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डायमंड पर डबलिंग: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

डायमंड पर डबलिंग: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान का एक मजबूत आधार सफलता की कुंजी है। यह खंड अक्सर भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के व्यापक विषयों को कवर करता है। अपनी तैयारी को परखने और अपनी ज्ञान की गहराई को बढ़ाने के लिए, यहाँ “Doubling Down on Diamond” शीर्षक से प्रेरित, परीक्षा-उन्मुख 25 बहुविकल्पीय प्रश्नों का एक संग्रह प्रस्तुत है, जो आपके विज्ञान के ज्ञान को और निखारेगा।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. हीरे का कठोरतम रूप से जुड़ा कारण क्या है?

    • (a) इसमें उच्च गलनांक होता है।
    • (b) इसमें आयनिक बंधन होते हैं।
    • (c) इसमें sp3 संकरित कार्बन परमाणुओं का एक त्रिविमीय जालक (3D lattice) होता है।
    • (d) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं।

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थों के भौतिक गुण (जैसे कठोरता) उनकी आणविक संरचना और बंधन के प्रकार पर निर्भर करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक अपरूप (allotrope) है जिसमें प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंध (covalent bonds) द्वारा जुड़ा होता है, जिससे एक मजबूत त्रिविमीय जालक बनता है। यह sp3 संकरण का परिणाम है। ये सहसंयोजक बंध बहुत मजबूत होते हैं, जो हीरे को असाधारण कठोरता प्रदान करते हैं। आयनिक बंधन आमतौर पर आयनिक यौगिकों में पाए जाते हैं, और मुक्त इलेक्ट्रॉन धातुओं की चालकता के लिए जिम्मेदार होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  2. निम्नलिखित में से कौन सा डायमंड का एक विशिष्ट गुण नहीं है?

    • (a) विद्युत का कुचालक
    • (b) प्रकाश का अपवर्तनांक (refractive index) उच्च
    • (c) रासायनिक रूप से निष्क्रिय
    • (d) ऊष्मा का उत्कृष्ट चालक

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थों के विद्युत और तापीय चालकता उनकी इलेक्ट्रॉनिक संरचना से संबंधित होती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणुओं के बीच सभी इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधों में बंधे होते हैं और वे स्थानीयकृत (localized) होते हैं। मुक्त या डिलोकेलाइज्ड इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति के कारण, हीरा विद्युत का कुचालक होता है। हालाँकि, इसकी कठोर जालक संरचना कंपन (phonons) के माध्यम से ऊष्मा को बहुत कुशलता से संचारित करने की अनुमति देती है, जिससे यह ऊष्मा का उत्कृष्ट चालक बनता है। इसका उच्च अपवर्तनांक और रासायनिक निष्क्रियता भी ज्ञात गुण हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  3. कार्बन के उस अपरूप का नाम क्या है जिसका उपयोग पेंसिल की लीड में किया जाता है?

    • (a) हीरा
    • (b) ग्रेफाइट
    • (c) फुलरीन
    • (d) चारकोल

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन के विभिन्न अपरूपों के भौतिक गुण भिन्न होते हैं, जो उनके अनुप्रयोगों को निर्धारित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): पेंसिल की लीड ग्रेफाइट से बनी होती है। ग्रेफाइट में कार्बन परमाणु षट्कोणीय छल्लों (hexagonal rings) की परतों में व्यवस्थित होते हैं, और परतों के बीच कमजोर वैन डेर वाल्स बल होते हैं। यह संरचना ग्रेफाइट को परतदार और कोमल बनाती है, जिससे यह आसानी से टूट जाता है और कागज पर निशान छोड़ देता है। हीरा, इसके विपरीत, बहुत कठोर होता है। फुलरीन और चारकोल के अन्य विशिष्ट अनुप्रयोग होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  4. हीरे का क्रांतिक कोण (critical angle) लगभग कितना होता है, जो इसके चमकने में योगदान देता है?

