इतिहास का महासंग्राम: अपनी तैयारी को दें धार!
आइए, इतिहास के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा पर चलें! आज के इस विशेष अभ्यास सत्र में, हम प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक युग तक के महत्वपूर्ण पड़ावों को छूते हुए 25 प्रश्नों का सामना करेंगे। अपनी तैयारी को परखें और ज्ञान की मशाल को और प्रज्ज्वलित करें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस स्थल से घोड़े के अवशेष प्राप्त नहीं हुए हैं?
- सुरकोटदा
- लोथल
- डाबरकोट
- मांडा
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मांडा, सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे उत्तरी स्थल है, जो वर्तमान जम्मू और कश्मीर में चेनाब नदी के तट पर स्थित है। यहां से घोड़े के अवशेष प्राप्त होने का कोई पुरातात्विक प्रमाण नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: सुरकोटदा (गुजरात) से घोड़े की हड्डियाँ मिली हैं, जो संभावित रूप से इस बात का संकेत देती हैं कि सिंधु घाटी सभ्यता में घोड़े का ज्ञान था, हालांकि इसका व्यापक उपयोग विवादित है। लोथल (गुजरात) एक प्रमुख बंदरगाह था और यहां से घोड़े की लघु मृण्मूर्ति मिली है। डाबरकोट (पाकिस्तान) भी सिंधु घाटी सभ्यता का एक स्थल है जहाँ से घोड़े के संबंध में कुछ प्रमाण मिले हैं।
- गलत विकल्प: सुरकोटदा, लोथल और डाबरकोट से घोड़े के अवशेष या प्रतिनिधित्व प्राप्त हुए हैं, जिससे वे इस प्रश्न के संदर्भ में गलत विकल्प बन जाते हैं।
प्रश्न 2: “अमुक्तमाल्यदा” नामक ग्रंथ की रचना किसने की थी?
- कृष्ण देव राय
- हर्षवर्धन
- कलहण
- बाणभट्ट
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: “अमुक्तमाल्यदा” (The Garland of the Loved One) एक महत्वपूर्ण तेलुगु साहित्यिक कृति है, जिसकी रचना विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक, कृष्ण देव राय ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ भगवान विष्णु की उनकी पत्नी गोदा देवी (अंडाल) के प्रति भक्ति पर आधारित है। कृष्ण देव राय स्वयं एक महान विद्वान और कवि थे, और उन्होंने तेलुगु साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- गलत विकल्प: हर्षवर्धन ने ‘रत्नावली’, ‘प्रियदर्शिका’ और ‘नागानन्द’ जैसे संस्कृत नाटक लिखे। कलहण ने ‘राजतरंगिणी’ (कश्मीर का इतिहास) की रचना की। बाणभट्ट, हर्षवर्धन के दरबारी कवि थे, जिन्होंने ‘हर्षचरित’ और ‘कादंबरी’ की रचना की।
प्रश्न 3: 1919 में जलियाँवाला बाग हत्याकांड के विरोध में निम्नलिखित में से किसने नाइटहुड की उपाधि त्याग दी थी?
- महात्मा गांधी
- रवींद्रनाथ टैगोर
- सर सैयद अहमद खान
- लाला लाजपत राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1919 में अमृतसर के जलियाँवाला बाग में हुए निर्मम हत्याकांड के विरोध में, महान कवि और लेखक रवींद्रनाथ टैगोर ने ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रदान की गई नाइटहुड की उपाधि को लौटा दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: टैगोर ने जलियाँवाला बाग नरसंहार को “जानवरों द्वारा की गई क्रूरता” बताते हुए अपनी उपाधि त्याग दी थी। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई और इसने ब्रिटिश राज के प्रति विरोध को और तीव्र कर दिया।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने जलियाँवाला बाग हत्याकांड के तुरंत बाद कैसर-ए-हिंद की उपाधि त्याग दी थी, लेकिन प्रश्न में नाइटहुड की उपाधि का उल्लेख है। सर सैयद अहमद खान 19वीं सदी के सुधारक थे और उनका इस घटना से कोई संबंध नहीं था। लाला लाजपत राय एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे, लेकिन उन्होंने नाइटहुड की उपाधि नहीं ली थी।
प्रश्न 4: फ्रांस की क्रांति का तत्कालीन कारण क्या था?
