ब्रह्मांड के रहस्य: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान का गहन ज्ञान अत्यंत आवश्यक है। यह विषय भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के मौलिक सिद्धांतों की समझ को मापता है, जो हमारे आसपास की दुनिया को समझने की कुंजी हैं। यहाँ प्रस्तुत बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) आपको ब्रह्मांड के रहस्यों से जुड़े महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अवधारणाओं का अभ्यास करने में मदद करेंगे, जिससे आपकी परीक्षा की तैयारी और भी मजबूत होगी।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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ब्रह्मांड की उत्पत्ति के सिद्धांत के अनुसार, प्रारंभिक अवस्था में ब्रह्मांड में मुख्य रूप से कौन सी गैसें मौजूद थीं?
- (a) ऑक्सीजन और नाइट्रोजन
- (b) हाइड्रोजन और हीलियम
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन
- (d) आर्गन और नियॉन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बिग बैंग सिद्धांत (Big Bang Theory) के अनुसार, ब्रह्मांड का निर्माण लगभग 13.8 अरब वर्ष पहले एक अत्यधिक सघन और गर्म अवस्था से हुआ था। इस प्रारंभिक अवस्था में, सबसे हल्के तत्व, हाइड्रोजन और हीलियम, का निर्माण हुआ।
व्याख्या (Explanation): बिग बैंग मॉडल बताता है कि प्रारंभिक ब्रह्मांड अत्यंत गर्म और सघन था। जैसे-जैसे ब्रह्मांड का विस्तार हुआ और ठंडा हुआ, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन बने। कुछ मिनटों के बाद, ये मिलकर पहले नाभिक (nuclei) बनाने के लिए संयुक्त हो गए, जिनमें मुख्य रूप से हाइड्रोजन (75%) और हीलियम (25%) के समस्थानिक (isotopes) शामिल थे। भारी तत्व बाद में तारों के भीतर नाभिकीय संलयन (nuclear fusion) से बने। इसलिए, ब्रह्मांड की पहली अणु, या यूं कहें कि प्रारंभिक तत्व, हाइड्रोजन और हीलियम ही थे।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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‘पहली अणु’ के पुनरुत्पादन का वैज्ञानिक महत्व क्या है, जैसा कि समाचार में उल्लेख किया गया है?
- (a) इससे नए प्रकार के ईंधन का निर्माण होगा
- (b) यह ब्रह्मांड की प्रारंभिक अवस्थाओं को समझने में मदद करता है
- (c) यह मानव जीवन की उत्पत्ति को स्पष्ट करेगा
- (d) यह एलियंस के अस्तित्व को साबित करेगा
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): खगोल भौतिकी (Astrophysics) और ब्रह्मांड विज्ञान (Cosmology) ब्रह्मांड की उत्पत्ति, संरचना और विकास का अध्ययन करते हैं। प्रारंभिक अणुओं का पुनरुत्पादन प्रयोगशाला में उन परिस्थितियों का अनुकरण करने की अनुमति देता है जो बिग बैंग के तुरंत बाद मौजूद थीं।
व्याख्या (Explanation): समाचार में उल्लिखित ‘पहली अणु’ का पुनरुत्पादन (recreation) वास्तव में ब्रह्मांड के इतिहास के शुरुआती क्षणों का अनुकरण करने का एक प्रयास है। यह हमें यह समझने में मदद करता है कि कैसे पदार्थ का निर्माण हुआ, तारे और आकाशगंगाएँ कैसे बनीं, और ब्रह्मांड समय के साथ कैसे विकसित हुआ। यह 13-अरब-वर्षीय पहेली को सुलझाने का एक तरीका है, जिसका अर्थ है कि यह ब्रह्मांड की उत्पत्ति और प्रारंभिक रसायन विज्ञान के बारे में हमारी समझ को बढ़ाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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भौतिकी में, ‘क्वासर’ (Quasar) क्या है, जिसका अध्ययन अक्सर ब्रह्मांड की प्रारंभिक अवस्थाओं को समझने के लिए किया जाता है?
