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[–SEO_TITLE–]इतिहास के पन्नों से: आपकी अंतिम परीक्षा के लिए अचूक तैयारी!
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इतिहास के पन्नों से: आपकी अंतिम परीक्षा के लिए अचूक तैयारी!
नमस्कार, युवा योद्धाओं! एक बार फिर समय की यात्रा पर निकलने के लिए तैयार हो जाइए, जहाँ हम इतिहास के हर पहलू से रूबरू होंगे। यह अभ्यास सत्र आपके ज्ञान की गहराई को परखेगा और आपकी तैयारी को नई धार देगा। आइए, इन 25 महत्वपूर्ण प्रश्नों के साथ अपनी दक्षता साबित करें और सफलता की ओर एक कदम और बढ़ाएँ!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से एक ईंटों के बने स्नानागार का साक्ष्य मिला है?
- लोथल
- कालीबंगन
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो (सिंधी में ‘मृतकों का टीला’) से एक विशाल, ईंटों से निर्मित स्नानागार (Great Bath) के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं। यह हड़प्पा सभ्यता की अभियांत्रिकी और शहरी नियोजन का एक अद्भुत उदाहरण है।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्नानागार शायद धार्मिक या अनुष्ठानिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता था। इसकी दीवारों को जिप्सम मोर्टार से सील किया गया था ताकि पानी रिसने से रोका जा सके। इसके चारों ओर कमरे भी बने थे।
- गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ गोदी (dockyard) मिली थी। कालीबंगन से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले थे। हड़प्पा से श्रमिक आवास और अन्नागार मिले थे।
प्रश्न 2: ‘त्रिरत्न’ (बुद्ध, धर्म, संघ) का संबंध किस धर्म से है?
- हिंदू धर्म
- बौद्ध धर्म
- जैन धर्म
- सिख धर्म
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: त्रिरत्न, जिन्हें ‘तीन शरण’ भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म के मूल आधार हैं। ये बुद्ध (ज्ञान प्राप्त व्यक्ति), धर्म (बुद्ध की शिक्षाएं) और संघ (बौद्ध भिक्षुओं और ननों का समुदाय) हैं।
- संदर्भ और विस्तार: बौद्ध धर्म में दीक्षा लेने वाले या अनुयायी बनने वाले व्यक्ति इन त्रिरत्नों में शरण लेते हैं। यह उनके जीवन के मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।
- गलत विकल्प: हिंदू धर्म में ‘त्रिरत्न’ जैसी कोई विशिष्ट अवधारणा नहीं है, हालांकि ‘त्रिमूर्ति’ (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) है। जैन धर्म में ‘सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक चरित्र’ को ‘त्रिरत्न’ कहा जाता है, लेकिन संदर्भ बौद्ध धर्म से भिन्न है। सिख धर्म में ‘तीन रत्न’ की ऐसी कोई मुख्य अवधारणा नहीं है।
प्रश्न 3: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-380 ईस्वी) को भारतीय इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने उनकी विजयों और विशाल साम्राज्य के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा था।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने अपने शासनकाल में दिग्विजय (सभी दिशाओं में विजय) की नीति अपनाई थी। प्रयाग प्रशस्ति (अलाहबाद स्तंभ शिलालेख) में उनकी विजयों का विस्तृत वर्णन है, जिसमें उत्तर भारत की अनेक राज्य और दक्षिणापथ के अनेक राजाओं को पराजित करने का उल्लेख है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) एक महान शासक था जिसने अपनी राजधानी उज्जैन में स्थानांतरित की और मालवा पर विजय प्राप्त की, लेकिन समुद्रगुप्त की विजयों का पैमाना उससे कहीं अधिक था। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
प्रश्न 4: ‘कुतुबमीनार’ का निर्माण किसने शुरू करवाया था?
- इल्तुतमिश
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- अलाउद्दीन खिलजी
- बलबन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: दिल्ली सल्तनत के पहले शासक कुतुबुद्दीन ऐबक (1206-1210 ईस्वी) ने कुतुबमीनार का निर्माण कार्य शुरू करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: इसका निर्माण सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की स्मृति में किया गया था। ऐबक ने इसका आधार (first storey) बनवाया था। बाद में इल्तुतमिश ने इसके तीन और मंज़िलें (storeys) जुड़वाईं और फ़िरोज़ शाह तुगलक ने इसकी ऊपरी मंज़िल का जीर्णोद्धार और मरम्मत करवाई।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने कुतुबमीनार का निर्माण पूरा करवाया। अलाउद्दीन खिलजी और बलबन दिल्ली सल्तनत के अन्य महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन उन्होंने कुतुबमीनार के निर्माण में प्रत्यक्ष रूप से योगदान नहीं दिया।
प्रश्न 5: किस वायसराय के कार्यकाल में भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित हुई?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (1910-1916 ईस्वी) के कार्यकाल में 1911 में सम्राट पंचम जॉर्ज द्वारा दिल्ली दरबार में भारत की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की गई थी, जो 1911 में प्रभावी हुई।
- संदर्भ और विस्तार: यह निर्णय बंगाल के विभाजन (1905) के बाद बढ़ते राष्ट्रवादी आंदोलनों को संतुलित करने के प्रयास के रूप में देखा गया था। राजधानी का दिल्ली में स्थानांतरण भारत के एक अधिक केंद्रीय और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर हुआ।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन 1905 में बंगाल विभाजन के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड मिंटो (1905-1910) ने मार्ले-मिंटो सुधार (1909) पेश किए। लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-1921) के कार्यकाल में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ।
प्रश्न 6: ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय कहाँ स्थित था?
