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इतिहास की गहराइयों में गोता लगाएँ: आज का महा-मॉक टेस्ट!

इतिहास की गहराइयों में गोता लगाएँ: आज का महा-मॉक टेस्ट!

तैयारी के इस रोमांचक सफर में आपका स्वागत है! आज हम समय के पन्नों को पलटते हुए प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक दुनिया तक की यात्रा पर निकलेंगे। अपनी ऐतिहासिक समझ को परखने और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए अपनी तैयारी को और मजबूत करने का यह एक शानदार अवसर है। तो, क्या आप अतीत के रहस्यों को उजागर करने के लिए तैयार हैं?

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से किस हड़प्पा स्थल से ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ प्राप्त हुई है?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. कालीबंगन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: मोहनजोदड़ो से ‘नर्तकी की कांस्य प्रतिमा’ प्राप्त हुई है, जो सिंधु घाटी सभ्यता की कलात्मक उत्कृष्टता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह प्रतिमा लगभग 11 सेंटीमीटर ऊंची है और इसे लॉस्ट-वैक्स (मोम पिघलाकर) तकनीक से बनाया गया था। यह उस समय की उन्नत मूर्तिकला और धातु कर्म कौशल को दर्शाता है। मोहनजोदड़ो (सिंधी में ‘मृतकों का टीला’) सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख शहर था, जो आधुनिक पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा से ‘सार्वजनिक भवन’ और ‘लाल बलुआ पत्थर के पुरुष धड़’ मिले थे। लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ से गोदी (डॉकयार्ड) के अवशेष मिले हैं। कालीबंगन से जुते हुए खेत के साक्ष्य मिले हैं।

प्रश्न 2: ऋग्वैदिक काल में ‘सेनानी’ शब्द का प्रयोग किस पद के लिए किया जाता था?

  1. ग्रामणी
  2. पुरोहित
  3. ग्राम का मुखिया
  4. गाँव का सबसे अमीर व्यक्ति

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ऋग्वैदिक काल में ‘सेनानी’ शब्द का प्रयोग ग्रामणी के लिए किया जाता था, जो गाँव का मुखिया होता था।
  • संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद में, ‘ग्रामणी’ गाँव का नेता होता था, जो अपने गाँव का नेतृत्व करता था। ‘सेनानी’ शब्द का प्रयोग उस संदर्भ में किया गया है जब वह अपने गाँव की सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व करता था। यह पद अक्सर वंशानुगत होता था।
  • गलत विकल्प: पुरोहित धार्मिक मामलों को देखता था। ‘ग्रामणी’ शब्द स्वयं गाँव के मुखिया को संदर्भित करता है, और ‘सेनानी’ उसी भूमिका का सैन्य पहलू बताता है। गाँव का सबसे अमीर व्यक्ति का कोई विशेष पद नहीं होता था।

प्रश्न 3: अशोक के शिलालेखों में किस भाषा का प्रयोग किया गया था?

  1. संस्कृत
  2. पाली
  3. प्राकृत और खरोष्ठी
  4. तमिल

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: अशोक के अधिकांश शिलालेखों में प्राकृत भाषा का प्रयोग किया गया था, जिसे ब्राह्मी लिपि में लिखा गया था। उत्तर-पश्चिम के शिलालेखों में खरोष्ठी लिपि का भी प्रयोग हुआ, जिसमें कुछ हद तक प्राकृत और अरामी भाषा का भी मिश्रण है।
  • संदर्भ और विस्तार: अशोक ने अपने साम्राज्य की विशालता को देखते हुए और विभिन्न वर्गों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जनसाधारण की भाषा, प्राकृत, का प्रयोग किया। ब्राह्मी लिपि भारत की अधिकांश लिपियों की जननी है। खरोष्ठी लिपि दाएं से बाएं लिखी जाती थी और संभवतः इसका प्रभाव ईरानी और अरामी लिपियों से था।
  • गलत विकल्प: संस्कृत उस समय आम बोलचाल की भाषा नहीं थी, हालांकि यह विद्वानों की भाषा थी। पाली भाषा का प्रयोग मुख्य रूप से बौद्ध धर्म ग्रंथों में हुआ। तमिल दक्षिण भारत की भाषा है और अशोक के शिलालेखों में इसका प्रयोग नहीं मिला।

प्रश्न 4: ‘प्रिंस’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक किसने लिखी थी?

