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इतिहास ज्ञान महासंग्राम: आज की चुनौती

इतिहास ज्ञान महासंग्राम: आज की चुनौती

इतिहास के विशाल सागर में गोता लगाने के लिए तैयार हो जाइए! आज हम आपके लिए लेकर आए हैं 25 प्रश्नों का एक अनूठा संग्रह, जो प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक भारत और विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं और व्यक्तित्वों को कवर करता है। अपनी तैयारी को धार दें और जानें कि आप अतीत के कितने बड़े ज्ञाता हैं!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों को हल करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा कथन सिंधु घाटी सभ्यता के संदर्भ में सही नहीं है?

  1. नगरों में सुनियोजित नालियों की व्यवस्था थी।
  2. लोग लोहे का उपयोग जानते थे।
  3. मातृ देवी की उपासना प्रचलित थी।
  4. घोड़े का ज्ञान उन्हें था।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: सिंधु घाटी सभ्यता (लगभग 2500-1700 ईसा पूर्व) एक कांस्य युगीन सभ्यता थी। इस सभ्यता के लोग लोहे के प्रयोग से अनभिज्ञ थे। लोहे का ज्ञान उत्तर वैदिक काल में हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: इस सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ पक्की ईंटों से बने सुनियोजित नगर, जल निकास प्रणाली, शतरंज की बिसात की तरह ग्रिड पैटर्न पर बनी सड़कें, मातृ देवी की उपासना, और मुहरों पर विभिन्न जानवरों (जैसे बैल, हाथी, गैंडा) के चित्रण हैं। घोड़े के साक्ष्य, विशेषकर मोहनजोदड़ो और लोथल से प्राप्त, मिले हैं, हालांकि उनके उपयोग की सीमा पर बहस है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (c), और (d) सभ्यता के बारे में सत्य हैं। (a) जल निकास प्रणाली उत्कृष्ट थी। (c) मातृ देवी की पूजा व्यापक रूप से होती थी, जैसा कि टेराकोटा की मूर्तियों से पता चलता है। (d) घोड़े के अस्थि अवशेष और चित्रण मिले हैं।

प्रश्न 2: ऋग्वेद में ‘अघ्न्य’ शब्द किस पशु के लिए प्रयुक्त हुआ है?

  1. घोड़ा
  2. गाय
  3. बैल
  4. भेड़

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ऋग्वेद, सबसे प्राचीन वेद, में ‘अघ्न्य’ शब्द का प्रयोग ‘गाय’ के लिए किया गया है। ‘अघ्न्य’ का अर्थ है ‘जिसे मारा न जा सके’।
  • संदर्भ और विस्तार: ऋग्वैदिक काल में गाय को अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता था। यह संपत्ति का मुख्य आधार थी, और इसका वध करना एक गंभीर अपराध समझा जाता था। गायों का विनिमय, दान और विनिमय का माध्यम भी थी।
  • गलत विकल्प: घोड़े का महत्व था लेकिन उसे ‘अघ्न्य’ नहीं कहा गया। बैल कृषि के लिए महत्वपूर्ण थे। भेड़ का भी पालतू पशु के रूप में महत्व था, पर ‘अघ्न्य’ शब्द विशेष रूप से गाय के लिए है।

प्रश्न 3: हर्यक वंश के किस शासक को ‘पितृहंता’ के नाम से जाना जाता है?

  1. बिम्बसार
  2. अजातशत्रु
  3. उदयन
  4. दर्शक

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: अजातशत्रु, बिम्बसार का पुत्र, अपने पिता बिम्बसार की हत्या करके मगध की गद्दी पर बैठा था। इस कारण उसे ‘पितृहंता’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: हर्यक वंश (लगभग 600-400 ईसा पूर्व) मगध के प्रारंभिक राजवंशों में से एक था। बिम्बसार ने अंग को जीतकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया और एक स्थायी राजधानी राजगृह की स्थापना की। अजातशत्रु ने अपने पिता की हत्या के बाद शासन संभाला और अपने चाचा देवदत्त के साथ मिलकर बुद्ध को मारने की योजना बनाई (हालांकि असफल रहा)। उसने लिच्छवियों से युद्ध में रथ-मूसल और महाशिला कंटक जैसे नए हथियारों का प्रयोग किया।
  • गलत विकल्प: बिम्बसार हर्यक वंश का संस्थापक था। उदयन ने अपनी राजधानी पाटलिपुत्र (पटना) में स्थानांतरित की और अपने पिता अजातशत्रु की हत्या करके गद्दी पर बैठा, इसलिए वह भी पितृहंता कहलाता है, लेकिन प्रश्न में अजातशत्रु के संदर्भ में अधिक प्रसिद्ध है। दर्शक अजातशत्रु का पुत्र था।

प्रश्न 4: चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु कौन थे?

