इतिहास का महासंग्राम: 25 प्रश्नों का दैनिक युद्ध अभ्यास
नमस्कार, भावी सरकारी अधिकारीगण! समय की रेत पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए तैयार हो जाइए। आज हम इतिहास के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा पर निकल रहे हैं, जहाँ प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक राष्ट्रों के उदय तक, हर कालखंड से चुने गए 25 प्रश्न आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। अपनी तैयारी को परखें और सफलता की ओर एक कदम और बढ़ाएं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का नखलिस्तान’ (Sindhu ka Nakhlistan) कहलाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था और इसे अक्सर ‘सिंधु का नखलिस्तान’ कहा जाता था क्योंकि यह उस समय के रेगिस्तानी परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण और विकसित शहरी केंद्र था।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी के तट पर स्थित था। यहाँ से विशाल स्नानागार, अन्नागार, कांस्य नर्तकी की मूर्ति और पशुपति की मुहर जैसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक साक्ष्य मिले हैं, जो इस सभ्यता की उन्नत शहरी नियोजन और कलात्मक कौशल को दर्शाते हैं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा पहला खोजा गया स्थल था; लोथल एक बंदरगाह शहर था; कालीबंगा में जुते हुए खेत के प्रमाण मिले हैं, लेकिन ‘नखलिस्तान’ की उपाधि मोहनजोदड़ो से अधिक जुड़ी है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा ग्रंथ प्राचीन भारत में ‘पंचतंत्र’ के रूप में जाना जाता है?
- कौटिल्य का अर्थशास्त्र
- विष्णु शर्मा की पंचतंत्र
- कालिदास का मेघदूत
- बाणभट्ट का कादम्बरी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: विष्णु शर्मा द्वारा रचित ‘पंचतंत्र’ भारतीय साहित्य का एक अमूल्य रत्न है, जो पशुओं की कहानियों के माध्यम से जीवन के व्यावहारिक ज्ञान और नैतिकता सिखाता है। यह सबसे अधिक बार अनुवादित भारतीय पुस्तकों में से एक है।
- संदर्भ और विस्तार: पंचतंत्र को पाँच भागों में विभाजित किया गया है: मित्रभेद, मित्रसंप्राप्ति, काकोलुकियम, लब्धप्रणाश और अपरीक्षितकारित्व। यह ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी के आसपास लिखा गया माना जाता है।
- गलत विकल्प: अर्थशास्त्र राजनीति और शासन पर है; मेघदूत एक काव्यात्मक रचना है; कादम्बरी एक गद्य उपन्यास है।
प्रश्न 3: ‘अमुक्तमाल्यदा’ नामक ग्रंथ की रचना किसने की थी?
- कृष्ण देव राय
- बुक्क प्रथम
- हरिहर द्वितीय
- देवराय प्रथम
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘अमुक्तमाल्यदा’ (Amuktamalyada) का शाब्दिक अर्थ है ‘वह जिसने माला पहनी हो’। यह विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक, कृष्ण देव राय द्वारा तेलुगु भाषा में रचित एक महाकाव्य है।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले अल्वार संत पेरुम्बावर (Godadevi) की कथा पर आधारित है, जिन्होंने भगवान के लिए मालाएँ तैयार कीं और अंततः स्वयं भगवान से विवाह किया। कृष्ण देव राय स्वयं एक विद्वान और कवि थे, और उनकी रचनाएँ उस काल की समृद्ध साहित्यिक परंपरा को दर्शाती हैं।
- गलत विकल्प: बुक्क प्रथम, हरिहर द्वितीय और देवराय प्रथम विजयनगर साम्राज्य के महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन ‘अमुक्तमाल्यदा’ की रचना का श्रेय कृष्ण देव राय को जाता है।
प्रश्न 4: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ नामक एक नया विभाग स्थापित किया था?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: अलाउद्दीन खिलजी (शासनकाल 1296-1316) ने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ (Diwan-i-Mustakhraj) विभाग की स्थापना की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य बकाया लगान (revenue) की वसूली सुनिश्चित करना था।
- संदर्भ और विस्तार: यह विभाग विशेष रूप से उन प्रांतों में भेजा जाता था जहाँ लगान की वसूली ठीक से नहीं हो पा रही थी। यह अलाउद्दीन की कठोर राजस्व नीतियों का एक हिस्सा था, जिसका उद्देश्य राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘दीवान-ए-अर्ज’ (सैन्य विभाग) की स्थापना की थी; बलबन ने ‘दीवान-ए-आरिज’ (सैन्य विभाग) का पुनर्गठन किया; फिरोजशाह तुगलक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दासों का विभाग) और ‘दीवान-ए-खैरात’ (दान विभाग) जैसे विभाग स्थापित किए।
प्रश्न 5: 1857 के विद्रोह के दौरान, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को किस ब्रिटिश जनरल ने हराया था?
