फेफड़ों के कैंसर के उपचार से जुड़े सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड है। नवीनतम वैज्ञानिक प्रगति और उनसे जुड़े मूलभूत सिद्धांतों की समझ आपको न केवल परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि आप दुनिया की वैज्ञानिक सच्चाइयों से अवगत रहें। यह प्रश्नोत्तरी फेफड़ों के कैंसर के उपचार में हालिया सफलता से प्रेरित है, जो आपको जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिकी के सिद्धांतों की पुनरावृति करने का एक शानदार अवसर प्रदान करती है। चलिए, अपनी तैयारी को परखते हैं!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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फेफड़ों के कैंसर के उपचार में ‘इम्यूनोथेरेपी’ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- (a) कैंसर कोशिकाओं को सीधे नष्ट करना
- (b) प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं से लड़ने के लिए उत्तेजित करना
- (c) ट्यूमर के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को रोकना
- (d) शरीर से कैंसर कोशिकाओं को निकालना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): इम्यूनोथेरेपी एक प्रकार का कैंसर उपचार है जो कैंसर से लड़ने के लिए शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली का उपयोग करता है।
व्याख्या (Explanation): इम्यूनोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं को सीधे मारने के बजाय, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (जैसे टी-कोशिकाएं) को कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने और उन पर हमला करने के लिए “सुपरचार्ज” करती है। यह एक अप्रत्यक्ष लेकिन शक्तिशाली तरीका है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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शीर्षक में उल्लिखित ‘माइटोकॉन्ड्रिया’ (Mitochondria) कोशिका के किस मुख्य कार्य के लिए जिम्मेदार है?
- (a) प्रोटीन संश्लेषण
- (b) ऊर्जा उत्पादन
- (c) कोशिका विभाजन
- (d) अपशिष्ट प्रबंधन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का ‘पावरहाउस’ कहा जाता है क्योंकि यह कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) के माध्यम से अधिकांश कोशिका की ऊर्जा मुद्रा, एटीपी (ATP) का उत्पादन करता है।
व्याख्या (Explanation): कैंसर के उपचार में प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सुपरचार्ज करने के लिए माइटोकॉन्ड्रिया की ऊर्जा-उत्पादन क्षमता को बढ़ाना एक महत्वपूर्ण रणनीति हो सकती है, जिससे वे कैंसर कोशिकाओं से अधिक प्रभावी ढंग से लड़ सकें।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जब हम ‘कैंसर’ शब्द का प्रयोग करते हैं, तो यह शरीर की किस मूलभूत प्रक्रिया के अनियंत्रित होने को दर्शाता है?
- (a) कोशिका क्षय (Cellular decay)
- (b) कोशिका विभेदन (Cell differentiation)
- (c) कोशिका प्रसार (Cell proliferation)
- (d) कोशिका क्रमादेशित मृत्यु (Apoptosis)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कैंसर अनियंत्रित कोशिका विभाजन (cell division) या प्रसार (proliferation) का एक रोग है, जहाँ कोशिकाएं सामान्य नियंत्रण तंत्रों को दरकिनार कर असीमित रूप से विभाजित होती रहती हैं।
व्याख्या (Explanation): कैंसर कोशिकाएं सामान्य से बहुत तेज गति से बढ़ती और विभाजित होती हैं। यह अनियंत्रित प्रसार ही ट्यूमर के निर्माण और शरीर के अन्य भागों में फैलने (मेटास्टेसिस) का कारण बनता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कैंसर के उपचार में प्रयुक्त होने वाली ‘कीमोथेरेपी’ (Chemotherapy) मुख्य रूप से किस पर आधारित है?
- (a) विकिरण का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को मारना
- (b) प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना
- (c) तेजी से विभाजित होने वाली कोशिकाओं (कैंसर कोशिकाओं सहित) को मारना
- (d) हार्मोनल संतुलन को बदलना
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कीमोथेरेपी एक ऐसी दवा-आधारित उपचार पद्धति है जो कैंसर कोशिकाओं के विकास और प्रसार को रोकने के लिए दवाओं का उपयोग करती है।
व्याख्या (Explanation): कीमोथेरेपी की दवाएं उन कोशिकाओं पर हमला करती हैं जो तेजी से विभाजित होती हैं, जिसमें कैंसर कोशिकाएं शामिल हैं। हालांकि, यह स्वस्थ, तेजी से विभाजित होने वाली कोशिकाओं (जैसे बाल, अस्थि मज्जा, पाचन तंत्र की परत) को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे साइड इफेक्ट होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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फेफड़ों के कैंसर के उपचार में ‘जीन थेरेपी’ (Gene Therapy) का क्या तात्पर्य हो सकता है?