  1. निकोलस मैकियावेली
  2. लियोनार्डो दा विंची
  3. माइकल एंजेलो
  4. रफאל

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: ‘द प्रिंस’ (Il Principe) निकोलस मैकियावेली द्वारा लिखित एक राजनीतिक ग्रंथ है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक 1513 में लिखी गई थी और 1532 में प्रकाशित हुई थी। यह पुस्तक आधुनिक राजनीतिक दर्शन के सबसे प्रभावशाली कार्यों में से एक मानी जाती है। इसमें मैकियावेली राजाओं के लिए शासन के सिद्धांतों और शक्ति को बनाए रखने के तरीकों पर सलाह देते हैं, अक्सर ‘सत्ता’ के व्यावहारिकता पर जोर देते हुए, नैतिकता को गौण मानते हुए।
  • गलत विकल्प: लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो और राफेल इतालवी पुनर्जागरण के महान कलाकार थे, न कि राजनीतिक विचारक।

प्रश्न 5: किस दिल्ली सल्तनत के शासक ने ‘दीवान-ए-खैरात’ की स्थापना की थी, जो गरीबों और ज़रूरतमंदों के लिए एक दान कार्यालय था?

  1. इल्तुतमिश
  2. बलबन
  3. अलाउद्दीन खिलजी
  4. फिरोज शाह तुगलक

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: फिरोज शाह तुगलक ने ‘दीवान-ए-खैरात’ (कार्यालय दान) की स्थापना की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह विभाग गरीबों, विधवाओं, अनाथों और विकलांगों की मदद के लिए स्थापित किया गया था। फिरोजशाह तुगलक एक जन-हितैषी शासक के रूप में जाना जाता है, जिसने अनेक लोक कल्याणकारी कार्य किए, जिनमें सार्वजनिक निर्माण, नहरें बनवाना और अस्पतालों की स्थापना शामिल है।
  • गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने तुर्कों की शक्ति को सुदृढ़ किया। बलबन ने राजत्व के सिद्धांत को अपनाया। अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार सुधारों और स्थायी सेना के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 6: पुनर्जागरण काल में ‘मानवतावाद’ (Humanism) के मुख्य प्रवर्तकों में से एक कौन थे?

  1. थॉमस एक्विनास
  2. दांते एलघिएरी
  3. फ्रांसेस्को पेट्रार्क
  4. जियोवन्नी बोकासियो

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: फ्रांसेस्को पेट्रार्क को अक्सर ‘मानवतावाद का जनक’ माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: पेट्रार्क (1304-1374) एक इतालवी विद्वान और कवि थे जिन्होंने प्राचीन यूनानी और रोमन साहित्य के अध्ययन को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मानवतावाद एक बौद्धिक आंदोलन था जिसने मध्ययुगीन धर्म-केंद्रित दृष्टिकोण से हटकर मानव क्षमता, तर्क और शास्त्रीय पुरातनता में रुचि पर जोर दिया।
  • गलत विकल्प: थॉमस एक्विनास मध्ययुगीन दार्शनिक थे। दांते और बोकासियो भी पुनर्जागरण काल के महत्वपूर्ण लेखक थे, लेकिन पेट्रार्क को मानवतावाद के केंद्रीय व्यक्ति के रूप में अधिक मान्यता प्राप्त है।

प्रश्न 7: भारत के किस वाइसरॉय के कार्यकाल में ‘बंगाल का विभाजन’ (1905) हुआ था?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड डलहौजी
  3. लॉर्ड लिटन
  4. लॉर्ड कैनिंग