- लॉर्ड डलहौजी
- सर कॉलिन कैम्पबेल
- सर ह्यूग रोज़
- सर हेनरी लॉरेंस
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1857 के विद्रोह के दौरान, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को ब्रिटिश जनरल सर ह्यूग रोज़ (Sir Hugh Rose) ने ग्वालियर के पास कड़ा संघर्ष करने के बाद हराया था।
- संदर्भ और विस्तार: रानी लक्ष्मीबाई ने बहादुरी से अंग्रेजों का सामना किया और ग्वालियर पर भी कब्जा कर लिया था, लेकिन जून 1858 में सर ह्यूग रोज़ के नेतृत्व वाली ब्रिटिश सेना ने उन्हें पराजित किया, जिसके बाद वे वीरगति को प्राप्त हुईं।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी 1857 के विद्रोह के समय भारत के गवर्नर-जनरल नहीं थे (वे 1856 में वापस इंग्लैंड चले गए थे); सर कॉलिन कैम्पबेल को विद्रोह के दमन के लिए कमांडर-इन-चीफ नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने सीधे लक्ष्मीबाई को नहीं हराया था; सर हेनरी लॉरेंस लखनऊ में विद्रोह के दौरान मारे गए थे।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से किस बौद्ध संगीति में बौद्ध धर्म दो प्रमुख शाखाओं, हीनयान और महायान में विभाजित हो गया?
- प्रथम बौद्ध संगीति
- द्वितीय बौद्ध संगीति
- तृतीय बौद्ध संगीति
- चतुर्थ बौद्ध संगीति
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: चतुर्थ बौद्ध संगीति, जो ईसा की प्रथम शताब्दी में कनिष्क के संरक्षण में कश्मीर के कुंडलवन में आयोजित हुई थी, में बौद्ध धर्म स्पष्ट रूप से हीनयान (Theravada) और महायान (Mahayana) शाखाओं में विभाजित हो गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संगीति में महायान विचारधारा ने प्रमुखता प्राप्त की, जिसने बुद्ध की पूजा और बोधिसत्व की अवधारणा पर बल दिया, जो हीनयान से भिन्न था। वसुमित्र इस संगीति के अध्यक्ष थे और अश्वघोष ने भी इसमें भाग लिया था।
- गलत विकल्प: पहली तीन संगीतियों ने बौद्ध धर्म को व्यवस्थित और शुद्ध करने पर ध्यान केंद्रित किया था, लेकिन विभाजन चतुर्थ संगीति में ही हुआ।
प्रश्न 7: ‘दास प्रथा’ (Slavery) को ब्रिटिश भारत में कब समाप्त कर दिया गया?