- (a) शरीर में नए जीन डालना जो कैंसर कोशिकाओं को मारते हैं
- (b) प्रतिरक्षा कोशिकाओं में सुधार करना
- (c) जीन जो कोशिका वृद्धि को नियंत्रित करते हैं, उन्हें संपादित करना
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जीन थेरेपी का उद्देश्य किसी बीमारी के इलाज के लिए जीन में परिवर्तन करना है।
व्याख्या (Explanation): जीन थेरेपी विभिन्न तरीकों से काम कर सकती है, जैसे कि क्षतिग्रस्त जीन को ठीक करना, नए जीन जोड़ना जो कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं, या जीन की गतिविधि को बदलना। यह कैंसर के इलाज में एक उभरता हुआ क्षेत्र है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा रसायन (Chemical) शरीर में ATP (Adenosine Triphosphate) के उत्पादन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है?
- (a) सोडियम क्लोराइड (NaCl)
- (b) ग्लूकोज (Glucose)
- (c) पोटेशियम आयोडाइड (KI)
- (d) कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिकीय श्वसन, जो माइटोकॉन्ड्रिया में होता है, ATP का उत्पादन करने के लिए मुख्य रूप से ग्लूकोज जैसे कार्बनिक अणुओं को तोड़ता है।
व्याख्या (Explanation): ग्लूकोज, ऑक्सीजन की उपस्थिति में, कई चरणों के माध्यम से टूटता है (जैसे ग्लाइकोलिसिस, क्रेब्स चक्र, इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला) जिससे बड़ी मात्रा में ATP ऊर्जा उत्पन्न होती है। अन्य विकल्प ऊर्जा उत्पादन के लिए सीधे आवश्यक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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शरीर में ‘कोशिका झिल्ली’ (Cell Membrane) का मुख्य कार्य क्या है?
- (a) कोशिका के अंदर आनुवंशिक सामग्री का भंडारण
- (b) कोशिका के बाहर से आने वाले पदार्थों को नियंत्रित करना
- (c) प्रोटीन का संश्लेषण करना
- (d) ऊर्जा का उत्पादन करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिका झिल्ली एक अर्ध-पारगम्य (semi-permeable) अवरोध है जो कोशिका के आंतरिक वातावरण को बाहरी वातावरण से अलग करता है और कोशिका में प्रवेश करने वाले और बाहर निकलने वाले पदार्थों को नियंत्रित करता है।
व्याख्या (Explanation): कोशिका झिल्ली की चयनात्मक पारगम्यता (selective permeability) सुनिश्चित करती है कि केवल आवश्यक अणु ही कोशिका में प्रवेश कर सकें और अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकल सकें। यह कोशिका की संरचना और कार्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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फेफड़ों के कैंसर से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ‘सुपरचार्ज’ करने के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा रासायनिक यौगिक (Chemical Compound) ऊर्जा के लिए मुख्य अणु है?
- (a) DNA
- (b) RNA
- (c) ATP
- (d) प्रोटीन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) कोशिका की मुख्य ऊर्जा मुद्रा है, जिसका उपयोग विभिन्न कोशिकीय प्रक्रियाओं को चलाने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): प्रतिरक्षा कोशिकाओं को अधिक सक्रिय रूप से कार्य करने और कैंसर कोशिकाओं से लड़ने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होगी। यह ऊर्जा ATP के रूप में प्रदान की जाती है, जिसका उत्पादन माइटोकॉन्ड्रिया द्वारा किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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फेफड़ों के कैंसर की कुछ थेरेपी में ‘ट्यूमर माइक्रोएन्वायरमेंट’ (Tumor Microenvironment) को लक्षित किया जाता है। इसमें क्या शामिल होता है?