    • (a) 45°
    • (b) 24.4°
    • (c) 32.5°
    • (d) 18.4°

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) किसी पदार्थ के उच्च अपवर्तनांक और उसके क्रांतिक कोण से जुड़ा होता है, जो उसकी चमक को प्रभावित करता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक (लगभग 2.42) बहुत अधिक होता है। क्रांतिक कोण वह कोण होता है जिस पर प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाते समय कुल आंतरिक परावर्तन से गुजरता है। हीरे का निम्न क्रांतिक कोण (लगभग 24.4°) प्रकाश को हीरे के भीतर कई बार परावर्तित होने की अनुमति देता है, जब तक कि वह अंततः एक ऐसे कोण पर बाहर न निकल जाए जो दर्शक की ओर निर्देशित हो, जिससे उसकी विशिष्ट चमक पैदा होती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  5. हीरा किसके संदर्भ में एक उत्कृष्ट ऊष्मा चालक है?

    • (a) चालन (Conduction)
    • (b) संवहन (Convection)
    • (c) विकिरण (Radiation)
    • (d) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ऊष्मा का संचरण चालन, संवहन और विकिरण द्वारा होता है, और ठोसों में चालन प्रमुख होता है।

    व्याख्या (Explanation): ठोसों में, ऊष्मा का संचरण मुख्य रूप से परमाणुओं या अणुओं के कंपन के माध्यम से चालन द्वारा होता है। हीरे की अत्यंत कठोर और सघन त्रिविमीय जालक संरचना के कारण, कंपन (जिन्हें फोनन कहते हैं) बहुत कुशलता से यात्रा कर सकते हैं, जिससे ऊष्मा का उच्च दर से चालन होता है। संवहन के लिए कणों की गति की आवश्यकता होती है (जो ठोस में नहीं होती), और विकिरण विद्युत चुम्बकीय तरंगों द्वारा होता है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  6. हीरे को बनाने वाली मूल इकाई क्या है?

    • (a) कार्बन परमाणु
    • (b) सिलिकॉन परमाणु
    • (c) नाइट्रोजन परमाणु
    • (d) हाइड्रोजन परमाणु

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तत्वों के अपरूप (allotropes) एक ही तत्व के विभिन्न रूपों में पाए जाने वाले पदार्थ होते हैं, जिनकी भौतिक गुण अलग-अलग होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक अपरूप है। इसका अर्थ है कि यह विशुद्ध रूप से कार्बन परमाणुओं से बना है जो एक विशिष्ट त्रि-आयामी व्यवस्था में बंधे होते हैं। सिलिकॉन, नाइट्रोजन और हाइड्रोजन अन्य तत्व हैं जिनके अपने अलग-अलग रासायनिक और भौतिक गुण होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  7. प्रयोगशाला में कृत्रिम हीरे (synthetic diamonds) बनाने की प्रक्रिया में आमतौर पर निम्नलिखित में से किस विधि का उपयोग किया जाता है?

    • (a) उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT)
    • (b) रासायनिक वाष्प जमाव (CVD)
    • (c) दोनों (a) और (b)
    • (d) केवल निम्न दबाव, निम्न तापमान

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कृत्रिम रूप से विभिन्न सामग्रियों को बनाने के लिए विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाएं मौजूद हैं।

    व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे को मुख्य रूप से दो विधियों द्वारा बनाया जाता है: उच्च दबाव, उच्च तापमान (HPHT), जो पृथ्वी के अंदर हीरे बनने की प्राकृतिक प्रक्रिया की नकल करता है, और रासायनिक वाष्प जमाव (CVD), जहां हाइड्रोकार्बन गैसों को विघटित करके हीरे की परतें जमा की जाती हैं। इसलिए, दोनों विधियाँ कृत्रिम हीरे बनाने के लिए उपयोग की जाती हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. हीरे में कार्बन-कार्बन सहसंयोजक बंध की प्रकृति के कारण, यह निम्नलिखित में से किस प्रकार का यौगिक है?

    • (a) आयनिक
    • (b) सहसंयोजक
    • (c) धात्विक
    • (d) ध्रुवीय

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंधन परमाणुओं को एक साथ बांधने वाले बल होते हैं, और उनके प्रकार यौगिकों के गुणों को निर्धारित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): सहसंयोजक बंध परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से बनते हैं। हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंध बनाता है। ये बंध बहुत मजबूत होते हैं और एक क्रिस्टल जालक का निर्माण करते हैं। आयनिक बंध इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण से बनते हैं, धात्विक बंध धातुओं में पाए जाते हैं, और ध्रुवीयता साझेदारी में असमानता से आती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. हीरे को पॉलिश करने और काटने के लिए आमतौर पर किसका उपयोग किया जाता है, क्योंकि यह स्वयं बहुत कठोर होता है?

