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संविधान की कसौटी: आपकी दैनिक पॉलिटी परीक्षा

संविधान की कसौटी: आपकी दैनिक पॉलिटी परीक्षा

नमस्ते, भविष्य के लोक सेवकों! भारतीय संविधान के विशाल परिदृश्य में अपनी समझ को परखने और मजबूत करने का समय आ गया है। आज का यह विशेष पॉलिटी क्विज़ आपको हमारे लोकतांत्रिक ढांचे के मूल सिद्धांतों, अधिकारों और संस्थानों की गहराई में ले जाएगा। कमर कस लीजिए, क्योंकि यह आपके वैचारिक स्पष्टता का एक बेहतरीन परीक्षण है!

भारतीय पॉलिटी और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति को ‘क्षमादान की शक्ति’ प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 72
  2. अनुच्छेद 123
  3. अनुच्छेद 112
  4. अनुच्छेद 116

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत क्षमा, लघुकरण, परिहार, विराम या प्रविलंबन की शक्ति प्राप्त है। यह शक्ति उन्हें मृत्युदंड को क्षमा करने या सजा की प्रकृति या अवधि को बदलने की अनुमति देती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्ति का एक हिस्सा है और इसका उपयोग वह मंत्रिपरिषद की सलाह पर करते हैं। यह न्यायालय द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ दया याचिका के रूप में कार्य करती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति देता है, अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है, और अनुच्छेद 116 अभिशंसन (proviso) से संबंधित है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सी याचिका किसी व्यक्ति को गैरकानूनी हिरासत से मुक्त कराने के लिए जारी की जाती है?

  1. परमादेश (Mandamus)
  2. प्रतिषेध (Prohibition)
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) का शाब्दिक अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’। यह याचिका तब जारी की जाती है जब किसी व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया हो। यह व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश देती है। यह शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह मौलिक अधिकारों में से एक सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करता है।
  • गलत विकल्प: परमादेश (Mandamus) किसी सार्वजनिक अधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देती है। प्रतिषेध (Prohibition) किसी उच्च न्यायालय द्वारा अधीनस्थ न्यायालय को कार्रवाई रोकने का आदेश है। उत्प्रेषण (Certiorari) किसी मामले को आगे की कार्यवाही के लिए उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का आदेश है।

प्रश्न 3: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़े गए?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ (Socialist) और ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) शब्द 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे। इसी संशोधन द्वारा ‘एकीता’ (Integrity) शब्द भी ‘राष्ट्र की एक्ता’ से ‘राष्ट्र की एकता और अखंडता’ में बदल दिया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: ये संशोधन इंदिरा गांधी सरकार के कार्यकाल के दौरान किए गए थे और इन्हें ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है। इन शब्दों ने भारतीय राज्य की प्रकृति को और अधिक स्पष्ट किया।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन (1985) ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों को दसवीं अनुसूची में शामिल किया। 61वां संशोधन (1989) ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।

प्रश्न 4: भारतीय संविधान का कौन सा भाग ‘राज्य के नीति निर्देशक तत्व’ (DPSP) से संबंधित है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग V
  4. भाग VI

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और भाग संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, अनुच्छेद 36 से 51 तक, राज्य के नीति निर्देशक तत्वों (Directive Principles of State Policy – DPSP) का प्रावधान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये तत्व भारत के शासन में मूलभूत हैं और देश के कानून बनाने में इन सिद्धांतों को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा। ये प्रकृति में गैर-न्यायिक हैं, जिसका अर्थ है कि इनके उल्लंघन पर इन्हें न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। इनका उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है, भाग V संघ की कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका से संबंधित है, और भाग VI राज्यों की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन भारत के राष्ट्रपति के चुनाव मंडल का सदस्य नहीं है?

  1. लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
  2. राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
  3. दिल्ली और पुडुचेरी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
  4. विधान परिषद के सदस्य

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 54 के तहत एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य (दिल्ली और पुडुचेरी सहित, जैसा कि 70वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया) शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: विधान परिषद के सदस्य (MLCs) राष्ट्रपति के चुनाव मंडल का हिस्सा नहीं होते हैं।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) सभी राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल के सदस्य हैं। विधान परिषदें भारत के केवल कुछ राज्यों में मौजूद हैं और वे संसद के गठन में भाग नहीं लेतीं, इसलिए उनके सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते।

प्रश्न 6: ‘धर्मनिरपेक्षता’ (Secularism) शब्द का भारतीय संदर्भ में क्या अर्थ है?

