संविधान मंथन: ज्ञान की श्रृंखला
नमस्कार, भावी अधिकारियों! भारतीय संविधान और राजव्यवस्था की गहरी समझ विकसित करने का यह अनमोल अवसर है। आज हम अपने लोकतांत्रिक ढांचे के महत्वपूर्ण पहलुओं पर 25 गहन प्रश्नों के साथ आपकी वैचारिक स्पष्टता को परखेंगे। आइए, अपनी तैयारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं और इस ज्ञानवर्धक श्रृंखला का हिस्सा बनें!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द किस संवैधानिक संशोधन द्वारा जोड़े गए?
- 24वां संशोधन अधिनियम, 1971
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह संशोधन इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान हुआ था और इसे ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: ये शब्द भारतीय राज्य के स्वरूप को परिभाषित करते हैं। ‘समाजवादी’ का अर्थ है कि राज्य सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा देगा, जबकि ‘धर्मनिरपेक्ष’ का अर्थ है कि राज्य सभी धर्मों को समान मानता है और किसी विशेष धर्म का पक्ष नहीं लेता।
- गलत विकल्प: 24वां संशोधन संसद की संविधान संशोधन की शक्ति की पुष्टि करता है। 44वां संशोधन कुछ मौलिक अधिकारों की सुरक्षा बढ़ाता है और कुछ आपातकालीन प्रावधानों को संशोधित करता है। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा कथन अनुच्छेद 21A (शिक्षा का अधिकार) के संबंध में सत्य है?
- यह 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान करता है।
- यह केवल प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य बनाता है।
- यह राज्य को 6 वर्ष की आयु तक सभी बालकों की प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा प्रदान करने का निर्देश देता है।
- यह शिक्षा के अधिकार को एक मौलिक अधिकार के रूप में स्थापित करता है, लेकिन राज्य की क्षमता के अनुसार।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21A, जिसे 86वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा जोड़ा गया, 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार को एक मौलिक अधिकार बनाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करता है कि सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा मिले। यह अधिकार मौलिक कर्तव्य (अनुच्छेद 51A(k)) से भी जुड़ा है, जो माता-पिता या अभिभावकों का कर्तव्य है कि वे अपने 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।
- गलत विकल्प: यह केवल प्राथमिक शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा के अधिकार की बात करता है। अनुच्छेद 45 (जो अब अनुच्छेद 21A का हिस्सा बन गया था) राज्य को 6 वर्ष की आयु तक देखभाल और शिक्षा प्रदान करने का निर्देश देता था, जो अब मौलिक अधिकार का हिस्सा नहीं है। विकल्प (d) आंशिक रूप से सही है लेकिन “राज्य की क्षमता के अनुसार” शब्द मौलिक अधिकार की पूर्णता को सीमित करता है, जबकि 21A में इसे पूर्ण अधिकार बनाया गया है।
प्रश्न 3: राष्ट्रपति के महाभियोग की प्रक्रिया का किस अनुच्छेद में उल्लेख है?
- अनुच्छेद 56
- अनुच्छेद 57
- अनुच्छेद 61
- अनुच्छेद 62
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 61 में किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: महाभियोग का आधार ‘संविधान का उल्लंघन’ है। यह एक अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया है जो किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) द्वारा शुरू की जा सकती है, जिसमें आरोप पत्र पर उस सदन के एक-चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए और इसे उस सदन के कुल सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित करना होता है। फिर दूसरे सदन में इसकी जाँच होती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति के कार्यकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 57 राष्ट्रपति के पुनः निर्वाचन की पात्रता से संबंधित है। अनुच्छेद 62 राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए चुनाव कराने से संबंधित है।
प्रश्न 4: ‘संसदीय विशेषाधिकार’ की अवधारणा को भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है?
