संविधान की कसौटी: आज की POLITY चुनौती!
नमस्कार, भावी राष्ट्र-निर्माताओं! भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभ को समझना आपकी सफलता की कुंजी है। अपनी संवैधानिक ज्ञान की गहराई को परखने और वैचारिक स्पष्टता को निखारने के लिए तैयार हो जाइए। आज की इस विस्तृत प्रश्नोत्तरी में, हम भारतीय राजव्यवस्था के हर पहलू को छूने का प्रयास करेंगे। आइए, अपनी तैयारी को एक नया आयाम दें!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वाँ संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वाँ संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular), ‘समाजवादी’ (Socialist), और ‘अखंडता’ (Integrity) शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया था। यह भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन संविधान में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया, जिसमें प्रस्तावना में इन शब्दों का समावेश सबसे उल्लेखनीय है। यह भारतीय राज्य के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर जोर देता है, जिसका अर्थ है कि राज्य का कोई अपना धर्म नहीं होगा और वह सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करेगा।
- गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वें संशोधन ने दल-बदल विरोधी कानून (10वीं अनुसूची) को जोड़ा। 61वें संशोधन ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, जो धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी नागरिक के विरुद्ध विभेद का प्रतिषेध करता है, केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है। अन्य अधिकार, जैसे अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण), तथा अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) को प्राप्त हैं।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान ने कुछ विशेष अधिकारों को केवल नागरिकों के लिए आरक्षित रखा है ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक समरसता बनाए रखी जा सके। अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, और 30 विशेष रूप से नागरिकों को प्राप्त हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 21, और 25 जैसे अधिकार सभी व्यक्तियों पर लागू होते हैं, न कि केवल नागरिकों पर।
प्रश्न 3: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?
- ये न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं।
- ये देश के शासन में मूलभूत हैं।
- यह राज्य पर नैतिक बाध्यताएँ डालते हैं।
- इनकी प्रकृति ‘न्यायिक’ (Justiciable) है।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) की प्रकृति ‘न्यायिक’ (Justiciable) नहीं है, जिसका अर्थ है कि इन्हें लागू कराने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया नहीं जा सकता। यह कथन सत्य नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित हैं। ये मौलिक अधिकारों (जो ‘न्यायिक’ हैं) के विपरीत ‘गैर-न्यायिक’ (Non-justiciable) हैं। यद्यपि ये न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, ये देश के शासन में मूलभूत हैं (अनुच्छेद 37) और राज्य पर नैतिक बाध्यताएँ डालते हैं कि वह कानून बनाते समय इनका ध्यान रखे।
- गलत विकल्प: कथन (a), (b), और (c) DPSP के संबंध में सत्य हैं। DPSP को लागू करने के लिए कोई कानूनी साधन नहीं है, लेकिन ये शासन चलाने के लिए महत्वपूर्ण हैं और नैतिक रूप से राज्य को बाध्य करते हैं।
प्रश्न 4: राष्ट्रपति के चुनाव में निम्नलिखित में से कौन भाग नहीं लेता है?
- लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
- दिल्ली और पुडुचेरी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के चुनाव मंडल का गठन अनुच्छेद 54 के अनुसार होता है, जिसमें केवल संसद (लोकसभा और राज्यसभा) के ‘निर्वाचित’ सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं के ‘निर्वाचित’ सदस्य शामिल होते हैं। राज्यसभा के मनोनीत सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति एक निर्वाचित राष्ट्राध्यक्ष है, और उसके चुनाव में देश की विधायी शक्ति का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्य भाग लेते हैं। मनोनीत सदस्य विधायी निकायों में सक्रिय रूप से निर्वाचित नहीं होते, इसलिए वे राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने के पात्र नहीं हैं।
- गलत विकल्प: लोकसभा के निर्वाचित सदस्य (a), राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य (c), और दिल्ली तथा पुडुचेरी की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य (d) (70वें संशोधन द्वारा शामिल) राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं।
प्रश्न 5: ‘संसदीय सम्प्रभुता’ (Parliamentary Sovereignty) की अवधारणा भारतीय संविधान में किस देश के संविधान से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- ब्रिटेन
- आयरलैंड
- कनाडा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान में संसदीय सम्प्रभुता की अवधारणा, जो ब्रिटेन के संविधान की एक प्रमुख विशेषता है, से प्रेरित है, हालांकि यह पूर्ण संसदीय सम्प्रभुता नहीं है। भारत में, संविधान सर्वोच्च है और संसद को संविधान के ढांचे के भीतर कार्य करना होता है।
- संदर्भ और विस्तार: ब्रिटेन में, संसद कानून बना सकती है या समाप्त कर सकती है, और कोई भी अदालत उसे ओवररूल नहीं कर सकती। भारत में, संसद कानून बना सकती है, लेकिन न्यायपालिका (सर्वोच्च न्यायालय) के पास न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति है, जिससे वह उन कानूनों को अमान्य कर सकती है जो संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करते हैं।
- गलत विकल्प: अमेरिका से न्यायिक सर्वोच्चता और लिखित संविधान की प्रेरणा ली गई है। आयरलैंड से DPSP और राष्ट्रपति के चुनाव की अप्रत्यक्ष विधि ली गई है। कनाडा से अर्ध-संघीय स्वरूप और अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत लिया गया है।
प्रश्न 6: भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ (Judicial Review) की शक्ति किस अनुच्छेद के तहत प्रयोग की जाती है?
