हीरे की चमक: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न आपकी तैयारी को परखें
परिचय:** प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान का एक महत्वपूर्ण स्थान है। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों की गहरी समझ आपको परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद करती है। यहाँ हम “Doubling Down on Diamond” नामक सामयिक संकेत के आधार पर, इन विषयों से संबंधित 25 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आपकी तैयारी को मजबूत करने में सहायक होंगे।**
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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कार्बन का कौन सा अपररूप (allotrope) अपनी असाधारण कठोरता और उच्च अपवर्तनांक (high refractive index) के लिए जाना जाता है?
- (a) ग्रेफाइट
- (b) हीरा
- (c) फुलेरीन
- (d) चारकोल
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपररूप (Allotropes) एक ही तत्व के विभिन्न रूप होते हैं जो भौतिक गुणों में भिन्न होते हैं लेकिन रासायनिक रूप से समान होते हैं। कार्बन के मुख्य अपररूपों में हीरा, ग्रेफाइट, फुलेरीन और कोयला शामिल हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन का एक अपररूप है जिसमें प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से चतुष्फलकीय (tetrahedral) संरचना में जुड़ा होता है। यह मजबूत सहसंयोजक बंधन (covalent bonds) हीरे को असाधारण रूप से कठोर बनाते हैं। इसका उच्च अपवर्तनांक इसे चमकदार बनाता है। ग्रेफाइट परतदार होता है और नरम होता है, जबकि फुलेरीन गोल्फ बॉल जैसी संरचनाएं बनाते हैं। चारकोल कार्बन का एक अक्रिस्टलीय (amorphous) रूप है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का उच्च अपवर्तनांक (high refractive index) किसके कारण होता है?
- (a) इसके मजबूत सहसंयोजक बंधन
- (b) इसके परमाणुओं की घनी पैकिंग
- (c) प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक (refractive index) किसी माध्यम में प्रकाश की गति का निर्वात में प्रकाश की गति से अनुपात है। यह सामग्री की प्रकाशीय घनत्व (optical density) को दर्शाता है। पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection – TIR) तब होता है जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम की ओर क्रांतिक कोण (critical angle) से अधिक कोण पर जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) इसके परमाणुओं की घनी पैकिंग और मजबूत सहसंयोजक बंधनों के कारण होता है, जो प्रकाश के साथ इसकी परस्पर क्रिया को प्रभावित करते हैं। यह उच्च अपवर्तनांक हीरे के प्रत्येक facet से प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन की ओर ले जाता है, जिससे इसे वह विशिष्ट चमक मिलती है। इसलिए, a, b, और c तीनों कारक योगदान करते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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पृथ्वी पर सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ क्या है?
- (a) टंगस्टन
- (b) कोरंडम
- (c) हीरा
- (d) क्वार्ट्ज
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कठोरता (Hardness) किसी पदार्थ की खरोंच या घर्षण का विरोध करने की क्षमता है। मोस पैमाना (Mohs scale) खनिजों की सापेक्षिक कठोरता को मापने के लिए एक सामान्य पैमाना है, जिसमें हीरा 10 के साथ सबसे कठोर होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा, कार्बन का एक अपररूप, अपनी अत्यधिक मजबूत सहसंयोजक बंधन संरचना के कारण पृथ्वी पर पाया जाने वाला सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ है। मोस पैमाने पर इसका मान 10 है, जो इसे खरोंच के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी बनाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कार्बन का कौन सा अपररूप विद्युत का सुचालक (conductor) है?
- (a) हीरा
- (b) ग्रेफाइट
- (c) फुलेरीन
- (d) दोनों (b) और (c)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता (Electrical conductivity) किसी पदार्थ की विद्युत धारा प्रवाहित करने की क्षमता है। यह मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु षटकोणीय (hexagonal) परतों में व्यवस्थित होते हैं, और प्रत्येक कार्बन परमाणु केवल तीन अन्य से बंधा होता है। इससे एक ‘डीलोकलाइज़्ड’ (delocalized) इलेक्ट्रॉन मुक्त हो जाता है जो परतों के बीच आसानी से घूम सकता है, जिससे ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक बन जाता है। हीरे में, सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन (valence electrons) सहसंयोजक बंधनों में बंधे होते हैं और गति के लिए स्वतंत्र नहीं होते, इसलिए यह विद्युत का कुचालक (insulator) है। फुलेरीन की चालकता परिवर्तनशील होती है और यह आम तौर पर अर्धचालक (semiconductor) होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे के निर्माण के लिए आवश्यक मुख्य स्थितियाँ क्या हैं?