  1. राज्य सभी धर्मों को समान संरक्षण देता है।
  2. राज्य किसी भी धर्म को राष्ट्रीय धर्म घोषित करता है।
  3. राज्य सभी धर्मों को प्रतिबंधित करता है।
  4. राज्य केवल एक प्रमुख धर्म का समर्थन करता है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अवधारणा: भारतीय धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है कि राज्य का अपना कोई धर्म नहीं है। राज्य सभी धर्मों को समान सम्मान और संरक्षण देता है, और सभी नागरिकों को अपनी पसंद के धर्म का पालन करने, अभ्यास करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता है (अनुच्छेद 25)।
  • संदर्भ और विस्तार: यह पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता से भिन्न है, जहाँ राज्य और धर्म के बीच पूर्ण अलगाव होता है। भारतीय मॉडल ‘सकारात्मक धर्मनिरपेक्षता’ का है, जहाँ राज्य धर्म में हस्तक्षेप कर सकता है ताकि सभी को समानता सुनिश्चित हो सके।
  • गलत विकल्प: (b) भारत में कोई राष्ट्रीय धर्म नहीं है। (c) राज्य धर्मों को प्रतिबंधित नहीं करता, बल्कि उनका संरक्षण करता है। (d) राज्य किसी एक विशेष धर्म का समर्थन नहीं करता।

प्रश्न 7: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची ‘दल-बदल’ (Defection) के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है?

  1. सातवीं अनुसूची
  2. नौवीं अनुसूची
  3. दसवीं अनुसूची
  4. बारहवीं अनुसूची

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुसूची संदर्भ: भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची, जिसे 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया था, संसद और राज्य विधानमंडलों के सदस्यों की दल-बदल के आधार पर अयोग्यता के प्रावधानों को निर्दिष्ट करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अनुसूची का उद्देश्य राजनीतिक दल-बदल को रोकना और विधायिका की स्थिरता सुनिश्चित करना था। इसके तहत, यदि कोई सदस्य किसी राजनीतिक दल के टिकट पर चुना जाता है और बाद में स्वेच्छा से उस दल को छोड़ देता है, या उस दल द्वारा जारी किए गए किसी व्हिप का पालन नहीं करता है, तो उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है। नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों का सत्यापन करती है। बारहवीं अनुसूची नगर पालिकाओं की शक्तियों और उत्तरदायित्वों से संबंधित है।

प्रश्न 8: भारत में ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. राष्ट्रपति
  3. लोकसभा अध्यक्ष
  4. वित्त मंत्री

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख होता है और संसद के दोनों सदनों के समक्ष भारत के संघ और राज्यों के खातों से संबंधित अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। CAG भारत के लोक वित्त का संरक्षक होता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है, लोकसभा अध्यक्ष सदन का पीठासीन अधिकारी होता है, और वित्त मंत्री वित्तीय मामलों का प्रभारी होता है, लेकिन CAG की नियुक्ति सीधे राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

प्रश्न 9: किस संवैधानिक संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
  4. 65वां संशोधन अधिनियम, 1990

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संशोधन संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा और एक नई अनुसूची, ग्यारहवीं अनुसूची, जोड़ी, जिससे पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने ग्राम सभा को पंचायती राज प्रणाली का आधार बनाया और पंचायतों को 29 विषयों पर कार्य करने के लिए आवश्यक शक्तियाँ और प्राधिकार प्रदान किए।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन (1992) ने शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) को संवैधानिक दर्जा दिया। 64वें और 65वें संशोधन क्रमशः पंचायती राज और नगर पालिकाओं को संवैधानिक दर्जा देने के प्रयास थे, जो संसद में पारित नहीं हुए थे।

प्रश्न 10: ‘राज्यसभा’ के सदस्यों का चुनाव कौन करता है?

