ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करें: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहरी समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। चाहे वह भौतिकी के नियम हों, रसायन विज्ञान के सिद्धांत हों, या जीव विज्ञान के अद्भुत तथ्य हों, इन विषयों पर आपकी पकड़ आपको दूसरों से आगे रखती है। इस अभ्यास सत्र में, हम ब्रह्मांड के शुरुआती अणुओं से लेकर जीवन के रहस्यों तक, विभिन्न क्षेत्रों से 25 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) लाए हैं, जो आपकी तैयारी को एक नई दिशा देंगे। आइए, अपनी ज्ञान की परीक्षा लें और प्रत्येक प्रश्न के पीछे छिपे विज्ञान को समझें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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ब्रह्मांड की पहली अणु के निर्माण के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा कण एक प्रोटॉन और एक न्यूट्रॉन से बना होता है?
- (a) इलेक्ट्रॉन
- (b) ड्यूटेरॉन
- (c) पॉज़िट्रॉन
- (d) न्यूट्रिनो
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाभिकीय भौतिकी और कण भौतिकी।
व्याख्या (Explanation): ड्यूटेरॉन (Deuteron) एक आइसोटोप (isotope) है जो हाइड्रोजन का एक रूप है। इसमें एक प्रोटॉन और एक न्यूट्रॉन होता है। ब्रह्मांड की शुरुआत में, पहले कुछ मिनटों के दौरान, तापमान और घनत्व ऐसे थे कि प्रोटॉन और न्यूट्रॉन मिलकर ड्यूटेरॉन बना सकते थे। यह हेलियम जैसे भारी तत्वों के संश्लेषण का पहला कदम था। इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन के चारों ओर परिक्रमा करते हैं, पॉज़िट्रॉन एंटी-इलेक्ट्रॉन है, और न्यूट्रिनो एक बहुत हल्का, तटस्थ कण है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ब्रह्मांड के प्रारंभिक दौर में निर्मित पहले तत्व को क्या कहा जाता है, जो मुख्य रूप से न्यूक्लियोसिंथेसिस (Nucleosynthesis) प्रक्रिया से बना था?
- (a) हीलियम
- (b) लिथियम
- (c) हाइड्रोजन
- (d) ऑक्सीजन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बिग बैंग न्यूक्लियोसिंथेसिस (Big Bang Nucleosynthesis)।
व्याख्या (Explanation): बिग बैंग के लगभग 3 मिनट बाद, ब्रह्मांड का तापमान इतना कम हो गया कि प्रोटॉन (हाइड्रोजन के नाभिक) संयोजित होकर ड्यूटेरॉन बना सकते थे, और फिर ये ड्यूटेरॉन मिलकर हीलियम (मुख्य रूप से हीलियम-4) और थोड़ी मात्रा में लिथियम बना सकते थे। हालांकि, ब्रह्मांड का विस्तार जारी रहा और तापमान इतना गिर गया कि ये प्रक्रियाएं रुक गईं। इसलिए, ब्रह्मांड में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला पहला तत्व हाइड्रोजन (प्रोटॉन) था, जो बिग बैंग न्यूक्लियोसिंथेसिस के दौरान बना था।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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13 अरब साल पुराने रहस्य को सुलझाने में किस प्रकार के प्रकाश का अध्ययन महत्वपूर्ण रहा है, जो ब्रह्मांड के शुरुआती क्षणों से जुड़ा है?
