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लाल किले की सुरक्षा में बड़ी चूक: डमी बम ने उड़ाए पुलिसकर्मियों के होश, 7 पर गिरी गाज!

चर्चा में क्यों? (Why in News?):**
हाल ही में, भारत के सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्मारकों में से एक, लाल किले की सुरक्षा को लेकर एक चिंताजनक घटना सामने आई है। स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय महत्व के आयोजन से ठीक पहले की गई एक सुरक्षा मॉक ड्रिल के दौरान, ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी डमी बम का पता लगाने में विफल रहे। इस चूक के परिणामस्वरूप सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, जिससे सुरक्षा प्रोटोकॉल, प्रशिक्षण और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह घटना न केवल जमीनी स्तर पर काम कर रहे कर्मियों की तैयारियों पर प्रकाश डालती है, बल्कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के अग्रिम पंक्ति में मौजूद लोगों की सतर्कता और क्षमता का भी आकलन करती है।

यह मामला, विशेष रूप से स्वतंत्रता दिवस जैसे संवेदनशील अवसर के आसपास, राष्ट्रीय सुरक्षा के व्यापक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण हो जाता है। लाल किला, जो गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के ध्वजारोहण का गवाह बनता है, अत्यधिक सुरक्षा और संवेदनशीलता वाला स्थान है। ऐसे में, डमी बम का पता न चल पाना एक गंभीर सुरक्षा चूक का सूचक है। इस लेख में, हम इस घटना के विभिन्न पहलुओं, इसके पीछे के कारणों, सुरक्षा तंत्र पर इसके प्रभाव, और UPSC उम्मीदवारों के लिए इसके महत्व का गहराई से विश्लेषण करेंगे।

घटना का विस्तृत विश्लेषण: क्या हुआ और क्यों?

स्वतंत्रता दिवस समारोहों की तैयारियों के तहत, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाने के लिए मॉक ड्रिल (नकली अभ्यास) आयोजित की जाती है। इन अभ्यासों का उद्देश्य सुरक्षा कर्मियों की तत्परता, समन्वय और प्रतिक्रिया समय का परीक्षण करना होता है। इसी क्रम में, लाल किले के आसपास सुरक्षा घेरों का परीक्षण किया जा रहा था।

  • मॉक ड्रिल का उद्देश्य: ऐसी मॉक ड्रिल का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना होता है कि आपातकालीन स्थिति, जैसे कि आतंकवादी हमला या बम की धमकी, में सुरक्षा बल कितने प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया कर सकते हैं। इसमें बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्वाड, त्वरित प्रतिक्रिया दल और आम पुलिसकर्मी शामिल होते हैं।
  • डमी बम की भूमिका: मॉक ड्रिल में, अक्सर नकली बम (डमी बम) का उपयोग किया जाता है ताकि वास्तविक खतरे की तरह ही परिदृश्य तैयार किया जा सके। इन डमी बमों को इस तरह से रखा जाता है कि सामान्य गश्त या तलाशी के दौरान उनका पता लगाया जा सके।
  • क्या हुआ: रिपोर्टों के अनुसार, लाल किले में आयोजित एक ऐसी ही मॉक ड्रिल के दौरान, तैनात पुलिसकर्मियों की टीम डमी बम का पता लगाने में विफल रही। यह एक गंभीर चूक थी क्योंकि इसका मतलब है कि यदि वह डमी बम की जगह एक वास्तविक विस्फोटक होता, तो अनर्थ हो सकता था।
  • तत्काल प्रतिक्रिया: इस विफलता को तुरंत ही गंभीर सुरक्षा चूक माना गया। घटना के तुरंत बाद, दिल्ली पुलिस की आंतरिक जांच शुरू हुई और सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
  • स्पेशल टीम की उपस्थिति: यह भी महत्वपूर्ण है कि इस ड्रिल के दौरान एक विशेष टीम सादे कपड़ों में मौजूद थी। यह टीम, संभवतः खुफिया या आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी, अभ्यास की निगरानी और कर्मियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए तैनात थी। उनकी उपस्थिति इस बात को और पुष्ट करती है कि घटना को कितनी गंभीरता से लिया गया।

