इतिहास का महासंग्राम: दैनिक ज्ञानवर्धक प्रश्नोत्तरी!
आइए, इतिहास के अनमोल पन्नों में गोता लगाएँ और अपने ज्ञान की परख करें! आज की प्रश्नोत्तरी आपको प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक युग तक के महत्वपूर्ण पड़ावों से रूबरू कराएगी। अपनी तैयारी को धार दें और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का परचम लहराएँ!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से एक विशाल स्नानागार (Great Bath) का साक्ष्य मिला है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो (सिंधी में ‘मृतकों का टीला’) सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था, जहाँ से एक विशाल स्नानागार (Great Bath) का ढाँचा मिला है। यह इमारत अपनी प्रभावशाली वास्तुकला और इंजीनियरिंग के लिए जानी जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्नानागार संभवतः धार्मिक अनुष्ठानों या सार्वजनिक स्नान के लिए उपयोग किया जाता था। इसकी जलरोधी व्यवस्था और सीढ़ियों की बनावट उस काल की उन्नत तकनीक का प्रमाण है।मोहनजोदड़ो में ही ‘पुरोहित राजा’ की प्रतिमा और कांस्य नृत्यांगना की मूर्ति भी मिली है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा भी एक महत्वपूर्ण स्थल था, लेकिन विशाल स्नानागार के साक्ष्य वहाँ से नहीं मिले। लोथल एक बंदरगाह शहर था, जहाँ गोदी (dockyard) के प्रमाण मिले हैं। कालीबंगा से जुते हुए खेत और अग्नि वेदिकाएँ मिली हैं।
प्रश्न 2: ‘अमुक्तमाल्यदा’ नामक कृति के रचनाकार कौन थे, जिसने विजयनगर साम्राज्य में तेलुगु साहित्य को समृद्ध किया?
- कृष्णदेव राय
- बुक्का प्रथम
- हरिहर प्रथम
- देवराय द्वितीय
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘अमुक्तमाल्यदा’ (अर्थात् ‘वह देवी जिसने माला पहनी है’) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक, कृष्णदेव राय की एक उत्कृष्ट कृति है। यह तेलुगु भाषा में लिखी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेव राय (शासनकाल 1509-1529 ई.) स्वयं एक विद्वान और कवियों के संरक्षक थे। उनकी इस रचना का संबंध भगवान विष्णु के अवतार रंगनाथ को समर्पित एक महाकाव्य से है। कृष्णदेव राय ने ‘जाम्बवती कल्याणम’ नामक संस्कृत नाटक भी लिखा था।
- गलत विकल्प: बुक्का प्रथम और हरिहर प्रथम विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक थे, लेकिन वे साहित्यकार के रूप में उतने प्रसिद्ध नहीं थे। देवराय द्वितीय एक अन्य महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन ‘अमुक्तमाल्यदा’ से उनका सीधा संबंध नहीं है।
प्रश्न 3: 1857 के विद्रोह के संबंध में निम्नलिखित में से किस शहर को ‘विद्रोह का केंद्र’ (Center of Rebellion) माना जाता है, जहाँ रानी लक्ष्मीबाई ने नेतृत्व किया?
- लखनऊ
- कानपुर
- झाँसी
- दिल्ली
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: झाँसी, रानी लक्ष्मीबाई की वीरतापूर्ण नेतृत्व के लिए 1857 के विद्रोह का एक प्रमुख केंद्र था। उन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) नीति के तहत अपने राज्य को हड़पने के प्रयास का कड़ा विरोध किया।
- संदर्भ और विस्तार: झाँसी के पतन के बाद, रानी लक्ष्मीबाई ने ग्वालियर की ओर प्रस्थान किया और वहाँ तात्या टोपे के साथ मिलकर विद्रोह का नेतृत्व जारी रखा, जहाँ वे अंततः वीरगति को प्राप्त हुईं।
- गलत विकल्प: लखनऊ में बेगम हजरत महल, कानपुर में नाना साहब और तात्या टोपे, और दिल्ली में बहादुर शाह जफर द्वितीय (और हडसन जैसे अधिकारियों) ने विद्रोह का नेतृत्व किया था, लेकिन रानी लक्ष्मीबाई का सीधा जुड़ाव झाँसी से था।
प्रश्न 4: प्राचीन भारत में ‘धर्म’ शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में किया गया था?
