अंतरिक्ष में जीवन के संकेत: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: अंतरिक्ष में जीवन की संभावना एक ऐसा विषय है जो हमेशा से वैज्ञानिकों और आम लोगों की जिज्ञासा का केंद्र रहा है। हालिया खगोलीय खोजों ने इस विषय को और भी रोचक बना दिया है। प्रतियोगी परीक्षाओं में, विशेषकर SSC, Railways और State PSCs जैसी परीक्षाओं में, सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण खंड होता है। इस खंड में अक्सर खगोल विज्ञान, जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान से जुड़े ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं जो हमारे ब्रह्मांड और उसमें हमारे स्थान को समझने में मदद करते हैं। आइए, इस रोमांचक विषय पर आधारित कुछ महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) का अभ्यास करें और अपनी तैयारी को परखें।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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एक युवा तारे के चारों ओर जीवन के निर्माण खंडों का पता लगाना किस वैज्ञानिक क्षेत्र की प्रमुख खोज है?
- (a) भूविज्ञान (Geology)
- (b) खगोल भौतिकी (Astrophysics)
- (c) भूगर्भशास्त्र (Geophysics)
- (d) जलवायु विज्ञान (Climatology)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): खगोल भौतिकी ब्रह्मांडीय पिंडों, जैसे तारों, ग्रहों, और उनकी संरचनाओं का अध्ययन है, जिसमें उनके निर्माण खंडों और रासायनिक प्रक्रियाओं की खोज शामिल है।
व्याख्या (Explanation): तारों और उनके चारों ओर मौजूद ग्रहों व अन्य खगोलीय पिंडों का अध्ययन खगोल भौतिकी का हिस्सा है। जीवन के निर्माण खंडों का पता लगाना, जो अक्सर सरल कार्बनिक अणु होते हैं, इस क्षेत्र के अंतर्गत आता है। भूविज्ञान पृथ्वी की संरचना और प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है, भूगर्भशास्त्र पृथ्वी की आंतरिक संरचना का, और जलवायु विज्ञान पृथ्वी के वायुमंडल और जलवायु का अध्ययन करता है। इसलिए, खगोल भौतिकी सबसे उपयुक्त क्षेत्र है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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अधिकांश जीवन के लिए आवश्यक माने जाने वाले “जीवन के निर्माण खंड” (building blocks of life) में निम्नलिखित में से कौन सा तत्व प्रमुख रूप से शामिल है?
- (a) लोहा (Iron)
- (b) कार्बन (Carbon)
- (c) सोना (Gold)
- (d) हीलियम (Helium)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पृथ्वी पर और संभवतः अन्यत्र जीवन के लिए कार्बन एक मौलिक तत्व है क्योंकि यह जटिल, स्थिर अणु बनाने में सक्षम है जो जीवन की प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक हैं।
व्याख्या (Explanation): कार्बन की बहुमुखी बॉन्डिंग क्षमता इसे विभिन्न प्रकार के यौगिक बनाने की अनुमति देती है, जैसे कि कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड, जो सभी जीवित जीवों के लिए आवश्यक हैं। जबकि लोहा (हीमोग्लोबिन में) और अन्य तत्व जीवन में भूमिका निभाते हैं, कार्बन को “जीवन का निर्माण खंड” माना जाता है। सोना एक भारी धातु है और हीलियम एक अक्रिय गैस है, जो जीवन के निर्माण खंड के रूप में उपयुक्त नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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उन अणुओं को क्या कहा जाता है जो जीवन के निर्माण खंडों के रूप में जाने जाते हैं और जिनके ब्रह्मांड में पाए जाने की संभावना है?
- (a) अकार्बनिक यौगिक (Inorganic Compounds)
- (b) कार्बनिक यौगिक (Organic Compounds)
- (c) रेडियोधर्मी यौगिक (Radioactive Compounds)
- (d) अक्रिय गैसें (Inert Gases)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बनिक यौगिक वे यौगिक होते हैं जिनमें कार्बन-कार्बन या कार्बन-हाइड्रोजन सहसंयोजक बंध होते हैं, और ये पृथ्वी पर जीवन का आधार बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): कार्बनिक यौगिक, जैसे एमिनो एसिड, शर्करा, और न्यूक्लियोबेस, जीवन के लिए आवश्यक जटिल अणु बनाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये ब्रह्मांड में भी मौजूद हो सकते हैं। अकार्बनिक यौगिकों में आमतौर पर कार्बन-कार्बन बंध नहीं होते हैं। रेडियोधर्मी यौगिक अस्थिर होते हैं और अक्रिय गैसें प्रतिक्रिया नहीं करती हैं, इसलिए वे जीवन के निर्माण खंडों के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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एक युवा तारे के आसपास जीवन के निर्माण खंडों की उपस्थिति का पता लगाना उस तारे के चारों ओर किस चीज़ के निर्माण की संभावना को इंगित करता है?