- स्टेट्स-जनरल का आह्वान
- बास्तील का पतन
- मानव अधिकारों की घोषणा
- आतंक का शासन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फ्रांस में गंभीर वित्तीय संकट और सामाजिक असंतोष के बीच, राजा लुई सोलहवें ने 175 वर्षों बाद 1789 में स्टेट्स-जनरल (प्रतिनिधि सभा) का आह्वान किया। यही आह्वान क्रांति का तत्कालीन कारण बना।
- संदर्भ और विस्तार: स्टेट्स-जनरल की बैठक में, तीसरे एस्टेट (जनता का प्रतिनिधित्व) ने अपनी मांगों को लेकर विरोध किया और राष्ट्रीय सभा (National Assembly) का गठन किया, जिसने फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत की।
- गलत विकल्प: बास्तील का पतन (14 जुलाई 1789) क्रांति की एक महत्वपूर्ण घटना थी, लेकिन यह आह्वान का परिणाम था। मानव अधिकारों की घोषणा और आतंक का शासन क्रांति के बाद की घटनाएँ थीं।
प्रश्न 5: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: समुद्रगुप्त, गुप्त साम्राज्य के एक महान शासक थे, जिन्होंने अपने विशाल विजय अभियानों और साम्राज्य के विस्तार के कारण इतिहासकार वी. ए. स्मिथ द्वारा ‘भारत का नेपोलियन’ कहा गया।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने उत्तर भारत के अनेक राज्यों को जीता और दक्षिण भारत में भी अनेक राज्यों को अपने अधीन किया। उनके सिक्कों पर उन्हें ‘पराक्रमांक’ और ‘सर्वराजोच्छेत्ता’ (सभी राजाओं को उखाड़ फेंकने वाला) जैसी उपाधियों से अलंकृत किया गया है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का संस्थापक था। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने मालवा पर विजय प्राप्त की और उनके दरबार में नवरत्न थे। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान दिया।
प्रश्न 6: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन कहाँ आयोजित हुआ था?
- कोलकाता
- मुंबई
- चेन्नई
- इलाहाबाद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन 28-31 दिसंबर 1885 को गोकुलदास तेजपाल संस्कृत पाठशाला, बम्बई (अब मुंबई) में आयोजित हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी (W.C. Banerjee) ने की थी और इसमें 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। ए.ओ. ह्यूम (Allan Octavian Hume) ने कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- गलत विकल्प: कोलकाता में कांग्रेस का दूसरा अधिवेशन (1886) और अन्य कई अधिवेशन हुए। चेन्नई और इलाहाबाद भी कांग्रेस के महत्वपूर्ण अधिवेशनों के स्थल रहे हैं, लेकिन पहला अधिवेशन मुंबई में हुआ था।
प्रश्न 7: चंगेज़ खान ने भारत पर किसके शासनकाल में आक्रमण किया था?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- नासिरुद्दीन महमूद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1221 ईस्वी में, मंगोल आक्रमणकारी चंगेज़ खान ने सिंधु नदी के तट पर इल्तुतमिश के शासनकाल में भारत पर आक्रमण किया था।
- संदर्भ और विस्तार: चंगेज़ खान ने ख्वारिज्मी साम्राज्य के राजकुमार जलालुद्दीन मिंगबर्नी का पीछा करते हुए भारत की ओर कदम बढ़ाया था। इल्तुतमिश ने कूटनीति का प्रयोग करते हुए जलालुद्दीन को शरण न देकर चंगेज़ खान के सीधे आक्रमण से भारत को बचाया था।
- गलत विकल्प: कुतुबुद्दीन ऐबक 1206-1210 तक शासक था, और चंगेज़ खान का आक्रमण उसके बाद हुआ। बलबन (1266-1286) और नासिरुद्दीन महमूद (1246-1266) बाद के शासक थे।
प्रश्न 8: ‘गदर’ पार्टी की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?