क्यों हुई यह चूक? संभावित कारण

इस प्रकार की सुरक्षा चूक के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनका विश्लेषण UPSC के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, खासकर ‘सुरक्षा’ और ‘प्रशासन’ जैसे विषयों के लिए।

  • प्रशिक्षण की कमी या अप्रचलित तरीके:
    • नवीनतम तकनीकों का अभाव: क्या पुलिसकर्मियों को नवीनतम सुरक्षा उपकरण, जैसे उन्नत स्कैनर, थर्मल इमेजर, या इंटेलिजेंस-संचालित निगरानी प्रणालियों के उपयोग में पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित किया गया है?
    • रखरखाव प्रशिक्षण: डमी बमों को ‘पहचानने’ के लिए आवश्यक सूक्ष्म अवलोकन कौशल और तकनीकों का प्रशिक्षण या तो अपर्याप्त हो सकता है या समय के साथ अप्रचलित हो गया हो।
    • मानसिक तैयारी: लगातार सतर्कता और ध्यान बनाए रखना पुलिस कर्मियों के लिए एक चुनौती हो सकती है, खासकर यदि ड्रिल रूटीन बन जाती है।
  • अति-आत्मविश्वास और सुस्ती (Complacency):
    • “हमेशा की तरह” मानसिकता: बार-बार की जाने वाली मॉक ड्रिल कभी-कभी कर्मचारियों में अति-आत्मविश्वास पैदा कर सकती है, जिससे वे हर बार समान परिदृश्य का अनुमान लगाने लगते हैं और बारीकियों पर ध्यान नहीं देते।
    • तनाव और दबाव: स्वतंत्रता दिवस जैसे महत्वपूर्ण आयोजन से पहले अतिरिक्त दबाव भी प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।
  • संसाधनों का अभाव:
    • तकनीकी उपकरण: क्या सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर पर्याप्त संख्या में आधुनिक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध हैं?
    • मानव संसाधन: क्या गश्त और निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित कर्मी उपलब्ध हैं?
  • समन्वय और संचार में कमी:
    • विभिन्न एजेंसियों के बीच: यदि अलग-अलग टीमें (जैसे स्थानीय पुलिस, स्पेशल सेल, खुफिया एजेंसियां) शामिल हैं, तो उनके बीच प्रभावी समन्वय महत्वपूर्ण है।
    • सूचना प्रवाह: क्या डमी बमों को छुपाने या रखने के बारे में पर्याप्त जानकारी सही समय पर सही लोगों तक पहुंची?
  • भौतिक अवरोधों या छलावरण (Camouflage) की प्रभावशीलता:
    • “नकली” होने के बावजूद: क्या डमी बम को इस तरह से रखा गया था कि वह एक वास्तविक खतरे से अलग दिखे? या इसे ऐसी जगह छुपाया गया था जहाँ सामान्य तलाशी से बचना संभव था?

“किसी भी सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती केवल उसके उपकरणों पर ही नहीं, बल्कि उस पर काम करने वाले मानव संसाधन की कुशलता, प्रशिक्षण और सतर्कता पर भी निर्भर करती है। जब यह कड़ी टूटती है, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं।”

सुरक्षा तंत्र पर प्रभाव और निहितार्थ

इस घटना के दूरगामी निहितार्थ हैं, जो न केवल दिल्ली पुलिस के लिए, बल्कि देश भर की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक हैं।

1. विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न:

यह घटना सार्वजनिक विश्वास को ठेस पहुंचा सकती है। जब अति-संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा कर्मियों से इस तरह की चूक होती है, तो आम नागरिक अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हो जाते हैं।

2. प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण की आवश्यकता:

यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि सुरक्षा कर्मियों के नियमित प्रशिक्षण, खासकर ऐसी मॉक ड्रिल के माध्यम से, में सुधार की आवश्यकता है। प्रशिक्षण को केवल सैद्धांतिक नहीं, बल्कि व्यावहारिक और यथार्थवादी होना चाहिए, जिसमें नई तकनीकों और तरीकों को शामिल किया जाए।

3. जवाबदेही और अनुशासनात्मक कार्रवाई:

सात पुलिसकर्मियों का निलंबन सुरक्षा तंत्र में जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है। यह एक संकेत है कि चूक को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। हालांकि, केवल निलंबन पर्याप्त नहीं है, बल्कि कारणों का पता लगाकर उन्हें दूर करना अधिक महत्वपूर्ण है।

4. विशेष टीमों की भूमिका का महत्व:

सादे कपड़ों में स्पेशल टीम की मौजूदगी बताती है कि उच्च-स्तरीय निगरानी और मूल्यांकन तंत्र मौजूद है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय होती है। यह महत्वपूर्ण है कि ऐसी टीमें प्रभावी ढंग से कार्य करें।

5. सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा:

इस घटना के बाद, लाल किले और अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्मारकों के लिए मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की व्यापक समीक्षा की जानी चाहिए। इसमें कर्मियों के चयन, प्रशिक्षण, तैनाती, उपकरण और प्रतिक्रिया प्रक्रियाओं जैसे सभी पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए।

UPSC परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: सुरक्षा, प्रशासन और राष्ट्रीय हित

यह घटना UPSC सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों के लिए कई मायनों में प्रासंगिक है:

GS-I (भारतीय समाज, भूगोल, अर्थव्यवस्था):

समाज पर सुरक्षा चिंताओं का प्रभाव, राष्ट्रीय स्मारकों का महत्व।

GS-II (शासन, राजनीति, सामाजिक न्याय):

  • शासन (Governance): सुरक्षा प्रबंधन, सार्वजनिक प्रशासन, जवाबदेही, पुलिस सुधार, क्षमता निर्माण।

    • सुरक्षा तंत्र: देश के सुरक्षा ढांचे की प्रभावशीलता, अर्धसैनिक बलों और पुलिस की भूमिका।
    • जवाबदेही: सार्वजनिक संस्थानों में जवाबदेही कैसे सुनिश्चित की जाती है? निलंबन और जांच का तंत्र।
    • प्रशिक्षण और आधुनिकीकरण: पुलिस और सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण में सुधार की आवश्यकता।
  • अंतर्राष्ट्रीय संबंध: राष्ट्रों की आंतरिक सुरक्षा उनके अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को कैसे प्रभावित करती है (जैसे, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग)।

GS-III (आर्थिक विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, आंतरिक सुरक्षा):

  • आंतरिक सुरक्षा:

    • आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियाँ: आतंकवाद, उग्रवाद, सीमा सुरक्षा, और ऐसी घटनाएं जो आंतरिक सुरक्षा को कमजोर करती हैं।
    • सुरक्षा बल और एजेंसियां: उनकी भूमिका, संरचना और क्षमता।
    • विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग: सुरक्षा में आधुनिक तकनीक (जैसे, ड्रोन, AI, उन्नत निगरानी) का उपयोग और उसके साथ आने वाली चुनौतियाँ (जैसे, कर्मियों का प्रशिक्षण)।
    • मॉक ड्रिल का महत्व: यह आपदा प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

निबंध (Essay):

सुरक्षा, राष्ट्र निर्माण, सार्वजनिक सेवा में जवाबदेही, या आधुनिक समाज में प्रौद्योगिकी और मानव तत्व के बीच संतुलन जैसे विषयों पर निबंध लिखने के लिए यह घटना एक केस स्टडी के रूप में काम कर सकती है।

सुधार की राह: आगे क्या?