- (a) एक ब्लैक होल (A Black Hole)
- (b) एक सुपरनोवा (A Supernova)
- (c) एक ग्रह प्रणाली (A Planetary System)
- (d) एक पल्सर (A Pulsar)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): तारे के चारों ओर धूल और गैस का डिस्क ग्रह निर्माण के लिए एक सामान्य स्थल है, और इस डिस्क में जीवन के निर्माण खंडों का पाया जाना ग्रह निर्माण की प्रक्रिया का संकेत देता है।
व्याख्या (Explanation): युवा तारे अक्सर एक प्रोटो-प्लेनेटरी डिस्क से घिरे होते हैं, जो धूल, गैस और अन्य खगोलीय पिंडों से बनी होती है। इस डिस्क में जीवन के निर्माण खंडों का पाया जाना दर्शाता है कि ये खंड नए ग्रहों के निर्माण में शामिल हो सकते हैं। ब्लैक होल, सुपरनोवा और पल्सर तारों के जीवन चक्र के विभिन्न चरण हैं, लेकिन वे सीधे तौर पर जीवन के निर्माण खंडों के आसपास एक प्रणाली के निर्माण का संकेत नहीं देते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सौर मंडल के बाहर पाए जाने वाले ग्रहों को क्या कहा जाता है?
- (a) नेबुला (Nebula)
- (b) ब्लैक होल (Black Hole)
- (c) एक्सोप्लैनेट (Exoplanets)
- (d) क्वासर (Quasar)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एक्सोप्लैनेट वे ग्रह होते हैं जो हमारे अपने सौर मंडल के बाहर, किसी अन्य तारे की परिक्रमा करते हुए पाए जाते हैं।
व्याख्या (Explanation): हाल की खगोलीय खोजों में हमारे सौर मंडल के बाहर कई एक्सोप्लैनेट का पता चला है। नेबुला गैस और धूल के बादल होते हैं, ब्लैक होल अत्यंत घने खगोलीय पिंड होते हैं, और क्वासर सक्रिय गैलेक्सी के नाभिक होते हैं। ये सभी खगोलीय पिंड हैं, लेकिन एक्सोप्लैनेट विशेष रूप से तारों की परिक्रमा करने वाले ग्रहों को कहते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीवन के निर्माण खंडों में से एक, एमिनो एसिड, मुख्य रूप से किन तत्वों से बने होते हैं?
- (a) कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन
- (b) कार्बन, सिलिकॉन, ऑक्सीजन, सल्फर
- (c) हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस
- (d) कार्बन, लोहा, सल्फर, ऑक्सीजन
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एमिनो एसिड, जो प्रोटीन के निर्माण खंड हैं, एक केंद्रीय कार्बन परमाणु से जुड़े एक एमिनो समूह (-NH2), एक कार्बोक्सिल समूह (-COOH), एक हाइड्रोजन परमाणु और एक साइड चेन (R-group) से बने होते हैं। इन सभी में कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन प्रमुख तत्व हैं।
व्याख्या (Explanation): एमिनो एसिड जीवन की मूलभूत इकाइयाँ हैं। उनकी संरचना में आमतौर पर कार्बन (C), हाइड्रोजन (H), ऑक्सीजन (O), और नाइट्रोजन (N) शामिल होते हैं। कुछ एमिनो एसिड में सल्फर (S) भी हो सकता है। सिलिकॉन (Si) को कार्बन का विकल्प माना जाता है, लेकिन पृथ्वी पर जीवन के लिए प्राथमिक निर्माण खंड नहीं है। फास्फोरस (P) न्यूक्लिक एसिड के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन एमिनो एसिड के लिए प्रमुख नहीं है। लोहा (Fe) कुछ एंजाइमों के लिए आवश्यक है, लेकिन एमिनो एसिड का मूल तत्व नहीं है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हाइड्रोजन (H) और हीलियम (He) ब्रह्मांड में पाए जाने वाले सबसे प्रचुर मात्रा में कौन से तत्व हैं?
