इतिहास की गहराइयों में आज का रण: 25 प्रश्नों का अंतिम टेस्ट!
नमस्कार, भविष्य के प्रशासकों! इतिहास के विशाल सागर में ज्ञान की डुबकी लगाने का समय आ गया है। आज हम आपके लिए लाए हैं 25 चुनिंदा प्रश्न, जो प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक विश्व तक, आपकी ऐतिहासिक सूझबूझ की परीक्षा लेंगे। तैयार हो जाइए, क्योंकि यह सिर्फ एक क्विज़ नहीं, बल्कि आपके आत्मविश्वास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की एक यात्रा है!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों को हल करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बाग’ (Garden of Sindh) कहलाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- कालीबंगन
- लोथल
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: मोहनजोदड़ो को ‘सिंधु का बाग’ या ‘मृतकों का टीला’ (Mound of the Dead) के नाम से भी जाना जाता है। यह सिंधु घाटी सभ्यता का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और सुव्यवस्थित पुरातात्विक स्थल है।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो, जो वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है, अपनी उन्नत जल निकासी व्यवस्था, विशाल स्नानागार (Great Bath) और टाउन प्लानिंग के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ से प्राप्त मूर्तियाँ और मुहरें तत्कालीन सभ्यता की समृद्ध सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन की गवाही देती हैं।
- गलत विकल्प: हड़प्पा सिंधु घाटी सभ्यता का पहला खोजा गया स्थल था। कालीबंगन में अग्निकुंडों के साक्ष्य मिले हैं। लोथल एक प्रमुख बंदरगाह था।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस वेद का पाठ्य यज्ञों के अवसर पर किया जाता है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: यजुर्वेद वह वेद है जिसमें यज्ञों के अनुष्ठान और मंत्रों का संग्रह है, जिन्हें ‘यजुष’ कहा जाता है। यह गद्य और पद्य दोनों में है।
- संदर्भ और विस्तार: यजुर्वेद को दो मुख्य शाखाओं में बांटा गया है: शुक्ल (शुद्ध) यजुर्वेद और कृष्ण (अंधेरा) यजुर्वेद। शुक्ल यजुर्वेद केवल मंत्रों का संग्रह है, जबकि कृष्ण यजुर्वेद में मंत्रों के साथ-साथ उनके अनुष्ठानों का भी वर्णन है।
- गलत विकल्प: ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है जिसमें स्तुतिपरक मंत्र हैं। सामवेद गायन से संबंधित है और ‘भारतीय संगीत का जनक’ कहलाता है। अथर्ववेद में जादू-टोना, चिकित्सा और दैनिक जीवन से संबंधित मंत्र हैं।
प्रश्न 3: मौर्य काल में ‘सीताध्यक्ष’ का क्या कार्य था?
- राजस्व संग्रह
- न्याय प्रशासन
- कृषि एवं भूमि का प्रबंधन
- सैन्य संगठन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: अर्थशास्त्र में वर्णित ‘सीताध्यक्ष’ नामक अधिकारी का मुख्य कार्य राजकीय भूमि (जिससे प्राप्त आय को ‘सीता’ कहा जाता था) की देखरेख और कृषि उत्पादन का प्रबंधन करना था।
- संदर्भ और विस्तार: मौर्य काल में, कौटिल्य के अर्थशास्त्र के अनुसार, राज्य ने कृषि को बढ़ावा देने और भूमि का उचित प्रबंधन करने के लिए विभिन्न अधिकारियों की नियुक्ति की थी। सीताध्यक्ष इसी प्रशासनिक व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग था, जो कृषि उत्पादन से संबंधित नीतियों और व्यवस्थाओं की देखरेख करता था।
- गलत विकल्प: राजस्व संग्रह का कार्य ‘समाहर्ता’ करता था। न्याय प्रशासन ‘प्रदेष्टृ’ या ‘रजुक’ जैसे अधिकारी देखते थे। सैन्य संगठन से संबंधित विभिन्न अधिकारी थे, लेकिन सीताध्यक्ष का कार्य कृषि से था।
