संविधानिक महारथी बनें: दैनिक परीक्षा
आइए, भारतीय लोकतंत्र की नींव और हमारी शासन प्रणाली की बारीकियों में गोता लगाएँ! आज का दिन है अपनी संवैधानिक समझ को परखने का। ये 25 प्रश्न आपके ज्ञान की कसौटी पर खरे उतरने और पॉलिटी के हर पहलू में अपनी महारत साबित करने का सुनहरा अवसर हैं। तो, कमर कस लीजिए और शुरू हो जाइए!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ शब्द किस संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) और ‘अखंडता’ (Integrity) शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारत के संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया था। यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार के दौरान किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: ये शब्द भारतीय गणराज्य की प्रकृति को दर्शाने के लिए जोड़े गए थे। ‘समाजवादी’ का अर्थ है कि राज्य जनता के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक और आर्थिक समानता प्राप्त करने का प्रयास करेगा।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन (1985) ने दलबदल विरोधी प्रावधानों को जोड़ा। 74वां संशोधन (1992) ने नगर पालिकाओं को संवैधानिक दर्जा दिया।
प्रश्न 2: भारत के राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों को किस देश के संविधान से प्रेरित माना जाता है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- जर्मनी
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के संविधान में राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों (राष्ट्रीय आपातकाल, अनुच्छेद 352; राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता, अनुच्छेद 356; और वित्तीय आपातकाल, अनुच्छेद 360) का प्रावधान जर्मनी के वाइमर संविधान (Weimar Constitution) से प्रेरित है।
- संदर्भ और विस्तार: जर्मनी के संविधान ने युद्ध या आंतरिक अशांति के समय नागरिक स्वतंत्रता को निलंबित करने की शक्ति प्रदान की थी, जिससे प्रेरित होकर भारतीय संविधान निर्माताओं ने यह व्यवस्था की।
- गलत विकल्प: अमेरिका का संविधान शक्तियों के पृथक्करण और न्यायिक समीक्षा के लिए जाना जाता है। कनाडा का संविधान एकात्मक झुकाव वाली संघीय प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है। ऑस्ट्रेलिया का संविधान प्रस्तावना, समवर्ती सूची और व्यापार की स्वतंत्रता जैसे प्रावधानों के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सी रिट जारी करके कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति को उस पद की वैद्यता को चुनौती दे सकता है?
- परमादेश (Mandamus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘अधिकार-पृच्छा’ (Quo Warranto) का अर्थ है ‘किस अधिकार से’। इस रिट का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी ऐसे सार्वजनिक पद पर बैठ जाता है, जिसके लिए वह योग्य नहीं है। इसके द्वारा अदालत उस व्यक्ति से पद की वैधता के बारे में पूछ सकती है। यह शक्ति सुप्रीम कोर्ट को अनुच्छेद 32 और हाई कोर्ट को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: इस रिट का उद्देश्य सार्वजनिक पदों के दुरुपयोग को रोकना है।
- गलत विकल्प: ‘परमादेश’ किसी लोक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देता है। ‘प्रतिषेध’ किसी अधीनस्थ न्यायालय या प्राधिकरण को अपनी अधिकार-सीमा से बाहर कार्य करने से रोकता है। ‘उत्प्रेषण’ किसी निचले न्यायालय या प्राधिकरण के किसी निर्णय को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है।
प्रश्न 4: भारतीय संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?
- भारत का राष्ट्रपति
- भारत का उपराष्ट्रपति
- लोकसभा का अध्यक्ष (Speaker)
- राज्यसभा का सभापति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 108 के तहत, जब किसी विधेयक पर गतिरोध की स्थिति होती है, तो राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाता है। इस संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोकसभा का अध्यक्ष (Speaker) करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यदि अध्यक्ष अनुपस्थित हो, तो लोकसभा का उपाध्यक्ष और उसकी अनुपस्थिति में, राज्यसभा का उपाध्यक्ष संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करता है।
- गलत विकल्प: भारत का राष्ट्रपति संयुक्त बैठक बुलाता है, लेकिन उसकी अध्यक्षता नहीं करता। उपराष्ट्रपति (जो राज्यसभा का पदेन सभापति होता है) भी अध्यक्षता नहीं करता।
प्रश्न 5: भारत में ‘नियोजित अर्थव्यवस्था’ का विचार किस मॉडल से लिया गया है?
