हीरे के विज्ञान को समझें: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड है, जो भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों की आपकी समझ का परीक्षण करता है। ‘Doubling Down on Diamond’ जैसे शीर्षक हमें विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में ज्ञान को गहरा करने के लिए प्रेरित करते हैं। यहाँ, हम विशेष रूप से हीरे से संबंधित विज्ञान को लक्षित करते हुए, 25 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आपकी परीक्षा की तैयारी को मजबूत करने में सहायक होंगे।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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हीरे का सबसे महत्वपूर्ण भौतिक गुण क्या है जो इसे इतना मूल्यवान बनाता है?
- (a) इसकी उच्च तापीय चालकता
- (b) इसका अपवर्तनांक (refractive index)
- (c) इसकी विद्युत चालकता
- (d) इसकी घनत्व
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे की चमक और दमक मुख्य रूप से उसके उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.417) के कारण होती है। यह प्रकाश को असाधारण रूप से मोड़ता और परावर्तित करता है, जिससे “फायर” (आग) नामक रंगीन चमक उत्पन्न होती है।
व्याख्या (Explanation): जबकि हीरा विद्युत का कुचालक होता है और उसकी तापीय चालकता भी उच्च होती है (कार्बन फाइबर से भी अधिक), यह गुण सीधे तौर पर उसके आभूषण के रूप में मूल्य से जुड़ा नहीं है। घनत्व भी एक गुण है, लेकिन अपवर्तनांक ही वह प्रमुख कारक है जो हीरे को इतना चमकदार और वांछनीय बनाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरा किसका एक अपरूप (allotrope) है?
- (a) सिलिकॉन
- (b) कार्बन
- (c) सल्फर
- (d) नाइट्रोजन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपररूप (allotropy) एक ही तत्व के विभिन्न रूपों को कहते हैं जो भौतिक गुणों में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन रासायनिक रूप से समान होते हैं। हीरा कार्बन का एक क्रिस्टलीय अपररूप है।
व्याख्या (Explanation): हीरा, ग्रेफाइट और फुलरीन कार्बन के प्रमुख अपररूप हैं। ये सभी कार्बन परमाणुओं से बने होते हैं, लेकिन परमाणुओं की व्यवस्था अलग-अलग होती है, जिससे उनके गुणों में भिन्नता आती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का क्रिस्टल संरचना क्या है?
- (a) फलक-केंद्रित घन (Face-Centered Cubic – FCC)
- (b) काय-केंद्रित घन (Body-Centered Cubic – BCC)
- (c) षट्कोणीय निबिड़ संकुलन (Hexagonal Close-Packed – HCP)
- (d) हीरे की संरचना (Diamond Cubic Structure)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे की क्रिस्टल संरचना को ‘हीरे की संरचना’ या ‘हीरे की जाली’ कहा जाता है, जो एक विशिष्ट प्रकार की फलक-केंद्रित घन (FCC) जाली का एक रूप है जिसमें दो इंटरपेनेट्रेटिंग FCC जाली होती हैं, जो एक टेट्राहेड्रल व्यवस्था बनाती है।
व्याख्या (Explanation): यद्यपि यह FCC पर आधारित है, इसकी विशिष्टता के कारण इसे एक अलग नाम दिया गया है। FCC में प्रत्येक परमाणु 12 पड़ोसियों से घिरा होता है, जबकि हीरे की संरचना में प्रत्येक कार्बन परमाणु 4 अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों (covalent bonds) द्वारा मजबूती से जुड़ा होता है, जो एक टेट्राहेड्रल ज्यामिति बनाते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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हीरे में कार्बन परमाणुओं के बीच किस प्रकार का बंध (bond) पाया जाता है?
