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सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: सौर ऊर्जा से अमोनिया निष्कर्षण पर आधारित

सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: सौर ऊर्जा से अमोनिया निष्कर्षण पर आधारित

परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सामान्य विज्ञान की मजबूत पकड़ अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह खंड अक्सर उम्मीदवारों के लिए अंक बटोरने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है, बशर्ते कि अवधारणाओं की स्पष्ट समझ हो। प्रस्तुत हैं सौर ऊर्जा द्वारा अपशिष्ट जल से अमोनिया निष्कर्षण के विषय पर आधारित 25 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न, जो आपकी ज्ञान की गहराई का परीक्षण करेंगे और आपकी तैयारी को धार देंगे।


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. सौर ऊर्जा द्वारा अपशिष्ट जल से अमोनिया निष्कर्षण की प्रक्रिया में मुख्य रूप से किस प्रकार की रासायनिक अभिक्रियाओं का उपयोग किया जाता है?

    • (a) ऑक्सीकरण-अपचयन (Redox reactions)
    • (b) उदासीनीकरण (Neutralization reactions)
    • (c) अवक्षेपण (Precipitation reactions)
    • (d) संकलन (Addition reactions)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सौर ऊर्जा का उपयोग अक्सर प्रकाश-उत्प्रेरित (photocatalytic) अभिक्रियाओं के लिए किया जाता है, जिनमें इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण शामिल होता है। अमोनिया (NH₃) को अन्य यौगिकों में परिवर्तित करने या उसे अलग करने के लिए रेडॉक्स अभिक्रियाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया को अपशिष्ट जल से हटाने या उसे उपयोगी पदार्थों में बदलने के लिए प्रायः विभिन्न रासायनिक रूपांतरणों की आवश्यकता होती है, जिनमें इलेक्ट्रॉन का लाभ या हानि शामिल है। प्रकाश-उत्प्रेरक की उपस्थिति में, सौर ऊर्जा इन रेडॉक्स अभिक्रियाओं को चला सकती है, जिससे अमोनिया का निष्कर्षण संभव होता है। उदासीनीकरण, अवक्षेपण और संकलन अभिक्रियाएं इस संदर्भ में प्रत्यक्ष रूप से अमोनिया निष्कर्षण के मुख्य तंत्र नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  2. सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए सौर उपकरणों में प्रायः निम्नलिखित में से किस अर्धचालक (semiconductor) सामग्री का उपयोग किया जाता है?

    • (a) सिलिकॉन (Silicon)
    • (b) टाइटेनियम डाइऑक्साइड (Titanium Dioxide – TiO₂)
    • (c) गैलियम आर्सेनाइड (Gallium Arsenide – GaAs)
    • (d) कैडमियम सल्फाइड (Cadmium Sulfide – CdS)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश-उत्प्रेरण (Photocatalysis) में, अर्धचालक सामग्री सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करके इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े (electron-hole pairs) उत्पन्न करती है, जो रासायनिक अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO₂) अपनी प्रकाश-उत्प्रेरक गतिविधि, स्थिरता और कम लागत के कारण सौर ऊर्जा द्वारा रासायनिक अभिक्रियाओं (जैसे अमोनिया निष्कर्षण) के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला एक प्रभावी अर्धचालक है। सिलिकॉन और गैलियम आर्सेनाइड का उपयोग मुख्य रूप से सौर सेल (photovoltaics) में प्रकाश ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने के लिए होता है। कैडमियम सल्फाइड का भी उपयोग होता है, लेकिन TiO₂ इस विशिष्ट अनुप्रयोग के लिए अधिक सामान्य है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. अपशिष्ट जल से अमोनिया (NH₃) को निकालने के लिए किस भौतिक प्रक्रिया का उपयोग किया जा सकता है, जिसमें सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है?