- अमेरिकी मॉडल
- ब्रिटिश मॉडल
- सोवियत संघ मॉडल
- फ्रांसीसी मॉडल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: भारत में नियोजित अर्थव्यवस्था (Planned Economy) का विचार, जिसमें पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से आर्थिक विकास को निर्देशित किया जाता है, सोवियत संघ (USSR) के मॉडल से प्रेरित है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत ने अपनी पहली पंचवर्षीय योजना 1951 में शुरू की थी, जिसे सोवियत मॉडल की तर्ज पर तैयार किया गया था। यह मॉडल केंद्रीय योजना और भारी उद्योगों पर जोर देता था।
- गलत विकल्प: अमेरिकी मॉडल मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था पर आधारित है। ब्रिटिश मॉडल संसदीय प्रणाली और मिश्रित अर्थव्यवस्था का मिश्रण है। फ्रांसीसी मॉडल भी नियोजित अर्थव्यवस्था का एक रूप है, लेकिन भारत पर सोवियत प्रभाव अधिक प्रत्यक्ष था।
प्रश्न 6: दल-बदल के आधार पर किसी सदस्य की अयोग्यता संबंधी उपबंध भारतीय संविधान की किस अनुसूची में है?
- सातवीं अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुसूची संदर्भ: दल-बदल के आधार पर संसद या राज्य विधानमंडल के सदस्यों की अयोग्यता संबंधी प्रावधान भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची में दिए गए हैं। इस अनुसूची को 52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुसूची का उद्देश्य विधायकों को दल-बदल करने से रोकना है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता कम हो सके।
- गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों से संबंधित है। आठवीं अनुसूची मान्यता प्राप्त भाषाओं से संबंधित है। नौवीं अनुसूची भूमि सुधारों से संबंधित कुछ अधिनियमों के सत्यापन से संबंधित है।
प्रश्न 7: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- कानून मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 76(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और वे सभी उच्च न्यायालयों में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी नियुक्ति योग्यता सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने के योग्य व्यक्ति की होनी चाहिए।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री केवल सलाह दे सकते हैं, नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। मुख्य न्यायाधीश या कानून मंत्री की नियुक्ति में भूमिका नहीं होती।
प्रश्न 8: किस संवैधानिक संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को भारतीय संविधान में भाग IX और नई अनुसूची 11 जोड़कर संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
- संदर्भ और विस्तार: इसने पंचायती राज को स्थानीय स्वशासन की एक इकाई के रूप में स्थापित किया, जिससे उन्हें अपने स्तर पर कार्य करने के लिए अधिकार और जिम्मेदारियां मिलीं।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 64वें और 65वें संशोधन क्रमशः पंचायती राज और नगर पालिकाओं को संवैधानिक दर्जा देने के प्रयास थे, लेकिन वे पारित नहीं हो सके।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
- भेदभाव के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 15)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, 16, 19, 29 और 30 में निहित अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं, विदेशियों को नहीं। अनुच्छेद 15 के अनुसार, राज्य किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: ये अनुच्छेद भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करते हैं और उन्हें विशेष अधिकार प्रदान करते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) नागरिकों और विदेशियों दोनों के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) भी सभी व्यक्तियों के लिए है, हालांकि कुछ सीमाएं विदेशियों पर लागू हो सकती हैं।
प्रश्न 10: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) किसके प्रति उत्तरदायी होता है?
- राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- संसद
- सर्वोच्च न्यायालय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अनुच्छेद 148 के तहत नियुक्त किया जाता है। CAG अपनी वार्षिक लेखापरीक्षा रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है, जिसे राष्ट्रपति संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखता है। इस प्रकार, CAG परोक्ष रूप से संसद के प्रति उत्तरदायी होता है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG सरकार के व्यय का लेखापरीक्षा करता है और सार्वजनिक धन के संरक्षक के रूप में कार्य करता है।
- गलत विकल्प: CAG सीधे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या सर्वोच्च न्यायालय के प्रति उत्तरदायी नहीं होता, बल्कि अपनी रिपोर्ट संसद के माध्यम से प्रस्तुत करता है, जहाँ उसकी कार्यवाही और जवाबदेही होती है।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा 22वीं अनुसूची में शामिल नहीं है?