- 1913, बर्लिन
- 1915, सैन फ्रांसिस्को
- 1907, पेरिस
- 1913, सैन फ्रांसिस्को
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘गदर’ पार्टी की स्थापना 1913 में सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत को मुक्त कराने के लिए विदेशों में रह रहे भारतीयों को संगठित करना था। लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य नेताओं ने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ‘गदर’ नामक साप्ताहिक पत्रिका पार्टी का मुखपत्र थी।
- गलत विकल्प: बर्लिन में ‘इंडियन इंडिपेंडेंस लीग’ और ‘जर्मन-इंडियन एसोसिएशन’ जैसे समूह सक्रिय थे, लेकिन गदर पार्टी की स्थापना सैन फ्रांसिस्को में हुई थी। सैन फ्रांसिस्को में 1915 में गदर आंदोलन का एक महत्वपूर्ण चरण था, लेकिन स्थापना 1913 में हुई।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से किस मुगल बादशाह ने ‘दीन-ए-इलाही’ धर्म चलाया था?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की स्थापना की, जिसका उद्देश्य विभिन्न धार्मिक विश्वासों के बीच सामंजस्य स्थापित करना था।
- संदर्भ और विस्तार: दीन-ए-इलाही, अकबर की धार्मिक सहिष्णुता की नीति का प्रतीक था। इसमें विभिन्न धर्मों के सार तत्व शामिल थे, और इसे राजसी सिद्धांत के रूप में पेश किया गया था। हालांकि, यह बहुत लोकप्रिय नहीं हुआ और केवल कुछ ही लोगों ने इसे अपनाया।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने इस धर्म को नहीं चलाया। जहाँगीर कला और वास्तुकला के संरक्षक थे, शाहजहाँ ने ताज महल का निर्माण करवाया, और औरंगजेब अपनी कट्टर धार्मिक नीतियों के लिए जाने जाते थे।
प्रश्न 10: भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ‘ऑपरेशन जीरो आवर’ का क्या अर्थ था?
- सभी प्रमुख कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार करना
- सभी राष्ट्रीय समाचार पत्रों को बंद करना
- सभी विदेशी व्यापार पर रोक लगाना
- सभी राष्ट्रीय स्कूलों को बंद करना
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘ऑपरेशन जीरो आवर’ भारत छोड़ो आंदोलन (1942) की शुरुआत में ब्रिटिश सरकार द्वारा चलाया गया एक ऑपरेशन था, जिसके तहत महात्मा गांधी सहित सभी प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं को तड़के सुबह गिरफ्तार कर लिया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस ऑपरेशन का उद्देश्य आंदोलन को प्रारंभ होते ही कुचल देना था। गांधीजी को पुणे के आगा खान पैलेस में रखा गया, जबकि अन्य नेताओं को देश के विभिन्न हिस्सों में गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी के कारण आंदोलन का स्वरूप स्वतःस्फूर्त हो गया।
- गलत विकल्प: ऑपरेशन जीरो आवर का मुख्य उद्देश्य नेताओं की गिरफ्तारी था, न कि समाचार पत्रों, व्यापार या स्कूलों को बंद करना।
प्रश्न 11: किस चोल शासक ने ‘गंगैकोंडचोलपुरम’ की उपाधि धारण की और एक नया राजधानी शहर बसाया?
- राजराज प्रथम
- राजेंद्र प्रथम
- कुलतुंग प्रथम
- विक्रम चोल
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: राजेंद्र प्रथम, चोल साम्राज्य के सबसे शक्तिशाली शासकों में से एक थे। उन्होंने उत्तर भारत तक सैन्य अभियान चलाया और गंगा नदी के जल को अपने राज्य में लाकर ‘गंगैकोंडचोलपुरम’ (गंगा के विजेता) की उपाधि धारण की और इस नाम से एक नई राजधानी भी बसाई।
- संदर्भ और विस्तार: राजेंद्र प्रथम का शासनकाल चोल साम्राज्य का चरम काल माना जाता है। उन्होंने अपनी नौसेना के बल पर दक्षिण-पूर्व एशिया के शैलेंद्र साम्राज्य पर भी विजय प्राप्त की थी।
- गलत विकल्प: राजराज प्रथम ने तंजौर में बृहदीश्वर मंदिर का निर्माण करवाया था। कुलतुंग प्रथम और विक्रम चोल अन्य महत्वपूर्ण चोल शासक थे, लेकिन ‘गंगैकोंडचोलपुरम’ की उपाधि और शहर की स्थापना राजेंद्र प्रथम से जुड़ी है।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सा विचारक ‘पेरियार’ के नाम से जाना जाता है?
