विवर्तन या अवशोषण के कारण), लेकिन यह सीधे तौर पर कान द्वारा ध्वनि को महसूस करने की मूलभूत प्रक्रिया को नहीं बदलती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. पृथ्वी के वायुमंडल की कौन सी परत रेडियो तरंगों को परावर्तित करती है, जिससे लंबी दूरी की संचार (long-distance communication) संभव होती है?

    • (a) क्षोभमंडल (Troposphere)
    • (b) समताप मंडल (Stratosphere)
    • (c) आयनमंडल (Ionosphere)
    • (d) बहिर्मंडल (Exosphere)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): आयनमंडल में मौजूद आयनित कण (ionized particles) रेडियो तरंगों को पृथ्वी पर वापस परावर्तित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): आयनमंडल, पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत है जिसमें उच्च-ऊर्जा विकिरण द्वारा आयनित गैसें होती हैं। ये आयनित कण (जैसे कि मुक्त इलेक्ट्रॉन और आयन) लघु-तरंग (shortwave) रेडियो तरंगों को वापस पृथ्वी की ओर परावर्तित या विक्षेपित (refract) करते हैं। यह ‘आयनोस्फेरिक बाउंस’ लंबी दूरी की रेडियो संचार को सक्षम बनाता है। क्षोभमंडल मौसम की घटनाएं, समताप मंडल ओजोन परत और बहिर्मंडल सबसे बाहरी परत है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  21. जब प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरता है, तो नीले प्रकाश का प्रकीर्णन (scattering) लाल प्रकाश की तुलना में अधिक क्यों होता है, जिससे आकाश नीला दिखाई देता है?

    • (a) नीले प्रकाश की तरंग दैर्ध्य (wavelength) लंबी होती है।
    • (b) नीले प्रकाश की तरंग दैर्ध्य छोटी होती है।
    • (c) नीले प्रकाश की आवृत्ति (frequency) कम होती है।
    • (d) नीले प्रकाश की ऊर्जा कम होती है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रेले प्रकीर्णन (Rayleigh Scattering) के अनुसार, प्रकीर्णित प्रकाश की तीव्रता तरंग दैर्ध्य की चौथी घात (fourth power) के व्युत्क्रमानुपाती होती है (I ∝ 1/λ⁴)।

    व्याख्या (Explanation): वायुमंडल में गैस के अणुओं द्वारा सूर्य के प्रकाश का प्रकीर्णन, जिसे रेले प्रकीर्णन कहा जाता है, छोटी तरंग दैर्ध्य वाले प्रकाश को अधिक कुशलता से बिखेरता है। नीले और बैंगनी प्रकाश की तरंग दैर्ध्य छोटी होती है, जबकि लाल और नारंगी प्रकाश की तरंग दैर्ध्य लंबी होती है। इसलिए, जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से गुजरता है, तो नीला प्रकाश अधिक मात्रा में बिखर जाता है, जिससे आकाश नीला दिखाई देता है। (बैंगनी प्रकाश का प्रकीर्णन नीले से भी अधिक होता है, लेकिन हमारी आंखें नीले रंग के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं और कुछ बैंगनी प्रकाश भी अवशोषित हो जाता है)।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. कार्बनिक रसायन विज्ञान (Organic Chemistry) में, कार्बन (C) परमाणु के 4 सहसंयोजक बंध (covalent bonds) बनाने की क्षमता, जो सभी जीवन का आधार है, मुख्य रूप से उसके किस गुण के कारण है?

    • (a) उसकी उच्च विद्युत ऋणात्मकता (electronegativity)
    • (b) उसके दो संयोजी कोश (valence shells)
    • (c) उसके उत्कृष्ट इलेक्ट्रॉन संरूपण (electron configuration)
    • (d) उसका छोटा आकार और संयोजी इलेक्ट्रॉनों की उपलब्धता

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन का परमाणु क्रमांक 6 है, जिसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 4 है। इसके बाहरी कोश में 4 इलेक्ट्रॉन हैं।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन का छोटा परमाणु आकार और उसके बाहरी कोश (संयोजी कोश) में चार इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति उसे अन्य परमाणुओं के साथ चार सहसंयोजक बंध बनाने की असाधारण क्षमता प्रदान करती है। ये बंध कार्बन को लंबी श्रृंखलाएं, शाखाएं और छल्ले बनाने की अनुमति देते हैं, जो विभिन्न प्रकार के कार्बनिक यौगिकों का आधार बनते हैं। उच्च विद्युत ऋणात्मकता भी महत्वपूर्ण है, लेकिन सीधे 4 बंध बनाने की क्षमता उसके इलेक्ट्रॉन संरूपण और आकार का परिणाम है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  23. जीव विज्ञान में, कौन सा कोशिकांग (organelle) प्रकाश संश्लेषण के लिए जिम्मेदार है, जहाँ सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है?

