भारतीय राजव्यवस्था: आपकी तैयारी का पंचनामा
नमस्कार, प्रतियोगी साथियों! भारतीय लोकतंत्र की बुनियाद को समझना हर परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज हम आपके लिए भारतीय राजव्यवस्था और संविधान पर आधारित 25 चुनिंदा बहुविकल्पीय प्रश्न लाए हैं। यह प्रश्न आपकी वैचारिक स्पष्टता को परखने और ज्ञान को धार देने का बेहतरीन माध्यम बनेंगे। तो, अपनी तैयारी को एक नया आयाम देने के लिए तैयार हो जाइए!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द कब जोड़े गए?
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’ (Socialist) और ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) शब्द भारतीय संविधान की प्रस्तावना में 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे। प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है और इस संशोधन ने ‘एकीता’ (Integrity) शब्द को भी जोड़ा।
- संदर्भ और विस्तार: 42वां संशोधन, जिसे ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है, भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। इसने मूल प्रस्तावना में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए, जो भारतीय राज्य की प्रकृति को स्पष्ट करते हैं।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन (1985) दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है। 74वां संशोधन (1992) नगरपालिकाओं से संबंधित है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
- भय और यातना के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 20)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, जो धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी नागरिक के विरुद्ध विभेद का प्रतिषेध करता है, केवल भारतीय नागरिकों के लिए है। यह भेदभाव के खिलाफ संरक्षण प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण), और अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण) भारतीय संविधान के भाग III में उल्लिखित मौलिक अधिकार हैं जो भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 20 और 21 नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों के लिए लागू होते हैं। इसलिए, ये केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त अधिकार नहीं हैं।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन मंडल में शामिल नहीं है?
- लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
- राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन अनुच्छेद 54 के तहत एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य इस मंडल में शामिल नहीं होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार होता है। दिल्ली और पुडुचेरी (अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और पुडुचेरी) के विधानसभा सदस्यों को भी 70वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में शामिल किया गया था।
- गलत विकल्प: लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य (a और b) तथा राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य (c) राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल का हिस्सा हैं, जबकि विधान परिषदों के सदस्य (d) इसका हिस्सा नहीं हैं।
प्रश्न 4: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद संसद को यह अधिकार देता है कि वह किसी भी राज्य के लिए एक समान सिविल संहिता (Uniform Civil Code) लागू करे?
- अनुच्छेद 43
- अनुच्छेद 44
- अनुच्छेद 45
- अनुच्छेद 46
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 44 भारतीय संविधान के भाग IV (राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत) में उल्लिखित है और यह राज्य को निर्देश देता है कि वह भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता प्राप्त करने का प्रयास करे।
- संदर्भ और विस्तार: समान सिविल संहिता का उद्देश्य विभिन्न धार्मिक समुदायों के लिए व्यक्तिगत कानूनों (जैसे विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेना) को एक ही कानून के तहत लाना है। यह सिद्धांत निर्देशक है, जिसका अर्थ है कि इसे लागू करना राज्य का कर्तव्य है, लेकिन यह अदालतों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 43 श्रमिकों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि से संबंधित है। अनुच्छेद 45 प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा से संबंधित है। अनुच्छेद 46 अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देने से संबंधित है।
प्रश्न 5: ‘संसदीय विशेषाधिकार’ का अर्थ क्या है?