- 1793
- 1813
- 1833
- 1843
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारत में दास प्रथा को 1843 के भारतीय दासता उन्मूलन अधिनियम (Indian Slavery Act, 1843) द्वारा समाप्त कर दिया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिनियम उस समय के गवर्नर-जनरल लॉर्ड एलेनबरो (Lord Ellenborough) के कार्यकाल में पारित हुआ था। हालांकि, यह अधिनियम पूर्व प्रभाव से लागू नहीं हुआ था, अर्थात इसने पहले से मौजूद दासों को मुक्त नहीं किया, बल्कि दासता को एक कानूनी अपराध घोषित कर दिया और भविष्य में किसी भी प्रकार की दासता के लेन-देन को अवैध बना दिया।
- गलत विकल्प: 1793 का चार्टर एक्ट स्थायी बंदोबस्त से संबंधित था; 1813 के चार्टर एक्ट ने कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया; 1833 के चार्टर एक्ट ने बंगाल के गवर्नर-जनरल को भारत का गवर्नर-जनरल बनाया और दासता को समाप्त करने का प्रावधान किया था, लेकिन औपचारिक कानून 1843 में आया।
प्रश्न 8: कनिष्क, जो कुषाण वंश का एक महान शासक था, किस वर्ष गद्दी पर बैठा?
- 78 ईस्वी
- 101 ईस्वी
- 127 ईस्वी
- 170 ईस्वी
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: कनिष्क, कुषाण वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक, 78 ईस्वी में गद्दी पर बैठा। इसी वर्ष उसने शक संवत् (Saka Era) की शुरुआत की, जो भारत का राष्ट्रीय पंचांग भी है।
- संदर्भ और विस्तार: कनिष्क का शासनकाल कला, साहित्य और धर्म के संरक्षण के लिए जाना जाता है। उसने गांधार कला शैली के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और प्रसिद्ध चिकित्सक चरक उसके दरबार में थे। उसने बौद्ध धर्म को भी संरक्षण दिया और चतुर्थ बौद्ध संगीति का आयोजन करवाया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प कनिष्क के शासनकाल से संबंधित नहीं हैं। 78 ईस्वी का वर्ष विशेष रूप से शक संवत् की शुरुआत के रूप में महत्वपूर्ण है।
प्रश्न 9: ‘नील दर्पण’ (Neel Darpan) नाटक के लेखक कौन थे, जिसने नील बागान मालिकों द्वारा किसानों पर किए गए अत्याचारों का चित्रण किया?
- बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
- Dinabandhu Mitra
- माइकेल मधुसूदन दत्त
- रवीन्द्रनाथ टैगोर
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र (Dinabandhu Mitra) थे। यह नाटक 1860 में प्रकाशित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नाटक नील विद्रोह (1859-60) के दौरान लिखा गया था और इसमें ब्रिटिश नील बागान मालिकों द्वारा बंगाल के किसानों पर किए गए क्रूर शोषण और अत्याचारों को बहुत प्रभावी ढंग से दर्शाया गया है। इसने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को भी प्रेरित किया।
- गलत विकल्प: बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘आनंद मठ’ लिखा; माइकल मधुसूदन दत्त ने ‘मेघनाद वध’ जैसे प्रसिद्ध काव्य लिखे; रवीन्द्रनाथ टैगोर एक महान कवि और लेखक थे, लेकिन ‘नील दर्पण’ के लेखक नहीं थे।
प्रश्न 10: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का तात्कालिक कारण क्या था?
- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में फ्रांस की भूमिका
- राजा लुई सोलहवें द्वारा वित्तीय सुधारों की विफलता
- बास्तील के पतन
- ज्ञानोदय (Enlightenment) के विचारों का प्रसार
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति का तात्कालिक कारण राजा लुई सोलहवें (Louis XVI) द्वारा लागू किए गए वित्तीय सुधारों की विफलता और देश की गंभीर आर्थिक तंगी थी, जो कई वर्षों के युद्धों और शाही खर्चों के कारण उत्पन्न हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: राजा ने टैक्स बढ़ाने के लिए एस्टेट-जनरल (Estates-General) की बैठक बुलाई, जो 175 वर्षों से नहीं बुलाई गई थी। तीसरे एस्टेट (आम जनता) के प्रतिनिधियों ने विशेषाधिकारों और समानता की मांग की, जिससे क्रांति की शुरुआत हुई। बास्तील का पतन (14 जुलाई 1789) क्रांति की एक महत्वपूर्ण घटना थी, लेकिन यह तात्कालिक कारण नहीं था।
- गलत विकल्प: अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में फ्रांस की भूमिका ने देश को आर्थिक संकट में डाला, लेकिन यह स्वयं तात्कालिक कारण नहीं था; ज्ञानोदय के विचारों ने एक वैचारिक आधार प्रदान किया, लेकिन वे भी तात्कालिक कारण नहीं थे।
प्रश्न 11: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- बौद्ध धर्म का चरम विकास
- वैज्ञानिक और कलात्मक प्रगति
- सल्तनत काल की स्थापना
- मौर्य साम्राज्य का विस्तार
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान और वास्तुकला जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति हुई।
- संदर्भ और विस्तार: कालिदास जैसे महान कवि, आर्यभट्ट जैसे खगोलशास्त्री और गणितज्ञ, और गुप्त काल की वास्तुकला और मूर्तिकला (जैसे अजंता की गुफाओं की चित्रकला) इस युग की महान उपलब्धियाँ हैं। इस काल में हिन्दू धर्म का पुनरुत्थान भी हुआ।
- गलत विकल्प: बौद्ध धर्म का चरम विकास हर्षवर्धन काल में अधिक हुआ; सल्तनत काल बहुत बाद में स्थापित हुआ; मौर्य साम्राज्य गुप्त काल से बहुत पहले था।
प्रश्न 12: ‘वेदांत’ शब्द का क्या अर्थ है?
- वेदों का सार
- वेदों का अध्ययन
- वेदों का अनुष्ठान
- वेदों का विकास
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘वेदांत’ (Vedanta) शब्द का अर्थ ‘वेदों का अंत’ या ‘वेदों का सार’ है। यह भारतीय दर्शन की एक शाखा है जो उपनिषदों पर आधारित है।
- संदर्भ और विस्तार: उपनिषद वेदों के अंतिम भाग हैं और इनमें आत्मा, ब्रह्म, सृष्टि और मोक्ष जैसे दार्शनिक विषयों पर गहन विचार प्रस्तुत किए गए हैं। वेदांत दर्शन इन विचारों की व्याख्या करता है और कई प्रमुख भारतीय दार्शनिक विचारधाराओं (जैसे अद्वैत, विशिष्टाद्वैत, द्वैत) का आधार है।
- गलत विकल्प: ‘वेदों का अध्ययन’ या ‘विकास’ अधिक शाब्दिक अनुवाद हैं, लेकिन ‘सार’ या ‘अंतिम ज्ञान’ इसका गहरा अर्थ है। ‘अनुष्ठान’ का इससे कोई संबंध नहीं है।
प्रश्न 13: बहमनी साम्राज्य का संस्थापक कौन था?
- अलाउद्दीन बहमन शाह
- मुहम्मद बिन तुगलक
- फिरोज शाह बहमनी
- ताजउद्दीन फिरोज शाह
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: बहमनी साम्राज्य की स्थापना 1347 ईस्वी में जफर खान (Zafar Khan) ने की थी, जिसने बाद में अलाउद्दीन बहमन शाह (Ala-ud-din Bahman Shah) की उपाधि धारण की।
- संदर्भ और विस्तार: अलाउद्दीन बहमन शाह मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल के दौरान दिल्ली सल्तनत के खिलाफ विद्रोह करने वाले अमीरों में से एक था। उसने देवगिरी को अपनी राजधानी बनाया और डेक्कन क्षेत्र में एक शक्तिशाली मुस्लिम राज्य की नींव रखी, जिसने लगभग दो शताब्दियों तक शासन किया।
- गलत विकल्प: मुहम्मद बिन तुगलक दिल्ली सल्तनत का शासक था; फिरोज शाह बहमनी और ताजउद्दीन फिरोज शाह बहमनी साम्राज्य के बाद के शासक थे।