    • (a) वाष्पीकरण (Evaporation)
    • (b) आसवन (Distillation)
    • (c) झिल्ली पृथक्करण (Membrane Separation)
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अमोनिया एक वाष्पशील यौगिक है और इसे विभिन्न भौतिक प्रक्रियाओं द्वारा जल से अलग किया जा सकता है। सौर ऊर्जा इन प्रक्रियाओं को ऊर्जा प्रदान कर सकती है।

    व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा का उपयोग वाष्पीकरण (पानी को वाष्पित करके अमोनिया को केंद्रित करना), आसवन (वाष्प को संघनित करके अमोनिया को अलग करना), और झिल्ली पृथक्करण (विशिष्ट झिल्लियों के माध्यम से अमोनिया को पारित करके) जैसी प्रक्रियाओं में किया जा सकता है। ये सभी विधियाँ अमोनिया को अपशिष्ट जल से निकालने में प्रभावी हो सकती हैं जब उन्हें सौर ऊर्जा से संचालित किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  4. प्रकाश-उत्प्रेरक (photocatalyst) के रूप में उपयोग किए जाने वाले अर्धचालक की एक महत्वपूर्ण विशेषता क्या है जो सौर ऊर्जा को अवशोषित करने में मदद करती है?

    • (a) बैंड गैप (Band gap)
    • (b) विद्युत चालकता (Electrical conductivity)
    • (c) तापीय चालकता (Thermal conductivity)
    • (d) चिपचिपाहट (Viscosity)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अर्धचालक सामग्री को प्रकाश-उत्प्रेरण के लिए सक्रिय होने हेतु सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा अवशोषित करने के लिए एक निश्चित बैंड गैप की आवश्यकता होती है।

    व्याख्या (Explanation): अर्धचालक का बैंड गैप वह न्यूनतम ऊर्जा है जो एक इलेक्ट्रॉन को संयोजी बैंड (valence band) से चालन बैंड (conduction band) में कूदने के लिए आवश्यक होती है, जिससे यह विद्युत का संचालन कर सके और रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग ले सके। यदि बैंड गैप सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा के अनुरूप होता है, तो अर्धचालक कुशलतापूर्वक फोटॉन को अवशोषित कर सकता है और इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े उत्पन्न कर सकता है। विद्युत चालकता, तापीय चालकता और चिपचिपाहट जैसी अन्य विशेषताएं भी महत्वपूर्ण हो सकती हैं, लेकिन बैंड गैप प्रकाश अवशोषण का प्राथमिक निर्धारक है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  5. अमोनिया (NH₃) का रासायनिक सूत्र क्या है?

    • (a) NO₂
    • (b) NH₄⁺
    • (c) NH₃
    • (d) N₂O

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र तत्वों के प्रतीकों और उनके परमाणुओं की संख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं जो एक अणु बनाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया एक अणु है जो एक नाइट्रोजन (N) परमाणु और तीन हाइड्रोजन (H) परमाणुओं से मिलकर बनता है। इसलिए, इसका रासायनिक सूत्र NH₃ है। NO₂ नाइट्रोजन डाइऑक्साइड है, NH₄⁺ अमोनियम आयन है, और N₂O नाइट्रस ऑक्साइड है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  6. सौर प्रकाश-उत्प्रेरक (solar photocatalyst) का उपयोग करने का मुख्य लाभ क्या है?

    • (a) ऊर्जा की बचत और पर्यावरणीय अनुकूलता
    • (b) उच्च लागत
    • (c) धीमी अभिक्रिया दर
    • (d) केवल विद्युत ऊर्जा का उत्पादन

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सौर ऊर्जा एक नवीकरणीय और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है, जो रासायनिक प्रक्रियाओं को चलाने के लिए एक टिकाऊ विकल्प प्रदान करती है।

    व्याख्या (Explanation): सौर प्रकाश-उत्प्रेरक का उपयोग करके, हम सीधे सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके अमोनिया निष्कर्षण जैसी प्रक्रियाओं को चला सकते हैं। यह जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करता है, जिससे ऊर्जा लागत कम होती है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आती है। इसलिए, यह ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल है। अन्य विकल्प इसके लाभों के विपरीत हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  7. अपशिष्ट जल में अमोनिया की उपस्थिति मुख्य रूप से किस कारण से होती है?