- संसद के सदस्यों द्वारा संसद के सत्र के दौरान किए गए अपराधों से मुक्ति
- संसद के सदस्यों को कुछ विशेष अधिकार जो उन्हें अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सक्षम बनाते हैं
- संसद द्वारा बनाए गए कानूनों को न्यायालयों द्वारा चुनौती न दिया जाना
- प्रधानमंत्री को विशेष अधिकार जो उन्हें कोई भी निर्णय लेने की अनुमति देते हैं
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: संसदीय विशेषाधिकार (Parliamentary Privileges) वे विशेष अधिकार, छूट और उन्मुक्तियाँ हैं जो संसद के सदनों, समितियों और उनके सदस्यों को अपने कर्तव्यों के कुशल निर्वहन के लिए आवश्यक होती हैं। अनुच्छेद 105, भारतीय संविधान में, संसद सदस्यों के विशेषाधिकारों को निर्धारित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इनमें सदन में या समितियों में कही गई बातों या दिए गए मतों के लिए किसी भी कार्यवाही से उन्मुक्ति, सदन के सत्र के दौरान या उसके सत्र शुरू होने से 40 दिन पहले और समाप्त होने के 40 दिन बाद किसी भी दीवानी मामले में गिरफ्तारी से उन्मुक्ति, और सदन के कार्यवाहियों को प्रकाशित करने का अधिकार शामिल हैं।
- गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि विशेषाधिकार सभी अपराधों से पूर्ण मुक्ति नहीं देते, विशेष रूप से फौजदारी मामलों में। (c) यह ‘न्यायिक समीक्षा’ (Judicial Review) से संबंधित है, विशेषाधिकारों से नहीं। (d) प्रधानमंत्री को ऐसे विशेष अधिकार नहीं होते जो उन्हें कोई भी निर्णय लेने की अनुमति दें; वे संविधान और कानूनों के अधीन हैं।
प्रश्न 6: भारत में पहली बार राष्ट्रीय आपातकाल कब घोषित किया गया था?
- 1950
- 1962
- 1971
- 1975
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में पहली बार राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) की घोषणा 26 अक्टूबर 1962 को चीन के आक्रमण के कारण अनुच्छेद 352 के तहत की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल की घोषणा युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में की जा सकती है। 1962 का आपातकाल 1968 तक जारी रहा। बाद में, 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के कारण और 1975 में आंतरिक गड़बड़ी के आधार पर भी राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किए गए थे।
- गलत विकल्प: 1950 में संविधान लागू हुआ। 1971 में आपातकाल घोषित हुआ था, लेकिन यह पहला नहीं था। 1975 में भी घोषित हुआ था, लेकिन यह भी पहला नहीं था।
प्रश्न 7: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) किसके द्वारा नियुक्त किया जाता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- वित्त मंत्री
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (Comptroller and Auditor General of India – CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख होता है और भारत की संचित निधि, आकस्मिक निधि और लोक वित्त (सार्वजनिक धन) पर खर्च का लेखा-परीक्षण करता है। उसे संसद के दोनों सदनों के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है। CAG का पद भारत के संविधान में सबसे स्वतंत्र और निष्पक्ष पदाधिकारियों में से एक है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री या सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश CAG की नियुक्ति नहीं करते हैं। राष्ट्रपति ही एकमात्र प्राधिकारी हैं जो इस नियुक्ति को करते हैं।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सी संसदीय समिति लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee – PAC) की ‘जुड़वां बहन’ कहलाती है?
- सरकारी उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings)
- आवास समिति (Committee on Government Accommodation)
- कार्यवाही सलाह समिति (Committee on Absence of Members)
- अधिवेशनों की अवधि बढ़ाने वाली समिति (Committee for extending the duration of sessions)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: सरकारी उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings – COPU) को लोक लेखा समिति (PAC) की ‘जुड़वां बहन’ कहा जाता है। दोनों समितियां सार्वजनिक धन के व्यय पर नियंत्रण रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। COPU का गठन 1964 में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: PAC सरकार के विनियोग खातों और भारत के CAG की रिपोर्ट की जांच करती है, जबकि COPU सरकारी उपक्रमों के खातों और उन पर CAG की रिपोर्ट की जांच करती है। दोनों समितियां लोक महत्व की समितियों (Financial Committees) के रूप में कार्य करती हैं।
- गलत विकल्प: अन्य समितियाँ (b, c, d) क्रमशः सरकारी आवास, सदस्यों की अनुपस्थिति और सत्र की अवधि बढ़ाने जैसे विषयों से संबंधित हैं और PAC की ‘जुड़वां बहन’ नहीं कहलातीं।
प्रश्न 9: 73वां संशोधन अधिनियम, 1992 किस विषय से संबंधित है?