  1. पार्श्वनाथ
  2. भद्रबाहु
  3. चाणक्य
  4. वराहमिहिर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: चंद्रगुप्त मौर्य के प्रमुख गुरु और मार्गदर्शक चाणक्य (जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है) थे।
  • संदर्भ और विस्तार: चाणक्य एक कुशल राजनेता, अर्थशास्त्री और मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के मुख्य सलाहकार थे। उन्होंने चंद्रगुप्त को नंदों को उखाड़ फेंकने और एक विशाल साम्राज्य स्थापित करने में मदद की। चाणक्य की प्रसिद्ध रचना ‘अर्थशास्त्र’ राज्यकला, अर्थव्यवस्था और सैन्य रणनीति पर एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
  • गलत विकल्प: पार्श्वनाथ 23वें जैन तीर्थंकर थे। भद्रबाहु एक प्रमुख जैन साधु थे जो चंद्रगुप्त मौर्य के साथ श्रवणबेलगोला गए थे, संभवतः उनके दीक्षा गुरु थे, लेकिन चाणक्य राजनीतिक और बौद्धिक गुरु थे। वराहमिहिर एक प्रसिद्ध खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे जो गुप्त काल से संबंधित थे।

प्रश्न 5: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहने का प्रमुख कारण क्या था?

  1. विशाल साम्राज्य का विस्तार
  2. कला, साहित्य, विज्ञान और वास्तुकला में अभूतपूर्व प्रगति
  3. सभी वर्गों के लोगों को समानता
  4. स्थायी शांति और सुशासन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस अवधि में कला, साहित्य, विज्ञान, खगोल विज्ञान, गणित, दर्शन और वास्तुकला के क्षेत्र में अत्यधिक प्रगति हुई।
  • संदर्भ और विस्तार: इस काल में कालिदास जैसे महान साहित्यकार हुए, आर्यभट्ट ने दशमलव प्रणाली और पाई का मान निकाला, वराहमिहिर ने खगोल विज्ञान पर कार्य किया, और गुप्त शासकों के अधीन मंदिरों और मूर्तिकला का अद्भुत विकास हुआ। अजंता की गुफाओं के चित्रों का अंतिम चरण भी इसी काल का माना जाता है।
  • गलत विकल्प: हालाँकि गुप्त काल में साम्राज्य का विस्तार हुआ (a), स्थायी शांति और सुशासन रहा (d), और समाज में कुछ हद तक समानता थी (c), लेकिन ‘स्वर्ण युग’ का मुख्य कारण सांस्कृतिक और बौद्धिक उपलब्धियाँ थीं।

प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत की स्थापना किस शासक ने की थी?

  1. इल्तुतमिश
  2. कुतुबुद्दीन ऐबक
  3. रजिया सुल्तान
  4. मुहम्मद गोरी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 ईस्वी में कुतुबुद्दीन ऐबक ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: कुतुबुद्दीन ऐबक, मुहम्मद गोरी का एक दास (गुलाम) था। गोरी की मृत्यु के बाद, ऐबक ने अपने आप को स्वतंत्र घोषित कर दिया और दिल्ली को अपनी राजधानी बनाकर गुलाम वंश (जिसे मामलुक वंश भी कहा जाता है) की नींव रखी। उसने कुतुब मीनार का निर्माण कार्य शुरू करवाया।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ऐबक का दामाद और उत्तराधिकारी था, जिसने सल्तनत को मजबूती दी। रजिया सुल्तान इल्तुतमिश की बेटी और दिल्ली सल्तनत की एकमात्र महिला शासक थी। मुहम्मद गोरी ने भारत में मुस्लिम शासन की नींव रखी, लेकिन वह स्वयं दिल्ली का शासक नहीं बना, बल्कि उसके गुलामों ने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की।

प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य के किस प्रसिद्ध शासक को ‘आंध्र भोज’ कहा जाता था?

