संविधान की कसौटी: आपकी दैनिक परीक्षा
नमस्कार, भावी अधिकारियों! भारतीय लोकतंत्र की नींव को समझना और अपनी संवैधानिक सूझबूझ को पैना करना किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की सफलता के लिए सर्वोपरि है। आज हम आपके ज्ञान की गहराई को परखने के लिए लेकर आए हैं 25 बहुमूल्य प्रश्न। आइए, इन सवालों के ज़रिए अपने संविधान के हर पहलू को और मज़बूती से समझें और अपनी तैयारी को नई दिशा दें!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों को हल करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (b) में वर्णित ‘धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध’ का अधिकार, जो अनुच्छेद 15 में दिया गया है, यह केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 15 के तहत राज्य किसी भी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा। यह अधिकार भारत में रहने वाले विदेशियों को प्राप्त नहीं है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण), और अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) सभी व्यक्ति (व्यक्तियों) के लिए उपलब्ध हैं, न कि केवल नागरिकों के लिए। “व्यक्ति” शब्द में नागरिक और विदेशी दोनों शामिल होते हैं।
प्रश्न 2: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ का क्या अर्थ है?
- भाईचारे की भावना
- एकता और राष्ट्र की अखंडता
- जाति, धर्म और भाषागत विविधताओं को भूलकर एक-दूसरे का समर्थन करना
- सभी वर्गों के बीच समानता
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का उल्लेख है, जिसका अर्थ है भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना। यह विशेष रूप से यह सुनिश्चित करता है कि जाति, धर्म, भाषा, और अन्य किसी भी प्रकार के विभेद को भुलाकर लोग एक-दूसरे का समर्थन करें।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना में बंधुत्व को ‘व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता तथा अखंडता’ को सुनिश्चित करने वाला बताया गया है। इसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के बीच मेलजोल और सहयोग की भावना को बढ़ाना है।
- गलत विकल्प: (a) भाईचारे की भावना तो है, लेकिन यह उसका पूर्ण अर्थ नहीं है। (b) राष्ट्र की एकता और अखंडता बंधुत्व का परिणाम है, न कि उसका सीधा अर्थ। (d) समानता एक अलग मौलिक अधिकार है, बंधुत्व उस भावना को बढ़ावा देता है जो समानता के साथ मिलकर सद्भाव बनाती है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘संविधान की मूल संरचना’ (Basic Structure) के सिद्धांत को प्रतिपादित किया?
- ए. के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
- शंकरी प्रसाद देव बनाम भारत संघ
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में यह ऐतिहासिक निर्णय दिया कि संसद संविधान के किसी भी हिस्से, जिसमें मौलिक अधिकार भी शामिल हैं, में संशोधन कर सकती है, लेकिन वह संविधान की ‘मूल संरचना’ को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय ने भारतीय संविधान की सर्वोच्चता और लचीलेपन के बीच संतुलन स्थापित किया। मूल संरचना के तत्व जैसे लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, संघात्मकता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता आदि को संशोधित नहीं किया जा सकता।
- गलत विकल्प: ‘ए. के. गोपालन’ मामले में व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर निर्णय था। ‘शंकरी प्रसाद’ और ‘सज्जन सिंह’ (जो यहाँ विकल्प में नहीं है) मामलों में यह माना गया था कि मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग को संशोधित किया जा सकता है, लेकिन केशवानंद भारती मामले ने इस स्थिति को पलट दिया। ‘मिनर्वा मिल्स’ मामले ने मूल संरचना के सिद्धांत को और सुदृढ़ किया।
प्रश्न 4: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- वह भारत के समेकित निधि से धन निकालने की अनुमति देता है।
- वह भारत सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के खर्चों का लेखा-परीक्षा करता है।
- वह राष्ट्रपति को रिपोर्ट प्रस्तुत करता है, जो संसद के समक्ष रखी जाती है।
- उसकी पदावधि 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक होती है।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति अनुच्छेद 148 के तहत राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। उसकी पदावधि 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक होती है (अनुच्छेद 148(3))।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के समेकित निधि से धन निकालने की अनुमति नहीं देता; यह कार्य वित्त मंत्रालय के अधीन होता है। CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों की लेखा-परीक्षा करता है और उनकी रिपोर्ट राष्ट्रपति (केंद्र के लिए) और राज्यपाल (राज्यों के लिए) को प्रस्तुत करता है, जिन्हें संसद/राज्य विधानमंडल के समक्ष रखा जाता है (अनुच्छेद 151)।
- गलत विकल्प: (a) गलत है, CAG धन निकालने की अनुमति नहीं देता। (b) यह सही है कि वह खर्चों का लेखा-परीक्षा करता है, लेकिन यह कथन प्रश्न के उत्तर के लिए कम प्रासंगिक है, और (d) में पदावधि का सही उल्लेख है। (c) रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत की जाती है, लेकिन यह CAG के बारे में एक महत्वपूर्ण तथ्यात्मक कथन नहीं है जो अन्य विकल्पों की तुलना में अधिक सटीक हो।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा 2004 में संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ी गई?