- (a) उच्च तापमान और कम दबाव
- (b) कम तापमान और उच्च दबाव
- (c) उच्च तापमान और उच्च दबाव
- (d) कम तापमान और कम दबाव
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन के विभिन्न अपररूपों का निर्माण तापमान और दबाव की स्थितियों पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मेंटल (mantle) में बनते हैं, जहाँ असाधारण रूप से उच्च तापमान (लगभग 1000-1400°C) और अत्यधिक उच्च दबाव (लगभग 4.5–6 GPa, जो 45,000–60,000 वायुमंडल के बराबर है) मौजूद होते हैं। ये स्थितियाँ कार्बन परमाणुओं को हीरे की सघन क्रिस्टल संरचना में व्यवस्थित होने के लिए मजबूर करती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरा किस प्रकार के क्रिस्टल जालक (crystal lattice) संरचना में व्यवस्थित होता है?
- (a) घन (Cubic)
- (b) षटकोणीय (Hexagonal)
- (c) अष्टफलकीय (Octahedral)
- (d) चतुष्फलकीय (Tetrahedral)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल संरचना सामग्री के परमाणुओं या आयनों की त्रि-आयामी व्यवस्था का वर्णन करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की क्रिस्टल संरचना को फेस-सेंटर्ड क्यूबिक (FCC) जालक के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जहाँ प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ चतुष्फलकीय तरीके से बंधा होता है। यह संरचना अक्सर हीरे क्यूबिक (diamond cubic) के रूप में जानी जाती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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जब प्रकाश हीरे से होकर गुजरता है, तो यह किस घटना के कारण चमकता है?
- (a) विवर्तन (Diffraction)
- (b) परावर्तन (Reflection)
- (c) अपवर्तन (Refraction) और पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection)
- (d) प्रकीर्णन (Scattering)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तन (Refraction) तब होता है जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाता है और उसकी दिशा बदल जाती है। पूर्ण आंतरिक परावर्तन (TIR) एक विशेष प्रकार का परावर्तन है जो तब होता है जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में क्रांतिक कोण से अधिक कोण पर जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (2.42) इसे हवा (अपवर्तनांक ~1.0003) की तुलना में बहुत सघन प्रकाशीय माध्यम बनाता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह अपवर्तित होता है। इसके बाद, जब यह विभिन्न फलकों से टकराता है, तो हीरे के तीक्ष्ण कोनों और उच्च अपवर्तनांक के कारण, प्रकाश का अधिकांश भाग पूर्ण आंतरिक परावर्तन से गुजरता है, जिससे इसे वह विशिष्ट चमक मिलती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे की कठोरता का कारण इनमें से कौन सा बंधन है?
- (a) आयनिक बंधन (Ionic bond)
- (b) धात्विक बंधन (Metallic bond)
- (c) सहसंयोजक बंधन (Covalent bond)
- (d) हाइड्रोजन बंधन (Hydrogen bond)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बंधन (Bonding) वह बल है जो परमाणुओं को एक साथ अणु या क्रिस्टल बनाने के लिए बांधता है। सहसंयोजक बंधन में, परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ मजबूत सहसंयोजक बंधनों के माध्यम से जुड़ा होता है, जो कार्बन के वैलेंस इलेक्ट्रॉनों के साझाकरण से बनते हैं। ये कार्बन-कार्बन सहसंयोजक बंधन अत्यंत मजबूत होते हैं, जो हीरे की असाधारण कठोरता और उच्च गलनांक (melting point) में योगदान करते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे के कटाई और चमकाने (cutting and polishing) में किस तकनीक का उपयोग किया जाता है?
- (a) लेजर कटर
- (b) सैंडब्लास्टिंग
- (c) हीरे की धूल से पीसना
- (d) अल्ट्रासोनिक वेल्डिंग
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ की कठोरता यह निर्धारित करती है कि उसे किस अन्य पदार्थ से काटा या पॉलिश किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): चूँकि हीरा सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ है, इसे केवल किसी अन्य हीरे या हीरे की धूल से ही काटा और पॉलिश किया जा सकता है। हीरे की कटाई में विशेषज्ञ कारीगर हीरे की क्रिस्टल संरचना और क्लीवेज (cleavage) प्लेन को ध्यान में रखते हुए सटीक कोणों पर काटने के लिए हीरे के पाउडर या हीरे से लगे ब्लेड का उपयोग करते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरा किस प्रकार का पदार्थ है?