  1. कृष्ण देव राय
  2. देव राय द्वितीय
  3. बुक्का प्रथम
  4. हरिहर प्रथम

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के महानतम शासकों में से एक, कृष्ण देव राय (शासनकाल 1509-1529 ईस्वी) को ‘आंध्र भोज’ की उपाधि से विभूषित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्ण देव राय तुलुव वंश के शासक थे। उन्होंने कला, साहित्य, वास्तुकला को खूब संरक्षण दिया। वे स्वयं एक विद्वान थे और तेलुगु साहित्य में ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक कृति की रचना की। उनके दरबार में अष्टदिग्गज नामक आठ महान तेलुगु कवि विराजमान थे। उनके शासनकाल में विजयनगर साम्राज्य अपनी शक्ति और समृद्धि के शिखर पर था।
  • गलत विकल्प: देव राय द्वितीय, बुक्का प्रथम और हरिहर प्रथम भी विजयनगर साम्राज्य के महत्वपूर्ण शासक थे, जिन्होंने साम्राज्य की नींव रखी और उसे बढ़ाया, लेकिन ‘आंध्र भोज’ की उपाधि कृष्ण देव राय से ही जुड़ी है।

प्रश्न 8: ‘अष्टदिग्गज’ किसके दरबार में सुशोभित थे?

  1. सम्राट अशोक
  2. चंद्रगुप्त मौर्य
  3. कृष्ण देव राय
  4. अकबर

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘अष्टदिग्गज’ विजयनगर साम्राज्य के शासक कृष्ण देव राय के तेलुगु साहित्य के आठ महान कवियों के समूह को कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये कवि कृष्ण देव राय के राजकवि थे और उन्होंने उनके शासनकाल को साहित्य का स्वर्ण युग बनाने में योगदान दिया। इनमें प्रमुख थे अल्लसानी पेडन्ना, नंदी तिम्मन्ना, धूर्जति, तेनाली राम कृष्ण आदि। कृष्ण देव राय स्वयं एक विद्वान थे और उन्होंने तेलुगु में ‘आमुक्तमाल्यदा’ की रचना की, जिसे तेलुगु साहित्य की पंच महाकाव्यों में गिना जाता है।
  • गलत विकल्प: सम्राट अशोक मौर्य वंश के थे और उनके समय में कोई ऐसा ज्ञात समूह नहीं था। चंद्रगुप्त मौर्य चाणक्य के संरक्षक थे। अकबर मुगल काल के एक महान शासक थे, जिनके दरबार में नवरत्न थे, न कि अष्टदिग्गज।

प्रश्न 9: भारत में ‘जजिया कर’ सर्वप्रथम किसने लगाया?

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. इल्तुतमिश
  3. मुहम्मद बिन कासिम
  4. फिरोजशाह तुगलक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारत में सबसे पहले जजिया कर मुहम्मद बिन कासिम ने 712 ईस्वी में सिंध पर विजय के बाद लगाया था।
  • संदर्भ और विस्तार: मुहम्मद बिन कासिम एक उमय्यद कमांडर था जिसने आधुनिक पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र पर आक्रमण किया था। उसने गैर-मुस्लिमों (जिम्मी) से सुरक्षा के बदले एक कर के रूप में जजिया लगाया। यह प्रारंभिक रूप से एक सैन्य कर की तरह था।
  • गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक और इल्तुतमिश ने भी जजिया लिया, लेकिन इसे पूर्णतः स्थापित करने और कर की दरें निर्धारित करने का श्रेय फिरोजशाह तुगलक को जाता है, जिसने इसे ब्राह्मणों पर भी लागू किया। औरंगजेब ने इसे पुनः लागू किया था। लेकिन पहली बार लगाने वाला मुहम्मद बिन कासिम था।

प्रश्न 10: ‘रेतवाड़ी व्यवस्था’ किसने शुरू की थी?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  3. सर थॉमस मुनरो
  4. लॉर्ड कार्नवालिस