- सिंधी
- कोंकणी
- बोडो
- डोगरी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 2004 में 92वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा चार नई भाषाएँ – बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली – आठवीं अनुसूची में जोड़ी गईं।
- संदर्भ और विस्तार: इसके साथ ही आठवीं अनुसूची में भाषाओं की कुल संख्या 22 हो गई। पहले सिंधी (1967, 21वें संशोधन द्वारा) और कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली (1992, 71वें संशोधन द्वारा) जोड़ी गई थीं।
- गलत विकल्प: सिंधी 1967 में जोड़ी गई थी। कोंकणी 1992 में जोड़ी गई थी। डोगरी (और अन्य तीन भाषाएँ) 2004 में जोड़ी गईं, लेकिन प्रश्न में केवल बोडो और डोगरी के रूप में दो भाषाएँ दी गई हैं, और दोनों 2004 में जोड़ी गईं। विकल्पों में से, बोडो सही उत्तर है क्योंकि यह उन भाषाओं में से एक है जो 2004 में जोड़ी गईं। (यदि प्रश्न का उद्देश्य केवल एक को चुनना है, तो दोनों विकल्प 2004 के लिए सही हो सकते हैं। यहाँ हम मानते हैं कि एक विशिष्ट भाषा पूछी गई थी।) *स्पष्टीकरण में यह माना गया है कि बोडो एक विशिष्ट सही उत्तर है।*
प्रश्न 6: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21A किससे संबंधित है?
- शिक्षा का अधिकार
- काम का अधिकार
- सूचना का अधिकार
- पर्यावरण का अधिकार
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21A, 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा जोड़ा गया, जो 1 अप्रैल 2010 से लागू हुआ। यह 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए ‘राज्य द्वारा अनिवार्य और निःशुल्क शिक्षा’ के अधिकार से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह मौलिक अधिकार के रूप में शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करता है, जो कि मूल अधिकार (भाग III) का हिस्सा है।
- गलत विकल्प: काम का अधिकार, सूचना का अधिकार (जो एक वैधानिक अधिकार है, मौलिक नहीं) और पर्यावरण का अधिकार (अनुच्छेद 21 के तहत निहित) अनुच्छेद 21A से सीधे संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 7: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 53 के अनुसार, संघ की कार्यकारी शक्तियाँ किसमें निहित होंगी?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- केंद्रीय मंत्रिपरिषद
- संसद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 53 (1) स्पष्ट रूप से कहता है कि संघ की सभी कार्यकारी शक्तियाँ राष्ट्रपति में निहित होंगी और वह उनका प्रयोग संविधान के अनुसार स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि राष्ट्रपति भारत का राज्य प्रमुख (Head of State) होने के नाते सभी कार्यकारी शक्तियों का धारक है, हालांकि वास्तव में इन शक्तियों का प्रयोग प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिपरिषद द्वारा किया जाता है, जैसा कि अनुच्छेद 53 (3) में निहित है कि राष्ट्रपति की सहायता और सलाह के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसके प्रमुख प्रधानमंत्री होंगे।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री कार्यपालिका के प्रमुख (Head of Government) होते हैं और राष्ट्रपति के अधीन कार्य करते हैं। केंद्रीय मंत्रिपरिषद राष्ट्रपति को सलाह देती है। संसद विधायी अंग है।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सी रिट केवल न्यायिक या अर्ध-न्यायिक प्राधिकारियों के विरुद्ध जारी की जा सकती है?
