इतिहास महा-अभ्यास: ज्ञान की कसौटी पर परखें अपनी तैयारी!
समय के गलियारों में गोता लगाने और भारतीय तथा विश्व इतिहास के धागे बुनने के लिए तैयार हो जाइए! आज का यह विशेष प्रश्नोत्तरी सत्र आपकी ऐतिहासिक सूझबूझ को निखारने और आगामी परीक्षाओं के लिए आपकी तैयारी को धार देने का एक अनूठा अवसर है। आइए, ज्ञान की इस यात्रा पर एक साथ चलें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा स्थल हड़प्पा सभ्यता का नवीनतम खोजा गया स्थल है?
- लोथल
- धौलावीरा
- राखीगढ़ी
- मोहनजोदड़ो
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: राखीगढ़ी, जो हरियाणा के हिसार जिले में स्थित है, को हाल के वर्षों में हड़प्पा सभ्यता का एक महत्वपूर्ण और व्यापक स्थल माना गया है, जिसके कई शोध और उत्खनन इसे नवीनतम प्रमुख खोजों में से एक बनाते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: राखीगढ़ी सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे बड़े शहरी स्थलों में से एक है। यहाँ से मिले साक्ष्य सभ्यता के विस्तार, जीवन शैली और वास्तुकला पर प्रकाश डालते हैं। हाल के पुरातात्विक अन्वेषणों ने इसके महत्व को और बढ़ाया है।
- गलत विकल्प: लोथल गुजरात में एक बंदरगाह शहर था, धौलावीरा गुजरात में स्थित है और अपने जल प्रबंधन प्रणालियों के लिए जाना जाता है, जबकि मोहनजोदड़ो पाकिस्तान में स्थित एक प्रमुख हड़प्पा स्थल है।
प्रश्न 2: ‘वेदांग’ से क्या तात्पर्य है?
- वेदों का सार
- वेदों को समझने और सही ढंग से पढ़ने के लिए आवश्यक छह सहायक ग्रंथ
- वेदों में वर्णित कर्मकांड
- वेदों से संबंधित दार्शनिक विचार
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: वेदांग, जिसका अर्थ है ‘वेद का अंग’, वेदों के अध्ययन के लिए छह आवश्यक सहायक विषयों या ग्रंथों का एक समूह है। ये वेद के अर्थ, उच्चारण, व्याख्या और उपयोग को समझने में मदद करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: छह वेदांग हैं: शिक्षा (उच्चारण), कल्प (अनुष्ठान), व्याकरण (भाषा), निरुक्त (व्युत्पत्ति), छंद (छंद), और ज्योतिष (खगोल)। ये प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
- गलत विकल्प: वेदों का सार उपनिषद हो सकते हैं, लेकिन वेदांग विशेष रूप से सहायक ग्रंथ हैं। कर्मकांड वेदों का एक हिस्सा है, पर वेदांग उसका अर्थ समझने की कुंजी है। दार्शनिक विचार भी वेदों में हैं, लेकिन वेदांग उन्हें समझने के उपकरण प्रदान करते हैं।
प्रश्न 3: मगध के हर्यंक वंश का संस्थापक कौन था?
- बिम्बिसार
- अजातशत्रु
- उदयीन
- नागदर्शक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: बिम्बिसार को मगध के हर्यंक वंश का संस्थापक माना जाता है। उन्होंने ईसा पूर्व छठी शताब्दी में मगध को एक प्रमुख महाजनपद के रूप में स्थापित किया।
- संदर्भ और विस्तार: बिम्बिसार ने एक कुशल सैन्य और प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित की और अपनी शक्ति का विस्तार वैवाहिक संबंधों (जैसे कोसल राजकुमारी से विवाह) और विजय के माध्यम से किया। उनके पुत्र अजातशत्रु ने भी मगध के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: अजातशत्रु बिम्बिसार के पुत्र थे और हर्यंक वंश के शासक थे। उदयीन भी इसी वंश का शासक था जिसने पाटलिपुत्र की स्थापना की। नागदर्शक अंतिम हर्यंक शासक था।
प्रश्न 4: ‘चन्द्रगुप्त मौर्य’ को ‘सैंड्रोकोट्स’ के रूप में सर्वप्रथम किसने पहचाना?