- (a) तत्व (Element)
- (b) यौगिक (Compound)
- (c) मिश्रण (Mixture)
- (d) मिश्र धातु (Alloy)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): तत्व एक शुद्ध पदार्थ है जो केवल एक प्रकार के परमाणु से बना होता है। यौगिक दो या दो से अधिक तत्वों के रासायनिक संयोजन से बनता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन (C) तत्व का एक अपररूप है। इसका मतलब है कि यह केवल कार्बन परमाणुओं से बना है। यह किसी अन्य तत्व के साथ रासायनिक रूप से जुड़ा हुआ नहीं है, न ही यह तत्वों का मिश्रण है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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कार्बन का कौन सा अपररूप, जिसकी संरचना “फुटबॉल” के समान होती है, को बकमिन्स्टरफुलेरीन (Buckminsterfullerene) भी कहा जाता है?
- (a) C60
- (b) C12
- (c) C50
- (d) C8
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फुलेरीन (Fullerenes) कार्बन के अपररूप हैं जिनकी संरचना खोखले गोले, अंडाकार या ट्यूब जैसी होती है।
व्याख्या (Explanation): बकमिन्स्टरफुलेरीन, जिसे अक्सर C60 के रूप में जाना जाता है, में 60 कार्बन परमाणु होते हैं जो 12 पंचकोण (pentagons) और 20 षटकोण (hexagons) से बनी एक खोखली गोलाकार संरचना में व्यवस्थित होते हैं, जो एक फुटबॉल की सतह के समान होती है। यह सबसे प्रसिद्ध फुलेरीन है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे का कौन सा गुण इसे औद्योगिक कटाई (industrial cutting) और अपघर्षक (abrasive) के रूप में उपयोगी बनाता है?
- (a) इसका उच्च अपवर्तनांक
- (b) इसकी ऊष्मीय चालकता (thermal conductivity)
- (c) इसकी असाधारण कठोरता
- (d) इसका विद्युत चालकता
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपघर्षक (Abrasives) वे पदार्थ होते हैं जिनका उपयोग अन्य सतहों को घर्षण द्वारा पीसने, पॉलिश करने या काटने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की अत्यधिक कठोरता इसे विभिन्न औद्योगिक अनुप्रयोगों में एक उत्कृष्ट अपघर्षक बनाती है। इसका उपयोग कटिंग टूल्स, ड्रिल बिट्स, ग्राइंडिंग व्हील्स और पॉलिशिंग कंपाउंड में किया जाता है ताकि अन्य कठोर सामग्री जैसे धातु, कंक्रीट और पत्थर को काटा, आकार दिया या चिकना किया जा सके।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश का हीरे के माध्यम से यात्रा करने पर उसमें मौजूद रंगों (colors) में विभाजित होने की घटना को क्या कहते हैं?
- (a) ध्रुवीकरण (Polarization)
- (b) व्यतिकरण (Interference)
- (c) वर्ण विक्षेपण (Dispersion)
- (d) विवर्तन (Diffraction)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वर्ण विक्षेपण (Dispersion) किसी माध्यम द्वारा सफेद प्रकाश को उसके घटक रंगों में विभाजित करने की घटना है, क्योंकि प्रकाश के प्रत्येक रंग का अपवर्तनांक माध्यम में थोड़ा भिन्न होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का अपवर्तनांक प्रकाश की तरंग दैर्ध्य (wavelength) पर निर्भर करता है। नीले प्रकाश (छोटी तरंग दैर्ध्य) का अपवर्तनांक लाल प्रकाश (लंबी तरंग दैर्ध्य) की तुलना में थोड़ा अधिक होता है। जब सफेद प्रकाश हीरे के अंदर जाता है, तो विभिन्न रंग थोड़ा अलग-अलग कोणों पर अपवर्तित होते हैं, जिससे इंद्रधनुषी प्रभाव (rainbow effect) पैदा होता है, जिसे वर्ण विक्षेपण कहा जाता है। यह हीरे की “फायर” (fire) के लिए जिम्मेदार है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कार्बन-कार्बन एकल बंधन (single bond) की औसत बंधन ऊर्जा (bond energy) लगभग कितनी होती है?