इस घटना से सीखकर, भविष्य में ऐसी चूक से बचने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. प्रशिक्षण का आधुनिकीकरण:

    • नियमित पुनश्चर्या पाठ्यक्रम (Refresher Courses): कर्मियों को नवीनतम खतरों और तकनीकों से अवगत कराने के लिए।
    • सिम्युलेशन-आधारित प्रशिक्षण: यथार्थवादी परिदृश्यों का निर्माण कर प्रशिक्षण देना।
    • मनोवैज्ञानिक तैयारी: तनाव प्रबंधन और निरंतर सतर्कता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करना।
  2. प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग:

    • उन्नत निगरानी उपकरण: बॉडी-कैम, स्मार्ट हेलमेट, और AI-आधारित विश्लेषण प्रणालियों का उपयोग।
    • डेटा एनालिटिक्स: जोखिम क्षेत्रों की पहचान और संभावित खतरों का पूर्वानुमान लगाने के लिए।
  3. समन्वय और संचार में सुधार:

    • अंतर्-एजेंसी सहयोग: विभिन्न सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय।
    • मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOPs): स्पष्ट और अद्यतन SOPs का विकास और उनका पालन सुनिश्चित करना।
  4. प्रदर्शन मूल्यांकन और प्रोत्साहन:

    • नियमित प्रदर्शन समीक्षा: अच्छे प्रदर्शन को पुरस्कृत करना और कमियों को दूर करने के लिए परामर्श प्रदान करना।
    • ‘सुरक्षा संस्कृति’ का विकास: प्रत्येक कर्मी में सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानने की भावना जगाना।
  5. संसाधन आवंटन:

    • आधुनिक उपकरणों की खरीद: पर्याप्त बजट और प्रभावी खरीद प्रक्रियाएं।
    • मानव संसाधन का अनुकूलन: सही जगह पर सही लोगों की तैनाती।

लाल किले में हुई यह चूक निश्चित रूप से एक चिंताजनक घटना है, लेकिन यदि इससे सही सबक सीखा जाए, तो यह देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का एक अवसर भी बन सकती है। UPSC परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए, यह मामला ‘आंतरिक सुरक्षा’ और ‘शासन’ के सिद्धांतों को समझने के लिए एक उत्कृष्ट केस स्टडी प्रदान करता है।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

  1. प्रश्न: हाल ही में लाल किले में हुई सुरक्षा चूक के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
    1. घटना स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक मॉक ड्रिल के दौरान हुई।
    2. ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी डमी बम का पता लगाने में विफल रहे।
    3. इस चूक के कारण 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया।
    4. मॉक ड्रिल के समय एक स्पेशल टीम सादे कपड़ों में मौजूद थी।
    उपरोक्त कथनों में से कौन से सत्य हैं?
    (a) केवल 1 और 2
    (b) केवल 2, 3 और 4
    (c) केवल 1, 3 और 4
    (d) 1, 2, 3 और 4

    उत्तर: (d) 1, 2, 3 और 4
    व्याख्या: सभी दिए गए कथन घटना के संदर्भ में सत्य हैं जैसा कि समाचार में रिपोर्ट किया गया है।
  2. प्रश्न: राष्ट्रीय महत्व के स्थानों पर मॉक ड्रिल का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
    (a) कर्मियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाना
    (b) आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया समय और समन्वय का परीक्षण करना
    (c) नवीनतम सुरक्षा उपकरणों का प्रदर्शन करना
    (d) केवल आम जनता को सुरक्षा उपायों से अवगत कराना

    उत्तर: (b) आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया समय और समन्वय का परीक्षण करना
    व्याख्या: मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सुरक्षा बल वास्तविक आपात स्थिति में प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया कर सकें।
  3. प्रश्न: सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन या विफलता के लिए अक्सर किस प्रकार की कार्रवाई की जाती है?
    1. जांच समिति का गठन
    2. कर्मचारियों का स्थानांतरण
    3. निलंबन या बर्खास्तगी
    4. प्रशिक्षण कार्यक्रमों में बदलाव
    नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
    (a) केवल 1 और 2
    (b) केवल 2 और 3
    (c) केवल 1, 3 और 4
    (d) 1, 2, 3 और 4