  1. भारत के नागरिक सीधे मतदान द्वारा
  2. राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
  3. लोकसभा के सदस्य
  4. प्रधानमंत्री द्वारा मनोनीत व्यक्ति

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्यसभा, जिसे ‘राज्यों की परिषद’ भी कहा जाता है, के सदस्यों का चुनाव संबंधित राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा, एकल संक्रमणीय मत प्रणाली द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार किया जाता है, जैसा कि अनुच्छेद 80 में परिभाषित है।
  • संदर्भ और विस्तार: राज्यसभा राज्यों का प्रतिनिधित्व करती है, इसलिए इसके सदस्य सीधे जनता द्वारा नहीं चुने जाते, बल्कि राज्यों की विधायिकाओं के प्रतिनिधियों द्वारा चुने जाते हैं।
  • गलत विकल्प: (a) प्रत्यक्ष चुनाव लोकसभा के लिए होता है। (c) लोकसभा के सदस्य राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव नहीं करते। (d) राष्ट्रपति 12 सदस्यों को मनोनीत करते हैं, न कि प्रधानमंत्री।

प्रश्न 11: भारतीय संविधान की कौन सी विशेषता ‘सा gabinete प्रणाली’ (Cabinet System) को अपनाती है?

  1. संघीय सरकार
  2. संसदीय सरकार
  3. एकात्मक सरकार
  4. अर्ध-अध्यक्षात्मक सरकार

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और प्रणाली: भारत ने संसदीय सरकार की प्रणाली अपनाई है, जो ब्रिटेन से प्रेरित है। इस प्रणाली की मुख्य विशेषता ‘मंत्रिपरिषद’ (Council of Ministers) और ‘प्रधानमंत्री’ की भूमिका है, जो सामूहिक रूप से संसद के प्रति उत्तरदायी होते हैं। कैबिनेट इस मंत्रिपरिषद का मुख्य कार्यकारी अंग है।
  • संदर्भ और विस्तार: संसदीय प्रणाली में, राष्ट्रपति (राज्य का प्रमुख) नाममात्र का प्रमुख होता है, जबकि प्रधानमंत्री (सरकार का प्रमुख) वास्तविक कार्यकारी शक्ति का प्रयोग करता है।
  • गलत विकल्प: संघीय सरकार शक्तियों के विभाजन से संबंधित है। एकात्मक सरकार में सारी शक्ति केंद्र के पास होती है। अर्ध-अध्यक्षात्मक सरकार में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों के पास कार्यकारी शक्तियाँ होती हैं।

प्रश्न 12: ‘विधायी प्रक्रिया’ (Legislative Procedure) में ‘विधेयक’ (Bill) को कानून बनने से पहले किन चरणों से गुजरना पड़ता है?

  1. केवल लोकसभा में चर्चा
  2. केवल राज्यसभा में चर्चा
  3. संसद के दोनों सदनों में तीन वाचन
  4. लोकसभा में पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और प्रक्रिया: कोई भी विधेयक (धन विधेयक के अलावा) कानून बनने से पहले संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में तीन वाचन (First Reading, Second Reading, Third Reading) से गुजरता है। इसके बाद उसे राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त करनी होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रत्येक वाचन में विधेयक पर विचार-विमर्श, संशोधन प्रस्ताव और मतदान की प्रक्रिया शामिल होती है। धन विधेयकों के मामले में, यह प्रक्रिया थोड़ी अलग होती है (केवल लोकसभा में प्रस्तुत और पारित)।
  • गलत विकल्प: (a) और (b) केवल एक सदन की चर्चा का उल्लेख करते हैं। (d) राष्ट्रपति की मंजूरी अंतिम चरण है, लेकिन उसके पहले विधेयक को दोनों सदनों से पारित होना आवश्यक है।

प्रश्न 13: भारत के संविधान के अनुसार, ‘नागरिकता’ (Citizenship) का प्रावधान किस भाग में किया गया है?

  1. भाग I
  2. भाग II
  3. भाग III
  4. भाग IV

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और भाग संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग II, अनुच्छेद 5 से 11 तक, नागरिकता से संबंधित है।
  • संदर्भ और विस्तार: संविधान ने स्वयं नागरिकता के सभी पहलुओं को परिभाषित नहीं किया है, बल्कि यह अधिकार संसद को सौंपा है। संसद ने नागरिकता अधिनियम, 1955 पारित किया, जिसमें नागरिकता प्राप्त करने और समाप्त करने के विभिन्न प्रावधान हैं।
  • गलत विकल्प: भाग I संघ और उसके राज्य क्षेत्र से संबंधित है, भाग III मौलिक अधिकारों से, और भाग IV राज्य के नीति निर्देशक तत्वों से।

प्रश्न 14: ‘राज्य सरकार’ के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सी शक्ति राज्यपाल के पास नहीं है?

