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इतिहास की पाठशाला: 25 प्रश्न, 100% सफलता की ओर!

इतिहास की पाठशाला: 25 प्रश्न, 100% सफलता की ओर!

नमस्कार, इतिहास के जिज्ञासु साथियों! क्या आप बीते हुए कल की गहराइयों में उतरने और अपने ज्ञान की धार को पैना करने के लिए तैयार हैं? आज हम आपके लिए लाए हैं काल की गलियों से चुने गए 25 सवालों का एक अनूठा संगम, जो आपकी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को नई दिशा देगा। हर सवाल आपको उस युग में ले जाएगा, जहां इतिहास के फैसले लिखे गए थे। चलिए, शुरू करते हैं ज्ञान का यह रोमांचक सफर!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का नखलिस्तान’ (Sin of the Indus) के रूप में जाना जाता था?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: मोहनजोदड़ो, जिसका सिंधी भाषा में अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था। इसकी विशालता, सुनियोजित नगर-नियोजन और सार्वजनिक स्नानागार के कारण इसे अक्सर ‘सिंधु का नखलिस्तान’ कहा जाता है, जो उस समय की उन्नत शहरी जीवनशैली का प्रतीक था।
  • संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो (वर्तमान पाकिस्तान में) हड़प्पा के साथ सिंधु घाटी सभ्यता के दो सबसे बड़े शहरों में से एक था। इसके पुरातात्विक अवशेषों में महास्नानागार, अन्नागार, और तांबे की ‘डांसिंग गर्ल’ की प्रतिमा शामिल है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा पहला खोजा गया स्थल था। लोथल एक बंदरगाह शहर था, और कालीबंगा जुताई के शुरुआती प्रमाण के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 2: ऋग्वेद में ‘अघ्न्य’ शब्द किस पशु के लिए प्रयुक्त हुआ है?

  1. घोड़ा
  2. गाय
  3. बैल
  4. भेड़

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ऋग्वेद में ‘अघ्न्य’ शब्द का प्रयोग गाय के लिए किया गया है। इसका शाब्दिक अर्थ है ‘वध न करने योग्य’, जो तत्कालीन समाज में गाय के अत्यधिक महत्व और पवित्रता को दर्शाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: ऋग्वैदिक काल में गाय संपत्ति और समृद्धि का प्रतीक थी। उसे विनिमय का माध्यम भी माना जाता था। गायों के लिए अक्सर युद्ध भी लड़े जाते थे, जिन्हें ‘गविष्टि’ कहा जाता था।
  • गलत विकल्प: घोड़ा, बैल और भेड़ उस काल में महत्वपूर्ण थे, लेकिन ‘अघ्न्य’ शब्द विशेष रूप से गाय के लिए आरक्षित था।

प्रश्न 3: मौर्य साम्राज्य का संस्थापक कौन था?

  1. बिन्दुसार
  2. अशोक
  3. चंद्रगुप्त मौर्य
  4. बृहद्रथ

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: चंद्रगुप्त मौर्य मौर्य साम्राज्य के संस्थापक थे। उन्होंने लगभग 322 ईसा पूर्व में नंद वंश के अंतिम शासक धनानंद को हराकर मगध में मौर्य वंश की स्थापना की।
  • संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त मौर्य को चाणक्य (कौटिल्य) का संरक्षण प्राप्त था, जिन्होंने उन्हें शासन कला और रणनीति सिखाई। चंद्रगुप्त ने यूनानी शासक सेल्यूकस निकेटर को भी पराजित किया और एक विशाल साम्राज्य की नींव रखी।
  • गलत विकल्प: बिन्दुसार चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र और उत्तराधिकारी थे, जबकि अशोक उनके पोते थे। बृहद्रथ मौर्य वंश का अंतिम शासक था।

प्रश्न 4: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. केवल सैन्य विजय के कारण
  2. कला, विज्ञान और साहित्य के अभूतपूर्व विकास के कारण
  3. व्यापक भूमि सुधारों के कारण
  4. विदेशी आक्रमणों की अनुपस्थिति के कारण

