जीवाश्म और Jurassic काल: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड होता है, जो आपकी विश्लेषणात्मक क्षमताओं और वैज्ञानिक अवधारणाओं की समझ का परीक्षण करता है। चाहे आप SSC, Railways, या State PSCs जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हों, इन प्रश्नों का अभ्यास आपके ज्ञान को मजबूत करने और आत्मविश्वास बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है। हालिया वैज्ञानिक खोजों से प्रेरित होकर, यहाँ Jurassic काल के जीवाश्मों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण विज्ञान प्रश्न दिए गए हैं। अपनी तैयारी को परखें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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जीवाश्म अध्ययन (Paleontology) में, कार्बन-14 डेटिंग का उपयोग आमतौर पर किस प्रकार के नमूनों के लिए किया जाता है?
- (a) लाखों साल पुराने चट्टान के नमूने
- (b) हजारों साल पुराने कार्बनिक पदार्थ (जैसे जीवाश्म, लकड़ी)
- (c) लाखों साल पुराने धातु के नमूने
- (d) हाल ही में बने प्लास्टिक के नमूने
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रेडियोमेट्रिक डेटिंग, विशेष रूप से कार्बन-14 डेटिंग, रेडियोधर्मी आइसोटोप के क्षय की दर पर आधारित है। कार्बन-14 का अर्ध-जीवन (half-life) लगभग 5,730 वर्ष है, जो इसे लगभग 50,000 वर्ष पुराने कार्बनिक पदार्थों की आयु निर्धारित करने के लिए उपयुक्त बनाता है।
व्याख्या (Explanation): कार्बन-14 डेटिंग उन सभी जीवित जीवों के लिए प्रभावी है जिन्होंने कभी प्रकाश संश्लेषण किया है या अन्य कार्बनिक पदार्थों का उपभोग किया है। लाखों साल पुराने नमूने (जैसे चट्टानें या धातु) या बहुत हालिया नमूनों के लिए अन्य डेटिंग विधियों का उपयोग किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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Jurassic काल के समुद्री राक्षसों के अध्ययन से संबंधित विज्ञान की शाखा कौन सी है?
- (a) भूविज्ञान (Geology)
- (b) पुराजीव विज्ञान (Paleontology)
- (c) जीवाश्म विज्ञान (Paleobotany)
- (d) जीवाश्म प्राणिविज्ञान (Paleozoology)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीवाश्म प्राणिविज्ञान (Paleozoology) प्रागैतिहासिक जानवरों के जीवाश्मों का अध्ययन है। इसमें समुद्री सरीसृप, डायनासोर और अन्य विलुप्त प्राणियों का अध्ययन शामिल है।
व्याख्या (Explanation): भूविज्ञान पृथ्वी का अध्ययन है, जीवाश्म विज्ञान पौधों के जीवाश्मों का अध्ययन है, जबकि जीवाश्म प्राणिविज्ञान विशेष रूप से जानवरों के जीवाश्मों पर केंद्रित है। इसलिए, Jurassic काल के समुद्री राक्षसों (जो जानवर हैं) का अध्ययन जीवाश्म प्राणिविज्ञान के अंतर्गत आता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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Jurassic काल के दौरान पृथ्वी का वायुमंडल मुख्य रूप से किन गैसों से बना था?
- (a) ऑक्सीजन (O2) और नाइट्रोजन (N2)
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और मीथेन (CH4)
- (c) नाइट्रोजन (N2) और आर्गन (Ar)
- (d) ऑक्सीजन (O2) और ओजोन (O3)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): Jurassic काल (लगभग 201 से 145 मिलियन वर्ष पहले) के दौरान, पृथ्वी का वायुमंडल आज की तुलना में काफी भिन्न था। इसमें ऑक्सीजन का स्तर कम था, लेकिन कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसों का स्तर अधिक था, जिसके कारण गर्म जलवायु थी।
व्याख्या (Explanation): जबकि नाइट्रोजन हमेशा वायुमंडल का एक बड़ा हिस्सा रही है, ऑक्सीजन का स्तर धीरे-धीरे बढ़ा। Jurassic काल में उच्च CO2 स्तर पृथ्वी को गर्म रखने में महत्वपूर्ण थे, जिससे मेगालोसॉरस जैसे विशाल सरीसृपों का विकास संभव हुआ।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीवाश्मों के निर्माण की प्रक्रिया, जहाँ कार्बनिक पदार्थ धीरे-धीरे खनिज पदार्थ से बदल जाते हैं, क्या कहलाती है?