  1. विधानसभा को संबोधित करना
  2. किसी विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित करना
  3. उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करना
  4. राज्य के वित्तीय आयोग की नियुक्ति करना

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्यपाल राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं करता है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 217 के तहत की जाती है, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश और संबंधित राज्य के राज्यपाल से परामर्श किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है और उसके पास विधानसभा को संबोधित करने (अनुच्छेद 174), किसी विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित करने (अनुच्छेद 200) और राज्य वित्तीय आयोग (अनुच्छेद 243-I) की नियुक्ति करने जैसी शक्तियां होती हैं।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (d) सभी राज्यपाल की शक्तियाँ हैं।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान के तहत ‘राज्य के नीति निर्देशक तत्व’ (DPSP) किसके प्रति उत्तरदायी हैं?

  1. सर्वोच्च न्यायालय
  2. संसद
  3. उच्च न्यायालय
  4. न्यायालयों के प्रति नहीं, बल्कि राज्य के प्रति

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और प्रकृति: राज्य के नीति निर्देशक तत्व (DPSP) प्रकृति में गैर-न्यायिक (non-justiciable) होते हैं, जिसका अर्थ है कि उनके उल्लंघन के लिए कोई भी व्यक्ति न्यायालयों में नहीं जा सकता। अनुच्छेद 37 स्पष्ट रूप से कहता है कि ये सिद्धांत देश के शासन में मूलभूत हैं और राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वह कानून बनाते समय इन सिद्धांतों को ध्यान में रखे।
  • संदर्भ और विस्तार: ये तत्व राज्य के लिए एक ‘निर्देश’ (direction) के रूप में कार्य करते हैं, जिन्हें अपनाकर एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना की जा सकती है।
  • गलत विकल्प: ये मौलिक अधिकार नहीं हैं जो न्यायालयों द्वारा लागू किए जा सकते हैं। ये संसद या उच्च न्यायालयों के प्रति सीधे तौर पर उत्तरदायी नहीं हैं, बल्कि राज्य के प्रशासन और नीति-निर्माण के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।

प्रश्न 16: ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग’ (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. राष्ट्रपति
  2. प्रधानमंत्री
  3. गृह मंत्री
  4. भारत के मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अधिनियम संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है। इस समिति में प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), गृह मंत्री, लोकसभा के अध्यक्ष, राज्यसभा के उप-सभापति, और संसद के दोनों सदनों के दो प्रमुख विपक्षी नेता शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: NHRC एक वैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत की गई थी।
  • गलत विकल्प: यद्यपि नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं, लेकिन यह एक समिति की सिफारिशों पर आधारित होती है। सीधे तौर पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री या मुख्य न्यायाधीश (समिति का सदस्य होने के नाते) नियुक्ति नहीं करते।

प्रश्न 17: भारत के संविधान की कौन सी अनुसूची ‘भाषाओं’ से संबंधित है?

  1. तीसरी अनुसूची
  2. चौथी अनुसूची
  3. सातवीं अनुसूची
  4. आठवीं अनुसूची

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुसूची संदर्भ: भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में भारत की आधिकारिक भाषाओं का उल्लेख है। मूल रूप से इसमें 14 भाषाएँ थीं, लेकिन बाद में सिंधी, कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली, बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली को जोड़ा गया, जिससे कुल संख्या 22 हो गई।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुसूची भारत की भाषाई विविधता को दर्शाती है और इन भाषाओं के विकास को प्रोत्साहित करती है।
  • गलत विकल्प: तीसरी अनुसूची शपथ या प्रतिज्ञान के प्ररूपों से संबंधित है। चौथी अनुसूची राज्यसभा में सीटों के आवंटन से संबंधित है। सातवीं अनुसूची संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है।

प्रश्न 18: ‘पंचायती राज’ व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य क्या है?

