संविधान की कसौटी: आज का अंतिम इम्तिहान
भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझना हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अपनी संवैधानिक समझ को परखें और आज के इस विशेष अभ्यास सत्र में पॉलिटी के विभिन्न पहलुओं पर अपनी पकड़ को और मज़बूत करें। आइए, संवैधानिक ज्ञान की इस यात्रा में स्वयं को चुनौती दें!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’, और ‘अखंडता’ जैसे शब्दों को किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 24वाँ संशोधन अधिनियम, 1971
- 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वाँ संशोधन अधिनियम, 1985
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (धर्मनिरपेक्ष) और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह संशोधन भारत को एक ‘संप्रभु समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य’ बनाने के उद्देश्य से किया गया था। इन शब्दों ने भारतीय राज्य के स्वरूप को और अधिक स्पष्ट किया।
- गलत विकल्प: 24वें संशोधन ने संसद को संविधान के किसी भी भाग, यहाँ तक कि मौलिक अधिकारों में भी संशोधन करने का अधिकार दिया। 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया और कुछ सुरक्षा उपायों को जोड़ा। 52वें संशोधन ने दलबदल विरोधी प्रावधानों को जोड़ा।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा एक मौलिक अधिकार नहीं है?
- समानता का अधिकार
- स्वतंत्रता का अधिकार
- शोषण के विरुद्ध अधिकार
- संपत्ति का अधिकार
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संपत्ति का अधिकार मूल रूप से संविधान के भाग III में अनुच्छेद 31 के तहत एक मौलिक अधिकार था। 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा इसे अनुच्छेद 31 से हटा दिया गया और संविधान के भाग XII में अनुच्छेद 300A के तहत एक ‘विधिक अधिकार’ (कानूनी अधिकार) बना दिया गया।
- संदर्भ एवं विस्तार: अन्य विकल्प (समानता का अधिकार – अनुच्छेद 14-18, स्वतंत्रता का अधिकार – अनुच्छेद 19-22, शोषण के विरुद्ध अधिकार – अनुच्छेद 23-24) अभी भी भारतीय संविधान के भाग III के तहत मौलिक अधिकार हैं।
- गलत विकल्प: शेष विकल्प मौलिक अधिकार हैं और उन्हें सीधे तौर पर हटाकर कानूनी अधिकार नहीं बनाया गया है।
प्रश्न 3: भारतीय राष्ट्रपति का चुनाव किसके द्वारा किया जाता है?
- भारत की संसद के दोनों सदनों के सदस्य
- संसद के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
- राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य
- केवल राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 54 के अनुसार एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं (विधान परिषदों के नहीं) के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली का उद्देश्य राष्ट्रपति को राष्ट्र की एकता का प्रतीक बनाना और उन्हें राजनीतिक दलदल से ऊपर रखना है।
- गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि इसमें मनोनीत सदस्य शामिल नहीं होते। (c) और (d) गलत हैं क्योंकि विधान परिषदों के सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते हैं।
प्रश्न 4: संसद के दो सत्रों के बीच अधिकतम कितना अंतराल हो सकता है?
- तीन महीने
- चार महीने
- छह महीने
- बारह महीने
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 85(1) के अनुसार, संसद के सत्रों के संबंध में, राष्ट्रपति समय-समय पर ऐसे समय और स्थान पर, जिसे वह उचित समझे, प्रत्येक सदन का सत्र बुलाएगा, लेकिन एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की पहली बैठक के बीच छह महीने से अधिक का अंतर नहीं होगा।
- संदर्भ एवं विस्तार: इसका अर्थ है कि संसद को वर्ष में कम से कम दो बार मिलना आवश्यक है, और दो सत्रों के बीच अधिकतम अंतराल छह महीने हो सकता है।
- गलत विकल्प: अन्य समय-सीमाएँ निर्धारित अंतराल को पूरा नहीं करती हैं और संविधान के अनुच्छेद 85 का उल्लंघन करती हैं।
प्रश्न 5: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया किस सदन द्वारा प्रारंभ की जा सकती है?