- (a) कार्बन और ऑक्सीजन
- (b) नाइट्रोजन और सल्फर
- (c) हाइड्रोजन और हीलियम
- (d) लोहा और सिलिकॉन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बिग बैंग के बाद, ब्रह्मांड का निर्माण मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम से हुआ था। तारे इन तत्वों को मिलाकर भारी तत्वों का निर्माण करते हैं।
व्याख्या (Explanation): ब्रह्मांड की कुल द्रव्यमान का लगभग 75% हाइड्रोजन और लगभग 24% हीलियम है। शेष 1% में अन्य सभी तत्व शामिल हैं, जैसे कि कार्बन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, लोहा आदि। इसलिए, हाइड्रोजन और हीलियम सबसे प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले तत्व हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा अणु, जीवन के निर्माण खंडों में से एक, ब्रह्मांड में अपेक्षाकृत आसानी से बन सकता है और अक्सर खगोलविदों द्वारा खोजा जाता है?
- (a) डीएनए (DNA)
- (b) प्रोटीन (Protein)
- (c) पानी (Water)
- (d) जटिल न्यूक्लिक एसिड (Complex Nucleic Acids)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पानी (H₂O) एक सरल, ध्रुवीय अणु है जो ब्रह्मांड में व्यापक रूप से मौजूद है, विशेष रूप से बर्फ या वाष्प के रूप में, और इसे जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण विलायक माना जाता है।
व्याख्या (Explanation): पानी (H₂O) ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले यौगिकों में से एक है। यह तारों के आसपास की डिस्क में, धूमकेतुओं में, और अन्य खगोलीय पिंडों पर पाया गया है। जीवन के लिए इसकी आवश्यकता के कारण, वैज्ञानिक पानी की उपस्थिति को एक्सोप्लैनेट पर जीवन की संभावना का एक प्रमुख संकेतक मानते हैं। डीएनए, प्रोटीन और जटिल न्यूक्लिक एसिड जैसे अणु अधिक जटिल होते हैं और उन्हें विशिष्ट परिस्थितियों की आवश्यकता होती है, इसलिए वे पानी की तुलना में ब्रह्मांड में कम आम या आसानी से पहचाने जाने योग्य नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जब वैज्ञानिक “जीवन के निर्माण खंड” की बात करते हैं, तो उनका क्या तात्पर्य होता है?
- (a) वे तारे जो जीवन को जन्म देते हैं
- (b) वे ग्रह जिन पर जीवन मौजूद हो सकता है
- (c) वे सरल अणु जो जीवन के लिए आवश्यक हैं
- (d) वे खगोलीय घटनाएं जो जीवन को नष्ट कर देती हैं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): “जीवन के निर्माण खंड” शब्द का उपयोग आमतौर पर उन रासायनिक घटकों या अणुओं को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो जीवित जीवों के निर्माण और कार्य करने के लिए आवश्यक हैं।
व्याख्या (Explanation): एमिनो एसिड, शर्करा, फैटी एसिड, और न्यूक्लियोबेस जैसे सरल कार्बनिक अणु जीवन के निर्माण खंड माने जाते हैं। ये अणु आपस में मिलकर प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड और न्यूक्लिक एसिड जैसे जटिल बायोमोलेक्यूल्स बनाते हैं, जो जीवन की सभी प्रक्रियाओं के लिए जिम्मेदार होते हैं। तारे जीवन को जन्म नहीं देते, ग्रह जीवन को आश्रय दे सकते हैं, और खगोलीय घटनाएं जीवन को प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन “निर्माण खंड” रासायनिक घटकों को संदर्भित करते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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किसी तारे के चारों ओर पाए जाने वाले ग्रह, जीवन के निर्माण खंडों के संभावित स्रोत के रूप में, किस प्रक्रिया द्वारा बनते हैं?