- लंदन
- न्यूयॉर्क
- सैन फ्रांसिस्को
- बर्लिन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गदर पार्टी (1913 में स्थापित) का मुख्य मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर में था।
- संदर्भ और विस्तार: यह पार्टी मुख्य रूप से अमेरिका और कनाडा में बसे भारतीय प्रवासियों द्वारा स्थापित की गई थी, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत में क्रांति लाना था। लाला हरदयाल इसके प्रमुख नेताओं में से एक थे।
- गलत विकल्प: लंदन, न्यूयॉर्क और बर्लिन में भी गदर पार्टी की शाखाएं या इससे संबंधित गतिविधियां हुई थीं, लेकिन मुख्य मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को ही था।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी साहित्यिक कृति कालिदास द्वारा नहीं लिखी गई है?
- मेघदूतम्
- अभिज्ञानशाकुन्तलम्
- कुमारसम्भवम्
- उत्तररामचरितम्
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘उत्तररामचरितम्’ कालिदास द्वारा नहीं, बल्कि भवभूति नामक संस्कृत कवि द्वारा लिखी गई है।
- संदर्भ और विस्तार: कालिदास गुप्त काल (लगभग 4-5वीं शताब्दी ईस्वी) के महान कवियों और नाटककारों में से थे। उनकी प्रमुख कृतियों में ‘मेघदूतम्’, ‘अभिज्ञानशाकुन्तलम्’, ‘कुमारसम्भवम्’, ‘विक्रमोर्वशीयम्’ और ‘मालविकाग्निमित्रम्’ शामिल हैं। ‘उत्तररामचरितम्’ राम की कहानी का एक अद्भुत नाट्य रूपांतरण है।
- गलत विकल्प: मेघदूतम्, अभिज्ञानशाकुन्तलम् और कुमारसम्भवम् कालिदास की प्रसिद्ध कृतियाँ हैं।
प्रश्न 8: बौद्ध धर्म की पहली परिषद (First Buddhist Council) कहाँ आयोजित हुई थी?
- राजगृह
- वैशाली
- पाटलिपुत्र
- सारनाथ
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: बौद्ध धर्म की पहली परिषद मगध के राजा अजातशत्रु के संरक्षण में राजगृह (वर्तमान राजगीर) में आयोजित की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह परिषद बुद्ध की महापरिनिर्वाण के तत्काल बाद (लगभग 483 ईसा पूर्व) हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य बुद्ध की शिक्षाओं (धर्म) को संकलित करना और संघ के नियमों (विनय) को स्थापित करना था। महाकश्यप इसके अध्यक्ष थे।
- गलत विकल्प: दूसरी परिषद वैशाली में, तीसरी पाटलिपुत्र में (अशोक के संरक्षण में), और चौथी कश्मीर में (कनिष्क के संरक्षण में) हुई थी। सारनाथ वह स्थान है जहाँ बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।
प्रश्न 9: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल बादशाह ने की थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नए धार्मिक विचार की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर (शासनकाल 1556-1605 ईस्वी) ने 1582 ईस्वी में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक संश्लेषणवादी (syncretic) धर्म था जिसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के सार तत्वों को मिलाकर एक ऐसे विश्वास का निर्माण करना था जो विभिन्न समुदायों के बीच सामंजस्य स्थापित कर सके। यह काफी हद तक अकबर के अपने विचारों पर आधारित था और इसमें सभी प्रमुख धर्मों से प्रेरणा ली गई थी।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब अन्य महत्वपूर्ण मुगल बादशाह थे, लेकिन उन्होंने ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत नहीं की थी। जहाँगीर ने अपने पिता के धार्मिक विचारों का समर्थन किया लेकिन उसे आगे नहीं बढ़ाया।
प्रश्न 10: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक कौन थे?
- बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय
- दिनबंधु मित्र
- आनंदमठ
- सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘नील दर्पण’ (The Indigo Mirror) नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र थे। यह नाटक 1858-59 के नील विद्रोह के दौरान लिखा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस नाटक में ब्रिटिश नील बागान मालिकों द्वारा भारतीय किसानों पर किए गए अत्याचारों और शोषण का यथार्थवादी चित्रण किया गया था। इसने व्यापक रूप से जनता का ध्यान आकर्षित किया और नील विद्रोह को समर्थन मिला।
- गलत विकल्प: बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘आनंदमठ’ लिखा था, जिसमें ‘वन्दे मातरम’ गीत शामिल है। आनंदमठ एक उपन्यास है, नाटक नहीं। सुरेन्द्रनाथ बनर्जी एक राष्ट्रवादी नेता थे।
प्रश्न 11: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?
- 1905-1910
- 1914-1918
- 1939-1945
- 1947-1949
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध, जिसे ‘महान युद्ध’ के नाम से भी जाना जाता है, 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को समाप्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मुख्य रूप से यूरोपीय शक्तियों के बीच औपनिवेशिक विस्तार, राष्ट्रवाद और सैन्य गठबंधनों के कारण भड़का था। मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) और केंद्रीय शक्तियों (Central Powers) के बीच यह संघर्ष अत्यंत विनाशकारी था।
- गलत विकल्प: 1905-1910 का काल द्वितीय आंग्ल-जपानी युद्ध और रूस-जापान युद्ध के बीच का समय था। 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का काल है। 1947-1949 भारत-पाकिस्तान का पहला युद्ध काल है।
प्रश्न 12: पानीपत का दूसरा युद्ध कब हुआ था?
- 1526
- 1556
- 1761
- 1576
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: पानीपत का दूसरा युद्ध 5 नवंबर 1556 को मुगलों और हेमू (हेमचंद्र विक्रमादित्य), जो दिल्ली के सिंहासन पर बैठने वाला अंतिम हिंदू राजा था, के बीच लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में अकबर की सेना का नेतृत्व बैरम खान कर रहे थे। हेमू युद्ध में पराजित हुआ और बंदी बना लिया गया। यह युद्ध मुगल साम्राज्य की पुनःस्थापना के लिए निर्णायक था, जिसने भारत में उनके शासन को मजबूत किया।
- गलत विकल्प: 1526 में पानीपत का पहला युद्ध (बाबर बनाम इब्राहिम लोदी) हुआ था। 1761 में पानीपत का तीसरा युद्ध (अफगानों बनाम मराठों) हुआ था। 1576 में हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था।
प्रश्न 13: ‘अमुक्तमाल्यद’ का लेखक कौन था?