    • (a) औद्योगिक निर्वहन
    • (b) कृषि अपवाह
    • (c) सीवेज और मलजल
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अमोनिया विभिन्न स्रोतों से जल निकायों में प्रवेश कर सकता है, जिससे जल प्रदूषण होता है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया एक सामान्य जल प्रदूषक है जो कई स्रोतों से आता है। इसमें उद्योगों से निकलने वाला पानी, कृषि क्षेत्रों से उर्वरकों का बह जाना, और शहरी सीवेज तथा मलजल का अपवाह शामिल है। ये सभी स्रोत जल में अमोनिया की उच्च सांद्रता में योगदान करते हैं, जिससे इसके निष्कर्षण और उपचार की आवश्यकता होती है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  8. सूर्य के प्रकाश में कौन सा विकिरण (radiation) प्रकाश-उत्प्रेरक अभिक्रियाओं को संचालित करने में सबसे अधिक प्रभावी होता है?

    • (a) अवरक्त विकिरण (Infrared radiation)
    • (b) पराबैंगनी विकिरण (Ultraviolet radiation)
    • (c) दृश्य प्रकाश (Visible light)
    • (d) रेडियो तरंगें (Radio waves)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अर्धचालक उत्प्रेरक की सक्रियता उसके बैंड गैप पर निर्भर करती है, जो यह निर्धारित करता है कि वह किस तरंग दैर्ध्य (wavelength) के प्रकाश को अवशोषित कर सकता है।

    व्याख्या (Explanation): यद्यपि पराबैंगनी (UV) प्रकाश प्रकाश-उत्प्रेरण के लिए अत्यधिक प्रभावी होता है, लेकिन सूर्य के प्रकाश का एक बड़ा हिस्सा दृश्य प्रकाश (visible light) से बना होता है। आधुनिक प्रकाश-उत्प्रेरक सामग्रियों को दृश्य प्रकाश को अवशोषित करने और उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है, जो सौर स्पेक्ट्रम का एक बड़ा भाग है और इसलिए अमोनिया निष्कर्षण जैसी प्रक्रियाओं की समग्र दक्षता को बढ़ाता है। अवरक्त विकिरण मुख्य रूप से ऊष्मा का कारण बनता है, और रेडियो तरंगों में रासायनिक अभिक्रियाओं को प्रेरित करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  9. अमोनिया को पानी से अलग करने के बाद, इसे किस उपयोगी उत्पाद में परिवर्तित किया जा सकता है?

    • (a) उर्वरक (Fertilizer)
    • (b) हाइड्रोजन गैस (Hydrogen gas)
    • (c) दोनों (a) और (b)
    • (d) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अमोनिया एक बहुमुखी रासायनिक यौगिक है जिसका उपयोग विभिन्न औद्योगिक और कृषि अनुप्रयोगों में किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): निष्कर्षित अमोनिया को सीधे उर्वरकों के उत्पादन में उपयोग किया जा सकता है, जो कृषि के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, कुछ उन्नत प्रक्रियाओं में, अमोनिया को हाइड्रोजन गैस (H₂) में परिवर्तित किया जा सकता है, जो एक स्वच्छ ऊर्जा वाहक है। इसलिए, दोनों (a) और (b) संभावित उपयोगी उत्पाद हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. प्रकाश-उत्प्रेरक अभिक्रिया में, इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े (electron-hole pairs) क्या उत्पन्न करते हैं?