    • (a) स्टील
    • (b) एल्यूमीनियम
    • (c) हीरे का पाउडर
    • (d) सैंडपेपर

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कठोरता के संदर्भ में, “मोह्स कठोरता पैमाने” (Mohs Hardness Scale) का उपयोग किया जाता है, जहाँ एक पदार्थ दूसरे को खरोंच सकता है।

    व्याख्या (Explanation): मोह्स कठोरता पैमाने पर हीरे को 10 का स्कोर दिया गया है, जो इसे सबसे कठोर प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थों में से एक बनाता है। इसी तरह की या उससे अधिक कठोरता वाले पदार्थ का उपयोग इसे काटने या पॉलिश करने के लिए किया जा सकता है। हीरे को काटने और पॉलिश करने के लिए, हीरे के महीन कणों (हीरे का पाउडर) का उपयोग किया जाता है, जो अन्य कठोर सामग्रियों की तुलना में अधिक प्रभावी होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. निम्नलिखित में से कौन सा कथन हीरे के बारे में सत्य नहीं है?

    • (a) यह एक उत्कृष्ट अपवर्तक (refractor) है।
    • (b) यह एक अच्छा संवाहक (conductor) है।
    • (c) इसका क्रांतिक कोण कम होता है।
    • (d) यह विद्युत का कुचालक (insulator) है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे के भौतिक गुणों को समझना महत्वपूर्ण है, जिसमें इसकी चालकता भी शामिल है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे विद्युत का कुचालक है क्योंकि इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं। हालांकि, यह ऊष्मा का उत्कृष्ट चालक है। इसका उच्च अपवर्तनांक और कम क्रांतिक कोण इसे प्रकाश के साथ इस तरह से इंटरैक्ट करने की अनुमति देते हैं कि यह बहुत चमकदार दिखाई देता है। इसलिए, यह कहना गलत है कि यह एक अच्छा संवाहक है (विद्युत के संदर्भ में)।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  11. हीरे के कटिंग और पॉलिशिंग में उपयोग होने वाले यंत्रों पर हीरे को किस रूप में लगाया जाता है?

    • (a) केवल महीन पाउडर के रूप में
    • (b) धातु के मिश्रण में
    • (c) विभिन्न आकारों के कणों के रूप में
    • (d) घोल के रूप में

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): घर्षण और पॉलिशिंग की प्रक्रियाएं कणों के आकार और वितरण पर निर्भर करती हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे को काटने और पॉलिश करने के लिए उपयोग किए जाने वाले औजारों पर हीरे को अक्सर विभिन्न आकारों के कणों के रूप में एक धातु या राल मैट्रिक्स (धातु के मिश्रण में) में एम्बेड किया जाता है। महीन पाउडर का उपयोग पॉलिशिंग के अंतिम चरणों में किया जा सकता है, लेकिन काटने और तराशने के लिए बड़े कणों की आवश्यकता होती है। घोल के रूप में हीरे का सीधा उपयोग कटिंग के लिए नहीं किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  12. डायमंड पर डबलिंग से यह संकेत मिलता है कि हम किसी चीज़ को दोगुना कर रहे हैं। यदि हम हीरे के एक नमूने को दोगुना करते हैं, तो उसका घनत्व (density) क्या होगा?

    • (a) दोगुना हो जाएगा
    • (b) आधा हो जाएगा
    • (c) वही रहेगा
    • (d) अनिश्चित

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): घनत्व किसी पदार्थ का एक आंतरिक गुण है, जो उसके द्रव्यमान और आयतन के अनुपात से परिभाषित होता है, न कि मात्रा से।

    व्याख्या (Explanation): घनत्व (ρ) को द्रव्यमान (m) और आयतन (V) के अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है: ρ = m/V। यदि आप किसी पदार्थ की मात्रा को दोगुना करते हैं, तो उसका द्रव्यमान भी दोगुना हो जाएगा, जिससे घनत्व का अनुपात वही बना रहेगा। घनत्व पदार्थ के प्रकार पर निर्भर करता है, न कि उसके आकार या मात्रा पर।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  13. हीरे में कार्बन परमाणुओं के बीच बंधों की संख्या प्रत्येक परमाणु के लिए क्या होती है?