- कृष्णदेवराय
- बुक्का प्रथम
- देवराय द्वितीय
- हरिहर प्रथम
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘अमुक्तमाल्यद’ (The Garland of the Chosen One) विजयनगर साम्राज्य के महानतम शासकों में से एक, कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529 ईस्वी) द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण तेलुगु काव्य है।
- संदर्भ और विस्तार: यह कविता भगवान विष्णु के अवतार श्रीरंगनाथ और देवी गोदा (जिन्हें अमुक्तमाल्यद भी कहा जाता है) की प्रेम कहानी का वर्णन करती है। कृष्णदेवराय स्वयं एक महान विद्वान और कवि थे, जिन्होंने ‘जाम्बवती कल्याणम्’ (संस्कृत में) भी लिखा था।
- गलत विकल्प: बुक्का प्रथम, देवराय द्वितीय और हरिहर प्रथम विजयनगर साम्राज्य के अन्य महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन ‘अमुक्तमाल्यद’ कृष्णदेवराय की रचना है।
प्रश्न 14: लॉर्ड डलहौजी की ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) का पहला शिकार कौन सा राज्य था?
- झाँसी
- नागपुर
- सतारा
- उदयपुर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लॉर्ड डलहौजी (1848-1856 ईस्वी) की ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के तहत सबसे पहले सतारा (1848 ईस्वी) राज्य को ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत के अनुसार, यदि किसी भारतीय शासक की मृत्यु प्राकृतिक उत्तराधिकारी के बिना हो जाती है, तो उसके राज्य को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा हड़प लिया जाएगा। इस नीति के तहत सतारा के बाद जैतपुर (1849), संभलपुर (1850), उदयपुर (1852), नागपुर (1854), और झाँसी (1853) जैसे राज्यों को भी मिलाया गया।
- गलत विकल्प: झाँसी, नागपुर और उदयपुर भी व्यपगत के सिद्धांत के शिकार हुए थे, लेकिन सतारा पहला था।
प्रश्न 15: कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का लक्ष्य घोषित किया गया?
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- कराची अधिवेशन, 1931
- कलकत्ता अधिवेशन, 1920
- फैजपुर अधिवेशन, 1936
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में, जिसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी, ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) के लक्ष्य को औपचारिक रूप से घोषित किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें ब्रिटिश सरकार से डोमिनियन स्टेटस की मांग को अस्वीकार कर दिया गया और भारत के लिए पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की गई। 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
- गलत विकल्प: कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीतियों पर प्रस्ताव पारित हुए थे। कलकत्ता अधिवेशन (1920) में असहयोग आंदोलन को मंजूरी मिली थी। फैजपुर अधिवेशन (1936) एक ग्रामीण क्षेत्र में हुआ था।
प्रश्न 16: ‘सती प्रथा’ का अंत किस अधिनियम द्वारा किया गया?
- धारा 17, चार्टर अधिनियम 1813
- नियम XVII, 1829
- धारा 23, चार्टर अधिनियम 1833
- नियम VI, 1835
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सती प्रथा को भारतीय दंड संहिता (Bengal Sati Regulation) के नियम XVII, 1829 द्वारा समाप्त किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम को तत्कालीन गवर्नर-जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने राजा राममोहन राय जैसे समाज सुधारकों के प्रयासों से पारित करवाया था। इसने भारत में सती प्रथा को गैरकानूनी और दंडनीय अपराध घोषित किया।
- गलत विकल्प: चार्टर अधिनियम 1813 में कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त किया गया था। चार्टर अधिनियम 1833 ने विलियम बेंटिंक को भारत का प्रथम गवर्नर-जनरल बनाया और कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को पूर्णतः समाप्त कर दिया।
प्रश्न 17: ‘बाबरनामा’ किस भाषा में लिखी गई है?
- फारसी
- तुर्की
- उर्दू
- अरबी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘बाबरनामा’, जो मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर की आत्मकथा है, मूल रूप से तुर्की (चगताई तुर्की) भाषा में लिखी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: बाबर ने स्वयं इसे लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने जीवन, युद्धों, राजनीतिक घटनाओं और व्यक्तिगत अनुभवों का सजीव चित्रण किया है। बाद में इसका फारसी और अन्य भाषाओं में अनुवाद किया गया।
- गलत विकल्प: मुगल दरबार की आधिकारिक भाषा फारसी थी, लेकिन बाबर की आत्मकथा तुर्की में थी। उर्दू और अरबी अन्य प्रमुख भाषाएँ थीं, लेकिन बाबर की मूल रचना तुर्की में थी।
प्रश्न 18: ‘अकबरनामा’ का लेखक कौन था?
- फैजी
- अबुल फजल
- बदायूँनी
- वीरबल
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘अकबरनामा’, जो बादशाह अकबर के शासनकाल का विस्तृत इतिहास है, अबुल फजल द्वारा लिखा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: अबुल फजल अकबर के नौ रत्नों (Navratnas) में से एक थे और वे अकबर के दरबारी इतिहासकार थे। ‘अकबरनामा’ को दो भागों में बांटा गया है; पहला भाग अकबर के पूर्वजों और उनके जन्म से संबंधित है, जबकि दूसरा भाग (जिसे ‘आईन-ए-अकबरी’ भी कहा जाता है) उनके शासन के 42वें वर्ष तक का विस्तृत विवरण देता है, जिसमें प्रशासन, अर्थव्यवस्था, संस्कृति आदि का वर्णन है।
- गलत विकल्प: फैजी अबुल फजल के भाई थे और वे भी अकबर के दरबार में एक प्रमुख कवि थे। बदायूँनी एक इतिहासकार थे जिन्होंने ‘मुन्तखब-उत-तवारीख’ लिखा था, जो अकबर की आलोचनात्मक दृष्टि से देखता है। वीरबल अकबर के प्रिय दरबारी थे, लेकिन उन्होंने ‘अकबरनामा’ नहीं लिखा।
प्रश्न 19: ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) की नीति का सूत्रपात किसने किया?
