इतिहास का महासंग्राम: अपनी तैयारी परखें!
तैयारी के इस रोमांचक सफर में आपका स्वागत है! आज हम इतिहास के विशाल सागर में डुबकी लगाएंगे और 25 चुनिंदा प्रश्नों के माध्यम से अपने ज्ञान को परखेंगे। यह मॉक टेस्ट आपको प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक भारत और विश्व इतिहास के महत्वपूर्ण पड़ावों से रूबरू कराएगा। तो कमर कस लीजिए और इतिहास के इस महासंग्राम के लिए तैयार हो जाइए!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों को हल करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता के किस स्थल से मिले साक्ष्यों से यह अनुमान लगाया जाता है कि वहाँ जल निकासी प्रणाली अत्यंत विकसित थी?
- कालीबंगा
- लोथल
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो से प्राप्त साक्ष्यों से पता चलता है कि यहाँ की जल निकासी प्रणाली अत्यंत व्यवस्थित और उन्नत थी। यहाँ सड़कों के किनारे नालियाँ बनी हुई थीं, जो घरों की नालियों से जुड़ती थीं और मुख्य नालियों में गिरती थीं।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो (सिंधु नदी के तट पर स्थित) में विशाल स्नानागार, अन्नागार और सुसज्जित सड़कें मिली हैं। जल निकासी व्यवस्था में घरों के अंदर स्नानागारों और शौचालयों से निकलने वाले गंदे पानी को मुख्य नालियों तक पहुँचाने के लिए ढकी हुई नालियों का प्रयोग किया जाता था।
- गलत विकल्प: कालीबंगा से जूते हुए खेत के साक्ष्य मिले हैं। लोथल से एक बंदरगाह (डॉकयार्ड) मिला है, जो एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था। हड़प्पा भी एक प्रमुख पुरातात्विक स्थल है, लेकिन मोहनजोदड़ो की जल निकासी प्रणाली विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस वैदिक देवता को ‘युद्ध का देवता’ माना जाता था?
- इंद्र
- वरुण
- सूर्य
- अग्नि
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ऋग्वेद में इंद्र को ‘युद्ध का देवता’ और ‘पुरंदर’ (किले तोड़ने वाला) के रूप में वर्णित किया गया है। उन्हें वर्षा, गर्जना और तूफान का देवता भी माना जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: इंद्र वैदिक आर्यों के सबसे महत्वपूर्ण देवता थे। ऋग्वेद के लगभग 250 सूक्त इंद्र को समर्पित हैं। उन्हें एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में चित्रित किया गया है जो वृत्रासुर जैसे राक्षसों का वध करके देवताओं की रक्षा करते थे।
- गलत विकल्प: वरुण को नैतिक व्यवस्था और जल का देवता माना जाता था। सूर्य को प्रकाश का देवता और अग्नि को देवताओं और मनुष्यों के बीच मध्यस्थ माना जाता था।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से किस जैन तीर्थंकर को ‘सर्प’ का प्रतीक माना जाता है?
- ऋषभनाथ
- पार्श्वनाथ
- महावीर
- अजितनाथ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 23वें जैन तीर्थंकर, पार्श्वनाथ, को सर्प (फण) के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: पार्श्वनाथ, जिनका जन्म काशी में हुआ था, ने चार महाव्रत (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह) दिए थे। उन्हें ‘सम्यक दर्शन’ (सम्यक श्रद्धा) का प्रचारक भी माना जाता है। जैन धर्म के इतिहास में वे एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं, और उन्हें अक्सर फन फैलाए हुए सर्प के नीचे ध्यान करते हुए दर्शाया जाता है।
- गलत विकल्प: ऋषभनाथ (आदिनाथ) पहले तीर्थंकर थे और उनका प्रतीक बैल है। महावीर 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे, जिनका प्रतीक सिंह है। अजितनाथ दूसरे तीर्थंकर थे और उनका प्रतीक हाथी है।
प्रश्न 4: मौर्य साम्राज्य के किस शासक को ‘भारतीय इतिहास का पहला महान साम्राज्य निर्माता’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- बिंदुसार
- अशोक
- बृहद्रथ
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: चंद्रगुप्त मौर्य को भारतीय इतिहास का पहला महान साम्राज्य निर्माता माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त मौर्य ने लगभग 322 ईसा पूर्व में नंद वंश के अंतिम शासक धनानंद को हराकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी। उन्होंने चाणक्य (कौटिल्य) की सहायता से एक विशाल और संगठित साम्राज्य का निर्माण किया, जिसने उत्तर-पश्चिम में सेल्युकस निकेटर से लेकर दक्षिण में मैसूर तक फैला हुआ था।