प्रश्न 4: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- कला, साहित्य और विज्ञान का चहुंमुखी विकास
- साम्राज्य की विशालता और राजनीतिक स्थायित्व
- विदेशी आक्रमणों से पूर्ण सुरक्षा
- व्यापार और वाणिज्य में अत्यधिक वृद्धि
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: गुप्त काल (लगभग 320 ईस्वी से 550 ईस्वी) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस दौरान कला, साहित्य, वास्तुकला, खगोल विज्ञान, गणित और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति हुई।
- संदर्भ और विस्तार: कालिदास जैसे महान कवियों ने इसी काल में रचनाएँ कीं। आर्यभट्ट ने शून्य का सिद्धांत और दशमलव प्रणाली पर कार्य किया। वराहमिहिर ने ज्योतिष पर ग्रंथ लिखे। अजंता की गुफाओं में गुप्तकालीन चित्रकला का उत्कृष्ट नमूना मिलता है। राजनीतिक स्थायित्व ने इन सांस्कृतिक उपलब्धियों को संभव बनाया।
- गलत विकल्प: यद्यपि राजनीतिक स्थायित्व और व्यापार में वृद्धि हुई, लेकिन ‘स्वर्ण युग’ की उपाधि मुख्य रूप से सांस्कृतिक और बौद्धिक उपलब्धियों के कारण दी जाती है। विदेशी आक्रमणों से पूर्ण सुरक्षा नहीं थी, हूणों के आक्रमण हुए थे।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘इक्तादारी’ प्रथा को लागू किया?
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: इल्तुतमिश, जो दिल्ली सल्तनत का एक प्रमुख शासक था, ने अपनी प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ‘इक्तादारी’ प्रथा को व्यवस्थित रूप से लागू किया।
- संदर्भ और विस्तार: इक्तादारी एक ऐसी प्रणाली थी जिसमें राज्य को विभिन्न प्रांतों (इक्ता) में विभाजित किया जाता था और प्रत्येक इक्ता को एक अधिकारी (इक्तादार) को सौंपा जाता था। इक्तादार का कार्य उस क्षेत्र से राजस्व एकत्र करना और सेना का रखरखाव करना होता था। यह दिल्ली सल्तनत की वित्तीय और सैन्य व्यवस्था का आधार बना।
- गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक ने सल्तनत की नींव रखी। बलबन ने ‘राजत्व सिद्धांत’ पर जोर दिया और ‘सौदागिरी’ प्रथा को समाप्त किया। अलाउद्दीन खिलजी ने इक्तादारी में कई सुधार किए लेकिन इसे मूल रूप से इल्तुतमिश ने ही स्थापित किया था।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘अष्टदिग्गज’ नामक तेलुगु साहित्य के आठ महान विद्वानों को आश्रय दिया?
- हरिहर प्रथम
- देवराय द्वितीय
- कृष्णदेव राय
- सदाशिव राय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: कृष्णदेव राय (शासनकाल 1509-1529 ईस्वी) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक थे और उन्होंने तेलुगु साहित्य के आठ महान विद्वानों, जिन्हें ‘अष्टदिग्गज’ कहा जाता था, को अपने दरबार में आश्रय दिया।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टदिग्गज में अलसानी पेद्दाना, धुरजति, तेनाली राम कृष्ण जैसे विद्वान शामिल थे, जिन्होंने विजयनगर काल के तेलुगु साहित्य को समृद्ध किया। कृष्णदेव राय स्वयं एक विद्वान और कवि थे, और उन्होंने ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक तेलुगु काव्य की रचना की।
- गलत विकल्प: हरिहर प्रथम ने विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की थी। देवराय द्वितीय ने भी साहित्य को संरक्षण दिया, लेकिन अष्टदिग्गज का संबंध विशेष रूप से कृष्णदेव राय से है। सदाशिव राय के समय में साम्राज्य का पतन शुरू हो गया था।
प्रश्न 7: ‘सूफीवाद’ के संदर्भ में ‘खानकाह’ का क्या अर्थ है?