- केवल लोकसभा
- केवल राज्यसभा
- लोकसभा या राज्यसभा दोनों
- यह प्रक्रिया किसी भी सदन द्वारा प्रारंभ नहीं की जा सकती
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों (और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों) को अनुच्छेद 124(4) के तहत ‘सिद्ध कदाचार या अक्षमता’ के आधार पर हटाया जा सकता है। इसके लिए महाभियोग की प्रक्रिया को लोकसभा या राज्यसभा, दोनों में से किसी भी सदन में शुरू किया जा सकता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: प्रस्ताव को शुरू करने के लिए, लोकसभा में कम से कम 100 सदस्यों या राज्यसभा में कम से कम 50 सदस्यों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है। प्रस्ताव को संबंधित सदन के दो-तिहाई सदस्यों द्वारा समर्थित होना चाहिए और फिर दूसरे सदन द्वारा भी उसी बहुमत से पारित होना चाहिए, और फिर राष्ट्रपति द्वारा आदेश जारी किया जाना चाहिए।
- गलत विकल्प: (a) और (b) गलत हैं क्योंकि प्रक्रिया दोनों सदनों में शुरू हो सकती है। (d) गलत है क्योंकि प्रक्रिया संविधान में वर्णित है।
प्रश्न 6: भारतीय संविधान में ‘अवशिष्ट शक्तियाँ’ (Residuary Powers) किसे सौंपी गई हैं?
- केंद्र सरकार
- राज्य सरकारें
- केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर
- राष्ट्रपति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 248 के अनुसार, संसद के पास उन सभी विषयों के संबंध में विधि बनाने की शक्ति है जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में शामिल नहीं हैं। इन शक्तियों को ‘अवशिष्ट शक्तियाँ’ कहा जाता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: भारतीय संघीय प्रणाली एक ‘अर्ध-संघीय’ (Quasi-federal) स्वरूप रखती है, जिसमें केंद्र सरकार को अवशिष्ट शक्तियों का आवंटन किया गया है, जो कि कनाडाई मॉडल से प्रभावित है।
- गलत विकल्प: राज्य सरकारों को केवल राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने की शक्ति है। केंद्र और राज्य मिलकर या राष्ट्रपति को अवशिष्ट शक्तियाँ नहीं सौंपी गई हैं।
प्रश्न 7: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- वित्त मंत्री
- भारत के राष्ट्रपति
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति अनुच्छेद 148(1) के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संदर्भ एवं विस्तार: CAG भारत के लोकधन का संरक्षक होता है और वह केंद्र तथा राज्य सरकारों के लेखाओं का अंकेक्षण करता है। उसे 6 वर्ष की अवधि या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) तक पद पर बने रहने का अधिकार है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री या सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पास CAG की नियुक्ति करने का संवैधानिक अधिकार नहीं है।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सी एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?
- भारत का निर्वाचन आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग
- नीति आयोग
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) एक ‘कार्यकारी आदेश’ (Executive Order) द्वारा स्थापित एक गैर-संवैधानिक, गैर-सांविधिक निकाय है। इसे 1 जनवरी 2015 को सरकारी प्रस्ताव द्वारा स्थापित किया गया था।
- संदर्भ एवं विस्तार: भारत का निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (अनुच्छेद 338) संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं, जिनके प्रावधान संविधान में स्पष्ट रूप से दिए गए हैं।
- गलत विकल्प: अन्य सभी विकल्प संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि उनका प्रावधान सीधे भारतीय संविधान में है।
प्रश्न 9: पंचायती राज व्यवस्था को भारतीय संविधान की किस अनुसूची में शामिल किया गया है?