- (a) आयनिक बंध (Ionic bond)
- (b) सहसंयोजक बंध (Covalent bond)
- (c) धात्विक बंध (Metallic bond)
- (d) हाइड्रोजन बंध (Hydrogen bond)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंध में, परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करके एक साथ बंधे होते हैं। यह बंध अत्यंत मजबूत होता है, जो हीरे के असाधारण कठोरता का कारण बनता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने चार संयोजी इलेक्ट्रॉनों (valence electrons) को चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ साझा करता है, जिससे प्रत्येक कार्बन परमाणु के चारों ओर एक मजबूत सहसंयोजक बंधों का टेट्राहेड्रल नेटवर्क बनता है। आयनिक बंध आयनों के बीच होते हैं, धात्विक बंध धातुओं में होते हैं, और हाइड्रोजन बंध ध्रुवीय अणुओं के बीच होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे की अत्यधिक कठोरता का मुख्य कारण क्या है?
- (a) इसकी उच्च गलनांक
- (b) इसमें मौजूद आयनिक बंध
- (c) मजबूत सहसंयोजक बंधों का त्रि-आयामी नेटवर्क
- (d) इसकी क्रिस्टलीय प्रकृति
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंध प्रकृति में बहुत मजबूत होते हैं। जब ये बंध एक त्रि-आयामी (3D) नेटवर्क में व्यवस्थित होते हैं, तो वे पदार्थ को असाधारण कठोरता प्रदान करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणु मजबूत सहसंयोजक बंधों द्वारा एक निरंतर त्रि-आयामी ग्रिड में जुड़े होते हैं। इन बंधों को तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिससे हीरा सबसे कठोर प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थों में से एक बन जाता है। आयनिक बंध, धात्विक बंध या केवल क्रिस्टलीय प्रकृति इतनी कठोरता प्रदान नहीं करते।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का रासायनिक सूत्र क्या है?
- (a) CO
- (b) CO₂
- (c) C
- (d) CH₄
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र किसी यौगिक में मौजूद तत्वों के प्रतीकों और उनकी संख्याओं को दर्शाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा शुद्ध कार्बन का एक रूप है, इसलिए इसका रासायनिक सूत्र केवल ‘C’ है। CO कार्बन मोनोऑक्साइड है, CO₂ कार्बन डाइऑक्साइड है, और CH₄ मीथेन है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरा बिजली का सुचालक है या कुचालक?
- (a) सुचालक (Conductor)
- (b) कुचालक (Insulator)
- (c) अर्धचालक (Semiconductor)
- (d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता उन पदार्थों में होती है जिनमें मुक्त इलेक्ट्रॉन या आयन होते हैं जो विद्युत आवेश को ले जा सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणुओं के चारों संयोजी इलेक्ट्रॉन मजबूत सहसंयोजक बंधों में बंधे होते हैं और मुक्त रूप से घूमने के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं। इसलिए, हीरा विद्युत का एक उत्कृष्ट कुचालक (insulator) है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का गलनांक (melting point) बहुत अधिक क्यों होता है?
- (a) क्योंकि इसमें आयनिक बंध होते हैं
- (b) क्योंकि सहसंयोजक बंधों को तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है
- (c) क्योंकि यह बहुत भारी होता है
- (d) क्योंकि यह एक गैस है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का गलनांक उन बंधों की मजबूती पर निर्भर करता है जो उसके कणों को एक साथ रखते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधों का एक विशाल नेटवर्क होता है। इन बंधों को तोड़ने और पदार्थ को पिघलाने के लिए बहुत अधिक ऊष्मा ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इस कारण हीरे का गलनांक बहुत अधिक होता है (लगभग 3550 °C वायुमंडलीय दबाव पर, हालांकि यह विघटित हो जाता है)।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे को किस प्रकार के दबाव और तापमान की स्थिति में बनाया जाता है?
- (a) कम दबाव, उच्च तापमान
- (b) उच्च दबाव, कम तापमान
- (c) उच्च दबाव, उच्च तापमान
- (d) कम दबाव, कम तापमान
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी के मैंटल में अत्यधिक उच्च दबाव और तापमान की स्थितियों में बनते हैं। कृत्रिम हीरे भी इन्हीं सिद्धांतों का पालन करते हुए बनाए जाते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्राकृतिक हीरे पृथ्वी की सतह से लगभग 150-200 किलोमीटर नीचे पाए जाते हैं, जहाँ दबाव लगभग 5-6 GPa (गीगापास्कल) और तापमान 900-1300 °C (1652-2372 °F) होता है। औद्योगिक रूप से हीरे बनाने की प्रक्रियाएं (जैसे HPHT – High-Pressure High-Temperature) भी समान स्थितियों का उपयोग करती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे को काटने और तराशने के लिए किसका उपयोग किया जाता है?