प्रश्न 14: ‘अष्टप्रधान’ (Ashtapradhan) नामक आठ मंत्रियों की परिषद किस शासक से संबंधित थी?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- अशोक
- समुद्रगुप्त
- शिवाजी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) द्वारा स्थापित आठ मंत्रियों की एक परिषद थी, जो उनके प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस परिषद में पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्तमंत्री), सचिव (पत्राचार), सुमंत (विदेश मंत्री), सर-ए-नौबत (सेनापति), पंडितराव (धर्माधिकारी), न्यायाधीश (न्याय अधिकारी) और मजुमदार (लेखापाल) जैसे पद शामिल थे। यह परिषद शिवाजी के कुशल शासन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग थी।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य, अशोक और समुद्रगुप्त मौर्य और गुप्त काल के शासक थे, जिनकी प्रशासनिक व्यवस्था अष्टप्रधान से भिन्न थी।
प्रश्न 15: भारत में ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ (Forward Bloc) की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सुभाष चंद्र बोस (Subhas Chandra Bose) ने 1939 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक एक नई राजनीतिक पार्टी की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: बोस का उद्देश्य एक क्रांतिकारी मंच तैयार करना था जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष कर सके। फॉरवर्ड ब्लॉक ने शुरू में कांग्रेस के भीतर ही काम करना शुरू किया था, लेकिन बाद में यह एक स्वतंत्र पार्टी बन गई।
- गलत विकल्प: गांधीजी, नेहरू और पटेल कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, जिन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना नहीं की।
प्रश्न 16: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के बाद कौन सी अंतर्राष्ट्रीय संस्था स्थापित की गई थी?
- संयुक्त राष्ट्र
- राष्ट्र संघ (League of Nations)
- नाटो (NATO)
- यूरोपीय संघ
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध के विनाशकारी परिणामों को देखते हुए, भविष्य में युद्धों को रोकने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 1920 में ‘राष्ट्र संघ’ (League of Nations) की स्थापना की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना का विचार अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन (Woodrow Wilson) के ‘चौदह सूत्री कार्यक्रम’ (Fourteen Points) में निहित था। हालांकि, यह अपनी कमजोरियों (जैसे प्रमुख शक्तियों की अनुपस्थिति और लागू करने की शक्ति का अभाव) के कारण द्वितीय विश्व युद्ध को रोकने में असफल रहा।
- गलत विकल्प: संयुक्त राष्ट्र की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद (1945) हुई; नाटो एक सैन्य गठबंधन है जिसकी स्थापना शीत युद्ध के दौरान हुई थी; यूरोपीय संघ आर्थिक और राजनीतिक सहयोग के लिए है।
प्रश्न 17: ‘हड़प्पा’ सभ्यता का नामकरण किस नदी के तट पर स्थित स्थल के नाम पर किया गया है?
- सिंधु नदी
- रावी नदी
- घग्गर-हकरा नदी
- सतलुज नदी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: हड़प्पा सभ्यता का नामकरण पंजाब (पाकिस्तान) में रावी नदी के तट पर स्थित ‘हड़प्पा’ नामक स्थल के नाम पर किया गया है, जो इस सभ्यता का पहला खोजा गया पुरातात्विक स्थल था।
- संदर्भ और विस्तार: 1921 में, पुरातत्वविदों दयाराम साहनी के नेतृत्व में हड़प्पा में खुदाई की गई, जिससे इस प्राचीन सभ्यता के अस्तित्व का पता चला। इसके तुरंत बाद, 1922 में जॉन मार्शल के नेतृत्व में मोहनजोदड़ो की खुदाई हुई, जिसने इस सभ्यता की विशालता को उजागर किया।
- गलत विकल्प: सिंधु नदी इस सभ्यता की जीवनरेखा थी और मोहनजोदड़ो इसके तट पर स्थित था, लेकिन हड़प्पा स्थल रावी नदी पर है, जिसने सभ्यता को उसका नाम दिया।
प्रश्न 18: संगम साहित्य (Sangam Literature) मुख्य रूप से किस क्षेत्र से संबंधित है?