- (a) संघनन (Condensation)
- (b) वाष्पीकरण (Evaporation)
- (c) अपक्षय (Weathering)
- (d) संघनन और गुरुत्वाकर्षण (Accretion and Gravity)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ग्रहों का निर्माण मुख्य रूप से प्रोटो-प्लेनेटरी डिस्क में धूल और गैस के कणों के गुरुत्वाकर्षण के कारण एक साथ आकर (Accretion) बड़े पिंडों में बदलने से होता है।
व्याख्या (Explanation): तारे के निर्माण के बाद, उसके चारों ओर बची हुई धूल और गैस एक डिस्क का निर्माण करती है। इस डिस्क में, धूल के कण आपस में टकराकर और मिलकर बड़े पिंड (जैसे धूल के गोले, छोटी चट्टानें, और अंततः ग्रह) बनाते हैं। यह प्रक्रिया संघनन (Accretion) कहलाती है, और गुरुत्वाकर्षण इसे आगे बढ़ाता है। वाष्पीकरण पदार्थ के गैसीय अवस्था में बदलने की प्रक्रिया है, और अपक्षय चट्टानों का टूटना है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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ब्रह्मांड में कार्बनिक अणुओं की उपस्थिति, जैसे कि जीवन के निर्माण खंड, को समझने में निम्नलिखित में से कौन सी भौतिकी की शाखा सबसे अधिक सहायक है?
- (a) प्रकाशिकी (Optics)
- (b) ऊष्मप्रवैगिकी (Thermodynamics)
- (c) स्पेक्ट्रोस्कोपी (Spectroscopy)
- (d) ध्वनि विज्ञान (Acoustics)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): स्पेक्ट्रोस्कोपी वह वैज्ञानिक विधि है जो प्रकाश (विद्युत चुम्बकीय विकिरण) के साथ पदार्थ की अंतःक्रिया का अध्ययन करती है, जिससे किसी पदार्थ की रासायनिक संरचना का पता लगाया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): खगोलविद दूर के खगोलीय पिंडों से आने वाले प्रकाश का विश्लेषण करने के लिए स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग करते हैं। जब प्रकाश किसी अणु से गुजरता है या उससे उत्सर्जित होता है, तो वह विशिष्ट तरंग दैर्ध्य पर अवशोषित या उत्सर्जित होता है, जिससे एक अनूठी “स्पेक्ट्रम” बनता है। इस स्पेक्ट्रम का विश्लेषण करके, वैज्ञानिक यह पहचान सकते हैं कि कौन से अणु (जैसे कार्बनिक अणु) मौजूद हैं। प्रकाशिकी प्रकाश के गुणों का अध्ययन करती है, ऊष्मप्रवैगिकी ऊष्मा और ऊर्जा का, और ध्वनि विज्ञान ध्वनि का, इसलिए वे इस विशेष कार्य के लिए कम प्रासंगिक हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान के दृष्टिकोण से, जीवन के निर्माण खंडों में कार्बन की केंद्रीय भूमिका का कारण क्या है?
- (a) कार्बन एक उत्कृष्ट ऑक्सीकारक है।
- (b) कार्बन अन्य परमाणुओं के साथ बहुत स्थिर सहसंयोजक बंध बना सकता है।
- (c) कार्बन केवल द्विपरमाणुक अणु बनाता है।
- (d) कार्बन एक उत्कृष्ट विद्युत ऋणात्मक तत्व है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन की चतुष्फलकीय (tetrahedral) ज्यामिति और अन्य तत्वों के साथ चार सहसंयोजक बंध बनाने की क्षमता इसे जटिल और विविध अणु बनाने की अनुमति देती है, जो जीवन के लिए आवश्यक हैं।
व्याख्या (Explanation): कार्बन के परमाणु एक-दूसरे के साथ और हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, सल्फर जैसे अन्य तत्वों के साथ मजबूत सहसंयोजक बंध बना सकते हैं। यह क्षमता इसे लंबी श्रृंखलाएं, वलय और जटिल त्रि-आयामी संरचनाएं बनाने की अनुमति देती है, जो सभी जीवन प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। कार्बन एक ऑक्सीकारक नहीं है (यह अक्सर कम किया जाता है), यह सिर्फ द्विपरमाणुक अणु नहीं बनाता है, और यह ऑक्सीजन या फ्लोरीन की तरह अत्यधिक विद्युत ऋणात्मक नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि हम ब्रह्मांड में पानी की उपस्थिति पाते हैं, तो इसका सबसे महत्वपूर्ण निहितार्थ क्या है?