    • (a) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
    • (b) राइबोसोम (Ribosomes)
    • (c) लाइसोसोम (Lysosomes)
    • (d) क्लोरोप्लास्ट (Chloroplasts)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): क्लोरोप्लास्ट में क्लोरोफिल (chlorophyll) नामक वर्णक होता है जो प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करता है।

    व्याख्या (Explanation): क्लोरोप्लास्ट वे कोशिकांग हैं जो पादप कोशिकाओं और शैवाल में पाए जाते हैं। वे क्लोरोफिल नामक हरे वर्णक से भरे होते हैं, जो सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा को अवशोषित करता है। इस ऊर्जा का उपयोग कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज (एक प्रकार की चीनी) और ऑक्सीजन में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण कहलाती है। माइटोकॉन्ड्रिया ऊर्जा उत्पादन (कोशिकीय श्वसन) के लिए जिम्मेदार हैं, राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण करते हैं, और लाइसोसोम अपशिष्ट को पचाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  24. अम्ल (Acids) और क्षार (Bases) की रासायनिक प्रकृति को मापने के लिए उपयोग किए जाने वाले pH स्केल में, 7 का मान क्या दर्शाता है?

    • (a) अम्लीय (Acidic)
    • (b) क्षारीय (Alkaline/Basic)
    • (c) उदासीन (Neutral)
    • (d) अत्यधिक अम्लीय (Very Acidic)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): pH स्केल 0 से 14 तक होता है, जहाँ 7 उदासीन होता है, 7 से कम अम्लीय और 7 से अधिक क्षारीय होता है।

    व्याख्या (Explanation): pH स्केल किसी घोल में हाइड्रोजन आयनों (H+) की सांद्रता को मापता है। pH 7 शुद्ध पानी का pH है, जो न तो अम्लीय है और न ही क्षारीय; यह उदासीन है। 7 से कम pH मान अम्लीय घोल को इंगित करते हैं, जहाँ H+ आयनों की सांद्रता अधिक होती है। 7 से अधिक pH मान क्षारीय (या मूल) घोल को इंगित करते हैं, जहाँ हाइड्रॉक्साइड आयनों (OH-) की सांद्रता अधिक होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. मानव शरीर में, जो कोशिकाएं ऑक्सीजन का उपभोग करती हैं और कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन करती हैं, वे श्वसन (Respiration) की प्रक्रिया को अंजाम देती हैं। यह प्रक्रिया मुख्य रूप से किस कोशिकांग में होती है?

    • (a) नाभिक (Nucleus)
    • (b) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus)
    • (c) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
    • (d) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): माइटोकॉन्ड्रिया को “कोशिका का पावरहाउस” कहा जाता है क्योंकि यह कोशिकीय श्वसन के माध्यम से ATP (ऊर्जा) उत्पन्न करता है।

    व्याख्या (Explanation): कोशिकीय श्वसन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोशिकाएं भोजन (जैसे ग्लूकोज) से ऊर्जा प्राप्त करती हैं। इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी का उत्पादन किया जाता है, और ऊर्जा को एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) के रूप में संग्रहित किया जाता है। यह प्रक्रिया मुख्य रूप से माइटोकॉन्ड्रिया में होती है। नाभिक आनुवंशिक सामग्री रखता है, गॉल्जी उपकरण प्रोटीन को संसाधित और पैक करता है, और एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम प्रोटीन और लिपिड संश्लेषण में शामिल होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  26. रासायनिक प्रतिक्रियाओं में, उत्प्रेरक (catalyst) क्या भूमिका निभाते हैं?

    • (a) वे प्रतिक्रिया में उपभोग हो जाते हैं।
    • (b) वे प्रतिक्रिया की सक्रियण ऊर्जा (activation energy) को कम कर देते हैं।
    • (c) वे प्रतिक्रिया की दर को धीमा कर देते हैं।
    • (d) वे प्रतिक्रिया को शुरू करने के लिए एक नया मार्ग प्रदान नहीं करते हैं।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उत्प्रेरक रासायनिक प्रतिक्रियाओं की दर को बढ़ाते हैं बिना स्वयं उपभोग हुए।

    व्याख्या (Explanation): उत्प्रेरक वे पदार्थ होते हैं जो रासायनिक प्रतिक्रिया की दर को बढ़ाते हैं, बिना स्वयं प्रतिक्रिया में स्थायी रूप से परिवर्तित हुए। वे प्रतिक्रिया के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करके ऐसा करते हैं जिसकी सक्रियण ऊर्जा कम होती है। कम सक्रियण ऊर्जा का मतलब है कि प्रतिक्रिया अधिक आसानी से और तेजी से हो सकती है। वे प्रतिक्रिया में उपभोग नहीं होते हैं और न ही वे दर को धीमा करते हैं (इसके विपरीत, अवरोधक (inhibitors) ऐसा करते हैं)।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

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