- (a) नरम धातु
- (b) हीरे के पाउडर या अन्य हीरे
- (c) प्लास्टिक
- (d) पानी
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle):Mohs कठोरता पैमाने पर, हीरा 10 के साथ सबसे कठोर पदार्थ है। इसे केवल स्वयं से या उसी कठोरता वाले पदार्थ से काटा जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की अत्यधिक कठोरता के कारण, इसे केवल हीरे या हीरे के पाउडर युक्त औजारों से ही काटा, तराशा और पॉलिश किया जा सकता है। यह एक स्व-शासक (self-ruling) सिद्धांत है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा भौतिकी का एक क्षेत्र है जो हीरे के ऑप्टिकल गुणों (जैसे चमक) का अध्ययन करता है?
- (a) थर्मोडायनामिक्स
- (b) प्रकाशिकी (Optics)
- (c) ध्वनिकी (Acoustics)
- (d) विद्युत चुंबकत्व (Electromagnetism)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाशिकी भौतिकी की वह शाखा है जो प्रकाश के व्यवहार और गुणों का अध्ययन करती है, जिसमें प्रकाश का परावर्तन, अपवर्तन और फैलाव शामिल है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की चमक, “फायर” (रंगों का बिखराव) और “ब्रिलियंस” (चमक) मुख्य रूप से प्रकाश के उसके अपवर्तनांक, प्रकाश के फैलाव (dispersion) और कुल आंतरिक परावर्तन (total internal reflection) के कारण होते हैं। ये सभी प्रकाशिकी के अध्ययन क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कार्बन का वह अपरूप कौन सा है जो विद्युत का सुचालक होता है और स्नेहक (lubricant) के रूप में प्रयोग किया जाता है?
- (a) हीरा
- (b) ग्रेफाइट
- (c) बकमिंस्टरफुलरीन
- (d) कोयला
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ग्रेफाइट में कार्बन परमाणु परतों में व्यवस्थित होते हैं, और इन परतों के बीच कमजोर वान डेर वाल्स बल होते हैं। प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक रूप से बंधा होता है, जिससे प्रत्येक परमाणु के पास एक मुक्त इलेक्ट्रॉन होता है जो परत के भीतर गति कर सकता है।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट, हीरे के विपरीत, विद्युत का सुचालक है क्योंकि इसमें delocalized π-electrons होते हैं जो परतों के भीतर आसानी से चल सकते हैं। इसकी परतों के बीच कमजोर बंधन इसे फिसलने की अनुमति देते हैं, जो इसे एक उत्कृष्ट स्नेहक बनाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का उपयोग किस प्रकार के कटिंग टूल्स में किया जाता है?
- (a) लकड़ी काटने के लिए
- (b) धातु की मशीनिंग के लिए
- (c) कंक्रीट और पत्थर काटने के लिए
- (d) कागज काटने के लिए
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीरे की अत्यधिक कठोरता इसे ऐसे पदार्थों को काटने के लिए आदर्श बनाती है जो सामान्य सामग्री से बहुत कठोर होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की कठोरता इसे कंक्रीट, पत्थर, कांच और सिरेमिक जैसी कठोर सामग्रियों को काटने, ड्रिल करने और पॉलिश करने के लिए उपयोग किए जाने वाले कटिंग डिस्क, ड्रिल बिट्स और सैंडिंग उपकरणों में एक लोकप्रिय विकल्प बनाती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का एक प्रमुख रासायनिक गुण क्या है जो उसे खरोंच के प्रतिरोधी बनाता है?