- (a) अवरक्त (Infrared)
- (b) पराबैंगनी (Ultraviolet)
- (c) कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB) विकिरण
- (d) गामा किरणें (Gamma Rays)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कॉस्मोलॉजी (Cosmology) और खगोल भौतिकी (Astrophysics)।
व्याख्या (Explanation): कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB) विकिरण बिग बैंग का “अवशेष” प्रकाश है, जो लगभग 380,000 वर्ष बाद ब्रह्मांड के ठंडा होने पर उत्सर्जित हुआ था। इसका अध्ययन हमें ब्रह्मांड की प्रारंभिक अवस्था, उसकी संरचना और विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देता है। यह “13-अरब-वर्षीय पहेली” को सुलझाने में महत्वपूर्ण रहा है, जो ब्रह्मांड की उम्र और संरचना से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वह पहला अणु जिसे वैज्ञानिकों ने पुन: निर्मित किया, वह हाइड्रोजन का समस्थानिक (isotope) था। इस समस्थानिक का रासायनिक सूत्र क्या है?
- (a) H₂
- (b) HD
- (c) D₂
- (d) T₂
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): समस्थानिक (Isotopes) और रासायनिक सूत्र।
व्याख्या (Explanation): ब्रह्मांड में सबसे पहले बने अणुओं में से एक ड्यूटेरियम (Deuterium) और हाइड्रोजन (Hydrogen) का संयोजन था, जिसे HD (हाइड्रोजन ड्यूटेराइड) कहा जाता है। ड्यूटेरियम हाइड्रोजन का एक समस्थानिक है जिसमें एक प्रोटॉन और एक न्यूट्रॉन होता है, जबकि सामान्य हाइड्रोजन (प्रोटियम) में केवल एक प्रोटॉन होता है। H₂ सामान्य हाइड्रोजन अणु है, D₂ ड्यूटेरियम अणु है, और T₂ ट्रिटियम अणु है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ब्रह्मांड के शुरुआती दौर में, तापमान अत्यधिक उच्च था। इस अत्यधिक ऊर्जा के कारण, पदार्थ किस अवस्था में मौजूद था?
- (a) ठोस
- (b) प्लाज्मा
- (c) तरल
- (d) गैस
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थ की अवस्थाएं और ब्रह्मांड विज्ञान।
व्याख्या (Explanation): बिग बैंग के तुरंत बाद, ब्रह्मांड इतना गर्म और घना था कि इलेक्ट्रॉन परमाणुओं से बंधे नहीं रह पाते थे। इसके बजाय, पदार्थ आयनित (ionized) अवस्था में था, जिसे प्लाज्मा कहा जाता है। प्लाज्मा इलेक्ट्रॉनों और नाभिकों का एक मिश्रण है। जैसे-जैसे ब्रह्मांड ठंडा हुआ, इलेक्ट्रॉन नाभिकों के साथ मिलकर तटस्थ परमाणु बनाने लगे।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जब ब्रह्मांड ठंडा होकर तटस्थ परमाणु बनाने लगा, तो प्रकाश (फोटॉन) पदार्थ से स्वतंत्र हो गया। इस घटना को क्या कहा जाता है?
- (a) पुनर्संयोजन (Recombination)
- (b) विखंडन (Fission)
- (c) संलयन (Fusion)
- (d) आयनीकरण (Ionization)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ब्रह्मांडीय पुनर्संयोजन (Cosmic Recombination)।
व्याख्या (Explanation): लगभग 380,000 वर्ष बाद बिग बैंग के, ब्रह्मांड का तापमान लगभग 3000 केल्विन तक गिर गया। इस तापमान पर, इलेक्ट्रॉन नाभिकों (मुख्य रूप से प्रोटॉन और हीलियम नाभिक) से जुड़कर तटस्थ परमाणु बनाने के लिए पर्याप्त धीमे हो गए। इस प्रक्रिया को पुनर्संयोजन कहा जाता है। इससे पहले, ब्रह्मांड अपारदर्शी था क्योंकि फोटॉन आवेशित कणों से लगातार टकरा रहे थे। पुनर्संयोजन के बाद, फोटॉन स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकते थे, जिससे CMB विकिरण उत्पन्न हुआ।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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वैज्ञानिकों ने जिन पहले अणुओं का पुनर्निर्माण किया, वे संभवतः ऐसे थे जिनमें निम्न में से किस तत्व के परमाणु शामिल थे?