- विलियम जोन्स
- अलेक्जेंडर कनिंघम
- जॉर्ज ई. लुईस
- राखालदास बनर्जी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सर विलियम जोन्स, एक प्रसिद्ध प्राच्यविद्, ने सर्वप्रथम यूनानी स्रोतों में उल्लिखित ‘सैंड्रोकोट्स’ (Sandrocottus) को भारतीय सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के रूप में पहचाना।
- संदर्भ और विस्तार: यह पहचान 1793 में प्रकाशित उनके एक शोध पत्र में की गई थी। सैंड्रोकोट्स नाम का उल्लेख यूनानी लेखकों जैसे एरियन, प्लूटार्क और जस्टिन ने किया है, जिन्होंने सिकंदर महान के भारत आक्रमण के समय चन्द्रगुप्त मौर्य के उत्थान का वर्णन किया है।
- गलत विकल्प: अलेक्जेंडर कनिंघम को भारतीय पुरातत्व का जनक कहा जाता है और उन्होंने कई प्राचीन स्थलों की पहचान की, लेकिन सैंड्रोकोट्स की पहचान में मुख्य श्रेय विलियम जोन्स को जाता है। जॉर्ज ई. लुईस और राखालदास बनर्जी अन्य महत्वपूर्ण इतिहासकार हैं।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चन्द्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चन्द्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: समुद्रगुप्त को उनकी विजयों और साम्राज्य विस्तार की नीति के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि प्रसिद्ध इतिहासकार वी. ए. स्मिथ द्वारा दी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त ने एक विशाल साम्राज्य स्थापित किया और अपनी विजयों का उल्लेख इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख में मिलता है। उन्होंने उत्तर भारत के कई राज्यों को जीता और दक्षिण भारत के राज्यों पर भी विजय प्राप्त की, यद्यपि उन्होंने उन्हें सीधे अपने साम्राज्य में शामिल नहीं किया।
- गलत विकल्प: चन्द्रगुप्त प्रथम गुप्त वंश का वास्तविक संस्थापक था। चन्द्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने भी साम्राज्य का विस्तार किया और मालवा पर विजय प्राप्त की। कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की।
प्रश्न 6: दिल्ली सल्तनत के किस सुल्तान ने ‘दीवान-ए-आरिज’ नामक एक सैन्य विभाग की स्थापना की?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: गियासुद्दीन बलबन (1266-1287) ने ‘दीवान-ए-आरिज’ नामक सैन्य विभाग की स्थापना की, जो सीधे सुल्तान के नियंत्रण में था और उसकी सैन्य शक्ति को संगठित करने के लिए जिम्मेदार था।
- संदर्भ और विस्तार: बलबन ने मंगोल आक्रमणों के बढ़ते खतरे के मद्देनजर एक मजबूत केंद्रीय सेना और मजबूत सैन्य प्रशासन की आवश्यकता महसूस की। इस विभाग का उद्देश्य सैनिकों की भर्ती, प्रशिक्षण, वेतन और उपकरणों की व्यवस्था करना था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘गुलाम चालीसा’ (चालीसा) का गठन किया। अलाउद्दीन खिलजी ने स्थायी सेना, बाजार नियंत्रण और ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ (राजस्व विभाग) जैसे महत्वपूर्ण सुधार किए। फिरोजशाह तुगलक ने ‘दीवान-ए-खैरात’ (दान विभाग) और ‘दीवान-ए-बंदगान’ (दास विभाग) की स्थापना की।
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य के किस शासक ने ‘अष्टदिग्गज’ नामक तेलुगु साहित्य के आठ महान विद्वानों को अपने दरबार में आश्रय दिया?