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 300A
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ की शक्ति, जिसके तहत न्यायालय यह तय करता है कि कोई कानून या संवैधानिक संशोधन संविधान के मूल प्रावधानों के अनुरूप है या नहीं, मुख्य रूप से अनुच्छेद 13 के तहत प्रयोग की जाती है। अनुच्छेद 13 (1) और (2) स्पष्ट करते हैं कि मौलिक अधिकारों से असंगत कानून शून्य माने जाएँगे।
- संदर्भ और विस्तार: ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ की शक्ति सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों को विधायी तथा कार्यकारी कार्रवाइयों की संवैधानिकता की समीक्षा करने की शक्ति प्रदान करती है। यह सुनिश्चित करता है कि विधायिका और कार्यपालिका संविधान के उपबंधों का उल्लंघन न करें। सर्वोच्च न्यायालय अनुच्छेद 32 के तहत मौलिक अधिकारों को लागू करने हेतु रिट जारी करता है, जो न्यायिक पुनर्विलोकन का एक रूप है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 32 मौलिक अधिकारों को लागू करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को कानूनी मामलों पर सलाह लेने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 300A संपत्ति के अधिकार से संबंधित है।
प्रश्न 7: केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सी सूची केवल संसद को कानून बनाने की शक्ति देती है?
- संघ सूची (Union List)
- राज्य सूची (State List)
- समवर्ती सूची (Concurrent List)
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। संघ सूची (अनुच्छेद 246) की प्रविष्टियों पर केवल संसद कानून बना सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: संघ सूची में राष्ट्रीय महत्व के विषय शामिल हैं, जैसे रक्षा, विदेश मामले, रेलवे, मुद्रा आदि। राज्य सूची में ऐसे विषय हैं जिन पर मुख्य रूप से राज्य विधानमंडल कानून बनाते हैं, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में संसद भी बना सकती है (जैसे अनुच्छेद 249)। समवर्ती सूची के विषयों पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन यदि विरोधाभास हो तो केंद्र का कानून मान्य होगा (अनुच्छेद 254)।
- गलत विकल्प: राज्य सूची पर मुख्य रूप से राज्य कानून बनाते हैं। समवर्ती सूची पर दोनों कानून बना सकते हैं, जिसमें केंद्र को वरीयता दी जाती है।
प्रश्न 8: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- वित्त मंत्री
- सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख होता है और भारत की संचित निधि, लोक वित्त और सभी सरकारी उपक्रमों के व्यय का ऑडिट करता है। यह भारतीय लोकतंत्र में वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री या सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पास CAG की नियुक्ति की शक्ति नहीं होती है।
प्रश्न 9: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का अध्यक्ष बनने के लिए निम्नलिखित में से कौन पात्र होता है?