- (a) अपक्षय (Weathering)
- (b) अपरदन (Erosion)
- (c) जीवाश्मीकरण (Fossilization)
- (d) निक्षेपण (Deposition)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीवाश्मीकरण (Fossilization) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें किसी जीव के अवशेष (जैसे हड्डियाँ, दाँत) धीरे-धीरे खनिज पदार्थ से बदल जाते हैं, जिससे वे लाखों वर्षों तक संरक्षित रह सकें। यह आमतौर पर तलछट, राख या अन्य मलबे के नीचे दबे रहने से होता है, जो ऑक्सीजन और बैक्टीरिया से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
व्याख्या (Explanation): अपक्षय और अपरदन चट्टानों को तोड़ने और स्थानांतरित करने की प्रक्रियाएं हैं। निक्षेपण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा तलछट जमा होते हैं। जीवाश्मीकरण विशेष रूप से जीव अवशेषों के संरक्षण से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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Jurassic काल के समुद्री राक्षसों में से एक, प्लीओसॉरस (Pliosaurus) एक किस प्रकार का जीव था?
- (a) शार्क (Shark)
- (b) अस्थि मत्सय (Bony Fish)
- (c) समुद्री सरीसृप (Marine Reptile)
- (d) मोलस्क (Mollusc)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्लीओसॉरस एक विलुप्त समुद्री सरीसृप (reptile) था जो Jurassic काल के दौरान महासागरों में रहता था। यह पेलियोसॉरस (Plesiosaurus) का रिश्तेदार था और इसमें एक विशाल सिर, शक्तिशाली जबड़े और पंख जैसे फ्लिपर्स थे, जो इसे तैराकी में मदद करते थे।
व्याख्या (Explanation): शार्क उपास्थि (cartilage) से बनी होती हैं, अस्थि मत्सय में हड्डियाँ होती हैं, और मोलस्क में कवच या आंतरिक खोल हो सकता है। प्लीओसॉरस सरीसृप वर्ग से संबंधित है, जो जमीन पर रहने वाले सरीसृपों के समान साँस लेते थे (फेफड़ों से) लेकिन समुद्र में रहने के लिए अनुकूलित थे।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वैज्ञानिकों द्वारा जीवाश्मों का अध्ययन करते समय, उन चट्टानों के प्रकार का क्या महत्व है जिनमें वे पाए जाते हैं?
- (a) चट्टान का रंग बताता है कि जीव कितना पुराना है।
- (b) चट्टान का प्रकार जीव के रहने के माहौल और उसके संरक्षण की स्थिति के बारे में सुराग दे सकता है।
- (c) सभी चट्टानें समान रूप से जीवाश्म धारण कर सकती हैं।
- (d) चट्टान की कठोरता जीवाश्म के मूल पदार्थ को संरक्षित करती है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीवाश्मों को अक्सर तलछटी चट्टानों (sedimentary rocks) में पाया जाता है, जैसे कि बलुआ पत्थर (sandstone), शेल (shale), और चूना पत्थर (limestone)। प्रत्येक प्रकार की तलछटी चट्टान के निर्माण की स्थिति (जैसे पानी की गहराई, तलछट का प्रकार) उस जीव के निवास स्थान और वह कैसे दफन हुआ, इसके बारे में जानकारी देती है।
व्याख्या (Explanation): उदाहरण के लिए, समुद्री चट्टानों में समुद्री जीवों के जीवाश्म मिलने की संभावना अधिक होती है, जबकि ज्वालामुखीय राख में दबे जीव तेजी से संरक्षित हो सकते हैं। चट्टान का रंग हमेशा आयु या संरक्षण की गुणवत्ता का संकेत नहीं देता है, और केवल तलछटी चट्टानें ही जीवाश्मों को अच्छे से संरक्षित करती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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Jurassic काल के अधिकांश बड़े जीव, जैसे कि डायनासोर, शाकाहारी थे। उनके कंकालों में एक प्रमुख तत्व कौन सा था जो हड्डियों के निर्माण के लिए आवश्यक था?