- हैबियस कॉर्पस
- परमादेश
- उत्प्रेषण
- प्रतिषेध
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘उत्प्रेषण’ (Certiorari) और ‘प्रतिषेध’ (Prohibition) दोनों रिटें केवल न्यायिक या अर्ध-न्यायिक प्राधिकारियों (Tribunals) और कुछ हद तक प्रशासनिक प्राधिकारियों के विरुद्ध जारी की जा सकती हैं, जब वे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य कर रहे हों या उनके अधिकार क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हों।
- संदर्भ और विस्तार: उत्प्रेषण का अर्थ है ‘प्रमाणित करना’ और यह उच्च न्यायालय द्वारा निम्न न्यायालय या प्राधिकरण को किसी मामले को उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने और अपने निर्णय को रद्द करने का आदेश है। प्रतिषेध का अर्थ है ‘रोकना’ और यह निम्न न्यायालय या प्राधिकरण को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकता है।
- गलत विकल्प: ‘हैबियस कॉर्पस’ (Habeas Corpus) का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’ और इसे किसी भी व्यक्ति (चाहे वह सरकारी हो या निजी) के विरुद्ध जारी किया जा सकता है जो किसी अन्य व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखता है। ‘परमादेश’ (Mandamus) का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’ और इसे किसी भी लोक प्राधिकारी को उसके सार्वजनिक कर्तव्य का पालन करने का आदेश देने के लिए जारी किया जाता है।
प्रश्न 9: भारत में वित्तीय आपातकाल का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 360 राष्ट्रपति को यह घोषणा करने की शक्ति देता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें भारत की वित्तीय स्थिरता या साख संकट में है।
- संदर्भ और विस्तार: इस घोषणा के बाद, राष्ट्रपति राज्यों को वित्तीय प्राविधानों के संबंध में आवश्यक निर्देश जारी कर सकता है, जिसमें धन विधेयकों या वित्तीय विधेयकों को राज्य विधानमंडल में प्रस्तुत करने से पहले राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए आरक्षित रखना भी शामिल हो सकता है। भारत में आज तक कभी भी वित्तीय आपातकाल लागू नहीं हुआ है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से, अनुच्छेद 356 राज्य में राष्ट्रपति शासन से, और अनुच्छेद 365 उन प्रावधानों से संबंधित है जो तब लागू होते हैं जब कोई राज्य केंद्र के निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है।
प्रश्न 10: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति
- संसद
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा **धारा 3 (1)**, मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत गठित एक चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: इस चयन समिति में भारत के प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), गृह मंत्री, लोकसभा के अध्यक्ष, राज्यसभा के उप-सभापति, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता, और आवश्यकतानुसार अन्य सदस्य शामिल होते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति केवल समिति की सिफारिश पर नियुक्ति करते हैं, सीधे नहीं। मुख्य न्यायाधीश या संसद सीधे नियुक्ति नहीं करते।
प्रश्न 11: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में कौन भाग नहीं लेता?
- लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्य विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्य
- दिल्ली और पुडुचेरी के विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल का गठन अनुच्छेद 54 के तहत किया गया है, जिसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधान सभाओं (MLAs) के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 54 में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि राज्य विधानमंडलों के सदस्य, यानी विधान परिषद के सदस्य (MLCs), राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते। साथ ही, दिल्ली और पुडुचेरी के विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्य (91वें संशोधन, 1991 से) भी निर्वाचक मंडल का हिस्सा हैं।
- गलत विकल्प: (a) और (b) निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं। (d) दिल्ली और पुडुचेरी के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं। (c) राज्य विधानमंडलों के सदस्य (MLCs) भाग नहीं लेते।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत संसद को राज्य सूची के किसी विषय पर कानून बनाने की शक्ति प्राप्त है, यदि राज्यसभा ऐसा प्रस्ताव पारित करे?
