हीरे के अद्भुत गुण: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रिय प्रतियोगी साथियों! प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सामान्य विज्ञान एक अत्यंत महत्वपूर्ण खंड है। अक्सर, विज्ञान से जुड़े प्रश्न सीधे तौर पर हमारे आस-पास की दुनिया या वैज्ञानिक खोजों से प्रेरित होते हैं। “Doubling Down on Diamond” जैसे शीर्षक हमें विज्ञान के उन अनूठे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करते हैं जो परीक्षा के दृष्टिकोण से प्रासंगिक हो सकते हैं। यह अभ्यास सत्र आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण अवधारणाओं की गहरी समझ विकसित करने में मदद करेगा, जो आपकी आगामी परीक्षाओं में सफलता की नींव रखेगा। आइए, इन प्रश्नों के माध्यम से अपने ज्ञान को परखें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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प्रश्न 1: हीरे का कठोरतम रूप से प्रसिद्ध होने का मुख्य कारण क्या है?
- (a) इसमें कार्बन परमाणुओं के बीच आयनिक बंध होते हैं।
- (b) इसमें कार्बन परमाणु त्रिकोणीय समतलीय ज्यामिति में व्यवस्थित होते हैं।
- (c) इसमें कार्बन परमाणु sp3 संकरित होते हैं और सहसंयोजक बंधों का एक त्रि-आयामी (3D) नेटवर्क बनाते हैं।
- (d) इसमें कार्बन परमाणु वाष्पशील अवस्था में मौजूद होते हैं।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधों की प्रकृति और परमाणुओं की व्यवस्था किसी पदार्थ के भौतिक गुणों, जैसे कठोरता, को निर्धारित करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है। ये बंध sp3 संकरण के माध्यम से बनते हैं और एक त्रि-आयामी (3D) जाली संरचना बनाते हैं। ये अत्यधिक मजबूत सहसंयोजक बंध ही हीरे की असाधारण कठोरता का कारण बनते हैं। आयनिक बंध धातुओं और अधातुओं के बीच बनते हैं, और त्रिकोणीय समतलीय ज्यामिति sp2 संकरण से संबंधित है (जैसे ग्रेफाइट में)। वाष्पशील अवस्था आमतौर पर गैसों के लिए होती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 2: हीरे की उच्च अपवर्तनांक (refractive index) का कारण क्या है?
- (a) इसकी उच्च घनत्व (density) और प्रकाश को धीमा करने की क्षमता।
- (b) इसमें उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉन।
- (c) इसमें कार्बन परमाणुओं के बीच मौजूद अंतर-आणविक बल।
- (d) इसकी ऊष्मीय चालकता।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ का अपवर्तनांक (refractive index) उस माध्यम में प्रकाश की गति पर निर्भर करता है। उच्च अपवर्तनांक का अर्थ है कि प्रकाश उस माध्यम में अधिक धीमा हो जाता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक इसके सघन क्रिस्टल जाली संरचना और प्रकाश के साथ इसके मजबूत अंतःक्रिया के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप प्रकाश धीमी गति से यात्रा करता है। इसकी उच्च घनत्व इस प्रभाव में योगदान करती है। मुक्त इलेक्ट्रॉन विद्युत चालकता के लिए जिम्मेदार होते हैं, अंतर-आणविक बल ठोस की तुलना में द्रवों और गैसों में अधिक महत्वपूर्ण होते हैं, और ऊष्मीय चालकता सीधे तौर पर अपवर्तनांक से संबंधित नहीं है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न 3: हीरे में किस प्रकार का क्रिस्टल जाली (crystal lattice) पाया जाता है?