- (a) उसकी धात्विक प्रकृति
- (b) उसके आयनिक यौगिक
- (c) मजबूत और स्थिर सहसंयोजक बंध
- (d) मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थ की कठोरता सीधे तौर पर उसके परमाणुओं को एक साथ रखने वाले बंधों की मजबूती से संबंधित होती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे के त्रि-आयामी नेटवर्क में कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंध अत्यंत मजबूत और स्थिर होते हैं। इन बंधों को तोड़ना मुश्किल होता है, जिसके कारण हीरा खरोंच के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी होता है, जिसे Mohs पैमाने पर 10 के रूप में मापा जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का एक सामान्य उपयोग जो उसके ऑप्टिकल गुणों पर आधारित नहीं है, वह क्या है?
- (a) आभूषण
- (b) कटिंग और ग्राइंडिंग उपकरण
- (c) उच्च-दाब प्रयोग
- (d) वैज्ञानिक उपकरण (जैसे माइक्रोस्कोपी के लिए खिड़कियाँ)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न अनुप्रयोगों में पदार्थ के विशिष्ट गुणों का उपयोग किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): जबकि आभूषण (a), वैज्ञानिक उपकरण (d) हीरे के ऑप्टिकल गुणों (चमक, पारदर्शिता) का उपयोग करते हैं, और उच्च-दाब प्रयोग (c) उसकी कठोरता और स्थिरता का, कटिंग और ग्राइंडिंग उपकरण (b) मुख्य रूप से उसकी **कठोरता** का उपयोग करते हैं, न कि उसके ऑप्टिकल गुणों का।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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क्या कृत्रिम रूप से बनाए गए हीरे प्राकृतिक हीरे से रासायनिक रूप से भिन्न होते हैं?
- (a) हाँ, कृत्रिम हीरे में कार्बन की मात्रा कम होती है
- (b) नहीं, दोनों रासायनिक रूप से समान होते हैं (शुद्ध कार्बन)
- (c) हाँ, कृत्रिम हीरे में अन्य तत्व अशुद्धियों के रूप में होते हैं
- (d) हाँ, कृत्रिम हीरे का क्रिस्टल ढांचा अलग होता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कृत्रिम हीरे बनाने की प्रक्रिया का उद्देश्य प्रकृति में पाए जाने वाले समान क्रिस्टल संरचना और रासायनिक संरचना वाले कार्बन का उत्पादन करना है।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे, जैसे कि HPHT (High-Pressure High-Temperature) या CVD (Chemical Vapor Deposition) विधियों द्वारा बनाए गए, रासायनिक रूप से प्राकृतिक हीरे के समान ही शुद्ध कार्बन (C) होते हैं और उनकी क्रिस्टल संरचना भी समान होती है। उनमें रंगीनता या अन्य गुण लाने के लिए जानबूझकर अशुद्धियाँ (जैसे नाइट्रोजन या बोरॉन) मिलाई जा सकती हैं, लेकिन मूल रूप से वे समान हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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भौतिकी में, हीरे का उपयोग निम्न में से किस प्रकार के वैज्ञानिक उपकरण में किया जाता है?