- (a) लोहा (Iron)
- (b) कैल्शियम (Calcium)
- (c) सोडियम (Sodium)
- (d) पोटेशियम (Potassium)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हड्डियों और दांतों के निर्माण के लिए कैल्शियम (Calcium) एक आवश्यक खनिज तत्व है। यह हड्डियों को मजबूती और संरचना प्रदान करता है। Jurassic काल के बड़े शाकाहारी जीवों को अपनी विशाल संरचना का समर्थन करने के लिए प्रचुर मात्रा में कैल्शियम की आवश्यकता होती थी।
व्याख्या (Explanation): लोहा रक्त निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है, सोडियम और पोटेशियम तंत्रिका कार्य और द्रव संतुलन के लिए आवश्यक हैं, लेकिन हड्डी की संरचना के लिए प्राथमिक तत्व कैल्शियम है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीवाश्मों को खोजने और निकालने में भूवैज्ञानिकों की भूमिका क्या है?
- (a) वे केवल चट्टानों के नमूनों का अध्ययन करते हैं, जीवाश्मों का नहीं।
- (b) वे उन स्थानों की पहचान करते हैं जहाँ जीवाश्म मिलने की संभावना है, और उचित तकनीकों का उपयोग करके उन्हें निकालते हैं।
- (c) वे केवल जीवित जीवों का अध्ययन करते हैं।
- (d) वे जीवाश्मों को आधुनिक डीएनए में बदलने का काम करते हैं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): भूवैज्ञानिक (Geologists) पृथ्वी की संरचना, उसके इतिहास और उस पर होने वाली प्रक्रियाओं का अध्ययन करते हैं। जीवाश्मों का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक अक्सर भूवैज्ञानिक होते हैं, जो प्रागैतिहासिक जीवन के अध्ययन के लिए पृथ्वी की चट्टानों और परतों का ज्ञान उपयोग करते हैं। वे संभावित जीवाश्म स्थलों की पहचान करते हैं और उन्हें सावधानीपूर्वक निकालते हैं।
व्याख्या (Explanation): भूवैज्ञानिक न केवल चट्टानों का अध्ययन करते हैं, बल्कि उनसे प्राप्त जीवाश्मों के संदर्भ का भी अध्ययन करते हैं। वे जीवित जीवों या डीएनए रूपांतरण से संबंधित नहीं होते।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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Jurassic काल का एक विशिष्ट समुद्री राक्षस, इचिथियोसॉरस (Ichthyosaurus), अपने आधुनिक समय के किस जीव से मिलता-जुलता था?
- (a) पेंगुइन (Penguin)
- (b) डॉल्फ़िन (Dolphin)
- (c) मगरमच्छ (Crocodile)
- (d) कछुआ (Turtle)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): इचिथियोसॉरस एक समुद्री सरीसृप था जो Jurassic काल में रहता था। यह डॉल्फ़िन और शार्क जैसे आधुनिक समुद्री जीवों के साथ अभिसारी विकास (convergent evolution) का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, क्योंकि इसने अपने समुद्री जीवन शैली के लिए एक सुव्यवस्थित शरीर, फ्लिपर्स और एक पंख (tail fluke) विकसित किया था, भले ही वह सरीसृप था।
व्याख्या (Explanation): पेंगुइन पक्षी हैं, मगरमच्छ आधुनिक सरीसृप हैं, और कछुए भी सरीसृप हैं, लेकिन इचिथियोसॉरस की शरीर-रचना आधुनिक डॉल्फ़िन के अधिक समान थी, हालांकि दोनों विभिन्न विकासवादी पथों से आए थे।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जब वैज्ञानिक किसी जीवाश्म को ‘फिर से जांच’ (reexamine) करते हैं, तो इसका क्या मतलब हो सकता है?