- डोगरी
- संथाली
- राजस्थानी
- बोडो
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुसूची संदर्भ: भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक भाषाएँ सूचीबद्ध हैं। ये भाषाएँ हैं: असमिया, बांग्ला, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू। राजस्थानी इनमें शामिल नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली को 92वें संशोधन अधिनियम, 2004 द्वारा जोड़ा गया था। सिंधी को 21वें संशोधन द्वारा और कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली को 71वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया था।
- गलत विकल्प: डोगरी, संथाली और बोडो आठवीं अनुसूची में शामिल हैं।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ (Justice) का उल्लेख किस रूप में किया गया है?
- केवल सामाजिक
- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
- केवल आर्थिक और राजनीतिक
- सामाजिक और आर्थिक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: भारत की संविधान की प्रस्तावना तीन प्रकार के न्याय का उल्लेख करती है: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक।
- संदर्भ और विस्तार: ये न्याय के रूप सुनिश्चित करते हैं कि सभी नागरिकों को समान अवसर मिलें और समाज के किसी भी वर्ग के साथ कोई भेदभाव न हो, चाहे वह सामाजिक स्थिति, आर्थिक स्थिति या राजनीतिक भागीदारी के आधार पर हो।
- गलत विकल्प: प्रस्तावना में तीनों प्रकार के न्याय का समग्र रूप से उल्लेख है।
प्रश्न 13: अनुच्छेद 368 किस विषय से संबंधित है?
- भारत की आकस्मिकता निधि
- संसद द्वारा संविधान के संशोधन की प्रक्रिया
- राज्यों का निर्माण
- नागरिकता
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 368 संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति और प्रक्रिया प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद संविधान के विभिन्न भागों में संशोधन की अनुमति देता है, लेकिन कुछ मूल ढाँचे (Basic Structure) को नहीं बदला जा सकता, जैसा कि केशवानंद भारती मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया था।
- गलत विकल्प: आकस्मिकता निधि अनुच्छेद 267 में है। राज्यों का निर्माण अनुच्छेद 2 या 3 में है। नागरिकता भाग II में है।
प्रश्न 14: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष का कार्यकाल कितना होता है?
- 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
- 3 वर्ष या 70 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
- 4 वर्ष या 60 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
- 6 वर्ष या 70 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल पद ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष या 70 वर्ष की आयु, इनमें से जो भी पहले हो, तक होता है।
- संदर्भ और विस्तार: NHRC एक वैधानिक निकाय है जिसे मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत स्थापित किया गया था। इसके अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश होता है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प कार्यकाल की गलत अवधि बताते हैं।
प्रश्न 15: अनुच्छेद 19 के तहत विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में क्या शामिल नहीं है?
- शांतिपूर्ण विरोध करने का अधिकार
- सूचना का अधिकार
- मौन रहने का अधिकार
- हड़ताल करने का अधिकार
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में शांतिपूर्ण विरोध करने का अधिकार, सूचना का अधिकार, और मौन रहने का अधिकार शामिल है (जैसा कि सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों में स्पष्ट हुआ है)। हालाँकि, इसमें बिना शर्त हड़ताल करने का अधिकार शामिल नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत अधिकारों पर उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। हड़ताल करने का अधिकार एक मौलिक अधिकार नहीं है, हालांकि काम करने वालों को कुछ सामूहिक सौदेबाजी के अधिकार हो सकते हैं।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत स्पष्ट रूप से मान्यता प्राप्त हैं।
प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा भारतीय संविधान का एक एकात्मक लक्षण है?
- दोहरी नागरिकता
- शक्तियों का विभाजन
- एकल संविधान
- स्वतंत्र न्यायपालिका
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: एकल संविधान (Single Constitution) भारतीय संघ प्रणाली का एक एकात्मक लक्षण है। जबकि अमेरिका जैसे संघों में संघीय और राज्य सरकारों के लिए अलग-अलग संविधान होते हैं, भारत में एक ही संविधान पूरे देश पर लागू होता है।
- संदर्भ और विस्तार: अन्य एकात्मक लक्षणों में एकीकृत न्यायपालिका, अखिल भारतीय सेवाएँ, राज्यपाल की नियुक्ति, आपातकालीन प्रावधान, एकल नागरिकता आदि शामिल हैं।
- गलत विकल्प: दोहरी नागरिकता (जैसे अमेरिका में) संघात्मक लक्षण है। शक्तियों का विभाजन (Federalism) संघात्मकता का मूल है। स्वतंत्र न्यायपालिका (जबकि महत्वपूर्ण है) संघात्मक और एकात्मक दोनों प्रणालियों में हो सकती है, लेकिन यहाँ एकल संविधान अधिक विशिष्ट एकात्मक विशेषता है।
प्रश्न 17: भारत के उपराष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए प्रस्ताव कहाँ पेश किया जा सकता है?