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘रेतवाड़ी व्यवस्था’ का प्रस्ताव सबसे पहले अलेक्जेंडर रीड ने दिया था, लेकिन इसे मद्रास प्रेसीडेंसी में सर थॉमस मुनरो द्वारा 1820 के आसपास प्रभावी ढंग से लागू किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: रेतवाड़ी व्यवस्था के तहत, सरकार ने किसानों (रेत) से सीधे लगान वसूल करने का अधिकार दिया। इसमें भूमि का स्वामित्व किसान के पास होता था, न कि जमींदार के पास। यह व्यवस्था मद्रास, बंबई और असम के कुछ हिस्सों में लागू की गई थी।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी (व्यपगत का सिद्धांत), लॉर्ड विलियम बेंटिंक (सती प्रथा का अंत), और लॉर्ड कार्नवालिस (स्थायी बंदोबस्त) अन्य महत्वपूर्ण गवर्नर-जनरल थे जिन्होंने महत्वपूर्ण सुधार किए, लेकिन रेतवाड़ी व्यवस्था से सीधे तौर पर थॉमस मुनरो जुड़े हैं।

प्रश्न 11: 1857 के विद्रोह के समय भारत का वायसराय कौन था?

  1. लॉर्ड कैनिंग
  2. लॉर्ड डलहौजी
  3. लॉर्ड लिटन
  4. लॉर्ड कर्जन

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल लॉर्ड कैनिंग था। विद्रोह के बाद 1858 में भारत का शासन ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश क्राउन को हस्तांतरित कर दिया गया, और लॉर्ड कैनिंग ही भारत के प्रथम वायसराय बने।
  • संदर्भ और विस्तार: कैनिंग ने विद्रोह को दबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल में कुछ प्रमुख घटनाएं हुईं जैसे कि 1857 का विद्रोह, ब्रिटिश भारत अधिनियम 1858, और भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) का अधिनियमन।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी 1857 के विद्रोह से ठीक पहले भारत से चले गए थे। लॉर्ड लिटन और लॉर्ड कर्जन बाद के वायसराय थे, जिनके कार्यकाल में महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं लेकिन 1857 के विद्रोह के समय वे पद पर नहीं थे।

प्रश्न 12: ‘खुदाई खिदमतगार’ नामक संगठन की स्थापना किसने की थी?

  1. महात्मा गांधी
  2. जवाहरलाल नेहरू
  3. खान अब्दुल गफ्फार खान
  4. सरदार वल्लभभाई पटेल

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘खुदाई खिदमतगार’ (ईश्वर के सेवक) नामक अहिंसक आंदोलन की स्थापना उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत (वर्तमान पाकिस्तान) में खान अब्दुल गफ्फार खान ने की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संगठन ने गांधीजी के सत्याग्रह के सिद्धांतों का पालन करते हुए ब्रिटिश शासन के खिलाफ अहिंसक प्रतिरोध किया। खान अब्दुल गफ्फार खान को ‘सीमांत गांधी’ के नाम से भी जाना जाता है। यह आंदोलन पठान समुदाय के बीच बहुत लोकप्रिय हुआ।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, लेकिन खुदाई खिदमतगार का संबंध सीधे तौर पर खान अब्दुल गफ्फार खान से है।

प्रश्न 13: ‘रौलेट एक्ट’ कब पारित हुआ?

  1. 1915
  2. 1919
  3. 1921
  4. 1923

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: रॉलेट एक्ट (या विध्वंसक अपराध अधिनियम) 1919 में पारित हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस कानून ने सरकार को बिना किसी मुकदमे के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने और जेल में रखने का अधिकार दिया। इसका उद्देश्य राष्ट्रवादी आंदोलन को दबाना था। इस कानून के विरोध में ही महात्मा गांधी ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया, जिसे ‘काला दिवस’ या ‘रौलेट सत्याग्रह’ के नाम से जाना जाता है। इसी एक्ट के विरोध में जलियांवाला बाग में शांतिपूर्ण सभा पर जनरल डायर ने गोली चलवाई थी।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प सही वर्ष नहीं हैं। 1915 में गांधीजी भारत लौटे थे, 1921 में असहयोग आंदोलन चरम पर था, और 1923 में चौरी-चौरा कांड के बाद असहयोग आंदोलन वापस ले लिया गया था।

प्रश्न 14: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान गांधीजी द्वारा दिया गया प्रसिद्ध नारा कौन सा था?

  1. पूर्ण स्वराज
  2. सारे जहाँ से अच्छा
  3. करो या मरो
  4. जय हिंद

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नारा आंदोलन को एक नई दिशा देने के लिए था, जिसमें गांधीजी ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान किया था। इस आंदोलन के साथ ही गांधीजी और अन्य प्रमुख कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन आंदोलन जनव्यापी हो गया।
  • गलत विकल्प: ‘पूर्ण स्वराज’ का नारा 1929 में लाहौर अधिवेशन में दिया गया था। ‘सारे जहाँ से अच्छा’ इकबाल की रचना है। ‘जय हिंद’ सुभाष चंद्र बोस से जुड़ा नारा है।

प्रश्न 15: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?