  1. केन्द्रीय सरकार की शक्तियों को बढ़ाना
  2. स्थानीय स्वशासन को मजबूत करना
  3. रक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना
  4. विदेश नीति का संचालन करना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और उद्देश्य: पंचायती राज व्यवस्था का प्राथमिक उद्देश्य जमीनी स्तर पर ‘स्थानीय स्वशासन’ (Local Self-Governance) की स्थापना करना है। यह स्थानीय समुदायों को अपने विकास और शासन में सक्रिय रूप से भाग लेने का अवसर प्रदान करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसके माध्यम से शक्तियों का विकेंद्रीकरण होता है, जिससे स्थानीय समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही हो सके।
  • गलत विकल्प: पंचायती राज व्यवस्था का उद्देश्य केन्द्रीय सरकार की शक्तियों को बढ़ाना नहीं, बल्कि उन्हें विकेन्द्रीकृत करना है। रक्षा और विदेश नीति का इससे कोई संबंध नहीं है।

प्रश्न 19: ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ (National Emergency) की घोषणा भारत के संविधान के किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत की जाती है। यह आपातकाल युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में लगाया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 352 के तहत घोषित आपातकाल पूरे भारत या उसके किसी भी हिस्से पर लागू हो सकता है। इसकी उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 ‘राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता’ (राष्ट्रपति शासन) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 ‘वित्तीय आपातकाल’ से संबंधित है। अनुच्छेद 365 राज्य द्वारा संघ के निर्देशों का पालन न करने पर लागू होता है।

प्रश्न 20: निम्नलिखित में से किसे ‘भारत का महान्यायवादी’ (Attorney General of India) नियुक्त करता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. राष्ट्रपति
  3. विधि मंत्री
  4. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का महान्यायवादी (Attorney General of India) भारत सरकार का मुख्य कानूनी अधिकारी होता है, जिसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 76 के तहत की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार को कानूनी मामलों पर सलाह देता है और भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है। वह न तो संसद का सदस्य होता है और न ही सरकारी कर्मचारी, और उसका कार्यकाल राष्ट्रपति की इच्छा पर निर्भर करता है।
  • गलत विकल्प: महान्यायवादी की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर कार्य करते हैं, लेकिन नियुक्ति की शक्ति राष्ट्रपति के पास है, न कि प्रधानमंत्री, विधि मंत्री या मुख्य न्यायाधीश के पास।

प्रश्न 21: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ (Justice) का उल्लेख किन विभिन्न रूपों में किया गया है?

  1. सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक
  2. केवल राजनीतिक और सामाजिक
  3. केवल आर्थिक और सामाजिक
  4. सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और प्रस्तावना: भारतीय संविधान की प्रस्तावना नागरिकों को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय प्रदान करने का आश्वासन देती है।
  • संदर्भ और विस्तार: सामाजिक न्याय का अर्थ है जाति, रंग, लिंग, धर्म आदि के आधार पर कोई भेदभाव न होना। राजनीतिक न्याय का अर्थ है सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार प्राप्त होना। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन और आय के वितरण में असमानता को कम करना।
  • गलत विकल्प: प्रस्तावना में धार्मिक न्याय का सीधा उल्लेख नहीं है, यद्यपि पंथनिरपेक्षता (Secularism) धर्म से संबंधित है।

प्रश्न 22: ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत आते हैं?

  1. अनुच्छेद 105
  2. अनुच्छेद 118
  3. अनुच्छेद 122
  4. अनुच्छेद 104

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105 भारतीय संसद (संसद के सदनों, उनके सदस्यों और समितियों) के विशेषाधिकारों और उन्मुक्तियों से संबंधित है। इसी प्रकार, राज्यों की विधानसभाओं के विशेषाधिकारों के लिए अनुच्छेद 194 है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये विशेषाधिकार सुनिश्चित करते हैं कि संसद के सदस्य अपने कर्तव्यों का निर्वहन बिना किसी बाधा या भय के कर सकें। इनमें भाषण की स्वतंत्रता, कार्यवाही के प्रकाशन की स्वतंत्रता आदि शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 118 प्रक्रिया के नियमों से संबंधित है। अनुच्छेद 122 कहता है कि संसद की कार्यवाही की विधिमान्यता को किसी न्यायिक प्रक्रिया द्वारा अपास्त नहीं किया जाएगा। अनुच्छेद 104 पहले से मौजूद किसी सदस्य द्वारा सदन में बैठने या मतदान करने पर जुर्माने से संबंधित है।

प्रश्न 23: भारत में ‘निर्वाचन आयोग’ (Election Commission of India) की संरचना क्या है?