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सहायक संधि (Subsidiary Alliance) की नीति का सूत्रपात और इसका व्यापक प्रयोग लॉर्ड वेलेजली (1798-1805 ईस्वी) ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस नीति के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना भंग कर ब्रिटिश सेना को अपने राज्य में रखना पड़ता था और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को इसके खर्च के लिए धन या कुछ क्षेत्र देना पड़ता था। बदले में, कंपनी उस भारतीय राज्य की बाहरी आक्रमणों से रक्षा करने का वचन देती थी और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने का वादा करती थी (जो अक्सर निभाया नहीं जाता था)। इससे भारतीय राज्यों की स्वतंत्रता समाप्त हो गई।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कॉर्नवालिस ने स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) लागू किया था। लॉर्ड डलहौजी व्यपगत के सिद्धांत के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा का अंत किया था।
प्रश्न 20: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?
- 1857
- 1885
- 1905
- 1920
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना एक स्कॉटिश अधिकारी ए.ओ. ह्यूम ने की थी। प्रथम अधिवेशन बॉम्बे (अब मुंबई) में गोकुलदास तेजपाल संस्कृत पाठशाला में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी ने की थी। इसने भारत में राजनीतिक जागरूकता और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा दिया।
- गलत विकल्प: 1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का वर्ष है। 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ था। 1920 में असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई थी।
प्रश्न 21: ‘अजंता की गुफाओं’ में किस धर्म से संबंधित चित्रकारी पाई जाती है?
- हिंदू धर्म
- बौद्ध धर्म
- जैन धर्म
- यहूदी धर्म
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: अजंता की गुफाओं में मुख्य रूप से बौद्ध धर्म से संबंधित चित्रकारी पाई जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: ये गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं और इनमें बौद्ध धर्म के जातक कथाओं, बुद्ध के जीवन की घटनाओं और बोधिसत्वों के चित्रण को दर्शाया गया है। ये चित्र गुप्त काल और उसके आसपास के समय के माने जाते हैं और भारतीय कला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
- गलत विकल्प: यद्यपि इन गुफाओं के आसपास कुछ हिंदू और जैन गुफाएं भी हो सकती हैं, लेकिन अजंता की प्रमुख चित्रकारी बौद्ध धर्म से ही संबंधित है। यहूदी धर्म का इन गुफाओं से कोई संबंध नहीं है।
प्रश्न 22: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ कब प्रारंभ हुआ?
- 1920
- 1930
- 1942
- 1947
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement) 8 अगस्त 1942 को प्रारंभ हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र में बंबई (अब मुंबई) में शुरू किया गया था। इसका नारा ‘करो या मरो’ (Do or Die) था। इस आंदोलन का उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के बीच भारत को तत्काल आजादी दिलाना था।
- गलत विकल्प: 1920 में असहयोग आंदोलन, 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन (दांडी मार्च) और 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली थी।
प्रश्न 23: ‘हड़प्पा सभ्यता’ के किस स्थल से ‘हल चलाने’ के प्रमाण मिले हैं?
- लोथल
- मोहनजोदड़ो
- कालीबंगन
- बनावली
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: हड़प्पा सभ्यता के कालीबंगन (राजस्थान) नामक स्थल से हल चलाने के प्रमाण मिले हैं।
- संदर्भ और विस्तार: कालीबंगन में एक खेत के निशान पाए गए हैं, जिसमें हल की रेखाएँ स्पष्ट दिखाई देती हैं। यह दर्शाता है कि उस समय के लोग कृषि में हल का उपयोग करते थे। कालीबंगन से अग्नि वेदिकाएं और मिट्टी के बर्तन भी मिले हैं।
- गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था, मोहनजोदड़ो में स्नानागार मिला था, और बनावली से मातृदेवी की मूर्ति मिली थी, लेकिन हल चलाने के स्पष्ट प्रमाण कालीबंगन से ही प्राप्त हुए हैं।
प्रश्न 24: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
- 1925
- 1929
- 1931
- 1935
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते पर महात्मा गांधी और भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। यह समझौता सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने के बदले में ब्रिटिश सरकार द्वारा कुछ रियायतें देने के लिए किया गया था, जैसे कि नमक सत्याग्रह के दौरान जब्त की गई संपत्तियों को लौटाना और अहिंसक तरीके से नमक बनाने की अनुमति देना।
- गलत विकल्प: 1925 में कानपुर कांग्रेस अधिवेशन हुआ था। 1929 में लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की मांग की गई थी। 1935 में भारत सरकार अधिनियम पारित हुआ था।
प्रश्न 25: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ कब हुई थी?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 ईस्वी में शुरू हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह क्रांति नेपोलियन बोनापार्ट के उदय तक चली और इसने फ्रांस के इतिहास को ही नहीं, बल्कि पूरे यूरोप के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को मौलिक रूप से बदल दिया। इस क्रांति ने ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) के नारे को बुलंद किया और राजशाही को चुनौती दी।
- गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी क्रांति का वर्ष है। 1815 में वाटरलू का युद्ध हुआ जिसने नेपोलियन के शासन का अंत कर दिया। 1848 यूरोप में क्रांतियों का वर्ष था।
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- लोथल
- कालीबंगन