- (a) केवल कैंसर कोशिकाएं
- (b) कैंसर कोशिकाएं, रक्त वाहिकाएं, प्रतिरक्षा कोशिकाएं और अन्य सहायक कोशिकाएं
- (c) केवल आसपास की स्वस्थ फेफड़ों की कोशिकाएं
- (d) केवल रोगी का कंकाल तंत्र
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ट्यूमर माइक्रोएन्वायरमेंट एक जटिल पारिस्थितिकी तंत्र है जिसमें कैंसर कोशिकाएं और उनके आस-पास के गैर-कैंसर वाले घटक शामिल होते हैं, जो ट्यूमर के विकास और प्रसार को प्रभावित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): ट्यूमर केवल कैंसर कोशिकाओं का समूह नहीं है; इसमें रक्त वाहिकाएं (जो ट्यूमर को पोषण देती हैं), विभिन्न प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिकाएं (जो ट्यूमर को दबा सकती हैं या उसका समर्थन कर सकती हैं), और अन्य सहायक कोशिकाएं (जैसे फाइब्रोब्लास्ट) भी शामिल होती हैं। इन घटकों को समझना और लक्षित करना उपचार को अधिक प्रभावी बना सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कोशिका की किस संरचना में DNA (Deoxyribonucleic Acid) का अधिकांश भाग पाया जाता है?
- (a) राइबोसोम (Ribosome)
- (b) एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum)
- (c) नाभिक (Nucleus)
- (d) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): यूकैरियोटिक कोशिकाओं (जैसे मानव कोशिकाएं) में, DNA मुख्य रूप से कोशिका के नाभिक के भीतर गुणसूत्रों (chromosomes) के रूप में पाया जाता है।
व्याख्या (Explanation): DNA कोशिका के आनुवंशिक निर्देशों को धारण करता है। नाभिक इन निर्देशों को सुरक्षित रखता है और कोशिका के विकास, कार्य और प्रजनन को नियंत्रित करता है। माइटोकॉन्ड्रिया में भी थोड़ी मात्रा में DNA होता है, लेकिन नाभिकीय DNA ही मुख्य होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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फेफड़ों के कैंसर के उपचार में ‘लक्षित चिकित्सा’ (Targeted Therapy) का मुख्य सिद्धांत क्या है?
- (a) पूरे शरीर पर अप्रभेदी कीमोथेरेपी का उपयोग करना
- (b) विशिष्ट आणविक लक्ष्यों (molecular targets) को बाधित करना जो कैंसर कोशिकाओं के विकास के लिए आवश्यक हैं
- (c) प्रतिरक्षा प्रणाली को सामान्य रूप से उत्तेजित करना
- (d) विकिरण की खुराक बढ़ाना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): लक्षित चिकित्सा ऐसी दवाएं या उपचार हैं जो कैंसर कोशिकाओं में विशिष्ट आनुवंशिक परिवर्तनों या प्रोटीन को लक्षित करती हैं, जबकि स्वस्थ कोशिकाओं को कम नुकसान पहुंचाती हैं।
व्याख्या (Explanation): यह थेरेपी कैंसर कोशिकाओं की उन कमजोरियों का फायदा उठाती है जो सामान्य कोशिकाओं में नहीं होतीं, जैसे कि विशिष्ट उत्परिवर्तन (mutations) या असामान्य प्रोटीन। यह कीमोथेरेपी की तुलना में अक्सर कम साइड इफेक्ट्स के साथ अधिक प्रभावी हो सकती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव शरीर में श्वसन प्रणाली का मुख्य कार्य क्या है?
- (a) पोषक तत्वों का अवशोषण
- (b) ऑक्सीजन का सेवन और कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन
- (c) रक्त का संचार
- (d) अपशिष्ट उत्पादों को फ़िल्टर करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): श्वसन प्रणाली शरीर को जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन प्रदान करती है और चयापचय (metabolism) के उप-उत्पाद कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालती है।
व्याख्या (Explanation): फेफड़े इस प्रक्रिया के केंद्र में हैं, जहाँ हवा से ऑक्सीजन रक्त में प्रवेश करती है और रक्त से कार्बन डाइऑक्साइड हवा में निकल जाती है। यह गैस विनिमय (gas exchange) कोशिकीय श्वसन के लिए महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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‘एंटीबॉडी’ (Antibodies) का निर्माण शरीर की किस प्रकार की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का हिस्सा है?