- (a) कार्बन और ऑक्सीजन
- (b) हाइड्रोजन और हीलियम
- (c) नाइट्रोजन और कार्बन
- (d) ऑक्सीजन और नाइट्रोजन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बिग बैंग न्यूक्लियोसिंथेसिस और प्रारंभिक ब्रह्मांड रसायन विज्ञान।
व्याख्या (Explanation): बिग बैंग न्यूक्लियोसिंथेसिस के दौरान, ब्रह्मांड में मुख्य रूप से हाइड्रोजन (92%) और हीलियम (7%) थे, जिसमें लिथियम की बहुत थोड़ी मात्रा थी। इसलिए, ब्रह्मांड के शुरुआती क्षणों में बने पहले अणु मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम से बने थे, जैसे HD, H₂, HeH⁺ (हीलियम हाइड्राइड आयन), और संभवतः H₃⁺ (ट्राईहाइड्रोजन कैटायन)। कार्बन, नाइट्रोजन, और ऑक्सीजन जैसे भारी तत्व बाद में तारों के अंदर बने।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को एक साथ बांधे रखने वाला बल कौन सा है?
- (a) विद्युत चुम्बकीय बल
- (b) दुर्बल नाभिकीय बल
- (c) गुरुत्वाकर्षण बल
- (d) प्रबल नाभिकीय बल
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाभिकीय भौतिकी और मौलिक बल।
व्याख्या (Explanation): प्रबल नाभिकीय बल (Strong Nuclear Force) वह मौलिक बल है जो क्वार्क को एक साथ बांधकर प्रोटॉन और न्यूट्रॉन बनाता है, और प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन को परमाणु के नाभिक में एक साथ बांधता है। यह विद्युत चुम्बकीय बल से बहुत अधिक शक्तिशाली होता है, जो प्रोटॉन के बीच प्रतिकर्षण पैदा करता है। दुर्बल नाभिकीय बल रेडियोधर्मी क्षय के लिए जिम्मेदार है, और गुरुत्वाकर्षण बल सबसे कमजोर बल है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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तारों के भीतर होने वाली नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) प्रक्रिया से भारी तत्व, जैसे कार्बन, ऑक्सीजन, और लोहा, कैसे बनते हैं?
- (a) कणों के एक साथ टकराने से
- (b) नाभिकों के जुड़ने से
- (c) प्रकाश के अवशोषण से
- (d) परमाणुओं के टूटने से
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): तारकीय संश्लेषण (Stellar Nucleosynthesis)।
व्याख्या (Explanation): तारों के कोर में अत्यधिक तापमान और दबाव के कारण, हल्के नाभिक (जैसे हाइड्रोजन) संयोजित होकर भारी नाभिक (जैसे हीलियम) बनाते हैं। यह प्रक्रिया, जिसे नाभिकीय संलयन कहा जाता है, तारों के ऊर्जा स्रोत का आधार है। जैसे-जैसे तारे विकसित होते हैं, वे हीलियम को कार्बन में, कार्बन को ऑक्सीजन में, और अंततः सुपरनोवा विस्फोटों के माध्यम से लोहा और उससे भी भारी तत्वों में बदल देते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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“13-अरब-वर्षीय पहेली” को सुलझाने में, वैज्ञानिकों ने उन परिस्थितियों का अध्ययन किया जो ब्रह्मांड के प्रारंभिक चरण में मौजूद थीं। उस चरण में, सामान्य हाइड्रोजन (प्रोटियम) का अणु (H₂) बनाने के लिए निम्नलिखित में से कौन सी प्रक्रिया आवश्यक थी?