- गलत विकल्प: बिंदुसार चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र थे और उन्होंने साम्राज्य को बनाए रखा। अशोक, बिंदुसार के पुत्र, ने साम्राज्य का विस्तार किया लेकिन उनका मुख्य योगदान कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म के प्रसार में था। बृहद्रथ मौर्य वंश का अंतिम शासक था।
प्रश्न 5: गुप्त काल में ‘भारत का नेपोलियन’ किसे कहा जाता था?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: समुद्रगुप्त को उनकी विजयों और साम्राज्य विस्तार के कारण ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त (शासनकाल लगभग 335-380 ई.) ने एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया था। प्रयाग प्रशस्ति (हरिषेण द्वारा रचित) में उनकी अनेक विजयों का उल्लेख है, जिसमें उत्तर भारत के नौ राज्यों को जीतना और दक्षिण भारत में धर्मविजय करना शामिल है। उन्होंने अश्वमेध यज्ञ भी किया था।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश की नींव रखी और महाराजाधिराज की उपाधि धारण की। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के काल में साहित्य और कला का विकास हुआ। कुमारगुप्त को नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना का श्रेय दिया जाता है।
प्रश्न 6: विजयनगर साम्राज्य में ‘अष्टदिग्गज’ कौन थे?
- आठ प्रमुख मंत्री
- आठ प्रमुख सेनापति
- आठ महान कवि
- आठ प्रमुख व्यापारी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘अष्टदिग्गज’ विजयनगर साम्राज्य के कृष्णदेवराय के दरबार में रहने वाले आठ महान तेलुगु कवियों का समूह था।
- संदर्भ और विस्तार: कृष्णदेवराय (शासनकाल 1509-1529 ई.) स्वयं एक विद्वान और कवि थे। उन्होंने ‘आमुक्तमाल्यदा’ नामक तेलुगु काव्य की रचना की। उनके दरबार की शोभा बढ़ाने वाले इन आठ कवियों को ‘अष्टदिग्गज’ कहा जाता था, जिन्होंने तेलुगु साहित्य को समृद्ध किया।
- गलत विकल्प: ये कवि थे, न कि मंत्री, सेनापति या व्यापारी।
प्रश्न 7: दिल्ली सल्तनत का कौन सा सुल्तान ‘बाजार नियंत्रण प्रणाली’ के लिए जाना जाता है?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोजशाह तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: अलाउद्दीन खिलजी (शासनकाल 1296-1316 ई.) ने अपने साम्राज्य में वस्तुओं के मूल्यों को नियंत्रित करने के लिए एक विस्तृत बाजार नियंत्रण प्रणाली लागू की थी।
- संदर्भ और विस्तार: अलाउद्दीन खिलजी ने सैनिकों के लिए कम वेतन पर भी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने हेतु मूल्य नियंत्रण की व्यवस्था की। उन्होंने विभिन्न वस्तुओं के लिए अलग-अलग बाजार स्थापित किए, शहना-ए-मंडी (बाजार निरीक्षक) नियुक्त किए और कालाबाजारी पर कठोर दंड का प्रावधान किया।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने तुर्क-ए-चहलगानी (40 सरदारों का समूह) का गठन किया। बलबन अपनी ‘लौह और रक्त’ की नीति के लिए जाना जाता है। फिरोजशाह तुगलक ने नहरें खुदवाईं और कई शहर बसाए।
प्रश्न 8: 1857 के विद्रोह के दौरान, कानपुर से इसका नेतृत्व किसने किया था?
- रानी लक्ष्मीबाई
- बेगम हजरत महल
- नाना साहेब
- कुंवर सिंह
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह के दौरान कानपुर से इसका नेतृत्व नाना साहेब ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: नाना साहेब पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र थे और उन्होंने ब्रिटिशों द्वारा उनकी पेंशन रोकने के कारण विद्रोह में भाग लिया। उन्होंने कानपुर पर अधिकार कर लिया था और बाजीराव द्वितीय को पुनः पेशवा घोषित कर दिया था।
- गलत विकल्प: रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से, बेगम हजरत महल ने लखनऊ से और कुंवर सिंह ने जगदीशपुर (बिहार) से विद्रोह का नेतृत्व किया था।
प्रश्न 9: ‘वेदांत कॉलेज’ की स्थापना राजा राममोहन राय ने कहाँ की थी?