- नगरपालिकाएं
- पंचायती राज संस्थाएं
- वन अधिकार
- सूचना का अधिकार
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 73वां संशोधन अधिनियम, 1992 भारतीय संविधान में एक नया भाग IX जोड़ा गया, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक के प्रावधान शामिल किए गए, और पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने देश भर में त्रि-स्तरीय पंचायती राज प्रणाली की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया, जिसमें ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती पंचायत (पंचायत समिति) और जिला परिषद शामिल हैं। इसने पंचायती राज संस्थाओं को स्थानीय स्वशासन की इकाइयाँ बनाने के लिए संवैधानिक आधार प्रदान किया।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम, 1992 नगरपालिकाओं (Municipalities) से संबंधित है। वन अधिकार (Forest Rights) और सूचना का अधिकार (Right to Information) अन्य अधिनियमों और संवैधानिक प्रावधानों के तहत आते हैं।
प्रश्न 10: यदि कोई मंत्री जो संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं है, उसे कितने समय के भीतर किसी भी सदन की सदस्यता प्राप्त करनी होगी?
- तीन महीने
- छह महीने
- नौ महीने
- बारह महीने
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 75(5) के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति मंत्री नियुक्त होता है और नियुक्ति के समय वह संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं है, तो उसे नियुक्ति की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर संसद के किसी भी सदन की सदस्यता प्राप्त करनी होगी।
- संदर्भ और विस्तार: यदि वह इस अवधि के भीतर सदस्यता प्राप्त करने में विफल रहता है, तो वह उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री के पद पर नहीं रह सकता। इसका मतलब है कि वह या तो लोकसभा या राज्यसभा से चुना जाना चाहिए।
- गलत विकल्प: तीन, नौ या बारह महीने की अवधि का कोई प्रावधान नहीं है। यह अवधि सख्ती से छह महीने है।
प्रश्न 11: संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज से संबंधित है?
- भाग V
- भाग VI
- भाग VIII
- भाग IX
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX, जो 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया, पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है। इसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: यह भाग पंचायती राज संस्थाओं की संरचना, उनके सदस्यों का चुनाव, उनके कार्यकाल, वित्तीय प्रावधान, और उन्हें सौंपी जाने वाली शक्तियों और प्राधिकारों को परिभाषित करता है।
- गलत विकल्प: भाग V संघ की कार्यपालिका और संसद से संबंधित है। भाग VI राज्यों की कार्यपालिका और विधानमंडलों से संबंधित है। भाग VIII केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित है।
प्रश्न 12: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) रिट किसके विरुद्ध जारी की जा सकती है?
- केवल सरकारी अधिकारी
- केवल निजी व्यक्ति
- सरकारी अधिकारी और निजी व्यक्ति दोनों
- केवल संसद
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’। यह एक रिट है जो किसी भी व्यक्ति को जिसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया हो, उसे अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश देती है। यह रिट किसी भी व्यक्ति, चाहे वह सरकारी अधिकारी हो या निजी व्यक्ति, के विरुद्ध जारी की जा सकती है। इसका प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) में है।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य व्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना और अवैध निरोध को रोकना है। यदि अदालत संतुष्ट हो जाती है कि निरोध अवैध है, तो वह हिरासत में लिए गए व्यक्ति को रिहा करने का आदेश दे सकती है।
- गलत विकल्प: यह रिट केवल सरकारी अधिकारियों (a) या केवल निजी व्यक्तियों (b) के विरुद्ध जारी नहीं होती, बल्कि दोनों के विरुद्ध जारी हो सकती है। संसद (d) एक विधायी निकाय है, और इस संदर्भ में रिट इसके विरुद्ध जारी नहीं की जाती।
प्रश्न 13: भारत मेंFINANCIAL EMERGENCY (वित्तीय आपातकाल) की घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) की घोषणा भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 360 के तहत की जाती है। यह तब घोषित किया जा सकता है जब राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिससे भारत की वित्तीय स्थिरता या साख संकट में है।
- संदर्भ और विस्तार: अब तक भारत में एक बार भी वित्तीय आपातकाल की घोषणा नहीं की गई है। यदि यह घोषित होता है, तो राष्ट्रपति राज्यों को वित्तीय औचित्य के मानकों को बनाए रखने के लिए आवश्यक निर्देश दे सकते हैं, जिसमें वित्तीय घाटे को नियंत्रित करना और सार्वजनिक धन के उपयोग में सावधानी बरतना शामिल है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 356 राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता (राष्ट्रपति शासन) से संबंधित है। अनुच्छेद 365 ऐसे मामलों से संबंधित है जहाँ राज्य केंद्र के निर्देशों का पालन नहीं करते।
प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सा संवैधानिक निकाय नहीं है?