- (a) 150 kJ/mol
- (b) 347 kJ/mol
- (c) 498 kJ/mol
- (d) 800 kJ/mol
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बंधन ऊर्जा (Bond energy) किसी रासायनिक बंधन को तोड़ने के लिए आवश्यक ऊर्जा है।
व्याख्या (Explanation): कार्बन-कार्बन एकल बंधन (C-C single bond) की औसत बंधन ऊर्जा लगभग 347 kJ/mol होती है। यह ऊर्जा हीरे में कार्बन परमाणुओं को एक साथ रखने वाले मजबूत सहसंयोजक बंधनों की मजबूती का एक माप है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे को पिघलाए बिना सीधे ठोस से गैस अवस्था में बदलने की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है?
- (a) वाष्पीकरण (Evaporation)
- (b) ऊर्ध्वपातन (Sublimation)
- (c) संक्षेपण (Condensation)
- (d) पिघलना (Melting)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊर्ध्वपातन (Sublimation) वह प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ ठोस अवस्था से सीधे गैसीय अवस्था में बदल जाता है, बिना तरल अवस्था से गुजरे।
व्याख्या (Explanation): हीरे का गलनांक बहुत अधिक होता है, और यह सामान्य वायुमंडलीय दबाव पर पिघलने के बजाय लगभग 3550°C पर सीधे ऊर्ध्वपातित (sublimate) हो जाता है। इसका मतलब है कि यह ठोस से सीधे गैस (कार्बन वाष्प) में बदल जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे में कार्बन परमाणुओं के बीच सबसे छोटी दूरी क्या होती है?
- (a) 1.54 Å
- (b) 1.20 Å
- (c) 2.46 Å
- (d) 1.00 Å
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बंधन लंबाई (Bond length) किसी अणु या क्रिस्टल में दो बंधे हुए परमाणुओं के नाभिकों के बीच की औसत दूरी है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन-कार्बन एकल बंधन की लंबाई (अर्थात्, दो निकटतम कार्बन परमाणुओं के नाभिकों के बीच की दूरी) लगभग 1.54 Å (एंगस्ट्रॉम) होती है। यह कार्बन-कार्बन एकल बंधन के लिए एक विशिष्ट दूरी है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीरे की ऊष्मीय चालकता (thermal conductivity) के बारे में क्या सत्य है?
- (a) यह धातुओं से काफी कम होती है।
- (b) यह लगभग सभी ज्ञात पदार्थों में सबसे अधिक है।
- (c) यह एक उत्कृष्ट विद्युत रोधी (electrical insulator) होने के कारण कम होती है।
- (d) यह लगभग पानी के समान होती है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊष्मीय चालकता (Thermal conductivity) किसी पदार्थ की ऊष्मा को संचालित करने की क्षमता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की क्रिस्टल संरचना में मजबूत सहसंयोजक बंधनों और परमाणुओं की घनी पैकिंग के कारण, यह एक असाधारण ऊष्मीय चालक है। इसकी ऊष्मीय चालकता लगभग 2000-2200 W/(m·K) होती है, जो अधिकांश धातुओं (जैसे तांबा या एल्यूमीनियम) से भी काफी अधिक है। यह इसे हीट सिंक (heat sinks) जैसे अनुप्रयोगों के लिए उपयोगी बनाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का कौन सा गुण यह सुनिश्चित करता है कि यह प्रकाश को उसी कोण पर वापस नहीं भेजता जिससे वह आता है, बल्कि उसे बिखेरता है?