- बनारस
- कोलकाता
- दिल्ली
- मद्रास
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: राजा राममोहन राय ने 1825 में कोलकाता में वेदांत कॉलेज की स्थापना की थी।
- संदर्भ और विस्तार: वेदांत कॉलेज का उद्देश्य भारतीय छात्रों को पश्चिमी शिक्षा के साथ-साथ भारतीय दर्शन और साहित्य का ज्ञान प्रदान करना था। यह कॉलेज भारतीय ज्ञान को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था। राजा राममोहन राय भारतीय पुनर्जागरण के अग्रदूत माने जाते हैं।
- गलत विकल्प: बनारस, दिल्ली और मद्रास अन्य महत्वपूर्ण शहर थे, लेकिन वेदांत कॉलेज की स्थापना कोलकाता में हुई थी।
प्रश्न 10: भारत में ‘स्थायी बंदोबस्त’ (Permanent Settlement) की शुरुआत किसने की थी?
- लॉर्ड वेलेजली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड विलियम बेंटिक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारत में स्थायी बंदोबस्त (जिसे जमींदारी प्रथा भी कहते हैं) की शुरुआत लॉर्ड कॉर्नवालिस ने 1793 में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह भूमि राजस्व प्रणाली मुख्य रूप से बंगाल, बिहार, उड़ीसा और बनारस में लागू की गई थी। इसके तहत, जमींदारों को भूमि का मालिक बनाया गया और उनसे कहा गया कि वे सरकार को एक निश्चित राशि राजस्व के रूप में हर साल जमा कराएँ। जमींदार किसानों से मनमाना लगान वसूल सकते थे।
- गलत विकल्प: लॉर्ड वेलेजली ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) के लिए जाने जाते हैं। लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए प्रसिद्ध थे। लॉर्ड विलियम बेंटिक ने सती प्रथा का अंत किया था।
प्रश्न 11: ‘गदर पार्टी’ का मुख्यालय कहाँ स्थित था?
- सैन फ्रांसिस्को
- न्यूयॉर्क
- लंदन
- बर्लिन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: गदर पार्टी का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित था।
- संदर्भ और विस्तार: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों को संगठित करना था। पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र भी प्रकाशित किया।
- गलत विकल्प: न्यूयॉर्क, लंदन और बर्लिन अन्य महत्वपूर्ण केंद्र थे जहाँ भारतीय राष्ट्रवादी गतिविधियों का संचालन होता था, लेकिन गदर पार्टी का मुख्य मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को था।
प्रश्न 12: खिलाफत आंदोलन के प्रमुख नेता कौन थे?
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- अली बंधु (मौलाना मोहम्मद अली और मौलाना शौकत अली)
- सरदार पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: खिलाफत आंदोलन के प्रमुख नेता अली बंधु, अर्थात मौलाना मोहम्मद अली और मौलाना शौकत अली थे।
- संदर्भ और विस्तार: प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्की के खलीफा के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए यह आंदोलन चलाया गया था। भारतीय मुसलमानों ने ब्रिटिश सरकार पर खलीफा के प्रति नरम रुख अपनाने का दबाव बनाने के लिए इस आंदोलन का समर्थन किया। महात्मा गांधी ने इस आंदोलन को भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन से जोड़ने का प्रयास किया और इसे असहयोग आंदोलन के साथ जोड़ा।
- गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल ने असहयोग आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन खिलाफत आंदोलन के मुख्य नेता अली बंधु थे। महात्मा गांधी ने इसका समर्थन किया था।
प्रश्न 13: ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन का प्रस्ताव कांग्रेस के किस अधिवेशन में पारित किया गया?
- लाहौर अधिवेशन (1929)
- फैजपुर अधिवेशन (1936)
- रामगढ़ अधिवेशन (1940)
- बंबई अधिवेशन (1942)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन का प्रस्ताव 8 अगस्त, 1942 को बंबई (अब मुंबई) में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पारित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन में महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया था। इस आंदोलन का उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन को समाप्त करना था। इस प्रस्ताव के पारित होने के तुरंत बाद, गांधीजी सहित कई प्रमुख कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।
- गलत विकल्प: लाहौर अधिवेशन (1929) में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ था। फैजपुर अधिवेशन (1936) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन था जो किसी गाँव में हुआ था। रामगढ़ अधिवेशन (1940) में व्यक्तिगत सत्याग्रह की शुरुआत का निर्णय लिया गया था।
प्रश्न 14: ऋग्वैदिक काल में ‘सभा’ और ‘समिति’ क्या थीं?