- ई.वी. रामासामी नायकर
- बाल गंगाधर तिलक
- लाला लाजपत राय
- बिपिन चंद्र पाल
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: इरोड वेंकटप्पा रामासामी नायकर (E.V. Ramasamy Naicker), जिन्हें आमतौर पर ‘पेरियार’ के नाम से जाना जाता है, एक द्रविड़ आंदोलन के प्रमुख नेता और समाज सुधारक थे।
- संदर्भ और विस्तार: पेरियार ने जाति व्यवस्था, अंधविश्वासों और ब्राह्मणवादी प्रभुत्व के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई। उन्होंने आत्म-सम्मान आंदोलन (Self-Respect Movement) का नेतृत्व किया और महिलाओं के अधिकारों तथा सामाजिक समानता के लिए कार्य किया।
- गलत विकल्प: बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल ‘लाल-बाल-पाल’ त्रय के नाम से जाने जाते थे, जो भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के प्रमुख नेता थे, लेकिन उन्हें ‘पेरियार’ के नाम से नहीं जाना जाता।
प्रश्न 13: ‘दास प्रथा’ का उन्मूलन किस ब्रिटिश गवर्नर-जनरल के कार्यकाल में हुआ था?
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: लॉर्ड विलियम बेंटिंक, भारत के गवर्नर-जनरल (1828-1835) थे, जिनके कार्यकाल में 1833 के चार्टर अधिनियम के प्रावधानों के तहत 1833 में दास प्रथा (Slavery) का उन्मूलन कर दिया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यद्यपि दास प्रथा को 1833 में अवैध घोषित किया गया था, इसका पूर्ण उन्मूलन 1843 में लॉर्ड एलनबरो के कार्यकाल में हुआ। लेकिन 1833 का अधिनियम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था और इसका श्रेय बेंटिंक को जाता है।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी (1848-1856) ‘व्यपगत के सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड कैनिंग (1856-1862) 1857 के विद्रोह के समय गवर्नर-जनरल थे। लॉर्ड लिटन (1876-1880) ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट जैसे जन विरोधी कानून लागू किए।
प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘अष्टप्रधान’ के संबंध में सत्य है?
- यह मराठा साम्राज्य की शाही परिषद थी।
- इसमें आठ मंत्री होते थे।
- इसका नेतृत्व पेशवा करता था।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘अष्टप्रधान’ शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित मराठा साम्राज्य की एक शाही परिषद थी, जिसमें आठ मंत्री होते थे और इसका नेतृत्व शिवाजी के प्रधान मंत्री, पेशवा, करते थे।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान के सदस्य थे: पेशवा (प्रधान मंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (गृह मंत्री), सुमंत (विदेश मंत्री), पंडितराव (धर्म प्रमुख), सेनापति (सैन्य प्रमुख), सुमंत (न्यायाधीश) और मंत्री (राजस्व एवं भू-अभिलेख)। यह व्यवस्था मराठा प्रशासन की रीढ़ थी।
- गलत विकल्प: दिए गए सभी कथन अष्टप्रधान के संबंध में सत्य हैं, इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है।
प्रश्न 15: ‘द्वितीय विश्व युद्ध’ का तात्कालिक कारण क्या था?