- (a) वे जीवाश्म को फिर से खदान से निकालते हैं।
- (b) वे जीवाश्म के बारे में सभी मौजूदा ज्ञान को भूल जाते हैं।
- (c) वे नवीनतम तकनीकों, उपकरणों या ज्ञान का उपयोग करके जीवाश्म का पुन: विश्लेषण करते हैं।
- (d) वे जीवाश्म को पेंट करके उसका रंग बदलते हैं।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वैज्ञानिक खोजों में, मौजूदा नमूनों या डेटा की ‘पुनः जांच’ का अर्थ है कि वैज्ञानिक उन्नत प्रौद्योगिकियों (जैसे उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग, आणविक विश्लेषण) या नई वैज्ञानिक समझ का उपयोग करके पहले से ज्ञात वस्तुओं का पुनर्मूल्यांकन करते हैं। इससे नई जानकारी या व्याख्याएं सामने आ सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): जीवाश्म को फिर से निकालना या उसका रंग बदलना वैज्ञानिक विधि का हिस्सा नहीं है। ज्ञान को भूलना भी अवास्तविक है। नई तकनीकों से 47 साल पुराने जीवाश्म में नई प्रजाति का पता लगाना इसी प्रक्रिया का एक उदाहरण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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Jurassic काल की जलवायु को गर्म और आर्द्र (warm and humid) माना जाता है। इन परिस्थितियों में, पृथ्वी पर कौन से प्रकार के पौधे प्रमुख थे?
- (a) फूल वाले पौधे (Flowering plants)
- (b) फर्न (Ferns), जिम्नोस्पर्म (Gymnosperms) जैसे कोनिफ़र (Conifers)
- (c) शैवाल (Algae)
- (d) घास (Grasses)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): Jurassic काल में, पृथ्वी पर बड़े पैमाने पर साइकैड (cycads), जिन्कगो (ginkgoes), और कोनिफ़र (conifers) जैसे जिम्नोस्पर्म (gymnosperms) प्रमुख थे। फर्न भी व्यापक रूप से पाए जाते थे। फूल वाले पौधे (एंजियोस्पर्म) बाद में, क्रेटेशियस काल में प्रमुख हुए।
व्याख्या (Explanation): फर्न और जिम्नोस्पर्म गर्म, आर्द्र वातावरण में पनपते हैं। शैवाल मुख्य रूप से जलीय होते हैं, और घास बहुत बाद में विकसित हुईं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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वैज्ञानिकों द्वारा ‘नई प्रजाति’ (new species) की खोज का क्या अर्थ है?
- (a) उन्होंने एक जीव को फिर से खोजा है जिसे पहले ही खोजा जा चुका था।
- (b) उन्होंने एक ऐसे जीव की पहचान की है जो पहले से ज्ञात किसी भी प्रजाति से अलग है, और उसके विशिष्ट लक्षण हैं।
- (c) उन्होंने एक मौजूदा प्रजाति का नाम बदलकर रख दिया है।
- (d) उन्होंने एक प्रजाति को विलुप्त घोषित कर दिया है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीव विज्ञान में, एक नई प्रजाति की पहचान का मतलब है कि शोधकर्ताओं ने एक ऐसे जीव की खोज की है जिसके पास अद्वितीय रूपात्मक (morphological), आनुवंशिक (genetic) या व्यवहारिक (behavioral) लक्षण हैं जो इसे अन्य ज्ञात प्रजातियों से अलग करते हैं, और वे इसे एक नई प्रजाति के रूप में औपचारिक रूप से वर्गीकृत करते हैं।
व्याख्या (Explanation): किसी जीव को फिर से खोजना (re-discovery) नई प्रजाति नहीं है। नाम बदलना या विलुप्त घोषित करना भी नई प्रजाति की खोज नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीवाश्मों में पाए जाने वाले शेल (Shells) और हड्डियों में सामान्यतः कौन सा रासायनिक यौगिक मुख्य रूप से पाया जाता है?