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: 1905 में बंगाल का विभाजन लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन (1899-1905) ने प्रशासनिक सुविधा का हवाला देते हुए बंगाल को पूर्वी और पश्चिमी बंगाल में विभाजित करने का निर्णय लिया था। हालांकि, भारतीय राष्ट्रवादियों ने इसे ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति का हिस्सा माना और इसके खिलाफ तीव्र विरोध प्रदर्शन हुए, जिसने स्वदेशी आंदोलन को जन्म दिया।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी (1848-1856) ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड लिटन (1876-1880) ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट पारित किया था। लॉर्ड कैनिंग (1856-1862) 1857 के विद्रोह के दौरान गवर्नर-जनरल थे।

प्रश्न 8: ‘वाटरलू का युद्ध’ (1815) किस प्रमुख ऐतिहासिक व्यक्ति के पतन का प्रतीक था?

  1. एडॉल्फ हिटलर
  2. नेपोलियन बोनापार्ट
  3. ऑटो वॉन बिस्मार्क
  4. जॉर्ज वाशिंगटन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: वाटरलू का युद्ध नेपोलियन बोनापार्ट की अंतिम हार और यूरोपीय राजनीति में उनके प्रभाव के अंत का प्रतीक था।
  • संदर्भ और विस्तार: 18 जून 1815 को बेल्जियम के वाटरलू में हुए इस युद्ध में ड्यूक ऑफ वेलिंगटन के नेतृत्व वाली ब्रिटिश और प्रशियाई सेनाओं ने नेपोलियन की फ्रांसीसी सेना को निर्णायक रूप से हराया। इस हार के बाद नेपोलियन को सेंट हेलेना द्वीप पर निर्वासित कर दिया गया, जहाँ उनकी मृत्यु हो गई।
  • गलत विकल्प: एडॉल्फ हिटलर द्वितीय विश्व युद्ध से संबंधित हैं। बिस्मार्क जर्मनी के एकीकरण से जुड़े थे, और जॉर्ज वाशिंगटन अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के नेता थे।

प्रश्न 9: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब और किसने की थी?

  1. 1336 ईस्वी, हरिहर और बुक्का
  2. 1565 ईस्वी, राम राय
  3. 1469 ईस्वी, कृष्ण देव राय
  4. 1303 ईस्वी, काकतीय वंश

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों द्वारा की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: हरिहर और बुक्का ने वारंगल के काकतीय साम्राज्य के पतन के बाद दक्षिण भारत में एक मजबूत हिंदू साम्राज्य की नींव रखी। यह साम्राज्य तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित था और अपनी समृद्ध संस्कृति, कला और वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
  • गलत विकल्प: 1565 का वर्ष तालीकोटा का युद्ध का है। राम राय उस युद्ध में विजयनगर के शासक थे। कृष्ण देव राय विजयनगर के महानतम शासकों में से एक थे, जिनका शासनकाल 1509-1529 तक रहा।

प्रश्न 10: ‘गुलाम वंश’ का संस्थापक कौन था?

  1. मुईनुद्दीन चिश्ती
  2. कुतुबुद्दीन ऐबक
  3. इल्तुतमिश
  4. बलबन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 ईस्वी में दिल्ली सल्तनत की स्थापना की और गुलाम वंश (या मामलुक वंश) की शुरुआत की।
  • संदर्भ और विस्तार: कुतुबुद्दीन ऐबक, जो मोहम्मद गोरी का एक वफादार दास और सेनापति था, ने गोरी की मृत्यु के बाद खुद को दिल्ली का स्वतंत्र शासक घोषित किया। उसने कुतुब मीनार का निर्माण शुरू करवाया और अपनी राजधानी लाहौर बनाई (बाद में इल्तुतमिश ने दिल्ली स्थानांतरित की)।
  • गलत विकल्प: मुईनुद्दीन चिश्ती एक सूफी संत थे। इल्तुतमिश ऐबक का दामाद और उत्तराधिकारी था जिसने सल्तनत को मजबूती प्रदान की। बलबन इल्तुतमिश का गुलाम था और बाद में शासक बना।

प्रश्न 11: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ (1789) के प्रमुख नारे में ‘समानता’ (Equality) का क्या अर्थ था?