    उत्तर: (d) 1, 2, 3 और 4
    व्याख्या: विभिन्न प्रकार की कार्रवाइयां की जा सकती हैं, जिनमें जांच, निलंबन और प्रशिक्षण में सुधार शामिल हैं।
  4. प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सी एजेंसी आमतौर पर विशेष आयोजनों के दौरान महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा होती है?
    1. राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG)
    2. विशेष सुरक्षा समूह (SPG)
    3. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)
    4. दिल्ली पुलिस (स्थानीय इकाई)
    नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
    (a) केवल 1 और 2
    (b) केवल 2 और 4
    (c) केवल 1, 3 और 4
    (d) 1, 2, 3 और 4

    उत्तर: (d) 1, 2, 3 और 4
    व्याख्या: राष्ट्रीय महत्व के आयोजनों में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां ​​समन्वय में काम करती हैं। SPG वीआईपी सुरक्षा के लिए, NSG काउंटर-टेररिज़्म के लिए, CRPF की विशेष इकाइयां और स्थानीय पुलिस सामान्य सुरक्षा व्यवस्था के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।
  5. प्रश्न: “कॉम्प्लेसेन्सी” (Complacency) या अति-आत्मविश्वास सुरक्षा व्यवस्था में किस प्रकार की समस्या उत्पन्न कर सकता है?
    (a) सतर्कता का स्तर बढ़ना
    (b) उपकरणों का बेहतर रखरखाव
    (c) नियमों का पालन कम होना और सूक्ष्म विवरणों पर ध्यान न देना
    (d) आपातकालीन प्रतिक्रिया में तेजी आना

    उत्तर: (c) नियमों का पालन कम होना और सूक्ष्म विवरणों पर ध्यान न देना
    व्याख्या: अति-आत्मविश्वास से कर्मी सतर्कता खो देते हैं और छोटी, लेकिन महत्वपूर्ण, बारीकियों को अनदेखा कर सकते हैं।
  6. प्रश्न: भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में “आंतरिक सुरक्षा” (Internal Security) में कौन से तत्व शामिल होते हैं?
    1. सीमा पार आतंकवाद
    2. नक्सलवाद और उग्रवाद
    3. सांप्रदायिक दंगे
    4. आपदा प्रबंधन
    नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
    (a) केवल 1, 2 और 3
    (b) केवल 2, 3 और 4
    (c) केवल 1, 3 और 4
    (d) 1, 2, 3 और 4

    उत्तर: (d) 1, 2, 3 और 4
    व्याख्या: आंतरिक सुरक्षा एक व्यापक विषय है जिसमें देश के भीतर उत्पन्न होने वाली सभी चुनौतियाँ शामिल हैं।
  7. प्रश्न: लाल किले जैसी जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए निम्नलिखित में से कौन सी तकनीक सहायक हो सकती है?
    1. AI-आधारित वीडियो एनालिटिक्स
    2. थर्मल इमेजर
    3. बॉडी-वॉर्न कैमरे
    4. उन्नत ड्रोन निगरानी
    नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
    (a) केवल 1 और 2
    (b) केवल 2, 3 और 4
    (c) केवल 1, 3 और 4
    (d) 1, 2, 3 और 4

    उत्तर: (d) 1, 2, 3 और 4
    व्याख्या: ये सभी आधुनिक तकनीकें सुरक्षा कर्मियों की क्षमताओं को बढ़ा सकती हैं और पता लगाने की क्षमता में सुधार कर सकती हैं।
  8. प्रश्न: “स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOPs)” का सुरक्षा प्रबंधन में क्या महत्व है?
    (a) यह कर्मियों को अनिश्चितता से निपटने के लिए प्रोत्साहित करता है।
    (b) यह अप्रत्याशित घटनाओं के लिए प्रतिक्रिया को मानकीकृत करता है।
    (c) यह केवल उच्च-स्तरीय अधिकारियों के लिए प्रासंगिक है।
    (d) यह उपकरणों के रखरखाव की आवृत्ति निर्धारित करता है।

