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7 चीज़ें जो राजस्थान सीएम के विमान की गलत लैंडिंग से UPSC अभ्यर्थी सीख सकते हैं

7 चीज़ें जो राजस्थान सीएम के विमान की गलत लैंडिंग से UPSC अभ्यर्थी सीख सकते हैं

चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हाल ही में, राजस्थान के मुख्यमंत्री (CM) को ले जा रहा एक चार्टर विमान, एक गंभीर हवाई सुरक्षा चूक का शिकार हो गया। विमान जयपुर हवाई अड्डे के बजाय एक गलत, अनुपयोगी रनवे पर उतरा। शुक्र है, कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन विमान को सुरक्षित रूप से IAF airstrip पर ले जाने के लिए दोबारा उड़ान भरनी पड़ी और इस घटना की उच्च-स्तरीय जांच का आदेश दिया गया है। यह घटना न केवल सुरक्षा प्रोटोकॉल और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए भी विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है।

यह ब्लॉग पोस्ट इस घटना को गहराई से खंगालता है, इसके विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है, और बताता है कि कैसे यह UPSC परीक्षा के पाठ्यक्रम के विभिन्न हिस्सों से संबंधित है। हम सुरक्षा, लॉजिस्टिक्स, नियामक ढांचे, मानव त्रुटि, और तकनीकी प्रणालियों जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे, जो किसी भी IAS/IPS अधिकारी के लिए जानना आवश्यक है।

1. विमानन सुरक्षा और प्रोटोकॉल: चूक कहाँ हुई?

किसी भी विमानन घटना का मूल कारण अक्सर सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन या चूक में निहित होता है। इस मामले में, मुख्य सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री के विमान को गलत रनवे पर उतरने की अनुमति कैसे मिली, जबकि एक सक्रिय और उपयोग योग्य रनवे मौजूद था?

  • एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) की भूमिका: ATC यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि सभी विमानों को सही रनवे पर निर्देशित किया जाए, और आकाश में या जमीन पर किसी भी प्रकार की टकराव की स्थिति न बने। इस घटना में, ATC की ओर से घोर लापरवाही या संचार की विफलता की ओर इशारा करता है।
  • पायलट की जिम्मेदारी: जबकि ATC का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण है, पायलटों को भी अपने आस-पास के वातावरण के प्रति सचेत रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध स्थिति में स्पष्टीकरण मांगना चाहिए। क्या पायलट ने रनवे की पहचान में गलती की, या उन्हें गलत जानकारी मिली?
  • हवाई अड्डे की अवसंरचना: जयपुर हवाई अड्डे जैसे बड़े हवाई अड्डों पर कई रनवे हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सक्रिय हो सकते हैं और कुछ रखरखाव या अन्य कारणों से अनुपयोगी। यह सुनिश्चित करना हवाई अड्डे के प्रबंधन और ATC का कार्य है कि विमानों को हमेशा सही और सुरक्षित रनवे पर निर्देशित किया जाए।
  • प्रक्रियात्मक विचलन: VIP उड़ानों के लिए विशेष प्रोटोकॉल होते हैं। क्या इन प्रोटोकॉल का पालन किया गया? इस घटना ने स्थापित प्रक्रियाओं की मजबूती पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

UPSC कनेक्शन: यह मुद्दा भारतीय शासन प्रणाली के “शासन” (Governance) पहलू से सीधे जुड़ता है। एक प्रभावी शासन प्रणाली में, सार्वजनिक सुरक्षा और महत्वपूर्ण अवसंरचना का प्रबंधन सर्वोपरि होता है। विशेष रूप से, ‘लोक प्रशासन’ (Public Administration) के लिए यह एक उत्कृष्ट केस स्टडी है, जहाँ संगठन, जवाबदेही, और प्रक्रियात्मक दक्षता पर जोर दिया जाता है। ‘अंतर्राष्ट्रीय संबंध’ (International Relations) के संदर्भ में, विमानन सुरक्षा वैश्विक मानकों (जैसे ICAO – International Civil Aviation Organization) से भी संबंधित है।

“सुरक्षा सिर्फ एक विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि एक संस्कृति है जिसे हर स्तर पर अपनाया जाना चाहिए।”

2. नियामक ढांचा और जवाबदेही

किसी भी देश में नागरिक उड्डयन का विनियमन एक अत्यंत जटिल और महत्वपूर्ण कार्य है। भारत में, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) इस क्षेत्र का मुख्य नियामक है।