    • (a) रासायनिक बंधन (Chemical bonds)
    • (b) मुक्त कण (Free radicals)
    • (c) विद्युत धारा (Electric current)
    • (d) चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic field)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश-उत्प्रेरक अभिक्रियाओं में, इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े जल या ऑक्सीजन जैसे अन्य अणुओं के साथ अभिक्रिया करके अत्यधिक प्रतिक्रियाशील प्रजातियां (reactive species) बनाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): जब प्रकाश-उत्प्रेरक प्रकाश को अवशोषित करता है, तो यह इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े बनाता है। ये जोड़े सतह पर विभिन्न अणुओं के साथ अभिक्रिया करते हैं, जिससे मुक्त कण (जैसे हाइड्रॉक्सिल रेडिकल •OH और सुपरऑक्साइड रेडिकल O₂•⁻) बनते हैं। ये मुक्त कण तब प्रदूषकों को तोड़ने या परिवर्तित करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं, जैसे कि अमोनिया का निष्कर्षण या रूपांतरण।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  11. सौर अमोनिया निष्कर्षण उपकरण में ‘रिएक्टर’ (reactor) का मुख्य कार्य क्या है?

    • (a) सौर ऊर्जा को विद्युत में परिवर्तित करना
    • (b) अपशिष्ट जल को फिल्टर करना
    • (c) प्रकाश-उत्प्रेरक अभिक्रियाओं के लिए माध्यम प्रदान करना
    • (d) अमोनिया को संग्रहित करना

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक अभिक्रियाओं को एक नियंत्रित वातावरण में किया जाता है जहाँ अभिकारकों को उत्प्रेरक के संपर्क में लाया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): रिएक्टर वह पात्र या इकाई है जहाँ प्रकाश-उत्प्रेरक सामग्री (जैसे TiO₂) को अपशिष्ट जल के संपर्क में लाया जाता है और सौर प्रकाश के संपर्क में रखा जाता है। यह अभिक्रियाओं के लिए आवश्यक वातावरण प्रदान करता है, जिससे अमोनिया का निष्कर्षण या रूपांतरण हो सके। सौर सेल (photovoltaics) विद्युत उत्पादन के लिए होते हैं, और फिल्टर या संग्राहक सहायक भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन मुख्य अभिक्रिया रिएक्टर में होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  12. प्रकाश-उत्प्रेरक (photocatalyst) के रूप में TiO₂ की दक्षता को बढ़ाने के लिए क्या किया जा सकता है?

    • (a) इसे छोटे कणों में पीसना
    • (b) सतह पर धातु नैनोकणों को जोड़ना
    • (c) यूवी प्रकाश के बजाय दृश्य प्रकाश का उपयोग करना
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उत्प्रेरक की सतह क्षेत्र और प्रकाश अवशोषण क्षमता सीधे उसकी अभिक्रिया दर को प्रभावित करती है।

    व्याख्या (Explanation): TiO₂ को छोटे कणों में पीसने से सतह क्षेत्र बढ़ता है, जिससे अधिक प्रकाश-उत्प्रेरक अभिक्रियाएं हो सकती हैं। कुछ धातुओं (जैसे प्लैटिनम, सोना) के नैनोकणों को TiO₂ की सतह पर जमा करने से ‘प्लास्मोनिक प्रभाव’ (plasmonic effect) उत्पन्न हो सकता है, जो प्रकाश अवशोषण को बढ़ाता है और इलेक्ट्रॉन-होल पृथक्करण में सुधार करता है। इसके अलावा, दृश्य प्रकाश को प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए TiO₂ को संशोधित (modified) किया जा सकता है, जो सूर्य के प्रकाश के अधिकांश भाग का प्रतिनिधित्व करता है। ये सभी विधियाँ TiO₂ की दक्षता बढ़ा सकती हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  13. प्रकाश-उत्प्रेरक (photocatalyst) अभिक्रियाओं में, ‘होल’ (hole) क्या होता है?