  1. चंद्रगुप्त प्रथम
  2. समुद्रगुप्त
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय
  4. कुमारगुप्त

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: गुप्त वंश के महान शासक समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह उपाधि उन्हें प्रसिद्ध इतिहासकार वी.ए. स्मिथ ने दी थी। समुद्रगुप्त एक महान विजेता था, जिसने उत्तर भारत के कई राज्यों को जीता और दक्षिण में भी सैन्य अभियान चलाए। उनके विजय अभियानों का विस्तृत वर्णन इलाहाबाद स्तंभ लेख में मिलता है, जो उनके दरबारी कवि हरिसेन द्वारा रचित है। उन्होंने ‘अश्वमेध’ भी किया था।
  • गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश की नींव रखी, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने मालवा के शकों को हराया और साहित्य-कला को संरक्षण दिया, और कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना करवाई। लेकिन सैनिक विजयों के कारण समुद्रगुप्त को यह उपाधि मिली।

प्रश्न 16: ‘इन्कलाब जिंदाबाद’ का नारा किसने दिया था?

  1. भगत सिंह
  2. सुभाष चंद्र बोस
  3. मोहम्मद इकबाल
  4. महात्मा गांधी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘इन्कलाब जिंदाबाद’ (क्रांति की जय हो) का नारा प्रमुखता से भगत सिंह और उनकी पार्टी (हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन) द्वारा प्रयोग किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नारा वास्तव में उर्दू कवि मौलाना हसरत मोहानी द्वारा 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पहली बार इस्तेमाल किया गया था, लेकिन भगत सिंह ने इसे राजनीतिक आंदोलन का एक शक्तिशाली माध्यम बनाया और केंद्रीय विधानसभा में बम फेंकने के बाद भी उन्होंने इसे बुलंद आवाज में कहा था। यह नारा ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांति का प्रतीक बन गया।
  • गलत विकल्प: सुभाष चंद्र बोस ने ‘चलो दिल्ली’, ‘जय हिंद’ जैसे नारे दिए। मोहम्मद इकबाल की प्रसिद्ध रचना ‘सारे जहाँ से अच्छा’ है। महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ जैसे नारे दिए।

प्रश्न 17: पुनर्जागरण का प्रारंभ किस देश में हुआ?

  1. फ्रांस
  2. इटली
  3. इंग्लैंड
  4. स्पेन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: पुनर्जागरण (Renaissance) का प्रारंभ 14वीं शताब्दी में इटली में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: पुनर्जागरण का अर्थ है ‘पुनर्जन्म’। इस काल में प्राचीन यूनानी और रोमन कला, साहित्य, दर्शन और विज्ञान में नई रुचि जागृत हुई। इटली के शहर जैसे फ्लोरेंस, वेनिस और रोम इस सांस्कृतिक और कलात्मक आंदोलन के केंद्र थे। लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो, राफेल जैसे महान कलाकारों ने इसी काल में अपनी कृतियां बनाईं।
  • गलत विकल्प: फ्रांस, इंग्लैंड और स्पेन में भी पुनर्जागरण का प्रभाव पड़ा, लेकिन इसका मूल स्रोत इटली ही था।

प्रश्न 18: ‘विश्व इतिहास की बाइबिल’ किस पुस्तक को कहा जाता है?

  1. द सोशल कॉन्ट्रैक्ट
  2. दास कैपिटल
  3. प्रिंसिपिया मैथेमेटिका
  4. द वेल्थ ऑफ नेशंस

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: कार्ल मार्क्स द्वारा लिखित ‘दास कैपिटल’ (Das Kapital) को अक्सर ‘विश्व इतिहास की बाइबिल’ कहा जाता है, हालांकि यह एक अनौपचारिक उपाधि है।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘दास कैपिटल’ पूंजीवादी व्यवस्था का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करती है और साम्यवाद व समाजवाद की विचारधाराओं को आधार प्रदान करती है। इसने दुनिया भर में राजनीतिक और आर्थिक विचार को गहराई से प्रभावित किया है।
  • गलत विकल्प: ‘द सोशल कॉन्ट्रैक्ट’ रूसो की रचना है, ‘प्रिंसिपिया मैथेमेटिका’ न्यूटन की, और ‘द वेल्थ ऑफ नेशंस’ एडम स्मिथ की। ये सभी महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं, लेकिन ‘दास कैपिटल’ का प्रभाव विश्व इतिहास की दिशा बदलने में अधिक प्रत्यक्ष रहा है।

प्रश्न 19: फ्रांस की क्रांति का तात्कालिक कारण क्या था?