- केवल धार्मिक कर्मकांड
- कर्तव्य, नैतिकता और सामाजिक व्यवस्था
- राजकीय आज्ञाएँ
- आर्थिक नीतियाँ
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: प्राचीन भारत में ‘धर्म’ शब्द का अर्थ केवल धार्मिक कर्मकांडों तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक व्यापक अवधारणा थी जिसमें व्यक्ति के कर्तव्य (जैसे राजा का धर्म, प्रजा का धर्म), नैतिकता, सामाजिक व्यवस्था, न्याय और व्यक्तिगत आचरण शामिल थे।
- संदर्भ और विस्तार: महाकाव्यों (जैसे महाभारत) और धर्मशास्त्रों में ‘धर्म’ के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई है। यह समाज में व्यवस्था बनाए रखने और व्यक्तिगत कल्याण को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता था।
- गलत विकल्प: यद्यपि धार्मिक कर्मकांड ‘धर्म’ का एक हिस्सा थे, यह उसका एकमात्र अर्थ नहीं था। राजकीय आज्ञाएँ और आर्थिक नीतियाँ ‘अर्थ’ या ‘काम’ की श्रेणियों में अधिक आती थीं, न कि ‘धर्म’ के मुख्य क्षेत्र में।
प्रश्न 5: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का नारा पहली बार अपनाया गया?
- कोलकाता अधिवेशन, 1928
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- दिल्ली अधिवेशन, 1931
- कराची अधिवेशन, 1931
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) में ‘पूर्ण स्वराज’ (संपूर्ण स्वतंत्रता) का लक्ष्य स्पष्ट रूप से घोषित किया गया और इसे कांग्रेस के मुख्य उद्देश्य के रूप में अपनाया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यहीं पर 26 जनवरी 1930 को ‘स्वाधीनता दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया, जिसे बाद में भारतीय गणतंत्र दिवस के रूप में अपनाया गया। इस अधिवेशन ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार की।
- गलत विकल्प: कोलकाता अधिवेशन (1928) में नेहरू रिपोर्ट पर चर्चा हुई थी, जहाँ डोमिनियन स्टेट्स की मांग की गई थी। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों का प्रस्ताव पारित किया गया था। दिल्ली अधिवेशन (1931) के बारे में कोई विशेष ‘पूर्ण स्वराज’ से संबंधित महत्वपूर्ण घटनाक्रम नहीं है।
प्रश्न 6: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल सम्राट ने की थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) की शुरुआत महान मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ई. में की थी। यह विभिन्न धर्मों के सार को मिलाकर बनाया गया एक संश्लेषित पंथ था।
- संदर्भ और विस्तार: अकबर का उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना और अपने साम्राज्य में एकता स्थापित करना था। उसने विभिन्न धर्मों के विद्वानों को आमंत्रित कर उनसे चर्चा की और इस विचार को जन्म दिया। हालांकि, यह पंथ अधिक सफल नहीं रहा और इसके अनुयायियों की संख्या बहुत कम थी।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब जैसे अन्य मुग़ल सम्राटों ने अपने-अपने शासनकाल में विभिन्न नीतियाँ लागू कीं, लेकिन ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत अकबर द्वारा ही की गई थी।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा वेद सबसे प्राचीन माना जाता है?