- निर्वाचन आयोग (Election Commission)
- संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission)
- वित्त आयोग (Finance Commission)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission – NHRC) एक **संवैधानिक निकाय नहीं** है, बल्कि एक **सांविधिक निकाय (Statutory Body)** है। इसकी स्थापना मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: NHRC मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों की जाँच करता है और पीड़ितों को राहत दिलाने में भूमिका निभाता है। संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे भारतीय संविधान में होता है।
- गलत विकल्प: निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित **संवैधानिक निकाय** हैं।
प्रश्न 15: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत सर्वोच्च न्यायालय को ‘संवैधानिक वैधता’ की पुनरीक्षा करने की शक्ति प्राप्त है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 21
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 13
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय को **न्यायिक पुनरीक्षण (Judicial Review)** की शक्ति, अर्थात संविधान की व्याख्या करने और यह निर्धारित करने की शक्ति कि कोई कानून या सरकारी कार्रवाई संविधान के प्रावधानों के अनुरूप है या नहीं, अनुच्छेद 13 में निहित है। अनुच्छेद 13 के अनुसार, वे सभी कानून जो मौलिक अधिकारों के साथ असंगत हैं, शून्य होंगे।
- संदर्भ और विस्तार: न्यायिक पुनरीक्षण भारतीय संविधान की एक मूलभूत विशेषता है, जो यह सुनिश्चित करती है कि विधायिका और कार्यपालिका संविधान के दायरे में रहें। सर्वोच्च न्यायालय ने कई ऐतिहासिक निर्णयों (जैसे केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य) में इस शक्ति को स्पष्ट किया है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 समानता का अधिकार, अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण, और अनुच्छेद 32 मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए संवैधानिक उपचारों का अधिकार प्रदान करता है। जबकि अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय रिट जारी करके न्यायिक पुनरीक्षण का अभ्यास करता है, न्यायिक पुनरीक्षण की शक्ति का आधार अनुच्छेद 13 में निहित है।
प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन एक ‘राज्य’ की परिभाषा में शामिल है, जैसा कि भारत के संविधान में परिभाषित किया गया है?
- केवल संघीय सरकार
- केवल राज्य सरकारें
- सभी केंद्रीय और राज्य सरकारें और संसद और राज्य विधानमंडल
- केवल केंद्रीय सरकार और उसके विधायी अंग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12 के अनुसार, ‘राज्य’ (State) की परिभाषा में भारत की सरकार और संसद, तथा प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के अधिकार के अधीन सभी स्थानीय और अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह परिभाषा विशेष रूप से मौलिक अधिकारों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, क्योंकि मौलिक अधिकार राज्य के विरुद्ध लागू होते हैं। इसमें केवल निर्वाचित निकाय ही नहीं, बल्कि वैधानिक या अर्ध-न्यायिक निकायों जैसे सार्वजनिक उपक्रम, अन्य प्राधिकरण भी शामिल हो सकते हैं यदि वे सरकारी कार्य कर रहे हों।
- गलत विकल्प: ‘राज्य’ की परिभाषा केवल संघीय सरकार (a), केवल राज्य सरकारों (b), या केवल केंद्रीय सरकार (d) तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सभी संबंधित सरकारी और विधायी अंग तथा अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
प्रश्न 17: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?