- देवराय प्रथम
- कृष्ण देवराय
- सदाशिव राय
- राम राय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कृष्ण देवराय (1509-1529), विजयनगर साम्राज्य के महानतम शासकों में से एक, के दरबार में तेलुगु साहित्य के आठ महान विद्वानों का समूह ‘अष्टदिग्गज’ मौजूद था।
- संदर्भ और विस्तार: ये विद्वान कृष्ण देवराय के संरक्षण में तेलुगु साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे थे। उनमें से सबसे प्रसिद्ध अल्लसानी पेडन्ना थे, जिन्हें ‘आंध्र कविता पितामह’ कहा जाता है। कृष्ण देवराय स्वयं एक कुशल विद्वान और कवि थे।
- गलत विकल्प: देवराय प्रथम, सदाशिव राय और राम राय विजयनगर साम्राज्य के अन्य महत्वपूर्ण शासक थे, लेकिन ‘अष्टदिग्गज’ का संबंध विशेष रूप से कृष्ण देवराय के शासनकाल से है।
प्रश्न 8: ‘तंजौर का बृहदीश्वर मंदिर’ का निर्माण किस चोल शासक ने करवाया था?
- राजराज प्रथम
- राजेंद्र प्रथम
- कुलोत्तुंग प्रथम
- विक्रम चोल
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: तंजौर (तंजावुर) में स्थित प्रसिद्ध बृहदीश्वर मंदिर का निर्माण महान चोल शासक राजराज प्रथम ने 11वीं शताब्दी की शुरुआत में करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह अपनी विशालता, शिल्पकला और स्थापत्य शैली के लिए प्रसिद्ध है। राजराज प्रथम ने इस मंदिर का निर्माण अपनी शक्ति और धार्मिक भक्ति के प्रतीक के रूप में करवाया था।
- गलत विकल्प: राजेंद्र प्रथम, राजराज प्रथम का पुत्र था और उसने भी कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य करवाए, जिसमें गंगईकोंडचोलपुरम का मंदिर भी शामिल है। कुलोत्तुंग प्रथम और विक्रम चोल अन्य चोल शासक थे।
प्रश्न 9: ‘बाबरनामा’ किस भाषा में लिखा गया था?
- फारसी
- तुर्की
- अरबी
- उर्दू
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘बाबरनामा’, जो मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर की आत्मकथा है, मूल रूप से तुर्की भाषा (चगताई तुर्की) में लिखी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह आत्मकथा बाबर के जीवन, उसके विचारों, भारत में उसके अभियानों और समकालीन राजनीतिक तथा सामाजिक परिस्थितियों का विस्तृत वर्णन करती है। बाद में इसका फारसी में अनुवाद किया गया था।
- गलत विकल्प: मुगल दरबार की मुख्य भाषा फारसी थी, लेकिन बाबरनामा मूल रूप से तुर्की में लिखा गया था। अरबी और उर्दू उस समय इस आत्मकथा के लेखन के लिए प्रासंगिक भाषाएँ नहीं थीं।
प्रश्न 10: ‘पानीपत का द्वितीय युद्ध’ कब हुआ था?
- 1526
- 1556
- 1761
- 1576
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: पानीपत का द्वितीय युद्ध 5 नवंबर 1556 को मुगल सम्राट अकबर और हेमू (हेमचंद्र विक्रमादित्य), जो आदिल शाह सूरी का एक हिंदू जनरल था, के बीच लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में अकबर की विजय हुई और इसने भारत में मुगल शासन की नींव को और मजबूत किया। अकबर के संरक्षक बैरम खान ने इस युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: 1526 में पानीपत का प्रथम युद्ध इब्राहिम लोदी और बाबर के बीच हुआ था। 1761 में पानीपत का तृतीय युद्ध अहमद शाह अब्दाली और मराठों के बीच हुआ था। 1576 में हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था।
प्रश्न 11: ‘दीन-ए-इलाही’ नामक धर्म की स्थापना किस मुगल बादशाह ने की थी?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नवीन धार्मिक सिद्धांत की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: दीन-ए-इलाही, जिसे ‘ईश्वरीय धर्म’ या ‘ईश्वरीय विश्वास’ के रूप में भी जाना जाता है, सभी प्रमुख धर्मों के सार तत्वों को मिलाकर बनाया गया एक समन्वयवादी विचार था। इसका उद्देश्य विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच सद्भाव स्थापित करना था। हालाँकि, यह बहुत कम लोगों द्वारा स्वीकार किया गया।
- गलत विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब क्रमशः अकबर के बाद के मुगल बादशाह थे और उन्होंने दीन-ए-इलाही को आगे नहीं बढ़ाया।
प्रश्न 12: ‘पुर्तगाली यात्री डोमिंगो पेस’ किसके शासनकाल में भारत आया था?
