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हीरे पर आधारित सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: अपनी तैयारी को परखें

हीरे पर आधारित सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: अपनी तैयारी को परखें

परिचय: नमस्कार, भावी सरकारी अधिकारियों! प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य विज्ञान एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है, जो अक्सर आपकी सफलता और असफलता के बीच का अंतर तय करता है। आज हम “Doubling Down on Diamond” नामक सामयिक संकेत के आधार पर, भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के 25 चुनिंदा बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) लेकर आए हैं। ये प्रश्न आपको न केवल विज्ञान की गहरी समझ विकसित करने में मदद करेंगे, बल्कि परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार से भी परिचित कराएंगे। आइए, अपनी ज्ञान की धार को तेज करें और हीरे की तरह चमकने के लिए तैयार हो जाएं!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. हीरे का रासायनिक सूत्र क्या है?

    • (a) CO
    • (b) C
    • (c) CO2
    • (d) CH4

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र तत्वों के प्रतीकों का उपयोग करके यौगिकों की संरचना का प्रतिनिधित्व करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरा कार्बन (Carbon) का एक अपरूप (allotrope) है। इसका रासायनिक सूत्र केवल ‘C’ है, जो दर्शाता है कि यह शुद्ध रूप से कार्बन परमाणुओं से बना है। CO कार्बन मोनोऑक्साइड है, CO2 कार्बन डाइऑक्साइड है, और CH4 मीथेन है, ये सभी कार्बन के यौगिक हैं, न कि हीरे के।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  2. हीरे की संरचना में कार्बन परमाणु किस प्रकार के बंधन (Bonding) से जुड़े होते हैं?

    • (a) आयनिक बंधन (Ionic Bonding)
    • (b) सहसंयोजक बंधन (Covalent Bonding)
    • (c) धात्विक बंधन (Metallic Bonding)
    • (d) हाइड्रोजन बंधन (Hydrogen Bonding)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन में, परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करके एक साथ बंधे होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की असाधारण कठोरता और स्थिरता उसके कार्बन परमाणुओं के बीच बने मजबूत सहसंयोजक बंधनों के कारण होती है। प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ चार सहसंयोजक बंधनों द्वारा जुड़ा होता है, जिससे एक त्रिविमीय (3D) जाली संरचना (lattice structure) बनती है। आयनिक बंधन आयनों के बीच होते हैं, धात्विक बंधन धातुओं में पाए जाते हैं, और हाइड्रोजन बंधन अणुओं के बीच होते हैं, जो हीरे की संरचना के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. हीरे की कठोरता का मुख्य कारण क्या है?

    • (a) इसमें आयनों की उपस्थिति
    • (b) इसमें मजबूत धात्विक बंधन
    • (c) इसमें मजबूत सहसंयोजक बंधनों द्वारा निर्मित त्रिविमीय जाली
    • (d) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थ की कठोरता उसके कणों को एक साथ रखने वाले बंधनों की शक्ति और व्यवस्था पर निर्भर करती है।

    व्याख्या (Explanation): हीरा प्रकृति में सबसे कठोर ज्ञात प्राकृतिक पदार्थों में से एक है। यह कठोरता कार्बन परमाणुओं के बीच के मजबूत और दिशात्मक (directional) सहसंयोजक बंधनों के कारण होती है, जो एक अत्यधिक स्थिर, त्रिविमीय नेटवर्क बनाते हैं। इन बंधनों को तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिससे हीरा अत्यधिक कठोर हो जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  4. हीरे का प्रयोग किन उपकरणों में किया जाता है?

    • (a) केवल आभूषणों में
    • (b) उच्च-तापमान वाले उपकरणों में
    • (c) काटने, पीसने और पॉलिश करने वाले औजारों में
    • (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): पदार्थ के भौतिक गुण उसके अनुप्रयोगों को निर्धारित करते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हीरे की अत्यधिक कठोरता इसे विभिन्न औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए आदर्श बनाती है, जैसे कि काटने वाले ब्लेड, ड्रिल बिट्स, पीसने वाले पहिये और पॉलिशिंग यौगिक। हालांकि इसका उपयोग आभूषणों में भी होता है, लेकिन इसकी औद्योगिक उपयोगिता इसकी कठोरता के कारण है। उच्च-तापमान वाले उपकरणों में इसका प्रयोग विशिष्ट परिस्थितियों में हो सकता है, लेकिन मुख्य औद्योगिक उपयोग काटने और घर्षण में है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  5. हीरे का अपवर्तनांक (Refractive Index) कितना होता है?