- सूफी संतों का आश्रम या मठ
- धार्मिक संगीत की सभा
- सूफी संतों के उपदेशों का संग्रह
- धार्मिक सभा या बैठक
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: सूफीवाद में ‘खानकाह’ उस स्थान को कहा जाता है जहाँ सूफी संत निवास करते थे और जहाँ दीक्षा प्राप्त करने वाले शिष्य (मुरीद) उनसे शिक्षा लेते थे। यह एक प्रकार का आश्रम या मठ था।
- संदर्भ और विस्तार: खानकाह केवल निवास स्थान नहीं था, बल्कि यह सूफी परंपरा के प्रसार, धार्मिक प्रवचनों, संगीत (समा) और सामूहिक प्रार्थनाओं का भी केंद्र होता था। यहाँ जरूरतमंदों को भोजन और आश्रय भी दिया जाता था।
- गलत विकल्प: ‘महफिल-ए-समा’ धार्मिक संगीत की सभा थी। ‘दीवान-ए-अमीर’-कोही कृषि से संबंधित था। ‘जकात’ एक धार्मिक कर था।
प्रश्न 8: ‘पानीपत का द्वितीय युद्ध’ (1556 ईस्वी) किनके बीच लड़ा गया था?
- बाबर और इब्राहिम लोदी
- हुमायूँ और शेरशाह सूरी
- अकबर और हेमू
- अकबर और बहादुर शाह जफर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: पानीपत का द्वितीय युद्ध 5 नवंबर 1556 को मुग़ल बादशाह अकबर और हेमू (हेमचंद्र विक्रमादित्य) के बीच लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में अकबर की जीत हुई और इसने भारत में मुगल शासन की पुनः स्थापना को मजबूत किया। हेमू, जो दिल्ली का अंतिम हिंदू शासक बना था, ने अकबर के संरक्षक बैरम खान की सेना का सामना किया।
- गलत विकल्प: पानीपत का प्रथम युद्ध (1526) बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच हुआ था। हुमायूँ और शेरशाह सूरी के बीच चौसा और कन्नौज के युद्ध हुए थे। बहादुर शाह जफर 1857 के विद्रोह के प्रतीक थे, न कि किसी युद्ध के भागीदार।
प्रश्न 9: ‘तंजौर का बृहदेश्वर मंदिर’ किस चोल राजा ने बनवाया था?
- राजराज प्रथम
- राजेंद्र प्रथम
- कुलोतुंग प्रथम
- विक्रम चोल
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: तंजौर (तंजावुर) का प्रसिद्ध बृहदेश्वर मंदिर, जिसे ‘राजराजेश्वरम’ के नाम से भी जाना जाता है, का निर्माण चोल शासक राजराज प्रथम (985-1014 ईस्वी) ने करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और भगवान शिव को समर्पित है। यह अपनी विशालता, सुंदर नक्काशी और भव्य शिखर (विमान) के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर की दीवारों पर चोल काल के इतिहास और कला के चित्र उकेरे गए हैं।
- गलत विकल्प: राजेंद्र प्रथम एक शक्तिशाली शासक था जिसने गंगा घाटी तक सैन्य अभियान किया था। कुलोतुंग प्रथम और विक्रम चोल भी महत्वपूर्ण चोल राजा थे, लेकिन बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण राजराज प्रथम ने करवाया था।
प्रश्न 10: ‘इबादत खाना’ की स्थापना किसने की थी, जहाँ विभिन्न धर्मों के विद्वान एकत्र होकर धर्म चर्चा करते थे?