- भारत का राष्ट्राध्यक्ष वंशानुगत है
- भारत का राष्ट्राध्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होता है
- भारत का राष्ट्राध्यक्ष प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होता है
- भारत का राष्ट्राध्यक्ष मनोनीत होता है
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का अर्थ है कि राज्य का राष्ट्राध्यक्ष (President) वंशानुगत नहीं है, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से या प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा एक निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है। भारतीय संविधान में, राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से एक निर्वाचक मंडल द्वारा चुने जाते हैं (अनुच्छेद 54)।
- संदर्भ और विस्तार: इसका विपरीत राजशाही (Monarchy) है, जहाँ राष्ट्राध्यक्ष वंशानुगत होता है। यह भारत को न केवल लोकतांत्रिक बल्कि एक गणराज्य भी बनाता है।
- गलत विकल्प: भारत का राष्ट्राध्यक्ष (राष्ट्रपति) वंशानुगत (a) नहीं होता। वह प्रत्यक्ष रूप से (c) भी नहीं चुना जाता, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से (b) चुना जाता है। वह मनोनीत (d) भी नहीं होता।
प्रश्न 18: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council – NDC) का अध्यक्ष कौन होता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- योजना आयोग के उपाध्यक्ष
- लोकसभा के अध्यक्ष
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक कार्यकारी निकाय है, न कि संवैधानिक। भारत के प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: NDC की स्थापना 1952 में की गई थी। इसके सदस्य प्रधानमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होते हैं। यह पंचवर्षीय योजनाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और राष्ट्रीय विकास से संबंधित मुद्दों पर मार्गदर्शन प्रदान करती है।
- गलत विकल्प: भारत के राष्ट्रपति (a) NDC के अध्यक्ष नहीं होते। योजना आयोग (अब नीति आयोग) के उपाध्यक्ष (c) या लोकसभा के अध्यक्ष (d) भी इसके अध्यक्ष नहीं होते।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता भारतीय संविधान की मौलिकता को दर्शाती है?
- मौलिक अधिकार
- राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत
- संघवाद
- सांविधानिक संशोधन की प्रक्रिया
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में संशोधन की प्रक्रिया, जो अनुच्छेद 368 में वर्णित है, अत्यंत अनूठी है। यह न केवल पूर्णतः कठोर है और न ही पूर्णतः लचीली। यह एकात्मक और संघात्मक दोनों प्रवृत्तियों को दर्शाती है।
- संदर्भ और विस्तार: कुछ संशोधन सरल बहुमत से, कुछ विशेष बहुमत से, और कुछ विशेष बहुमत के साथ-साथ आधे राज्यों के अनुसमर्थन से होते हैं। यह लचीलापन और कठोरता का मिश्रण भारतीय संविधान को मौलिकता प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: मौलिक अधिकार (a), नीति निर्देशक सिद्धांत (b) और संघवाद (c) जैसी विशेषताएं कई अन्य देशों के संविधानों से प्रेरित या ली गई हैं, हालांकि उन्हें भारतीय संदर्भ में ढाला गया है। संशोधन प्रक्रिया का अनूठा मिश्रण भारतीय संविधान की अपनी पहचान है।
प्रश्न 20: धन विधेयक (Money Bill) की परिभाषा भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में दी गई है?
- अनुच्छेद 109
- अनुच्छेद 110
- अनुच्छेद 111
- अनुच्छेद 112
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: धन विधेयक (Money Bill) की परिभाषा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 110 में दी गई है। इसमें ऐसे विधेयक शामिल होते हैं जो मुख्य रूप से भारत की संचित निधि या लोक लेखा में धन जमा करने या निकालने, किसी कर को लगाने, माफ करने, बदलने या विनियमित करने से संबंधित होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: धन विधेयक को पारित करने की प्रक्रिया सामान्य विधेयकों से भिन्न होती है। इसे केवल लोकसभा में पेश किया जा सकता है, और राज्यसभा इसे अधिकतम 14 दिनों तक रोक सकती है या संशोधित करने का सुझाव दे सकती है, लेकिन इसे अस्वीकार नहीं कर सकती। लोकसभा अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होता है कि कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 109 धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया का वर्णन करता है। अनुच्छेद 111 विधेयकों पर राष्ट्रपति की स्वीकृति से संबंधित है। अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है।
प्रश्न 21: भारतीय संविधान के अनुसार, ‘विधि का शासन’ (Rule of Law) किस अनुच्छेद में निहित है?