- (a) सिलिका (Silica – SiO2)
- (b) कैल्शियम कार्बोनेट (Calcium Carbonate – CaCO3)
- (c) सोडियम क्लोराइड (Sodium Chloride – NaCl)
- (d) पोटेशियम नाइट्रेट (Potassium Nitrate – KNO3)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कई अकशेरुकी जीवों (invertebrates) के शेल (जैसे मोलस्क) और कशेरुकी जीवों (vertebrates) की हड्डियाँ मुख्य रूप से कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) से बनी होती हैं, जो अक्सर हाइड्रॉक्सीपैटाइट (hydroxyapatite) नामक कैल्शियम फॉस्फेट के रूप में भी पाया जाता है।
व्याख्या (Explanation): सिलिका का उपयोग कुछ अन्य जीवों (जैसे डायटम) द्वारा किया जाता है। सोडियम क्लोराइड सामान्य नमक है, और पोटेशियम नाइट्रेट उर्वरक और विस्फोटक में प्रयोग किया जाता है, ये दोनों जीव अवशेषों में मुख्य संरचनात्मक घटक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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Jurassic काल के समुद्री सरीसृपों के पंख (flippers) किस कार्य के लिए विकसित हुए थे?
- (a) हवा में उड़ने के लिए
- (b) जमीन पर चलने के लिए
- (c) पानी में तैरने और दिशा बदलने के लिए
- (d) भूमिगत खुदाई के लिए
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): समुद्री जीवों के पंख (flippers) या पैडल (paddles) के रूप में विकसित उपांग (appendages) पानी में आगे बढ़ने, संतुलन बनाए रखने और दिशा बदलने के लिए अनुकूलन हैं। यह उन्हें कुशलता से तैरने में मदद करते हैं।
व्याख्या (Explanation): Jurassic समुद्री राक्षसों के पंख पानी में गतिशीलता के लिए थे, न कि उड़ने, जमीन पर चलने या खुदाई के लिए।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीवाश्मों का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?
- (a) जीवाश्म हमेशा एकदम सही अवस्था में पाए जाते हैं।
- (b) जीवाश्मों को खोजना, निकालना और संरक्षित करना कठिन और श्रमसाध्य हो सकता है।
- (c) सभी जीवाश्म रेडियोधर्मी होते हैं।
- (d) जीवाश्मों का अध्ययन पूरी तरह से कंप्यूटर सिमुलेशन पर निर्भर करता है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीवाश्मों का संरक्षण प्रकृति में एक दुर्लभ घटना है। इसके अलावा, पृथ्वी की पपड़ी में गहरी या दुर्गम जगहों पर उन्हें ढूंढना, उन्हें सावधानी से निकालना ताकि वे टूट न जाएं, और फिर उन्हें विश्लेषण के लिए तैयार करना, ये सभी प्रक्रियाएं जटिल, समय लेने वाली और महंगी हो सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): जीवाश्म अक्सर खंडित या विकृत (deformed) पाए जाते हैं। वे रेडियोधर्मी नहीं होते (हालांकि कुछ चट्टानें होती हैं), और कंप्यूटर सिमुलेशन सहायक होते हैं लेकिन अकेले पर्याप्त नहीं होते।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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Jurassic काल के दौरान, पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटें (tectonic plates) सक्रिय थीं। इस काल में किस महाद्वीप का प्रमुख विखंडन (breakup) हुआ?