- पर्ल हार्बर पर जापानी हमला
- जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण
- जापान का चीन पर आक्रमण
- जर्मनी का ऑस्ट्रिया पर कब्जा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: द्वितीय विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 1 सितंबर 1939 को जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण था। इसके जवाब में ब्रिटेन और फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी।
- संदर्भ और विस्तार: प्रथम विश्व युद्ध के बाद हुई वर्साय की संधि ने जर्मनी पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे, जिससे वहां असंतोष फैला। एडॉल्फ हिटलर के नेतृत्व में नाजी जर्मनी ने विस्तारवादी नीति अपनाई, जिसका पहला बड़ा कदम पोलैंड पर आक्रमण था।
- गलत विकल्प: पर्ल हार्बर पर हमला 1941 में हुआ, जिसने अमेरिका को सीधे युद्ध में शामिल किया। जापान का चीन पर आक्रमण और जर्मनी का ऑस्ट्रिया पर कब्जा द्वितीय विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि तैयार करने वाले महत्वपूर्ण कारण थे, लेकिन तात्कालिक कारण नहीं।
प्रश्न 16: प्रसिद्ध ‘अजंता की गुफाएँ’ मुख्य रूप से किस धर्म से संबंधित हैं?
- बौद्ध धर्म
- जैन धर्म
- हिंदू धर्म
- ईसाई धर्म
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: महाराष्ट्र में स्थित अजंता की गुफाएँ मुख्य रूप से बौद्ध धर्म से संबंधित हैं। इनमें बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बनाए गए चित्र और मूर्तियाँ शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इन गुफाओं में जातक कथाओं (भगवान बुद्ध के पूर्व जन्मों की कहानियाँ) के चित्रण मिलते हैं। ये गुफाएँ दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर छठी शताब्दी ईस्वी तक की मानी जाती हैं और भारतीय कला एवं वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
- गलत विकल्प: हालांकि कुछ गुफाओं में हिंदू और जैन धर्म से संबंधित भी कुछ तत्व मिल सकते हैं, लेकिन उनका प्रमुख विषय बौद्ध धर्म से संबंधित है।
प्रश्न 17: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना किसने की थी?
- दादाभाई नौरोजी
- सुरेंद्रनाथ बनर्जी
- फिरोजशाह मेहता
- गोपाल कृष्ण गोखले
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना 1866 में दादाभाई नौरोजी ने लंदन में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटेन में भारतीय विचारों और हितों को बढ़ावा देना, ब्रिटिश जनता को भारत की समस्याओं से अवगत कराना और ब्रिटिश सरकार पर सुधारों के लिए दबाव डालना था। दादाभाई नौरोजी को ‘भारत का ग्रैंड ओल्ड मैन’ भी कहा जाता है।
- गलत विकल्प: सुरेंद्रनाथ बनर्जी ने इंडियन नेशनल एसोसिएशन की स्थापना की थी। फिरोजशाह मेहता और गोपाल कृष्ण गोखले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे।
प्रश्न 18: प्रसिद्ध ‘लौह पुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि किस आंदोलन के दौरान प्रदान की गई थी?
- अहमदाबाद मिल हड़ताल
- खेड़ा सत्याग्रह
- बारडोली सत्याग्रह
- असहयोग आंदोलन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: बारडोली सत्याग्रह (1928) के दौरान, गुजरात के किसानों द्वारा सत्याग्रह का नेतृत्व करने के लिए वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: बारडोली की महिलाओं ने उन्हें यह उपाधि प्रदान की थी, जो बाद में उनके नाम का एक अभिन्न अंग बन गई। इस सत्याग्रह का मुख्य कारण ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए अत्यधिक भू-राजस्व के खिलाफ विरोध था।
- गलत विकल्प: अहमदाबाद मिल हड़ताल (1918) में भी पटेल सक्रिय थे, लेकिन उपाधि बारडोली से मिली। खेड़ा सत्याग्रह (1918) भी गुजरात में हुआ था, और असहयोग आंदोलन (1920-22) एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन था।
प्रश्न 19: ‘कौटिल्य’ का ‘अर्थशास्त्र’ किस विषय से संबंधित है?