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
- ग्यारहवीं अनुसूची
- बारहवीं अनुसूची
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया और संविधान में ग्यारहवीं अनुसूची जोड़ी गई। इस अनुसूची में 29 विषय शामिल हैं जिन पर पंचायती राज संस्थाएं कानून बना सकती हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह संशोधन ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने पंचायती राज को पूरे देश में (कुछ अपवादों को छोड़कर) लागू किया।
- गलत विकल्प: नौवीं अनुसूची भूमि सुधार से संबंधित कानूनों को सूचीबद्ध करती है। दसवीं अनुसूची दलबदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है। बारहवीं अनुसूची शहरी स्थानीय निकायों से संबंधित है।
प्रश्न 10: राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 350
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा का प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 352 में है। यह युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में लागू किया जा सकता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 356 ‘राज्य आपातकाल’ (राष्ट्रपति शासन) से संबंधित है, जो राज्यों में संवैधानिक मशीनरी की विफलता पर लागू होता है। अनुच्छेद 360 ‘वित्तीय आपातकाल’ (Financial Emergency) से संबंधित है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 350 नागरिकों द्वारा व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में भाषा के प्रयोग से संबंधित है, जबकि 352, 356, और 360 क्रमशः राष्ट्रीय आपातकाल, राज्य आपातकाल और वित्तीय आपातकाल से संबंधित हैं।
प्रश्न 11: ‘न्यायिक सक्रियता’ (Judicial Activism) की अवधारणा का अर्थ है?
- न्यायपालिका का विधायी शक्तियों का उपयोग करना
- कार्यपालिका का न्यायिक शक्तियों का उपयोग करना
- न्यायपालिका का अपने न्यायिक क्षेत्र से बाहर जाकर सार्वजनिक हित में कार्य करना
- संसद द्वारा न्यायिक निर्णय को बदलना
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं विस्तार: न्यायिक सक्रियता वह सिद्धांत है जहाँ न्यायपालिका अपने पारंपरिक न्यायिक क्षेत्र से बाहर जाकर लोकहित और सार्वजनिक अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभाती है। यह अक्सर जनहित याचिकाओं (PIL) के माध्यम से किया जाता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: इसका उद्देश्य सरकारी निकायों को उनके संवैधानिक और कानूनी कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करना है। हालांकि, इसे ‘न्यायिक अतिरेक’ (Judicial Overreach) के रूप में भी आलोचना का सामना करना पड़ता है।
- गलत विकल्प: (a) न्यायिक अतिरेक को इंगित करता है। (b) और (d) शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत के विरुद्ध हैं।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान का कौन सा भाग ‘राज्य के नीति निदेशक तत्वों’ (Directive Principles of State Policy – DPSP) से संबंधित है?
- भाग II
- भाग III
- भाग IV
- भाग V
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV (अनुच्छेद 36 से 51) राज्य के नीति निदेशक तत्वों से संबंधित है। ये तत्व कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: ये तत्व न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय (enforceable) नहीं हैं, लेकिन देश के शासन में मौलिक हैं और कानून बनाने में राज्य इनका प्रयोग करेगा (अनुच्छेद 37)।
- गलत विकल्प: भाग II नागरिकता से, भाग III मौलिक अधिकारों से, और भाग V संघ की कार्यपालिका, संसद आदि से संबंधित है।
प्रश्न 13: ‘बंधुत्व’ (Fraternity) शब्द का भारतीय संविधान में किस उद्देश्य से उल्लेख किया गया है?
- केवल राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना
- व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करना
- नागरिकों के बीच समानता को मजबूत करना
- सभी नागरिकों के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करना
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का उल्लेख व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है। यह सुनिश्चित करता है कि नागरिक एक-दूसरे के प्रति भाईचारे का भाव रखें।
- संदर्भ एवं विस्तार: प्रस्तावना के ये शब्द स्वतंत्रता, समानता और न्याय जैसे अन्य मूल्यों के पूरक हैं और एक ऐसे समाज के निर्माण का लक्ष्य रखते हैं जहाँ प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा का सम्मान हो।
- गलत विकल्प: (a) आंशिक रूप से सही है, लेकिन पूर्ण नहीं। (c) समानता का परिणाम हो सकता है, लेकिन बंधुत्व का मुख्य उद्देश्य नहीं। (d) न्याय का उद्देश्य है, बंधुत्व का नहीं।
प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सा कार्य राष्ट्रपति का ‘संवैधानिक कर्तव्य’ नहीं है?