- (a) वहां गुरुत्वाकर्षण बहुत मजबूत है।
- (b) वहां एक ब्लैक होल मौजूद है।
- (c) वहां जीवन के पनपने की संभावना बढ़ जाती है।
- (d) वहां उच्च रेडियोधर्मी विकिरण है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति और अस्तित्व के लिए पानी एक आवश्यक विलायक और अभिकारक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
व्याख्या (Explanation): पानी की उपस्थिति को अक्सर “रहने योग्य क्षेत्र” (habitable zone) का एक प्रमुख संकेतक माना जाता है, वह क्षेत्र जहाँ किसी तारे के चारों ओर एक ग्रह की सतह पर तरल पानी मौजूद हो सकता है। जीवन के लिए पानी को एक आवश्यक घटक माना जाता है, इसलिए जहां भी पानी पाया जाता है, वहां जीवन की संभावना अधिक मानी जाती है। गुरुत्वाकर्षण, ब्लैक होल, या रेडियोधर्मी विकिरण की उपस्थिति पानी की उपस्थिति से सीधे संबंधित नहीं है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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“जीवन के निर्माण खंड” की खोज से संबंधित भौतिकी का कौन सा नियम बताता है कि ऊर्जा को न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है?
- (a) न्यूटन का गति का पहला नियम (Newton’s First Law of Motion)
- (b) ऊष्मप्रवैगिकी का पहला नियम (First Law of Thermodynamics)
- (c) ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत (Law of Conservation of Energy)
- (d) (b) और (c) दोनों
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत, जिसे ऊष्मप्रवैगिकी का पहला नियम भी कहा जाता है, बताता है कि किसी विलगित निकाय (isolated system) की कुल ऊर्जा स्थिर रहती है।
व्याख्या (Explanation): जीवन की प्रक्रियाओं में ऊर्जा का रूपांतरण शामिल है, जैसे कि प्रकाश संश्लेषण या कोशिकीय श्वसन। ऊर्जा संरक्षण का नियम (ऊष्मप्रवैगिकी का पहला नियम) यह सुनिश्चित करता है कि जीवन को चलाने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं में ऊर्जा का प्रवाह कैसे होता है, भले ही हम ब्रह्मांड में जीवन के निर्माण खंडों की तलाश कर रहे हों। न्यूटन का पहला नियम जड़त्व से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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उन ग्रहों पर जीवन की खोज में, जहां कार्बनिक अणु पाए गए हैं, रसायनज्ञ किस प्रकार के रासायनिक बंधनों का अध्ययन करते हैं?
- (a) आयनिक बंध (Ionic Bonds)
- (b) सहसंयोजक बंध (Covalent Bonds)
- (c) हाइड्रोजन बंध (Hydrogen Bonds)
- (d) धातु बंध (Metallic Bonds)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बनिक अणु कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधों द्वारा एक साथ बंधे होते हैं, जो जटिल संरचनाओं के निर्माण की अनुमति देते हैं।
व्याख्या (Explanation): कार्बनिक रसायन विज्ञान का आधार सहसंयोजक बंध हैं, जहां परमाणु इलेक्ट्रॉन साझा करते हैं। ये बंध कार्बन को अन्य कार्बन परमाणुओं और अन्य तत्वों के साथ मजबूत, स्थिर यौगिक बनाने में सक्षम बनाते हैं। आयनिक बंध इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण से बनते हैं (जैसे नमक में), हाइड्रोजन बंध ध्रुवीय अणुओं के बीच कमजोर आकर्षण होते हैं, और धातु बंध धातुओं में पाए जाते हैं। जीवन के निर्माण खंडों में मुख्य रूप से सहसंयोजक बंधों की भूमिका होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि किसी दूर के ग्रह के वायुमंडल में मीथेन (CH₄) और अमोनिया (NH₃) का पता चलता है, तो यह किस संभावना की ओर संकेत कर सकता है?