    • (a) लगभग 1.5
    • (b) लगभग 2.42
    • (c) लगभग 0.5
    • (d) लगभग 4.0


    उत्तर:
    (b)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    अपवर्तनांक वह मान है जो बताता है कि कोई पदार्थ प्रकाश की गति को कितना धीमा करता है, और यह पदार्थ के चमकने (brilliance) और फैलाव (dispersion) को प्रभावित करता है।


    व्याख्या (Explanation):
    हीरे का उच्च अपवर्तनांक (लगभग 2.42) इसे असाधारण रूप से चमकीला बनाता है। जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करता है, तो यह धीरे-धीरे यात्रा करता है और आंतरिक रूप से परावर्तित (internally reflected) होता है, जिसके परिणामस्वरूप हम हीरे की विशिष्ट चमक देखते हैं। यह उच्च अपवर्तनांक इसे अन्य रत्नों से अलग करता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  6. हीरे का उपयोग किस प्रकार के उपकरणों में अर्धचालक (Semiconductor) के रूप में किया जा सकता है?

    • (a) केवल उच्च-तापमान के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में
    • (b) कम-तापमान के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में
    • (c) सौर ऊर्जा रूपांतरण उपकरणों में
    • (d) विद्युत तारों में


    उत्तर:
    (a)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    कुछ सामग्री, जैसे कि हीरा, अपने अद्वितीय विद्युत और थर्मल गुणों के कारण विशेष इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों में उपयोग की जा सकती है।


    व्याख्या (Explanation):
    शुद्ध हीरा एक उत्कृष्ट विद्युत रोधक (electrical insulator) है, लेकिन डोपिंग (doping) के माध्यम से इसे अर्धचालक बनाया जा सकता है। हीरे की अत्यधिक उच्च तापीय चालकता (thermal conductivity) और विस्तृत बैंड गैप (wide band gap) इसे उच्च-शक्ति, उच्च-आवृत्ति और उच्च-तापमान वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक आशाजनक सामग्री बनाते हैं, जहां पारंपरिक अर्धचालक विफल हो जाते हैं।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  7. हीरा किस प्रक्रिया से गुजरता है जिसे “हीरे का जलना” (Burning of Diamond) कहा जाता है?

    • (a) अपघटन (Decomposition)
    • (b) ऑक्सीकरण (Oxidation)
    • (c) अपचयन (Reduction)
    • (d) उदात्तीकरण (Sublimation)


    उत्तर:
    (b)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    किसी पदार्थ का हवा या ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलना एक ऑक्सीकरण प्रक्रिया है।


    व्याख्या (Explanation):
    जब हीरे को हवा (जो ऑक्सीजन का मिश्रण है) में बहुत उच्च तापमान (लगभग 700-800 डिग्री सेल्सियस) पर गर्म किया जाता है, तो यह ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बनाता है और जल जाता है। यह मूल रूप से कार्बन का ऑक्सीकरण है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  8. डायमंड (Diamond) और ग्रेफाइट (Graphite) किस प्रकार के संबंध रखते हैं?

    • (a) समावयवी (Isomers)
    • (b) अपरूप (Allotropes)
    • (c) समस्थानिक (Isotopes)
    • (d) बहुलक (Polymers)


    उत्तर:
    (b)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    अपरूप एक ही तत्व के विभिन्न रूप होते हैं जो भौतिक गुणों में भिन्न होते हैं लेकिन रासायनिक गुणों में समान होते हैं।


    व्याख्या (Explanation):
    हीरा और ग्रेफाइट दोनों कार्बन के अपरूप हैं। वे समान रासायनिक तत्व (कार्बन) से बने हैं, लेकिन उनकी परमाणु संरचनाएं (बंधन का तरीका) भिन्न होती हैं, जिसके कारण उनके भौतिक गुणों (जैसे कठोरता, चालकता, रंग) में महत्वपूर्ण अंतर होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. कौन सा उपकरण हीरे की कठोरता को मापने के लिए प्रयोग किया जाता है?