- अनुच्छेद 105
- अनुच्छेद 106
- अनुच्छेद 118
- अनुच्छेद 121
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105 भारतीय संसद (दोनों सदनों) और उसके सदस्यों के विशेषाधिकारों, उन्मुक्तियों आदि का प्रावधान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें वक्ताओं की शक्तियां और विशेषाधिकार भी शामिल हैं। ये विशेषाधिकार संसद के सुचारू और प्रभावी कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं। कुछ प्रमुख विशेषाधिकारों में सदन के अंदर बोलने की स्वतंत्रता और सदन में मतदान के दौरान प्राप्त विशेषाधिकार शामिल हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 106 सदस्यों के वेतन और भत्ते से संबंधित है। अनुच्छेद 118 प्रक्रिया के नियम बनाने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 121 संसद में चर्चाओं पर निर्बंधन से संबंधित है।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी रिट एक सार्वजनिक निकाय को उसका अनिवार्य कर्तव्य निभाने के लिए जारी की जाती है?
- हैबियस कॉर्पस (Habeas Corpus)
- मेंडमस (Mandamus)
- प्रोहिबिशन (Prohibition)
- सरसियोरारी (Certiorari)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘मेंडमस’ (Mandamus) का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’। यह एक उच्च न्यायालय द्वारा किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण, सार्वजनिक निगम, सरकार या किसी व्यक्ति को उसके सार्वजनिक या विधायी कर्तव्य का पालन करने का आदेश देने वाली रिट है। यह अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत जारी की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी सार्वजनिक अधिकारी अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से बचे नहीं। यह किसी ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध जारी नहीं की जा सकती जो सार्वजनिक पद पर नहीं है।
- गलत विकल्प: ‘हैबियस कॉर्पस’ का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’ और यह अवैध हिरासत से व्यक्ति की रिहाई के लिए जारी की जाती है। ‘प्रोहिबिशन’ का अर्थ है ‘रोकना’ और यह किसी निचली अदालत या न्यायाधिकरण को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए जारी की जाती है। ‘सरसियोरारी’ का अर्थ है ‘प्रमाणित करना’ और यह किसी निचली अदालत या न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है।
प्रश्न 6: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) को भारतीय संविधान के किस भाग में शामिल किया गया है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IVA
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy – DPSP) भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक में वर्णित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये तत्व कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए सरकार को मार्गदर्शन देते हैं। ये गैर-न्यायिक (non-justiciable) हैं, जिसका अर्थ है कि इनके उल्लंघन पर न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। ये न्यायोचित (justiciable) मौलिक अधिकारों के पूरक हैं।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों (Articles 12-35) से संबंधित है। भाग IVA में मौलिक कर्तव्य (Article 51A) शामिल हैं। भाग V संघ की कार्यपालिका, संसद, सर्वोच्च न्यायालय आदि से संबंधित है।
प्रश्न 7: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- कानून मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 76 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी अधिकारी होता है और वह सरकार की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में मामले देखता है। वह किसी भी सदन में बोल सकता है, लेकिन वोट नहीं दे सकता। उनकी योग्यता उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने की होनी चाहिए।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है, लेकिन नियुक्ति की शक्ति राष्ट्रपति के पास है। मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका का प्रमुख है। कानून मंत्री सरकार का कानूनी सलाहकार होता है, लेकिन नियुक्ति का अधिकार राष्ट्रपति का है।
प्रश्न 8: भारत में दल-बदल के आधार पर संसद सदस्यों की अयोग्यता का प्रावधान किस अनुसूची में है?
- सातवीं अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: दल-बदल के आधार पर संसद सदस्यों (और विधायकों) की अयोग्यता से संबंधित प्रावधान संविधान की दसवीं अनुसूची (Tenth Schedule) में है, जिसे 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुसूची उन आधारों को परिभाषित करती है जिन पर किसी सदस्य को दल-बदल के कारण अयोग्य घोषित किया जा सकता है। इन मामलों में अंतिम निर्णय उस सदन के अध्यक्ष (लोकसभा अध्यक्ष या राज्य के विधानमंडल के अध्यक्ष/सभापति) द्वारा लिया जाता है।
- गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ और राज्यों के बीच शक्तियों के वितरण से संबंधित है। आठवीं अनुसूची मान्यता प्राप्त भाषाओं से संबंधित है। नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों के सत्यापन से संबंधित है।
प्रश्न 9: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के गठन का प्रावधान करता है?