- (a) ग्रह पर ज्वालामुखी सक्रियता (Volcanic activity on the planet)
- (b) ग्रह पर कार्बनिक रसायन की उपस्थिति (Presence of organic chemistry on the planet)
- (c) ग्रह पर उच्च ऑक्सीजन स्तर (High oxygen levels on the planet)
- (d) ग्रह पर पानी की भारी कमी (Severe lack of water on the planet)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मीथेन और अमोनिया कार्बनिक यौगिकों के निर्माण के लिए आवश्यक प्रारंभिक सामग्री माने जाते हैं, और इनकी उपस्थिति एक ऐसे वातावरण का संकेत दे सकती है जहाँ जैविक या अकार्बनिक कार्बन रसायन शास्त्र सक्रिय है।
व्याख्या (Explanation): मीथेन (CH₄) और अमोनिया (NH₃) जैसे सरल कार्बनिक अणु ब्रह्मांड में पाए जाते हैं और इन्हें अधिक जटिल कार्बनिक अणुओं के निर्माण के लिए शुरुआती बिंदु माना जाता है। इन गैसों की उपस्थिति एक ऐसे वातावरण का संकेत दे सकती है जहां रासायनिक प्रतिक्रियाएं हो रही हैं जो जीवन के निर्माण खंडों को उत्पन्न कर सकती हैं। हालांकि ये ज्वालामुखी गतिविधि से भी उत्पन्न हो सकते हैं, लेकिन अधिक जटिल कार्बनिक रसायन शास्त्र की संभावना को बढ़ाना एक प्रमुख निहितार्थ है। ये गैसें अक्सर ऑक्सीजन-समृद्ध वातावरण या पानी की कमी वाले वातावरण में नहीं पाई जाती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीव विज्ञान में, एमिनो एसिड को क्या कहा जाता है?
- (a) न्यूक्लिक एसिड के निर्माण खंड
- (b) लिपिड के निर्माण खंड
- (c) प्रोटीन के निर्माण खंड
- (d) कार्बोहाइड्रेट के निर्माण खंड
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एमिनो एसिड वह मोनोमर इकाइयाँ हैं जो मिलकर पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाएँ बनाती हैं, जो प्रोटीन का निर्माण करती हैं।
व्याख्या (Explanation): प्रोटीन हमारे शरीर के प्रमुख निर्माण खंड हैं और लगभग सभी जैविक कार्यों में शामिल होते हैं। ये 20 विभिन्न एमिनो एसिड की लंबी श्रृंखलाओं से बने होते हैं, जो एक विशिष्ट क्रम में जुड़े होते हैं। न्यूक्लिक एसिड (जैसे डीएनए और आरएनए) न्यूक्लियोटाइड से बने होते हैं, लिपिड फैटी एसिड और ग्लिसरॉल से, और कार्बोहाइड्रेट मोनोसैकराइड से।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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हमारे सौर मंडल में, जीवन की संभावना के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक क्या है?
- (a) पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र
- (b) चंद्रमा की उपस्थिति
- (c) तरल पानी की उपलब्धता
- (d) सूर्य से दूरी
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): तरल पानी को पृथ्वी पर जीवन के लिए एक आवश्यक विलायक और प्रतिक्रिया माध्यम माना जाता है।
व्याख्या (Explanation): हालांकि सूर्य से दूरी (रहने योग्य क्षेत्र निर्धारित करने के लिए) और चुंबकीय क्षेत्र (विकिरण से बचाने के लिए) महत्वपूर्ण हैं, तरल पानी की उपलब्धता को जीवन के अस्तित्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष कारक माना जाता है। चंद्रमा की उपस्थिति पृथ्वी की जलवायु को स्थिर करने में मदद करती है, लेकिन यह जीवन के लिए उतना मौलिक नहीं है जितना कि पानी।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अंतरिक्ष में कार्बनिक अणुओं का पता लगाने का क्या महत्व है?
- (a) इससे पता चलता है कि ब्रह्मांड में कार्बन बहुत दुर्लभ है।
- (b) यह दर्शाता है कि जीवन के लिए केवल अकार्बनिक रसायन शास्त्र पर्याप्त है।
- (c) यह ब्रह्मांड में जीवन के उद्भव की संभावना को बढ़ाता है।
- (d) इससे पता चलता है कि सभी ग्रह पृथ्वी जैसे हैं।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बनिक अणुओं की उपस्थिति, जो जीवन के निर्माण खंड हैं, इंगित करती है कि जीवन को जन्म देने वाली रासायनिक प्रक्रियाएं ब्रह्मांड में व्यापक रूप से हो सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): ब्रह्मांड में कार्बनिक अणुओं की खोज इस विचार का समर्थन करती है कि जीवन के लिए आवश्यक रासायनिक घटक सार्वभौमिक हो सकते हैं। यह इंगित करता है कि जीवन का उद्भव, जैसा कि हम जानते हैं, केवल पृथ्वी तक ही सीमित नहीं हो सकता है, बल्कि अन्य ग्रहों पर भी हो सकता है जहां उपयुक्त परिस्थितियाँ मौजूद हों। यह ब्रह्मांड में कार्बन की प्रचुरता को भी रेखांकित करता है, न कि दुर्लभता को, और यह नहीं दर्शाता कि सभी ग्रह पृथ्वी जैसे हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सी प्रक्रिया आयनों के निर्माण से संबंधित है, जो कुछ रासायनिक बंधनों का आधार बनती है?