- केवल लोकसभा में
- केवल राज्यसभा में
- दोनों सदनों में से किसी में भी
- किसी भी सदन में नहीं, केवल महाभियोग द्वारा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(b) के अनुसार, उपराष्ट्रपति को उनके पद से हटाने के लिए संकल्प (resolution) केवल राज्यसभा में ही प्रस्तावित किया जा सकता है। इस संकल्प को उस समय राज्यसभा के सभी सदस्यों के बहुमत द्वारा पारित होना चाहिए और लोकसभा के तत्कालीन सभी सदस्यों के पूर्ण बहुमत द्वारा समर्थित होना चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: यह इस तथ्य को दर्शाता है कि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति को महाभियोग द्वारा हटाया जाता है। उपराष्ट्रपति के मामले में, प्रस्ताव विशेष रूप से राज्यसभा में शुरू होना चाहिए।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) शब्द का क्या अर्थ है?
- सभी नागरिकों के बीच प्रेम और सौहार्द की भावना
- सभी नागरिकों का समान सम्मान
- सामाजिक न्याय की स्थापना
- धार्मिक सहिष्णुता
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का उद्देश्य देश के लोगों के बीच भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिक एक-दूसरे के प्रति सौहार्द और प्रेम का भाव रखें।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना यह भी सुनिश्चित करती है कि बंधुत्व, व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने वाली बंधुता को बढ़ावा दे।
- गलत विकल्प: सभी नागरिकों का समान सम्मान (व्यक्ति की गरिमा) बंधुत्व का हिस्सा है, लेकिन बंधुत्व का मुख्य अर्थ भाईचारा है। सामाजिक न्याय और धार्मिक सहिष्णुता प्रस्तावना के अन्य मूल्यों से संबंधित हैं।
प्रश्न 19: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) को किस भाग में शामिल किया गया है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IV-A
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (Directive Principles of State Policy – DPSP) को भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक शामिल किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: ये तत्व कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए मार्गदर्शन सिद्धांत प्रदान करते हैं और संविधान निर्माताओं का उद्देश्य था कि सरकारें नीतियों को बनाते समय इनका पालन करें।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारत के राष्ट्रपति के संबंध में असत्य है?
- वह भारत का प्रथम नागरिक होता है।
- वह संघ की कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग करता है।
- वह संसद का एक अविभाज्य अंग है।
- वह सभी आपातकालीन घोषणाएं करता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति भारत का प्रथम नागरिक होता है (यह एक परम्परा है)। वह संसद का एक अविभाज्य अंग है (अनुच्छेद 79)। वह सभी आपातकालीन घोषणाएं करता है (अनुच्छेद 352, 356, 360)। हालाँकि, वह संघ की कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग *सीधे* नहीं करता, बल्कि अपने अधीनस्थ अधिकारियों, विशेषकर मंत्रिपरिषद के माध्यम से करता है (अनुच्छेद 53)।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 53 के अनुसार, संघ की कार्यकारी शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी और वह इसका प्रयोग या तो सीधे या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से करेगा। वास्तव में, मंत्रिपरिषद (प्रधानमंत्री के नेतृत्व में) राष्ट्रपति के नाम पर इन शक्तियों का प्रयोग करती है।
- गलत विकल्प: विकल्प (b) असत्य है क्योंकि राष्ट्रपति कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग मंत्रिपरिषद की सलाह पर करता है, न कि सीधे अपने स्वयं के निर्णय से।
प्रश्न 21: भारत में ‘नागरिकों के मौलिक कर्तव्य’ किस संशोधन द्वारा जोड़े गए?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान में एक नए भाग (भाग IVA) और अनुच्छेद 51A को जोड़कर शामिल किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया था। यह मौलिक कर्तव्यों को नागरिकों के लिए एक अनुस्मारक के रूप में जोड़ा गया था ताकि वे राष्ट्र निर्माण और एकता में योगदान दें।
- गलत विकल्प: अन्य संशोधन अन्य महत्वपूर्ण प्रावधानों से संबंधित हैं।
प्रश्न 22: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सदस्यों को कैसे हटाया जा सकता है?