    • (a) थर्मामीटर (Thermometer)
    • (b) बैरोमीटर (Barometer)
    • (c) मोजनिकठोरतामापी (Mohs Hardness Tester)
    • (d) ओडोमीटर (Odometer)


    उत्तर:
    (c)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    मोजनिकठोरतामापी (Mohs scale) खनिजों की सापेक्ष खरोंच-कठोरता (scratch hardness) को मापने की एक पैमाना है।


    व्याख्या (Explanation):
    मोजनिकठोरतामापी 1 से 10 तक की संख्या का उपयोग करता है, जहाँ 10 सबसे कठोर होता है। हीरा मोजनिकठोरतामापी पर 10 पर होता है, जो इसे ज्ञात सभी खनिजों में सबसे कठोर बनाता है। थर्मामीटर तापमान मापता है, बैरोमीटर वायुमंडलीय दबाव मापता है, और ओडोमीटर तय की गई दूरी मापता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. हीरे में कार्बन परमाणुओं का संकरण (Hybridization) क्या होता है?

    • (a) sp
    • (b) sp2
    • (c) sp3
    • (d) dsp2


    उत्तर:
    (c)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    संकरण विभिन्न प्रकार के सहसंयोजक बंधनों के निर्माण के लिए परमाणुओं की परमाणु ऑर्बिटल्स का मिश्रण है।


    व्याख्या (Explanation):
    हीरे की चतुष्फलकीय (tetrahedral) जाली संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा होता है। इस व्यवस्था के लिए sp3 संकरण आवश्यक है, जहां एक s ऑर्बिटल और तीन p ऑर्बिटल्स मिलकर चार sp3 हाइब्रिड ऑर्बिटल्स बनाते हैं, जो सममित रूप से अंतरिक्ष में व्यवस्थित होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. हीरा प्रकाश के किस गुण के कारण इंद्रधनुष जैसे रंग बिखेरता है?

    • (a) परावर्तन (Reflection)
    • (b) विवर्तन (Diffraction)
    • (c) प्रकीर्णन (Scattering)
    • (d) फैलाव (Dispersion)


    उत्तर:
    (d)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    फैलाव एक घटना है जिसमें सफेद प्रकाश अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है जब वह एक माध्यम से गुजरता है जो प्रकाश की तरंग दैर्ध्य (wavelength) पर निर्भर करता है।


    व्याख्या (Explanation):
    हीरे का उच्च और भिन्न अपवर्तनांक (high and variable refractive index) विभिन्न तरंग दैर्ध्य के प्रकाश के लिए अलग-अलग कोणों पर मुड़ने का कारण बनता है। यह फैलाव प्रकाश को उसके घटक रंगों (लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, जामुनी, बैंगनी) में विभाजित करता है, जिससे हीरे में ‘आग’ (fire) या इंद्रधनुषी प्रभाव दिखाई देता है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  12. एक आदर्श हीरे में कौन सी अशुद्धियाँ (Impurities) नहीं होती हैं?

    • (a) नाइट्रोजन (Nitrogen)
    • (b) बोरॉन (Boron)
    • (c) सल्फर (Sulfur)
    • (d) कोई नहीं, क्योंकि वे सभी अशुद्धियाँ हैं


    उत्तर:
    (d)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    शुद्धता पदार्थ के गुणों को प्रभावित करती है।


    व्याख्या (Explanation):
    एक “आदर्श” या शुद्ध हीरा मुख्य रूप से कार्बन परमाणुओं से बना होता है। हालांकि, प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले कई हीरों में नाइट्रोजन, बोरॉन या अन्य तत्वों की थोड़ी मात्रा अशुद्धियों के रूप में मौजूद हो सकती है, जो उनके रंग और विद्युत गुणों को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए, यह कहना गलत होगा कि कोई भी इन तीन अशुद्धियों में से “नहीं” होती है; प्रश्न की प्रकृति को देखते हुए, सबसे सटीक उत्तर यह है कि ‘आदर्श’ रूप से किसी भी अशुद्धता का अभाव होना चाहिए, या यह कि ये सभी संभावित अशुद्धियाँ हैं। प्रश्न की संरचना को देखते हुए, हम इसे इस प्रकार स्पष्ट करते हैं कि एक ‘शुद्ध’ हीरे में इन अशुद्धियों का न होना अपेक्षित है, लेकिन प्रश्न का विकल्प (d) अधिक सामान्यीकृत सत्य बताता है कि “सभी” को अशुद्धियाँ माना जाता है। अधिक विशिष्टता के लिए, हम कह सकते हैं कि आदर्श हीरे में ये नहीं होतीं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  13. पृथ्वी पर हीरे का निर्माण किस प्रक्रिया से होता है?