- (a) दो प्रोटॉन का सीधे जुड़ना
- (b) एक प्रोटॉन और एक न्यूट्रॉन का जुड़कर ड्यूटेरॉन बनाना, फिर एक इलेक्ट्रॉन का ड्यूटेरॉन से जुड़ना
- (c) दो प्रोटॉन का जुड़ना, जिसमें एक प्रोटॉन बीटा-प्लस क्षय से गुजरता है
- (d) एक प्रोटॉन का इलेक्ट्रॉन से जुड़ना
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु संरचना और आयनीकरण/पुनर्संयोजन।
व्याख्या (Explanation): ब्रह्मांड के बहुत शुरुआती चरणों में, जब तापमान बहुत अधिक था, प्रोटॉन (हाइड्रोजन नाभिक) और इलेक्ट्रॉन मुक्त रूप से घूम रहे थे। जब ब्रह्मांड ठंडा होने लगा (पुनर्संयोजन चरण के करीब), तो प्रोटॉन एक इलेक्ट्रॉन को आकर्षित कर सकते थे और एक तटस्थ हाइड्रोजन परमाणु (H) बना सकते थे। ये तटस्थ हाइड्रोजन परमाणु तब संयोजित होकर हाइड्रोजन अणु (H₂) बना सकते थे, हालांकि यह प्रक्रिया थोड़ी बाद में हुई। विकल्प (d) सबसे सीधा तरीका बताता है कि एक हाइड्रोजन परमाणु कैसे बनता है, जो फिर अणु बना सकता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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यदि एक अणु के नाभिक में 1 प्रोटॉन और 1 न्यूट्रॉन है, तो यह किस तत्व का समस्थानिक है?
- (a) हाइड्रोजन
- (b) हीलियम
- (c) लिथियम
- (d) ड्यूटेरियम
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): समस्थानिक (Isotopes) और परमाणु संरचना।
व्याख्या (Explanation): तत्व की पहचान उसके प्रोटॉन की संख्या से होती है। 1 प्रोटॉन का मतलब है कि यह हाइड्रोजन है। न्यूट्रॉन की संख्या प्रोटॉन के सापेक्ष भिन्न हो सकती है, जिससे समस्थानिक बनते हैं। 1 प्रोटॉन और 1 न्यूट्रॉन के साथ हाइड्रोजन को ड्यूटेरियम (D) कहा जाता है, लेकिन मूल तत्व अभी भी हाइड्रोजन है। यदि केवल “हाइड्रोजन” विकल्प के रूप में दिया गया है, तो यह सही है। ड्यूटेरियम हाइड्रोजन का एक समस्थानिक है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन के अलावा, कौन सा कण ब्रह्मांड के प्रारंभिक अवस्था में महत्वपूर्ण था और CMB विकिरण के निर्माण में भूमिका निभाई?
- (a) क्वार्क
- (b) न्यूट्रिनो
- (c) फोटॉन
- (d) मेसॉन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रारंभिक ब्रह्मांड की कण भौतिकी और विकिरण।
व्याख्या (Explanation): बिग बैंग के बाद, ब्रह्मांड फोटॉन, न्यूट्रिनो, इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन जैसे कणों से भरा हुआ था। CMB विकिरण वास्तव में उस समय उत्सर्जित हुए फोटॉन का अवशेष है जब ब्रह्मांड तटस्थ हो गया था (पुनर्संयोजन)। इससे पहले, फोटॉन अत्यंत सक्रिय थे और पदार्थ के साथ लगातार अंतःक्रिया कर रहे थे। न्यूट्रिनो भी प्रारंभिक ब्रह्मांड में मौजूद थे लेकिन CMB के निर्माण में उनकी सीधी भूमिका नहीं थी।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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“13-अरब-वर्षीय पहेली” को समझने के लिए, खगोलविदों ने अक्सर दूर की आकाशगंगाओं और क्वासरों का अध्ययन किया। निम्नलिखित में से कौन सा उपकरण ब्रह्मांडीय विकिरण के अध्ययन के लिए विशेष रूप से उपयोगी है?