- (a) घनीय केंद्रित (Face-centered cubic)
- (b) षट्कोणीय (Hexagonal)
- (c) हीरा घन (Diamond cubic)
- (d) सरल घनीय (Simple cubic)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल जाली किसी ठोस पदार्थ में परमाणुओं की व्यवस्थित त्रि-आयामी व्यवस्था का वर्णन करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की विशिष्ट क्रिस्टल संरचना को “हीरा घन” जाली के रूप में जाना जाता है, जो एक फलक-केंद्रित घनीय (FCC) लैटिस का एक रूपांतर है जिसमें दो अंतःप्रवेशी (interpenetrating) FCC जाली होती हैं। यह जटिल लेकिन अत्यंत स्थिर संरचना हीरे की कठोरता और अन्य गुणों के लिए महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 4: वह प्रक्रिया जिसके द्वारा हीरे को कृत्रिम रूप से उच्च दाब और तापमान पर बनाया जाता है, क्या कहलाती है?
- (a) वाष्पीकरण (Vaporization)
- (b) उर्ध्वपातन (Sublimation)
- (c) उच्च दाब संश्लेषण (High-Pressure Synthesis)
- (d) रासायनिक वाष्प निक्षेपण (Chemical Vapor Deposition – CVD)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उच्च दाब संश्लेषण (HPHT) जैसी विधियाँ भौतिक गुणों को बदलने के लिए पदार्थों पर उच्च दाब और तापमान लागू करती हैं।
व्याख्या (Explanation): कृत्रिम हीरे बनाने के लिए सबसे आम तरीकों में से एक है उच्च दाब, उच्च तापमान (HPHT) विधि, जहाँ ग्रेफाइट को अत्यधिक उच्च दाब (अरबों पास्कल) और तापमान (1500°C से ऊपर) पर गर्म किया जाता है। यह उन परिस्थितियों को दोहराता है जो प्राकृतिक रूप से पृथ्वी की गहराइयों में हीरे बनाते हैं। CVD एक अन्य विधि है, लेकिन HPHT अधिक सामान्यतः “कृत्रिम हीरे” के बड़े पैमाने पर उत्पादन से जुड़ी है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 5: हीरे को जलाने पर (अपर्याप्त ऑक्सीजन की उपस्थिति में) कौन सा उत्पाद बनता है?
- (a) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
- (c) कार्बन (C) (काली राख)
- (d) कोई प्रतिक्रिया नहीं होती
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन के अपूर्ण दहन से कार्बन मोनोऑक्साइड बनता है, जबकि पूर्ण दहन से कार्बन डाइऑक्साइड बनता है।
व्याख्या (Explanation): जब हीरा (जो शुद्ध कार्बन है) ऑक्सीजन की सीमित आपूर्ति में जलता है, तो अपूर्ण दहन होता है, जिससे कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) बनता है। समीकरण है: 2C(s) + O2(g) → 2CO(g)। पूर्ण दहन में, समीकरण C(s) + O2(g) → CO2(g) होता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न 6: हीरे के अत्यधिक उच्च गलनांक (melting point) का मुख्य कारण क्या है?
- (a) परमाणुओं के बीच कमजोर वैन डेर वाल्स बल।
- (b) परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधों का एक विशाल नेटवर्क।
- (c) आयनिक बंधों की उपस्थिति।
- (d) धातुई बंधों की उपस्थिति।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी पदार्थ के गलनांक को तोड़ने के लिए आवश्यक ऊर्जा उसकी परमाणुओं या अणुओं को एक साथ बांधने वाले बंधों की ताकत पर निर्भर करती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में, कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधों का एक त्रि-आयामी (3D) नेटवर्क होता है। इन बंधों को तोड़ने के लिए अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके कारण हीरे का गलनांक बहुत अधिक होता है (लगभग 3550°C, हालांकि यह अक्सर बिना पिघले ग्रेफाइट में परिवर्तित हो जाता है)। कमजोर वैन डेर वाल्स बल, आयनिक या धातुई बंधों के कारण गलनांक उतना उच्च नहीं होता।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 7: हीरे को रासायनिक रूप से निष्क्रिय (chemically inert) बनाने में कौन सा कारक महत्वपूर्ण है?