- (a) एक प्रकार का तारा जो बहुत मंद होता है
- (b) एक अत्यंत चमकीला और दूर का सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक
- (c) एक ब्लैक होल के चारों ओर गैस का एक बादल
- (d) एक प्रकार का ग्रह जो सूर्य के चारों ओर घूमता है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्वासर (Quasi-Stellar Radio Source) खगोल विज्ञान में एक अत्यंत चमकीला खगोलीय पिंड है। यह एक सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक (Active Galactic Nucleus – AGN) का एक शक्तिशाली रूप है, जहाँ एक सुपरमैसिव ब्लैक होल (supermassive black hole) अपने आसपास की गैस और धूल को निगलता है।
व्याख्या (Explanation): क्वासर ब्रह्मांड में सबसे चमकीले पिंडों में से हैं और वे अरबों प्रकाश-वर्ष दूर स्थित हो सकते हैं। उनकी भारी चमक का कारण उनके केंद्र में स्थित सुपरमैसिव ब्लैक होल का तीव्र गुरुत्वाकर्षण है, जो आसपास के पदार्थ को अपनी ओर खींचता है। जब यह पदार्थ ब्लैक होल में गिरता है, तो यह अत्यधिक गर्म हो जाता है और तीव्र विकिरण उत्सर्जित करता है, जिसे हम पृथ्वी से देख सकते हैं। क्योंकि क्वासर बहुत दूर स्थित हैं, उनकी रोशनी उन दूरियों से आती है जहाँ से ब्रह्मांड का प्रारंभिक चरण दिखाई देता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रसायन विज्ञान में, ‘नाभिकीय संलयन’ (Nuclear Fusion) वह प्रक्रिया है जिससे तारे ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। हाइड्रोजन का हीलियम में संलयन किस प्रकार के कणों के निर्माण की ओर ले जाता है?
- (a) इलेक्ट्रॉन और पॉज़िट्रॉन
- (b) न्यूट्रॉन और प्रोटॉन
- (c) अल्फा कण और गामा किरणें
- (d) बीटा कण और न्यूट्रिनो
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) वह प्रक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक परमाणु नाभिक मिलकर एक नया, भारी नाभिक बनाते हैं। इस प्रक्रिया में अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा निकलती है। प्रोटॉन-प्रोटॉन श्रृंखला (proton-proton chain) और CNO चक्र (CNO cycle) तारों में हाइड्रोजन को हीलियम में बदलने की मुख्य प्रक्रियाएं हैं।
व्याख्या (Explanation): सूर्य जैसे तारों में, हाइड्रोजन नाभिक (प्रोटॉन) मिलकर हीलियम नाभिक बनाते हैं। प्रोटॉन-प्रोटॉन श्रृंखला में, चार प्रोटॉन मिलकर एक हीलियम-4 नाभिक बनाते हैं, साथ ही पॉज़िट्रॉन, न्यूट्रिनो और गामा किरणें (उच्च-ऊर्जा फोटॉन) भी उत्सर्जित होती हैं। पॉज़िट्रॉन बाद में इलेक्ट्रॉन के साथ मिलकर ऊर्जा (गामा किरणें) छोड़ते हैं। सामान्यतः, जब हाइड्रोजन संलयित होकर हीलियम बनाता है, तो हीलियम नाभिक (अल्फा कण) और गामा किरणें मुख्य उत्पाद होते हैं, जो ऊर्जा ले जाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, ‘डीएनए’ (DNA) को अक्सर ‘जीवन का खाका’ कहा जाता है। यह किस प्रकार का बहुलक (polymer) है?