  • DGCA की भूमिका: DGCA हवाई अड्डों के संचालन, एयरलाइंस, एयर कार्गो, और विमानन सुरक्षा के लिए मानक निर्धारित करता है और उनका अनुपालन सुनिश्चित करता है। इस तरह की घटना DGCA की निगरानी और प्रवर्तन क्षमताओं पर सवाल उठाती है।
  • जांच का महत्व: घटना के आदेशित जांच का उद्देश्य केवल इस विशिष्ट मामले के कारणों का पता लगाना नहीं है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सुधारात्मक उपाय सुझाना भी है। इसमें सुरक्षा प्रक्रियाओं, प्रशिक्षण, और तकनीकी प्रणालियों का ऑडिट शामिल हो सकता है।
  • जवाबदेही का निर्धारण: जांच के परिणाम तय करेंगे कि ATC, पायलट, हवाई अड्डा प्रबंधन, या अन्य कौन से पक्ष इस चूक के लिए जिम्मेदार हैं। जवाबदेही का निर्धारण सुशासन का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

UPSC कनेक्शन: यह विषय ‘सरकारी नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप’ (Government Policies and Interventions for Development in various sectors) और ‘शासन’ (Governance) से संबंधित है। DGCA जैसे नियामक निकायों की कार्यप्रणाली, उनके अधिकार क्षेत्र, और उनकी प्रभावशीलता UPSC के लिए महत्वपूर्ण अध्ययन का विषय हैं। ‘भारतीय अर्थव्यवस्था’ (Indian Economy) में, अवसंरचना विकास और उसके प्रबंधन का हिस्सा भी प्रासंगिक है, जिसमें हवाई अड्डे और उनका सुरक्षित संचालन शामिल है।

3. लॉजिस्टिक्स और VIP प्रबंधन

मुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों की यात्राओं में लॉजिस्टिक्स और सुरक्षा प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।

  • समन्वय की आवश्यकता: VIP यात्राओं के लिए विभिन्न एजेंसियों – नागरिक उड्डयन, वायु सेना (यदि IAF airstrip का उपयोग किया जा रहा है), स्थानीय पुलिस, और मुख्यमंत्री के कार्यालय – के बीच उच्च स्तर के समन्वय की आवश्यकता होती है।
  • संसाधनों का आवंटन: VIP उड़ानों के लिए विशिष्ट हवाई पट्टी, ग्राउंड स्टाफ, और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती जैसे विशेष संसाधनों का आवंटन किया जाता है। इस घटना से इन लॉजिस्टिकल व्यवस्थाओं में संभावित खामियों का पता चलता है।
  • संचार का महत्व: प्राथमिक बिंदु पर, सभी संबंधित पक्षों के बीच निर्बाध और स्पष्ट संचार अत्यंत आवश्यक है।

UPSC कनेक्शन: यह ‘आंतरिक सुरक्षा’ (Internal Security), विशेष रूप से ‘सुरक्षा बल और उनके अधिदेश’ (Security forces and their mandates) और ‘अति विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा’ (Security of VIPs) जैसे विषयों से जुड़ता है। विभिन्न सरकारी निकायों के बीच समन्वय स्थापित करने की क्षमता, विशेष रूप से संकट की स्थितियों में, एक प्रभावी प्रशासन की पहचान होती है।

4. मानव त्रुटि (Human Error) बनाम प्रणालीगत विफलता

हर हवाई दुर्घटना या गंभीर घटना के पीछे या तो मानव त्रुटि या प्रणालीगत विफलता, या दोनों का संयोजन होता है।

  • मानव त्रुटि के कारण: थकान, तनाव, खराब प्रशिक्षण, विचलित होना, या अपेक्षाओं के अनुसार काम न करना – ये सभी मानव त्रुटि के संभावित कारण हो सकते हैं।
  • प्रणालीगत विफलताएं: इसके विपरीत, यदि सिस्टम ही खराब डिज़ाइन किया गया है, अपर्याप्त सुरक्षा तंत्र हैं, या प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया जा रहा है, तो यह एक प्रणालीगत विफलता मानी जाती है।
  • कारणों का विश्लेषण: यह निर्धारित करना कि क्या यह एक अकेली मानव त्रुटि थी या एक व्यापक प्रणालीगत समस्या का लक्षण, जांच का एक मुख्य उद्देश्य होगा।