- (a) उच्च घनत्व
- (b) सहसंयोजक बंधों की मजबूती
- (c) इसमें आयनों की अनुपस्थिति
- (d) कार्बन-कार्बन एकल बंध की उपस्थिति
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक निष्क्रियता का अर्थ है किसी पदार्थ की रासायनिक अभिकर्मकों के साथ प्रतिक्रिया करने की प्रवृत्ति का कम होना। यह बंधों की ताकत और इलेक्ट्रॉनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में मजबूत सहसंयोजक बंधों का एक अत्यंत स्थिर नेटवर्क होता है। ये बंध टूटने के लिए बहुत मजबूत होते हैं, और सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधों में बंधे होते हैं, जिससे रासायनिक प्रतिक्रियाओं के लिए कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन या आयन उपलब्ध नहीं होते हैं। इसलिए, हीरा अधिकांश रसायनों के प्रति निष्क्रिय होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 8: हीरे में विद्युत चालकता (electrical conductivity) का अभाव क्यों होता है?
- (a) क्योंकि इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं।
- (b) क्योंकि इसके परमाणु बहुत कसकर बंधे होते हैं।
- (c) क्योंकि इसमें आयनिक बंध होते हैं।
- (d) क्योंकि इसका क्रिस्टल जाली बहुत घना होता है।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए आवेश वाहकों (जैसे मुक्त इलेक्ट्रॉन या आयन) की उपस्थिति आवश्यक है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की संरचना में, कार्बन परमाणुओं के सभी चार संयोजी इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंधों में कसकर बंधे होते हैं। कोई भी इलेक्ट्रॉन मुक्त नहीं होता है जो विद्युत प्रवाह को ले जा सके। इसलिए, हीरा एक उत्कृष्ट विद्युत अचालक (insulator) है। ग्रेफाइट, जो कार्बन का एक अपररूप (allotrope) है, में मुक्त पाई (π) इलेक्ट्रॉन होते हैं, जिससे वह विद्युत का सुचालक होता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न 9: हीरे के चमकीलेपन (brilliance) और आग (fire) का कारण क्या है?
- (a) उच्च अपवर्तनांक और आंतरिक परावर्तन।
- (b) प्रकाश के साथ इसकी कमजोर प्रतिक्रिया।
- (c) नीले रंग का प्रकाश उत्सर्जित करना।
- (d) इसमें मौजूद अशुद्धियाँ।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाशिकी में, अपवर्तन (refraction) और पूर्ण आंतरिक परावर्तन (total internal reflection) किसी वस्तु के चमकीलेपन और रंगीन चमक (आग) में योगदान करते हैं।
व्याख्या (Explanation): हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) प्रकाश को उसके अंदर अधिक मोड़ता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह कई बार आंतरिक रूप से परावर्तित होता है, जो उच्च कटाई (faceting) के साथ मिलकर इसे अत्यधिक चमकीला बनाता है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न तरंग दैर्ध्य (wavelengths) के प्रकाश के अलग-अलग अपवर्तनांक के कारण, प्रकाश के घटक विक्षेपित (dispersed) होते हैं, जिससे रंगीन चमक या “आग” दिखाई देती है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा हीरा एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला हीरे का अपररूप (allotrope) नहीं है?
- (a) ग्रेफाइट (Graphite)
- (b) फुलरीन (Fullerenes)
- (c) हीरे का कांच (Glassy carbon)
- (d) उपरोक्त सभी हीरे के अपररूप हैं।
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपररूप (allotrope) एक ही रासायनिक तत्व के विभिन्न रूपों को कहते हैं जो भिन्न-भिन्न भौतिक गुणों के साथ समान भौतिक अवस्था में मौजूद होते हैं।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट, फुलरीन (जैसे बकिमिन्स्टरफुलरीन, C60), और हीरे का कांच (glassy carbon, जो कार्बन का एक रूप है जिसमें ग्रेफाइट जैसी संरचनाएं होती हैं लेकिन अक्रिस्टलीय होती है) सभी कार्बन के अपररूप या कार्बन के रूप माने जाते हैं। हीरा अपने विशिष्ट sp3 संकरित त्रि-आयामी नेटवर्क के साथ एक अलग अपररूप है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रश्न 11: हीरे में कार्बन-कार्बन बंध की लंबाई लगभग कितनी होती है?