- कृष्ण देवराय
- अच्युत देवराय
- सदाशिव राय
- तिरूमल राय
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: पुर्तगाली यात्री डोमिंगो पेस (Domingos Paes) 1520-22 ईस्वी के दौरान विजयनगर साम्राज्य के शासक कृष्ण देवराय के शासनकाल में भारत आया था।
- संदर्भ और विस्तार: पेस ने विजयनगर की अपनी यात्रा का विस्तृत विवरण लिखा है, जो उस समय के समाज, अर्थव्यवस्था, वास्तुकला और विजयनगर शहर की भव्यता पर प्रकाश डालता है। उनके विवरणों से कृष्ण देवराय के शासनकाल की समृद्धि का पता चलता है।
- गलत विकल्प: अच्युत देवराय, सदाशिव राय और तिरूमल राय विजयनगर साम्राज्य के बाद के शासक थे, जिनके शासनकाल में पेस भारत नहीं आया था।
प्रश्न 13: ‘शिवाजी के अष्टप्रधान’ में ‘सुमंत’ का क्या कार्य था?
- विदेश मामले
- सेना का नेतृत्व
- न्याय प्रशासन
- धर्म और दान
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: शिवाजी के अष्टप्रधान मंडल में ‘सुमंत’ (या ‘दबीर’) का पद विदेश मामलों का मंत्री था।
- संदर्भ और विस्तार: सुमंत का कार्य अन्य राज्यों के साथ संबंध बनाए रखना, कूटनीति करना और राजदूतों का स्वागत करना था। यह पद राज्य के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण था।
- गलत विकल्प: सेना का नेतृत्व ‘सेनापति’ करता था, न्याय प्रशासन ‘न्यायाधीश’ देखता था, और धर्म व दान से संबंधित मामले ‘पंडितराव’ के अधिकार क्षेत्र में आते थे।
प्रश्न 14: ‘बक्सर का युद्ध’ किस वर्ष हुआ था?
- 1757
- 1761
- 1764
- 1765
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: बक्सर का युद्ध 22 अक्टूबर 1764 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में एक ओर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाएं थीं, जिनका नेतृत्व हेक्टर मुनरो ने किया था, और दूसरी ओर मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय, अवध के नवाब शुजा-उद-दौला और बंगाल के अपदस्थ नवाब मीर कासिम की संयुक्त सेनाएं थीं। कंपनी की निर्णायक जीत ने भारत में ब्रिटिश प्रभुत्व को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: 1757 में प्लासी का युद्ध हुआ था। 1761 में पानीपत का तीसरा युद्ध हुआ था। 1765 में इलाहाबाद की संधि हुई थी, जो बक्सर के युद्ध का परिणाम थी।
प्रश्न 15: ‘मंगल पांडे’ ने किस सैन्य छावनी में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया था?
- मेरठ
- बैरकपुर
- चर्बी लगे कारतूस
- कानपुर
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मंगल पांडे, जो 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री के एक सिपाही थे, ने 29 मार्च 1857 को बैरकपुर (पश्चिम बंगाल) में चर्बी लगे कारतूसों के विरोध में ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला किया था।
- संदर्भ और विस्तार: मंगल पांडे का यह कार्य 1857 के भारतीय विद्रोह का एक महत्वपूर्ण तात्कालिक कारण बना। यह विद्रोह सिपाहियों के बीच व्याप्त असंतोष का प्रतीक था, जो नए कारतूसों को गाय और सूअर की चर्बी से ढका हुआ मानते थे, जिससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची थी।
- गलत विकल्प: मेरठ छावनी वह स्थान थी जहाँ से 1857 के विद्रोह का मुख्य प्रारंभ हुआ था। ‘चर्बी लगे कारतूस’ विद्रोह का कारण थे, न कि छावनी। कानपुर विद्रोह का एक प्रमुख केंद्र था, लेकिन मंगल पांडे का प्रारंभिक कार्य बैरकपुर में हुआ था।
प्रश्न 16: ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ (FICCI) की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
- 1909
- 1919
- 1927
- 1935
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) की स्थापना 1927 में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसकी स्थापना भारतीय व्यापारियों और उद्योगपतियों के हितों की रक्षा करने और ब्रिटिश शासन के दौरान एक मजबूत औद्योगिक आधार बनाने के उद्देश्य से की गई थी। घनश्याम दास बिड़ला और पुरुषोत्तमदास ठाकुरदास इसके प्रमुख संस्थापक थे।
- गलत विकल्प: 1909 में ‘मोर्ले-मिंटो सुधार’ हुए। 1919 में ‘मोंटेगू-चेम्सफोर्ड सुधार’ आए। 1935 में ‘भारत सरकार अधिनियम’ पारित हुआ।
प्रश्न 17: ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ नामक राजनीतिक दल की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सुभाष चंद्र बोस ने 1939 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन एक कट्टरपंथी, वामपंथी राजनीतिक दल के रूप में किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना और ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकना था। बोस ने इसे साम्राज्यवाद विरोधी और फासीवाद विरोधी आंदोलन के रूप में देखा।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे।
प्रश्न 18: ‘कैबिनेट मिशन’ भारत कब आया था?