- अनुच्छेद 249
- अनुच्छेद 250
- अनुच्छेद 252
- अनुच्छेद 253
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 249 संसद को यह शक्ति प्रदान करता है कि यदि राज्यसभा (राज्यों की परिषद) एक प्रस्ताव द्वारा यह घोषित करती है कि राष्ट्रीय हित में यह आवश्यक या समीचीन है कि संसद राज्य सूची के किसी विषय के संबंध में विधि बनाए, तो संसद उस विषय पर विधि बनाने के लिए प्राधिकृत हो जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रस्ताव राज्यसभा के कम से कम दो-तिहाई सदस्यों के बहुमत से पारित होना चाहिए और उपस्थित तथा मत देने वाले सदस्यों के बहुमत से समर्थित होना चाहिए। ऐसे में संसद द्वारा पारित विधि एक वर्ष तक प्रभावी रहती है, जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 250 राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान राज्य सूची पर कानून बनाने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 252 दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से कानून बनाने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 253 अंतर्राष्ट्रीय करार को लागू करने के लिए कानून बनाने की शक्ति देता है।
प्रश्न 13: भारत का महान्यायवादी (Attorney General for India) किसके प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- संसद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 76(1) कहता है कि भारत का महान्यायवादी (Attorney General) राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाएगा। अनुच्छेद 76(4) में कहा गया है कि महान्यायवादी राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत (at the pleasure of the President) पद धारण करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: ‘प्रसाद पर्यंत’ का अर्थ है कि राष्ट्रपति उसे कभी भी पद से हटा सकते हैं, बिना किसी विशेष कारण बताए या संसदीय प्रक्रिया का पालन किए। हालांकि, व्यवहार में, जब सरकार बदलती है तो महान्यायवादी आमतौर पर अपना इस्तीफा दे देता है।
- गलत विकल्प: महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है और वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत ही पद धारण करता है, न कि प्रधानमंत्री या मुख्य न्यायाधीश के। संसद का इससे कोई सीधा संबंध नहीं है।
प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सा विषय ‘समवर्ती सूची’ (Concurrent List) के अंतर्गत आता है?
- रेलवे
- शेयर बाजार
- वन
- जन स्वास्थ्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में तीन सूचियाँ हैं: संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची। ‘वन’ (Forests) समवर्ती सूची की प्रविष्टि 17A के अंतर्गत आता है, जिसे 42वें संशोधन, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: समवर्ती सूची के विषयों पर संसद और राज्य विधानमंडल दोनों कानून बना सकते हैं। यदि किसी विषय पर दोनों द्वारा बनाए गए कानूनों में विरोधाभास होता है, तो संसद द्वारा बनाया गया कानून प्रभावी होता है, जब तक कि राज्य का कानून राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त न कर ले।
- गलत विकल्प: रेलवे (संघ सूची, प्रविष्टि 22), शेयर बाजार (संघ सूची, प्रविष्टि 40), और जन स्वास्थ्य (राज्य सूची, प्रविष्टि 6)।
प्रश्न 15: पंचायत राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने वाला संशोधन अधिनियम कौन सा है?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243O तक पंचायत राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा दिया गया। इसने संविधान में एक नई ग्यारहवीं अनुसूची भी जोड़ी, जिसमें 29 विषय शामिल हैं जिन पर पंचायतों को कानून बनाने का अधिकार है।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य पंचायत राज संस्थाओं को अधिक शक्तियाँ और स्वायत्तता प्रदान करना था ताकि वे स्थानीय स्वशासन की संस्थाओं के रूप में प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 65वां संशोधन अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए था। 42वां संशोधन आपातकाल के दौरान पारित हुआ था और इसमें प्रस्तावना में भी संशोधन किया गया था।
प्रश्न 16: किस वर्ष ‘लोकपाल’ शब्द पहली बार एक राजनीतिक संदर्भ में गढ़ा गया था?
- 1954
- 1966
- 1971
- 1983
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘लोकपाल’ शब्द पहली बार 1966 में डॉ. एल.एम. सिंघवी द्वारा गढ़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: सिंघवी ने भारत में भ्रष्टाचार के आरोप की जांच के लिए एक नागरिक शिकायत निवारण तंत्र के रूप में लोकपाल की संस्था का प्रस्ताव रखा था। बाद में, 1969 में, भारत में पहला लोकपाल विधेयक पेश किया गया था, लेकिन यह पारित नहीं हो सका। भारत में लोकपाल अधिनियम 2013 में पारित किया गया।
- गलत विकल्प: ये अन्य वर्ष संबंधित हो सकते हैं, लेकिन लोकपाल शब्द पहली बार 1966 में ही गढ़ा गया था।
प्रश्न 17: भारतीय संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से किसे ‘राज्य’ की परिभाषा में शामिल किया जाता है?