- (a) गोंडवानालैंड (Gondwanaland)
- (b) पैंजिया (Pangaea)
- (c) लॉरेशिया (Laurasia)
- (d) यूरोप (Europe)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): Jurassic काल, लगभग 201 से 145 मिलियन वर्ष पहले, एक ऐसा समय था जब सुपरकॉन्टिनेंट पैंजिया (Pangaea) का विखंडन सक्रिय रूप से जारी था। पैंजिया लॉरेशिया (Laurasia) और गोंडवानालैंड (Gondwanaland) में विभाजित हो रहा था, जो बदले में आधुनिक महाद्वीपों में टूट गए।
व्याख्या (Explanation): गोंडवानालैंड और लॉरेशिया पैंजिया के विभाजन के हिस्से थे। जबकि ये विखंडन जारी रहे, पैंजिया स्वयं वह सुपरकॉन्टिनेंट था जो विभाजित हो रहा था।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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डायनासोर के कंकालों के अध्ययन से हमें उनके बारे में क्या जानने में मदद मिलती है?
- (a) वे क्या खा सकते थे और कैसे चलते थे।
- (b) उनके शरीर का आकार और संरचना, और संभवतः गति (locomotion)।
- (c) वे किस तापमान में रहते थे।
- (d) उपरोक्त सभी।
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कंकालों की संरचना, विशेष रूप से हड्डियों की बनावट, मांसपेशियों के अटैचमेंट के निशान, और अंगों के अनुपात, यह समझने में मदद करते हैं कि डायनासोर का शरीर कैसा था, वे कितने बड़े थे, और वे कैसे चलते थे (जैसे चलना, दौड़ना, तैरना)। कुछ जीवाश्मों में पेट की सामग्री या पैर के निशान से आहार का भी पता चल सकता है।
व्याख्या (Explanation): जीवाश्मों से सीधे तौर पर तापमान की जानकारी नहीं मिलती, लेकिन यह अन्य प्रकार के अध्ययनों से अनुमान लगाया जा सकता है। हालांकि, शरीर का आकार, संरचना, गति और आहार के बारे में जानकारी कंकालों से निश्चित रूप से प्राप्त की जा सकती है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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समुद्री जीवाश्मों के अध्ययन में ‘पेट्रीफिकेशन’ (Petrification) की प्रक्रिया क्या है?
- (a) जीव के कोमल ऊतकों का धीरे-धीरे पत्थर में बदलना।
- (b) जीव के हड्डियों और शेल के छिद्रों में खनिजों का जमा होना, जिससे वह पत्थर जैसा हो जाता है।
- (c) जीव के शरीर का बैक्टीरिया द्वारा विघटित होना।
- (d) जीव का पर्यावरण से ऑक्सीजन का उपयोग करना।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पेट्रीफिकेशन (Petrification) या ‘मिनरलाइजेशन’ (mineralization) वह प्रक्रिया है जिसमें किसी जीव के ऊतक, विशेष रूप से हड्डियाँ और शेल, धीरे-धीरे भूजल में घुले खनिजों (जैसे सिलिका, कैल्शियम कार्बोनेट, पाइराइट) से भर जाते हैं। यह मूल कार्बनिक पदार्थ को संरक्षित करता है जबकि उसे पत्थर जैसी कठोरता प्रदान करता है।
व्याख्या (Explanation): केवल कोमल ऊतकों का पत्थर बनना ‘पेट्रीफिकेशन’ का पूरा अर्थ नहीं है, यह मुख्य रूप से खनिज प्रतिस्थापन है। बैक्टीरिया द्वारा विघटन जीवाश्म बनने के विपरीत है, और ऑक्सीजन का उपयोग एक चयापचय प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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Jurassic काल के समुद्री राक्षसों के अध्ययन से आधुनिक जीव विज्ञान को क्या लाभ मिल सकता है?