  1. सभी नागरिकों को समान आय
  2. सभी नागरिकों को बिना किसी वर्ग या पद के समान अधिकार
  3. सभी नागरिकों के लिए समान शिक्षा
  4. सभी नागरिकों को समान नागरिकता

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के नारे ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) में ‘समानता’ का अर्थ सभी नागरिकों को कानून के समक्ष समान मानना और विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों (जैसे पादरी और कुलीन वर्ग) के बिना सभी को समान अधिकार देना था।
  • संदर्भ और विस्तार: क्रांति का उद्देश्य एक ऐसे समाज का निर्माण करना था जहाँ जन्म या पद के आधार पर कोई विशेषाधिकार न हो, बल्कि सभी को समान नागरिक माना जाए। इसका मतलब यह भी था कि सार्वजनिक पदों तक पहुँच सभी के लिए खुली हो।
  • गलत विकल्प: समान आय, समान शिक्षा या समान नागरिकता जैसे विचार क्रांति के लक्ष्य का हिस्सा हो सकते थे, लेकिन ‘समानता’ का मूल अर्थ कानूनी और सामाजिक समानता था, न कि आर्थिक या शैक्षिक समानता।

प्रश्न 12: चोल साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था, जिसके शासनकाल में चोल कला और वास्तुकला का अभूतपूर्व विकास हुआ?

  1. राजराज प्रथम
  2. राजेंद्र प्रथम
  3. कुलतुंग प्रथम
  4. परांतक प्रथम

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: राजेंद्र प्रथम (राजेंद्र चोल प्रथम) को चोल साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक माना जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: राजेंद्र प्रथम अपने पिता राजराज प्रथम की नीतियों को जारी रखते हुए चोल साम्राज्य का विस्तार करने में सफल रहे। उन्होंने उत्तर भारत तक सैन्य अभियान किया, गंगा घाटी तक पहुँचे, और ‘गंगईकोंड चोल’ की उपाधि धारण की। उनके शासनकाल में ही तंजौर के बृहदेश्वर मंदिर (राजराजेश्वरम) का निर्माण पूरा हुआ और चोल नौसेना की शक्ति चरम पर थी।
  • गलत विकल्प: राजराज प्रथम ने बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण शुरू करवाया और साम्राज्य की नींव रखी, लेकिन राजेंद्र प्रथम ने इसे और भी आगे बढ़ाया। कुलतुंग प्रथम और परांतक प्रथम अन्य महत्वपूर्ण चोल शासक थे।

प्रश्न 13: ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ (मनरेगा) किस वर्ष लागू किया गया?

  1. 2005
  2. 2006
  3. 2008
  4. 2009

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 2 फरवरी 2006 को लागू किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिनियम ग्रामीण परिवारों को प्रति वर्ष 100 दिनों के वेतन रोजगार की गारंटी देता है। इसका उद्देश्य ग्रामीण आजीविका की सुरक्षा, ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में कमी लाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। यह अधिनियम भारत के संविधान के अनुच्छेद 41 के तहत एक कानूनी अधिकार है।
  • गलत विकल्प: 2005 में नरेगा विधेयक पारित हुआ था, लेकिन इसे 2006 में अधिसूचित किया गया। 2008 में इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी नरेगा कर दिया गया।

प्रश्न 14: ‘द्वितीय विश्व युद्ध’ (1939-1945) का तात्कालिक कारण क्या था?

  1. जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण
  2. जापान का पर्ल हार्बर पर हमला
  3. ऑस्ट्रिया का जर्मनी में विलय
  4. स्पेनिश गृहयुद्ध

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: 1 सितंबर 1939 को जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण बना।
  • संदर्भ और विस्तार: इस आक्रमण के जवाब में, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई। युद्ध के दीर्घकालिक कारण कई थे, जिनमें वर्साय की संधि की कठोर शर्तें, फासीवाद और नाजीवाद का उदय, और तुष्टिकरण की नीति शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: जापान का पर्ल हार्बर पर हमला (1941) अमेरिका को युद्ध में लाया, लेकिन यह द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत का कारण नहीं था। ऑस्ट्रिया का जर्मनी में विलय (1938) और स्पेनिश गृहयुद्ध (1936-1939) युद्ध की ओर ले जाने वाली प्रमुख घटनाएँ थीं, लेकिन तात्कालिक कारण नहीं।

प्रश्न 15: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना कब और किसके द्वारा की गई थी?