- अनुच्छेद 315
- अनुच्छेद 320
- अनुच्छेद 323
- अनुच्छेद 324
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 315 भारतीय संविधान का वह अनुच्छेद है जो संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोगों की स्थापना का प्रावधान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) केंद्र सरकार की सेवाओं के लिए भर्ती आयोजित करने वाली एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है। इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 320 आयोग के कार्यों से संबंधित है। अनुच्छेद 323A प्रशासनिक न्यायाधिकरणों से संबंधित है। अनुच्छेद 324 भारत के निर्वाचन आयोग के गठन और शक्तियों से संबंधित है।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा लक्षण भारतीय संविधान का संघात्मक (Federal) होने का प्रमाण नहीं है?
- लिखित और कठोर संविधान
- शक्तियों का विभाजन
- एकल नागरिकता
- स्वतंत्र न्यायपालिका
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: एकल नागरिकता (Single Citizenship) भारतीय संविधान के एकात्मक (Unitary) लक्षण का प्रमाण है, न कि संघात्मक का। संघात्मक व्यवस्था में प्रायः दोहरी नागरिकता होती है (संघ की और राज्य की)।
- संदर्भ और विस्तार: भारत का संविधान लिखित और कठोर है (संघवाद का लक्षण), इसमें केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का स्पष्ट विभाजन (संघवाद का लक्षण) है, और न्यायपालिका स्वतंत्र है (संघवाद का लक्षण)। ये सभी लक्षण भारत को संघात्मक बनाते हैं। हालांकि, एकल नागरिकता, एकल एकीकृत न्यायपालिका, अखिल भारतीय सेवाएं, एकीकृत लेखा परीक्षा, राज्यपाल की नियुक्ति, आपातकालीन प्रावधान आदि एकात्मक लक्षण हैं।
- गलत विकल्प: लिखित और कठोर संविधान, शक्तियों का विभाजन और स्वतंत्र न्यायपालिका भारत के संघात्मक चरित्र के महत्वपूर्ण पहलू हैं।
प्रश्न 11: भारतीय संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से किस निकाय का गठन संसद द्वारा एक अधिनियम के माध्यम से किया जा सकता है?
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
- राष्ट्रीय महिला आयोग
- राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal)
- सभी उपरोक्त
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत हुआ। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) का गठन राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत हुआ। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) का गठन राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण अधिनियम, 2010 के तहत हुआ। ये सभी सांविधिक निकाय (Statutory Bodies) हैं जिनका गठन संसद द्वारा एक विशेष अधिनियम पारित करके किया जाता है, न कि सीधे संविधान द्वारा।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनके गठन और शक्तियों का उल्लेख सीधे संविधान में होता है (जैसे ECI, UPSC, CAG)। सांविधिक निकाय संसद द्वारा बनाए गए कानूनों के तहत स्थापित होते हैं।
- गलत विकल्प: चूंकि तीनों ही सांविधिक निकाय हैं, इसलिए विकल्प (d) सही है।
प्रश्न 12: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संवैधानिक संशोधन द्वारा प्रदान किया गया?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 84वां संशोधन अधिनियम, 2002
- 97वां संशोधन अधिनियम, 2011
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया। इसने संविधान में ग्यारहवीं अनुसूची भी जोड़ी, जिसमें 29 विषयों को सूचीबद्ध किया गया है जो पंचायतों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज को सशक्त और प्रभावी बनाना था ताकि विकेंद्रीकृत शासन को बढ़ावा मिल सके।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 84वां संशोधन सीटों के पुनर्गठन से संबंधित था। 97वां संशोधन सहकारी समितियों के संबंध में था।
प्रश्न 13: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) की घोषणा को संसद के प्रत्येक सदन द्वारा कितने समय के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए?