- (a) स्पेक्ट्रोस्कोप
- (b) लेजर
- (c) एक्सरे विवर्तन (X-ray diffraction) के लिए खिड़कियाँ
- (d) माइक्रोस्कोप के लेंस
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ पदार्थ विशेष तरंग दैर्ध्य (wavelengths) के विकिरण के प्रति पारदर्शी होते हैं और अत्यधिक दबाव का सामना कर सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे की कठोरता, पारदर्शिता (विशेष रूप से एक्स-रे के लिए) और उच्च तापीय चालकता इसे उच्च-दबाव सेल (diamond anvil cells) के लिए आदर्श बनाती है, जो एक्स-रे विवर्तन जैसे प्रयोगों में उपयोग किए जाते हैं। वे एक्स-रे को अवशोषित या बिखेरते नहीं हैं, जिससे सटीक माप की अनुमति मिलती है। माइक्रोस्कोप लेंस आमतौर पर कांच या प्लास्टिक से बने होते हैं, और लेजर और स्पेक्ट्रोस्कोप विभिन्न सामग्रियों का उपयोग करते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान में, हीरे को एक ______ माना जाता है।
- (a) यौगिक (Compound)
- (b) मिश्रण (Mixture)
- (c) तत्व (Element)
- (d) मिश्र धातु (Alloy)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एक तत्व एक शुद्ध पदार्थ होता है जो केवल एक प्रकार के परमाणु से बना होता है और इसे रासायनिक या भौतिक साधनों द्वारा सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): हीरा पूरी तरह से कार्बन परमाणुओं से बना होता है। कार्बन एक रासायनिक तत्व है, और हीरा इसका एक क्रिस्टलीय रूप है। यौगिकों में दो या दो से अधिक तत्व रासायनिक रूप से जुड़े होते हैं, मिश्रणों में पदार्थ भौतिक रूप से मिश्रित होते हैं, और मिश्र धातु धातुओं के मिश्रण होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे का उपयोग किस चिकित्सा प्रक्रिया में किया जाता है?
- (a) एक्स-रे इमेजिंग
- (b) अल्ट्रासाउंड
- (c) डायमंड निहाई कोशिकाओं (diamond anvil cells) का उपयोग करके उच्च-दबाव पर दवाओं का अध्ययन
- (d) एमआरआई
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थ की संरचना और गुण चरम स्थितियों में बदल सकते हैं, और इसका अध्ययन नई दवाओं के विकास में मदद कर सकता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उपयोग डायमंड निहाई कोशिकाओं (DACs) में किया जाता है, जो बहुत उच्च दबाव उत्पन्न कर सकती हैं। इन कोशिकाओं का उपयोग यह अध्ययन करने के लिए किया जाता है कि उच्च दबाव में दवाएं और अन्य यौगिक कैसे व्यवहार करते हैं, जो नई दवाओं के डिजाइन और समझ में मदद कर सकता है। अन्य विकल्प (एक्स-रे इमेजिंग, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई) आमतौर पर हीरे का प्रत्यक्ष उपयोग नहीं करते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे के एक ग्राम को पूरी तरह से जलाने पर, क्या उत्पाद बनेगा?
- (a) पानी
- (b) कार्बन मोनोऑक्साइड
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड
- (d) कोयला (बिना जला हुआ)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): दहन (combustion) एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ ऑक्सीजन के साथ तेजी से प्रतिक्रिया करके ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न करता है। कार्बन-आधारित पदार्थ ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके कार्बन ऑक्साइड बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): जब शुद्ध कार्बन (जैसे हीरा) पर्याप्त ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलता है, तो यह कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) बनाता है। रासायनिक समीकरण C + O₂ → CO₂ है। यदि ऑक्सीजन सीमित हो, तो कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) भी बन सकता है, लेकिन पूर्ण दहन (complete combustion) से CO₂ बनता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हीरे की संरचना में sp³ हाइब्रिडाइजेशन (संकरण) का क्या महत्व है?
- (a) यह हीरे को विद्युत का सुचालक बनाता है
- (b) यह हीरे को मुलायम बनाता है
- (c) यह टेट्राहेड्रल ज्यामिति और अत्यधिक कठोरता प्रदान करता है
- (d) यह हीरे को रंगीन बनाता है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): sp³ संकरण में, एक s ऑर्बिटल और तीन p ऑर्बिटल्स मिलकर चार समान sp³ हाइब्रिड ऑर्बिटल्स बनाते हैं, जो एक दूसरे से 109.5° के कोण पर टेट्राहेड्रल रूप से व्यवस्थित होते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु sp³ संकरणित होता है, जिससे चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ चार सिग्मा (σ) सहसंयोजक बंध बनते हैं। ये बंध एक त्रि-आयामी टेट्राहेड्रल नेटवर्क बनाते हैं, जो हीरे की असाधारण कठोरता, उच्च गलनांक और स्थिरता के लिए जिम्मेदार है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, “डायमंड” शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में किया जा सकता है?