- अनुच्छेद 12
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘विधि का शासन’ (Rule of Law) की अवधारणा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 में निहित है, जो कहता है कि “राज्य किसी भी व्यक्ति को विधि के समक्ष समानता या विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा।” यह सुनिश्चित करता है कि सभी व्यक्ति कानून के अधीन हैं और कानून के अनुसार ही शासन होगा।
- संदर्भ और विस्तार: विधि के शासन के तीन मुख्य पहलू हैं: (1) कोई व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है, (2) कानून के समक्ष सभी समान हैं, और (3) व्यक्ति को मनमानी शक्ति के बजाय कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा। यह सिद्धांत ब्रिटिश संवैधानिक सिद्धांतकार ए.वी. डाइसी से लिया गया है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 12 ‘राज्य’ की परिभाषा देता है। अनुच्छेद 13 मौलिक अधिकारों से असंगत कानूनों को शून्य घोषित करता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है।
प्रश्न 22: किसी राज्य का मुख्यमंत्री अपना त्यागपत्र किसे संबोधित करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- राज्य के राज्यपाल
- राज्य विधानमंडल के अध्यक्ष
- उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: मुख्यमंत्री अपना त्यागपत्र राज्य के राज्यपाल को संबोधित करते हैं। अनुच्छेद 164(1) के तहत, राज्यपाल मुख्यमंत्री को नियुक्त करता है, और मुख्यमंत्री राज्यपाल के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है।
- संदर्भ और विस्तार: मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्य की विधानसभा में बहुमत प्राप्त दल या गठबंधन के नेता के रूप में की जाती है। जब मुख्यमंत्री अपना त्यागपत्र देता है, तो वह प्रभावी रूप से राज्य सरकार का अंत कर देता है, और राज्यपाल को यह सूचित किया जाता है।
- गलत विकल्प: मुख्यमंत्री भारत के राष्ट्रपति (a), राज्य विधानमंडल के अध्यक्ष (c), या उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (d) को अपना त्यागपत्र नहीं देते हैं।
प्रश्न 23: ‘अस्पृश्यता’ का अंत किस मौलिक अधिकार के अंतर्गत आता है?
- स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
- शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) का अंत भारतीय संविधान के **अनुच्छेद 17** के तहत आता है, जो **समानता के अधिकार** (अनुच्छेद 14-18) का हिस्सा है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है और इसके किसी भी रूप के आचरण को प्रतिबंधित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: संसद ने अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 (जिसे बाद में नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 कहा गया) पारित किया ताकि अनुच्छेद 17 को प्रभावी बनाया जा सके। यह मौलिक अधिकारों में से एक है जो सीधे लागू होता है।
- गलत विकल्प: स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अन्य महत्वपूर्ण अधिकार हैं, लेकिन अस्पृश्यता का उन्मूलन विशेष रूप से समानता के अधिकार के तहत अनुच्छेद 17 द्वारा सुनिश्चित किया गया है।
प्रश्न 24: भारतीय संसद में कुल कितनी भाषाएँ मान्यता प्राप्त हैं?
- 18
- 20
- 22
- 24
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की **आठवीं अनुसूची** में 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्त है। ये वे भाषाएँ हैं जिन्हें संघ द्वारा आधिकारिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और जो भारत की भाषाई विविधता का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: मूल रूप से संविधान में 14 भाषाएँ थीं। बाद में सिंधी (21वां संशोधन), कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली (71वां संशोधन) जोड़ी गईं। फिर बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली (92वां संशोधन) जोड़ी गईं, जिससे कुल संख्या 22 हो गई।
- गलत विकल्प: 18, 20 और 24 भाषाओं की सूची भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध नहीं हैं।
प्रश्न 25: ‘लोकहित याचिका’ (Public Interest Litigation – PIL) की अवधारणा किस देश के संवैधानिक न्यायशास्त्र से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूनाइटेड किंगडम
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: लोकहित याचिका (PIL) की अवधारणा मुख्य रूप से **संयुक्त राज्य अमेरिका** के संवैधानिक न्यायशास्त्र से प्रेरित है, जहाँ इसे ‘एक्शन पब्लिक’ (Action Public) के रूप में जाना जाता है। भारत में, इसे अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के माध्यम से विकसित किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: PIL ने आम आदमी को न्यायपालिका तक पहुँचने में सक्षम बनाया है, खासकर जब सार्वजनिक हितों को नुकसान पहुँचाया जा रहा हो और प्रभावित व्यक्ति स्वयं अदालत जाने में असमर्थ हो। सर्वोच्च न्यायालय ने कई ऐतिहासिक निर्णयों के माध्यम से PIL के दायरे का विस्तार किया है।
- गलत विकल्प: जबकि यूके, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के पास अपनी कानूनी प्रणालियाँ हैं, PIL की विशिष्ट अवधारणा और उसका विकास विशेष रूप से अमेरिकी न्यायशास्त्र में पाया जाता है, जिसने भारत को प्रभावित किया।