- न्याय व्यवस्था की संस्थाएं
- धार्मिक अनुष्ठानों की परिषदें
- राजकीय प्रशासन में परामर्शदात्री संस्थाएं
- वैवाहिक व्यवस्था की सभाएं
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ऋग्वैदिक काल में ‘सभा’ और ‘समिति’ दो महत्वपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक परामर्शदात्री संस्थाएं थीं।
- संदर्भ और विस्तार: ‘समिति’ एक सामान्य परिषद थी जिसमें सामान्य लोग भाग लेते थे और राजा के चुनाव या निष्कासन में भूमिका निभाती थी। ‘सभा’ एक अभिजात वर्ग की संस्था थी, जिसमें संभवतः वरिष्ठ और अनुभवी व्यक्ति शामिल होते थे, और यह राजा को परामर्श देती थी। दोनों संस्थाएं जनजातीय लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थीं।
- गलत विकल्प: ये संस्थाएं न्यायिक या धार्मिक कार्यों के लिए विशेष रूप से समर्पित नहीं थीं, बल्कि व्यापक राजनीतिक और प्रशासनिक परामर्श से संबंधित थीं।
प्रश्न 15: दक्षिण भारत में, चोल राजवंश को किस शासक के अधीन सबसे अधिक शक्ति और प्रसिद्धि मिली?
- राजाराज प्रथम
- राजेंद्र प्रथम
- कुलतुंग प्रथम
- विक्रम चोल
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: राजेंद्र चोल प्रथम (शासनकाल 1014-1044 ई.) के अधीन चोल राजवंश ने अपनी चरम शक्ति और प्रसिद्धि प्राप्त की।
- संदर्भ और विस्तार: राजेंद्र प्रथम ने अपने पिता राजाराज प्रथम द्वारा स्थापित साम्राज्य का और विस्तार किया। उन्होंने उत्तर में गंगा नदी तक सैन्य अभियान चलाया, जिसे ‘गंगईकोंड चोलपुरम’ (गंगा का विजेता) की उपाधि से जोड़ा जाता है। उन्होंने श्रीलंका पर भी विजय प्राप्त की और एक शक्तिशाली नौसेना का निर्माण किया, जिसके बल पर उन्होंने दक्षिण-पूर्व एशिया (श्रीविजय) पर भी आक्रमण किया।
- गलत विकल्प: राजाराज प्रथम ने तंजावुर में राजराजेश्वर मंदिर का निर्माण करवाया और साम्राज्य की नींव रखी, लेकिन राजेंद्र प्रथम ने इसे अपने शिखर पर पहुँचाया। कुलतुंग प्रथम ने चोल साम्राज्य की कुछ उत्तरी सीमाओं को खो दिया था।
प्रश्न 16: ‘दोहरा शासन’ (Dual Government) प्रणाली भारत में किस गवर्नर-जनरल के कार्यकाल में लागू हुई?
- लॉर्ड क्लाइव
- लॉर्ड वारेन हेस्टिंग्स
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- लॉर्ड वेलेजली
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: दोहरा शासन प्रणाली (Dual Government) की शुरुआत रॉबर्ट क्लाइव ने 1765 में बक्सर के युद्ध के बाद की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, कंपनी के पास दीवानी (राजस्व वसूली) अधिकार थे, जबकि निजामत (प्रशासनिक और न्यायिक) अधिकार भारतीय नवाबों के पास थे। इससे राजस्व तो कंपनी के पास जाता था, लेकिन प्रशासन की जिम्मेदारी नवाबों की थी, जिससे जनता की स्थिति खराब हुई और इसे ‘कंपनी का कुशासन’ कहा गया।
- गलत विकल्प: लॉर्ड वारेन हेस्टिंग्स ने 1772 में इस प्रणाली को समाप्त किया और बंगाल को सीधे ब्रिटिश शासन के अधीन किया। लॉर्ड कॉर्नवालिस ने स्थायी बंदोबस्त लागू किया। लॉर्ड वेलेजली ने सहायक संधि प्रणाली को बढ़ावा दिया।
प्रश्न 17: किस मुगल बादशाह ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की शुरुआत की?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मुगल सम्राट अकबर ने 1581 ई. में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक नए धार्मिक सिद्धांत का प्रतिपादन किया था।
- संदर्भ और विस्तार: दीन-ए-इलाही सभी प्रमुख धर्मों के सार को मिलाकर एक सर्व-समावेशी धर्म बनाने का प्रयास था, जिसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और एकता को बढ़ावा देना था। यह एक प्रकार का सूफीवाद पर आधारित तर्कसंगत जीवन पद्धति थी। केवल बिरबल ने इसे स्वीकार किया था।
- गलत विकल्प: जहाँगीर अपनी न्यायप्रियता के लिए जाना जाता था। शाहजहाँ वास्तुकला का प्रेमी था और उसने ताज महल बनवाया। औरंगजेब एक रूढ़िवादी सुन्नी मुसलमान था और उसने दीन-ए-इलाही को समाप्त कर दिया था।
प्रश्न 18: भारत में साम्यवादी आंदोलन का जनक किसे माना जाता है?