  1. नेपोलियन का उदय
  2. स्टेट्स-जनरल का अधिवेशन
  3. लुई सोलहवें का अत्याचार
  4. बास्तील का पतन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: फ्रांस की क्रांति (1789) का तात्कालिक कारण ‘स्टेट्स-जनरल’ (States-General) का अधिवेशन बुलाना था, जो 175 वर्षों बाद आयोजित हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: गंभीर वित्तीय संकट और आम जनता के बढ़ते असंतोष के कारण राजा लुई सोलहवें को स्टेट्स-जनरल की बैठक बुलानी पड़ी। इसमें पादरी, कुलीन वर्ग और आम आदमी (तीसरा एस्टेट) के प्रतिनिधि शामिल थे। तीसरे एस्टेट के प्रतिनिधियों ने शाही सत्ता को चुनौती दी और नेशनल असेंबली का गठन किया, जिसने क्रांति की शुरुआत की। बास्तील का पतन (14 जुलाई 1789) क्रांति की एक महत्वपूर्ण घटना थी, न कि तात्कालिक कारण। लुई सोलहवें का अत्याचार और नेपोलियन का उदय इसके परिणाम थे।
  • गलत विकल्प: लुई सोलहवें का अत्याचार लंबे समय से था, बास्तील का पतन क्रांति की शुरुआत का एक महत्वपूर्ण कदम था, और नेपोलियन का उदय क्रांति के बाद हुआ।

प्रश्न 20: द्वितीय विश्व युद्ध का प्रमुख कारण क्या था?

  1. लीग ऑफ नेशंस की विफलता
  2. वर्साय की संधि का कठोर होना
  3. साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाएं (जर्मनी, इटली, जापान)
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के लिए कोई एक कारण नहीं था, बल्कि कई जटिल कारक जिम्मेदार थे, जिनमें लीग ऑफ नेशंस की विफलता, वर्साय की संधि की कठोरता, और प्रमुख धुरी शक्तियों (जर्मनी, इटली, जापान) की विस्तारवादी और आक्रामक नीतियां शामिल थीं।
  • संदर्भ और विस्तार: वर्साय की संधि ने जर्मनी पर भारी हर्जाना और प्रतिबंध लगाए, जिससे वहां असंतोष बढ़ा और हिटलर जैसे नेताओं को सत्ता में आने का मौका मिला। राष्ट्र संघ (League of Nations) प्रमुख देशों के बीच शांति स्थापित करने में असफल रहा। जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण (1 सितंबर 1939) युद्ध का प्रत्यक्ष कारण बना।
  • गलत विकल्प: सभी दिए गए विकल्प युद्ध के महत्वपूर्ण कारण थे।

प्रश्न 21: ‘तैमूर-ए-लंग’ ने भारत पर आक्रमण कब किया?

  1. 1398 ईस्वी
  2. 1498 ईस्वी
  3. 1526 ईस्वी
  4. 1556 ईस्वी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: तैमूर-ए-लंग (Tamerlane) ने 1398 ईस्वी में दिल्ली सल्तनत पर आक्रमण किया था।
  • संदर्भ और विस्तार: उस समय दिल्ली सल्तनत पर नसीरुद्दीन महमूद तुगलक का शासन था, जो एक कमजोर शासक था। तैमूर के आक्रमण से दिल्ली पूरी तरह से नष्ट हो गई और बड़े पैमाने पर लूटपाट हुई। इस आक्रमण ने तुगलक वंश को कमजोर कर दिया और दिल्ली सल्तनत के पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: 1498 ईस्वी में वास्को डी गामा भारत आया था। 1526 ईस्वी में बाबर ने पानीपत का पहला युद्ध जीता और मुगल साम्राज्य की नींव रखी। 1556 ईस्वी में पानीपत का दूसरा युद्ध हुआ था।

प्रश्न 22: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना कब और कहाँ हुई?