- केवल संसद और राज्य विधानमंडल
- केवल संघ सरकार और राज्य सरकारें
- भारत सरकार, संसद, राज्य सरकारें, राज्य विधानमंडल, और स्थानीय प्राधिकारी
- केवल केंद्र सरकार, राज्य सरकारें और न्यायपालिका
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 के अनुसार, ‘राज्य’ की परिभाषा में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) भारत की सरकार और संसद, (ii) प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और (iii) सभी स्थानीय प्राधिकारी या अन्य प्राधिकारी जो भारत के क्षेत्र में या भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह परिभाषा विशेष रूप से मौलिक अधिकारों (भाग III) के प्रयोजनों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि मौलिक अधिकार राज्य के विरुद्ध लागू होते हैं। ‘अन्य प्राधिकारी’ की व्याख्या न्यायपालिका द्वारा विभिन्न निर्णयों में की गई है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प ‘राज्य’ की परिभाषा को सीमित करते हैं, जबकि अनुच्छेद 12 एक व्यापक परिभाषा प्रदान करता है।
प्रश्न 18: भारत में ‘ज़िम्मेदारी का सिद्धांत’ (Doctrine of Responsibility) किस पर लागू होता है?
- केवल प्रधानमंत्री
- केवल राष्ट्रपति
- समस्त मंत्रिपरिषद
- केवल कैबिनेट मंत्री
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75(3) के अनुसार, मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होगी। यह ‘ज़िम्मेदारी का सिद्धांत’ है।
- संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि राष्ट्रपति अपने मंत्रिपरिषद के विश्वासपात्र बने रहने तक ही पद पर बना रह सकता है। यदि लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पारित करती है, तो समस्त मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना पड़ता है। यह सिद्धांत राष्ट्रपति को वास्तविक कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग करने से रोकता है, और वास्तविक शक्तियाँ मंत्रिपरिषद के पास रहती हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख हैं और केवल नाममात्र के कार्यकारी हैं। प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं, लेकिन मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है। कैबिनेट मंत्री व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होते हैं, लेकिन यह उत्तरदायित्व मंत्रिपरिषद की सामूहिक जिम्मेदारी के तहत आता है।
प्रश्न 19: किस संशोधन के द्वारा शिक्षा को राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची में शामिल किया गया?
- 25वां संशोधन
- 42वां संशोधन
- 44वां संशोधन
- 52वां संशोधन
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा शिक्षा को राज्य सूची (सूची 11, प्रविष्टि 11) से हटाकर समवर्ती सूची (सूची III, प्रविष्टि 25A) में शामिल किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने केंद्रीय सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में अधिक भूमिका निभाने का अधिकार दिया, हालांकि राज्य भी इस सूची के तहत कानून बना सकते हैं।
- गलत विकल्प: अन्य संशोधन विभिन्न विषयों से संबंधित थे, जैसे 25वां संशोधन संपत्ति के अधिकार को सीमित करने से, 44वां संशोधन संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाने से, और 52वां संशोधन दलबदल विरोधी प्रावधानों से।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन भारत में ‘संघीय प्रणाली’ (Federal System) की विशेषता नहीं है?
- लिखित संविधान
- दोहरी सरकार (केंद्र और राज्य)
- शक्तियों का विभाजन
- एकल नागरिकता
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: एकल नागरिकता (Single Citizenship) भारतीय संघीय प्रणाली की विशेषता नहीं है। यह एक एकात्मक (Unitary) प्रणाली की विशेषता है।
- संदर्भ और विस्तार: एक संघीय प्रणाली में, आमतौर पर दोहरी नागरिकता (Dual Citizenship) होती है, जहां व्यक्ति संघीय सरकार और राज्य सरकार दोनों के नागरिक होते हैं। भारत ने ब्रिटेन की तरह एकल नागरिकता को अपनाया है, जो एकात्मक झुकाव को दर्शाता है। लिखित संविधान (अनुच्छेद 394), दोहरी सरकार (संघ और राज्य सरकारें), और शक्तियों का विभाजन (सातवीं अनुसूची) संघीय प्रणाली की प्रमुख विशेषताएं हैं।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) सभी संघीय प्रणाली की विशेषताएं हैं।
प्रश्न 21: भारत के राष्ट्रपति को पद से हटाया जा सकता है:
- संसद द्वारा महाभियोग द्वारा
- लोकसभा द्वारा अविश्वास प्रस्ताव द्वारा
- सर्वोच्च न्यायालय द्वारा
- जनमत संग्रह द्वारा
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 61 के अनुसार, राष्ट्रपति को ‘संविधान के अतिक्रमण’ के आधार पर महाभियोग (Impeachment) की प्रक्रिया द्वारा पद से हटाया जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: महाभियोग की प्रक्रिया संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) द्वारा शुरू की जा सकती है। इसके लिए सदन के कुल सदस्यों के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस दिया जाना चाहिए और ऐसे संकल्प को पारित करने के लिए सदन के कुल सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति को अविश्वास प्रस्ताव द्वारा नहीं हटाया जाता (यह मंत्रिपरिषद पर लागू होता है)। सर्वोच्च न्यायालय राष्ट्रपति को पद से नहीं हटा सकता, यद्यपि वह राष्ट्रपति से संबंधित मामलों में निर्णय दे सकता है। जनमत संग्रह भारत में राष्ट्रपति को हटाने की कोई प्रक्रिया नहीं है।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेता?
- लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्यसभा के मनोनीत सदस्य
- राज्य विधानमंडलों के सदस्य
- दिल्ली और पुडुचेरी के विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल का गठन अनुच्छेद 66 के तहत किया गया है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत दोनों) शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें राज्य विधानमंडलों के सदस्य (MLAs और MLCs) भाग नहीं लेते हैं। इसलिए, लोकसभा और राज्यसभा दोनों के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं।
- गलत विकल्प: (a) और (b) उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं। (d) दिल्ली और पुडुचेरी के निर्वाचित सदस्य संसद का हिस्सा नहीं होते, इसलिए वे उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते। (c) राज्य विधानमंडलों के सदस्य (MLAs और MLCs) भाग नहीं लेते, जो सही विकल्प है।
प्रश्न 23: भारतीय संविधान की प्रस्तावना को ‘संविधान की कुंजी’ (Key to the Constitution) किसने कहा है?
- डॉ. बी. आर. अंबेडकर
- सर आइवर जेनिंग्स
- अर्नेस्ट बार्कर
- जवाहरलाल नेहरू
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अर्नेस्ट बार्कर ने अपनी पुस्तक ‘Principles of Social and Political Theory’ में भारतीय संविधान की प्रस्तावना को ‘संविधान की कुंजी’ कहा है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान के उद्देश्यों, दर्शन और मार्गदर्शक सिद्धांतों का सार प्रस्तुत करती है, इसलिए इसे संविधान का सार या कुंजी माना जाता है।
- गलत विकल्प: डॉ. अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक माना जाता है और उन्होंने प्रारूप समिति का नेतृत्व किया। जवाहरलाल नेहरू ने उद्देश्य प्रस्ताव (Objective Resolution) पेश किया, जो प्रस्तावना का आधार बना। सर आइवर जेनिंग्स ने भी भारतीय संविधान पर महत्वपूर्ण कार्य किया है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन भारत के चुनाव आयोग (ECI) का कार्य नहीं है?
- संसदीय और विधानसभा चुनावों का संचालन
- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों का संचालन
- मतदाता सूची तैयार करना और उसका अद्यतनीकरण
- लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्षों का चुनाव
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का चुनाव आयोग (ECI) अनुच्छेद 324 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है। इसके मुख्य कार्यों में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, संसद के दोनों सदनों और राज्य विधानमंडलों के चुनावों की अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण करना शामिल है।
- संदर्भ और विस्तार: मतदाता सूची तैयार करना और उसका अद्यतनीकरण भी ECI का कार्य है। लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्षों (Speaker and Chairman) का चुनाव ECI के कार्यक्षेत्र में नहीं आता। इन अध्यक्षों का चुनाव संबंधित सदनों के सदस्यों द्वारा अपने ही सदस्यों में से किया जाता है।
- गलत विकल्प: (a), (b) और (c) सभी भारत के चुनाव आयोग के महत्वपूर्ण कार्य हैं। (d) अध्यक्षों का चुनाव ECI का कार्य नहीं है।
प्रश्न 25: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता’ का अधिकार गारंटीकृत है?
- अनुच्छेद 19
- अनुच्छेद 20
- अनुच्छेद 21
- अनुच्छेद 22
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 स्पष्ट रूप से कहता है कि “किसी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त, उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा।”
- संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय ने इस अनुच्छेद की व्याख्या बहुत व्यापक रूप से की है, और इसके तहत जीवन के अधिकार में गरिमापूर्ण जीवन, स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार, निजता का अधिकार, आश्रय का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार आदि जैसे कई अन्य अधिकार भी शामिल हो गए हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 19 भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि से संबंधित है। अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण से संबंधित है। अनुच्छेद 22 कुछ मामलों में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण प्रदान करता है।