    • (a) 2
    • (b) 3
    • (c) 4
    • (d) 6

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन की संयोजकता (valency) और संकरण (hybridization) इसके बंध निर्माण को निर्धारित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणु sp3 संकरणित होते हैं। प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने चार बाह्यतम इलेक्ट्रॉनों का उपयोग करके चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ एकल सहसंयोजक बंध बनाता है। यह एक टेट्राहेड्रल (tetrahedral) ज्यामिति बनाता है, और प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  14. हीरे के विशिष्ट चमक (brilliance) और आग (fire) के लिए कौन सी भौतिक घटनाएँ जिम्मेदार हैं?

    • (a) केवल परावर्तन
    • (b) केवल अपवर्तन
    • (c) पूर्ण आंतरिक परावर्तन और फैलाव (dispersion)
    • (d) केवल विवर्तन (diffraction)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश का विभिन्न माध्यमों में व्यवहार, जैसे कि परावर्तन, अपवर्तन और फैलाव, दृश्य प्रभावों का कारण बनता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की चमक (brilliance) उसके उच्च अपवर्तनांक और उसके द्वारा प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण होती है। हीरे का “आग” (fire) या रंगीन फैलाव (dispersion) तब होता है जब प्रकाश हीरे के अंदर अपवर्तित होता है और विभिन्न तरंग दैर्ध्य (रंग) अलग-अलग कोणों पर मुड़ जाते हैं, जैसे प्रिज्म में होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. हीरे का उपयोग काटने वाले औजारों में क्यों किया जाता है?

    • (a) क्योंकि यह सस्ता है
    • (b) क्योंकि यह टिकाऊ और कठोर है
    • (c) क्योंकि यह सुंदर दिखता है
    • (d) क्योंकि यह हल्का है

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ के भौतिक गुण उसके व्यावहारिक अनुप्रयोगों को निर्धारित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता और स्थायित्व (durability) इसे उन अनुप्रयोगों के लिए आदर्श बनाते हैं जहाँ घर्षण और टूट-फूट का सामना करना पड़ता है, जैसे कि काटने वाले औजार (ड्रिल बिट्स, सॉ ब्लेड, ग्राइंडिंग व्हील्स)। इसकी कीमत, सुंदरता या हल्कापन इसके औद्योगिक उपयोग के लिए मुख्य कारण नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  16. कार्बन का वह अपरूप कौन सा है जो विद्युत का सुचालक है और नरम होता है?

    • (a) हीरा
    • (b) ग्रेफाइट
    • (c) बकमिंस्टरफुलरीन
    • (d) इन सभी का मिश्रण

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन के विभिन्न अपरूपों के गुण भिन्न होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु षट्कोणीय परतों में व्यवस्थित होते हैं, और प्रत्येक परमाणु तीन अन्य परमाणुओं से बंधा होता है। शेष मुक्त इलेक्ट्रॉन परतों के बीच इलेक्ट्रॉनों के रूप में मौजूद होते हैं, जो इसे विद्युत का सुचालक बनाते हैं। परतों के बीच कमजोर बंधन इसे नरम भी बनाते हैं। हीरा विद्युत का कुचालक होता है, और फुलरीन के गुण भिन्न होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  17. हीरे का रासायनिक सूत्र क्या है?

    • (a) CO₂
    • (b) C
    • (c) CH₄
    • (d) O₂

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र किसी यौगिक या तत्व में परमाणुओं के प्रकार और संख्या को दर्शाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक शुद्ध रूप है, और कार्बन का रासायनिक प्रतीक ‘C’ है। इसलिए, हीरे का रासायनिक सूत्र ‘C’ है। CO₂ कार्बन डाइऑक्साइड है, CH₄ मीथेन है, और O₂ ऑक्सीजन है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  18. हीरे को काटने और चमकाने के लिए उपयोग किए जाने वाले औजारों का आधार क्या होता है?