  1. 1885, ए.ओ. ह्यूम
  2. 1905, गोखले
  3. 1857, रानी लक्ष्मी बाई
  4. 1920, महात्मा गांधी

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को स्कॉटिश सेवानिवृत्त अधिकारी ए.ओ. ह्यूम द्वारा की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: कांग्रेस का पहला सत्र बॉम्बे (अब मुंबई) में आयोजित किया गया था, जिसमें 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इसका प्रारंभिक उद्देश्य भारतीयों के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक सुधारों की वकालत करना था, लेकिन धीरे-धीरे यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का मुख्य मंच बन गया।
  • गलत विकल्प: गोखले एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता थे, लेकिन उन्होंने कांग्रेस की स्थापना नहीं की। 1857 का विद्रोह था। महात्मा गांधी 20वीं सदी की शुरुआत में कांग्रेस में प्रमुख बने।

प्रश्न 16: ‘गुप्त काल’ को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?

  1. क्योंकि इस काल में सोने के सिक्के बड़ी मात्रा में ढाले गए थे।
  2. क्योंकि इस काल में कला, विज्ञान, साहित्य और खगोल विज्ञान का अभूतपूर्व विकास हुआ।
  3. क्योंकि इस काल में साम्राज्य का अत्यधिक विस्तार हुआ।
  4. क्योंकि इस काल में विदेशी व्यापार बहुत बढ़ा।

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस अवधि में कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस काल में कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे खगोलशास्त्री और गणितज्ञ, और वराहमिहिर जैसे ज्योतिषियों का उदय हुआ। अजंता की गुफाओं की उत्कृष्ट कलाकृतियाँ भी इसी काल की देन हैं। यह काल अपेक्षाकृत शांति और समृद्धि का भी काल था।
  • गलत विकल्प: हालांकि सोने के सिक्के ढाले गए और व्यापार बढ़ा, लेकिन ये ‘स्वर्ण युग’ कहने के मुख्य कारण नहीं थे। साम्राज्य का विस्तार भी अन्य साम्राज्यों की तुलना में बहुत अधिक नहीं था। कला और विज्ञान का चहुंमुखी विकास ही मुख्य कारण है।

प्रश्न 17: ‘चौरी-चौरा घटना’ (1922) का संबंध किस आंदोलन से था?

  1. सविनय अवज्ञा आंदोलन
  2. असहयोग आंदोलन
  3. भारत छोड़ो आंदोलन
  4. रौलट सत्याग्रह

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: चौरी-चौरा घटना 4 फरवरी 1922 को हुई थी और यह असहयोग आंदोलन से संबंधित थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस घटना में, गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा नामक स्थान पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने एक पुलिस थाने में आग लगा दी, जिसमें 22 पुलिसकर्मी जिंदा जल गए। इस हिंसक घटना से आहत होकर महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को तुरंत स्थगित करने का निर्णय लिया, जिससे कई कांग्रेसी नेता, विशेषकर सुभाष चंद्र बोस, निराश हुए।
  • गलत विकल्प: सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 में शुरू हुआ। भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में शुरू हुआ। रौलट सत्याग्रह 1919 में हुआ था।

प्रश्न 18: ‘हड़प्पा सभ्यता’ के किस स्थल को ‘मेसोपोटामियाई अभिलेखों’ में ‘मेलुहा’ के नाम से जाना जाता था?