- एक माह
- दो माह
- तीन माह
- छह माह
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) की उद्घोषणा को उसके जारी होने की तारीख से एक महीने की अवधि के भीतर संसद के प्रत्येक सदन द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। यदि मूल उद्घोषणा के समय लोकसभा विघटित हो, तो यह अनुमोदन केवल राज्यसभा द्वारा ही किया जा सकता है, और फिर नई लोक सभा के गठन के बाद एक महीने के भीतर इसका अनुमोदन आवश्यक होगा।
- संदर्भ और विस्तार: 44वें संशोधन, 1978 के बाद यह अवधि एक महीने कर दी गई थी, पहले यह दो महीने थी। अनुमोदन के बाद, आपातकाल छह महीने तक जारी रहता है, जब तक कि इसे आगे बढ़ाया न जाए, जिसके लिए प्रत्येक छह महीने में संसद का पुनः अनुमोदन आवश्यक है।
- गलत विकल्प: एक महीने की अवधि (44वें संशोधन से पहले दो महीने थी) अनुमोदन के लिए है, न कि इसके जारी रहने के लिए।
प्रश्न 14: भारतीय संविधान की कौन सी विशेषता अमेरिका के संविधान से नहीं ली गई है?
- मौलिक अधिकार
- न्यायिक पुनर्विलोकन
- संविधान की सर्वोच्चता
- सांसदीय प्रणाली
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: संसदीय प्रणाली (Parliamentary System) की अवधारणा को ब्रिटेन के संविधान से लिया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक अधिकार (भाग III), न्यायिक पुनर्विलोकन (Judicial Review) की शक्ति, संविधान की सर्वोच्चता (Supremacy of Constitution), उपराष्ट्रपति का पद, और सर्वोच्च न्यायालय की स्वतंत्रता जैसी विशेषताएं अमेरिका के संविधान से ली गई हैं।
- गलत विकल्प: मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12-35), न्यायिक पुनर्विलोकन (अनुच्छेद 13, 32, 226), और संविधान की सर्वोच्चता (अनुच्छेद 13, 32, 141, 142, 143, 246, 372) अमेरिकी संविधान से प्रेरित हैं।
प्रश्न 15: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- वित्त मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है और यह सुनिश्चित करता है कि व्यय निर्धारित विधियों के अनुसार हो। वह केंद्र और राज्य सरकारों के खातों का ऑडिट करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति या संबंधित राज्य के राज्यपाल को सौंपता है, जो इसे संसद या राज्य विधानमंडल के पटल पर रखवाता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है। लोकसभा अध्यक्ष सदन का प्रमुख होता है। वित्त मंत्री वित्तीय मामलों का प्रभारी होता है। ये सभी CAG की नियुक्ति के लिए अधिकृत नहीं हैं।
प्रश्न 16: संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ का उल्लेख किन-किन रूपों में किया गया है?
- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
- केवल सामाजिक और आर्थिक
- राजनीतिक और धार्मिक
- सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने का संकल्प लिया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: सामाजिक न्याय का अर्थ है जाति, रंग, लिंग, धर्म आदि के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव का अभाव। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन और आय का समान वितरण। राजनीतिक न्याय का अर्थ है सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार, चाहे वह चुनाव में भाग लेना हो या सार्वजनिक पद धारण करना हो।
- गलत विकल्प: प्रस्तावना में ‘धार्मिक न्याय’ का प्रत्यक्ष रूप से उल्लेख नहीं है, हालांकि धर्मनिरपेक्षता (secularism) की अवधारणा इसे अप्रत्यक्ष रूप से सुनिश्चित करती है।
प्रश्न 17: भारत के किसी राज्य का विधानमंडल का कार्यकाल कितना होता है, यदि वह विशेष रूप से कोई कानून पारित करके इसे कम न करे?