- शाहजहाँ
- जहाँगीर
- औरंगजेब
- अकबर
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: मुगल बादशाह अकबर ने 1575 ईस्वी में फतेहपुर सीकरी में ‘इबादत खाना’ (House of Worship) की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इबादत खाना का उद्देश्य विभिन्न धर्मों (जैसे इस्लाम, हिंदू धर्म, जैन धर्म, पारसी धर्म, ईसाई धर्म) के विद्वानों और धर्मगुरुओं को एक मंच पर लाना था ताकि वे धार्मिक विचारों का आदान-प्रदान कर सकें और सत्य की खोज में सहयोग कर सकें। यह अकबर की सहिष्णुता और सभी धर्मों के प्रति सम्मान की नीति का प्रतीक था।
- गलत विकल्प: शाहजहाँ अपनी वास्तुकला (जैसे ताजमहल) के लिए प्रसिद्ध हैं। जहाँगीर ने न्याय की जंजीर लटकवाई थी। औरंगजेब धार्मिक रूप से अधिक कट्टर था और उसने इबादत खाने को बंद करवा दिया था।
प्रश्न 11: ‘नीली क्रांति’ (Blue Revolution) का संबंध किस क्षेत्र से है?
- खाद्य तेल उत्पादन
- डेयरी उत्पादन
- मत्स्य पालन
- उर्वरक उत्पादन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: ‘नीली क्रांति’ का संबंध मत्स्य पालन (fisheries) और जलीय कृषि (aquaculture) के विकास और उत्पादन को बढ़ाने से है।
- संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति का उद्देश्य मत्स्य उत्पादन में वृद्धि करना, नई तकनीकों का उपयोग करना और इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करना था। भारत में मत्स्य उत्पादन में वृद्धि के लिए नीली क्रांति महत्वपूर्ण रही है।
- गलत विकल्प: खाद्य तेल उत्पादन ‘पीली क्रांति’ से, डेयरी उत्पादन ‘श्वेत क्रांति’ से और उर्वरक उत्पादन ‘धूसर क्रांति’ से संबंधित है।
प्रश्न 12: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना 1939 में सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: कांग्रेस के त्रिपुरा अधिवेशन (1939) में अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद, सुभाष चंद्र बोस ने अपनी राजनीतिक विचारधारा को आगे बढ़ाने और ब्रिटिश विरोधी संघर्ष को तेज करने के उद्देश्य से फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे। जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण नेता थे। सरदार पटेल कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे और भारत के एकीकरण में अहम भूमिका निभाई।
प्रश्न 13: ‘सन 1857 की क्रांति’ का तात्कालिक कारण क्या था?
- डलहौजी की व्यपगत (Lapse) की नीति
- ईसाई धर्म के प्रचार का बढ़ना
- एनफील्ड राइफल में प्रयुक्त कारतूस
- भारतीयों को सेना में कम वेतन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 1857 की क्रांति का तात्कालिक कारण नई एनफील्ड राइफलों में इस्तेमाल होने वाले कारतूस थे, जिनके बारे में यह अफवाह थी कि वे गाय और सुअर की चर्बी से चिकनाए जाते थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह खबर सैनिकों के बीच आग की तरह फैल गई, क्योंकि गाय हिंदुओं के लिए पवित्र है और सुअर मुसलमानों के लिए अपवित्र। मंगल पांडे जैसे सैनिकों ने इसका विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप विद्रोह की शुरुआत हुई। हालाँकि, क्रांति के पीछे डलहौजी की नीतियाँ, भारतीयों को अपमानित करने की प्रवृत्ति और ईसाई मिशनरियों की बढ़ती गतिविधियाँ जैसे कई दीर्घकालिक कारण भी थे।
- गलत विकल्प: डलहौजी की व्यपगत नीति (Lapse) क्रांति के महत्वपूर्ण कारणों में से एक थी, लेकिन तात्कालिक कारण कारतूस थे। ईसाई धर्म के प्रचार का बढ़ना और कम वेतन भी असंतोष के कारण थे, लेकिन क्रांति का प्रत्यक्ष ट्रिगर कारतूस ही थे।
प्रश्न 14: ‘सती प्रथा’ को समाप्त करने में किस गवर्नर-जनरल का प्रमुख योगदान था?