- प्रधानमंत्री की नियुक्ति
- संसद के सत्रों को संबोधित करना
- किसी विधेयक को पुनर्विचार के लिए वापस भेजना
- युद्ध की घोषणा करना
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति, कार्यपालिका का प्रमुख होने के नाते, प्रधानमंत्री की नियुक्ति (अनुच्छेद 75), संसद के सत्रों को संबोधित करना (अनुच्छेद 87), और कुछ परिस्थितियों में विधेयकों को पुनर्विचार के लिए वापस भेजना (अनुच्छेद 111) जैसे कार्य करता है। युद्ध की घोषणा करना या शांति स्थापित करना राष्ट्रपति की ओर से होता है, लेकिन यह कार्यपालिका की सलाह पर आधारित होता है, जो व्यवहार में सरकार (प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद) होती है, न कि राष्ट्रपति का कोई स्वतंत्र संवैधानिक कर्तव्य।
- संदर्भ एवं विस्तार: राष्ट्रपति की सभी शक्तियाँ मंत्रिपरिषद की सलाह और सहायता पर आधारित होती हैं (अनुच्छेद 74)। युद्ध की घोषणा जैसी महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय सरकार द्वारा लिए जाते हैं और राष्ट्रपति केवल नाममात्र के प्रमुख के रूप में इसकी औपचारिक स्वीकृति देते हैं।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) राष्ट्रपति के वास्तविक संवैधानिक कर्तव्यों में शामिल हैं। (d) हालांकि राष्ट्रपति के नाम से होता है, यह सरकार की नीतिगत सलाह का परिणाम है, न कि राष्ट्रपति का स्वतंत्र संवैधानिक कर्तव्य।
प्रश्न 15: ‘दल-बदल’ के आधार पर किसी सदस्य की अयोग्यता का निर्धारण कौन करता है?
- भारत का राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- संबंधित सदन का अध्यक्ष (लोकसभा अध्यक्ष या विधान सभा अध्यक्ष)
- संबंधित सदन का सबसे वरिष्ठ सदस्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: दसवीं अनुसूची (संविधान का 52वां संशोधन, 1985) के पैरा 6(1) के अनुसार, किसी सदन के सदस्य की दल-बदल के आधार पर अयोग्यता संबंधी प्रश्नों पर अंतिम निर्णय उस सदन के अध्यक्ष (लोकसभा में अध्यक्ष और राज्यसभा में सभापति) द्वारा किया जाता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने केहोतो होलोहान बनाम जचिलु (1992) मामले में अध्यक्ष के निर्णय की न्यायिक समीक्षा की संभावना को स्वीकार किया है, लेकिन अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होता है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री का दल-बदल के आधार पर अयोग्यता तय करने में कोई सीधा अधिकार नहीं है।
प्रश्न 16: कौन सा अनुच्छेद वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) से संबंधित है?
- अनुच्छेद 350
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल की घोषणा से संबंधित है। यह तब लागू किया जा सकता है जब भारत की वित्तीय स्थिरता या साख को खतरा हो।
- संदर्भ एवं विस्तार: वित्तीय आपातकाल की उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा दो महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए। इसे अभी तक भारत में लागू नहीं किया गया है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 350 प्राथमिकताओं की भाषा से, 352 राष्ट्रीय आपातकाल से, और 356 राज्य आपातकाल से संबंधित हैं।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सी ‘संसदीय समिति’ (Parliamentary Committee) सबसे महत्वपूर्ण और सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली समिति है?
- लोक लेखा समिति
- प्राक्कलन समिति
- सरकारी उपक्रम समिति
- वित्त समिति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं विस्तार: प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) को अक्सर ‘निरंतर चलने वाली स्थायी समिति’ कहा जाता है और इसे सबसे महत्वपूर्ण संसदीय समितियों में से एक माना जाता है। यह भारत सरकार के सभी विभागों के व्यय की छानबीन करती है, मितव्ययिता और संगठनात्मक दक्षता में सुधार के सुझाव देती है।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस समिति में केवल लोकसभा के सदस्य होते हैं, जिनकी संख्या 30 होती है। यह बजट के विभिन्न प्रावधानों की जांच करती है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करती है कि धन का उपयोग प्रभावी ढंग से हो।
- गलत विकल्प: लोक लेखा समिति (PAC) वित्तीय नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन प्राक्कलन समिति बजट से संबंधित व्यय के सभी पहलुओं को देखती है। सरकारी उपक्रम समिति सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कामकाज की जांच करती है।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान के अनुसार, ‘राज्य’ की परिभाषा में निम्नलिखित में से कौन शामिल है?