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: गुप्त काल को ‘भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस अवधि में कला, विज्ञान, साहित्य, गणित, खगोल विज्ञान और दर्शन के क्षेत्रों में अद्वितीय प्रगति हुई।
  • संदर्भ और विस्तार: इस काल में कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे गणितज्ञों और खगोलविदों, और वराहमिहिर जैसे ज्योतिषियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। अजंता की गुफाओं की चित्रकला और साहित्य में ‘पंचतंत्र’ जैसे कार्यों का विकास भी इसी काल की देन है।
  • गलत विकल्प: यद्यपि गुप्त शासकों ने कई विजयें प्राप्त कीं और साम्राज्य स्थिर रहा, लेकिन कला, विज्ञान और साहित्य में हुई प्रगति इस उपाधि का मुख्य कारण है।

प्रश्न 5: किस दिल्ली सल्तनत के शासक ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दास विभाग) की स्थापना की?

  1. अलाउद्दीन खिलजी
  2. गयासुद्दीन तुगलक
  3. फिरोज शाह तुगलक
  4. बलबन

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: फिरोज शाह तुगलक (शासनकाल 1351-1388) ने ‘दीवान-ए-बंदगान’ की स्थापना की थी, जो दास (गुलाम) वर्ग के प्रबंधन और उनके कल्याण के लिए समर्पित एक विभाग था।
  • संदर्भ और विस्तार: फिरोज शाह तुगलक बड़ी संख्या में गुलाम रखता था और उनके लिए एक विशेष विभाग बनाकर उन्हें सेना, प्रशासन और अन्य कार्यों में नियुक्त करता था। उसने कई सार्वजनिक निर्माण कार्य भी कराए थे।
  • गलत विकल्प: अलाउद्दीन खिलजी ने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ (बकाया वसूली विभाग) की स्थापना की, जबकि बलबन ने ‘दीवान-ए-अर्ज’ (सैन्य विभाग) को मजबूत किया।

प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘अष्टदिग्गज’ नामक तेलुगु कवियों के समूह को संरक्षण दिया?

  1. देवराय द्वितीय
  2. कृष्णदेवराय
  3. देवराय प्रथम
  4. राम राय

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: विजयनगर साम्राज्य के महानतम शासकों में से एक, कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529) ने ‘अष्टदिग्गज’ नामक आठ तेलुगु कवियों के एक समूह को अपने दरबार में संरक्षण दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेवराय स्वयं एक विद्वान और कवि थे। उनके शासनकाल में तेलुगु साहित्य अपने चरमोत्कर्ष पर था। अष्टदिग्गज में प्रमुख कवि अल्लसानी पेद्दाना थे, जिन्हें ‘आंध्रकवि पितामह’ कहा जाता है।
  • गलत विकल्प: अन्य शासकों ने भी साहित्य को संरक्षण दिया, लेकिन ‘अष्टदिग्गज’ विशेष रूप से कृष्णदेवराय से जुड़े हैं।

प्रश्न 7: 1857 के विद्रोह के दौरान, अवध (Awadh) का नेतृत्व किसने किया था?

  1. रानी लक्ष्मीबाई
  2. बेगम हजरत महल
  3. तात्या टोपे
  4. खान बहादुर खान

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: 1857 के विद्रोह के दौरान अवध (वर्तमान लखनऊ) में विद्रोह का नेतृत्व बेगम हजरत महल ने किया था। वे अवध के नवाब वाजिद अली शाह की बेगम थीं।
  • संदर्भ और विस्तार: ब्रिटिशों द्वारा अवध को कुशासन के आधार पर हड़प लिए जाने के बाद, बेगम हजरत महल ने अपने अल्पवयस्क पुत्र बिर्जिस क़द्र को गद्दी पर बिठाकर विद्रोह का झंडा उठाया।
  • गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी का, तात्या टोपे ने ग्वालियर और कानपुर के आसपास का, और खान बहादुर खान ने बरेली का नेतृत्व किया था।

प्रश्न 8: ‘रैयतवाड़ी व्यवस्था’ के तहत, भू-राजस्व सीधे किसके द्वारा भुगतान किया जाता था?