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड कैनिंग
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: लॉर्ड विलियम बेंटिंक, भारत के गवर्नर-जनरल (1828-1835), ने राजा राम मोहन राय जैसे समाज सुधारकों के सहयोग से 1829 ईस्वी में ‘सती प्रथा’ को प्रतिबंधित करने वाला कानून पारित किया।
- संदर्भ और विस्तार: यह कानून बंगाल के नवजागरण और सामाजिक सुधार आंदोलनों का एक महत्वपूर्ण परिणाम था। इसने भारत में प्रचलित एक क्रूर प्रथा को समाप्त किया, जिससे महिलाओं की स्थिति में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी व्यपगत नीति के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था। लॉर्ड कैनिंग 1857 की क्रांति के समय गवर्नर-जनरल थे।
प्रश्न 15: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1929
- 1930
- 1931
- 1932
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह समझौता महात्मा गांधी और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुआ था। इस समझौते के तहत, कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर दिया और दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने पर सहमति व्यक्त की। इसके बदले में, सरकार ने कुछ राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और नमक कानून जैसी कुछ नीतियों में ढील देने का वादा किया।
- गलत विकल्प: 1929 में कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन हुआ था जहाँ पूर्ण स्वराज का लक्ष्य रखा गया। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ। 1932 में पूना पैक्ट हुआ।
प्रश्न 16: ‘कुतुब मीनार’ का निर्माण किसने शुरू करवाया था?
- अलाउद्दीन खिलजी
- इल्तुतमिश
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1193 ईस्वी में कुतुब मीनार का निर्माण कार्य शुरू करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने इसका पहला तल बनवाया था, और बाद में इल्तुतमिश ने इसमें तीन और तल जोड़े। मीनार का ऊपरी तल (पांचवां तल) फिरोजशाह तुगलक द्वारा 1368 ईस्वी में तूफानी क्षति के बाद पुनर्निर्मित करवाया गया था। इसका नाम सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया है।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने निर्माण कार्य जारी रखा, लेकिन शुरू कुतुबुद्दीन ऐबक ने किया। अलाउद्दीन खिलजी ने कुतुब मीनार के पास एक दरवाजा (अलाई दरवाजा) बनवाया था। फिरोजशाह तुगलक ने पुनर्निर्माण करवाया था।
प्रश्न 17: ‘बक्सर का युद्ध’ (1764 ईस्वी) किन शक्तियों के बीच लड़ा गया था?
- कंपनी की सेना और सिराजुद्दौला
- कंपनी की सेना और मीर कासिम
- कंपनी की सेना, मीर कासिम, अवध का नवाब और मुगल बादशाह
- कंपनी की सेना और मराठा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: बक्सर का युद्ध 22 अक्टूबर 1764 को हेक्टर मुनरो के नेतृत्व वाली ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना और संयुक्त भारतीय सेना के बीच लड़ा गया था, जिसमें बंगाल के नवाब मीर कासिम, अवध के नवाब शुजाउद्दौला और मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय शामिल थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में अंग्रेजों की निर्णायक जीत हुई, जिसने भारत में ब्रिटिश सर्वोच्चता स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस युद्ध के बाद, 1765 में इलाहाबाद की संधि हुई, जिसने कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी अधिकार (राजस्व वसूलने का अधिकार) प्रदान किए।
- गलत विकल्प: प्लासी का युद्ध (1757) कंपनी की सेना और सिराजुद्दौला के बीच हुआ था। मीर कासिम से संबंधित तो युद्ध था, लेकिन उसके साथ अवध के नवाब और मुगल बादशाह भी थे। मराठों से कंपनी के युद्ध बाद में हुए।
प्रश्न 18: ‘प्रिंस ऑफ पिलग्रिम्स’ (Pilgrims) के रूप में किसे जाना जाता है?