- (a) 154 pm
- (b) 134 pm
- (c) 120 pm
- (d) 142 pm
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बंध लंबाई (bond length) परमाणुओं के नाभिकों के बीच की औसत दूरी है।
व्याख्या (Explanation): हीरे में कार्बन-कार्बन सहसंयोजक एकल बंध (single covalent bond) की लंबाई लगभग 154 पिकोमीटर (pm) होती है। ग्रेफाइट में, कार्बन-कार्बन बंध (एक मिश्रित एकल-दोहरा बंध) लगभग 142 pm होता है, और हीरे के कांच में यह भिन्न हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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प्रश्न 12: हीरे को ‘सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ’ का दर्जा किस आधार पर दिया जाता है?
- (a) इसकी उच्च घनत्व
- (b) इसकी उच्च ऊष्मीय चालकता
- (c) इसकी उत्कृष्ट क्रिस्टल संरचना और मजबूत सहसंयोजक बंध
- (d) इसका उच्च अपवर्तनांक
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पदार्थ की कठोरता (hardness) उसके बंधों की ताकत और परमाणुओं की व्यवस्था पर निर्भर करती है, जो भौतिक रूप से खरोंच या घर्षण का विरोध करने की क्षमता को दर्शाती है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की कठोरता का मुख्य कारण इसके त्रि-आयामी नेटवर्क में कार्बन परमाणुओं के बीच मजबूत सहसंयोजक बंधों की उपस्थिति है। ये बंध आसानी से नहीं टूटते, जिससे हीरा खरोंच प्रतिरोधी (scratch-resistant) बनता है। मोहर कठोरता पैमाने (Mohs Hardness Scale) पर, हीरे को 10 का स्कोर दिया गया है, जो इसे सबसे कठोर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ बनाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 13: यदि हम हीरे की तुलना में ग्रेफाइट की बात करें, तो ग्रेफाइट में कार्बन परमाणु किस प्रकार की संकरण (hybridization) अवस्था में होते हैं?
- (a) sp
- (b) sp2
- (c) sp3
- (d) dsp2
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): संकरण (Hybridization) परमाणुओं के संकरणित ऑर्बिटल्स के निर्माण की प्रक्रिया है जो रासायनिक बंधों के निर्माण में भाग लेते हैं।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट में, प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से बंधा होता है, जिससे षट्कोणीय (hexagonal) परतें बनती हैं। इस व्यवस्था में, कार्बन परमाणु sp2 संकरित होते हैं। प्रत्येक sp2 संकरित कार्बन परमाणु तीन सिग्मा (σ) बंध बनाता है, और शेष अप्रयुक्त p कक्षक (p-orbital) पर एक पाई (π) इलेक्ट्रॉन होता है। ये पाई इलेक्ट्रॉन परतों के बीच एक कमजोर डेलोकलाइज्ड (delocalized) इलेक्ट्रॉन प्रणाली बनाते हैं, जिससे ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 14: हीरे को गर्म करने पर (लगभग 760°C से ऊपर), यह ऑक्सीजन की उपस्थिति में किस गैस में परिवर्तित हो जाता है?
- (a) ओजोन (O3)
- (b) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
- (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
- (d) यह सीधे ग्रेफाइट में बदल जाता है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन युक्त पदार्थ जब ऑक्सीजन की उपस्थिति में उच्च तापमान पर जलते हैं, तो वे कार्बन डाइऑक्साइड बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): जब हीरे को पर्याप्त ऑक्सीजन की उपस्थिति में लगभग 760°C से ऊपर गर्म किया जाता है, तो उसका पूर्ण दहन होता है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) गैस बनती है। रासायनिक समीकरण है: C(s) + O2(g) → CO2(g)।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 15: कृत्रिम हीरे बनाने के लिए रासायनिक वाष्प निक्षेपण (CVD) विधि में किस प्रकार के अग्रदूत (precursor) का उपयोग किया जाता है?