- (a) उदात्तीकरण (Sublimation)
- (b) आयनीकरण (Ionization)
- (c) बहुलकीकरण (Polymerization)
- (d) संघनन (Condensation)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आयनीकरण एक परमाणु या अणु से इलेक्ट्रॉनों को हटाकर या जोड़कर आयन (एक आवेशित कण) बनाने की प्रक्रिया है।
व्याख्या (Explanation): आयनीकरण आयनिक बंधों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है, जहां आयन इलेक्ट्रोस्टैटिक आकर्षण से बंधे होते हैं। उदाहरण के लिए, सोडियम क्लोराइड (NaCl) में, सोडियम परमाणु इलेक्ट्रॉन खोकर Na⁺ आयन बनाता है, और क्लोरीन परमाणु इलेक्ट्रॉन प्राप्त करके Cl⁻ आयन बनाता है। उदात्तीकरण ठोस से सीधे गैस बनना है, बहुलकीकरण छोटी इकाइयों को जोड़कर लंबी श्रृंखलाएं बनाना है, और संघनन गैस से द्रव बनना है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया में, पौधे सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा को किस रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं?
- (a) एडीपी (ADP)
- (b) एटीपी (ATP)
- (c) एनएडीपीएच (NADPH)
- (d) ग्लूकोज (Glucose)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ऑक्सीजन और ऊर्जा-समृद्ध कार्बनिक यौगिकों (जैसे ग्लूकोज) में परिवर्तित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण का अंतिम उत्पाद ग्लूकोज (एक शर्करा) है, जो पौधे के लिए भोजन या ऊर्जा स्रोत के रूप में कार्य करता है। एटीपी (एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट) प्रकाश संश्लेषण के दौरान ऊर्जा का एक अस्थायी वाहक है, जो बाद में ग्लूकोज के निर्माण के लिए उपयोग किया जाता है। एडीपी (एडिनोसिन डाइफॉस्फेट) एटीपी का पूर्ववर्ती है, और एनएडीपीएच एक अन्य ऊर्जा वाहक है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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अगर हमें किसी तारे के चारों ओर की डिस्क में जटिल कार्बनिक अणु मिलते हैं, तो हम इन अणुओं के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
- (a) वे तारे की उम्र के संकेतक हैं।
- (b) वे नाभिकीय संलयन के उत्पाद हैं।
- (c) वे खगोलीय धूल के साथ मिश्रित हैं।
- (d) वे ग्रह निर्माण की प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ग्रहों का निर्माण उन धूल और गैस के डिस्क में होता है जहां पहले से ही कार्बनिक अणु मौजूद हो सकते हैं। ये अणु नए बनने वाले ग्रहों का हिस्सा बन सकते हैं।
व्याख्या (Explanation): खगोलीय डिस्क में कार्बनिक अणुओं का पाया जाना इस बात का प्रमाण है कि ये अणु उन परिस्थितियों में बन सकते हैं जो ग्रह निर्माण के लिए अनुकूल हैं। ये अणु फिर नवजात ग्रहों के निर्माण खंडों का हिस्सा बन सकते हैं, या उनकी सतहों पर जमा हो सकते हैं। वे नाभिकीय संलयन के सीधे उत्पाद नहीं हैं (जो भारी तत्वों का निर्माण करता है), और जबकि वे धूल के साथ मिश्रित हो सकते हैं, इसका मुख्य महत्व ग्रह निर्माण में उनकी संभावित भूमिका है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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जीवित जीवों में ऊर्जा उत्पादन के लिए कोशिका के भीतर कौन सा अंगिका (organelle) सबसे महत्वपूर्ण है?