UPSC कनेक्शन: ‘प्रबंधन’ (Management) और ‘निर्णय लेना’ (Decision Making) जैसे विषयों के लिए यह एक उत्कृष्ट केस स्टडी है। यह ‘शासन’ (Governance) में ‘जवाबदेही’ (Accountability) के महत्व को भी रेखांकित करता है। UPSC के लिए, यह समझना महत्वपूर्ण है कि कैसे व्यक्तिगत गलतियां बड़े पैमाने पर प्रणालीगत मुद्दों को उजागर कर सकती हैं।

5. हवाई अड्डे के संचालन और बुनियादी ढांचा

यह घटना हवाई अड्डे के समग्र संचालन और बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता पर भी प्रकाश डालती है।

  • रनवे पदनाम और दृश्यता: रनवे को स्पष्ट रूप से पहचाना जाना चाहिए। गलत रनवे पर उतरना इस बात की ओर इशारा करता है कि या तो पायलट को रनवे की पहचान में समस्या हुई या ATC ने उसे गलत पहचान दी।
  • तकनीकी सहायता: हवाई अड्डों पर लैंडिंग एड्स (जैसे ILS – Instrument Landing System), रडार, और लाइटों जैसी कई तकनीकी प्रणालियाँ होती हैं जो सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करती हैं। क्या ये प्रणालियाँ ठीक से काम कर रही थीं?
  • आपातकालीन प्रतिक्रिया: यद्यपि इस मामले में विमान को सुरक्षित रूप से IAF airstrip पर ले जाया गया, ऐसी घटनाओं के लिए हवाई अड्डों पर एक सुव्यवस्थित आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

UPSC कनेक्शन: ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी’ (Science and Technology) में, विशेष रूप से विमानन तकनीक और नेविगेशन प्रणालियों का ज्ञान उपयोगी हो सकता है। ‘भारतीय अर्थव्यवस्था’ (Indian Economy) में, ‘अवसंरचना’ (Infrastructure) एक प्रमुख क्षेत्र है, और हवाई अड्डे इसके महत्वपूर्ण घटक हैं। हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण और सुरक्षा में निवेश देश की कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है।

6. मीडिया की भूमिका और जन धारणा

इस तरह की घटनाएँ तुरंत मीडिया का ध्यान आकर्षित करती हैं, जिससे जन धारणा बनती है।

  • जिम्मेदार रिपोर्टिंग: मीडिया की भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि घटनाओं की रिपोर्टिंग तथ्यात्मक और जिम्मेदार तरीके से की जाए, बिना किसी अनावश्यक सनसनीखेज के।
  • जनता का विश्वास: ऐसी घटनाएं आम जनता के मन में हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं पैदा कर सकती हैं, जिससे नियामक निकायों और हवाई अड्डा प्रदाताओं पर जनता का विश्वास कम हो सकता है।
  • पारदर्शिता: जांच की प्रक्रिया और उसके निष्कर्षों में पारदर्शिता बनाए रखना जनता का विश्वास बहाल करने के लिए महत्वपूर्ण है।

UPSC कनेक्शन: ‘शासन’ (Governance) में ‘मीडिया की भूमिका’ (Role of Media) एक महत्वपूर्ण उप-विषय है। मीडिया सूचना के प्रसार में और जनमत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक प्रभावी शासन प्रणाली में, मीडिया को एक ‘चेक एंड बैलेंस’ (Check and Balance) के रूप में देखा जाता है।

7. ‘ऑपरेशनल एफिशिएंसी’ (Operational Efficiency) का महत्व

अंततः, यह घटना इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे ‘ऑपरेशनल एफिशिएंसी’ (संचालन की दक्षता) हवाई क्षेत्र में सर्वोपरि है।

  • निरंतर प्रशिक्षण और अभ्यास: ATC कर्मियों और पायलटों के लिए निरंतर प्रशिक्षण और सिम्युलेशन अभ्यास आवश्यक हैं ताकि वे अप्रत्याशित परिस्थितियों से प्रभावी ढंग से निपट सकें।
  • प्रक्रियाओं का मानकीकरण: सभी कार्यों के लिए स्पष्ट, सुसंगत और मानकीकृत प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए।
  • ऑडिट और समीक्षा: नियमित सुरक्षा ऑडिट और प्रदर्शन समीक्षाएं किसी भी संभावित कमजोरी को दूर करने में मदद करती हैं।