- (a) ग्रेफाइट
- (b) मीथेन (Methane) जैसी हाइड्रोकार्बन गैसें
- (c) कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)
- (d) शुद्ध कार्बन पाउडर
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक वाष्प निक्षेपण (CVD) एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें गैसीय अभिकर्मकों से ठोस सामग्री का निक्षेपण (deposition) होता है।
व्याख्या (Explanation): CVD विधि में, हीरे को सब्सट्रेट (substrate) पर जमा करने के लिए कार्बन युक्त गैसों, जैसे मीथेन (CH4) या अन्य हाइड्रोकार्बन, को हाइड्रोजन गैस के साथ मिलाकर उच्च तापमान (लगभग 800°C) पर तोड़ा जाता है। इस प्रक्रिया में, कार्बन परमाणु सब्सट्रेट पर जमा होकर हीरे की एक परत बनाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा जैविक तंत्र (biological system) उच्च तापमान पर भी जीवित रह सकता है?
- (a) मैमोथ (Mammoth)
- (b) डायनासोर (Dinosaur)
- (c) तापप्रेमी जीवाणु (Thermophilic bacteria)
- (d) ये सभी
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीवों को उनके अनुकूलतम तापमान सीमा के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। तापप्रेमी जीव (thermophiles) उच्च तापमान वाले वातावरण में पनपते हैं।
व्याख्या (Explanation): तापप्रेमी जीवाणु (Thermophilic bacteria) ऐसे सूक्ष्मजीव हैं जो गर्म वातावरण, जैसे कि गर्म झरने और गहरे समुद्र के वेंट, में जीवित रहते हैं और प्रजनन करते हैं। इनके एंजाइम और प्रोटीन उच्च तापमान पर भी स्थिर रहते हैं। मैमोथ और डायनासोर विलुप्त हो चुके हैं और वे चरम उच्च तापमान वाले वातावरण के लिए अनुकूलित नहीं थे।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 17: यदि किसी प्रकाश किरण का अपवर्तन किसी माध्यम में अधिक होता है, तो इसका क्या अर्थ है?
- (a) प्रकाश की गति बढ़ जाती है।
- (b) प्रकाश की गति धीमी हो जाती है।
- (c) प्रकाश की आवृत्ति (frequency) बदल जाती है।
- (d) प्रकाश का तरंगदैर्ध्य (wavelength) नहीं बदलता।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपवर्तनांक (n) किसी माध्यम में प्रकाश की गति (v) और निर्वात में प्रकाश की गति (c) का अनुपात है: n = c/v।
व्याख्या (Explanation): किसी माध्यम का अपवर्तनांक जितना अधिक होता है, उस माध्यम में प्रकाश की गति उतनी ही धीमी हो जाती है। निर्वात का अपवर्तनांक 1 होता है, जहाँ प्रकाश अपनी अधिकतम गति से चलता है। पानी (n ≈ 1.33) और हीरे (n ≈ 2.42) जैसे सघन माध्यमों में प्रकाश की गति कम हो जाती है। आवृत्ति (frequency) प्रकाश के स्रोत पर निर्भर करती है और माध्यम बदलने पर नहीं बदलती, जबकि तरंगदैर्ध्य (wavelength) बदल जाती है (v = fλ)।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 18: हीरे की ऊष्मीय चालकता (thermal conductivity) बहुत अधिक क्यों होती है?