- (a) पॉलीपेप्टाइड
- (b) पॉलीसेकेराइड
- (c) पॉली न्यूक्लियोटाइड
- (d) पॉलीविनाइल क्लोराइड
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): डीएनए (Deoxyribonucleic Acid) एक न्यूक्लिक एसिड है, जो एक बहुलक (polymer) है। बहुलक छोटी, दोहराई जाने वाली इकाइयों से बने बड़े अणु होते हैं जिन्हें मोनोमर (monomer) कहा जाता है।
व्याख्या (Explanation): डीएनए का मोनोमर ‘न्यूक्लियोटाइड’ (nucleotide) होता है। प्रत्येक न्यूक्लियोटाइड में एक शर्करा (deoxyribose), एक फॉस्फेट समूह और एक नाइट्रोजनयुक्त क्षार (adenine, guanine, cytosine, or thymine) होता है। ये न्यूक्लियोटाइड एक लंबी श्रृंखला में जुड़कर डीएनए अणु बनाते हैं। इसलिए, डीएनए को पॉली न्यूक्लियोटाइड कहा जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ब्रह्मांडीय धूल (Cosmic Dust) के कणों के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
- (a) ये केवल कार्बनिक पदार्थ से बने होते हैं।
- (b) ये मुख्य रूप से जलवाष्प से बने होते हैं।
- (c) इनमें सिलिकेट, कार्बन और धातु जैसे विभिन्न पदार्थ शामिल हो सकते हैं।
- (d) ये केवल रेडियोधर्मी तत्वों से बने होते हैं।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ब्रह्मांडीय धूल अंतरतारकीय माध्यम (interstellar medium) में निलंबित छोटे कणों का एक मिश्रण है। ये कण विभिन्न रासायनिक तत्वों और यौगिकों से बने होते हैं।
व्याख्या (Explanation): ब्रह्मांडीय धूल के कण आकार में भिन्न होते हैं, कुछ नैनोमीटर से लेकर कुछ माइक्रोमीटर तक। वे कई अलग-अलग पदार्थों से बने हो सकते हैं, जिनमें सिलिकेट (जैसे पृथ्वी पर रेत या मिट्टी), कार्बन (जैसे ग्रेफाइट या कार्बन नैनोट्यूब), बर्फ (जैसे जल, मीथेन, अमोनिया) और धातुएँ (जैसे लोहा, निकल, मैग्नीशियम) शामिल हैं। ये कण नए तारों और ग्रहों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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’13-अरब-वर्षीय पहेली’ का सीधा संबंध ब्रह्मांड की किस अवस्था से है?
- (a) वर्तमान अवस्था
- (b) भविष्य की अवस्था
- (c) प्रारंभिक अवस्था
- (d) केवल सौर मंडल की अवस्था
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ब्रह्मांड की आयु लगभग 13.8 अरब वर्ष मानी जाती है। 13-अरब-वर्षीय पहेली का अर्थ है कि हम उन घटनाओं और अवस्थाओं को समझने की कोशिश कर रहे हैं जो ब्रह्मांड के अस्तित्व के बहुत शुरुआती समय में घटित हुई थीं।
व्याख्या (Explanation): ’13-अरब-वर्षीय पहेली’ सीधे तौर पर ब्रह्मांड की प्रारंभिक अवस्था से संबंधित है। इसका मतलब है कि वैज्ञानिक उन मूलभूत प्रश्नों का उत्तर ढूंढ रहे हैं जो ब्रह्मांड के निर्माण के समय या उसके तुरंत बाद उत्पन्न हुए थे, जैसे कि पहली अणु का निर्माण, पहली संरचनाओं का गठन, या प्रारंभिक तारों और आकाशगंगाओं का जन्म।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान में, ‘हाइड्रोजन’ (Hydrogen) परमाणु में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन की संख्या क्या होती है?
- (a) 1 प्रोटॉन, 1 इलेक्ट्रॉन
- (b) 1 प्रोटॉन, 2 इलेक्ट्रॉन
- (c) 2 प्रोटॉन, 1 इलेक्ट्रॉन
- (d) 1 प्रोटॉन, 0 इलेक्ट्रॉन
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु की पहचान उसके प्रोटॉन की संख्या से होती है, जिसे परमाणु क्रमांक (atomic number) कहते हैं। एक उदासीन (neutral) परमाणु में, प्रोटॉन की संख्या इलेक्ट्रॉनों की संख्या के बराबर होती है।
व्याख्या (Explanation): हाइड्रोजन, आवर्त सारणी (periodic table) का सबसे सरल तत्व है, जिसका परमाणु क्रमांक 1 है। इसका अर्थ है कि इसके नाभिक में एक प्रोटॉन होता है। एक उदासीन हाइड्रोजन परमाणु में, एक इलेक्ट्रॉन भी होता है जो नाभिक के चारों ओर परिक्रमा करता है। इसलिए, सामान्य हाइड्रोजन परमाणु में 1 प्रोटॉन और 1 इलेक्ट्रॉन होता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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जीव विज्ञान में, ‘कोशिका’ (Cell) को जीवन की मौलिक इकाई क्यों कहा जाता है?