UPSC कनेक्शन: यह ‘प्रबंधन’ (Management) और ‘लोक प्रशासन’ (Public Administration) का एक केंद्रीय विषय है। किसी भी संगठन की सफलता उसकी परिचालन दक्षता पर निर्भर करती है। UPSC उम्मीदवारों को सरकारी तंत्र के भीतर दक्षता बढ़ाने के तरीकों पर विचार करना चाहिए।

निष्कर्ष

राजस्थान के मुख्यमंत्री के चार्टर विमान की गलत रनवे पर लैंडिंग की घटना एक गंभीर चूक थी जिसने विमानन सुरक्षा, नियामक अनुपालन और परिचालन दक्षता पर प्रकाश डाला। UPSC परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए, यह घटना शासन, सुरक्षा, प्रबंधन, बुनियादी ढांचे और नियामक निकायों की भूमिका जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों का एक बहुआयामी विश्लेषण प्रस्तुत करती है। इस घटना से सीखे गए सबक केवल हवाई यात्रा तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यह सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र में प्रक्रियाओं, जवाबदेही और निरंतर सुधार के महत्व को भी रेखांकित करते हैं। एक भावी सिविल सेवक के रूप में, इन घटनाओं को व्यापक प्रणालीगत संदर्भों में समझना और उनसे सीखना महत्वपूर्ण है।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

  1. प्रश्न 1: नागरिक उड्डयन में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत में मुख्य नियामक निकाय कौन सा है?

    (a) भारतीय वायु सेना (IAF)

    (b) नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA)

    (c) भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI)

    (d) ब्यूरो ऑफ एविएशन सिक्योरिटी (CAS)

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) भारत में नागरिक उड्डयन का मुख्य नियामक प्राधिकरण है, जो सुरक्षा मानकों को निर्धारित करता है और उनका अनुपालन सुनिश्चित करता है।
  2. प्रश्न 2: हवाई यातायात को नियंत्रित करने के लिए मुख्य रूप से कौन सी प्रणाली जिम्मेदार है?

    (a) नेविगेशन एड्स

    (b) रडार सिस्टम

    (c) एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC)

    (d) मेट्रोलॉजिकल विभाग

    उत्तर: (c)

    व्याख्या: एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) हवाई जहाजों को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से निर्देशित करने और उनका प्रबंधन करने के लिए जिम्मेदार है।
  3. प्रश्न 3: अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?

    (a) सदस्य देशों के लिए विमानों का निर्माण करना

    (b) अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा के लिए सुरक्षा और दक्षता के मानक स्थापित करना

    (c) एयरलाइनों के लिए मूल्य निर्धारण तय करना

    (d) विमानन ईंधन पर कर लगाना

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: ICAO संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन के सिद्धांतों और युक्तियों को बढ़ावा देती है, और सुरक्षित, कुशल अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन की योजना और विकास सुनिश्चित करती है।
  4. प्रश्न 4: उस घटना के संदर्भ में, “ह्यूमन एरर” (Human Error) के संभावित कारणों में निम्नलिखित में से कौन सा शामिल हो सकता है?

    1. थकान
    2. तनाव
    3. अपर्याप्त प्रशिक्षण
    4. विचलित होना

    नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनें:

    (a) केवल 1 और 2

    (b) केवल 1, 2 और 3

    (c) केवल 1, 2, 3 और 4

    (d) केवल 3 और 4

    उत्तर: (c)

    व्याख्या: प्रश्न में दिए गए सभी कारण मानव त्रुटि के संभावित कारण हो सकते हैं।
  5. प्रश्न 5: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) की प्राथमिक जिम्मेदारी क्या है?

    (a) विमान सुरक्षा के नियम बनाना

    (b) हवाई अड्डों का विकास, संचालन और रखरखाव

    (c) राष्ट्रीय वाहक एयरलाइन का प्रबंधन

    (d) पायलटों को लाइसेंस जारी करना

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) भारत में हवाई अड्डों के विकास, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है।
  6. प्रश्न 6: “ऑपरेशनल एफिशिएंसी” (Operational Efficiency) के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा उपाय सबसे अधिक प्रासंगिक होगा?