- (a) आधुनिक समुद्री जीवों की बीमारियों को समझना।
- (b) विकासवादी संबंधों (evolutionary relationships) और अनुकूलन (adaptations) को समझना।
- (c) समुद्री पारिस्थितिक तंत्र (marine ecosystems) की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करना।
- (d) केवल जीवाश्मों के इतिहास के बारे में जानना।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रागैतिहासिक जीवन के जीवाश्मों का अध्ययन हमें दिखाता है कि विभिन्न जीव समय के साथ कैसे विकसित हुए, उन्होंने किन वातावरणों के लिए अनुकूलन किया, और विभिन्न प्रजातियाँ एक-दूसरे से कैसे संबंधित हैं। यह वर्तमान जीवों के विकासवादी इतिहास को समझने में मदद करता है।
व्याख्या (Explanation): जबकि जीवाश्मों से सीधा लाभ वर्तमान बीमारियों के इलाज में नहीं होता, वे विकासवादी संबंधों और अनुकूलनों को समझने में महत्वपूर्ण हैं, जो आधुनिक जीव विज्ञान के लिए मौलिक हैं। पारिस्थितिक तंत्र का मूल्यांकन वर्तमान डेटा से होता है, न कि सीधे जीवाश्मों से।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि एक जीवाश्म Jurassic काल का है, तो वह संभावित रूप से किससे संबंधित हो सकता है?
- (a) पहला पक्षी (Archaeopteryx)
- (b) पहला मानव (Homo habilis)
- (c) पहला सरीसृप (Hylonomus)
- (d) पहला उभयचर (Ichthyostega)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आर्कियोप्टेरिक्स (Archaeopteryx) को अक्सर ‘प्रथम पक्षी’ माना जाता है, जो Jurassic काल (लगभग 150 मिलियन वर्ष पहले) का है। इसमें सरीसृप (दाँत, पंजे वाले अंग) और पक्षियों (पंख, पंख) दोनों की विशेषताएं थीं, जो विकासवादी परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण प्रमाण है।
व्याख्या (Explanation): Homo habilis बहुत बाद में, प्लेइस्टोसिन काल (Pleistocene epoch) में विकसित हुआ। Hylonomus (पहला सरीसृप) कार्बोनिफेरस काल (Carboniferous period) का है, और Ichthyostega (पहला उभयचर) डेवोनियन काल (Devonian period) का है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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Jurassic काल में पाए जाने वाले कुछ समुद्री राक्षस, जैसे कि सॉरोपोड्स (Sauropods), बहुत बड़े थे। उनकी विशाल संरचना का समर्थन करने के लिए किस प्रकार के ऊतक (tissue) महत्वपूर्ण थे?
- (a) केवल कोमल ऊतक (Soft tissues)
- (b) कठोर कंकाल (Rigid skeleton) और मजबूत पेशियाँ (muscles)
- (c) केवल त्वचा (Skin)
- (d) पंख (Feathers)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बड़े स्थलीय या समुद्री जीवों के लिए, एक मजबूत और अच्छी तरह से विकसित कंकाल (हड्डियों और उपास्थि से बना) संरचनात्मक सहायता, गति के लिए लीवरेज, और आंतरिक अंगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। मजबूत पेशियाँ कंकाल से जुड़कर गति उत्पन्न करती हैं।
व्याख्या (Explanation): केवल कोमल ऊतक, त्वचा या पंख (जो मुख्य रूप से उड़ने वाले पक्षियों से जुड़े हैं) बड़े जानवरों के वजन का समर्थन नहीं कर सकते। एक कठोर कंकाल और पेशियाँ आवश्यक हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीवाश्मों की खोज और अध्ययन करते समय, वैज्ञानिक किस विधि का उपयोग करके यह अनुमान लगा सकते हैं कि जीव कितना पुराना था?