    • (a) कोबाल्ट
    • (b) निकेल
    • (c) टाइटेनियम
    • (d) तांबा

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): हीरे को पकड़ने और उन पर घर्षण उत्पन्न करने के लिए धातु के मैट्रिक्स का उपयोग किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की कटिंग और पॉलिशिंग में उपयोग किए जाने वाले एब्रेसिव (abrasive) औजारों में, हीरे के कणों को अक्सर निकेल जैसी धातुओं के मैट्रिक्स में लगाया जाता है। निकेल की पकड़ (adhesion) और मजबूती इसे एब्रेसिव कणों को प्रभावी ढंग से रखने में मदद करती है, जिससे काटने की प्रक्रिया संभव हो पाती है। कोबाल्ट, टाइटेनियम और तांबे का भी उपयोग किया जा सकता है, लेकिन निकेल एक सामान्य आधार है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. कौन सा वैज्ञानिक प्रयोग हीरे के निर्माण की प्रक्रिया को समझने में मदद करता है?

    • (a) प्रकाश का परावर्तन
    • (b) क्रिस्टलीकरण
    • (c) उच्च दबाव और उच्च तापमान पर कार्बन का व्यवहार
    • (d) अम्ल-क्षार अनुमापन

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): भूविज्ञान और भौतिकी में, चरम स्थितियाँ पदार्थों के गुणों और व्यवहार को प्रभावित कर सकती हैं।

    व्याख्या (Explanation): पृथ्वी के अंदर, गहरे मैंटल में मौजूद अत्यधिक उच्च दबाव और उच्च तापमान की स्थितियाँ कार्बन परमाणुओं को हीरे की संरचना में क्रिस्टलीकृत करने के लिए प्रेरित करती हैं। प्रयोगशालाओं में कृत्रिम हीरे बनाने के लिए इन्हीं परिस्थितियों का अनुकरण किया जाता है। प्रकाश का परावर्तन, क्रिस्टलीकरण (सामान्य रूप में), और अम्ल-क्षार अनुमापन हीरे के निर्माण की प्रक्रिया को सीधे समझने में मदद नहीं करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो वह किस घटना के कारण थोड़ा झुक जाता है?

    • (a) विवर्तन
    • (b) अपवर्तन
    • (c) परावर्तन
    • (d) फैलाव

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाता है, तो उसकी गति में परिवर्तन के कारण वह मुड़ जाता है, जिसे अपवर्तन कहते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक हवा से बहुत अधिक होता है, जिसका अर्थ है कि प्रकाश हीरे में प्रवेश करते समय धीमा हो जाता है। यह गति में परिवर्तन प्रकाश किरण के पथ को झुकाता है, जो अपवर्तन की घटना है। परावर्तन तब होता है जब प्रकाश सतह से टकराकर वापस लौटता है। विवर्तन तब होता है जब प्रकाश बाधाओं के चारों ओर मुड़ता है, और फैलाव प्रकाश के विभिन्न रंगों में टूटने को कहते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. मानव शरीर में “डायमंड” (हीरे) जैसी कठोरता वाला सबसे कठोर पदार्थ कौन सा है?

    • (a) हड्डी
    • (b) नाखून
    • (c) दांतों का इनेमल
    • (d) बाल

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): जैविक पदार्थ विभिन्न स्तरों की कठोरता प्रदर्शित करते हैं, जो उनके रासायनिक संघटन और संरचना पर निर्भर करता है।

    व्याख्या (Explanation): मानव शरीर में सबसे कठोर पदार्थ दांतों का इनेमल (enamel) है, जो मुख्य रूप से हाइड्रॉक्सीपैटाइट (hydroxyapatite) नामक खनिज से बना होता है। हालांकि यह हीरे जितना कठोर नहीं है, लेकिन यह शरीर के अन्य ऊतकों जैसे हड्डी, नाखून या बाल की तुलना में बहुत अधिक कठोर होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  22. कार्बन का कौन सा अपरूप उच्च तापमान पर ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलकर कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है?