- 3 वर्ष
- 4 वर्ष
- 5 वर्ष
- 6 वर्ष
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 172 के अनुसार, प्रत्येक राज्य के विधानमंडल के संबंध में, यदि उसकी अवधि का पहले विशेष रूप से उपबंध नहीं किया जाता है, तो उसका कार्यकाल प्रथम बैठक के लिए नियत दिन से पांच वर्ष होगा।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, कुछ परिस्थितियों में, राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, संसद कानून द्वारा विधानमंडल के कार्यकाल को एक बार में एक वर्ष के लिए बढ़ा सकती है, लेकिन यह किसी भी स्थिति में आपातकाल की समाप्ति के बाद छह महीने की अवधि से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता।
- गलत विकल्प: 3, 4 और 6 वर्ष विधानमंडल के सामान्य कार्यकाल के लिए निर्धारित नहीं हैं।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान के किस संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार की सूची से हटाकर कानूनी अधिकार बना दिया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 59वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 69वां संशोधन अधिनियम, 1991
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 44वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 31) की सूची से हटा दिया और इसे संविधान के भाग XII में एक नए अनुच्छेद 300A के तहत एक विधायी (या कानूनी) अधिकार बना दिया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य संपत्ति के अधिकार को गैर-विवादित बनाना और राज्य को सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए संपत्ति के अधिग्रहण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना था। अब इसे केवल कानूनी प्रक्रिया के तहत ही चुनौती दी जा सकती है।
- गलत विकल्प: 42वां संशोधन ‘लघु संविधान’ कहलाता है और उसने प्रस्तावना में नए शब्द जोड़े थे। 59वां और 69वां संशोधन अन्य विषयों से संबंधित थे।
प्रश्न 19: ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) का अंत किस अनुच्छेद के तहत किया गया है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के अंत और किसी भी रूप में उसके प्रचलन का निषेध करता है। संसद ने इस अनुच्छेद को प्रभावी बनाने के लिए अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 बनाया, जिसे बाद में नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 के रूप में संशोधित किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक महत्वपूर्ण मौलिक अधिकार है जो सामाजिक समानता को बढ़ावा देता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण से संबंधित है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता का प्रावधान करता है।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन भारत में चुनाव आयोग (Election Commission of India) के कार्यों में शामिल नहीं है?
- संसद और राज्य विधानमंडलों के चुनावों की अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण करना।
- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों के लिए चुनावों का संचालन करना।
- किसी राज्य में पंचायतों और नगर पालिकाओं के चुनावों का संचालन करना।
- निर्वाचन सूचियों को तैयार करने के लिए दिशा-निर्देश देना और सभी निर्वाचन सूचियों को अंतिम रूप देना।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 324 के अनुसार, भारत का निर्वाचन आयोग (ECI) संसद, राज्यों के विधानमंडलों, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों के लिए चुनावों के संचालन, निर्देशन और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार है। राज्यों में पंचायतों और नगर पालिकाओं के चुनावों का संचालन राज्य चुनाव आयोगों (State Election Commissions) द्वारा किया जाता है, न कि भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा।
- संदर्भ और विस्तार: ECI एक संवैधानिक निकाय है जो निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (d) सभी भारत के निर्वाचन आयोग के वैधानिक कार्य हैं। केवल (c) राज्य चुनाव आयोग का कार्यक्षेत्र है।
प्रश्न 21: भारतीय संविधान के किस भाग में नागरिकता का प्रावधान है?
- भाग I
- भाग II
- भाग III
- भाग IV
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग II, अनुच्छेद 5 से 11 तक, नागरिकता के प्रावधानों से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 11 संसद को नागरिकता के अर्जन और समाप्ति तथा नागरिकता से संबंधित अन्य सभी बातों के संबंध में विधि बनाने की शक्ति प्रदान करता है। संसद ने इसी शक्ति के तहत नागरिकता अधिनियम, 1955 बनाया।
- गलत विकल्प: भाग I संघ और उसके राज्य क्षेत्र से संबंधित है। भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्वों से संबंधित है।
प्रश्न 22: भारतीय संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से किसे ‘भारतीय संघ का प्रथम नागरिक’ माना जाता है?