- (a) क्योंकि यह केवल ऊर्जा का उत्पादन करती है
- (b) क्योंकि यह सभी जीवित जीवों की मूलभूत संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई है
- (c) क्योंकि यह केवल प्रजनन के लिए जिम्मेदार है
- (d) क्योंकि यह केवल श्वसन प्रक्रिया को नियंत्रित करती है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिका सिद्धांत (Cell Theory) के अनुसार, सभी जीवित जीव एक या एक से अधिक कोशिकाओं से बने होते हैं, और सभी कोशिकाएं पहले से मौजूद कोशिकाओं से उत्पन्न होती हैं।
व्याख्या (Explanation): कोशिकाएं जीवन के लिए आवश्यक सभी बुनियादी कार्य करती हैं, जैसे चयापचय (metabolism), वृद्धि, प्रतिक्रिया और प्रजनन। चाहे वह एककोशिकीय जीव (जैसे बैक्टीरिया) हो या बहुकोशिकीय जीव (जैसे मनुष्य), प्रत्येक जीवित इकाई की शुरुआत एक कोशिका से होती है। यह संरचनात्मक आधार प्रदान करती है और शरीर के सभी कार्यों को करने के लिए आवश्यक मशीनरी रखती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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भौतिकी में, ‘प्रकाश वर्ष’ (Light-year) किसकी इकाई है?
- (a) समय
- (b) गति
- (c) द्रव्यमान
- (d) दूरी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश वर्ष एक खगोलीय इकाई (astronomical unit) है जिसका उपयोग लंबी दूरियों को मापने के लिए किया जाता है, विशेष रूप से खगोलीय पिंडों के बीच की दूरी।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश वर्ष वह दूरी है जो प्रकाश निर्वात (vacuum) में एक वर्ष में तय करता है। चूंकि प्रकाश बहुत तेज गति से यात्रा करता है (लगभग 299,792 किलोमीटर प्रति सेकंड), एक प्रकाश वर्ष एक बहुत बड़ी दूरी है। इसका उपयोग तारों, आकाशगंगाओं और अन्य खगोलीय पिंडों के बीच की विशाल दूरियों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। नाम में ‘वर्ष’ शब्द भ्रमित कर सकता है, लेकिन यह समय की नहीं, बल्कि दूरी की इकाई है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जब वैज्ञानिक ब्रह्मांड के ‘पहले अणु’ को फिर से बनाते हैं, तो वे किस प्रकार के रसायन शास्त्र का अनुकरण कर रहे होते हैं?
- (a) कार्बनिक रसायन शास्त्र
- (b) अकार्बनिक रसायन शास्त्र
- (c) खगोल रसायन शास्त्र (Astrochemistry)
- (d) भौतिक रसायन शास्त्र
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): खगोल रसायन शास्त्र (Astrochemistry) वह विज्ञान है जो ब्रह्मांड में रासायनिक तत्वों और यौगिकों की प्रचुरता, रासायनिक प्रतिक्रियाओं और आणविक संरचनाओं का अध्ययन करता है, खासकर अंतरतारकीय माध्यम, गैस के बादलों, तारों और ग्रहों में।
व्याख्या (Explanation): ब्रह्मांड की प्रारंभिक अवस्थाओं में, विशिष्ट तापमान, दबाव और विकिरण की स्थिति मौजूद थी। इन परिस्थितियों में हुए रासायनिक बंधनों और अणुओं के निर्माण का अध्ययन खगोल रसायन शास्त्र के अंतर्गत आता है। ‘पहली अणु’ का पुनरुत्पादन सीधे तौर पर प्रारंभिक ब्रह्मांड में हुए रासायनिक प्रक्रियाओं और यौगिकों के निर्माण को समझने से जुड़ा है, जो खगोल रसायन शास्त्र का मुख्य क्षेत्र है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, ‘प्रकाश संश्लेषण’ (Photosynthesis) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे अपना भोजन बनाते हैं। इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक प्राथमिक अभिकारक (reactants) क्या हैं?
- (a) ऑक्सीजन और ग्लूकोज
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड, जल और प्रकाश ऊर्जा
- (c) नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और प्रकाश ऊर्जा
- (d) ग्लूकोज, जल और कार्बन डाइऑक्साइड
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसका उपयोग हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए करते हैं, जो बाद में कार्बनिक यौगिकों के संश्लेषण में उपयोग किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण का सामान्य समीकरण है: 6CO₂ (कार्बन डाइऑक्साइड) + 6H₂O (जल) + प्रकाश ऊर्जा → C₆H₁₂O₆ (ग्लूकोज) + 6O₂ (ऑक्सीजन)। इस प्रकार, कार्बन डाइऑक्साइड, जल और प्रकाश ऊर्जा इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक प्राथमिक अभिकारक हैं। उत्पाद ग्लूकोज (शर्करा) और ऑक्सीजन होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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खगोल भौतिकी में, ‘लाल विस्थापन’ (Redshift) का उपयोग अक्सर किसी वस्तु की गति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। लाल विस्थापन से क्या पता चलता है?