  1. एकल सदस्य निकाय
  2. तीन सदस्य निकाय
  3. पांच सदस्य निकाय
  4. सदैव एक सदस्य निकाय, जो राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त हो

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अधिनियम संदर्भ: भारत का निर्वाचन आयोग एक बहु-सदस्यीय निकाय है, जिसमें एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो अन्य निर्वाचन आयुक्त होते हैं। इन सभी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है (निर्वाचन विधि (संशोधन) अधिनियम, 2021 के अनुसार)।
  • संदर्भ और विस्तार: निर्वाचन आयोग भारत में संघ और राज्यों की विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों का संचालन करता है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान दर्जा और वेतन मिलता है, और अन्य निर्वाचन आयुक्तों को उनके वेतन और भत्ते मुख्य निर्वाचन आयुक्त के समान मिलते हैं।
  • गलत विकल्प: आयोग पहले एकल सदस्य निकाय था, लेकिन 1993 में इसे बहु-सदस्यीय बना दिया गया।

प्रश्न 24: ‘आपराधिक प्रक्रिया संहिता’ (Criminal Procedure Code – CrPC) के तहत, पुलिस किसी व्यक्ति को बिना वारंट के कब गिरफ्तार कर सकती है?

  1. जब व्यक्ति कोई संज्ञेय (Cognizable) अपराध करता हुआ पाया जाए।
  2. जब व्यक्ति कोई गैर-संज्ञेय (Non-cognizable) अपराध करने के इरादे से हो।
  3. जब व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान पर नशे में पाया जाए।
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और CrPC संदर्भ: आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), 1973 की धारा 41(1) के अनुसार, पुलिस किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है यदि वह व्यक्ति एक संज्ञेय अपराध (cognizable offense) करता हुआ पाया गया हो, या उसके खिलाफ संज्ञेय अपराध में शामिल होने का ‘उचित परिवाद’ (reasonable complaint) या ‘विश्वसनीय सूचना’ (credible information) हो, या यह ‘उचित संदेह’ (reasonable suspicion) हो कि उसने ऐसा अपराध किया है।
  • संदर्भ और विस्तार: संज्ञेय अपराध वे होते हैं जिनमें पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है और जिनमें आमतौर पर 3 साल से अधिक की कैद का प्रावधान होता है। गैर-संज्ञेय अपराधों में वारंट की आवश्यकता होती है।
  • गलत विकल्प: (b) और (c) में, गिरफ्तारी के लिए आमतौर पर वारंट की आवश्यकता होती है, हालांकि कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में (जैसे उपद्रव) बिना वारंट के भी कार्रवाई हो सकती है, लेकिन मुख्य प्रावधान संज्ञेय अपराधों के लिए बिना वारंट की गिरफ्तारी है। इसलिए (d) भी गलत है क्योंकि (b) और (c) पूरी तरह सही नहीं हैं।

प्रश्न 25: भारत के संविधान में ‘आपातकालीन प्रावधान’ (Emergency Provisions) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. ऑस्ट्रेलिया
  4. जर्मनी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और स्रोत: भारत के संविधान में आपातकालीन प्रावधान, विशेष रूप से राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता (अनुच्छेद 356), और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) की व्यवस्था, जर्मनी के ‘वायमर गणराज्य’ (Weimar Republic) के संविधान से प्रेरित है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये प्रावधान भारतीय संविधान के भाग XVIII में शामिल हैं और आपातकाल के दौरान केंद्र सरकार को असाधारण शक्तियाँ प्रदान करते हैं।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से ‘मौलिक अधिकार’ और ‘न्यायिक समीक्षा’ जैसी विशेषताएँ ली गई हैं। कनाडा से ‘अर्द्ध-संघीय ढांचा’ और ‘अवशिष्ट शक्तियों’ का सिद्धांत लिया गया है। ऑस्ट्रेलिया से ‘समवर्ती सूची’ और ‘संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक’ जैसी विशेषताएँ ली गई हैं।

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