- (a) इसकी क्रिस्टलीय संरचना
- (b) इसका उच्च अपवर्तनांक
- (c) इसकी आंतरिक पॉलिशिंग
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाशिकी (Optics) में, किसी वस्तु की चमक और रंग प्रभाव उसके भौतिक गुणों और प्रकाश के साथ उसकी परस्पर क्रिया पर निर्भर करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की चमक और “फायर” (fire) उसके कई गुणों का परिणाम है:
- उच्च अपवर्तनांक (High refractive index): यह सुनिश्चित करता है कि प्रकाश हीरे में प्रवेश करते समय और बाहर निकलते समय महत्वपूर्ण रूप से मुड़े (refract) और आंतरिक रूप से परावर्तित (internally reflect) हों।
- क्रिस्टलीय संरचना (Crystalline structure): हीरे की विशिष्ट चतुष्फलकीय संरचना प्रकाश के मार्ग को प्रभावित करती है।
- आंतरिक पॉलिशिंग (Internal polishing): हीरे को कुशल कारीगरों द्वारा इस तरह से काटा और पॉलिश किया जाता है कि प्रकाश आंतरिक रूप से कई बार परावर्तित और अपवर्तित हो, जिससे चमक और रंगीन आग का प्रभाव पैदा होता है।
यह सब मिलकर प्रकाश को बिखेरने और चमकीला दिखाने का प्रभाव पैदा करते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे को विद्युत का अच्छा सुचालक बनाने वाला कौन सा इलेक्ट्रॉनिक गुण अनुपस्थित होता है?
- (a) मुक्त इलेक्ट्रॉनों का अभाव
- (b) मजबूत आयनिक बंधन
- (c) इलेक्ट्रॉनों की उच्च बंधन ऊर्जा
- (d) दोनों (a) और (c)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए पदार्थ में स्वतंत्र रूप से घूमने वाले (free or mobile) इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति आवश्यक है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन के सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन (valence electrons) चार पड़ोसी कार्बन परमाणुओं के साथ मजबूत सहसंयोजक बंधनों में कसकर बंधे होते हैं। ये इलेक्ट्रॉन किसी भी समय पदार्थ के माध्यम से स्वतंत्र रूप से नहीं घूम सकते। इसलिए, मुक्त इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति (a) और इलेक्ट्रॉनों की उच्च बंधन ऊर्जा (c) दोनों मिलकर हीरे को विद्युत का एक उत्कृष्ट रोधी (insulator) बनाते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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एक आदर्श हीरे में, कार्बन परमाणु किस प्रकार के हाइब्रिडाइजेशन (hybridization) में होते हैं?
- (a) sp
- (b) sp²
- (c) sp³
- (d) sp³d²
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हाइब्रिडाइजेशन (Hybridization) परमाणु ऑर्बिटल्स का मिश्रण है जो नए ऑर्बिटल्स बनाते हैं जो रासायनिक बंधनों के निर्माण में भाग लेते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की चतुष्फलकीय (tetrahedral) ज्यामिति में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सिग्मा (sigma) बंधनों द्वारा जुड़ा होता है। इस व्यवस्था के लिए कार्बन के एक 2s ऑर्बिटल और तीन 2p ऑर्बिटल्स का sp³ हाइब्रिडाइजेशन आवश्यक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का उपयोग करके किन धातुओं को काटा जा सकता है?
- (a) एल्यूमीनियम
- (b) लोहा
- (c) टंगस्टन
- (d) हीरे से कठोर कोई ज्ञात प्राकृतिक धातु नहीं है।
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ को काटने या घर्षण करने के लिए, काटने वाले पदार्थ की कठोरता काटने वाले पदार्थ से अधिक होनी चाहिए।
व्याख्या (Explanation): चूँकि हीरा पृथ्वी पर सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ है, इसका उपयोग बहुत कठोर धातुओं को काटने या उन पर काम करने के लिए किया जाता है। हालांकि, कोई भी प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला धातु हीरे से अधिक कठोर नहीं है। इसलिए, हीरे से सभी धातुओं को काटा या उन पर काम किया जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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मानव शरीर में, कौन सा खनिज हड्डियों और दांतों को मजबूती प्रदान करता है और यह हीरे के निर्माण में भाग लेने वाले तत्व से भिन्न है?
- (a) लोहा
- (b) कैल्शियम
- (c) सोडियम
- (d) पोटेशियम
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): खनिज (Minerals) हमारे शरीर के लिए आवश्यक अकार्बनिक पदार्थ हैं जो विभिन्न शारीरिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
व्याख्या (Explanation): कैल्शियम (Ca) मानव शरीर में हड्डियों और दांतों के निर्माण के लिए आवश्यक एक महत्वपूर्ण खनिज है। यह मुख्य रूप से कैल्शियम फॉस्फेट (hydroxyapatite) के रूप में पाया जाता है। हीरे कार्बन (C) से बना होता है, जो एक अधातु (non-metal) है, जबकि कैल्शियम एक धातु (metal) है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे की तुलना में, ग्रेफाइट में कार्बन परमाणुओं की परतें किस प्रकार के बंधन से जुड़ी होती हैं?