- (a) जन्मजात प्रतिरक्षा (Innate immunity)
- (b) अनुकूली प्रतिरक्षा (Adaptive immunity)
- (c) सेलुलर प्रतिरक्षा (Cellular immunity)
- (d) शारीरिक अवरोध (Physical barriers)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एंटीबॉडी, जिन्हें इम्यूनोग्लोबुलिन भी कहा जाता है, बी-कोशिकाओं (B-cells) द्वारा निर्मित प्रोटीन होते हैं और रोगजनकों (pathogens) को निष्क्रिय करने या उन्हें चिह्नित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह अनुकूली प्रतिरक्षा का एक प्रमुख घटक है।
व्याख्या (Explanation): अनुकूली प्रतिरक्षा रोगजनकों के प्रति विशिष्ट प्रतिक्रियाएं विकसित करती है, और एंटीबॉडी इस विशिष्टता के लिए महत्वपूर्ण हैं। सेलुलर प्रतिरक्षा टी-कोशिकाओं (T-cells) से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कैंसर कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि का एक सामान्य कारण कौन सा सेल सिग्नलिंग मार्ग (Cell Signaling Pathway) का असंतुलन हो सकता है?
- (a) एपोप्टोसिस सिग्नलिंग
- (b) वृद्धि कारक सिग्नलिंग (Growth factor signaling)
- (c) सेलुलर श्वसन
- (d) ऊर्जा चयापचय
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वृद्धि कारक (growth factors) और उनके रिसेप्टर्स (receptors) कोशिका वृद्धि और विभाजन को बढ़ावा देने वाले महत्वपूर्ण सिग्नलिंग अणु हैं। कैंसर में, ये मार्ग अक्सर अतिसक्रिय (overactive) हो जाते हैं।
व्याख्या (Explanation): जब वृद्धि कारक या उनके रिसेप्टर्स में उत्परिवर्तन (mutations) होते हैं, तो कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित हो सकती हैं, भले ही उन्हें वृद्धि का संकेत न मिल रहा हो। एपोप्टोसिस (क्रमादेशित कोशिका मृत्यु) का असंतुलन भी एक कारण है, लेकिन वृद्धि सिग्नलिंग का अतिरेक एक प्रमुख चालक है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव फेफड़ों में गैस विनिमय (Gas Exchange) के लिए कौन सी संरचनाएं जिम्मेदार हैं?
- (a) ब्रोंकाई (Bronchi)
- (b) श्वासनली (Trachea)
- (c) एल्वियोली (Alveoli)
- (d) डायाफ्राम (Diaphragm)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एल्वियोली फेफड़ों की छोटी, थैली जैसी संरचनाएं होती हैं जिनकी दीवारें बहुत पतली होती हैं और जो रक्त वाहिकाओं से घिरी होती हैं, जिससे ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का कुशल विनिमय संभव होता है।
व्याख्या (Explanation): ब्रोंकाई और श्वासनली वायुमार्ग हैं, जबकि डायाफ्राम श्वसन में मदद करने वाली एक मांसपेशी है। वास्तविक गैस विनिमय एल्वियोली की सतह पर होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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‘साइटोकिन्स’ (Cytokines) नामक प्रोटीन का प्रतिरक्षा प्रणाली में क्या कार्य होता है?
- (a) वे सीधे वायरस को मारते हैं
- (b) वे कोशिका वृद्धि को रोकते हैं
- (c) वे प्रतिरक्षा कोशिकाओं के बीच संचार और समन्वय करते हैं
- (d) वे DNA को ठीक करते हैं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): साइटोकिन्स छोटे प्रोटीन होते हैं जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं सहित विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं द्वारा स्रावित होते हैं और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के दौरान कोशिकाओं के बीच संकेत के रूप में कार्य करते हैं।
व्याख्या (Explanation): साइटोकिन्स प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने, प्रतिरक्षा कोशिकाओं को आकर्षित करने, उन्हें सक्रिय करने या निष्क्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे कैंसर उपचार में प्रतिरक्षा कोशिकाओं को उत्तेजित करने के लिए भी उपयोग किए जा सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कोशिका के ‘राइबोसोम’ (Ribosomes) का प्राथमिक कार्य क्या है?