- फाह्यान
- ह्वेन त्सांग
- इब्न बतूता
- मेगास्थनीज
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेन त्सांग (Xuanzang) को ‘प्रिंस ऑफ पिलग्रिम्स’ (तीर्थयात्रियों का राजकुमार) कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: ह्वेन त्सांग सातवीं शताब्दी में भारत आया था और उसने हर्षवर्धन के शासनकाल में लगभग 15 वर्षों तक यात्रा की। उसने भारत में बौद्ध धर्म के अवशेषों और पवित्र स्थानों का गहन अध्ययन किया और महत्वपूर्ण बौद्ध ग्रंथों को अपने साथ चीन ले गया। उसकी यात्रा वृत्तांत ‘सि-यू-की’ (Countries of the West) उस समय के भारत के सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक जीवन का महत्वपूर्ण स्रोत है।
- गलत विकल्प: फाह्यान गुप्त काल में भारत आया था। इब्न बतूता मुहम्मद बिन तुगलक के समय में आया था। मेगास्थनीज सेल्युकस का राजदूत था जो चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था।
प्रश्न 19: ‘मुग़ल काल’ में ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक विभाग की स्थापना किसने की थी?
- गयासुद्दीन तुगलक
- मुहम्मद बिन तुगलक
- फिरोज शाह तुगलक
- सिकंदर लोदी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: फिरोजशाह तुगलक (1351-1388 ईस्वी) ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक विशेष विभाग की स्थापना की थी, जो दास (गुलाम) वर्ग के रखरखाव और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार था।
- संदर्भ और विस्तार: फिरोजशाह तुगलक के शासनकाल में गुलामों की संख्या बहुत अधिक हो गई थी, जो राज्य के खर्च का एक बड़ा हिस्सा थे। इस विभाग का उद्देश्य इन गुलामों को विभिन्न शिल्पों और सरकारी सेवाओं में प्रशिक्षित करना और उनका उचित प्रबंधन करना था।
- गलत विकल्प: गयासुद्दीन तुगलक तुगलक वंश का संस्थापक था। मुहम्मद बिन तुगलक अपनी विरोधाभासी योजनाओं के लिए जाना जाता है। सिकंदर लोदी लोदी वंश का शासक था।
प्रश्न 20: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ का पहला अधिवेशन कहाँ आयोजित हुआ था?
- कोलकाता
- मुंबई
- दिल्ली
- इलाहाबाद
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन 28 से 30 दिसंबर 1885 को मुंबई (तत्कालीन बंबई) के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत पाठशाला में आयोजित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी (W.C. Bonnerjee) ने की थी और इसमें 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इस अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना करना और भारत की समस्याओं पर चर्चा के लिए एक मंच तैयार करना था। ए.ओ. ह्यूम ने इसके गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- गलत विकल्प: कोलकाता कांग्रेस का एक महत्वपूर्ण अधिवेशन स्थल रहा है (जैसे 1906, 1920, 1933), लेकिन पहला अधिवेशन मुंबई में हुआ था। दिल्ली और इलाहाबाद ने भी बाद में अधिवेशन की मेजबानी की।
प्रश्न 21: ‘फ्रांस की क्रांति’ (1789) का तात्कालिक नारा क्या था?
- लड़ाई, शांति और भाईचारा
- स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व
- जनता का शासन, राष्ट्र की शक्ति
- एक राष्ट्र, एक नेता, एक भाग्य
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: फ्रांस की क्रांति (1789) का सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख नारा ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा फ्रांसीसी गणराज्य का आदर्श वाक्य बन गया और इसने आधुनिक लोकतांत्रिक विचारों को दुनिया भर में फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह उस समय की सामाजिक और राजनीतिक असमानताओं के खिलाफ एक शक्तिशाली अभिव्यक्ति थी।
- गलत विकल्प: ‘लड़ाई, शांति और भाईचारा’ का नारा बाद के आंदोलनों से जुड़ा है। ‘जनता का शासन, राष्ट्र की शक्ति’ या ‘एक राष्ट्र, एक नेता, एक भाग्य’ जैसे नारे अधिनायकवादी या फासीवादी विचारधाराओं से अधिक जुड़े हैं, जो फ्रांसीसी क्रांति के आदर्शों के विपरीत हैं।
प्रश्न 22: ‘भारतीय संविधान’ के जनक के रूप में किसे जाना जाता है?