- (a) सहसंयोजक बंधन
- (b) आयनिक बंधन
- (c) वांडर वाल्स बल (Van der Waals forces)
- (d) धात्विक बंधन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वांडर वाल्स बल (Van der Waals forces) कमजोर अंतर-आणविक बल (intermolecular forces) होते हैं जो अणुओं या परतों के बीच मौजूद होते हैं।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु षटकोणीय जाली में व्यवस्थित होते हैं, और ये परतें बहुत मजबूत सहसंयोजक बंधनों से बंधी होती हैं। हालाँकि, विभिन्न परतों के बीच का आकर्षण अपेक्षाकृत कमजोर वांडर वाल्स बलों के कारण होता है। यही कारण है कि ग्रेफाइट की परतें एक-दूसरे पर आसानी से फिसल सकती हैं, जिससे यह स्नेहक (lubricant) के रूप में उपयोगी होता है और हीरे की तुलना में बहुत नरम होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कृत्रिम हीरे (synthetic diamonds) बनाने के लिए निम्नलिखित में से किस विधि का उपयोग किया जाता है?
- (a) केवल उच्च तापमान और उच्च दबाव (HPHT)
- (b) केवल रासायनिक वाष्प जमाव (CVD)
- (c) दोनों (a) और (b)
- (d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे (Synthetic diamonds) वे हीरे होते हैं जिन्हें प्रयोगशाला में बनाया जाता है, जो प्राकृतिक हीरे के समान रासायनिक और भौतिक गुणों वाले होते हैं।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे बनाने के लिए दो मुख्य विधियाँ हैं:
- उच्च तापमान और उच्च दबाव (HPHT): यह विधि प्राकृतिक हीरे के निर्माण की स्थितियों का अनुकरण करती है, जहाँ कार्बन को उच्च तापमान (1300-1600°C) और उच्च दबाव (5-6 GPa) के तहत हीरे में परिवर्तित किया जाता है।
- रासायनिक वाष्प जमाव (CVD): इस विधि में, मीथेन जैसे हाइड्रोकार्बन गैसों का उपयोग करके, कम दबाव और मध्यम तापमान (700-1000°C) पर सब्सट्रेट (substrate) पर हीरे की परतें जमा की जाती हैं।
दोनों विधियाँ प्रभावी हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का अपवर्तनांक (refractive index) कितना होता है, जो इसकी चमक में योगदान देता है?
- (a) लगभग 1.5
- (b) लगभग 2.0
- (c) लगभग 2.42
- (d) लगभग 1.75
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक (Refractive index) किसी सामग्री की प्रकाश को मोड़ने की क्षमता का एक माप है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का विशिष्ट अपवर्तनांक लगभग 2.42 होता है। यह मान हवा (अपवर्तनांक ~1.0003) की तुलना में बहुत अधिक है, और यह उच्च मान प्रकाश के महत्वपूर्ण अपवर्तन और पूर्ण आंतरिक परावर्तन का कारण बनता है, जो हीरे को उसकी विशिष्ट चमक प्रदान करता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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विज्ञान में “Doubling Down on Diamond” वाक्यांश का संदर्भ हीरे के किन गुणों पर जोर देता है?
- (a) केवल उसकी सजावटी अपील
- (b) उसकी असाधारण कठोरता और उच्च अपवर्तनांक
- (c) उसके औद्योगिक उपयोग
- (d) केवल उसका कार्बन तत्व
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वाक्यांशों का उपयोग अक्सर किसी विषय के सबसे महत्वपूर्ण या उल्लेखनीय पहलुओं को उजागर करने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): “Doubling Down on Diamond” वाक्यांश आम तौर पर किसी चीज़ के मूल्य, महत्व या प्रदर्शन को बढ़ाने के विचार को दर्शाता है। विज्ञान और विशेष रूप से भौतिकी और रसायन विज्ञान के संदर्भ में, हीरे के सबसे उल्लेखनीय और मूल्यवान गुण उसकी असाधारण कठोरता (जो इसे अपघर्षक और कटिंग टूल के लिए महत्वपूर्ण बनाती है) और उसका उच्च अपवर्तनांक (जो इसे आभूषणों में सुंदर चमक देता है) हैं। यह वाक्यांश इन दो प्रमुख गुणों पर जोर देता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।