- प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा
- राष्ट्रपति द्वारा दुराचार या अक्षमता के आधार पर, सर्वोच्च न्यायालय की जाँच के बाद
- लोकसभा द्वारा महाभियोग प्रस्ताव पारित करके
- सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सीधे आदेश द्वारा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों को अनुच्छेद 317 के अनुसार, दुराचार (misconduct) या अक्षमता (infirmity of mind or body) के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है। इस प्रक्रिया में, राष्ट्रपति मामले को सर्वोच्च न्यायालय को जाँच के लिए भेजते हैं, और न्यायालय की रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रपति कार्रवाई कर सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करता है कि UPSC जैसे महत्वपूर्ण निकाय की निष्पक्षता बनी रहे।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सलाह दे सकते हैं, लेकिन सीधे नहीं हटा सकते। लोकसभा द्वारा महाभियोग केवल राष्ट्रपति, न्यायाधीशों आदि के लिए होता है। सर्वोच्च न्यायालय सीधे हटाने का आदेश नहीं देता, बल्कि जाँच करता है।
प्रश्न 23: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समानता’ (Equality) का अर्थ है:
- सभी के लिए समान अवसर
- सभी के लिए समान अधिकार
- समाज में विशेषाधिकारों की समाप्ति
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में समानता शब्द का अर्थ है कि राज्य सभी नागरिकों के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता सुनिश्चित करेगा। इसमें सभी के लिए समान अवसर, समान अधिकार और समाज में प्रचलित किसी भी प्रकार के विशेषाधिकारों (जैसे जाति, धर्म, लिंग आदि पर आधारित) की समाप्ति शामिल है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद 14, 15, 16 में भी परिलक्षित होता है।
- गलत विकल्प: यह एक व्यापक शब्द है जो उपरोक्त सभी पहलुओं को समाहित करता है।
प्रश्न 24: वित्तीय आपातकाल की घोषणा का अनुमोदन संसद के दोनों सदनों द्वारा किस अवधि के भीतर किया जाना चाहिए?
- एक माह
- दो माह
- तीन माह
- छह माह
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 360 के तहत वित्तीय आपातकाल की घोषणा का अनुमोदन संसद के दोनों सदनों द्वारा दो माह के भीतर किया जाना चाहिए। यदि यह घोषणा सामान्य अवधि के दौरान की जाती है, तो यह दो माह के अंत तक प्रभावी रहेगी, जब तक कि ऐसी अवधि की समाप्ति से पहले संसद के दोनों सदनों द्वारा उसका अनुमोदन नहीं कर दिया जाता।
- संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करता है कि आपातकालीन शक्तियों का दुरुपयोग न हो और संसद का नियंत्रण बना रहे।
- गलत विकल्प: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) के लिए यह अवधि एक माह है, न कि दो माह।
प्रश्न 25: भारतीय संविधान में ‘सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार’ (Universal Adult Franchise) किस अनुच्छेद में निहित है?
- अनुच्छेद 326
- अनुच्छेद 325
- अनुच्छेद 324
- अनुच्छेद 327
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 326 यह प्रावधान करता है कि लोक सभा और प्रत्येक राज्य की विधान सभाओं के चुनाव ‘सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार’ के आधार पर होंगे, जिसका अर्थ है कि एक निश्चित आयु (वर्तमान में 18 वर्ष) से ऊपर का प्रत्येक नागरिक बिना किसी भेदभाव के मतदान कर सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह भारतीय लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो हर नागरिक को अपनी सरकार चुनने का अधिकार देता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 325 धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति का निर्वाचक नामावली में शामिल किए जाने के लिए अपात्र न होने और किसी विशेष वर्ग के लिए विशेष निर्वाचक नामावली न तैयार करने का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 324 चुनाव के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण की शक्ति के बारे में है (जो चुनाव आयोग से संबंधित है)। अनुच्छेद 327 विधानमंडलों के लिए निर्वाचन संबंधी मामलों के बारे में उपबंध करने की संसद की शक्ति से संबंधित है।