- (a) कोशिका विभाजन
- (b) डीएनए संरचना
- (c) विटामिन डी का रासायनिक नाम
- (d) शरीर की कठोरतम ऊतक (हड्डी या दंतवल्क)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): शरीर में विभिन्न ऊतक होते हैं जिनके अपने विशेष गुण होते हैं।
व्याख्या (Explanation): जबकि “डायमंड” शब्द सीधे तौर पर किसी जैविक प्रक्रिया का नाम नहीं है, शरीर का सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ दंतवल्क (enamel) है, जो दांतों को ढकने वाली परत है। यह मुख्य रूप से कैल्शियम फास्फेट (हाइड्रॉक्सीपैटाइट) से बना होता है और इसकी कठोरता हीरे जैसी मानी जाती है। कोशिका विभाजन, डीएनए संरचना और विटामिन डी के रासायनिक नाम का “डायमंड” से कोई सीधा संबंध नहीं है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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डायमंड निहाई सेल (Diamond Anvil Cell – DAC) का उपयोग किस वैज्ञानिक क्षेत्र में होता है?
- (a) खगोल विज्ञान
- (b) भूविज्ञान (Geology) और पदार्थ विज्ञान (Materials Science)
- (c) पारिस्थितिकी (Ecology)
- (d) चिकित्सा निदान
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): DACs बहुत उच्च दबाव उत्पन्न कर सकते हैं, जो पृथ्वी के आंतरिक भाग या अन्य ग्रह प्रणालियों की स्थितियों की नकल करने या नई सामग्री के गुणों का अध्ययन करने के लिए उपयोगी होते हैं।
व्याख्या (Explanation): DACs का व्यापक रूप से भूविज्ञान और पदार्थ विज्ञान में उपयोग किया जाता है ताकि बहुत उच्च दबाव (लाखों वायुमंडलीय दबाव तक) के तहत सामग्री के व्यवहार का अध्ययन किया जा सके। यह पृथ्वी के कोर में खनिजों के व्यवहार को समझने या दबाव में नए पदार्थों के गुणों की खोज करने में मदद करता है। खगोल विज्ञान में अप्रत्यक्ष अनुप्रयोग हो सकते हैं, लेकिन सीधा उपयोग भूविज्ञान और पदार्थ विज्ञान में है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे का तापीय फैलाव गुणांक (coefficient of thermal expansion) क्या है?
- (a) बहुत उच्च
- (b) बहुत कम
- (c) मध्यम
- (d) शून्य
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): तापीय फैलाव गुणांक मापता है कि तापमान में परिवर्तन के साथ कोई पदार्थ कितना फैलता या सिकुड़ता है। यह सामग्री के भीतर परमाणुओं को एक साथ रखने वाले बंधों की मजबूती से संबंधित है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में मजबूत सहसंयोजक बंधों के कारण, तापमान में वृद्धि के साथ परमाणुओं का कंपन बहुत अधिक नहीं बढ़ता है, जिससे इसका तापीय फैलाव गुणांक बहुत कम होता है। इसका मतलब है कि तापमान परिवर्तन होने पर यह न्यूनतम रूप से फैलता या सिकुड़ता है, जो इसे कुछ अनुप्रयोगों के लिए उपयोगी बनाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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हीरे में मौजूद अशुद्धियाँ (जैसे नाइट्रोजन) उसके किस गुण को प्रभावित कर सकती हैं?
- (a) कठोरता
- (b) चालकता
- (c) रंग
- (d) घनत्व
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थ के रंग अक्सर उसमें मौजूद अशुद्धियों या क्रिस्टल संरचना में दोषों के कारण होते हैं जो प्रकाश के अवशोषण और परावर्तन को प्रभावित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): जबकि अशुद्धियाँ हीरे की कठोरता, चालकता (यह अभी भी एक कुचालक रहेगा) या घनत्व को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं करती हैं, वे उसके रंग को बहुत प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, नाइट्रोजन की उपस्थिति हीरे को पीला या भूरा रंग दे सकती है, जबकि बोरॉन की उपस्थिति इसे नीला रंग दे सकती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।