    • (a) एक धनावेशित इलेक्ट्रॉन
    • (b) एक खाली इलेक्ट्रॉन स्थान
    • (c) एक ऋणावेशित कण
    • (d) एक अस्थिर अणु

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अर्धचालकों में, जब एक इलेक्ट्रॉन संयोजी बैंड से चालन बैंड में कूदता है, तो वह अपने मूल स्थान पर एक ‘होल’ छोड़ देता है।

    व्याख्या (Explanation): जब एक अर्धचालक (जैसे TiO₂) प्रकाश को अवशोषित करता है, तो संयोजी बैंड में एक इलेक्ट्रॉन उत्तेजित होकर चालन बैंड में चला जाता है। यह इलेक्ट्रॉन को चालन बैंड में एक ऋणात्मक आवेश वाहक बनाता है, और संयोजी बैंड में अपने मूल स्थान पर एक धनात्मक आवेश वाले ‘होल’ (खाली स्थान) को छोड़ देता है। यह होल भी एक आवेश वाहक के रूप में कार्य करता है और रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग ले सकता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  14. सौर ऊर्जा का उपयोग करके अपशिष्ट जल से अमोनिया निकालने की प्रक्रिया का एक संभावित पर्यावरणीय लाभ क्या है?

    • (a) जल में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाना
    • (b) जल में रोगजनकों को मारना
    • (c) जल को शुद्ध करना और पोषक तत्वों का पुनर्प्राप्त करना
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश-उत्प्रेरक अभिक्रियाएं, विशेष रूप से मुक्त कणों के उत्पादन के माध्यम से, जल उपचार में विभिन्न लाभ प्रदान कर सकती हैं।

    व्याख्या (Explanation): सौर प्रकाश-उत्प्रेरक प्रक्रियाएं न केवल अमोनिया जैसे प्रदूषकों को हटाती हैं, बल्कि उत्पन्न मुक्त कण (जैसे •OH) जल में मौजूद अन्य हानिकारक कार्बनिक यौगिकों को भी तोड़ सकते हैं, जिससे जल शुद्ध होता है। इसके अलावा, यह प्रक्रिया जल में ऑक्सीजन के स्तर को भी अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ा सकती है और यदि अमोनिया को उर्वरक के रूप में पुनर्प्राप्त किया जाता है, तो यह एक मूल्यवान पोषक तत्व का पुनर्प्राप्त है। कुछ मामलों में, यह प्रक्रिया जल में मौजूद रोगजनकों को भी निष्क्रिय कर सकती है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  15. सौर ऊर्जा का उपयोग करने वाले उपकरण को ‘सौर उपकरण’ (solar device) क्यों कहा जाता है?

    • (a) क्योंकि यह सूर्य के प्रकाश से विद्युत उत्पन्न करता है
    • (b) क्योंकि यह सूर्य के प्रकाश से ऊष्मा का उपयोग करता है
    • (c) क्योंकि यह सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके सीधे रासायनिक परिवर्तन करता है
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ‘सौर उपकरण’ एक व्यापक शब्द है जो सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करने वाले किसी भी उपकरण को संदर्भित करता है।

    व्याख्या (Explanation): सौर उपकरण सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं। कुछ उपकरण (जैसे सौर सेल) प्रकाश ऊर्जा को सीधे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं। अन्य (जैसे सौर वॉटर हीटर) ऊष्मा का उपयोग करते हैं। इस मामले में, उपकरण प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके अमोनिया निष्कर्षण जैसी रासायनिक अभिक्रियाओं को चलाता है। इसलिए, तीनों ही स्थितियाँ ‘सौर उपकरण’ के दायरे में आती हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  16. अमोनिया (NH₃) अणु में नाइट्रोजन और हाइड्रोजन परमाणुओं के बीच कौन सा रासायनिक बंधन (chemical bond) पाया जाता है?

    • (a) आयनिक बंधन (Ionic bond)
    • (b) सहसंयोजक बंधन (Covalent bond)
    • (c) धात्विक बंधन (Metallic bond)
    • (d) हाइड्रोजन बंधन (Hydrogen bond)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों को साझा करने से बनता है।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया अणु में, नाइट्रोजन और हाइड्रोजन परमाणु अपने इलेक्ट्रॉनों को साझा करके सहसंयोजक बंधन बनाते हैं। नाइट्रोजन के तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के साथ एक-एक सहसंयोजक बंधन होता है, और नाइट्रोजन पर एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म (lone pair) भी होता है। आयनिक बंधन आयनों के बीच होते हैं, धात्विक बंधन धातुओं में पाए जाते हैं, और हाइड्रोजन बंधन अलग-अलग अणुओं के बीच होते हैं, न कि एक ही अमोनिया अणु के भीतर।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  17. अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाने के लिए ‘स्ट्रिपिंग’ (stripping) प्रक्रिया में मुख्य रूप से क्या शामिल होता है?