  1. जमींदार
  2. किसान (रैयत)
  3. मुखिया
  4. ठेकेदार

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: रैयतवाड़ी व्यवस्था में, भू-राजस्व का भुगतान सीधे किसानों (जिन्हें ‘रैयत’ कहा जाता था) द्वारा सरकार को किया जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था थॉमस मुनरो द्वारा मद्रास प्रेसीडेंसी में 1820 के आसपास लागू की गई थी। इसके तहत जमीन का मालिकाना हक किसान को दिया गया था, लेकिन सरकार द्वारा निर्धारित भू-राजस्व की दर ऊंची थी।
  • गलत विकल्प: जमींदारी व्यवस्था में भू-राजस्व जमींदारों द्वारा वसूला जाता था, जबकि रैयतवाड़ी में किसान सीधे सरकार को भुगतान करते थे।

प्रश्न 9: किस वायसराय ने ‘बंगाल विभाजन’ (1905) की घोषणा की थी?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड लिटन
  3. लॉर्ड कर्जन
  4. लॉर्ड कैनिंग

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: लॉर्ड कर्जन, जो 1899 से 1905 तक भारत के वायसराय रहे, ने 1905 में बंगाल के विभाजन की घोषणा की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: विभाजन का आधिकारिक कारण प्रशासन में सुधार बताना था, लेकिन इसके पीछे फूट डालो और राज करो की नीति तथा बढ़ते राष्ट्रवादी आंदोलन को कमजोर करना था। इस विभाजन ने स्वदेशी आंदोलन को जन्म दिया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं, लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट लागू किया था, और लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह के समय वायसराय थे।

प्रश्न 10: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना किस भारतीय नेता ने की थी?

  1. महात्मा गांधी
  2. जवाहरलाल नेहरू
  3. सुभाष चंद्र बोस
  4. सरदार वल्लभभाई पटेल

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक एक राजनीतिक दल की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: बोस का मानना था कि कांग्रेस गांधीवादी अहिंसा के रास्ते पर चलकर स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर सकती। उन्होंने अपनी पार्टी के माध्यम से अधिक उग्र और साहसिक कदम उठाने का समर्थन किया।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, जबकि नेहरू और पटेल भी कांग्रेस के महत्वपूर्ण स्तंभ थे।

प्रश्न 11: प्राचीन भारत में, ‘इडन’ (Idan) और ‘पिंगला’ (Pingala) क्या थे?

  1. नदियों के नाम
  2. चिकित्सा पद्धतियाँ
  3. आर्थिक प्रणालियाँ
  4. साहित्यिक शैलियाँ

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: इडन और पिंगला, प्राचीन भारतीय ग्रंथों में उल्लिखित दो महत्वपूर्ण नदियों के नाम हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इडन नदी को सरस्वती नदी का एक सहायक या समानार्थक रूप माना जाता है, जबकि पिंगला नदी का उल्लेख भी महत्वपूर्ण है। नदियों का प्राचीन भारतीय संस्कृति, धर्म और अर्थव्यवस्था में गहरा महत्व था।
  • गलत विकल्प: ये चिकित्सा, अर्थव्यवस्था या साहित्य से संबंधित नहीं थे, बल्कि नदियों के नाम थे।

प्रश्न 12: महायान बौद्ध धर्म के ग्रंथ ‘ललितविस्तर’ में मुख्य रूप से किसका जीवन वर्णन है?

  1. महावीर
  2. गौतम बुद्ध
  3. अशोक
  4. कनिष्क

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: महायान बौद्ध धर्म का प्रसिद्ध ग्रंथ ‘ललितविस्तर’ मुख्य रूप से गौतम बुद्ध के जीवन की घटनाओं, विशेषकर उनके जन्म से लेकर बोधगया में ज्ञान प्राप्ति तक के काल का काव्यात्मक और अलौकिक वर्णन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ बुद्ध के जीवन को चमत्कारी और दैवीय घटनाओं से भरपूर तरीके से प्रस्तुत करता है, जो महायान बौद्ध धर्म की विशिष्टता को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: महावीर जैन धर्म के संस्थापक थे, जबकि अशोक और कनिष्क क्रमशः मौर्य और कुषाण शासक थे।

प्रश्न 13: गुप्त काल के दौरान ‘दिनार’ (Dinar) क्या था?