- यजुर्वेद
- सामवेद
- ऋग्वेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ऋग्वेद, चारों वेदों में सबसे प्राचीन और सबसे महत्वपूर्ण वेद माना जाता है। इसमें 10 मंडल, 1028 सूक्त और 10,600 ऋचाएँ (श्लोक) हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद का रचनाकाल लगभग 1500-1000 ईसा पूर्व माना जाता है। यह मुख्यतः आर्यों के धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक जीवन का वर्णन करता है। इसमें देवताओं की स्तुति में मंत्र और यज्ञ की विधियाँ वर्णित हैं।
- गलत विकल्प: यजुर्वेद में यज्ञों के मंत्र और उनके विधान हैं, सामवेद में यज्ञों के अवसर पर गाए जाने वाले मंत्र हैं (जो ऋग्वेद पर आधारित हैं), और अथर्ववेद में जादू-टोने, औषधि और तंत्र-मंत्र का वर्णन है। ये सभी ऋग्वेद के बाद के माने जाते हैं।
प्रश्न 8: भारत में ‘फूट डालो और राज करो’ (Divide and Rule) की नीति का प्रमुखतः किस ब्रिटिश वायसराय ने प्रयोग किया?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लॉर्ड कर्जन (1899-1905) को भारत में ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति का प्रभावी ढंग से प्रयोग करने वाले वायसराय के रूप में जाना जाता है, विशेष रूप से बंगाल के विभाजन (1905) के माध्यम से।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन ने बंगाल को प्रशासनिक सुविधा के बहाने पूर्वी और पश्चिमी बंगाल में विभाजित कर दिया, जिसका मुख्य उद्देश्य बंगाली राष्ट्रवाद को कमजोर करना और हिंदू-मुस्लिम एकता को तोड़ना था। यह नीति ब्रिटिश शासन के विस्तार और नियंत्रण को बनाए रखने के लिए एक औपनिवेशिक रणनीति थी।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) और हड़प नीति के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट जैसे दमनकारी कानून लागू किए। लॉर्ड विलियम बेंटिंक को सामाजिक सुधारों के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 9: हर्यक वंश के किस शासक को ‘पितृहन्ता’ कहा जाता है?
- बिम्बिसार
- अजातशत्रु
- उदयन
- नागदशक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: हर्यक वंश का शासक अजातशत्रु अपने पिता बिम्बिसार की हत्या करके सिंहासन पर बैठा था, इसलिए उसे ‘पितृहन्ता’ (पिता का हत्यारा) कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: अजातशत्रु ने अपने पिता बिम्बिसार को बंदी बनाकर जेल में डाल दिया था और वहीं उनकी मृत्यु हो गई थी। अजातशत्रु ने अपने शासनकाल में वैशाली पर विजय प्राप्त करने के लिए रथ-मुशल (एक प्रकार का रथ जो युद्ध में तोप की तरह काम करता था) और महाशिला-कंटक (एक बड़ा पत्थर फेंकने वाला यंत्र) जैसे नवीन सैन्य उपकरणों का प्रयोग किया।
- गलत विकल्प: बिम्बिसार हर्यक वंश का संस्थापक था। उदयन ने अजातशत्रु के बाद शासन किया और उसने गंगा व सोन नदियों के संगम पर पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) नामक एक नए नगर की स्थापना की। नागदशक हर्यक वंश का अंतिम शासक था।
प्रश्न 10: मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कब और कहाँ हुआ था?
- 1674, रायगढ़
- 1676, पुरंदर
- 1678, सिंहगढ़
- 1680, प्रतापगढ़
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक 6 जून 1674 को रायगढ़ के किले में हुआ था। इसी दिन उन्हें ‘छत्रपति’ की उपाधि मिली और उन्होंने विधिवत मराठा साम्राज्य की नींव रखी।
- संदर्भ और विस्तार: इस राज्याभिषेक के लिए भव्य आयोजन किया गया था और इसमें काशी के प्रसिद्ध विद्वान श्री गागेश भट्ट को आमंत्रित किया गया था। यह घटना मराठा इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण मोड़ थी, जिसने मराठों को एक स्वतंत्र और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।
- गलत विकल्प: अन्य तिथियाँ और स्थान शिवाजी महाराज के जीवन या मराठा इतिहास से संबंधित हो सकते हैं, लेकिन राज्याभिषेक का सही संदर्भ 1674 में रायगढ़ है।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा सुल्तान ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ के लिए जाना जाता है?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी (शासनकाल 1296-1316 ई.) को अपनी कठोर और प्रभावी ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ के लिए जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: अलाउद्दीन खिलजी ने सेना के लिए रसद सुनिश्चित करने, अमीरों और सैनिकों को उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराने और महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कई अधिनियम जारी किए थे। उन्होंने बाजार निरीक्षक (सहना-ए- मंडी), मूल्य नियंत्रक (बरद) और अन्य अधिकारियों की नियुक्ति की थी।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की और एकता प्रणाली शुरू की। बलबन ने राजत्व के दैवीय सिद्धांत और लोह एवं रक्त की नीति अपनाई। फिरोजशाह तुगलक ने कई सार्वजनिक निर्माण कार्य करवाए और जकात व जजिया कर लागू किए।
प्रश्न 12: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना कब हुई थी?