- (a) दूरबीन (Optical Telescope)
- (b) रेडियो दूरबीन (Radio Telescope)
- (c) एक्स-रे दूरबीन (X-ray Telescope)
- (d) गामा-रे दूरबीन (Gamma-ray Telescope)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): खगोलीय उपकरण और विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम।
व्याख्या (Explanation): कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB) विकिरण, जो ब्रह्मांड के शुरुआती चरण से आता है, मुख्य रूप से माइक्रोवेव रेंज में होता है। रेडियो दूरबीन इस प्रकार के विकिरणों का पता लगाने और उनका विश्लेषण करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ऑप्टिकल दूरबीनें दृश्य प्रकाश का पता लगाती हैं, जबकि एक्स-रे और गामा-रे दूरबीनें उच्च-ऊर्जा विकिरणों का अध्ययन करती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि कोई वैज्ञानिक ब्रह्मांड में पाए जाने वाले पहले अणु के निर्माण की स्थितियों का अनुकरण करना चाहता है, तो उसे किन प्राथमिक घटकों की आवश्यकता होगी?
- (a) कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन
- (b) हाइड्रोजन, हीलियम
- (c) नाइट्रोजन, ऑक्सीजन
- (d) कार्बन, नाइट्रोजन, हीलियम
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ब्रह्मांडीय रसायन विज्ञान और बिग बैंग न्यूक्लियोसिंथेसिस।
व्याख्या (Explanation): जैसा कि पहले बताया गया है, ब्रह्मांड के शुरुआती चरणों में मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम ही मौजूद थे। इसलिए, पहले अणुओं को बनाने के लिए इन दो तत्वों की आवश्यकता होगी। भारी तत्व बाद में तारों के अंदर बने।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘अणु’ (Molecule) का सही वर्णन है?
- (a) एक एकल प्रोटॉन
- (b) दो या दो से अधिक परमाणु जो रासायनिक बंधों द्वारा एक साथ बंधे होते हैं
- (c) एक एकल इलेक्ट्रॉन
- (d) एक न्यूट्रॉन और एक प्रोटॉन का समूह
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रसायन विज्ञान: अणु की परिभाषा।
व्याख्या (Explanation): एक अणु रसायन विज्ञान की मूल इकाई है जिसमें दो या दो से अधिक परमाणु रासायनिक बंधों (जैसे सहसंयोजक बंध) द्वारा एक साथ जुड़े होते हैं। ये परमाणु समान या भिन्न तत्व के हो सकते हैं। एकल प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन या न्यूट्रॉन-प्रोटॉन समूह कण या नाभिक होते हैं, अणु नहीं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जब ब्रह्मांड ‘पुनर्संयोजन’ (Recombination) के दौर से गुजर रहा था, तो कौन सा मौलिक बल सबसे महत्वपूर्ण था जिसने तटस्थ हाइड्रोजन परमाणु बनाने के लिए प्रोटॉन को इलेक्ट्रॉनों से बंधने दिया?
- (a) गुरुत्वाकर्षण बल
- (b) दुर्बल नाभिकीय बल
- (c) विद्युत चुम्बकीय बल
- (d) प्रबल नाभिकीय बल
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चुम्बकीय बल और परमाणु बंधन।
व्याख्या (Explanation): विद्युत चुम्बकीय बल वह बल है जो विपरीत आवेशों (जैसे प्रोटॉन पर धनात्मक आवेश और इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश) को आकर्षित करता है। यह बल इलेक्ट्रॉनों को परमाणु नाभिक से बंधे रहने के लिए जिम्मेदार है, जिससे तटस्थ परमाणु बनते हैं। पुनर्संयोजन के दौरान, यह बल प्रोटॉन को इलेक्ट्रॉनों को पकड़ने की अनुमति देता है, जिससे पहला तटस्थ हाइड्रोजन परमाणु बनता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ब्रह्मांड के निर्माण के शुरुआती चरण से संबंधित “13-अरब-वर्षीय पहेली” का एक पहलू यह भी है कि तारे और आकाशगंगाएँ कैसे बनीं। निम्नलिखित में से कौन सा बल प्रारंभिक ब्रह्मांड में पदार्थ के बड़े पैमाने पर एकत्र होने के लिए जिम्मेदार था?