- (a) ऊर्जा का उत्पादन
- (b) प्रोटीन का संश्लेषण
- (c) अपशिष्ट का पाचन
- (d) आनुवंशिक सामग्री का भंडारण
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): राइबोसोम वह कोशिकांग हैं जो mRNA (messenger RNA) से प्राप्त आनुवंशिक कोड का उपयोग करके प्रोटीन को संश्लेषित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): कोशिका के कार्य के लिए प्रोटीन आवश्यक हैं, और राइबोसोम ही इन प्रोटीनों के निर्माण की मशीनरी हैं। कैंसर उपचार में, प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय करने के लिए अधिक प्रोटीन की आवश्यकता हो सकती है, जिससे राइबोसोम की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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फेफड़ों के कैंसर के उपचार में ‘ऑन्कोजेन’ (Oncogenes) की भूमिका क्या है?
- (a) ये सामान्य कोशिका वृद्धि को बढ़ावा देते हैं
- (b) ये कैंसर कोशिकाओं को मारने में मदद करते हैं
- (c) ये उत्परिवर्तित (mutated) जीन हैं जो कैंसर के विकास को बढ़ावा देते हैं
- (d) ये प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऑन्कोजेन सामान्य जीन (जिन्हें प्रोटो-ऑन्कोजेन कहा जाता है) के उत्परिवर्तित रूप हैं जो कोशिका वृद्धि और विभाजन को नियंत्रित करते हैं। जब ये उत्परिवर्तित होते हैं, तो ये अनियंत्रित वृद्धि को बढ़ावा दे सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): ऑन्कोजेन का अतिसक्रियण कैंसर के विकास में एक प्रमुख कारक है। लक्षित चिकित्सा अक्सर इन ऑन्कोजेन की गतिविधि को बाधित करने का प्रयास करती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव शरीर में pH संतुलन बनाए रखने में कौन सा आयन (Ion) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है?
- (a) Na⁺
- (b) K⁺
- (c) H⁺
- (d) Ca²⁺
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): pH किसी विलयन में हाइड्रोजन आयनों (H⁺) की सांद्रता का माप है। H⁺ आयनों की सांद्रता में परिवर्तन pH को बदलता है।
व्याख्या (Explanation): मानव शरीर में pH को एक संकीर्ण सीमा (लगभग 7.35-7.45) के भीतर बनाए रखा जाता है। H⁺ आयनों की अधिकता विलयन को अम्लीय बनाती है, जबकि H⁺ आयनों की कमी क्षारीय बनाती है। बि⁻कार्बोनेट (HCO₃⁻) जैसे बफ़र सिस्टम H⁺ आयनों की सांद्रता को नियंत्रित करके pH को स्थिर रखते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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‘कैंसर सप्रेशन जीन’ (Cancer Suppression Genes) का कार्य क्या होता है?
- (a) ये कोशिका वृद्धि को बढ़ावा देते हैं
- (b) ये कोशिका विभाजन को अनियंत्रित करते हैं
- (c) ये कोशिका वृद्धि को नियंत्रित करते हैं और कैंसर को रोकने में मदद करते हैं
- (d) ये डीएनए प्रतिकृति (DNA replication) में सहायता करते हैं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कैंसर सप्रेशन जीन, जिन्हें ट्यूमर सप्रैसर जीन भी कहा जाता है, सामान्य कोशिका चक्र को नियंत्रित करने, DNA क्षति को ठीक करने या कोशिकाओं को एपोप्टोसिस के लिए प्रेरित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
व्याख्या (Explanation): जब ये जीन उत्परिवर्तित या निष्क्रिय हो जाते हैं, तो कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ना शुरू कर सकती हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। p53 एक प्रसिद्ध ट्यूमर सप्रैसर जीन है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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फेफड़ों के कैंसर की उपचार रणनीति में ‘इम्यून चेकपॉइंट इनहिबिटर’ (Immune Checkpoint Inhibitors) किस प्रकार कार्य करते हैं?
- (a) वे प्रतिरक्षा कोशिकाओं को मार देते हैं
- (b) वे कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने के लिए प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को हटाते हैं
- (c) वे प्रतिरक्षा कोशिकाओं को ‘ब्रेक’ लगाने वाले संकेतों से मुक्त करते हैं
- (d) वे सीधे कैंसर कोशिकाओं के DNA को बदलते हैं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): इम्यून चेकपॉइंट्स प्रतिरक्षा कोशिकाओं (जैसे T-cells) पर पाए जाने वाले प्रोटीन हैं जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को विनियमित करते हैं। कैंसर कोशिकाएं अक्सर इन चेकपॉइंट्स का उपयोग करके प्रतिरक्षा कोशिकाओं को निष्क्रिय कर देती हैं। इनहिबिटर इन ‘ब्रेक्स’ को हटाते हैं।
व्याख्या (Explanation): चेकपॉइंट इनहिबिटर, जैसे PD-1 या CTLA-4 को ब्लॉक करने वाली दवाएं, T-cells को कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन पर हमला करने की अनुमति देती हैं। यह एक प्रकार की इम्यूनोथेरेपी है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव रक्त में ऑक्सीजन परिवहन के लिए कौन सा प्रोटीन जिम्मेदार है?