- प्रधानमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के तहत, भारत के राष्ट्रपति को भारतीय संघ का प्रथम नागरिक माना जाता है। हालांकि संविधान में ऐसा कोई शब्द प्रयोग नहीं किया गया है, यह एक स्थापित परम्परा है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति देश का प्रमुख होता है और गणतंत्र का प्रतिनिधित्व करता है। वे सरकार के प्रमुख नहीं होते (जो प्रधानमंत्री होते हैं), बल्कि राष्ट्र के प्रमुख होते हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री कार्यकारी प्रमुख होते हैं। लोकसभा अध्यक्ष सदन के प्रमुख होते हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका के प्रमुख होते हैं।
प्रश्न 23: राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता के कारण राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) को लागू करने के लिए निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
- यह केवल राज्यपाल की रिपोर्ट पर आधारित हो सकता है।
- यह राष्ट्रपति द्वारा स्वयं के समाधान पर भी लागू किया जा सकता है।
- इसे लागू करने के लिए संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होती है।
- इसे लागू करने की अधिकतम अवधि संसद के अनुमोदन के बिना 1 वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति, अनुच्छेद 356 के तहत, यदि वह ‘संतुष्ट’ है कि राज्य का शासन संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चल रहा है, तो वह उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकता है। यह संतुष्टि राज्यपाल की रिपोर्ट पर आधारित हो सकती है, या राष्ट्रपति स्वयं भी इस निष्कर्ष पर पहुंच सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा दो महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना आवश्यक है। अनुमोदन के बाद, यह छह महीने तक लागू रहता है, जिसे संसद के पुनः अनुमोदन से बढ़ाया जा सकता है। इसे संसद के अनुमोदन के बिना एक वर्ष से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता, और किसी भी स्थिति में तीन वर्ष से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता (जब तक कि राष्ट्रीय आपातकाल लागू न हो)।
- गलत विकल्प: यह केवल राज्यपाल की रिपोर्ट पर आधारित नहीं हो सकता। इसे लागू करने के लिए संसद के अनुमोदन की आवश्यकता होती है। इसे बिना अनुमोदन के किसी भी अवधि के लिए नहीं बढ़ाया जा सकता।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से किस वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रस्तावना को ‘संविधान का मूल ढांचा’ (Basic Structure) का हिस्सा माना?
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973)
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978)
- एस.आर. बोम्मई बनाम भारत संघ (1994)
- इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ (1992)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक वाद में, सर्वोच्च न्यायालय ने यह ऐतिहासिक निर्णय दिया कि संसद के पास संविधान के किसी भी हिस्से को संशोधित करने की शक्ति है, लेकिन वह संविधान के ‘मूल ढांचे’ (Basic Structure) को नहीं बदल सकती। प्रस्तावना को संविधान के मूल ढांचे का एक अभिन्न अंग माना गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत ने संसद की संविधान संशोधन शक्ति पर महत्वपूर्ण नियंत्रण स्थापित किया और संविधान की रक्षा की।
- गलत विकल्प: मेनका गांधी वाद ने अनुच्छेद 21 की व्याख्या का विस्तार किया। एस.आर. बोम्मई वाद राष्ट्रपति शासन से संबंधित था। इंदिरा साहनी वाद आरक्षण से संबंधित था।
प्रश्न 25: भारत में वित्तीय आपातकाल का प्रावधान किस अनुच्छेद में किया गया है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 360 भारत में वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) के प्रावधान से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: यदि राष्ट्रपति यह समाधान कर लेते हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें भारत की वित्तीय स्थिरता या साख संकट में है, तो वे वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। इस घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा दो महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए। भारत में आज तक कभी भी वित्तीय आपातकाल लागू नहीं हुआ है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से, अनुच्छेद 356 राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता (राष्ट्रपति शासन) से, और अनुच्छेद 365 उन अनुच्छेदों से संबंधित है जो राज्य द्वारा संघ के निर्देशों का पालन न करने पर लागू होते हैं।