    • (a) अमोनिया को एक ठोस सतह पर अधिशोषित करना
    • (b) अमोनिया को पानी से वाष्प या गैस के रूप में अलग करना
    • (c) अमोनिया को दूसरे आयन के साथ बदलना
    • (d) अमोनिया को अवक्षेपित करना

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): स्ट्रिपिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी तरल से एक वाष्पशील घटक को अलग किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): स्ट्रिपिंग प्रक्रिया में, आमतौर पर हवा या भाप (steam) का उपयोग करके अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटा दिया जाता है। यह अमोनिया को उसकी गैस अवस्था में परिवर्तित करता है, जिससे वह पानी से अलग हो जाता है। अधिशोषण (adsorption), आयन विनिमय (ion exchange), और अवक्षेपण (precipitation) अन्य पृथक्करण तकनीकें हैं, लेकिन स्ट्रिपिंग का मुख्य सिद्धांत अमोनिया को वाष्प/गैस के रूप में निकालना है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  18. सौर ऊर्जा द्वारा चालित अमोनिया निष्कर्षण में ‘सक्रियण ऊर्जा’ (activation energy) की क्या भूमिका है?

    • (a) यह अभिक्रिया की गति को धीमा कर देती है
    • (b) यह अभिक्रिया को शुरू करने के लिए आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा है
    • (c) यह उत्पाद की स्थिरता को नियंत्रित करती है
    • (d) यह उत्प्रेरक की घुलनशीलता को बढ़ाती है

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): किसी भी रासायनिक अभिक्रिया को होने के लिए अभिकारकों को एक निश्चित ऊर्जा अवरोध पार करना पड़ता है।

    व्याख्या (Explanation): सक्रियण ऊर्जा वह न्यूनतम ऊर्जा है जिसकी अभिकारकों को उत्पाद में परिवर्तित होने से पहले आवश्यकता होती है। सौर ऊर्जा, प्रकाश-उत्प्रेरक के माध्यम से, अभिकारकों को यह सक्रियण ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे अभिक्रिया शुरू हो जाती है और आगे बढ़ती है। यह अभिक्रिया की गति को नियंत्रित करने में मदद करती है, लेकिन यह स्वयं गति को धीमा नहीं करती, बल्कि उसे संभव बनाती है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. सौर प्रकाश-उत्प्रेरक (solar photocatalyst) द्वारा उत्पन्न मुक्त कणों (free radicals) में से कौन सा जल में कार्बनिक प्रदूषकों को ऑक्सीकृत करने में सबसे अधिक शक्तिशाली है?

    • (a) सुपरऑक्साइड रेडिकल (O₂•⁻)
    • (b) हाइड्रोजन पेरोक्साइड (H₂O₂)
    • (c) हाइड्रॉक्सिल रेडिकल (•OH)
    • (d) ओजोन (O₃)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मुक्त कणों की अभिक्रियाशीलता उनकी संरचना और इलेक्ट्रॉनिक गुणों पर निर्भर करती है।

    व्याख्या (Explanation): हाइड्रॉक्सिल रेडिकल (•OH) एक अत्यंत शक्तिशाली ऑक्सीकारक है जिसकी अभिक्रियाशीलता सुपरऑक्साइड रेडिकल (O₂•⁻) और हाइड्रोजन पेरोक्साइड (H₂O₂) से कहीं अधिक होती है। यह कार्बनिक प्रदूषकों के साथ बहुत तेजी से अभिक्रिया करके उन्हें तोड़ सकता है। ओजोन (O₃) भी एक शक्तिशाली ऑक्सीकारक है, लेकिन मुक्त कणों की श्रेणी में हाइड्रॉक्सिल रेडिकल विशेष रूप से प्रभावी होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. यदि सौर अमोनिया निष्कर्षण उपकरण को उच्च तापमान पर संचालित किया जाता है, तो अमोनिया की घुलनशीलता (solubility) पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?