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- सटीकता: मोहनजोदड़ो (सिंधी में ‘मृतकों का टीला’) से एक विशाल, ईंटों से निर्मित स्नानागार (Great Bath) के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं। यह हड़प्पा सभ्यता की अभियांत्रिकी और शहरी नियोजन का एक अद्भुत उदाहरण है।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्नानागार शायद धार्मिक या अनुष्ठानिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता था। इसकी दीवारों को जिप्सम मोर्टार से सील किया गया था ताकि पानी रिसने से रोका जा सके। इसके चारों ओर कमरे भी बने थे।
- गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ गोदी (dockyard) मिली थी। कालीबंगन से जुते हुए खेत के प्रमाण मिले थे। हड़प्पा से श्रमिक आवास और अन्नागार मिले थे।
- हिंदू धर्म
- बौद्ध धर्म
- जैन धर्म
- सिख धर्म
- सटीकता: त्रिरत्न, जिन्हें ‘तीन शरण’ भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म के मूल आधार हैं। ये बुद्ध (ज्ञान प्राप्त व्यक्ति), धर्म (बुद्ध की शिक्षाएं) और संघ (बौद्ध भिक्षुओं और ननों का समुदाय) हैं।
- संदर्भ और विस्तार: बौद्ध धर्म में दीक्षा लेने वाले या अनुयायी बनने वाले व्यक्ति इन त्रिरत्नों में शरण लेते हैं। यह उनके जीवन के मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।
- गलत विकल्प: हिंदू धर्म में ‘त्रिरत्न’ जैसी कोई विशिष्ट अवधारणा नहीं है, हालांकि ‘त्रिमूर्ति’ (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) है। जैन धर्म में ‘सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक चरित्र’ को ‘त्रिरत्न’ कहा जाता है, लेकिन संदर्भ बौद्ध धर्म से भिन्न है। सिख धर्म में ‘तीन रत्न’ की ऐसी कोई मुख्य अवधारणा नहीं है।
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
- सटीकता: समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-380 ईस्वी) को भारतीय इतिहासकार वी. ए. स्मिथ ने उनकी विजयों और विशाल साम्राज्य के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा था।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने अपने शासनकाल में दिग्विजय (सभी दिशाओं में विजय) की नीति अपनाई थी। प्रयाग प्रशस्ति (अलाहबाद स्तंभ शिलालेख) में उनकी विजयों का विस्तृत वर्णन है, जिसमें उत्तर भारत की अनेक राज्य और दक्षिणापथ के अनेक राजाओं को पराजित करने का उल्लेख है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) एक महान शासक था जिसने अपनी राजधानी उज्जैन में स्थानांतरित की और मालवा पर विजय प्राप्त की, लेकिन समुद्रगुप्त की विजयों का पैमाना उससे कहीं अधिक था। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
- इल्तुतमिश
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- अलाउद्दीन खिलजी
- बलबन
- सटीकता: दिल्ली सल्तनत के पहले शासक कुतुबुद्दीन ऐबक (1206-1210 ईस्वी) ने कुतुबमीनार का निर्माण कार्य शुरू करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: इसका निर्माण सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की स्मृति में किया गया था। ऐबक ने इसका आधार (first storey) बनवाया था। बाद में इल्तुतमिश ने इसके तीन और मंज़िलें (storeys) जुड़वाईं और फ़िरोज़ शाह तुगलक ने इसकी ऊपरी मंज़िल का जीर्णोद्धार और मरम्मत करवाई।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने कुतुबमीनार का निर्माण पूरा करवाया। अलाउद्दीन खिलजी और बलबन दिल्ली सल्तनत के अन्य महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन उन्होंने कुतुबमीनार के निर्माण में प्रत्यक्ष रूप से योगदान नहीं दिया।
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड मिंटो
- लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
- सटीकता: लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (1910-1916 ईस्वी) के कार्यकाल में 1911 में सम्राट पंचम जॉर्ज द्वारा दिल्ली दरबार में भारत की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की गई थी, जो 1911 में प्रभावी हुई।
- संदर्भ और विस्तार: यह निर्णय बंगाल के विभाजन (1905) के बाद बढ़ते राष्ट्रवादी आंदोलनों को संतुलित करने के प्रयास के रूप में देखा गया था। राजधानी का दिल्ली में स्थानांतरण भारत के एक अधिक केंद्रीय और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर हुआ।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन 1905 में बंगाल विभाजन के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड मिंटो (1905-1910) ने मार्ले-मिंटो सुधार (1909) पेश किए। लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-1921) के कार्यकाल में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ।
- लंदन
- न्यूयॉर्क
- सैन फ्रांसिस्को
- बर्लिन
- सटीकता: गदर पार्टी (1913 में स्थापित) का मुख्य मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर में था।
- संदर्भ और विस्तार: यह पार्टी मुख्य रूप से अमेरिका और कनाडा में बसे भारतीय प्रवासियों द्वारा स्थापित की गई थी, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत में क्रांति लाना था। लाला हरदयाल इसके प्रमुख नेताओं में से एक थे।
- गलत विकल्प: लंदन, न्यूयॉर्क और बर्लिन में भी गदर पार्टी की शाखाएं या इससे संबंधित गतिविधियां हुई थीं, लेकिन मुख्य मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को ही था।
- मेघदूतम्
- अभिज्ञानशाकुन्तलम्
- कुमारसम्भवम्
- उत्तररामचरितम्
- सटीकता: ‘उत्तररामचरितम्’ कालिदास द्वारा नहीं, बल्कि भवभूति नामक संस्कृत कवि द्वारा लिखी गई है।
- संदर्भ और विस्तार: कालिदास गुप्त काल (लगभग 4-5वीं शताब्दी ईस्वी) के महान कवियों और नाटककारों में से थे। उनकी प्रमुख कृतियों में ‘मेघदूतम्’, ‘अभिज्ञानशाकुन्तलम्’, ‘कुमारसम्भवम्’, ‘विक्रमोर्वशीयम्’ और ‘मालविकाग्निमित्रम्’ शामिल हैं। ‘उत्तररामचरितम्’ राम की कहानी का एक अद्भुत नाट्य रूपांतरण है।
- गलत विकल्प: मेघदूतम्, अभिज्ञानशाकुन्तलम् और कुमारसम्भवम् कालिदास की प्रसिद्ध कृतियाँ हैं।
- राजगृह
- वैशाली