- (a) नाभिक (Nucleus)
- (b) गॉल्जीकाय (Golgi Apparatus)
- (c) माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
- (d) लाइसोसोम (Lysosome)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): माइटोकॉन्ड्रिया को “कोशिका का पावरहाउस” कहा जाता है क्योंकि यह कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) के माध्यम से अधिकांश एटीपी (ऊर्जा मुद्रा) का उत्पादन करता है।
व्याख्या (Explanation): कोशिकीय श्वसन वह प्रक्रिया है जिसमें ग्लूकोज जैसे पोषक तत्वों को ऑक्सीजन की उपस्थिति में तोड़ा जाता है, जिससे ऊर्जा (एटीपी के रूप में) निकलती है। यह प्रक्रिया मुख्य रूप से माइटोकॉन्ड्रिया में होती है। नाभिक कोशिका के आनुवंशिक पदार्थ को नियंत्रित करता है, गॉल्जीकाय प्रोटीन और लिपिड को संशोधित और पैक करता है, और लाइसोसोम कोशिका के अपशिष्ट को पचाते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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ब्रह्मांडीय दूरी को मापने के लिए खगोल भौतिकी में किस इकाई का उपयोग किया जाता है, जो प्रकाश की एक वर्ष में तय की गई दूरी के बराबर है?
- (a) पारसेक (Parsec)
- (b) खगोलीय इकाई (Astronomical Unit – AU)
- (c) प्रकाश वर्ष (Light-year)
- (d) किलोमीटर (Kilometer)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश वर्ष एक दूरी की इकाई है जिसका उपयोग खगोल विज्ञान में तारों और आकाशगंगाओं जैसे बहुत दूर की वस्तुओं के बीच की दूरी को मापने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): एक प्रकाश वर्ष वह दूरी है जो प्रकाश निर्वात में एक वर्ष में तय करता है। यह लगभग 9.46 ट्रिलियन किलोमीटर के बराबर है। एक पारसेक लगभग 3.26 प्रकाश वर्ष के बराबर है और इसका उपयोग भी खगोलीय दूरियों के लिए किया जाता है, लेकिन “प्रकाश वर्ष” विशेष रूप से प्रकाश की एक वर्ष की यात्रा से परिभाषित होता है। खगोलीय इकाई (AU) पृथ्वी और सूर्य के बीच की औसत दूरी है। किलोमीटर बहुत छोटी इकाई है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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किसी तारे के चारों ओर जीवन के निर्माण खंडों की खोज, खगोलीय पिंडों के अध्ययन के लिए भौतिकी के किस सिद्धांत पर बहुत अधिक निर्भर करती है?
- (a) न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम (Newton’s Law of Universal Gravitation)
- (b) प्रकाश का डॉपलर प्रभाव (Doppler Effect of Light)
- (c) ऊष्मप्रवैगिकी का दूसरा नियम (Second Law of Thermodynamics)
- (d) आर्किमिडीज का सिद्धांत (Archimedes’ Principle)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): डॉपलर प्रभाव बताता है कि जब कोई स्रोत दर्शक की ओर बढ़ता है या दूर जाता है तो तरंग दैर्ध्य (और इसलिए आवृत्ति) में परिवर्तन होता है। खगोलीय पिंडों के प्रकाश में यह प्रभाव उनके वेग को मापने में मदद करता है।
व्याख्या (Explanation): खगोलविद दूर के तारों और ग्रहों से आने वाले प्रकाश के स्पेक्ट्रम में डॉपलर शिफ्ट का उपयोग करके उन पिंडों के वेग और गति की दिशा का पता लगाते हैं। उदाहरण के लिए, तारे के चारों ओर परिक्रमा करने वाले ग्रह गुरुत्वाकर्षण के कारण तारे को थोड़ा हिलाते हैं, और इस गति के कारण तारे के प्रकाश में डॉपलर शिफ्ट देखी जा सकती है। इसके अलावा, स्पेक्ट्रोस्कोपी (जो डॉपलर प्रभाव पर निर्भर करती है) रासायनिक संरचना का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण है। गुरुत्वाकर्षण ग्रहों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन सीधे तौर पर अणुओं की पहचान के लिए नहीं।
अतः, सही उत्तर (b) है।