    • (a) बढ़ेगी
    • (b) घटेगी
    • (c) कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
    • (d) पहले बढ़ेगी फिर घटेगी

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अधिकांश गैसों की तरह, अमोनिया की जल में घुलनशीलता तापमान बढ़ने के साथ घटती है।

    व्याख्या (Explanation): जैसे-जैसे पानी का तापमान बढ़ता है, पानी के अणुओं की गतिज ऊर्जा (kinetic energy) बढ़ जाती है, जिससे गैस के अणुओं (जैसे अमोनिया) के लिए पानी में घुलना अधिक कठिन हो जाता है। उच्च तापमान पर, अमोनिया के पानी से बाहर निकलने (वाष्पीकरण या स्ट्रिपिंग) की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। यह प्रक्रिया के लिए फायदेमंद हो सकता है जो अमोनिया को हटाने पर केंद्रित है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. सौर ऊर्जा द्वारा अमोनिया को निकालने की प्रक्रिया को ‘ग्रीन केमिस्ट्री’ (Green Chemistry) के सिद्धांतों के तहत क्यों माना जाता है?

    • (a) क्योंकि यह नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करती है
    • (b) क्योंकि यह खतरनाक कचरा कम उत्पन्न करती है
    • (c) क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल है
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ग्रीन केमिस्ट्री का उद्देश्य रासायनिक प्रक्रियाओं को पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ बनाना है।

    व्याख्या (Explanation): सौर ऊर्जा एक नवीकरणीय संसाधन है, जिसका अर्थ है कि यह स्वाभाविक रूप से फिर से भर जाती है और इसका उपयोग करते समय समाप्त नहीं होती। अमोनिया निष्कर्षण की सौर-आधारित विधियाँ प्रायः कम या कोई खतरनाक उप-उत्पाद उत्पन्न नहीं करती हैं, और वे पारंपरिक ऊर्जा-गहन विधियों की तुलना में पर्यावरण पर कम प्रभाव डालती हैं। इसलिए, यह प्रक्रिया ग्रीन केमिस्ट्री के सभी प्रमुख सिद्धांतों के अनुरूप है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  22. यदि सौर ऊर्जा उपकरण में उपयोग किया जाने वाला उत्प्रेरक (catalyst) क्षीण (deactivated) हो जाता है, तो अमोनिया निष्कर्षण की दर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

    • (a) दर बढ़ जाएगी
    • (b) दर घट जाएगी
    • (c) दर अपरिवर्तित रहेगी
    • (d) दर पहले बढ़ेगी फिर घटेगी

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): उत्प्रेरक रासायनिक अभिक्रियाओं की गति को बढ़ाते हैं, लेकिन स्वयं अभिक्रिया में उपभोग नहीं होते।

    व्याख्या (Explanation): उत्प्रेरक अभिक्रिया को सक्रियण ऊर्जा को कम करके तेज करता है। यदि उत्प्रेरक अपनी गतिविधि खो देता है (क्षीण हो जाता है), तो अभिक्रिया की दर स्वाभाविक रूप से कम हो जाएगी, क्योंकि उसे वही अभिक्रिया करने के लिए उच्च सक्रियण ऊर्जा की आवश्यकता होगी या वह प्रभावी ढंग से काम नहीं कर पाएगा।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  23. सौर ऊर्जा द्वारा अमोनिया निष्कर्षण के लिए किस प्रकार की झिल्ली (membrane) का उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) आयन-विनिमय झिल्ली (Ion-exchange membrane)
    • (b) नैनोफिल्ट्रेशन झिल्ली (Nanofiltration membrane)
    • (c) रिवर्स ऑस्मोसिस झिल्ली (Reverse osmosis membrane)
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विभिन्न प्रकार की झिल्लियाँ अपने विशिष्ट छिद्र आकार (pore size) और सतह गुणों के आधार पर विभिन्न अणुओं को अलग कर सकती हैं।