- पाटलिपुत्र
- सारनाथ
- सटीकता: बौद्ध धर्म की पहली परिषद मगध के राजा अजातशत्रु के संरक्षण में राजगृह (वर्तमान राजगीर) में आयोजित की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह परिषद बुद्ध की महापरिनिर्वाण के तत्काल बाद (लगभग 483 ईसा पूर्व) हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य बुद्ध की शिक्षाओं (धर्म) को संकलित करना और संघ के नियमों (विनय) को स्थापित करना था। महाकश्यप इसके अध्यक्ष थे।
- गलत विकल्प: दूसरी परिषद वैशाली में, तीसरी पाटलिपुत्र में (अशोक के संरक्षण में), और चौथी कश्मीर में (कनिष्क के संरक्षण में) हुई थी। सारनाथ वह स्थान है जहाँ बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
- सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नए धार्मिक विचार की शुरुआत मुगल सम्राट अकबर (शासनकाल 1556-1605 ईस्वी) ने 1582 ईस्वी में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक संश्लेषणवादी (syncretic) धर्म था जिसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के सार तत्वों को मिलाकर एक ऐसे विश्वास का निर्माण करना था जो विभिन्न समुदायों के बीच सामंजस्य स्थापित कर सके। यह काफी हद तक अकबर के अपने विचारों पर आधारित था और इसमें सभी प्रमुख धर्मों से प्रेरणा ली गई थी।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब अन्य महत्वपूर्ण मुगल बादशाह थे, लेकिन उन्होंने ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत नहीं की थी। जहाँगीर ने अपने पिता के धार्मिक विचारों का समर्थन किया लेकिन उसे आगे नहीं बढ़ाया।
- बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय
- दिनबंधु मित्र
- आनंदमठ
- सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
- सटीकता: ‘नील दर्पण’ (The Indigo Mirror) नाटक के लेखक दीनबंधु मित्र थे। यह नाटक 1858-59 के नील विद्रोह के दौरान लिखा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस नाटक में ब्रिटिश नील बागान मालिकों द्वारा भारतीय किसानों पर किए गए अत्याचारों और शोषण का यथार्थवादी चित्रण किया गया था। इसने व्यापक रूप से जनता का ध्यान आकर्षित किया और नील विद्रोह को समर्थन मिला।
- गलत विकल्प: बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘आनंदमठ’ लिखा था, जिसमें ‘वन्दे मातरम’ गीत शामिल है। आनंदमठ एक उपन्यास है, नाटक नहीं। सुरेन्द्रनाथ बनर्जी एक राष्ट्रवादी नेता थे।
- 1905-1910
- 1914-1918
- 1939-1945
- 1947-1949
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध, जिसे ‘महान युद्ध’ के नाम से भी जाना जाता है, 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को समाप्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मुख्य रूप से यूरोपीय शक्तियों के बीच औपनिवेशिक विस्तार, राष्ट्रवाद और सैन्य गठबंधनों के कारण भड़का था। मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) और केंद्रीय शक्तियों (Central Powers) के बीच यह संघर्ष अत्यंत विनाशकारी था।
- गलत विकल्प: 1905-1910 का काल द्वितीय आंग्ल-जपानी युद्ध और रूस-जापान युद्ध के बीच का समय था। 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का काल है। 1947-1949 भारत-पाकिस्तान का पहला युद्ध काल है।
- 1526
- 1556
- 1761
- 1576
- सटीकता: पानीपत का दूसरा युद्ध 5 नवंबर 1556 को मुगलों और हेमू (हेमचंद्र विक्रमादित्य), जो दिल्ली के सिंहासन पर बैठने वाला अंतिम हिंदू राजा था, के बीच लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में अकबर की सेना का नेतृत्व बैरम खान कर रहे थे। हेमू युद्ध में पराजित हुआ और बंदी बना लिया गया। यह युद्ध मुगल साम्राज्य की पुनःस्थापना के लिए निर्णायक था, जिसने भारत में उनके शासन को मजबूत किया।
- गलत विकल्प: 1526 में पानीपत का पहला युद्ध (बाबर बनाम इब्राहिम लोदी) हुआ था। 1761 में पानीपत का तीसरा युद्ध (अफगानों बनाम मराठों) हुआ था। 1576 में हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था।
- कृष्णदेवराय
- बुक्का प्रथम
- देवराय द्वितीय
- हरिहर प्रथम
- सटीकता: ‘अमुक्तमाल्यद’ (The Garland of the Chosen One) विजयनगर साम्राज्य के महानतम शासकों में से एक, कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529 ईस्वी) द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण तेलुगु काव्य है।
- संदर्भ और विस्तार: यह कविता भगवान विष्णु के अवतार श्रीरंगनाथ और देवी गोदा (जिन्हें अमुक्तमाल्यद भी कहा जाता है) की प्रेम कहानी का वर्णन करती है। कृष्णदेवराय स्वयं एक महान विद्वान और कवि थे, जिन्होंने ‘जाम्बवती कल्याणम्’ (संस्कृत में) भी लिखा था।
- गलत विकल्प: बुक्का प्रथम, देवराय द्वितीय और हरिहर प्रथम विजयनगर साम्राज्य के अन्य महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन ‘अमुक्तमाल्यद’ कृष्णदेवराय की रचना है।
- झाँसी
- नागपुर
- सतारा
- उदयपुर
- सटीकता: लॉर्ड डलहौजी (1848-1856 ईस्वी) की ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के तहत सबसे पहले सतारा (1848 ईस्वी) राज्य को ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत के अनुसार, यदि किसी भारतीय शासक की मृत्यु प्राकृतिक उत्तराधिकारी के बिना हो जाती है, तो उसके राज्य को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा हड़प लिया जाएगा। इस नीति के तहत सतारा के बाद जैतपुर (1849), संभलपुर (1850), उदयपुर (1852), नागपुर (1854), और झाँसी (1853) जैसे राज्यों को भी मिलाया गया।
- गलत विकल्प: झाँसी, नागपुर और उदयपुर भी व्यपगत के सिद्धांत के शिकार हुए थे, लेकिन सतारा पहला था।
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- कराची अधिवेशन, 1931
- कलकत्ता अधिवेशन, 1920
- फैजपुर अधिवेशन, 1936