- 1885
- 1890
- 1905
- 1919
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress – INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को ए.ओ. ह्यूम नामक एक अवकाश प्राप्त ब्रिटिश अधिकारी की पहल पर हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: कांग्रेस का पहला अधिवेशन मुंबई (तत्कालीन बंबई) के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत पाठशाला में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी ने की थी। उस समय इसका उद्देश्य भारतीयों की शिकायतों को ब्रिटिश सरकार के समक्ष रखना था, लेकिन धीरे-धीरे यह एक जन आंदोलन बन गया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़े हैं, जैसे 1905 बंगाल विभाजन, 1919 जलियाँवाला बाग हत्याकांड, लेकिन कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई थी।
प्रश्न 13: सम्राट अशोक को किस युद्ध के बाद ‘कलिंग युद्ध’ के रूप में जाना जाने वाला विनाशकारी युद्ध लड़ा?
- मगध का युद्ध
- तक्षशिला का युद्ध
- कलिंग का युद्ध
- पूर्वी अभियान
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सम्राट अशोक (मौर्य वंश) ने अपने शासनकाल के 13वें वर्ष (लगभग 261 ईसा पूर्व) में कलिंग (आधुनिक ओडिशा) पर आक्रमण किया था, जिसे ‘कलिंग का युद्ध’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में हुए अत्यधिक रक्तपात और विनाश को देखकर अशोक का हृदय द्रवित हो गया। इस युद्ध ने अशोक के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया और उसे बौद्ध धर्म स्वीकार करने तथा शांति, अहिंसा और धम्म के प्रचार के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। इस घटना का वर्णन अशोक के 13वें शिलालेख में मिलता है।
- गलत विकल्प: अशोक ने कई युद्ध लड़े, लेकिन कलिंग युद्ध ही वह निर्णायक युद्ध था जिसने उसके विचारों और नीतियों को पूरी तरह बदल दिया। अन्य विकल्प विशेष रूप से अशोक के प्रारंभिक विजयों से उस तरह नहीं जुड़े हैं जैसा कलिंग युद्ध जुड़ा है।
प्रश्न 14: ‘तैमूर लंग’ ने भारत पर कब आक्रमण किया था?
- 1336 ई.
- 1398 ई.
- 1450 ई.
- 1526 ई.
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मध्य एशियाई विजेता तैमूर लंग (Tamerlane) ने 1398 ई. में भारत पर आक्रमण किया था। उसने दिल्ली को बुरी तरह लूटा और विनाश किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस आक्रमण के कारण दिल्ली सल्तनत अत्यंत कमजोर हो गई और उसके पतन की प्रक्रिया तेज हो गई। तैमूर के आक्रमण से भारत में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी और जल्द ही सैयद वंश का शासन स्थापित हुआ।
- गलत विकल्प: 1336 ई. में विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हुई थी। 1526 ई. में बाबर ने पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी को हराकर भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना की थी। 1450 ई. किसी बड़े आक्रमण से सीधे तौर पर नहीं जुड़ा है।
प्रश्न 15: किस वायसराय के कार्यकाल में भारत में ‘इलवर्ट बिल’ विवाद उत्पन्न हुआ था?