- एम.एन. रॉय
- एस.ए. डांगे
- मुजफ्फर अहमद
- शौकत उस्मानी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: एम.एन. रॉय (माणिकेंद्र नाथ राय) को भारत में साम्यवादी आंदोलन के प्रमुख अग्रदूतों में से एक माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: एम.एन. रॉय ने अपनी प्रारंभिक क्रांतिकारी गतिविधियों के बाद मार्क्सवादी विचारधारा को अपनाया और ताशकंद में 1920 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (बोल्शेविक) की स्थापना की। उन्होंने भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन के सैद्धांतिक आधार की नींव रखी।
- गलत विकल्प: एस.ए. डांगे, मुजफ्फर अहमद और शौकत उस्मानी जैसे नेता भी भारतीय साम्यवादी आंदोलन के महत्वपूर्ण सदस्य थे, लेकिन एम.एन. रॉय को सैद्धांतिक और संगठनात्मक नेतृत्व के लिए जनक माना जाता है।
प्रश्न 19: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा किस भारतीय क्रांतिकारी ने दिया था?
- भगत सिंह
- सुभाष चंद्र बोस
- राम प्रसाद बिस्मिल
- चंद्र शेखर आजाद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा मुख्यतः शहीद भगत सिंह से जुड़ा है, हालांकि इसे पहली बार उर्दू कवि मौलाना हसरत मोहानी ने कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन (1921) में इस्तेमाल किया था।
- संदर्भ और विस्तार: भगत सिंह और उनके साथियों ने अपने क्रांतिकारी कार्यों के दौरान इस नारे को लोकप्रिय बनाया, खासकर दिल्ली की केंद्रीय विधानसभा में बम फेंकने के बाद। यह नारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश राज के खिलाफ एक शक्तिशाली आह्वान बन गया।
- गलत विकल्प: राम प्रसाद बिस्मिल जैसे क्रांतिकारी भी थे जिन्होंने ‘सरफरोशी की तमन्ना’ जैसे नारे दिए, लेकिन ‘इंकलाब जिंदाबाद’ भगत सिंह की पहचान बन गया।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को ‘कुमारगुप्त प्रथम’ के नाम से भी जाना जाता है?
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त प्रथम
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कुमारगुप्त प्रथम (शासनकाल 415-455 ई.) एक गुप्त शासक थे।
- संदर्भ और विस्तार: कुमारगुप्त प्रथम ने अपने लंबे शासनकाल में साम्राज्य को स्थिर रखा और विस्तार भी किया। उन्हें नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना का श्रेय दिया जाता है। उनके शासनकाल में हूणों का आक्रमण हुआ, जिसे उनके पुत्र स्कंदगुप्त ने सफलतापूर्वक रोका।
- गलत विकल्प: समुद्रगुप्त और चंद्रगुप्त द्वितीय उनके पूर्ववर्ती थे, जबकि स्कंदगुप्त उनके उत्तराधिकारी थे। यहाँ प्रश्न सीधा है कि ‘कुमारगुप्त प्रथम’ कौन था, और उत्तर वही है। (यह प्रश्न थोड़ा सीधा है, लेकिन यह सुनिश्चित करता है कि उम्मीदवार नामों को याद रखें।)
प्रश्न 21: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन की अध्यक्षता महात्मा गांधी ने की थी?