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में, जिसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी, ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) के लक्ष्य को औपचारिक रूप से घोषित किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें ब्रिटिश सरकार से डोमिनियन स्टेटस की मांग को अस्वीकार कर दिया गया और भारत के लिए पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की गई। 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
- गलत विकल्प: कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीतियों पर प्रस्ताव पारित हुए थे। कलकत्ता अधिवेशन (1920) में असहयोग आंदोलन को मंजूरी मिली थी। फैजपुर अधिवेशन (1936) एक ग्रामीण क्षेत्र में हुआ था।
- धारा 17, चार्टर अधिनियम 1813
- नियम XVII, 1829
- धारा 23, चार्टर अधिनियम 1833
- नियम VI, 1835
- सटीकता: सती प्रथा को भारतीय दंड संहिता (Bengal Sati Regulation) के नियम XVII, 1829 द्वारा समाप्त किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम को तत्कालीन गवर्नर-जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने राजा राममोहन राय जैसे समाज सुधारकों के प्रयासों से पारित करवाया था। इसने भारत में सती प्रथा को गैरकानूनी और दंडनीय अपराध घोषित किया।
- गलत विकल्प: चार्टर अधिनियम 1813 में कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त किया गया था। चार्टर अधिनियम 1833 ने विलियम बेंटिंक को भारत का प्रथम गवर्नर-जनरल बनाया और कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को पूर्णतः समाप्त कर दिया।
- फारसी
- तुर्की
- उर्दू
- अरबी
- सटीकता: ‘बाबरनामा’, जो मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर की आत्मकथा है, मूल रूप से तुर्की (चगताई तुर्की) भाषा में लिखी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: बाबर ने स्वयं इसे लिखा था, जिसमें उन्होंने अपने जीवन, युद्धों, राजनीतिक घटनाओं और व्यक्तिगत अनुभवों का सजीव चित्रण किया है। बाद में इसका फारसी और अन्य भाषाओं में अनुवाद किया गया।
- गलत विकल्प: मुगल दरबार की आधिकारिक भाषा फारसी थी, लेकिन बाबर की आत्मकथा तुर्की में थी। उर्दू और अरबी अन्य प्रमुख भाषाएँ थीं, लेकिन बाबर की मूल रचना तुर्की में थी।
- फैजी
- अबुल फजल
- बदायूँनी
- वीरबल
- सटीकता: ‘अकबरनामा’, जो बादशाह अकबर के शासनकाल का विस्तृत इतिहास है, अबुल फजल द्वारा लिखा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: अबुल फजल अकबर के नौ रत्नों (Navratnas) में से एक थे और वे अकबर के दरबारी इतिहासकार थे। ‘अकबरनामा’ को दो भागों में बांटा गया है; पहला भाग अकबर के पूर्वजों और उनके जन्म से संबंधित है, जबकि दूसरा भाग (जिसे ‘आईन-ए-अकबरी’ भी कहा जाता है) उनके शासन के 42वें वर्ष तक का विस्तृत विवरण देता है, जिसमें प्रशासन, अर्थव्यवस्था, संस्कृति आदि का वर्णन है।
- गलत विकल्प: फैजी अबुल फजल के भाई थे और वे भी अकबर के दरबार में एक प्रमुख कवि थे। बदायूँनी एक इतिहासकार थे जिन्होंने ‘मुन्तखब-उत-तवारीख’ लिखा था, जो अकबर की आलोचनात्मक दृष्टि से देखता है। वीरबल अकबर के प्रिय दरबारी थे, लेकिन उन्होंने ‘अकबरनामा’ नहीं लिखा।
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- सटीकता: सहायक संधि (Subsidiary Alliance) की नीति का सूत्रपात और इसका व्यापक प्रयोग लॉर्ड वेलेजली (1798-1805 ईस्वी) ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस नीति के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना भंग कर ब्रिटिश सेना को अपने राज्य में रखना पड़ता था और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को इसके खर्च के लिए धन या कुछ क्षेत्र देना पड़ता था। बदले में, कंपनी उस भारतीय राज्य की बाहरी आक्रमणों से रक्षा करने का वचन देती थी और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने का वादा करती थी (जो अक्सर निभाया नहीं जाता था)। इससे भारतीय राज्यों की स्वतंत्रता समाप्त हो गई।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कॉर्नवालिस ने स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) लागू किया था। लॉर्ड डलहौजी व्यपगत के सिद्धांत के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा का अंत किया था।
- 1857
- 1885
- 1905
- 1920
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना एक स्कॉटिश अधिकारी ए.ओ. ह्यूम ने की थी। प्रथम अधिवेशन बॉम्बे (अब मुंबई) में गोकुलदास तेजपाल संस्कृत पाठशाला में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी ने की थी। इसने भारत में राजनीतिक जागरूकता और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा दिया।
- गलत विकल्प: 1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का वर्ष है। 1905 में बंगाल का विभाजन हुआ था। 1920 में असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई थी।
- हिंदू धर्म
- बौद्ध धर्म
- जैन धर्म
- यहूदी धर्म
- सटीकता: अजंता की गुफाओं में मुख्य रूप से बौद्ध धर्म से संबंधित चित्रकारी पाई जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: ये गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं और इनमें बौद्ध धर्म के जातक कथाओं, बुद्ध के जीवन की घटनाओं और बोधिसत्वों के चित्रण को दर्शाया गया है। ये चित्र गुप्त काल और उसके आसपास के समय के माने जाते हैं और भारतीय कला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
- गलत विकल्प: यद्यपि इन गुफाओं के आसपास कुछ हिंदू और जैन गुफाएं भी हो सकती हैं, लेकिन अजंता की प्रमुख चित्रकारी बौद्ध धर्म से ही संबंधित है। यहूदी धर्म का इन गुफाओं से कोई संबंध नहीं है।
- 1920
- 1930
- 1942
- 1947
- सटीकता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement) 8 अगस्त 1942 को प्रारंभ हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र में बंबई (अब मुंबई) में शुरू किया गया था। इसका नारा ‘करो या मरो’ (Do or Die) था। इस आंदोलन का उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के बीच भारत को तत्काल आजादी दिलाना था।