- जवाहरलाल नेहरू
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- डॉ. भीमराव अंबेडकर
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: डॉ. भीमराव अंबेडकर को ‘भारतीय संविधान के जनक’ के रूप में जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: वे संविधान सभा की प्रारूपण समिति के अध्यक्ष थे और उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने दलितों और समाज के अन्य पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए अथक संघर्ष किया और उनके कल्याण के लिए संविधान में विशेष प्रावधानों को शामिल करवाया।
- गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे और उन्होंने देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष और भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे। सरदार वल्लभभाई पटेल ने रियासतों के एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाई।
प्रश्न 23: ‘जलियांवाला बाग हत्याकांड’ (1919) कहाँ हुआ था?
- दिल्ली
- लखनऊ
- अमृतसर
- लाहौर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर (पंजाब) में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: जनरल रेजिनाल्ड डायर के आदेश पर ब्रिटिश सैनिकों ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे निहत्थे भारतीयों की भीड़ पर गोलियां चलाईं। इस भीषण हत्याकांड में सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। इस घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को और अधिक तीव्र कर दिया और इसने ब्रिटिश शासन के प्रति भारतीयों के आक्रोश को बहुत बढ़ा दिया।
- गलत विकल्प: अन्य शहर कांग्रेस के महत्वपूर्ण अधिवेशन स्थल रहे हैं, लेकिन यह वीभत्स घटना अमृतसर में हुई थी।
प्रश्न 24: ‘प्रथम विश्व युद्ध’ (1914-1918) का तात्कालिक कारण क्या था?
- जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या
- ब्रिटेन का जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा
- रूस का ऑस्ट्रिया के विरुद्ध युद्ध की घोषणा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को साराजेवो में ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की सर्बियाई राष्ट्रवादी गावरिलो प्रिंसिपल द्वारा की गई हत्या थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस घटना के कारण ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया पर युद्ध की घोषणा की, जिसके परिणामस्वरूप यूरोप की बड़ी शक्तियाँ गठबंधन के आधार पर एक-दूसरे के खिलाफ युद्ध में शामिल हो गईं, जिससे प्रथम विश्व युद्ध का व्यापक संघर्ष शुरू हो गया। अन्य विकल्प युद्ध के परिणाम या बाद की घटनाओं से जुड़े हैं।
- गलत विकल्प: जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध (1939) का कारण था। ब्रिटेन की घोषणा और रूस की घोषणा, आर्कड्यूक की हत्या के बाद हुए घटनाक्रम थे।
प्रश्न 25: ‘सोमनाथ मंदिर’ पर किसने आक्रमण किया था और उसे लूटा था?
- महमूद गजनवी
- मुहम्मद गोरी
- चंगेज खान
- तैमूर लंग
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सही उत्तर: 1025 ईस्वी में गजनवी शासक महमूद गजनवी ने गुजरात स्थित सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया और उसे लूटा।
- संदर्भ और विस्तार: महमूद गजनवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किए, जिसका मुख्य उद्देश्य धन संपदा लूटना था। सोमनाथ मंदिर, जो उस समय भारत के सबसे धनी मंदिरों में से एक था, उसके हमलों का मुख्य लक्ष्य बना। उसने मंदिर को नष्ट कर दिया और वहां से अपार संपत्ति लूटकर ले गया।
- गलत विकल्प: मुहम्मद गोरी ने तराइन के युद्ध लड़े थे। चंगेज खान और तैमूर लंग मंगोल आक्रमणकारी थे जिन्होंने बाद में भारत पर आक्रमण किया, लेकिन सोमनाथ पर महमूद गजनवी ने ही आक्रमण किया था।