    व्याख्या (Explanation): अमोनिया (जो अमोनियम आयन NH₄⁺ के रूप में भी मौजूद हो सकता है) को निकालने के लिए विभिन्न प्रकार की झिल्लियों का उपयोग किया जा सकता है। आयन-विनिमय झिल्लियाँ आवेशित प्रजातियों के परिवहन को नियंत्रित करती हैं, नैनोफिल्ट्रेशन झिल्लियाँ मध्यम आकार के अणुओं को हटा सकती हैं, और रिवर्स ऑस्मोसिस झिल्लियाँ बहुत छोटे कणों और घुले हुए ठोस पदार्थों को हटाती हैं। अमोनिया के निष्कर्षण के लिए इनमें से किसी भी झिल्ली को अनुकूलित किया जा सकता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  24. प्रकाश-उत्प्रेरक (photocatalyst) की सतह पर अमोनिया के निष्कर्षण के लिए अनुकूलतम pH (power of Hydrogen) क्या हो सकता है?

    • (a) बहुत अम्लीय (pH < 4)
    • (b) थोड़ा अम्लीय से तटस्थ (pH 5-7)
    • (c) थोड़ा क्षारीय (pH 8-10)
    • (d) बहुत क्षारीय (pH > 11)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): pH अमोनिया (NH₃) और अमोनियम आयन (NH₄⁺) के बीच संतुलन को प्रभावित करता है, और यह प्रकाश-उत्प्रेरक की सतह पर अभिक्रियाओं को भी प्रभावित कर सकता है।

    व्याख्या (Explanation): अपशिष्ट जल में, अमोनिया NH₃ और NH₄⁺ के रूप में मौजूद होता है। NH₃ एक गैस है जो वाष्पीकृत हो सकती है, जबकि NH₄⁺ एक आयन है जो पानी में अधिक घुलनशील है। pH बढ़ने के साथ (अधिक क्षारीय होने पर), NH₃ का अनुपात बढ़ता है (NH₃ ⇌ NH₄⁺)। अमोनिया को वाष्पशील रूप में निकालने के लिए, थोड़ा क्षारीय pH (जैसे 8-10) अक्सर अनुकूल होता है। साथ ही, कुछ प्रकाश-उत्प्रेरक (जैसे TiO₂) थोड़ी क्षारीय परिस्थितियों में अधिक सक्रिय हो सकते हैं। बहुत अम्लीय pH अमोनियम आयन (NH₄⁺) को बढ़ावा देगा, जिससे निष्कर्षण कठिन हो सकता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. सौर ऊर्जा को रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए उपयोग करने वाली प्रक्रिया को क्या कहा जाता है?

    • (a) प्रकाश-विद्युत (Photovoltaics)
    • (b) प्रकाश-ऊष्मीय (Photo-thermal)
    • (c) प्रकाश-रासायनिक (Photochemical)
    • (d) प्रकाश-संश्लेषण (Photosynthesis)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश-रासायनिक अभिक्रियाएं वे होती हैं जिनमें प्रकाश ऊर्जा का उपयोग रासायनिक परिवर्तन को चलाने के लिए किया जाता है।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश-विद्युत (Photovoltaics) प्रकाश ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है। प्रकाश-ऊष्मीय (Photo-thermal) प्रकाश ऊर्जा को ऊष्मा में परिवर्तित करता है। प्रकाश-संश्लेषण (Photosynthesis) पौधों द्वारा प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके कार्बनिक यौगिकों के निर्माण की प्रक्रिया है। जबकि अमोनिया निष्कर्षण में प्रकाश-उत्प्रेरक का उपयोग शामिल हो सकता है, जिसमें मुक्त कण बनते हैं, यह व्यापक रूप से एक प्रकाश-रासायनिक प्रक्रिया के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जहाँ प्रकाश सीधे रासायनिक बंधनों या प्रजातियों को प्रभावित करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

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