  1. एक प्रकार का कर
  2. एक प्रशासनिक पद
  3. सोने के सिक्के
  4. एक धार्मिक अनुष्ठान

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: गुप्त काल के दौरान ‘दिनार’ सोने के सिक्कों के लिए प्रयुक्त होने वाला शब्द था।
  • संदर्भ और विस्तार: गुप्त शासकों ने बड़ी संख्या में सोने के सिक्के जारी किए, जिन्होंने साम्राज्य की आर्थिक समृद्धि और व्यापार को बढ़ावा दिया। इन सिक्कों पर अक्सर शासक की छवि या देवताओं के चित्र अंकित होते थे।
  • गलत विकल्प: दिनार कोई कर, पद या अनुष्ठान नहीं था, बल्कि एक महत्वपूर्ण मुद्रा इकाई थी।

प्रश्न 14: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘बाजार नियंत्रण’ की कठोर प्रणाली लागू की थी?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. मोहम्मद बिन तुगलक

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: अलाउद्दीन खिलजी (शासनकाल 1296-1316) ने अपने साम्राज्य में वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एक कठोर बाजार प्रणाली लागू की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: अलाउद्दीन खिलजी ने सेना के लिए रसद की आपूर्ति सुनिश्चित करने, महंगाई पर काबू पाने और जनता को सस्ती दर पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह प्रणाली लागू की थी। उसने ‘दीवान-ए-रियासत’ नामक एक नए विभाग की भी स्थापना की थी।
  • गलत विकल्प: अन्य शासकों ने भी आर्थिक सुधार किए, लेकिन बाजार नियंत्रण की इतनी विस्तृत और कठोर प्रणाली अलाउद्दीन खिलजी से जुड़ी है।

प्रश्न 15: भारत में ‘फोर्ट विलियम कॉलेज’ की स्थापना किसने की थी?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड वेलेस्ली
  3. लॉर्ड विलियम बेंटिंक
  4. लॉर्ड कर्जन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना 1800 ईस्वी में लॉर्ड वेलेस्ली, जो उस समय भारत के गवर्नर-जनरल थे, द्वारा की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस कॉलेज की स्थापना ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों को भारतीय भाषाओं, साहित्य, इतिहास और शासन की बारीकियों में प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से की गई थी। यह भारत में ब्रिटिश शासन को स्थिर करने का एक प्रयास था।
  • गलत विकल्प: अन्य वायसरॉयों के महत्वपूर्ण कार्य थे, लेकिन फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना का श्रेय लॉर्ड वेलेस्ली को जाता है।

प्रश्न 16: ‘भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत’ किसे कहा जाता है?

  1. स्वामी दयानंद सरस्वती
  2. राजा राम मोहन राय
  3. स्वामी विवेकानंद
  4. ईश्वर चंद्र विद्यासागर

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: राजा राम मोहन राय को ‘भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत’ और ‘आधुनिक भारत का जनक’ कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्होंने 19वीं सदी में भारत में सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक सुधारों की एक लहर शुरू की। उन्होंने 1828 में ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना की, जिसने एकेश्वरवाद, तर्कवाद और सामाजिक समानता पर जोर दिया। सती प्रथा के उन्मूलन में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
  • गलत विकल्प: दयानंद सरस्वती ने ‘आर्य समाज’ की स्थापना की, विवेकानंद ने ‘रामकृष्ण मिशन’ की, और विद्यासागर ने शिक्षा और विधवा पुनर्विवाह के लिए काम किया, लेकिन पुनर्जागरण की शुरुआत का श्रेय राजा राम मोहन राय को जाता है।

प्रश्न 17: ‘दांडी मार्च’ (नमक सत्याग्रह) कब शुरू हुआ?

  1. 26 जनवरी 1930
  2. 12 मार्च 1930
  3. 6 अप्रैल 1930
  4. 15 अगस्त 1947

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी मार्च की शुरुआत की थी, जो सविनय अवज्ञा आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अहिंसक विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए नमक कानून का उल्लंघन करना था, जो भारतीयों के लिए नमक उत्पादन और बिक्री पर एकाधिकार स्थापित करता था। गांधीजी अपने 78 अनुयायियों के साथ 240 मील चलकर दांडी पहुंचे और 6 अप्रैल 1930 को समुद्र तट पर नमक बनाकर कानून तोड़ा।
  • गलत विकल्प: 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज दिवस मनाया गया था, जबकि 6 अप्रैल 1930 को नमक कानून तोड़ा गया था। 15 अगस्त 1947 भारत की स्वतंत्रता का दिन है।

प्रश्न 18: भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान, महात्मा गांधी ने कौन सा प्रसिद्ध नारा दिया था?