    (a) एयरलाइन के कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना

    (b) पायलटों और ATC के लिए निरंतर प्रशिक्षण

    (c) टिकट की कीमतें कम करना

    (d) नए विमानों की खरीद

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: पायलटों और ATC के लिए निरंतर प्रशिक्षण परिचालन दक्षता और सुरक्षा को सीधे प्रभावित करता है।
  7. प्रश्न 7: VIP उड़ानों के प्रबंधन में निम्नलिखित में से किस तत्व की सबसे अधिक आवश्यकता होती है?

    (a) व्यक्तिगत सुरक्षा

    (b) विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय

    (c) मीडिया कवरेज

    (d) अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की योजना

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: VIP उड़ानों के सुरक्षित और सुचारू संचालन के लिए नागरिक उड्डयन, पुलिस, वायु सेना जैसी विभिन्न एजेंसियों के बीच उच्च स्तर का समन्वय आवश्यक है।
  8. प्रश्न 8: “जवाबदेही” (Accountability) का क्या अर्थ है?

    (a) दूसरों को दोष देना

    (b) किए गए कार्यों के परिणामों की जिम्मेदारी लेना

    (c) काम को दूसरों पर डालना

    (d) केवल नियमों का पालन करना

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: जवाबदेही का अर्थ है कि व्यक्ति या संगठन अपने निर्णयों और कार्यों के लिए उत्तरदायी हैं और उनके परिणामों को स्वीकार करते हैं।
  9. प्रश्न 9: सुरक्षा प्रोटोकॉल में “प्रणालीगत विफलता” (Systemic Failure) से क्या तात्पर्य है?

    (a) एक व्यक्ति द्वारा की गई गलती

    (b) सिस्टम के डिजाइन या प्रक्रियाओं में अंतर्निहित दोष

    (c) खराब मौसम की स्थिति

    (d) अचानक तकनीकी खराबी

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: प्रणालीगत विफलता तब होती है जब स्वयं सिस्टम में ही कोई दोष या कमी होती है, न कि केवल किसी एक व्यक्ति की गलती।
  10. प्रश्न 10: ‘शासन’ (Governance) के संदर्भ में, मीडिया की भूमिका क्या हो सकती है?

    (a) केवल सरकारी नीतियों का प्रचार करना

    (b) सरकार की निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित करना

    (c) राजनीतिक दलों के लिए प्रचार करना

    (d) केवल मनोरंजन प्रदान करना

    उत्तर: (b)

    व्याख्या: एक स्वस्थ लोकतंत्र में, मीडिया सरकार की गतिविधियों पर नजर रखता है और जनता को सूचित करके सरकार को जवाबदेह ठहराने में मदद करता है।

मुख्य परीक्षा (Mains)

  1. प्रश्न 1: राजस्थान के मुख्यमंत्री के चार्टर विमान की गलत रनवे पर लैंडिंग की घटना का विश्लेषण करते हुए, नागरिक उड्डयन सुरक्षा में सुधार के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा उठाए जाने वाले संभावित सुधारात्मक उपायों पर चर्चा करें। (लगभग 250 शब्द)
  2. प्रश्न 2: VIP उड़ानों के संदर्भ में, विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच प्रभावी समन्वय और संचार की आवश्यकता पर प्रकाश डालें। इस घटना के आलोक में, समन्वय की कमी से उत्पन्न होने वाले जोखिमों और उन्हें कम करने के तरीकों पर टिप्पणी करें। (लगभग 200 शब्द)
  3. प्रश्न 3: “मानव त्रुटि” और “प्रणालीगत विफलता” के बीच अंतर स्पष्ट करें। राजस्थान में हुई विमानन घटना को एक केस स्टडी के रूप में उपयोग करते हुए, समझाएं कि कैसे दोनों कारक ऐसी घटनाओं में योगदान कर सकते हैं और ऐसे मुद्दों की पहचान और समाधान के लिए क्या तंत्र होने चाहिए। (लगभग 250 शब्द)
  4. प्रश्न 4: ‘शासन’ (Governance) के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में ‘जवाबदेही’ (Accountability) की अवधारणा पर चर्चा करें। विमानन सुरक्षा से संबंधित घटनाओं में जवाबदेही स्थापित करने की प्रक्रिया और महत्व का वर्णन करें, और इस घटना के माध्यम से उजागर होने वाले संभावित जवाबदेही के मुद्दों पर प्रकाश डालें। (लगभग 200 शब्द)

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