  1. लोथल
  2. हड़प्पा
  3. मोहनजोदड़ो
  4. मांडा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: मेसोपोटामियाई अभिलेखों में हड़प्पा को ‘मेलुहा’ के रूप में संदर्भित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: मेसोपोटामियाई सभ्यता और सिंधु घाटी सभ्यता के बीच महत्वपूर्ण व्यापारिक संबंध थे। सुमेरियन लेखों में ‘मेलुहा’ नामक देश का उल्लेख मिलता है, जो अपने हाथी दांत, चंदन की लकड़ी और अन्य मूल्यवान वस्तुओं के लिए जाना जाता था, और जिसे पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर हड़प्पा सभ्यता से जोड़ा गया है।
  • गलत विकल्प: लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह था। मोहनजोदड़ो एक विशाल शहर था। मांडा सिंधु सभ्यता का सबसे उत्तरी स्थल था।

प्रश्न 19: ‘भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन’ के किस चरण को ‘चरमपंथी चरण’ कहा जाता है?

  1. 1885-1905
  2. 1905-1919
  3. 1919-1929
  4. 1930-1947

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: 1905 से 1919 तक के भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के चरण को ‘चरमपंथी’ या ‘गरम दल’ का चरण कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: 1905 में बंगाल विभाजन और स्वदेशी आंदोलन ने राष्ट्रवाद में एक नई ऊर्जा भरी। इस चरण में लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल (जिन्हें ‘लाल-बाल-पाल’ के नाम से जाना जाता है) जैसे नेताओं का उदय हुआ, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अधिक आक्रामक और प्रत्यक्ष कार्रवाई की वकालत की।
  • गलत विकल्प: 1885-1905 नरम दल का चरण था। 1919-1929 में गांधीवादी युग की शुरुआत हुई। 1930-1947 सविनय अवज्ञा और स्वतंत्रता प्राप्ति का चरण था।

प्रश्न 20: ‘पहला विश्व युद्ध’ (1914-1918) के दौरान ‘ट्रेंटो’ और ‘तिरोल’ जैसे क्षेत्रों पर किस देश ने दावा किया था?

  1. फ्रांस
  2. इटली
  3. जर्मनी
  4. ऑस्ट्रिया-हंगरी

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: इटली ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इन क्षेत्रों पर दावा किया और बाद में मित्र राष्ट्रों के पक्ष में शामिल होकर इन्हें प्राप्त करने का प्रयास किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इटली शुरुआत में तटस्थ रहा, लेकिन 1915 में लंदन की गुप्त संधि के तहत, मित्र राष्ट्रों ने उसे युद्ध में शामिल होने के बदले में ऑस्ट्रिया-हंगरी के ट्रेंटो, दक्षिणी टायरॉल, इस्ट्रिया और डेलमेटिया जैसे क्षेत्रों का वादा किया। इटली की सेना ने इन क्षेत्रों को जीतने के लिए लड़ाई लड़ी।
  • गलत विकल्प: फ्रांस और जर्मनी ने भी युद्ध लड़ा, लेकिन इटली का दावा इन विशेष क्षेत्रों से जुड़ा था। ऑस्ट्रिया-हंगरी इन क्षेत्रों का शासक था।

प्रश्न 21: ‘मुगल साम्राज्य’ में ‘मनसबदारी प्रथा’ किसने शुरू की थी?

  1. अकबर
  2. जहांगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: महान मुगल सम्राट अकबर ने 1577 ईस्वी में ‘मनसबदारी प्रथा’ की शुरुआत की थी।
  • संदर्भ और विस्तार: मनसबदारी एक श्रेणीबद्ध प्रणाली थी जो सैन्य और नागरिक अधिकारियों के लिए पद, वेतन और सेवा के मानकों को निर्धारित करती थी। मनसबदार को एक निश्चित संख्या में सैनिकों को बनाए रखना पड़ता था और वे अपने पद (मनसब) के अनुसार जात (व्यक्तिगत स्थिति) और सवार (घुड़सवार सेना की संख्या) रखते थे। यह प्रणाली साम्राज्य की प्रशासनिक और सैन्य व्यवस्था को सुचारू बनाने में सहायक थी।
  • गलत विकल्प: जहांगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने इस प्रणाली को जारी रखा और इसमें कुछ बदलाव किए, लेकिन इसके प्रवर्तक अकबर थे।

प्रश्न 22: ‘प्लासी का युद्ध’ (1757) किसके बीच लड़ा गया था?