- उत्तर भारत
- दक्षिण भारत
- मध्य भारत
- पूर्वी भारत
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: संगम साहित्य मुख्य रूप से प्राचीन दक्षिण भारत (तमिलनाडु और केरल के क्षेत्र) से संबंधित है और यह चेर, चोल और पांड्य राजवंशों के शासनकाल के दौरान रचा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह साहित्य प्राचीन तमिल भाषा में है और इसमें उस समय के समाज, संस्कृति, राजनीति, धर्म और जीवन के विभिन्न पहलुओं का विस्तृत वर्णन मिलता है। ‘तोल्काप्पियम’ (Tholkappiyam) व्याकरण पर आधारित सबसे पुराना उपलब्ध संगम ग्रंथ है, जबकि ‘पत्तुपाट्टू’ (Pattupattu) और ‘एट्टुत्तोगई’ (Ettuthogai) कविताओं के संग्रह हैं।
- गलत विकल्प: अन्य क्षेत्रों के साहित्य और इतिहास संगम साहित्य से भिन्न हैं।
प्रश्न 19: ‘तैमूर का भारत पर आक्रमण’ किस वर्ष हुआ था?
- 1398
- 1498
- 1526
- 1600
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: तैमूर लंग (Timur) ने 1398 ईस्वी में दिल्ली सल्तनत पर आक्रमण किया था, जिससे दिल्ली में भारी तबाही मची और तुगलक वंश कमजोर हो गया।
- संदर्भ और विस्तार: तैमूर के आक्रमण ने दिल्ली सल्तनत को लगभग तोड़ दिया और इसके परिणामस्वरूप देश में अराजकता फैल गई। यह घटना दिल्ली सल्तनत के पतन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
- गलत विकल्प: 1498 वास्को डी गामा का आगमन था; 1526 पानीपत का प्रथम युद्ध था; 1600 ईस्वी में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई।
प्रश्न 20: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा किसने दिया था?
- भगत सिंह
- मोहम्मद इकबाल
- राम प्रसाद बिस्मिल
- चंद्रशेखर आजाद
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ (Inquilab Zindabad) का नारा शहीद भगत सिंह (Bhagat Singh) ने प्रसिद्ध किया था, हालाँकि इसे मूल रूप से उर्दू कवि मौलाना हसरत मोहानी (Maulana Hasrat Mohani) ने लिखा था।
- संदर्भ और विस्तार: भगत सिंह ने इस नारे को केंद्रीय विधानमंडल (Central Legislative Assembly) में बम फेंकने के बाद लगाया था, जो उनके क्रांतिकारी विचारों और ब्रिटिश राज के प्रति विरोध का प्रतीक बन गया। यह नारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक शक्तिशाली प्रेरणा स्रोत बना।
- गलत विकल्प: मोहम्मद इकबाल ने ‘सारे जहाँ से अच्छा’ जैसे गीत लिखे; राम प्रसाद बिस्मिल काकोरी कांड से जुड़े थे; चंद्रशेखर आजाद भी एक प्रमुख क्रांतिकारी थे, लेकिन इस नारे को भगत सिंह ने प्रसिद्धि दिलाई।
प्रश्न 21: ‘सती प्रथा’ के उन्मूलन में किस गवर्नर-जनरल का योगदान महत्वपूर्ण था?
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लॉर्ड विलियम बेंटिंक (Lord William Bentinck) ने 1829 में राजा राम मोहन राय (Raja Ram Mohan Roy) के प्रयासों से ‘सती प्रथा’ को गैर-कानूनी घोषित करने वाले रेगुलेशन XVII को पारित करवाया।
- संदर्भ और विस्तार: इस कानून के माध्यम से सती प्रथा को बंगाल में प्रतिबंधित कर दिया गया, जो एक अत्यंत महत्वपूर्ण सामाजिक सुधार था। इसने भारतीय समाज में व्याप्त एक अमानवीय प्रथा को समाप्त करने में मदद की।
- गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेजली ने सहायक संधि प्रणाली लागू की; लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत का सिद्धांत (Doctrine of Lapse) चलाया; लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय थे।
प्रश्न 22: ‘पुष्यभूति वंश’ (Pushyabhuti dynasty) का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसने उत्तरी भारत के एक बड़े हिस्से को एकीकृत किया?