- (a) क्योंकि इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं।
- (b) क्योंकि इसके जाली कंपन (lattice vibrations) या फोनन (phonons) बहुत कुशल होते हैं।
- (c) क्योंकि यह प्रकाश को आसानी से अवशोषित करता है।
- (d) क्योंकि इसमें मजबूत आयनिक बंध होते हैं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ठोस पदार्थों में ऊष्मा का संचरण मुख्य रूप से जाली कंपनों (phonons) और/या मुक्त इलेक्ट्रॉनों द्वारा होता है।
व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण ऊष्मीय चालकता (जो तांबे से भी अधिक है) मुख्य रूप से इसके अत्यधिक कठोर और व्यवस्थित त्रि-आयामी सहसंयोजक नेटवर्क के कारण होती है। इस नेटवर्क में, परमाणु एक साथ कसकर बंधे होते हैं, और जब कंपन (phonons) उत्पन्न होते हैं, तो वे अत्यंत कुशलता से क्रिस्टल जाली के माध्यम से फैलते हैं, जिससे ऊष्मा का तीव्र संचरण होता है। मुक्त इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति के कारण, इलेक्ट्रॉनों द्वारा ऊष्मा संचरण नगण्य होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 19: कार्बन का कौन सा अपररूप (allotrope) विद्युत का सुचालक है?
- (a) हीरा (Diamond)
- (b) ग्रेफाइट (Graphite)
- (c) फुलरीन (Fullerene)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विद्युत चालकता के लिए आवेश वाहकों (जैसे मुक्त इलेक्ट्रॉन) की उपस्थिति आवश्यक है।
व्याख्या (Explanation): ग्रेफाइट में, कार्बन परमाणु sp2 संकरित होते हैं और षट्कोणीय परतें बनाते हैं। प्रत्येक कार्बन परमाणु से एक अतिरिक्त पाई (π) इलेक्ट्रॉन होता है जो परतों के बीच डेलोकलाइज्ड (delocalized) होता है। ये डेलोकलाइज्ड इलेक्ट्रॉन विद्युत प्रवाह को ले जा सकते हैं, जिससे ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक बनता है। हीरा, अपने sp3 संकरण और बंधे हुए इलेक्ट्रॉनों के कारण, विद्युत का कुचालक (insulator) है। कुछ फुलरीन भी अर्धचालक (semiconductor) गुण दिखा सकते हैं, लेकिन ग्रेफाइट मुख्य रूप से सुचालक के रूप में जाना जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 20: एक हीरे में दो अलग-अलग कार्बन परमाणुओं के बीच की दूरी को क्या कहते हैं?
- (a) बंध लंबाई (Bond length)
- (b) जाली पैरामीटर (Lattice parameter)
- (c) अंतर-परमाण्विक दूरी (Interatomic distance)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्रिस्टल जाली में परमाणुओं के बीच की दूरी को विभिन्न तरीकों से वर्णित किया जा सकता है, जो संदर्भ पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): एक ही बंध में दो परमाणुओं के बीच की दूरी को बंध लंबाई (bond length) कहते हैं। एक क्रिस्टल जाली में, परमाणुओं के बीच की दूरी को अंतर-परमाण्विक दूरी (interatomic distance) भी कहा जा सकता है। जाली पैरामीटर (lattice parameter) क्रिस्टल जाली की मूल इकाई सेल (unit cell) के आयामों को परिभाषित करता है, जिससे परमाणुओं के बीच की दूरी अप्रत्यक्ष रूप से निर्धारित होती है। इसलिए, संदर्भ के आधार पर, तीनों शब्द लागू हो सकते हैं, लेकिन प्रश्न “दो अलग-अलग कार्बन परमाणुओं” का उल्लेख करता है, न कि केवल बंधे हुए। हालांकि, सबसे सटीक शब्द “अंतर-परमाण्विक दूरी” होगा। यदि हम “बंध लंबाई” की बात करें तो वह सबसे कम दूरी होगी। जाली पैरामीटर इकाई सेल का आकार बताता है। सभी संदर्भों में यह दूरी किसी न किसी तरह से परिभाषित होती है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा मानव शरीर के लिए आवश्यक है और ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है?