- (a) वस्तु पृथ्वी की ओर बढ़ रही है
- (b) वस्तु पृथ्वी से दूर जा रही है
- (c) वस्तु स्थिर है
- (d) वस्तु का तापमान बढ़ रहा है
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): डॉपलर प्रभाव (Doppler Effect) के सिद्धांत के अनुसार, जब प्रकाश स्रोत प्रेक्षक (observer) से दूर जाता है, तो उत्सर्जित प्रकाश की तरंग दैर्ध्य (wavelength) बढ़ जाती है, जिससे यह लाल रंग की ओर विस्थापित हो जाता है। इसके विपरीत, यदि स्रोत प्रेक्षक की ओर आ रहा है, तो प्रकाश नीला (blue) हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): ब्रह्मांडीय संदर्भ में, अधिकांश आकाशगंगाओं से आने वाले प्रकाश में लाल विस्थापन देखा जाता है। यह इंगित करता है कि वे हमसे दूर जा रही हैं, जो ब्रह्मांड के विस्तार का प्रमाण है। लाल विस्थापन की मात्रा उस गति के समानुपाती होती है जिससे वस्तु दूर जा रही है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रसायन विज्ञान में, ‘समस्थानिक’ (Isotopes) ऐसे परमाणु होते हैं जिनमें:
- (a) प्रोटॉन की संख्या समान होती है, लेकिन न्यूट्रॉन की संख्या भिन्न होती है।
- (b) न्यूट्रॉन की संख्या समान होती है, लेकिन प्रोटॉन की संख्या भिन्न होती है।
- (c) इलेक्ट्रॉन की संख्या समान होती है, लेकिन प्रोटॉन की संख्या भिन्न होती है।
- (d) प्रोटॉन और न्यूट्रॉन दोनों की संख्या भिन्न होती है।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एक तत्व के परमाणु जिनका परमाणु क्रमांक (प्रोटॉन की संख्या) समान होता है, लेकिन द्रव्यमान संख्या (प्रोटॉन + न्यूट्रॉन की संख्या) भिन्न होती है, उन्हें समस्थानिक कहा जाता है।
व्याख्या (Explanation): उदाहरण के लिए, हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं: प्रोटियम (¹H), ड्यूटेरियम (²H) और ट्रिटियम (³H)। इन सभी में एक प्रोटॉन होता है, लेकिन प्रोटियम में कोई न्यूट्रॉन नहीं होता, ड्यूटेरियम में एक न्यूट्रॉन होता है, और ट्रिटियम में दो न्यूट्रॉन होते हैं। इस प्रकार, समस्थानिकों में प्रोटॉन की संख्या समान और न्यूट्रॉन की संख्या भिन्न होती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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जीव विज्ञान में, ‘ऊर्जा का सिक्का’ (Energy Currency) किसे कहा जाता है?
- (a) ग्लूकोज
- (b) एटीपी (ATP)
- (c) डीएनए (DNA)
- (d) आरएनए (RNA)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (Adenosine Triphosphate), जिसे ATP के रूप में जाना जाता है, कोशिका के भीतर ऊर्जा का प्राथमिक वाहक अणु है।
व्याख्या (Explanation): ATP अणु में ऊर्जा, विशेष रूप से फॉस्फेट समूहों के बीच उच्च-ऊर्जा फॉस्फेट बंधों में संग्रहीत होती है। जब ये बंध टूटते हैं, तो ऊर्जा निकलती है जिसका उपयोग कोशिका विभिन्न कार्यों के लिए करती है, जैसे कि पेशी संकुचन, तंत्रिका आवेगों का संचरण, और रासायनिक संश्लेषण। इस प्रकार, ATP को कोशिका की ‘ऊर्जा मुद्रा’ कहा जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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भौतिकी में, ‘ब्लैक होल’ (Black Hole) की केंद्रीय विशेषता क्या है?
- (a) यह प्रकाश को परावर्तित करता है
- (b) इसका गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत होता है कि प्रकाश भी इससे बच नहीं सकता
- (c) यह केवल रेडियो तरंगें उत्सर्जित करता है
- (d) यह ब्रह्मांड की उत्पत्ति के समय बना था
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ब्लैक होल एक ऐसा खगोलीय पिंड है जिसका गुरुत्वाकर्षण इतना अधिक होता है कि उसके घटना क्षितिज (event horizon) से कोई भी कण या विकिरण, यहाँ तक कि प्रकाश भी, बाहर नहीं निकल सकता।
व्याख्या (Explanation): ब्लैक होल तब बनते हैं जब विशाल तारे अपने जीवन के अंत में ढह जाते हैं। उनके घनत्व के कारण, वे एक ऐसे बिंदु पर सिकुड़ जाते हैं जहाँ गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव असीम हो जाता है। घटना क्षितिज वह सीमा है जहाँ से वापसी संभव नहीं है। ब्लैक होल को सीधे नहीं देखा जा सकता क्योंकि वे प्रकाश उत्सर्जित नहीं करते, लेकिन उनके आसपास के पदार्थ पर उनके गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से उनका पता लगाया जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रसायन विज्ञान में, ‘ऑक्सीजन’ (Oxygen) अणु (O₂) के निर्माण के लिए कितने ऑक्सीजन परमाणु जुड़ते हैं?
- (a) एक
- (b) दो
- (c) तीन
- (d) चार
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र (chemical formula) किसी यौगिक या तत्व में परमाणुओं की संख्या और प्रकार को दर्शाता है।
व्याख्या (Explanation): ऑक्सीजन का रासायनिक सूत्र O₂ है। यह इंगित करता है कि ऑक्सीजन अणु दो ऑक्सीजन परमाणुओं से मिलकर बना है जो सहसंयोजक बंध (covalent bond) द्वारा जुड़े होते हैं। वायुमंडल में मौजूद ऑक्सीजन इसी रूप में पाई जाती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीव विज्ञान में, ‘जीन’ (Gene) क्या है?
- (a) एक प्रकार का प्रोटीन
- (b) डीएनए (DNA) का एक खंड जो एक विशिष्ट प्रोटीन या कार्य के लिए आनुवंशिक जानकारी वहन करता है
- (c) कोशिका का एक अंग जो ऊर्जा का उत्पादन करता है
- (d) एक प्रकार का वायरस
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीन आनुवंशिकता (heredity) की मूल इकाई हैं। वे डीएनए के विशिष्ट अनुक्रम (sequences) होते हैं जो कोशिकाओं को प्रोटीन बनाने के निर्देश देते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्रत्येक जीन में एक विशेष कार्य करने के लिए आवश्यक आनुवंशिक कोड होता है। ये प्रोटीन या तो संरचनात्मक घटक के रूप में काम करते हैं या सेलुलर प्रक्रियाओं को करने के लिए एंजाइम के रूप में काम करते हैं। जीनों का वंशानुक्रम माता-पिता से संतानों तक होता है, जो आनुवंशिक लक्षणों को निर्धारित करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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खगोल विज्ञान में, ‘सौर मंडल’ (Solar System) के केंद्र में क्या स्थित है?
- (a) पृथ्वी
- (b) चंद्रमा
- (c) सूर्य
- (d) बृहस्पति
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सूर्य सौर मंडल का केंद्रीय तारा है, जिसके चारों ओर ग्रह, क्षुद्रग्रह (asteroids), धूमकेतु (comets) और अन्य खगोलीय पिंड गुरुत्वाकर्षण बल के कारण परिक्रमा करते हैं।
व्याख्या (Explanation): सूर्य हमारे सौर मंडल के कुल द्रव्यमान का लगभग 99.86% हिस्सा रखता है, और इसका शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण सभी को एक साथ बांधे रखता है। सूर्य के चारों ओर घूमते हुए ग्रह, बौने ग्रह, और अन्य छोटे पिंड एक निश्चित कक्षा में बने रहते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान में, ‘परमाणु क्रमांक’ (Atomic Number) क्या दर्शाता है?
- (a) नाभिक में न्यूट्रॉन की संख्या
- (b) नाभिक में प्रोटॉन की संख्या
- (c) नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉनों की संख्या
- (d) प्रोटॉन और न्यूट्रॉन का योग
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु क्रमांक, जिसे Z द्वारा दर्शाया जाता है, एक तत्व के परमाणु के नाभिक में मौजूद प्रोटॉन की संख्या है।
व्याख्या (Explanation): प्रत्येक तत्व का अपना विशिष्ट परमाणु क्रमांक होता है। यह प्रोटॉन की संख्या ही है जो एक तत्व को दूसरे से अलग करती है। उदाहरण के लिए, कार्बन का परमाणु क्रमांक 6 है, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक कार्बन परमाणु में 6 प्रोटॉन होते हैं। एक उदासीन परमाणु में, प्रोटॉन की संख्या इलेक्ट्रॉनों की संख्या के बराबर होती है, लेकिन परमाणु क्रमांक केवल प्रोटॉन को परिभाषित करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीव विज्ञान में, ‘कोशिका झिल्ली’ (Cell Membrane) का प्राथमिक कार्य क्या है?
- (a) कोशिका को संरचनात्मक सहायता प्रदान करना
- (b) कोशिका के अंदर और बाहर पदार्थों के प्रवेश और निकास को नियंत्रित करना
- (c) आनुवंशिक सामग्री को संग्रहीत करना
- (d) ऊर्जा का उत्पादन करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिका झिल्ली एक अर्ध-पारगम्य (semi-permeable) बाधा है जो कोशिका के साइटोप्लाज्म (cytoplasm) को बाहरी वातावरण से अलग करती है।
व्याख्या (Explanation): कोशिका झिल्ली चयनात्मक पारगम्यता (selective permeability) प्रदर्शित करती है, जिसका अर्थ है कि यह तय करती है कि कौन से पदार्थ कोशिका में प्रवेश कर सकते हैं और कौन से बाहर निकल सकते हैं। यह पोषक तत्वों के अवशोषण, अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालने और कोशिकाओं के बीच संचार के लिए आवश्यक है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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भौतिकी में, ‘गुरुत्वाकर्षण’ (Gravity) का नियम किसने प्रतिपादित किया?
- (a) अल्बर्ट आइंस्टीन
- (b) गैलीलियो गैलीली
- (c) आइजैक न्यूटन
- (d) निकोलस कोपरनिकस
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सर आइजैक न्यूटन ने सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण का नियम (Law of Universal Gravitation) प्रतिपादित किया, जिसने गुरुत्वाकर्षण बल की प्रकृति को समझाया।
व्याख्या (Explanation): न्यूटन ने बताया कि ब्रह्मांड में प्रत्येक कण हर दूसरे कण को एक बल से आकर्षित करता है, जो उनके द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती और उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। इस नियम ने ग्रहों की गति, ज्वार-भाटा और अन्य खगोलीय घटनाओं की व्याख्या की।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान में, ‘पानी’ (Water) का रासायनिक सूत्र क्या है?
- (a) CO₂
- (b) NaCl
- (c) H₂O
- (d) O₂
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र उस अणु में मौजूद तत्वों और उनकी संख्या को दर्शाता है।
व्याख्या (Explanation): पानी का रासायनिक सूत्र H₂O है, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक पानी के अणु में दो हाइड्रोजन (H) परमाणु और एक ऑक्सीजन (O) परमाणु होता है, जो सहसंयोजक बंधों से जुड़े होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, ‘आरएनए’ (RNA) का पूर्ण रूप क्या है?
- (a) रेड इंडियम अणु
- (b) राइबो न्यूक्लिक एसिड
- (c) रोबोटिक न्यूरल नेटवर्क
- (d) रेप्लिकेटिंग न्यूक्लिक एसिड
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आरएनए (RNA) एक बहुलक है जो आनुवंशिक जानकारी को ले जाने और प्रोटीन संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
व्याख्या (Explanation): आरएनए का पूरा नाम राइबो न्यूक्लिक एसिड (Ribonucleic Acid) है। यह डीएनए से संरचनात्मक रूप से भिन्न होता है (जैसे कि इसमें थाइमिन के बजाय यूरेसिल क्षार होता है और यह आमतौर पर एकल-रज्जुक (single-stranded) होता है)। आरएनए के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे मैसेंजर आरएनए (mRNA), ट्रांसफर आरएनए (tRNA), और राइबोसोमल आरएनए (rRNA), जो प्रोटीन संश्लेषण के विभिन्न चरणों में शामिल होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।