- (a) विद्युत चुम्बकीय बल
- (b) गुरुत्वाकर्षण बल
- (c) दुर्बल नाभिकीय बल
- (d) प्रबल नाभिकीय बल
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ब्रह्मांडीय संरचना निर्माण और गुरुत्वाकर्षण।
व्याख्या (Explanation): गुरुत्वाकर्षण बल वह मौलिक बल है जो द्रव्यमान वाली सभी वस्तुओं को एक दूसरे की ओर आकर्षित करता है। ब्रह्मांड के विस्तार के शुरुआती दौर में, पदार्थ (मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम) समान रूप से वितरित नहीं था। घनत्व में छोटी भिन्नताएं थीं, और गुरुत्वाकर्षण ने इन भिन्नताओं को बढ़ा दिया, जिससे पदार्थ के बड़े बादल बने, जो अंततः तारों और आकाशगंगाओं में संघनित हुए।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि एक तत्व के परमाणु में 1 प्रोटॉन, 0 न्यूट्रॉन और 1 इलेक्ट्रॉन है, तो उस तत्व का परमाणु क्रमांक (Atomic Number) क्या है?
- (a) 0
- (b) 1
- (c) 2
- (d) 3
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु क्रमांक (Atomic Number)।
व्याख्या (Explanation): परमाणु क्रमांक (Z) किसी तत्व के परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन की संख्या द्वारा परिभाषित किया जाता है। यह तत्व की पहचान निर्धारित करता है। इलेक्ट्रॉन की संख्या और न्यूट्रॉन की संख्या परमाणु क्रमांक को नहीं बदलती है, हालांकि वे आयन या समस्थानिक बना सकते हैं। 1 प्रोटॉन का मतलब है कि तत्व हाइड्रोजन है, जिसका परमाणु क्रमांक 1 है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ब्रह्मांड के पुनर्निर्माण के प्रयोगों में, अक्सर अत्यंत निम्न तापमान की आवश्यकता होती है। निम्नलिखित में से कौन सा निरपेक्ष शून्य (Absolute Zero) के सबसे करीब पहुँच सकता है?
- (a) 0 डिग्री सेल्सियस
- (b) -100 डिग्री सेल्सियस
- (c) -273.15 डिग्री सेल्सियस
- (d) 100 डिग्री सेल्सियस
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): तापमान पैमाना और निरपेक्ष शून्य।
व्याख्या (Explanation): निरपेक्ष शून्य (Absolute Zero) वह सैद्धांतिक तापमान है जिस पर पदार्थ में ऊष्मीय गति (thermal motion) न्यूनतम होती है। केल्विन पैमाने पर इसे 0 K (केल्विन) के रूप में परिभाषित किया गया है। सेल्सियस पैमाने पर, निरपेक्ष शून्य -273.15 डिग्री सेल्सियस के बराबर है। 0 डिग्री सेल्सियस पानी का गलनांक है, -100 डिग्री सेल्सियस और 100 डिग्री सेल्सियस सामान्य तापमान सीमा में आते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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पहला अणु जो पुन: निर्मित किया गया, वह बहुत ही अल्पकालिक (short-lived) था। ‘अल्पकालिक’ शब्द का क्या अर्थ है?