- राजनीतिक कला और सैन्य रणनीति
- दर्शन और धर्म
- साहित्य और काव्यात्मक रचना
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कौटिल्य (जिन्हें चाणक्य भी कहा जाता है) द्वारा रचित ‘अर्थशास्त्र’ मुख्य रूप से राजनीतिक कला, राज्य कला, आर्थिक नीति और सैन्य रणनीति से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ प्राचीन भारत में शासन, कूटनीति, युद्ध और अर्थव्यवस्था पर एक व्यापक मार्गदर्शिका है। यह मौर्य साम्राज्य के शासनकाल में लिखी गई थी और तब से यह राज्य प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनी हुई है।
- गलत विकल्प: यद्यपि इसमें कुछ दार्शनिक पहलू हो सकते हैं, इसका मुख्य विषय शासन और राजनीति है, न कि दर्शन, साहित्य या विज्ञान।
प्रश्न 20: ‘1857 के विद्रोह’ को ‘सिपाही विद्रोह’ कहने वाले पहले व्यक्ति कौन थे?
- कार्ल मार्क्स
- जॉर्ज ब्रूस मैलसन
- टी.आर. होम्स
- सर जॉन लॉरेंस
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कार्ल मार्क्स ने 1857 के विद्रोह को ‘भारतीय जनता का प्रथम राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम’ कहा था, न कि केवल ‘सिपाही विद्रोह’। हालांकि, कुछ विद्वान जैसे जॉन लॉरेंस और टी.आर. होम्स ने इसे केवल एक सिपाही विद्रोह के रूप में देखा। लेकिन, अक्सर इस विचार के साथ जॉर्ज ब्रूस मैलसन का नाम जोड़ा जाता है, जिन्होंने इसे ‘जनरल सिपाही विद्रोह’ (General Sepoy Mutiny) की संज्ञा दी थी। तथापि, यदि “सिपाही विद्रोह” पर अधिक जोर दिया जाए तो यह विभिन्न इतिहासकारों द्वारा अपनाया गया दृष्टिकोण था। प्रश्न की शब्दावली थोड़ी अस्पष्ट है, लेकिन अक्सर मार्क्स को इसके विपरीत दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है। यदि प्रश्न को ‘सिपाही विद्रोह’ के अर्थ में लिया जाए तो इसके समर्थक कई थे।
- संदर्भ और विस्तार: कार्ल मार्क्स ने अपनी पुस्तक ‘द फर्स्ट इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस 1857-59’ में इस विद्रोह को एक बड़े राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में विश्लेषण किया। जॉर्ज ब्रूस मैलसन और टी.आर. होम्स जैसे ब्रिटिश इतिहासकारों ने इसे सीमित, छिटपुट और केवल सैनिक विद्रोह के रूप में चित्रित किया। सर जॉन लॉरेंस भी यही मानते थे।
- गलत विकल्प: प्रश्न में ‘सिपाही विद्रोह’ कहने वाले पहले व्यक्ति को पूछा गया है, और यह कई लोगों द्वारा माना गया दृष्टिकोण था। मार्क्स ने इसे राष्ट्रीय विद्रोह कहा, जो विपरीत है। मैलसन और होम्स जैसे इतिहासकारों ने इसे सिपाही विद्रोह के रूप में प्रस्तुत किया।
प्रश्न 21: ‘स्वराज पार्टी’ की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- मोतीलाल नेहरू और सी.आर. दास
- जवाहरलाल नेहरू
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: स्वराज पार्टी की स्थापना 1923 में मोतीलाल नेहरू और चितरंजन दास (सी.आर. दास) ने मिलकर की थी।
- संदर्भ और विस्तार: असहयोग आंदोलन (1920-22) के स्थगित होने के बाद, कांग्रेस के भीतर दो गुट बन गए थे। एक गुट, जिसे ‘प्रो-चेंजर’ कहा गया, का मानना था कि विधानमंडलों में प्रवेश करके सरकार के काम में बाधा डालनी चाहिए, जबकि दूसरा गुट, जिसे ‘नो-चेंजर’ कहा गया, विधानमंडलों का बहिष्कार करना चाहता था। मोतीलाल नेहरू और सी.आर. दास प्रो-चेंजर गुट का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने स्वराज पार्टी का गठन किया।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी असहयोग आंदोलन के प्रमुख नेता थे और विधानमंडलों में प्रवेश के पक्ष में नहीं थे। जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल भी कांग्रेस के प्रमुख नेता थे, लेकिन स्वराज पार्टी की स्थापना में उनकी प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी।
प्रश्न 22: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?