- 1942
- 1945
- 1946
- 1947
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कैबिनेट मिशन भारत में मार्च 1946 में आया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस मिशन का उद्देश्य भारत के लिए एक संवैधानिक ढांचा तैयार करना और सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया को सुगम बनाना था। इसके तीन सदस्य थे: लॉर्ड पैथिक लॉरेंस, सर स्टैफोर्ड क्रिप्स और ए. वी. अलेक्जेंडर। मिशन की सिफारिशों ने भारतीय संविधान सभा के गठन का मार्ग प्रशस्त किया।
- गलत विकल्प: 1942 में ‘क्रिप्स मिशन’ आया था। 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ। 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली।
प्रश्न 19: ‘हरिजन सेवक संघ’ की स्थापना किसने की थी?
- महात्मा गांधी
- डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
- ज्योतिबा फुले
- ई. वी. रामासामी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: महात्मा गांधी ने 1932 में ‘हरिजन सेवक संघ’ की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संघ का मुख्य उद्देश्य अस्पृश्यता (छुआछूत) को समाप्त करना और दलितों (जिन्हें गांधीजी ‘हरिजन’ या ईश्वर के जन कहते थे) की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति में सुधार करना था। यह संघ गांधीजी के सामाजिक सुधार आंदोलनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
- गलत विकल्प: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर दलितों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले एक प्रमुख नेता थे। ज्योतिबा फुले और ई. वी. रामासामी भी सामाजिक सुधारक थे, लेकिन हरिजन सेवक संघ की स्थापना गांधीजी ने की थी।
प्रश्न 20: ‘अहोम विद्रोह’ का संबंध भारत के किस क्षेत्र से है?
- पंजाब
- राजस्थान
- असम
- बिहार
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: अहोम विद्रोह, जो 1828 में हुआ था, का संबंध भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य असम से है।
- संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह अहोम राजा पुरंदर सिंह को अंग्रेजों द्वारा गद्दी से हटाए जाने और ब्रिटिश प्रशासन द्वारा लागू की गई नीतियों के विरोध में हुआ था। इस विद्रोह का नेतृत्व गोमधर कोनवर ने किया था।
- गलत विकल्प: पंजाब, राजस्थान और बिहार भारत के अन्य क्षेत्र हैं जहाँ विभिन्न समयों पर विद्रोह हुए, लेकिन अहोम विद्रोह का मुख्य केंद्र असम था।
प्रश्न 21: ‘विश्व का इतिहास’ के संदर्भ में, ‘फ्रांसीसी क्रांति’ का नारा क्या था?
- शांति, भूमि, रोटी
- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
- राष्ट्रीय सुरक्षा, व्यवस्था, देशभक्ति
- लोकतंत्र, न्याय, अधिकार
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति (1789-1799) का मुख्य नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा फ्रांसीसी गणराज्य का आदर्श वाक्य बन गया और आज भी फ्रांस का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है। इसने क्रांति के प्रमुख उद्देश्यों को व्यक्त किया, जिसका लक्ष्य राजशाही को उखाड़ फेंकना और नागरिकों के लिए समान अधिकार तथा स्वतंत्रता स्थापित करना था।
- गलत विकल्प: ‘शांति, भूमि, रोटी’ रूसी क्रांति से जुड़ा नारा था। अन्य विकल्प क्रांतिकारी आंदोलनों से जुड़े हो सकते हैं, लेकिन फ्रांसीसी क्रांति का विशिष्ट नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ ही था।
प्रश्न 22: ‘औद्योगिक क्रांति’ सर्वप्रथम किस देश में प्रारंभ हुई?