- प्रभाकरवर्धन
- राज्यवर्धन
- हर्षवर्धन
- ध्रुवसेन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: पुष्यभूति वंश का सबसे प्रतापी और प्रसिद्ध शासक हर्षवर्धन (Harshavardhana) था, जिसने 606 ईस्वी से 647 ईस्वी तक शासन किया।
- संदर्भ और विस्तार: हर्षवर्धन ने अपनी मृत्यु तक उत्तर भारत के अधिकांश भाग पर शासन किया और कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया। वह एक कुशल प्रशासक, विद्वान और कलाओं का संरक्षक था। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेन त्सांग (Xuanzang) उसके शासनकाल में भारत आया था।
- गलत विकल्प: प्रभाकरवर्धन और राज्यवर्धन उसके पिता और भाई थे, जिन्होंने भी शासन किया, लेकिन हर्षवर्धन का साम्राज्य सबसे विस्तृत था। ध्रुवसेन हर्षवर्धन का दामाद था।
प्रश्न 23: ‘द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध’ (Second Anglo-Mysore War) के अंत में कौन सी संधि हुई थी?
- मद्रास की संधि
- मंगलौर की संधि
- श्रीरंगपट्टम की संधि
- यंडाबू की संधि
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1780-1784) का अंत 1784 की मंगलौर की संधि (Treaty of Mangalore) से हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संधि पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मैसूर के शासक हैदर अली (Haydar Ali) के उत्तराधिकारी टीपू सुल्तान (Tipu Sultan) के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। इस संधि का उद्देश्य युद्ध के पूर्व की स्थिति को बहाल करना था, लेकिन यह दोनों पक्षों के लिए संतोषजनक नहीं थी।
- गलत विकल्प: मद्रास की संधि प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध (1769) के अंत में हुई थी; श्रीरंगपट्टम की संधि तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1792) के अंत में हुई थी; यंडाबू की संधि प्रथम आंग्ल-बर्मी युद्ध (1826) के अंत में हुई थी।
प्रश्न 24: ‘खिलाफत आंदोलन’ (Khilafat Movement) का संबंध किस ऐतिहासिक घटना से था?
- प्रथम विश्व युद्ध
- द्वितीय विश्व युद्ध
- प्रथम विश्व युद्ध के बाद ओटोमन साम्राज्य का विघटन
- प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी का उत्थान
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 25: ‘इकोनॉमिक हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ (An Economic History of India) के लेखक कौन हैं?
- दादाभाई नौरोजी
- आर.सी. दत्त
- एम.एन. रॉय
- एम.जी. रानाडे
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: रमेश चंद्र दत्त (R.C. Dutt) ने ‘An Economic History of India under British Rule’ (1890) नामक एक महत्वपूर्ण पुस्तक लिखी, जिसमें उन्होंने ब्रिटिश शासन के दौरान भारत के आर्थिक शोषण का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस पुस्तक में उन्होंने ब्रिटिश नीतियों के कारण भारत में हुई निर्धनता और अकाल की समस्याओं पर प्रकाश डाला। उनकी ‘ड्रेन थ्योरी’ (Drain Theory) दादाभाई नौरोजी के विचारों का समर्थन करती थी।
- गलत विकल्प: दादाभाई नौरोजी ने ‘Poverty and Un-British Rule in India’ लिखी, जिसमें ड्रेन थ्योरी का उल्लेख है; एम.एन. रॉय एक क्रांतिकारी विचारक थे; एम.जी. रानाडे भी एक प्रमुख सुधारक और राष्ट्रवादी नेता थे, लेकिन इस विशिष्ट पुस्तक के लेखक आर.सी. दत्त हैं।