  1. ईस्ट इंडिया कंपनी और फ्रांसीसी
  2. ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब
  3. मराठा साम्राज्य और ब्रिटिश
  4. मैसूर राज्य और ब्रिटिश

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच लड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व वाली ब्रिटिश सेना ने नवाब की सेना को हरा दिया, जो मुख्य रूप से मीर जाफर जैसे गद्दार सेनापतियों के कारण संभव हुआ। इस युद्ध को भारत में ब्रिटिश शासन की नींव रखने वाला एक निर्णायक मोड़ माना जाता है।
  • गलत विकल्प: ईस्ट इंडिया कंपनी ने फ्रांसीसियों के साथ कर्नाटक युद्ध लड़े। मराठाओं और मैसूर के साथ भी युद्ध हुए, लेकिन ये प्लासी के युद्ध से संबंधित नहीं थे।

प्रश्न 23: ‘इस्लाम के पैगंबर’ हजरत मुहम्मद का जन्म किस वर्ष हुआ था?

  1. 570 ईस्वी
  2. 610 ईस्वी
  3. 622 ईस्वी
  4. 632 ईस्वी

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: हजरत मुहम्मद का जन्म 570 ईस्वी में मक्का (आधुनिक सऊदी अरब) में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्हें इस्लाम का अंतिम पैगंबर माना जाता है। 610 ईस्वी में उन्हें पहली बार जिब्रील (गैब्रियल) द्वारा ईश्वरीय संदेश प्राप्त हुआ, जिसके बाद उन्होंने इस्लाम का प्रचार शुरू किया। 622 ईस्वी में मक्का से मदीना की उनकी ‘हिजरत’ (Migration) को इस्लामी कैलेंडर का शुरुआती बिंदु माना जाता है। 632 ईस्वी में उनका निधन हुआ।
  • गलत विकल्प: 610 ईस्वी वह वर्ष है जब उन्हें पहली बार ईश्वरीय संदेश प्राप्त हुआ। 622 ईस्वी हिजरत का वर्ष है। 632 ईस्वी उनके निधन का वर्ष है।

प्रश्न 24: ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया था?

  1. लाहौर अधिवेशन, 1929
  2. कलकत्ता अधिवेशन, 1928
  3. फैजपुर अधिवेशन, 1936
  4. त्रिपुरी अधिवेशन, 1939

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन, जो दिसंबर 1929 में हुआ था, में ‘पूर्ण स्वराज’ (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। प्रस्ताव में यह घोषणा की गई थी कि कांग्रेस का उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना है। इसके बाद 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया गया, जिसे भारतीय संविधान लागू होने पर ‘गणतंत्र दिवस’ के रूप में स्वीकार किया गया।
  • गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन 1928 में नेहरू रिपोर्ट पर विचार हुआ। फैजपुर अधिवेशन 1936 में हुआ, और त्रिपुरी अधिवेशन 1939 में हुआ।

प्रश्न 25: ‘चीनी जनवादी गणराज्य’ की स्थापना किस वर्ष हुई थी?

  1. 1947
  2. 1949
  3. 1950
  4. 1952

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सही उत्तर: चीनी जनवादी गणराज्य (People’s Republic of China) की स्थापना 1 अक्टूबर 1949 को हुई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: माओत्से तुंग के नेतृत्व में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने चीन के गृह युद्ध में कुओमितांग (राष्ट्रवादी पार्टी) को हराकर सत्ता हासिल की। 1 अक्टूबर 1949 को बीजिंग में माओत्से तुंग ने जनवादी गणराज्य की घोषणा की, जिससे मुख्य भूमि चीन में कम्युनिस्ट शासन की शुरुआत हुई।
  • गलत विकल्प: 1947 भारत का स्वतंत्रता वर्ष है। 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ। 1952 भी भारत के संदर्भ में महत्वपूर्ण वर्ष है।

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