  1. 1851, कलकत्ता
  2. 1866, लंदन
  3. 1875, बंबई
  4. 1885, कलकत्ता

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना 1866 में दादाभाई नौरोजी द्वारा लंदन में की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संस्था का उद्देश्य ब्रिटेन में भारतीय मामलों पर चर्चा करना और भारत के पक्ष में जनमत तैयार करना था। दादाभाई नौरोजी, जिन्हें ‘भारत के वयोवृद्ध नेता’ के रूप में जाना जाता है, ने ब्रिटेन में भारत के लिए राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • गलत विकल्प: 1851 में ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन, 1875 में आर्य समाज और 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी।

प्रश्न 23: ‘ए हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं?

  1. विनसेंट आर्थर स्मिथ
  2. आर.सी. मजूमदार
  3. जवाहरलाल नेहरू
  4. स्टेनली वोल्पर्ट

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘ए हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ (A History of India) नामक प्रसिद्ध पुस्तक ब्रिटिश इतिहासकार विन्सेंट आर्थर स्मिथ (V.A. Smith) ने लिखी है।
  • संदर्भ और विस्तार: स्मिथ का भारत पर कार्य, विशेष रूप से ‘अर्ली हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ और ‘अकबर द ग्रेट मुगल’, ऐतिहासिक अनुसंधान में महत्वपूर्ण माने जाते हैं। उनकी ‘ए हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ एक व्यापक अवलोकन प्रदान करती है।
  • गलत विकल्प: आर.सी. मजूमदार और जवाहरलाल नेहरू ने भी भारत के इतिहास पर महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं, लेकिन स्मिथ की पुस्तक का शीर्षक यह है। स्टेनली वोल्पर्ट ने भी भारतीय इतिहास पर काम किया है।

प्रश्न 24: किस युद्ध के पश्चात भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव पड़ी?

  1. प्लासी का युद्ध
  2. बक्सर का युद्ध
  3. पानीपत का प्रथम युद्ध
  4. हल्दीघाटी का युद्ध

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: बक्सर के युद्ध (1764) के पश्चात भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की वास्तविक नींव पड़ी।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि प्लासी के युद्ध (1757) में रॉबर्ट क्लाइव ने बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को हराया और बंगाल पर ब्रिटिश नियंत्रण स्थापित किया, लेकिन बक्सर के युद्ध में अवध के नवाब, बंगाल के नवाब और मुगल सम्राट की संयुक्त सेना की हार के बाद, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी अधिकार (राजस्व वसूलने का अधिकार) प्राप्त हुए, जो उनकी शक्ति का एक बड़ा आधार बना।
  • गलत विकल्प: प्लासी का युद्ध एक निर्णायक जीत थी लेकिन दीवानी अधिकार प्राप्त नहीं हुए थे। पानीपत का प्रथम युद्ध (1526) मुगल साम्राज्य की स्थापना से संबंधित था। हल्दीघाटी का युद्ध (1576) अकबर और महाराणा प्रताप के बीच हुआ था।

प्रश्न 25: ‘लॉर्ड ऑफ द फ्लइज’ (Lord of the Flies) के लेखक कौन हैं?

  1. जॉर्ज ऑरवेल
  2. विलियम गोल्डिंग
  3. एल्डस हक्सले
  4. अर्नेस्ट हेमिंग्वे

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता: ‘लॉर्ड ऑफ द फ्लइज’ (Lord of the Flies) उपन्यास के लेखक विलियम गोल्डिंग हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह 1954 में प्रकाशित एक डिस्टोपियन उपन्यास है जो सभ्य समाज के टूटने और मानव स्वभाव की बर्बरता को दर्शाता है। इसमें स्कूली बच्चों का एक समूह एक निर्जन द्वीप पर फंस जाता है और धीरे-धीरे जंगलीपन और हिंसा की ओर बढ़ता है। गोल्डिंग को इस उपन्यास के लिए 1983 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार भी मिला।
  • गलत विकल्प: जॉर्ज ऑरवेल ‘एनिमल फार्म’ और ‘नाइनटीन एटी-फोर’ के लिए जाने जाते हैं, एल्डस हक्सले ‘ब्रेव न्यू वर्ल्ड’ के लिए, और अर्नेस्ट हेमिंग्वे ‘द ओल्ड मैन एंड द सी’ के लिए प्रसिद्ध हैं।

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