- पुनर्जन्म
- नया जन्म
- पुनरुत्थान
- पुनर्निर्माण
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘Renaissance’ शब्द फ्रेंच भाषा से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘पुनर्जन्म’ या ‘पुनरुत्थान’ (Rebirth) होता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शब्द यूरोप में 14वीं से 16वीं शताब्दी के दौरान हुए उस सांस्कृतिक, कलात्मक, बौद्धिक और आर्थिक आंदोलन का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है, जब प्राचीन यूनानी और रोमन सभ्यताओं की कला, साहित्य और विचारों का पुनरुत्थान हुआ। इसने मध्ययुगीन काल के अंत और आधुनिक युग की शुरुआत को चिह्नित किया।
- गलत विकल्प: ‘पुनर्जन्म’ (Reincarnation) अक्सर धार्मिक संदर्भों में प्रयोग होता है। ‘नया जन्म’ (New Birth) और ‘पुनर्निर्माण’ (Reconstruction) भी अर्थ से मेल खाते हैं, लेकिन ‘पुनरुत्थान’ (Rebirth) इसका सबसे सटीक और प्रचलित अर्थ है।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सा सूफी संत ‘चिश्तिया सिलसिला’ से संबंधित नहीं था?
- ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती
- शेख फरीद
- शेख निजामुद्दीन औलिया
- शेख बहाउद्दीन जकारिया
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: शेख बहाउद्दीन जकारिया, ‘सुहरावर्दी सिलसिला’ के प्रमुख सूफी संत थे, जबकि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती, शेख फरीद और शेख निजामुद्दीन औलिया सभी ‘चिश्तिया सिलसिला’ से संबंधित थे।
- संदर्भ और विस्तार: चिश्तिया सिलसिला भारत में सबसे लोकप्रिय और व्यापक सूफी सिलसिलों में से एक था, जिसकी स्थापना ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ने की थी। वे अजमेर में बस गए थे। शेख फरीद (बाबा फरीद) गुरु नानक देव के आध्यात्मिक पूर्वज थे और शेख निजामुद्दीन औलिया दिल्ली में बहुत सम्मानित सूफी संत थे। सुहरावर्दी सिलसिला का भारत में मुख्य केंद्र मुल्तान था।
- गलत विकल्प: मोईनुद्दीन चिश्ती, शेख फरीद और निजामुद्दीन औलिया सभी चिश्तिया सिलसिले के महत्वपूर्ण संत थे।
प्रश्न 24: ‘साइमन कमीशन’ भारत कब आया था?
- 1927
- 1928
- 1929
- 1930
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: साइमन कमीशन, जिसका गठन 1927 में किया गया था, फरवरी 1928 में भारत आया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस कमीशन का उद्देश्य 1919 के भारत सरकार अधिनियम के कामकाज की समीक्षा करना और भविष्य में भारत के संवैधानिक सुधारों पर अपनी सिफारिशें देना था। इस कमीशन की सबसे बड़ी आलोचना यह थी कि इसमें एक भी भारतीय सदस्य शामिल नहीं था, जिसके कारण इसका भारत में व्यापक रूप से बहिष्कार किया गया और “साइमन वापस जाओ” (Simon Go Back) के नारे लगे।
- गलत विकल्प: 1927 में कमीशन का गठन हुआ था, लेकिन भारत आगमन 1928 में हुआ। 1929 में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ और 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ।
प्रश्न 25: ‘फतेहपुर सीकरी’ की स्थापना किसने की थी?
- हुमायूँ
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मुगल सम्राट अकबर ने 1569 ईस्वी में फतेहपुर सीकरी की स्थापना की थी और इसे अपनी राजधानी बनाया था।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के सम्मान में इस शहर को बसाया था, जिनकी मज़ार भी यहीं स्थित है। फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा, जामा मस्जिद, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास और जोधाबाई का महल जैसी कई महत्वपूर्ण इमारतें हैं, जो मुगल वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरण हैं।
- गलत विकल्प: हुमायूँ अकबर के पिता थे। जहाँगीर और शाहजहाँ बाद के मुगल सम्राट थे जिन्होंने अपनी राजधानी फतेहपुर सीकरी से स्थानांतरित कर दी थी।