- लॉर्ड रिपन
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘इलवर्ट बिल’ विवाद लॉर्ड रिपन (1880-1884) के कार्यकाल के दौरान 1883-84 में उत्पन्न हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह बिल लॉर्ड इलवर्ट द्वारा प्रस्तावित किया गया था, जिसका उद्देश्य भारतीय न्यायाधीशों को उन मामलों की सुनवाई का अधिकार देना था जिनमें यूरोपीय आरोपी शामिल हों। तत्कालीन ब्रिटिश शासकों और यूरोपीय समुदाय ने इसका कड़ा विरोध किया, क्योंकि वे किसी भी भारतीय द्वारा मुकदमे में अनुशासित किए जाने को अपमानजनक मानते थे। अंततः बिल में संशोधन करना पड़ा।
- गलत विकल्प: लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट लागू किया था। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया। लॉर्ड डलहौजी की हड़प नीति प्रसिद्ध है।
प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘अष्टप्रधान’ के संदर्भ में सही है, जो शिवाजी महाराज की मंत्रिपरिषद थी?
- पेशवा सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी था और वह प्रधान मंत्री के समकक्ष था।
- सुमंत विदेशी मामलों का मंत्री था।
- पंडितराव धार्मिक कार्यों और दान का प्रमुख था।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित ‘अष्टप्रधान’ मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य महत्वपूर्ण थे और उनके द्वारा बताए गए कार्य सही थे। पेशवा (प्रधान मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), और पंडितराव (धार्मिक प्रमुख) अष्टप्रधान के महत्वपूर्ण अंग थे।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान में अन्य पद थे: अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (सरकारी कागजात का मंत्री), मंत्री (अभिलेखों का रखवाला), सुमंत (विदेश मंत्री), सुमंत (युद्धमंत्री), न्यायाधीश (न्याय मंत्री) और पंडितराव (धर्माध्यक्ष)। प्रत्येक पद का अपना विशिष्ट कार्य था और वे सीधे छत्रपति को रिपोर्ट करते थे।
- गलत विकल्प: उपरोक्त सभी कथन अष्टप्रधान के सदस्यों और उनके कार्यों के बारे में सटीक जानकारी देते हैं।
प्रश्न 17: ‘इंडिका’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक का लेखक कौन है?
- टॉलेमी
- मेगस्थनीज
- फाह्यान
- ह्वेन त्सांग
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘इंडिका’ (Indica) नामक पुस्तक यूनानी राजदूत मेगस्थनीज द्वारा लिखी गई थी, जो चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था।
- संदर्भ और विस्तार: मेगस्थनीज सेल्यूकस प्रथम का राजदूत था और उसने लगभग 300 ईसा पूर्व भारत का दौरा किया था। उसकी पुस्तक ‘इंडिका’ में मौर्य साम्राज्य, विशेष रूप से पाटलिपुत्र के प्रशासन, समाज, संस्कृति और अर्थव्यवस्था का विस्तृत वर्णन है। यद्यपि मूल पुस्तक अब उपलब्ध नहीं है, लेकिन बाद के लेखकों (जैसे एरियन, प्लिनी) के उद्धरणों से इसके अंश मिलते हैं।
- गलत विकल्प: टॉलेमी एक भूगोलवेत्ता था। फाह्यान (ई. 405-411) और ह्वेन त्सांग (ई. 629-645) चीनी यात्री थे, जिन्होंने क्रमशः गुप्त काल और हर्षवर्धन के काल का वर्णन किया था।
प्रश्न 18: 1905 में लॉर्ड कर्जन द्वारा किए गए बंगाल विभाजन को किस वायसराय ने रद्द किया?