- (a) बहुत लंबा जीवनकाल
- (b) बहुत स्थिर
- (c) बहुत कम समय तक मौजूद रहने वाला
- (d) बहुत भारी
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रसायन विज्ञान और सामान्य शब्दावली।
व्याख्या (Explanation): ‘अल्पकालिक’ (short-lived) का अर्थ है जो बहुत थोड़े समय के लिए ही मौजूद रहता है। ब्रह्मांड के शुरुआती चरणों में या प्रयोगशाला में पुन: निर्मित किए गए कुछ कण और अणु अत्यंत अस्थिर होते हैं और तेजी से क्षय या रूपांतरित हो जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड के पहले अणु को पुन: निर्मित किया। ‘अणु’ शब्द का लैटिन मूल ‘अणु’ (atomos) से लिया गया है, जिसका अर्थ है:
- (a) अविभाज्य
- (b) जुड़ने योग्य
- (c) प्रकाशमान
- (d) स्थिर
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ग्रीक/लैटिन व्युत्पत्ति और परमाणु सिद्धांत।
व्याख्या (Explanation): परमाणु (atom) शब्द प्राचीन ग्रीक शब्द ‘atomos’ से आया है, जिसका अर्थ है ‘अविभाज्य’ (indivisible)। यह प्राचीन ग्रीक दार्शनिक डेमोक्रिटस के सिद्धांत पर आधारित था कि पदार्थ अविभाज्य कणों से बना है। हालांकि बाद में यह पता चला कि परमाणु स्वयं प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन जैसे उप-परमाणु कणों से बने होते हैं, फिर भी ‘परमाणु’ शब्द का प्रयोग जारी रहा।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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यदि किसी प्रयोग में, एक कण 10^-9 सेकंड तक अस्तित्व में रहता है, तो इसे किस रूप में वर्गीकृत किया जाएगा?
- (a) दीर्घकालिक
- (b) अल्पकालिक
- (c) स्थायी
- (d) अस्थिर
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): समय की अवधारणा और कण भौतिकी।
व्याख्या (Explanation): 10^-9 सेकंड (एक नैनोसेकंड) समय की एक बहुत छोटी अवधि है, खासकर उप-परमाणु कणों के संदर्भ में। कण जो इतने कम समय के लिए मौजूद रहते हैं, उन्हें ‘अल्पकालिक’ या ‘अस्थिर’ माना जाता है। ‘दीर्घकालिक’ और ‘स्थायी’ बहुत लंबी अवधि या अनंत अस्तित्व को दर्शाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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तारों के अंदर ऊर्जा उत्पादन के लिए जिम्मेदार मुख्य प्रक्रिया कौन सी है?
- (a) नाभिकीय विखंडन
- (b) रासायनिक अभिक्रिया
- (c) नाभिकीय संलयन
- (d) तापीय ऊर्जा का रूपांतरण
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): तारकीय ऊर्जा उत्पादन।
व्याख्या (Explanation): तारों के कोर में अत्यधिक उच्च तापमान और दबाव के कारण, हल्के परमाणु नाभिक (जैसे हाइड्रोजन) संयोजित होकर भारी नाभिक (जैसे हीलियम) बनाते हैं। इस प्रक्रिया को नाभिकीय संलयन कहा जाता है, और यह तारों को उनकी विशाल ऊर्जा प्रदान करती है। नाभिकीय विखंडन भारी नाभिकों को तोड़ने की प्रक्रिया है, जिसका उपयोग परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ब्रह्मांड के प्रारंभिक चरण में, कौन सा कण आवेशित (charged) नहीं था और इसलिए CMB विकिरण के निर्माण में सीधे तौर पर पदार्थ के साथ नहीं जुड़ा था?