- केवल केंद्र सरकार और संसद
- केवल राज्य सरकारें और विधानमंडल
- संसद, केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, राज्य विधानमंडल और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र के अधीन कोई भी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी
- केवल सार्वजनिक उपक्रम
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12 के अनुसार, ‘राज्य’ की परिभाषा में संसद और राज्य विधानमंडल, केंद्र और राज्य सरकारों की कार्यपालिका और विधायी संस्थाएं, और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र के अधीन सभी स्थानीय और अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह व्यापक परिभाषा मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये अधिकार राज्य के विरुद्ध लागू होते हैं। ‘अन्य प्राधिकारी’ की व्याख्या सुप्रीम कोर्ट द्वारा विभिन्न मामलों (जैसे UOI vs. R.C. Cooper, Ajay Hasia vs. Khalid Mujib Sehravardi) में की गई है।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (d) राज्य की परिभाषा को संकीर्ण बनाते हैं और अनुच्छेद 12 के पूर्ण दायरे को शामिल नहीं करते हैं।
प्रश्न 19: किस संशोधन ने संविधान में ‘मौलिक कर्तव्यों’ (Fundamental Duties) को जोड़ा?
- 38वाँ संशोधन अधिनियम, 1975
- 40वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 ने भारतीय संविधान में एक नया भाग (भाग IV-A) जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 51A के तहत नागरिकों के लिए 10 मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान किया गया।
- संदर्भ एवं विस्तार: ये कर्तव्य स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर आधारित थे, जिसका उद्देश्य नागरिकों को उनके अधिकारों के साथ-साथ उनके कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक करना था। बाद में, 86वें संशोधन, 2002 द्वारा एक और मौलिक कर्तव्य (शिक्षा का अधिकार) जोड़ा गया।
- गलत विकल्प: अन्य संशोधन अधिनियमों ने अलग-अलग महत्वपूर्ण परिवर्तन किए, लेकिन मौलिक कर्तव्यों को 42वें संशोधन ने जोड़ा।
प्रश्न 20: भारत में ‘सर्वोच्च न्यायालय’ का गठन किस अधिनियम के तहत किया गया था?
- भारत सरकार अधिनियम, 1935
- भारत स्वतंत्रता अधिनियम, 1947
- भारतीय संविधान, 1950
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: वर्तमान में कार्यरत सर्वोच्च न्यायालय का गठन भारतीय संविधान के तहत अनुच्छेद 124 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार किया गया है, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। 1935 के अधिनियम ने संघीय न्यायालय की स्थापना की थी, जो भारत सरकार अधिनियम, 1935 के तहत था।
- संदर्भ एवं विस्तार: भारत सरकार अधिनियम, 1935 ने ‘संघीय न्यायालय’ की स्थापना की थी, जो 1937 में कार्य करना शुरू किया था। 1947 के स्वतंत्रता अधिनियम ने भारत को स्वतंत्र घोषित किया। वर्तमान सर्वोच्च न्यायालय 1935 के संघीय न्यायालय का उत्तराधिकारी नहीं है, बल्कि एक पूर्णतः नया संस्थान है।
- गलत विकल्प: (a) और (b) सर्वोच्च न्यायालय के गठन से सीधे संबंधित नहीं हैं, बल्कि भारत सरकार अधिनियम, 1935 ने संघीय न्यायालय की स्थापना की थी, जो वर्तमान सर्वोच्च न्यायालय से भिन्न है।
प्रश्न 21: कौन सा अनुच्छेद संसद को राज्य सूची के किसी विषय पर राष्ट्रीय हित में कानून बनाने की शक्ति प्रदान करता है?