  1. जय हिंद
  2. करो या मरो
  3. पूर्ण स्वराज
  4. सरफरोशी की तमन्ना

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का प्रसिद्ध नारा दिया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नारा देशवासियों से आह्वान था कि वे स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए अंतिम प्रयास करें, चाहे इसके लिए उन्हें अपनी जान क्यों न देनी पड़े। इस आंदोलन ने ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी थी।
  • गलत विकल्प: ‘जय हिंद’ सुभाष चंद्र बोस से जुड़ा है, ‘पूर्ण स्वराज’ की मांग जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में हुई थी, और ‘सरफरोशी की तमन्ना’ राम प्रसाद बिस्मिल से संबंधित है।

प्रश्न 19: सिंधु घाटी सभ्यता में ‘हल से जुताई’ के प्रमाण किस स्थल से मिलते हैं?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगा

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: कालीबंगा, जो राजस्थान में स्थित है, वह सिंधु घाटी सभ्यता का स्थल है जहाँ से हल से जुताई के पुरातात्विक प्रमाण मिले हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: कालीबंगा की खुदाई से एक खेत के प्रमाण मिले हैं जिसमें हल की लकीरें स्पष्ट दिखाई देती हैं। यह दर्शाता है कि उस काल में कृषि में हल का प्रयोग किया जाता था। यहाँ से हल्की मिट्टी की प्रतिकृति भी मिली है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो प्रमुख शहर थे, जबकि लोथल एक बंदरगाह था। कालीबंगा विशेष रूप से कृषि के प्रारंभिक प्रमाणों के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 20: मौर्य काल में ‘इंडिका’ (Indica) का लेखक कौन था?

  1. टॉलेमी
  2. प्लिनी
  3. मेगस्थनीज
  4. फाह्यान

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: मेगस्थनीज, एक यूनानी राजदूत था जिसने मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में समय बिताया था। उसने ‘इंडिका’ नामक पुस्तक लिखी, जिसमें उसने तत्कालीन भारतीय समाज, संस्कृति और मौर्य साम्राज्य का वर्णन किया।
  • संदर्भ और विस्तार: यद्यपि ‘इंडिका’ का मूल रूप अब उपलब्ध नहीं है, लेकिन अन्य लेखकों द्वारा उद्धृत अंशों से हमें उस समय के भारत के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। मेगस्थनीज ने पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) का भी विस्तृत वर्णन किया है।
  • गलत विकल्प: टॉलेमी और प्लिनी रोमन लेखक थे, जबकि फाहियान एक चीनी यात्री था जो गुप्त काल में भारत आया था।

प्रश्न 21: ‘शिवाजी की गुरिल्ला युद्ध प्रणाली’ को क्या कहा जाता था?

  1. जब्ती
  2. बंदोबस्त
  3. मक़्क़ा
  4. कांग्री

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: शिवाजी महाराज की प्रभावी गुरिल्ला युद्ध प्रणाली को ‘कांग्री’ या ‘पार्श्व युद्ध’ (Guerrilla warfare) के रूप में जाना जाता था।
  • संदर्भ और विस्तार: शिवाजी ने मराठा साम्राज्य की स्थापना में इस युद्ध शैली का सफलतापूर्वक उपयोग किया। इसमें तेज गति से हमला करना, दुश्मन को चौंकाना और पहाड़ियों या घने जंगलों का लाभ उठाकर जल्दी से गायब हो जाना शामिल था, जिससे बड़े और भारी तोपखाने वाले मुगल सेना को भारी नुकसान होता था।
  • गलत विकल्प: ‘जब्ती’ और ‘बंदोबस्त’ भू-राजस्व प्रणाली से संबंधित हैं, जबकि ‘मक़्क़ा’ इस संदर्भ में प्रासंगिक नहीं है।

प्रश्न 22: मुगल बादशाह जहांगीर के दरबार में आने वाला पहला अंग्रेज कौन था?