- (a) कोलेजन (Collagen)
- (b) हीमोग्लोबिन (Hemoglobin)
- (c) इंसुलिन (Insulin)
- (d) एंटीबॉडी (Antibody)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं (red blood cells) में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है जिसमें लौह (iron) होता है। यह फेफड़ों में ऑक्सीजन के साथ बंधकर उसे शरीर के ऊतकों तक पहुंचाता है।
व्याख्या (Explanation): ऑक्सीजन का कुशल परिवहन शरीर की सभी कोशिकाओं के जीवित रहने के लिए आवश्यक है, जिसमें सक्रिय प्रतिरक्षा कोशिकाएं भी शामिल हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कोशिका की ‘लाइसोसोम’ (Lysosomes) का मुख्य कार्य क्या है?
- (a) प्रकाश संश्लेषण
- (b) ऊर्जा उत्पादन
- (c) कोशिका के भीतर अपशिष्ट पदार्थों और अवांछित घटकों का पाचन
- (d) आनुवंशिक सामग्री का संरक्षण
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): लाइसोसोम कोशिका के ‘पाचन तंत्र’ के रूप में कार्य करते हैं, जिनमें पाचक एंजाइम (digestive enzymes) होते हैं जो बड़े अणुओं, क्षतिग्रस्त कोशिकांगों और बाहरी कणों को तोड़ते हैं।
व्याख्या (Explanation): यह कोशिका को साफ रखने और पुनर्चक्रण (recycling) के लिए महत्वपूर्ण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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कैंसर के उपचार में ‘बायोमार्कर’ (Biomarkers) का क्या उपयोग है?
- (a) ये केवल शारीरिक व्यायाम को मापते हैं
- (b) ये उपचार की प्रतिक्रिया की निगरानी और व्यक्तिगत उपचार योजना बनाने में मदद करते हैं
- (c) ये ट्यूमर को सीधे मारते हैं
- (d) ये प्रतिरक्षा कोशिकाओं को पूरी तरह से दबा देते हैं
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बायोमार्कर ऐसे पदार्थ होते हैं जिन्हें शरीर में मापा जा सकता है और जो किसी विशेष स्थिति (जैसे कैंसर) या किसी दवा के प्रति प्रतिक्रिया के संकेतक होते हैं।
व्याख्या (Explanation): बायोमार्कर का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है कि क्या किसी रोगी में कैंसर है, वह कितना आक्रामक है, और वह किसी विशेष उपचार के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया देगा या नहीं। यह ‘पर्सनलाइज्ड मेडिसिन’ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम (Electromagnetic Spectrum) में, ‘गामा किरणें’ (Gamma Rays) जो कैंसर के उपचार (रेडियोथेरेपी) में उपयोग की जाती हैं, किस प्रकार की विकिरण का प्रतिनिधित्व करती हैं?
- (a) गैर-आयनीकरण विकिरण (Non-ionizing radiation)
- (b) आयनीकरण विकिरण (Ionizing radiation)
- (c) रेडियो तरंगें (Radio waves)
- (d) माइक्रोवेव (Microwaves)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आयनीकरण विकिरण में इतनी ऊर्जा होती है कि वह परमाणुओं या अणुओं से इलेक्ट्रॉनों को हटा सकती है, जिससे आयन बनते हैं। यह DNA को नुकसान पहुंचा सकता है, जिसका उपयोग कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए किया जाता है। गामा किरणें सबसे अधिक ऊर्जा वाली आयनीकरण विकिरण में से हैं।
व्याख्या (Explanation): गैर-आयनीकरण विकिरण, जैसे दृश्य प्रकाश या माइक्रोवेव, में आयनीकरण करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं होती है। रेडियोथेरेपी में गामा किरणों का उपयोग कैंसर कोशिकाओं के DNA को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है, जिससे उनकी वृद्धि रुक जाती है या वे मर जाती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।