- अनुच्छेद 249
- अनुच्छेद 250
- अनुच्छेद 252
- अनुच्छेद 253
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 249 संसद को यह शक्ति प्रदान करता है कि यदि राज्यसभा घोषित करे कि राज्य सूची के किसी विषय पर राष्ट्रीय हित में कानून बनाना आवश्यक है, तो संसद उस विषय पर कानून बना सकती है।
- संदर्भ एवं विस्तार: ऐसी घोषणा के लिए राज्यसभा में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई का बहुमत आवश्यक है। यह अनुच्छेद भारतीय संघवाद में कुछ हद तक केंद्रीकरण को दर्शाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 250 आपातकाल की घोषणा के दौरान राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 252 दो या अधिक राज्यों के लिए कानून बनाने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 253 अंतर्राष्ट्रीय समझौतों को लागू करने के लिए कानून बनाने की शक्ति देता है।
प्रश्न 22: किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता पर लागू होने वाला ‘राष्ट्रपति शासन’ किस अनुच्छेद के तहत लगाया जाता है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता पर अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है। यह तब भी लगाया जा सकता है जब कोई राज्य अनुच्छेद 365 के तहत केंद्र सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा दो महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए। यह राज्य की कार्यपालिका और विधायी शक्तियों को अपने हाथ में लेने की अनुमति देता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल और 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित हैं। अनुच्छेद 365, अनुच्छेद 356 के लिए एक कारण बन सकता है, लेकिन प्रत्यक्ष प्रावधान 356 में है।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत (Pleasure of the President) पद धारण करता है?
- भारत के महान्यायवादी (Attorney General)
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) अनुच्छेद 76(4) के अनुसार राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करते हैं। इसका मतलब है कि राष्ट्रपति उन्हें किसी भी समय हटा सकते हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: महान्यायवादी सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं और उन्हें न तो संसद के सत्र के दौरान हटाया जा सकता है और न ही उन्हें किसी भी तरह से परेशान किया जा सकता है, जब तक कि वह अपने पद पर कार्य कर रहे हों, लेकिन उनका पद राष्ट्रपति की इच्छा पर निर्भर करता है।
- गलत विकल्प: CAG, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, और UPSC के अध्यक्ष सभी का कार्यकाल निश्चित होता है और उन्हें केवल महाभियोग जैसी विशिष्ट प्रक्रियाओं द्वारा ही हटाया जा सकता है, न कि राष्ट्रपति के ‘प्रसाद पर्यंत’।
प्रश्न 24: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द क्या इंगित करता है?
- भारत का राज्य किसी भी विदेशी शक्ति के अधीन नहीं है।
- भारत में वंशानुगत शासक नहीं है, बल्कि राज्य का प्रमुख अप्रत्यक्ष रूप से लोगों द्वारा चुना जाता है।
- सभी नागरिकों को समान मौलिक अधिकार प्राप्त हैं।
- राज्य सभी धर्मों को समान मानता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं विस्तार: ‘गणराज्य’ शब्द इंगित करता है कि भारत का राज्य प्रमुख (राष्ट्रपति) वंशानुगत नहीं है, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा एक निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है। यह राजशाही के विपरीत है।
- संदर्भ एवं विस्तार: भारत एक ‘लोकतांत्रिक गणराज्य’ है, जिसका अर्थ है कि सत्ता का स्रोत जनता है और राज्य का प्रमुख भी जनता के प्रतिनिधियों द्वारा चुना जाता है।
- गलत विकल्प: (a) ‘संप्रभु’ शब्द का अर्थ है। (c) ‘समानता’ का अर्थ है। (d) ‘पंथनिरपेक्ष’ (धर्मनिरपेक्ष) का अर्थ है।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ (Equal pay for equal work) के सिद्धांत से संबंधित है, जो राज्य नीति के निदेशक तत्वों का हिस्सा है?
- अनुच्छेद 39 (क)
- अनुच्छेद 39 (ख)
- अनुच्छेद 39 (ग)
- अनुच्छेद 41
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 39 (ग) राज्य को निर्देश देता है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए काम करे कि पुरुषों और स्त्रियों दोनों के लिए समान कार्य का समान वेतन हो।
- संदर्भ एवं विस्तार: हालांकि यह एक निर्देशक सिद्धांत है और सीधे तौर पर प्रवर्तनीय नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में इसे मौलिक अधिकारों (जैसे अनुच्छेद 14) के साथ जोड़कर इसका महत्व बढ़ाया है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 39(क) समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता की बात करता है। अनुच्छेद 39(ख) भौतिक संसाधनों के समान वितरण की बात करता है। अनुच्छेद 41 काम, शिक्षा और सामाजिक सहायता का अधिकार प्रदान करता है।