- कोलकाता अधिवेशन (1901)
- बेलगाम अधिवेशन (1924)
- कानपुर अधिवेशन (1925)
- फैजपुर अधिवेशन (1936)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: महात्मा गांधी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की केवल एक बार, 1924 में बेलगाम (वर्तमान कर्नाटक) में आयोजित अधिवेशन की अध्यक्षता की थी।
- संदर्भ और विस्तार: गांधीजी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे, लेकिन उन्होंने कांग्रेस की औपचारिक अध्यक्षता बहुत कम की। उन्होंने केवल बेलगाम अधिवेशन की अध्यक्षता की, जहाँ सहयोग आंदोलन के बाद के कार्यक्रमों पर चर्चा हुई।
- गलत विकल्प: कोलकाता अधिवेशन (1901) की अध्यक्षता दिनशॉ वाचा ने की थी, जहाँ गांधीजी उपस्थित थे। कानपुर अधिवेशन (1925) की अध्यक्षता सरोजिनी नायडू ने की थी। फैजपुर अधिवेशन (1936) की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी।
प्रश्न 22: ‘आर्य समाज’ की स्थापना किसने की थी?
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- स्वामी विवेकानंद
- राजा राममोहन राय
- ईश्वर चंद्र विद्यासागर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: ‘आर्य समाज’ की स्थापना 1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों को ज्ञान का सर्वोच्च स्रोत बताते हुए ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा दिया। उन्होंने मूर्ति पूजा, कर्मकांड और सामाजिक कुरीतियों का विरोध किया और शुद्ध वैदिक धर्म की पुनर्स्थापना का प्रयास किया। उनकी प्रसिद्ध कृति ‘सत्यार्थ प्रकाश’ है।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए।
प्रश्न 23: भारत में प्रथम रेलगाड़ी किस वायसराय के कार्यकाल में चलाई गई थी?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारत में पहली रेलगाड़ी लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल में 16 अप्रैल, 1853 को चलाई गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह रेलगाड़ी मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) से थाने के बीच 34 किलोमीटर की दूरी तय की थी। लॉर्ड डलहौजी को भारतीय रेलवे का जनक भी कहा जाता है, जिन्होंने भारत में डाक, तार और रेलवे व्यवस्था के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कैनिंग प्रथम वायसराय बने और 1857 के विद्रोह के समय गवर्नर-जनरल थे। लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट लागू किया था। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।
प्रश्न 24: अमेरिकी क्रांति (American Revolution) का प्रमुख नारा क्या था?
- स्वतंत्रता या मृत्यु
- प्रतिनिधित्व के बिना कराधान नहीं
- सभी मनुष्य समान पैदा हुए हैं
- साम्राज्यवाद का अंत करो
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: अमेरिकी क्रांति के दौरान औपनिवेशिकों का प्रमुख नारा “No Taxation Without Representation” (प्रतिनिधित्व के बिना कराधान नहीं) था।
- संदर्भ और विस्तार: यह नारा ब्रिटिश संसद द्वारा अमेरिकी उपनिवेशों पर लगाए गए करों के विरोध में था, क्योंकि उपनिवेशवादियों का ब्रिटिश संसद में कोई प्रतिनिधि नहीं था। उनका मानना था कि बिना प्रतिनिधित्व के उन पर कर लगाना उनकी स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
- गलत विकल्प: ‘स्वतंत्रता या मृत्यु’ फ्रांसीसी क्रांति से जुड़ा है। ‘सभी मनुष्य समान पैदा हुए हैं’ अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा का एक हिस्सा है, लेकिन यह कराधान के मुद्दे पर मुख्य नारा नहीं था। ‘साम्राज्यवाद का अंत करो’ 20वीं सदी का नारा है।
प्रश्न 25: फ्रांसीसी क्रांति (French Revolution) का प्रारंभ कब हुआ?
- 1776
- 1789
- 1830
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति का प्रारंभ 1789 ई. में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: 14 जुलाई, 1789 को बास्तील के पतन को फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस क्रांति ने फ्रांस में राजशाही को समाप्त कर दिया और गणतंत्र की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया। यह क्रांति ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) के आदर्शों के लिए जानी जाती है।
- गलत विकल्प: 1776 अमेरिकी क्रांति का वर्ष है। 1830 और 1848 में यूरोप में अन्य क्रांतियाँ हुईं, जैसे जुलाई क्रांति (1830) और 1848 की क्रांतियाँ, लेकिन फ्रांसीसी क्रांति का मुख्य काल 1789 से शुरू होता है।