- लॉर्ड हार्डिंग्ज द्वितीय
- लॉर्ड मिंटो द्वितीय
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड
- लॉर्ड रीडिंग
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: लॉर्ड हार्डिंग्ज द्वितीय (1910-1916) ने 1911 में बंगाल विभाजन को रद्द करने की घोषणा की थी।
- संदर्भ और विस्तार: बंगाल विभाजन के विरोध में चलाए गए स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार को इस निर्णय को वापस लेने पर मजबूर किया। 1911 में दिल्ली दरबार का आयोजन हुआ, जहाँ सम्राट जॉर्ज पंचम ने इस घोषणा को सार्वजनिक किया। यह भारत के राष्ट्रवादियों की एक बड़ी जीत मानी गई।
- गलत विकल्प: लॉर्ड मिंटो द्वितीय के काल में मार्ले-मिंटो सुधार (1909) आए। लॉर्ड चेम्सफोर्ड के काल में मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार (1919) आए। लॉर्ड रीडिंग के काल में चौरी-चौरा घटना हुई।
प्रश्न 19: ‘सिंधु घाटी सभ्यता’ के किस स्थल से ‘जल प्रबंधन’ (Water Management) की उत्कृष्ट प्रणाली का प्रमाण मिला है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- धौलावीरा
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गुजरात में स्थित धौलावीरा (Dholavira) सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे नियोजित शहरों में से एक है और यहाँ से जल प्रबंधन की अत्यंत उत्कृष्ट प्रणाली का प्रमाण मिलता है।
- संदर्भ और विस्तार: धौलावीरा की नगर नियोजन में जलाशयों (reservoirs) का एक जटिल तंत्र, बांध और जल-वितरण नहरें शामिल हैं। विशेष रूप से, यहाँ वर्षा जल संचयन (rainwater harvesting) की व्यवस्था को अत्यधिक विकसित माना जाता है। शहर को जल की कमी से निपटने के लिए कुशलतापूर्वक डिजाइन किया गया था।
- गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो में भी जल निकास व्यवस्था अच्छी थी, लेकिन धौलावीरा की जल प्रबंधन प्रणाली को अधिक व्यापक और उन्नत माना जाता है। लोथल एक बंदरगाह था।
प्रश्न 20: 1935 के भारत सरकार अधिनियम (Government of India Act, 1935) द्वारा क्या स्थापित किया गया था?
- प्रांतीय स्वायत्तता
- द्विसदन प्रणाली
- संघीय न्यायालय (Federal Court)
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1935 के भारत सरकार अधिनियम ने भारतीय प्रशासन में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए, जिनमें प्रांतीय स्वायत्तता की शुरुआत, केंद्र में द्विसदन प्रणाली का प्रावधान (हालांकि पूरी तरह लागू नहीं हुई) और एक संघीय न्यायालय (Federal Court) की स्थापना शामिल थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने प्रांतों में कांग्रेस जैसी पार्टियों को सरकारें बनाने का अवसर दिया, हालांकि केंद्रीय स्तर पर एक अखिल भारतीय संघ (All India Federation) की स्थापना की योजनाएं पूरी नहीं हो सकीं। संघीय न्यायालय की स्थापना का उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच विवादों का समाधान करना था।
- गलत विकल्प: तीनों ही बिंदु 1935 के अधिनियम के प्रमुख प्रावधान थे, इसलिए सभी विकल्प सही हैं।
प्रश्न 21: ‘ग़दर पार्टी’ का मुख्यालय कहाँ स्थित था?
- सैन फ्रांसिस्को
- लंदन
- बर्लिन
- मॉन्ट्रियल
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ग़दर पार्टी (Ghadar Party) का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित था।
- संदर्भ और विस्तार: ग़दर पार्टी की स्थापना 1913 में लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था। पार्टी ने ‘ग़दर’ नामक एक साप्ताहिक अखबार प्रकाशित किया, जो विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध था और भारतीय सैनिकों तथा नागरिकों के बीच ब्रिटिश शासन के विरुद्ध असंतोष फैलाने का काम करता था।
- गलत विकल्प: लंदन में इंडिया हाउस जैसे महत्वपूर्ण संगठन थे, बर्लिन में भारतीय स्वतंत्रता समिति थी, और मॉन्ट्रियल कनाडा में है, लेकिन ग़दर पार्टी का मुख्य केंद्र सैन फ्रांसिस्को ही था।
प्रश्न 22: ‘महात्मा’ की उपाधि किसे दी गई थी, जो बाद में उनके नाम का अभिन्न अंग बन गई?