- (a) इलेक्ट्रॉन
- (b) प्रोटॉन
- (c) न्यूट्रॉन
- (d) फोटॉन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कणों के आवेश और प्रारंभिक ब्रह्मांड।
व्याख्या (Explanation): इस प्रश्न में थोड़ी स्पष्टता की आवश्यकता है। CMB विकिरण के निर्माण से पहले, ‘पुनर्संयोजन’ के दौरान, तटस्थ परमाणु बने। न्यूट्रॉन, प्रोटॉन के साथ मिलकर ड्यूटेरॉन बनाते हैं, जो फिर अन्य तत्वों में परिवर्तित होते हैं। हालाँकि, स्वयं न्यूट्रॉन का कोई आवेश नहीं होता है, लेकिन वे प्रोटॉन के साथ मिलकर नाभिक बनाते हैं। प्रश्न पूछ रहा है कि कौन सा कण आवेशित नहीं था *और* CMB के निर्माण से पहले पदार्थ के साथ सीधे तौर पर नहीं जुड़ा था। इस संदर्भ में, यह सवाल थोड़ा भ्रामक हो सकता है।
सबसे तार्किक व्याख्या यह है कि न्यूट्रॉन, हालांकि तटस्थ होते हैं, प्रारंभिक ब्रह्मांड में प्रोटॉन के साथ बंधे हुए थे (ड्यूटेरॉन बनाने के लिए) और CMB के निर्माण से पहले यह बंधन CMB विकिरण के निर्माण से सीधे तौर पर संबंधित नहीं था। CMB पुनर्संयोजन के बाद मुक्त हुए फोटॉन से आता है।
हालांकि, यदि प्रश्न का तात्पर्य केवल “तटस्थ कण” से है, तो न्यूट्रॉन सही उत्तर है। प्रोटॉन (धनात्मक) और इलेक्ट्रॉन (ऋणात्मक) आवेशित होते हैं। फोटॉन (ऊर्जा का कण) आवेशित नहीं होता, लेकिन यह CMB का कारण है, न कि वह कण जो पदार्थ से नहीं जुड़ा था।
सबसे संभावित उत्तर न्यूट्रॉन है, यह मानते हुए कि प्रश्न कणों के आवेश की बात कर रहा है और प्रोटॉन-न्यूट्रॉन बंधन को CMB से सीधे अलग कर रहा है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ब्रह्मांड की आयु का पता लगाने के लिए, वैज्ञानिक अक्सर “हबल स्थिरांक” (Hubble Constant) का उपयोग करते हैं। यह स्थिरांक ब्रह्मांड के किस पहलू का वर्णन करता है?
- (a) ब्रह्मांड का विस्तार दर
- (b) ब्रह्मांड का घनत्व
- (c) ब्रह्मांड का तापमान
- (d) ब्रह्मांड का चुंबकीय क्षेत्र
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ब्रह्मांड विज्ञान और हबल का नियम।
व्याख्या (Explanation): हबल का नियम बताता है कि आकाशगंगाएँ हमसे दूर जा रही हैं, और उनकी गति हमसे उनकी दूरी के समानुपाती होती है। हबल स्थिरांक (H₀) इस विस्तार दर को मापता है। यह ब्रह्मांड की आयु, आकार और भविष्य की भविष्यवाणी करने में एक महत्वपूर्ण पैरामीटर है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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“13-अरब-वर्षीय पहेली” को सुलझाने में, वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड के “आरंभ” के बारे में समझना पड़ा। बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार, ब्रह्मांड की शुरुआत में सभी पदार्थ और ऊर्जा किस रूप में केंद्रित थी?
- (a) एक विशाल नीहारिका (Nebula)
- (b) एक ब्लैक होल
- (c) एक अत्यंत सघन और गर्म बिंदु (Singularity)
- (d) एक ठंडा, खाली स्थान
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बिग बैंग सिद्धांत।
व्याख्या (Explanation): बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार, लगभग 13.8 अरब वर्ष पहले, संपूर्ण ब्रह्मांड (सभी पदार्थ, ऊर्जा, स्थान और समय) एक अविश्वसनीय रूप से सघन, गर्म और छोटे बिंदु में समाहित था, जिसे सिंगुलैरिटी (Singularity) कहा जाता है। फिर, एक विशाल विस्तार (बिग बैंग) शुरू हुआ, जिससे ब्रह्मांड आज के रूप में विकसित हुआ।
अतः, सही उत्तर (c) है।