    • (a) केवल हीरा
    • (b) केवल ग्रेफाइट
    • (c) सभी अपरूप
    • (d) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): दहन (combustion) एक रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें पदार्थ ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके गर्मी और प्रकाश उत्पन्न करता है।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन के सभी अपरूप (हीरा, ग्रेफाइट, फुलरीन, चारकोल आदि) ऑक्सीजन की उपस्थिति में उच्च तापमान पर जलकर कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) बनाते हैं। उनकी अभिक्रिया की दर थोड़ी भिन्न हो सकती है, लेकिन अंतिम उत्पाद समान रहता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  23. डायमंड पर डबलिंग का अर्थ किसी चीज को दोगुना करना है। यदि आप एक सामान्य बल्ब की चमक को दोगुना करना चाहते हैं, तो आप आमतौर पर क्या करेंगे?

    • (a) वोल्टेज को दोगुना करेंगे
    • (b) वाट क्षमता (wattage) को दोगुना करेंगे
    • (c) प्रतिरोध (resistance) को दोगुना करेंगे
    • (d) धारा (current) को दोगुना करेंगे

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश बल्ब की चमक उसकी शक्ति (power) पर निर्भर करती है, जो वोल्टेज, धारा और प्रतिरोध से संबंधित है।

    व्याख्या (Explanation): एक लाइट बल्ब की चमक उसकी वाट क्षमता (power rating) से सीधे संबंधित होती है। वाट क्षमता (P) को वोल्टेज (V) और धारा (I) के गुणनफल के रूप में व्यक्त किया जाता है (P = VI)। उच्च वाट क्षमता वाले बल्ब अधिक प्रकाश उत्पन्न करते हैं। यदि वाट क्षमता को दोगुना किया जाता है, तो सिद्धांत रूप में चमक भी लगभग दोगुनी हो जाएगी (हालांकि यह हमेशा रैखिक नहीं होता)। केवल वोल्टेज या धारा को दोगुना करने से शक्ति चार गुना हो सकती है (यदि प्रतिरोध स्थिर रहे, P = V²/R या P = I²R), जो बल्ब को नुकसान पहुंचा सकता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  24. कार्बन-कार्बन बंध की लंबाई हीरे में कितनी होती है?

    • (a) लगभग 154 पिकोमीटर
    • (b) लगभग 142 पिकोमीटर
    • (c) लगभग 134 पिकोमीटर
    • (d) लगभग 120 पिकोमीटर

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंध की लंबाई अणु की संरचना और बंध के प्रकार पर निर्भर करती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन-कार्बन सहसंयोजक एकल बंध की लंबाई लगभग 154 पिकोमीटर (pm) होती है। यह लंबाई हीरे की कठोर और स्थिर संरचना के लिए महत्वपूर्ण है। ग्रेफाइट में कार्बन-कार्बन बंध की लंबाई थोड़ी कम होती है (लगभग 142 pm) क्योंकि यह दोहरी बंध की तरह व्यवहार करता है, और विभिन्न फुलरीन में भी अलग-अलग बंध लंबाई होती हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  25. हीरे को पॉलिश करने के लिए किस प्रकार की सतह का उपयोग किया जाता है?

    • (a) एल्यूमीनियम ऑक्साइड
    • (b) सिलिकॉन कार्बाइड
    • (c) हीरे की धूल के साथ लेपित डिस्क
    • (d) केवल नरम कपड़ा

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पॉलिशिंग एक अपघर्षक प्रक्रिया है जिसमें कठोर कणों का उपयोग करके सतह से सामग्री हटाई जाती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरे को पॉलिश करने के लिए, बहुत ही महीन हीरे की धूल (abrasive particles) का उपयोग एक घूमती हुई धातु की डिस्क पर किया जाता है। एल्यूमीनियम ऑक्साइड या सिलिकॉन कार्बाइड जैसे अपघर्षक का उपयोग अन्य धातुओं या रत्‍नों के लिए किया जा सकता है, लेकिन हीरे की असाधारण कठोरता को देखते हुए, केवल हीरे का पाउडर ही इसे प्रभावी ढंग से पॉलिश कर सकता है। नरम कपड़ा अकेले हीरे को पॉलिश नहीं कर सकता।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

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