- (a) केवल जीव के आकार को देखकर।
- (b) जीव के मिलने वाले तलछटी चट्टान की परतों का अध्ययन करके (Stratigraphy) और रेडियोमेट्रिक डेटिंग का उपयोग करके।
- (c) जीव के रंग को देखकर।
- (d) केवल जीव के अवशेषों की संख्या गिनकर।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): स्ट्रैटीग्राफी (Stratigraphy) भूविज्ञान का वह क्षेत्र है जो चट्टानों की परतों (strata) के अध्ययन से संबंधित है। सरल शब्दों में, नीचे की परतें आमतौर पर ऊपर की परतों से पुरानी होती हैं। इसके अलावा, रेडियोमेट्रिक डेटिंग (जैसे कार्बन-14 या पोटेशियम-आर्गन डेटिंग) सीधे चट्टान या जीवाश्म के भीतर मौजूद रेडियोधर्मी आइसोटोप के क्षय का उपयोग करके सटीक आयु निर्धारित करने की अनुमति देती है।
व्याख्या (Explanation): आकार, रंग या संख्या से सीधे वैज्ञानिक रूप से मान्य आयु का पता नहीं लगाया जा सकता। स्ट्रैटीग्राफी और रेडियोमेट्रिक डेटिंग सबसे विश्वसनीय तरीके हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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Jurassic काल के समुद्री सरीसृपों के अध्ययन में, ‘डिनो-फ्लू’ (Dino-flu) जैसे शब्दों का क्या तात्पर्य हो सकता है?
- (a) डायनासोर के पंखों में हवा का प्रवाह।
- (b) डायनासोर के रक्त प्रवाह की गति।
- (c) डायनासोर की जीवाश्मों में पाए जाने वाले संभावित सूक्ष्मजीवों या संक्रमणों का अध्ययन।
- (d) डायनासोर के द्वारा बहाया गया पानी।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ‘डिनो-फ्लू’ (Dino-flu) एक अनौपचारिक शब्द है जिसका उपयोग शोधकर्ताओं द्वारा डायनासोर जैसे जीवाश्मों में संभावित रूप से पाए जाने वाले रोगजनकों (pathogens) या जीवाश्मों के अध्ययन के दौरान सूक्ष्मजीवों के अध्ययन के लिए किया जा सकता है। यह दर्शाता है कि उनके शरीर में संक्रमण या रोग हो सकते थे।
व्याख्या (Explanation): यह शब्द सीधे तौर पर रक्त प्रवाह, हवा का प्रवाह, या पानी बहाने से संबंधित नहीं है। इसका संबंध डायनासोर के स्वास्थ्य और संभावित बीमारियों से है, जो जीवाश्मों से जुड़े अध्ययनों का हिस्सा हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि कोई नया Jurassic समुद्री राक्षस जीवाश्म खोजा गया है, तो वैज्ञानिक सबसे पहले क्या करने की कोशिश करेंगे?
- (a) उसे तुरंत संग्रहालय में प्रदर्शित करना।
- (b) यह निर्धारित करना कि क्या यह पहले से ज्ञात प्रजातियों से भिन्न है और यदि हाँ, तो इसे नई प्रजाति के रूप में वर्णित करना।
- (c) उसे पूरी तरह से नष्ट करना।
- (d) उसे केवल सजावट के लिए उपयोग करना।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी भी नए जीवाश्म की खोज का पहला वैज्ञानिक कदम उसकी पहचान और वर्गीकरण करना होता है। इसमें उसकी शारीरिक विशेषताओं का सावधानीपूर्वक अध्ययन करना शामिल है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि यह ज्ञात प्रजातियों के समूह में फिट बैठता है या यह एक नई प्रजाति का प्रतिनिधित्व करता है।
व्याख्या (Explanation): जीवाश्म को तुरंत प्रदर्शित करना या नष्ट करना वैज्ञानिक विधि का हिस्सा नहीं है। यह केवल सजावट के लिए भी उपयोग नहीं किया जाता। मुख्य कार्य उसकी वैज्ञानिक पहचान स्थापित करना है।
अतः, सही उत्तर (b) है।