    उत्तर: (b) यह अप्रत्याशित घटनाओं के लिए प्रतिक्रिया को मानकीकृत करता है।
    व्याख्या: SOPs यह सुनिश्चित करते हैं कि आपात स्थिति में सभी कर्मी एक सुसंगत और प्रभावी तरीके से कार्य करें।
  9. प्रश्न: यदि सुरक्षा ड्रिल में कोई चूक होती है, तो निम्नलिखित में से कौन सा एक संभावित परिणाम हो सकता है?
    (a) प्रशिक्षण बजट में वृद्धि
    (b) नए सिरे से सुरक्षा नीतियों का निर्माण
    (c) जिम्मेदार कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई
    (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d) उपरोक्त सभी
    व्याख्या: किसी भी चूक के बाद, आमतौर पर सुधार के लिए कई स्तरों पर कार्रवाई की जाती है।
  10. प्रश्न: राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में, “मानव निर्मित खतरे” (Man-made threats) में निम्नलिखित में से क्या शामिल हो सकता है?
    1. साइबर हमले
    2. आतंकवादी हमले
    3. औद्योगिक दुर्घटनाएं
    4. प्राकृतिक आपदाएं
    नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
    (a) केवल 1, 2 और 3
    (b) केवल 2, 3 और 4
    (c) केवल 1, 3 और 4
    (d) 1, 2, 3 और 4

    उत्तर: (a) केवल 1, 2 और 3
    व्याख्या: प्राकृतिक आपदाओं को छोड़कर, अन्य सभी मानव निर्मित खतरे हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं।

मुख्य परीक्षा (Mains)

  1. प्रश्न (GS-II/GS-III): “लाल किले में डमी बम का पता न चलने” जैसी घटनाएं भारत में आंतरिक सुरक्षा तंत्र की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल उठाती हैं। इस संदर्भ में, भारत में प्रमुख राष्ट्रीय स्मारकों और संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामना की जाने वाली चुनौतियों का विश्लेषण करें और इन सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए संभावित उपायों का सुझाव दें। (250 शब्द, 15 अंक)
  2. प्रश्न (GS-II): सार्वजनिक सुरक्षा में जवाबदेही (accountability) का क्या महत्व है? लाल किले की हालिया सुरक्षा चूक के उदाहरण का उपयोग करते हुए, समझाएं कि कैसे सुरक्षा कर्मियों के प्रशिक्षण, प्रदर्शन मूल्यांकन और अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रियाएं एक प्रभावी सुरक्षा तंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं। (150 शब्द, 10 अंक)
  3. प्रश्न (GS-III): आतंकवाद और अन्य सुरक्षा खतरों के खिलाफ लड़ाई में आधुनिक प्रौद्योगिकी (जैसे AI, ड्रोन, साइबर सुरक्षा) की भूमिका पर चर्चा करें। हालांकि, ऐसी प्रौद्योगिकियों को अपनाने की अपनी सीमाएं और चुनौतियाँ भी हैं, जिनमें कर्मियों का प्रशिक्षण और डेटा सुरक्षा शामिल है। इन पहलुओं का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। (250 शब्द, 15 अंक)
  4. प्रश्न (Essay/GS-II): “राष्ट्र की सुरक्षा न केवल हथियारों पर, बल्कि सजग और प्रशिक्षित जनशक्ति पर निर्भर करती है।” इस कथन के आलोक में, भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियों (law enforcement agencies) के आधुनिकीकरण और क्षमता निर्माण की आवश्यकता का विश्लेषण करें। (150 शब्द, 10 अंक)

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