- फ्रांस
- जर्मनी
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- ग्रेट ब्रिटेन
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: औद्योगिक क्रांति की शुरुआत 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ग्रेट ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम) में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह क्रांति मुख्य रूप से यांत्रिकी, विशेष रूप से भाप इंजन के विकास, वस्त्र उद्योग में नई तकनीकों के आविष्कार, और उत्पादन के नए तरीकों (जैसे कारखाना प्रणाली) के कारण हुई। ग्रेट ब्रिटेन में अनुकूल परिस्थितियाँ जैसे पूंजी, कच्चे माल (कोयला, लोहा), कुशल श्रमिक और बाजार की उपलब्धता ने इसके प्रसार में मदद की।
- गलत विकल्प: फ्रांस, जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी औद्योगिक क्रांति हुई, लेकिन यह ग्रेट ब्रिटेन के बाद शुरू हुई और वहीं से फैली।
प्रश्न 23: ‘रूसी क्रांति’ (1917) के प्रमुख नेता कौन थे?
- एडॉल्फ हिटलर
- जोसेफ स्टालिन
- व्लादिमीर लेनिन
- माओ ज़ेडोंग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: व्लादिमीर लेनिन 1917 की रूसी क्रांति और बोल्शेविक क्रांति के प्रमुख नेता थे।
- संदर्भ और विस्तार: लेनिन के नेतृत्व में बोल्शेविक पार्टी ने ज़ारवादी शासन को उखाड़ फेंका और सोवियत संघ की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया। उनका मानना था कि सर्वहारा वर्ग क्रांति के माध्यम से एक समाजवादी राज्य का निर्माण कर सकता है।
- गलत विकल्प: एडॉल्फ हिटलर जर्मनी के नेता थे, जोसेफ स्टालिन लेनिन के उत्तराधिकारी थे, और माओ ज़ेडोंग चीन के क्रांतिकारी नेता थे।
प्रश्न 24: ‘प्रथम विश्व युद्ध’ (1914-1918) का तात्कालिक कारण क्या था?
- जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण
- ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की हत्या
- फ्रांस का जर्मनी पर युद्ध की घोषणा
- ब्रिटेन का जर्मनी पर युद्ध की घोषणा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण 28 जून 1914 को साराजेवो में ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस हत्या को ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बियाई उग्रवाद का कार्य माना और सर्बिया को एक अल्टीमेटम दिया, जिसे पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया गया। इसके परिणामस्वरूप ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया पर युद्ध की घोषणा कर दी, और फिर विभिन्न देशों के बीच संधियों के कारण यूरोप के अधिकांश देश इस संघर्ष में शामिल हो गए।
- गलत विकल्प: जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण था। अन्य विकल्प युद्ध के परिणाम थे, न कि उसके तात्कालिक कारण।
प्रश्न 25: ‘शीत युद्ध’ (Cold War) किन दो प्रमुख महाशक्तियों के बीच चला?
- ब्रिटेन और फ्रांस
- संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान
- संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ
- जर्मनी और इटली
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: शीत युद्ध, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शुरू हुआ, मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका (और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों) और सोवियत संघ (और उसके सहयोगी पूर्वी ब्लॉक देशों) के बीच चला।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रत्यक्ष सैन्य संघर्ष के बजाय राजनीतिक, आर्थिक, वैचारिक और प्रचार युद्ध था। दोनों महाशक्तियाँ अपने-अपने विचारधारात्मक (पूंजीवाद बनाम साम्यवाद) और भू-राजनीतिक हितों को बढ़ावा दे रही थीं, जिससे दुनिया दो ध्रुवों में बंट गई थी।
- गलत विकल्प: ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, जर्मनी और इटली अन्य महत्वपूर्ण देश थे, लेकिन शीत युद्ध का मुख्य संघर्ष अमेरिका और सोवियत संघ के बीच था।