- भारत का सेवानिवृत्त राष्ट्रपति
- भारत का सेवानिवृत्त उपराष्ट्रपति
- भारत का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश
- भारत का सेवानिवृत्त प्रधानमंत्री
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने के लिए, व्यक्ति भारत का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) होना चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: NHRC मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक प्रहरी संस्था है। इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिश पर की जाती है, जिसमें प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपसभापति, और केंद्रीय गृह सचिव शामिल होते हैं।
- गलत विकल्प: सेवानिवृत्त राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति या प्रधानमंत्री NHRC के अध्यक्ष के लिए आवश्यक योग्यताएँ नहीं हैं, हालांकि वे अन्य संवैधानिक भूमिकाओं में हो सकते हैं।
प्रश्न 10: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वाँ संशोधन अधिनियम, 1989
- 65वाँ संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा प्रदान किया गया, जिसने संविधान में भाग IX और 11वीं अनुसूची जोड़ी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को त्रि-स्तरीय (ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती स्तर, और जिला परिषद) व्यवस्था प्रदान की और उन्हें स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में स्थापित किया। इसमें महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण भी शामिल है। 74वाँ संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाएँ) से संबंधित है।
- गलत विकल्प: 64वें और 65वें संशोधन पंचायती राज से संबंधित थे लेकिन वे पारित नहीं हो सके थे।
प्रश्न 11: राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा किस अनुच्छेद के तहत की जा सकती है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 256
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 352 के तहत की जाती है, जो युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में लागू होता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस घोषणा के लागू होने पर, केंद्र सरकार राज्यों को महत्वपूर्ण निर्देश दे सकती है और मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर) को निलंबित किया जा सकता है। अनुच्छेद 356 राज्य में संवैधानिक मशीनरी की विफलता पर लागू होता है (राष्ट्रपति शासन), और अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 और 360 क्रमशः राष्ट्रपति शासन और वित्तीय आपातकाल से संबंधित हैं।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान में ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत’ किस देश के संविधान से लिए गए हैं?
- ब्रिटेन
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- आयरलैंड
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) की प्रेरणा आयरलैंड के संविधान से ली गई है।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान निर्माताओं ने आयरलैंड के संविधान से प्रेरित होकर इन सिद्धांतों को शामिल किया, जो सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की स्थापना के लिए राज्य के मार्गदर्शन के रूप में कार्य करते हैं।
- गलत विकल्प: ब्रिटेन से संसदीय प्रणाली, अमेरिका से मौलिक अधिकार, और ऑस्ट्रेलिया से समवर्ती सूची का प्रावधान लिया गया है।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?
- निर्वाचन आयोग (Election Commission of India)
- संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- अल्पसंख्यक आयोग (National Commission for Minorities)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: नीति आयोग (NITI Aayog) एक ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है। यह एक कार्यकारी आदेश द्वारा 2015 में योजना आयोग के स्थान पर गठित एक गैर-संवैधानिक, गैर-वैधानिक निकाय है।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे भारतीय संविधान में किया गया है और उनके गठन, शक्तियों और कार्यों का वर्णन है। निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और अल्पसंख्यक आयोग (यह एक विधायी निकाय है, जिसे 1992 के अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया था, लेकिन अक्सर इस तरह के प्रश्नों में तुलना के लिए दिया जाता है; हालाँकि, NHRC की तरह, यह प्रत्यक्ष संवैधानिक अनुच्छेद से नहीं जुड़ा है। यदि विकल्पों में NHRC होता तो वह भी सही उत्तर होता। ध्यान दें कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को 2014 के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तरह संवैधानिक दर्जा नहीं मिला है, यह अभी भी एक वैधानिक निकाय है।) (यहाँ एक सटीकता सुधार: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग 1992 के अधिनियम से बना है, जबकि NHRC 1993 के अधिनियम से। दोनों वैधानिक हैं। लेकिन नीति आयोग पूर्णतः कार्यकारी है, इसलिए यह स्पष्ट रूप से गैर-संवैधानिक है।)
- गलत विकल्प: निर्वाचन आयोग, संघ लोक सेवा आयोग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (हालांकि वैधानिक है, संवैधानिक नहीं) की तुलना में नीति आयोग प्रत्यक्ष रूप से गैर-संवैधानिक है।
प्रश्न 14: अनुच्छेद 32 (‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’) के तहत सर्वोच्च न्यायालय कितने प्रकार की रिट जारी कर सकता है?