- बाल गंगाधर तिलक
- गोपाल कृष्ण गोखले
- महात्मा गांधी
- रवींद्रनाथ टैगोर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘महात्मा’ की उपाधि मोहनदास करमचंद गांधी को दी गई थी, जो उनके नाम का एक प्रिय और सम्मानित हिस्सा बन गई।
- संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि उन्हें रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा 1915 में भारत लौटने पर या 1917 में चंपारण सत्याग्रह के बाद दी गई थी, हालांकि सटीक समय पर कुछ मतभेद हैं। यह उपाधि उनके असाधारण व्यक्तित्व, अहिंसक संघर्ष के प्रति समर्पण और भारतीय जनता के प्रति उनके महान सेवा भाव का प्रतीक है।
- गलत विकल्प: बाल गंगाधर तिलक ‘लोकमान्य’ कहलाते थे, गोपाल कृष्ण गोखले गांधीजी के राजनीतिक गुरु थे, और रवींद्रनाथ टैगोर स्वयं एक महान कवि थे जिन्होंने टैगोर को ‘गुरुदेव’ कहा था।
प्रश्न 23: 1919 में रॉलेट एक्ट (Rowlatt Act) के विरोध में पूरे देश में हड़ताल और प्रदर्शन हुए। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य क्या था?
- भारतीयों के लिए शिक्षा का प्रसार
- किसी भी व्यक्ति को बिना किसी मुकदमे के हिरासत में रखने का अधिकार
- व्यापार और वाणिज्य को विनियमित करना
- कृषि सुधार लागू करना
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1919 का रॉलेट एक्ट (जिसे ‘बिना दलील, बिना वकील, बिना अपील’ वाला कानून भी कहा गया) ब्रिटिश सरकार को यह अधिकार देता था कि वह किसी भी व्यक्ति को बिना मुकदमे के, केवल संदेह के आधार पर दो साल तक हिरासत में रख सकती थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस कानून को क्रांतिकारियों की गतिविधियों को दबाने के लिए बनाया गया था। इसने भारतीयों के नागरिक अधिकारों का घोर उल्लंघन किया, जिससे पूरे देश में व्यापक विरोध हुआ। इसी के विरोध में जलियाँवाला बाग में निहत्थे लोगों पर गोलीबारी हुई थी।
- गलत विकल्प: रॉलेट एक्ट का उद्देश्य राजनीतिक दमन था, न कि शिक्षा, व्यापार या कृषि में सुधार।
प्रश्न 24: ‘प्रथम विश्व युद्ध’ (World War I) की अवधि क्या थी?
- 1905-1910
- 1914-1918
- 1920-1925
- 1939-1945
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध (World War I), जिसे ‘महायुद्ध’ (The Great War) के नाम से भी जाना जाता है, 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ और 11 नवंबर 1918 को समाप्त हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध मुख्य रूप से केंद्रीय शक्तियों (जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ऑटोमन साम्राज्य) और मित्र राष्ट्रों (ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, इटली, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका) के बीच लड़ा गया था। इसके कारणों में राष्ट्रवाद, साम्राज्यवाद, सैन्यवाद और जटिल गठबंधन प्रणालियाँ शामिल थीं।
- गलत विकल्प: 1905-1910 कोई बड़ा विश्व युद्ध नहीं था। 1920-1925 युद्ध के बाद का पुनर्निर्माण काल था। 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध की अवधि है।
प्रश्न 25: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement) किस वर्ष शुरू हुआ था?
- 1940
- 1942
- 1944
- 1945
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’, जिसे अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है, 8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी द्वारा मुंबई में शुरू किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन का नारा ‘करो या मरो’ (Do or Die) था, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन को तुरंत समाप्त करना था। इस आंदोलन के तुरंत बाद, सरकार ने गांधीजी सहित कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया, जिससे यह आंदोलन एक जन आंदोलन के रूप में फैल गया और देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए।
- गलत विकल्प: 1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह शुरू हुआ था। 1944 में गांधीजी को रिहा कर दिया गया था। 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ और भारत की स्वतंत्रता की दिशा में कदम बढ़े।