  1. सर थॉमस रो
  2. विलियम हॉकिंस
  3. एडवर्ड टेरी
  4. जॉन बाल्डविन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: कैप्टन विलियम हॉकिंस, मुगल सम्राट जहांगीर के दरबार में आने वाला पहला अंग्रेज था। वह 1608 में सूरत में उतरा और 1609 में जहांगीर से आगरा में मिला।
  • संदर्भ और विस्तार: हॉकिंस ने जहांगीर से व्यापार करने की अनुमति प्राप्त करने का प्रयास किया। जहांगीर ने उसे ‘ 400 का मनसब’ और ‘फिरंगी खान’ की उपाधि भी दी थी।
  • गलत विकल्प: सर थॉमस रो 1615 में भारत आया था और उसने जहांगीर से व्यापार की अधिक अनुकूल शर्तें प्राप्त कीं।

प्रश्न 23: ‘अकाल आयोग’ (Famine Commission) की स्थापना 1880 में किस वायसराय के कार्यकाल में हुई थी?

  1. लॉर्ड लिटन
  2. लॉर्ड रिपन
  3. लॉर्ड डफरिन
  4. लॉर्ड कर्जन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: सर रिचर्ड स्ट्रैची की अध्यक्षता में प्रथम अकाल आयोग की स्थापना 1880 में लॉर्ड रिपन के वायसराय काल में हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: ब्रिटिश काल में भारत को कई भयंकर अकालों का सामना करना पड़ा था। इस आयोग का उद्देश्य अकाल राहत के लिए नीतियां बनाना और भविष्य में ऐसे संकटों को रोकने के उपाय सुझाना था। आयोग ने सरकारी सहायता और मुआवजे पर जोर दिया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड लिटन के काल में 1876-78 का भयंकर अकाल पड़ा था, लेकिन अकाल आयोग की स्थापना लॉर्ड रिपन के समय हुई।

प्रश्न 24: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) का तात्कालिक कारण क्या था?

  1. जर्मनी द्वारा बेल्जियम पर आक्रमण
  2. ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या
  3. रूस का ऑस्ट्रिया पर युद्ध की घोषणा
  4. जर्मनी द्वारा ब्रिटेन पर युद्ध की घोषणा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को साराजेवो (बोस्निया) में ऑस्ट्रिया के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस हत्या को ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बियाई राष्ट्रवाद की कार्रवाई माना और सर्बिया को अल्टीमेटम दिया। सर्बिया द्वारा सभी मांगों को पूरा न करने पर ऑस्ट्रिया ने सर्बिया पर युद्ध की घोषणा कर दी, जिससे विभिन्न देशों के बीच संधियों के जाल के कारण यह एक विश्व युद्ध में बदल गया।
  • गलत विकल्प: जर्मनी का बेल्जियम पर आक्रमण युद्ध शुरू होने के बाद हुआ था, जबकि रूस का ऑस्ट्रिया पर युद्ध की घोषणा और जर्मनी का ब्रिटेन पर युद्ध की घोषणा इस घटना के बाद हुई श्रृंखला का हिस्सा थे।

प्रश्न 25: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा किसने दिया था?

  1. महात्मा गांधी
  2. भगत सिंह
  3. जवाहरलाल नेहरू
  4. मौलाना हसरत मोहानी

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सत्यता: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ (क्रांति चिरंजीवी हो) का नारा मूल रूप से मौलाना हसरत मोहानी द्वारा गढ़ा गया था, लेकिन इसे भगत सिंह ने अपने क्रांतिकारी आंदोलन के दौरान बहुत लोकप्रिय बनाया।
  • संदर्भ और विस्तार: भगत सिंह और उनके साथियों ने इस नारे का प्रयोग ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ अपने संघर्ष में किया। उन्होंने 8 अप्रैल 1929 को दिल्ली की केंद्रीय विधान सभा में बम फेंकते समय भी यह नारा लगाया था, जिसने इसे स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख प्रतीक बना दिया।
  • गलत विकल्प: जबकि गांधीजी और नेहरू ने देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, यह नारा विशेष रूप से भगत सिंह और मोहानी से जुड़ा है, जिसमें भगत सिंह का योगदान इसे लोकप्रिय बनाने में अद्वितीय है।

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