- गलत विकल्प: 1920 में असहयोग आंदोलन, 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन (दांडी मार्च) और 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली थी।
- लोथल
- मोहनजोदड़ो
- कालीबंगन
- बनावली
- सटीकता: हड़प्पा सभ्यता के कालीबंगन (राजस्थान) नामक स्थल से हल चलाने के प्रमाण मिले हैं।
- संदर्भ और विस्तार: कालीबंगन में एक खेत के निशान पाए गए हैं, जिसमें हल की रेखाएँ स्पष्ट दिखाई देती हैं। यह दर्शाता है कि उस समय के लोग कृषि में हल का उपयोग करते थे। कालीबंगन से अग्नि वेदिकाएं और मिट्टी के बर्तन भी मिले हैं।
- गलत विकल्प: लोथल एक बंदरगाह शहर था, मोहनजोदड़ो में स्नानागार मिला था, और बनावली से मातृदेवी की मूर्ति मिली थी, लेकिन हल चलाने के स्पष्ट प्रमाण कालीबंगन से ही प्राप्त हुए हैं।
- 1925
- 1929
- 1931
- 1935
- सटीकता: गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समझौते पर महात्मा गांधी और भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। यह समझौता सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने के बदले में ब्रिटिश सरकार द्वारा कुछ रियायतें देने के लिए किया गया था, जैसे कि नमक सत्याग्रह के दौरान जब्त की गई संपत्तियों को लौटाना और अहिंसक तरीके से नमक बनाने की अनुमति देना।
- गलत विकल्प: 1925 में कानपुर कांग्रेस अधिवेशन हुआ था। 1929 में लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की मांग की गई थी। 1935 में भारत सरकार अधिनियम पारित हुआ था।
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
- सटीकता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 ईस्वी में शुरू हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह क्रांति नेपोलियन बोनापार्ट के उदय तक चली और इसने फ्रांस के इतिहास को ही नहीं, बल्कि पूरे यूरोप के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को मौलिक रूप से बदल दिया। इस क्रांति ने ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) के नारे को बुलंद किया और राजशाही को चुनौती दी।
- गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी क्रांति का वर्ष है। 1815 में वाटरलू का युद्ध हुआ जिसने नेपोलियन के शासन का अंत कर दिया। 1848 यूरोप में क्रांतियों का वर्ष था।
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इतिहास के पन्नों से: आपकी अंतिम परीक्षा के लिए अचूक तैयारी!
नमस्कार, युवा योद्धाओं! एक बार फिर समय की यात्रा पर निकलने के लिए तैयार हो जाइए, जहाँ हम इतिहास के हर पहलू से रूबरू होंगे। यह अभ्यास सत्र आपके ज्ञान की गहराई को परखेगा और आपकी तैयारी को नई धार देगा। आइए, इन 25 महत्वपूर्ण प्रश्नों के साथ अपनी दक्षता साबित करें और सफलता की ओर एक कदम और बढ़ाएँ!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से एक ईंटों के बने स्नानागार का साक्ष्य मिला है?
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 2: ‘त्रिरत्न’ (बुद्ध, धर्म, संघ) का संबंध किस धर्म से है?
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 3: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 4: ‘कुतुबमीनार’ का निर्माण किसने शुरू करवाया था?
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 5: किस वायसराय के कार्यकाल में भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित हुई?
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 6: ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय कहाँ स्थित था?
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी साहित्यिक कृति कालिदास द्वारा नहीं लिखी गई है?
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 8: बौद्ध धर्म की पहली परिषद (First Buddhist Council) कहाँ आयोजित हुई थी?
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 9: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल बादशाह ने की थी?
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 10: ‘नील दर्पण’ नाटक के लेखक कौन थे?
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 11: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 12: पानीपत का दूसरा युद्ध कब हुआ था?
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 13: ‘अमुक्तमाल्यद’ का लेखक कौन था?
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 14: लॉर्ड डलहौजी की ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) का पहला शिकार कौन सा राज्य था?
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 15: कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का लक्ष्य घोषित किया गया?
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 16: ‘सती प्रथा’ का अंत किस अधिनियम द्वारा किया गया?
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 17: ‘बाबरनामा’ किस भाषा में लिखी गई है?
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 18: ‘अकबरनामा’ का लेखक कौन था?
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 19: ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) की नीति का सूत्रपात किसने किया?
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 20: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 21: ‘अजंता की गुफाओं’ में किस धर्म से संबंधित चित्रकारी पाई जाती है?
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 22: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ कब प्रारंभ हुआ?
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 23: ‘हड़प्पा सभ्यता’ के किस स्थल से ‘हल चलाने’ के प्रमाण मिले हैं?
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 24: ‘गांधी-इरविन समझौता’ कब हुआ था?
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
प्रश्न 25: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ कब हुई थी?
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या: