Get free Notes

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Click Here

संविधान मंथन: क्या आप तैयार हैं?

संविधान मंथन: क्या आप तैयार हैं?

नमस्कार, भावी ब्यूरोक्रेट्स! आज हम भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की गहराई में उतरेंगे। यह केवल प्रश्नोत्तरी नहीं, बल्कि आपके संवैधानिक ज्ञान की शुद्धता और आपकी तैयारी की धार को परखने का एक अनूठा अवसर है। आइए, अपनी समझ को चुनौती दें और भारतीय राजव्यवस्था के हर पहलू पर महारत हासिल करें!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सी रिट, किसी व्यक्ति को अदालत में पेश करने की मांग करती है, खासकर जब उसकी स्वतंत्रता का हनन हुआ हो?

  1. परमादेश (Mandamus)
  2. उत्प्रेषण (Certiorari)
  3. हठपूर्वक शरीर (Habeas Corpus)
  4. प्रतिषेध (Prohibition)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘हठपूर्वक शरीर’ (Habeas Corpus), जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’, एक ऐसी रिट है जो किसी व्यक्ति को अदालत के समक्ष पेश करने का आदेश देती है, खासकर जब उसे गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया हो। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह रिट सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों द्वारा अनुच्छेद 226 के तहत जारी की जा सकती है। इसका उद्देश्य मनमानी गिरफ्तारी और हिरासत से व्यक्तियों को बचाना है।
  • गलत विकल्प: ‘परमादेश’ किसी सार्वजनिक अधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देती है; ‘उत्प्रेषण’ निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है; और ‘प्रतिषेध’ निचली अदालत को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकती है।

प्रश्न 2: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘राज्यों के नीति निदेशक तत्व’ (Directive Principles of State Policy) का उल्लेख है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग V
  4. भाग VI

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, अनुच्छेद 36 से 51 तक, राज्यों के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) से संबंधित है। ये तत्व देश के शासन में मूलभूत हैं और राज्य का यह कर्तव्य है कि कानून बनाते समय इन तत्वों को लागू करे।
  • संदर्भ और विस्तार: इन सिद्धांतों का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना करना है। ये गैर-न्यायसंगत (non-justiciable) हैं, जिसका अर्थ है कि इन्हें न्यायालयों द्वारा लागू नहीं किया जा सकता है, लेकिन ये देश के शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है; भाग V संघ की कार्यपालिका और संसद से संबंधित है; और भाग VI राज्यों की कार्यपालिका और विधानमंडलों से संबंधित है।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से किस वर्ष भारतीय संविधान में ‘सरल उपाधियों का उन्मूलन’ (Abolition of Titles) का प्रावधान जोड़ा गया?

  1. 1949
  2. 1950
  3. 1951
  4. 1952

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 18 में उपाधियों के उन्मूलन का प्रावधान है। यह पहला संविधान (संशोधन) अधिनियम, 1951 द्वारा मजबूत किया गया था, लेकिन अनुच्छेद 18 स्वयं 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही प्रभावी हो गया था। प्रश्न उपाधियों के उन्मूलन के प्रावधान के बारे में है, जो मूल संविधान का हिस्सा था।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 18 किसी भी नागरिक को राज्य से कोई भी उपाधि स्वीकार करने से रोकता है, सिवाय शिक्षा या सैन्य योग्यता के प्रदर्शन के लिए दी जाने वाली उपाधियों के। यह समानता के सिद्धांत को मजबूत करता है और जन्म या वंश पर आधारित विशेषाधिकारों को समाप्त करता है।
  • गलत विकल्प: 1950 वह वर्ष है जब संविधान लागू हुआ और अनुच्छेद 18 प्रभावी हुआ। 1951 में पहला संशोधन हुआ जिसने उपाधियों के संबंध में कुछ स्पष्टीकरण दिए, लेकिन उन्मूलन का मूल प्रावधान 1950 से ही था।

प्रश्न 4: भारत के राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र किसे संबोधित करना होता है?

  1. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  2. भारत के उपराष्ट्रपति
  3. लोकसभा के अध्यक्ष
  4. प्रधानमंत्री

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 56(1)(a) यह प्रावधान करता है कि भारत का राष्ट्रपति, पदच्युति (resignation) की अपनी लिखित सूचना द्वारा, अपना पद उपराष्ट्रपति को संबोधित करके रिक्त कर सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: जब राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को सौंपता है, तो उपराष्ट्रपति इसकी सूचना तुरंत लोकसभा के अध्यक्ष को देता है। यह सुनिश्चित करता है कि पद रिक्त होने की जानकारी विधायी शाखा तक पहुंचे।
  • गलत विकल्प: मुख्य न्यायाधीश संवैधानिक मामलों में राष्ट्रपति की सहायता कर सकते हैं, लेकिन वे त्यागपत्र प्राप्त करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। लोकसभा अध्यक्ष विधायी प्रक्रिया से संबंधित हैं, लेकिन राष्ट्रपति के त्यागपत्र के प्राप्तकर्ता नहीं। प्रधानमंत्री कार्यकारी प्रमुख होते हैं, राष्ट्रपति के त्यागपत्र के प्राप्तकर्ता नहीं।

प्रश्न 5: भारतीय संविधान के अनुसार, किसी राज्य की विधानमंडल के सत्र को स्थगित करने की शक्ति किसके पास है?

  1. राज्यपाल
  2. विधानसभा अध्यक्ष
  3. उच्च न्यायालय
  4. विधान परिषद (यदि अस्तित्व में हो)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 208 के तहत, प्रत्येक सदन अपनी प्रक्रिया और कार्य-संचालन के विनियमन के लिए नियम बना सकता है। इन नियमों के तहत, विधानसभा का अध्यक्ष (या विधान परिषद का सभापति) सत्र को स्थगन (adjournment) करने का अधिकार रखता है।
  • संदर्भ और विस्तार: स्थगन का अर्थ है सत्र को कुछ समय के लिए (कुछ घंटे, दिन या सप्ताह) निलंबित करना। यह सत्र का सत्रावसान (prorogation) या विघटन (dissolution) से भिन्न है। सत्रावसान राज्यपाल द्वारा किया जाता है, जबकि विघटन राज्यपाल की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा (विधान परिषद के मामले में नहीं) किया जाता है।
  • गलत विकल्प: राज्यपाल सत्र का सत्रावसान करते हैं, न कि दैनिक स्थगन। उच्च न्यायालय विधायी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करते हैं, जब तक कि कोई संवैधानिक मुद्दा न हो। विधान परिषद का सभापति केवल परिषद के भीतर ऐसे निर्णय लेता है।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संविधान के ‘गणराज्य’ (Republic) होने का अर्थ व्यक्त करता है?

  1. भारत एक निर्वाचित राष्ट्रपति द्वारा शासित होता है।
  2. भारत में सर्वोच्च शक्ति जनता में निहित है।
  3. भारत में शक्तियों का पृथक्करण है।
  4. भारत एक संघीय व्यवस्था है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: ‘गणराज्य’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का मुखिया वंशानुगत नहीं होता, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा चुना जाता है। भारत में, राष्ट्रपति निर्वाचित होता है, हालांकि अप्रत्यक्ष रूप से।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ शब्द भारत के शासन की प्रकृति को दर्शाता है, जहाँ सर्वोच्च पद, राष्ट्रपति का पद, वंशानुगत नहीं है। यह राजशाही (monarchy) के विपरीत है।
  • गलत विकल्प: ‘भारत में सर्वोच्च शक्ति जनता में निहित है’ यह ‘लोकतंत्र’ (Democracy) का अर्थ है। ‘शक्तियों का पृथक्करण’ सरकार के तीन अंगों (विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका) के बीच शक्तियों के वितरण से संबंधित है, न कि ‘गणराज्य’ के अर्थ से। ‘संघीय व्यवस्था’ (Federalism) केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों के विभाजन से संबंधित है।

प्रश्न 7: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ के सिद्धांत को सुनिश्चित करता है?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 15
  3. अनुच्छेद 16
  4. अनुच्छेद 39(घ)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39(घ), जो राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है, यह कहता है कि राज्य यह सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करेगा कि पुरुषों और स्त्रियों दोनों के लिए समान कार्य का समान वेतन हो।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि यह एक गैर-न्यायसंगत (non-justiciable) प्रावधान है, सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों में इस सिद्धांत को अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 16 (अवसर की समानता) के साथ जोड़कर इसे लागू करने का प्रयास किया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण से संबंधित है; अनुच्छेद 15 धर्म, जाति, लिंग आदि के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है; अनुच्छेद 16 लोक नियोजन में अवसर की समानता की बात करता है। ये सभी समानता से संबंधित हैं, लेकिन ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ का सीधा उल्लेख अनुच्छेद 39(घ) में है।

प्रश्न 8: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) को पद से कैसे हटाया जा सकता है?

  1. केवल महाभियोग (Impeachment) द्वारा
  2. संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत से पारित प्रस्ताव द्वारा
  3. राष्ट्रपति द्वारा सीधे हटाया जा सकता है
  4. उच्चतम न्यायालय द्वारा हटाया जा सकता है

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 148(1) CAG की नियुक्ति का प्रावधान करता है, जबकि अनुच्छेद 124(4) में वर्णित महाभियोग की प्रक्रिया के समान, जिसे न्यायाधीशों पर लागू होती है, CAG को भी हटाया जा सकता है। इसका अर्थ है संसद के दोनों सदनों द्वारा, सिद्ध कदाचार या असमर्थता के आधार पर, प्रत्येक सदन की कुल सदस्यता के बहुमत द्वारा और उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा समर्थित प्रस्ताव से।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG एक स्वतंत्र संवैधानिक प्राधिकरण है, और उन्हें केवल उसी प्रक्रिया द्वारा हटाया जा सकता है जिससे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाया जाता है। यह उनके कार्यालय की निष्पक्षता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।
  • गलत विकल्प: ‘केवल महाभियोग’ शब्द आमतौर पर राष्ट्रपति के लिए प्रयोग होता है, CAG के लिए ‘महाभियोग की प्रक्रिया के समान’ कहा जाता है। राष्ट्रपति सीधे CAG को नहीं हटा सकता। उच्चतम न्यायालय CAG को हटाने का निर्णय नहीं लेता, बल्कि उनके कदाचार या असमर्थता के मामले में संसद को प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दे सकता है।

प्रश्न 9: पंचायती राज संस्थाओं में 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने संविधान में एक नया भाग कौन सा जोड़ा?

  1. भाग IX
  2. भाग IX-A
  3. भाग IX-B
  4. भाग X

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX को जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं (ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद) से संबंधित प्रावधान हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया, जिससे यह ग्रामीण स्थानीय स्व-शासन का एक स्तर बना। इसमें पंचायतों की संरचना, आरक्षण, वित्त और अन्य महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: भाग IX-A नगर पालिकाओं से संबंधित है (74वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया); भाग IX-B सहकारी समितियों से संबंधित है (97वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया); भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है।

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सी आपातकालीन स्थिति केवल ‘बाह्य आक्रमण’ या ‘सशस्त्र विद्रोह’ के आधार पर घोषित की जा सकती है?

  1. राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352)
  2. राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता पर आपातकाल (अनुच्छेद 356)
  3. वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा से संबंधित है। यह आपातकाल युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर घोषित किया जा सकता है। 44वें संविधान संशोधन, 1978 द्वारा ‘आंतरिक अशांति’ (internal disturbance) शब्द को ‘सशस्त्र विद्रोह’ (armed rebellion) से बदल दिया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल भारत की सुरक्षा को राष्ट्रीय या उसके किसी हिस्से की सुरक्षा को खतरा होने पर घोषित किया जाता है। इसके प्रभाव में, केंद्र सरकार राज्य सरकारों को व्यापक अधिकार प्रदान कर सकती है और मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर) को निलंबित किया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राज्यों में राष्ट्रपति शासन से संबंधित है, जो संवैधानिक तंत्र की विफलता पर लागू होता है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है, जो भारत की वित्तीय स्थिरता या साख को खतरा होने पर लागू होता है।

प्रश्न 11: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) शब्द का क्या महत्व है?

  1. नागरिकों के बीच भाईचारे और एकता की भावना को बढ़ावा देना।
  2. राष्ट्र के विकास में सभी नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
  3. देश की अखंडता और एकता को बनाए रखना।
  4. सभी नागरिकों को समान अवसर प्रदान करना।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का अर्थ है नागरिकों के बीच भाईचारे और एकता की भावना को बढ़ावा देना, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र के ‘मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा’ में भी कहा गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शब्द व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करता है। इसका उद्देश्य यह भी सुनिश्चित करना है कि बंधुत्व केवल नागरिकों के बीच ही न हो, बल्कि सामाजिक व्यवस्था की भी गारंटी दे।
  • गलत विकल्प: राष्ट्र के विकास में भागीदारी ‘लोकतंत्र’ का हिस्सा है; ‘अखंडता और एकता’ को बंधुत्व से बल मिलता है लेकिन यह इसका सीधा अर्थ नहीं है; ‘समान अवसर’ ‘समता’ (equality) से संबंधित है।

प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के उपराष्ट्रपति
  3. लोकसभा के अध्यक्ष
  4. राज्यसभा के सभापति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 108 के अनुसार, जब राष्ट्रपति दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाता है, तो उसकी अध्यक्षता लोकसभा का अध्यक्ष करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: संयुक्त बैठक सामान्य विधायी कार्यों के लिए बुलाई जाती है, खासकर जब दोनों सदनों के बीच किसी विधेयक पर गतिरोध हो। यदि अध्यक्ष अनुपस्थित हो, तो लोकसभा का उपाध्यक्ष या उसके अनुपस्थित रहने पर राज्यसभा का उप-सभापति अध्यक्षता कर सकता है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति संयुक्त बैठक बुलाता है, लेकिन उसकी अध्यक्षता नहीं करता। उपराष्ट्रपति, जो राज्यसभा का सभापति होता है, संयुक्त बैठक की अध्यक्षता नहीं करता। राज्यसभा का सभापति (जो उपराष्ट्रपति होता है) भी अध्यक्षता नहीं करता।

प्रश्न 13: भारत के संविधान के किस संशोधन ने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
  4. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 61वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1989 ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन किया, जिसने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर होने वाले चुनावों में मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य युवा नागरिकों को चुनावी प्रक्रिया में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना था, क्योंकि उस समय 18 वर्ष की आयु को व्यस्कता की आयु माना जाता था।
  • गलत विकल्प: 42वां संशोधन ‘लघु संविधान’ कहलाता है और उसने प्रस्तावना में ‘समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, अखंडता’ शब्द जोड़े। 44वां संशोधन आपातकाल से संबंधित प्रावधानों में बदलाव लाया। 73वां संशोधन पंचायती राज से संबंधित है।

प्रश्न 14: भारत में ‘वित्त आयोग’ (Finance Commission) का गठन किस अनुच्छेद के तहत किया जाता है?

  1. अनुच्छेद 275
  2. अनुच्छेद 280
  3. अनुच्छेद 281
  4. अनुच्छेद 262

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 280 वित्त आयोग के गठन का प्रावधान करता है। यह आयोग केंद्र और राज्यों के बीच करों के वितरण और राज्यों के बीच ऐसे करों के आवंटन और उन पर लागू होने वाले सिद्धांतों पर सिफारिशें करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: वित्त आयोग एक अर्ध-न्यायिक (quasi-judicial) निकाय है और इसका गठन प्रत्येक पांचवें वर्ष या उससे पहले राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। इसके द्वारा की गई सिफारिशें नीति-निर्धारण में महत्वपूर्ण होती हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 275 संसद द्वारा कुछ राज्यों को सहायता अनुदान देने का प्रावधान करता है; अनुच्छेद 281, अनुच्छेद 280 के अधीन वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों को संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखने का प्रावधान करता है; अनुच्छेद 262 अंतर-राज्यीय जल विवादों के निपटारे से संबंधित है।

प्रश्न 15: भारत में ‘न्यायिक समीक्षा’ (Judicial Review) की अवधारणा किस देश के संविधान से प्रेरित है?

  1. यूनाइटेड किंगडम
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका
  3. कनाडा
  4. आयरलैंड

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: भारत में न्यायिक समीक्षा की अवधारणा संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से प्रेरित है। यह सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालयों को विधायी और कार्यकारी कार्यों की संवैधानिकता की जांच करने और उन्हें असंवैधानिक घोषित करने की शक्ति प्रदान करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि भारतीय संविधान में ‘न्यायिक समीक्षा’ शब्द का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं है, लेकिन अनुच्छेद 13, 32, 226 और 246 जैसे अनुच्छेदों के माध्यम से इसकी शक्ति निहित है। केस ‘केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य’ (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि न्यायिक समीक्षा संविधान के मूल ढांचे (Basic Structure) का हिस्सा है।
  • गलत विकल्प: यूके में सीमित न्यायिक समीक्षा है; कनाडा में भी यह अवधारणा है लेकिन अमेरिका से भिन्न; आयरलैंड से डीपीएसपी और राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया ली गई है।

प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘अनुच्छेद 19’ (Article 19) के तहत प्राप्त स्वतंत्रता के अधिकार के बारे में सत्य है?

  1. यह सभी नागरिकों के लिए पूर्ण और असीमित है।
  2. इस पर केवल ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ के आधार पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
  3. यह स्वतंत्रताएँ राज्य के विधानमंडल द्वारा कानून बनाकर युक्तिसंगत प्रतिबंधों के अधीन हैं।
  4. यह स्वतंत्रताएँ आपातकाल की स्थिति में अनुच्छेद 20 और 21 के साथ स्वतः निलंबित हो जाती हैं।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 के तहत प्रदान की गई स्वतंत्रताएं पूर्ण या असीमित नहीं हैं। उन पर ‘युक्तिसंगत प्रतिबंध’ (reasonable restrictions) लगाए जा सकते हैं, जैसा कि अनुच्छेद 19(2) से 19(6) में बताया गया है। यह प्रतिबंध संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा कानून बनाकर लगाए जा सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 19(1) में छह प्रकार की स्वतंत्रताओं का उल्लेख है, जैसे भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक सभा करने की स्वतंत्रता आदि। इन पर भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता, न्यायालय की अवमानना, मानहानि आदि के आधार पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
  • गलत विकल्प: यह सभी के लिए पूर्ण नहीं है। प्रतिबंध केवल ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ पर नहीं, बल्कि कई अन्य आधारों पर भी लगाए जा सकते हैं। ये स्वतंत्रताएँ, अनुच्छेद 20 और 21 के विपरीत, राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान (युद्ध या बाह्य आक्रमण के आधार पर घोषित) निलंबित की जा सकती हैं, न कि स्वतः।

प्रश्न 17: भारत में ‘आर्थिक और सामाजिक योजना’ (Economic and Social Planning) का विषय किस सूची के अंतर्गत आता है?

  1. संघ सूची
  2. राज्य सूची
  3. समवर्ती सूची
  4. उपर्युक्त सभी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सातवीं अनुसूची के तहत, ‘आर्थिक और सामाजिक योजना’ समवर्ती सूची (Concurrent List) की प्रविष्टि 20 के अंतर्गत आता है।
  • संदर्भ और विस्तार: समवर्ती सूची के विषयों पर संघ और राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं। हालांकि, यदि किसी विषय पर संघ और राज्य के कानूनों में टकराव होता है, तो संघ का कानून प्रभावी होता है, जब तक कि राज्य विधानमंडल द्वारा उसी विषय पर कोई नया कानून न बनाया गया हो जिसमें राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हो। योजना के मामले में, केंद्र की भूमिका अक्सर अधिक प्रभावी रही है, जैसे कि योजना आयोग (अब नीति आयोग) के माध्यम से।
  • गलत विकल्प: संघ सूची में केवल राष्ट्रीय महत्व के विषय होते हैं, राज्य सूची में राज्य महत्व के, जबकि समवर्ती सूची में वे विषय होते हैं जिन पर दोनों कानून बना सकते हैं।

प्रश्न 18: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की नियुक्ति कैसे करता है?

  1. अपने विवेक से
  2. राज्यसभा में बहुमत दल के नेता को
  3. लोकसभा में बहुमत दल के नेता को
  4. किसी भी सदन के बहुमत दल के नेता को

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 75(1) कहता है कि प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर करेगा।
  • संदर्भ और विस्तार: हालांकि अनुच्छेद में ‘विवेक’ का उल्लेख नहीं है, लेकिन परंपरा और व्यवहार में, राष्ट्रपति उस व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है जो लोकसभा में बहुमत का विश्वास प्राप्त कर सकता है। आमतौर पर, यह लोकसभा में बहुमत दल या गठबंधन का नेता होता है। यदि किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है, तो राष्ट्रपति अपने विवेक का उपयोग करके ऐसे व्यक्ति को नियुक्त कर सकता है जिसे वह बहुमत प्राप्त करने में सक्षम मानता हो।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति अपने विवेक से नियुक्त कर सकता है, लेकिन यह सामान्य नियम नहीं है। वह किसी भी सदन के बहुमत दल के नेता को नियुक्त कर सकता है, लेकिन वर्तमान व्यवस्था में लोकसभा के बहुमत दल के नेता को ही नियुक्त किया जाता है।

प्रश्न 19: कौन सा संवैधानिक संशोधन ‘नगर पालिकाओं’ (Municipalities) को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
  4. 97वां संशोधन अधिनियम, 2011

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX-A जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243-P से 243-ZG तक नगर पालिकाओं, शहरी स्थानीय निकायों के गठन और कार्यों का प्रावधान है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज की तरह ही शहरी स्थानीय निकायों को भी संवैधानिक दर्जा प्रदान किया, जिससे उनकी संरचना, शक्तियां, कराधान और चुनाव जैसे पहलुओं को विनियमित किया जा सके।
  • गलत विकल्प: 73वां संशोधन पंचायती राज से संबंधित है; 86वां संशोधन शिक्षा के अधिकार से संबंधित है; 97वां संशोधन सहकारी समितियों से संबंधित है।

प्रश्न 20: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध’ (Prohibition of Discrimination) का प्रावधान है?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 15
  3. अनुच्छेद 16
  4. अनुच्छेद 17

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 15 कहता है कि राज्य किसी भी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद सार्वजनिक स्थानों तक पहुँच के मामले में भी भेदभाव को रोकता है। हालांकि, यह भी प्रावधान करता है कि राज्य महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान कर सकता है, और सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों या अनुसूचित जातियों और जनजातियों के उन्नति के लिए विशेष प्रावधान कर सकता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण से संबंधित है; अनुच्छेद 16 लोक नियोजन में अवसर की समानता से संबंधित है; अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के उन्मूलन से संबंधित है।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा संवैधानिक निकाय नहीं है?

  1. चुनाव आयोग (Election Commission)
  2. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
  3. राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women)
  4. वित्त आयोग (Finance Commission)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: राष्ट्रीय महिला आयोग एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है, बल्कि एक ‘सांविधिक निकाय’ (Statutory Body) है। इसका गठन राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे भारतीय संविधान में होता है और जिनके गठन और कार्यप्रणाली का वर्णन संविधान में किया गया है (जैसे चुनाव आयोग – अनुच्छेद 324, UPSC – अनुच्छेद 315, वित्त आयोग – अनुच्छेद 280)। सांविधिक निकाय संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा विशेष अधिनियमों के माध्यम से बनाए जाते हैं।
  • गलत विकल्प: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) तीनों ही भारतीय संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं।

प्रश्न 22: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ (Justice) शब्द का क्या अर्थ है, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय शामिल हैं?

  1. सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हों।
  2. सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के जीवन जीने की स्वतंत्रता हो।
  3. सभी नागरिकों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार हो और उन्हें किसी भी अन्याय से मुक्त रखा जाए।
  4. समाज के सभी वर्गों को उन्नति का समान अवसर मिले।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: प्रस्तावना में उल्लिखित ‘न्याय’ का अर्थ है सभी नागरिकों के साथ निष्पक्ष और उचित व्यवहार, चाहे वह सामाजिक, आर्थिक या राजनीतिक क्षेत्र हो। इसका तात्पर्य अन्याय से मुक्ति और सभी के लिए निष्पक्षता सुनिश्चित करना है।
  • संदर्भ और विस्तार: सामाजिक न्याय का अर्थ है जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर कोई भेदभाव न हो; आर्थिक न्याय का अर्थ है धन और आय के समान वितरण को सुनिश्चित करना; राजनीतिक न्याय का अर्थ है सभी नागरिकों को राजनीतिक प्रक्रियाओं में समान भागीदारी का अधिकार।
  • गलत विकल्प: ‘सभी नागरिकों को समान अधिकार’ ‘समता’ (equality) का अर्थ है; ‘जीवन जीने की स्वतंत्रता’ ‘स्वतंत्रता’ (liberty) का एक पहलू है; ‘सभी वर्गों को उन्नति का समान अवसर’ ‘समता’ और ‘समानता’ का विस्तार है।

प्रश्न 23: ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) का अंत किस अनुच्छेद द्वारा किया गया है?

  1. अनुच्छेद 15
  2. अनुच्छेद 16
  3. अनुच्छेद 17
  4. अनुच्छेद 18

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17 ‘अस्पृश्यता’ के अंत और किसी भी रूप में इसके अभ्यास को निषेध करने का प्रावधान करता है। यह एक मौलिक अधिकार है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 17 के अनुसार, अस्पृश्यता से उत्पन्न किसी भी अक्षमता को भारतीय कानून के अनुसार दंडनीय अपराध माना जाएगा। संसद ने इस उद्देश्य के लिए ‘अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955’ (जो अब ‘अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955’ कहलाता है) पारित किया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 विभेद का प्रतिषेध करता है; अनुच्छेद 16 अवसर की समानता देता है; अनुच्छेद 18 उपाधियों का उन्मूलन करता है। ये सभी समानता से संबंधित हैं, लेकिन केवल अनुच्छेद 17 सीधे अस्पृश्यता के उन्मूलन से संबंधित है।

प्रश्न 24: भारत में ‘संसदीय प्रणाली’ (Parliamentary System) किस देश की शासन प्रणाली से प्रेरित है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. ऑस्ट्रेलिया
  4. यूनाइटेड किंगडम

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: भारत की संसदीय प्रणाली की अवधारणा मुख्य रूप से यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) की शासन प्रणाली से प्रेरित है।
  • संदर्भ और विस्तार: ब्रिटेन की तरह, भारत में भी कार्यपालिका (प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद) विधायिका (संसद) के प्रति उत्तरदायी होती है। राष्ट्रपति राष्ट्र का संवैधानिक प्रमुख होता है, जबकि प्रधानमंत्री सरकार का वास्तविक प्रमुख होता है। राष्ट्रपति नाममात्र का कार्यकारी है, जबकि प्रधानमंत्री कार्यकारी शक्ति का प्रयोग करता है।
  • गलत विकल्प: अमेरिका में अध्यक्षीय प्रणाली है, जहाँ कार्यपालिका विधायिका से स्वतंत्र होती है; कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी संसदीय प्रणाली है, लेकिन भारत ने ब्रिटेन से प्रेरणा ली है।

प्रश्न 25: भारत के संविधान की कौन सी अनुसूची ‘दल-बदल’ (Defection) के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है?

  1. सातवीं अनुसूची
  2. आठवीं अनुसूची
  3. नौवीं अनुसूची
  4. दसवीं अनुसूची

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची (Tenth Schedule) को 52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया था, जो संसद और राज्य विधानमंडलों के सदस्यों की दल-बदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अनुसूची का उद्देश्य विधायकों द्वारा दल-बदल को रोकना है, जो राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए पेश किया गया था। यह उन आधारों को परिभाषित करती है जिन पर किसी सदस्य को दल-बदल के कारण अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों से संबंधित है; आठवीं अनुसूची मान्यता प्राप्त भाषाओं से संबंधित है; नौवीं अनुसूची भूमि सुधार और अन्य कानूनों के सत्यापन से संबंधित है।

Leave a Comment