- तीन
- चार
- पाँच
- छह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32 के तहत, सर्वोच्च न्यायालय पाँच प्रकार की रिट जारी कर सकता है: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus), परमादेश (Mandamus), प्रतिषेध (Prohibition), उत्प्रेषण (Certiorari), और अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)।
- संदर्भ और विस्तार: ये रिट मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए शक्तिशाली साधन हैं। यह अनुच्छेद भारतीय संविधान का ‘हृदय और आत्मा’ (डॉ. अंबेडकर के अनुसार) कहलाता है क्योंकि यह अन्य मौलिक अधिकारों को प्रभावी बनाता है। उच्च न्यायालय भी अनुच्छेद 226 के तहत समान रिट जारी कर सकते हैं।
- गलत विकल्प: केवल 5 प्रकार की रिट ही मान्य हैं।
प्रश्न 15: ‘धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध’ किस अनुच्छेद में वर्णित है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15 विशेष रूप से धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी नागरिक के विरुद्ध विभेद के प्रतिषेध की बात करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश, सार्वजनिक सेवाओं के उपयोग, और सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों में समानता सुनिश्चित करता है। यह भारत के नागरिकों को इन आधारों पर भेदभाव से सुरक्षा प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण से संबंधित है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन में अवसर की समानता से संबंधित है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के उन्मूलन से संबंधित है।
प्रश्न 16: भारतीय संविधान में ‘आपातकालीन प्रावधान’ (Emergency Provisions) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- जर्मनी (वाइमर गणराज्य)
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
- फ्रांस
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान में आपातकालीन प्रावधानों की प्रेरणा जर्मनी के वाइमर गणराज्य के संविधान से ली गई है।
- संदर्भ और विस्तार: युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह जैसी राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में, या वित्तीय आपातकाल की स्थिति में, भारत के संघीय ढाँचे को एकात्मक ढाँचे में बदलने की व्यवस्था जर्मनी के संविधान से ली गई है। यह प्रावधान देश की संप्रभुता, सुरक्षा और एकता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- गलत विकल्प: कनाडा से अर्ध-संघीय ढाँचा, ऑस्ट्रेलिया से समवर्ती सूची, और फ्रांस से गणतंत्रात्मक स्वरूप लिया गया है।
प्रश्न 17: संविधान के किस भाग में ‘ग्राम पंचायत’ के गठन का प्रावधान है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IX
- भाग IXA
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ग्राम पंचायतों के गठन का प्रावधान संविधान के भाग IX में अनुच्छेद 40 में एक ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत’ के रूप में किया गया है। हालाँकि, 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भाग IX को ‘पंचायतें’ शीर्षक के साथ जोड़ा, जिसने ग्राम पंचायतों को स्व-शासन की इकाइयों के रूप में संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
- संदर्भ और विस्तार: भाग IX पंचायतों की संरचना, सदस्यों का चुनाव, पंचायतों की शक्तियाँ, प्राधिकार और उत्तरदायित्वों, वित्तीय मामलों आदि से संबंधित है। यह विकेंद्रीकृत शासन प्रणाली को मजबूत करता है।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकार, भाग IV राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत (हालांकि अनुच्छेद 40 यहीं है, लेकिन पंचायतें भाग IX में विस्तृत हैं) और भाग IXA नगर पालिकाओं से संबंधित है।
प्रश्न 18: राष्ट्रपति का कार्यकाल कितने वर्षों का होता है?
- 4 वर्ष
- 5 वर्ष
- 6 वर्ष
- राष्ट्रपति की इच्छा पर निर्भर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 56(1) के अनुसार, राष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तारीख से पाँच वर्ष की अवधि तक पद धारण करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति अपने कार्यकाल की समाप्ति पर भी पद पर बना रहता है जब तक कि उसका उत्तराधिकारी अपना पद ग्रहण नहीं कर लेता। वह पुनः निर्वाचन का पात्र भी हो सकता है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति का कार्यकाल निश्चित रूप से 5 वर्ष होता है, न कि 4, 6 वर्ष या इच्छा पर निर्भर।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार’ (Right to Life and Personal Liberty) के अंतर्गत आता है?
- निजता का अधिकार (Right to Privacy)
- पसंदीदा भोजन का अधिकार (Right to food)
- काम का अधिकार (Right to work)
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) की व्याख्या का विस्तार किया है, जिसमें कई अधिकारों को शामिल किया गया है। निजता का अधिकार (KS Puttaswamy v. Union of India), काम का अधिकार, और भोजन का अधिकार भी इसके अंतर्गत आते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 21 एक व्यापक मौलिक अधिकार है जो मानव गरिमा, स्वतंत्रता और जीवन को सुरक्षित रखता है। सर्वोच्च न्यायालय ने समय-समय पर अपने निर्णयों के माध्यम से इसमें नए अधिकारों को जोड़ा है, जैसे कि स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार, आश्रय का अधिकार, प्रतिष्ठा का अधिकार, और स्वास्थ्य का अधिकार।
- गलत विकल्प: सभी विकल्प अनुच्छेद 21 के तहत विस्तारित अधिकार माने गए हैं।
प्रश्न 20: अनुच्छेद 280 के अनुसार, वित्त आयोग का गठन कौन करता है?
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- राज्यसभा के सभापति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 280 के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति प्रत्येक पाँचवें वर्ष, या जब भी उन्हें आवश्यक लगे, एक वित्त आयोग का गठन करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच करों के शुद्ध आय के वितरण और राज्यों को दिए जाने वाले अनुदानों के सिद्धांतों को निर्धारित करता है। यह एक संवैधानिक निकाय है जो भारत की वित्तीय प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- गलत विकल्प: वित्त आयोग के गठन की शक्ति विशेष रूप से राष्ट्रपति के पास है, अन्य कोई पद यह कार्य नहीं कर सकता।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सी अनुसूची दल-बदल (Defection) से संबंधित है?
- सातवीं अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: दसवीं अनुसूची (Tenth Schedule) दल-बदल के आधार पर संसद या राज्य विधानमंडल के सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित प्रावधानों को निर्धारित करती है। इसे 52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: दल-बदल विरोधी कानून का उद्देश्य विधायकों को अपनी पार्टी बदलने या मतदान में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने से रोकना है, ताकि राजनीतिक स्थिरता बनी रहे।
- गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची शक्तियों के वितरण से, आठवीं अनुसूची भाषाओं से, और नौवीं अनुसूची भूमि सुधारों से संबंधित है।
प्रश्न 22: भारतीय संविधान में ‘राज्य का मुखिया’ कौन होता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 52 के अनुसार, भारत का एक राष्ट्रपति होगा। राष्ट्रपति भारत गणराज्य का ‘राज्य का मुखिया’ (Head of State) होता है, जबकि प्रधानमंत्री ‘सरकार का मुखिया’ (Head of Government) होता है।
- संदर्भ और विस्तार: राज्य का मुखिया औपचारिक प्रमुख होता है, जो देश का प्रतिनिधित्व करता है। राष्ट्रपति को भारत का प्रथम नागरिक भी कहा जाता है। वह देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा का प्रतीक है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का कार्यकारी प्रमुख है, जबकि लोकसभा अध्यक्ष और मुख्य न्यायाधीश क्रमशः विधायी और न्यायिक प्रमुख हैं।
प्रश्न 23: ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) का अंत किस अनुच्छेद के तहत किया गया है?
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
- अनुच्छेद 18
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के अंत का प्रावधान करता है और इसके किसी भी रूप के अभ्यास को प्रतिबंधित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: अस्पृश्यता से उत्पन्न किसी भी विकलांगता को लागू करना कानून के अनुसार दंडनीय होगा। यह अनुच्छेद सामाजिक समानता के मौलिक अधिकार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 विभेद के प्रतिषेध से, अनुच्छेद 16 लोक नियोजन में अवसर की समानता से, और अनुच्छेद 18 उपाधियों के अंत से संबंधित है।
प्रश्न 24: संविधान के किस संशोधन ने ‘समान नागरिक संहिता’ (Uniform Civil Code) को राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में शामिल करने की बात कही है?
- 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
- 24वाँ संशोधन अधिनियम, 1971
- 42वें और 44वें संशोधन में केवल प्रस्तावना में परिवर्तन हुआ, यह एक DPSP का हिस्सा है।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: समान नागरिक संहिता का प्रावधान संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 44 के तहत एक ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत’ के रूप में किया गया है। इसे किसी संशोधन द्वारा शामिल नहीं किया गया था, बल्कि यह मूल संविधान का ही हिस्सा है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 44 कहता है कि राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुरक्षित करने का प्रयास करेगा। यह किसी विशिष्ट संशोधन का परिणाम नहीं है, बल्कि संविधान निर्माताओं की एक महत्वपूर्ण दृष्टि का हिस्सा है।
- गलत विकल्प: 42वें और 44वें संशोधन ने प्रस्तावना और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में परिवर्तन किए, लेकिन समान नागरिक संहिता को सीधे DPSP में शामिल करने वाला कोई संशोधन नहीं हुआ; यह मूल रूप से अनुच्छेद 44 में है।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सी रिट केवल सार्वजनिक पद धारण करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध जारी की जा सकती है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto) रिट केवल सार्वजनिक पद धारण करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध जारी की जा सकती है, ताकि यह पूछा जा सके कि वह किस अधिकार से उस पद पर आसीन है।
- संदर्भ और विस्तार: यदि न्यायालय संतुष्ट हो जाता है कि वह व्यक्ति अवैध रूप से पद पर है, तो उसे पद छोड़ने का आदेश दिया जा सकता है। यह रिट किसी भी व्यक्ति या किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा किसी भी लोक पद की वैधता को चुनौती देने के लिए जारी की जा सकती है।
- गलत विकल्प: बंदी प्रत्यक्षीकरण किसी व्यक्ति को रिहा कराने के लिए, परमादेश किसी अधिकारी को कर्तव्य पालन का आदेश देने के लिए, और उत्प्रेषण किसी निम्न न्यायालय या न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है। ये रिटें व्यापक दायरे में जारी की जा सकती हैं।