- (a) विटामिन (Vitamins)
- (b) खनिज (Minerals)
- (c) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates)
- (d) प्रोटीन (Proteins)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (macronutrients) वे पोषक तत्व हैं जिनकी शरीर को बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है और जो ऊर्जा प्रदान करते हैं।
व्याख्या (Explanation): कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत हैं। शरीर ग्लूकोज के रूप में कार्बोहाइड्रेट का उपयोग करता है, जो सभी कोशिकाओं, विशेष रूप से मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के लिए ईंधन का मुख्य स्रोत है। विटामिन और खनिज ऊर्जा प्रदान नहीं करते, लेकिन वे चयापचय (metabolism) और शरीर के विभिन्न कार्यों के लिए आवश्यक हैं। प्रोटीन का उपयोग मुख्य रूप से ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए किया जाता है, हालांकि वे ऊर्जा स्रोत के रूप में भी काम कर सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 22: मानव रक्त का pH मान सामान्यतः कितना होता है?
- (a) 6.4 – 6.8
- (b) 7.35 – 7.45
- (c) 8.0 – 8.5
- (d) 5.0 – 5.5
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): pH स्केल किसी घोल की अम्लता या क्षारीयता को मापता है। 7 को उदासीन माना जाता है।
व्याख्या (Explanation): मानव रक्त का pH मान थोड़ा क्षारीय (alkaline) होता है, जो सामान्यतः 7.35 से 7.45 के बीच होता है। शरीर के उचित कार्यप्रणाली के लिए इस संकीर्ण pH सीमा को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सा प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) के लिए आवश्यक नहीं है?
- (a) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
- (b) जल (H2O)
- (c) ऑक्सीजन (O2)
- (d) सूर्य का प्रकाश (Sunlight)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसका उपयोग हरे पौधे और कुछ अन्य जीव प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं, जिससे शर्करा (sugars) का संश्लेषण होता है।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण के लिए मुख्य घटक कार्बन डाइऑक्साइड (वायुमंडल से), जल (मिट्टी से) और सूर्य का प्रकाश (ऊर्जा स्रोत) हैं। क्लोरोफिल (पत्तियों में) प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करता है। इस प्रक्रिया का उप-उत्पाद (by-product) ऑक्सीजन (O2) है, जो पौधों द्वारा वातावरण में छोड़ी जाती है, न कि प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 24: मानव शरीर में सबसे बड़ी ग्रंथि (largest gland) कौन सी है?
- (a) अग्न्याशय (Pancreas)
- (b) थायराइड ग्रंथि (Thyroid gland)
- (c) यकृत (Liver)
- (d) पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary gland)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव शरीर की विभिन्न ग्रंथियां विभिन्न महत्वपूर्ण कार्य करती हैं, और आकार के अनुसार उन्हें वर्गीकृत किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): मानव शरीर में यकृत (Liver) सबसे बड़ी आंतरिक ग्रंथि है। यह शरीर के वजन का लगभग 1.5% होता है और 500 से अधिक महत्वपूर्ण कार्य करता है, जिसमें पित्त (bile) का उत्पादन, विषहरण (detoxification) और चयापचय शामिल हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रश्न 25: ध्वनि की गति (speed of sound) किस माध्यम में सबसे तेज होती है?
- (a) निर्वात (Vacuum)
- (b) गैस (Gas)
- (c) तरल (Liquid)
- (d) ठोस (Solid)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ध्वनि तरंगें माध्यम के कणों के कंपन द्वारा फैलती हैं। माध्यम की सघनता और कणों के बीच बंधों की मजबूती ध्वनि की गति को प्रभावित करती है।
व्याख्या (Explanation): ध्वनि को फैलने के लिए एक माध्यम की आवश्यकता होती है, इसलिए यह निर्वात में यात्रा नहीं कर सकती। ध्वनि की गति माध्यम के घनत्व और प्रत्यास्थता (elasticity) पर निर्भर करती है। सामान्यतः, ध्वनि ठोसों में सबसे तेज, तरल पदार्थों में उससे कम और गैसों में सबसे धीमी गति से यात्रा करती है। इसका कारण यह है कि ठोसों में कण एक-दूसरे के बहुत करीब होते हैं और कसकर बंधे होते हैं, जिससे कंपन तेजी से स्थानांतरित होते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।