    • (a) कम दबाव और उच्च तापमान
    • (b) उच्च दबाव और उच्च तापमान
    • (c) कम दबाव और कम तापमान
    • (d) वायुमंडलीय दबाव और सामान्य तापमान


    उत्तर:
    (b)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    कार्बन को हीरे में बदलने के लिए अत्यधिक उच्च दबाव और तापमान की आवश्यकता होती है।


    व्याख्या (Explanation):
    पृथ्वी के अंदर, विशेष रूप से लगभग 150-200 किलोमीटर की गहराई पर, कार्बन युक्त पदार्थ अत्यधिक उच्च दबाव (लगभग 45-60 किलोबार) और उच्च तापमान (लगभग 900-1300 डिग्री सेल्सियस) का अनुभव करते हैं। ये स्थितियां कार्बन परमाणुओं को एक साथ कसकर बांधकर हीरे की क्रिस्टल संरचना बनाने के लिए मजबूर करती हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  14. हीरे की विद्युत चालकता (Electrical Conductivity) आमतौर पर कैसी होती है?

    • (a) उत्कृष्ट चालक
    • (b) अच्छा चालक
    • (c) कुचालक (Insulator)
    • (d) अर्धचालक (Semiconductor)


    उत्तर:
    (c)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    विद्युत चालकता इलेक्ट्रॉनों की गतिशीलता पर निर्भर करती है।


    व्याख्या (Explanation):
    शुद्ध हीरा विद्युत का एक उत्कृष्ट कुचालक है क्योंकि इसके सभी संयोजी इलेक्ट्रॉन (valence electrons) मजबूत सहसंयोजक बंधनों में बंधे होते हैं और मुक्त रूप से विचरण (wander) नहीं कर सकते। यह इसे उन अनुप्रयोगों के लिए उपयोगी बनाता है जहाँ विद्युत इन्सुलेशन की आवश्यकता होती है, जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक घटकों में। हालांकि, डोपिंग द्वारा इसे अर्धचालक बनाया जा सकता है, लेकिन सामान्यतः यह कुचालक होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. हीरा ऊष्मा का सुचालक (Thermal Conductor) क्यों है?

    • (a) इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं
    • (b) इसमें मजबूत सहसंयोजक बंधन होते हैं जो कंपन (vibrations) को कुशलता से प्रसारित करते हैं
    • (c) यह एक धातु है
    • (d) इसका अपवर्तनांक अधिक होता है


    उत्तर:
    (b)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    ऊष्मा चालकता पदार्थ की क्रिस्टल जाली में ऊर्जा के हस्तांतरण की क्षमता पर निर्भर करती है।


    व्याख्या (Explanation):
    हीरे की असाधारण तापीय चालकता (thermal conductivity) इसके sp3 सहसंयोजक बंधनों के कारण होती है। ये बंधन अत्यंत मजबूत और कठोर होते हैं, जो जाली कंपन (lattice vibrations) या फोनॉन (phonons) को बहुत कुशलता से प्रसारित करने की अनुमति देते हैं। यह गुण इसे उच्च-तापमान वाले इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी बनाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  16. हीरे का सबसे आम प्रकार जिसे प्राकृतिक रूप से पाया जाता है, वह कौन सा है?

    • (a) टाइप IIa
    • (b) टाइप Ib
    • (c) टाइप Ia
    • (d) टाइप IIb


    उत्तर:
    (c)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    हीरे को उनकी रासायनिक संरचना और अशुद्धियों के आधार पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है।


    व्याख्या (Explanation):
    टाइप Ia हीरे प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले हीरों का सबसे आम प्रकार हैं। इनमें नाइट्रोजन परमाणु समूह (nitrogen atom clusters) के रूप में अशुद्धियाँ होती हैं। टाइप Ib में एकल नाइट्रोजन परमाणु अशुद्धियाँ होती हैं, टाइप IIa में बहुत कम या कोई नाइट्रोजन अशुद्धियाँ नहीं होतीं, और टाइप IIb में बोरॉन अशुद्धियाँ होती हैं (जो उन्हें नीला रंग देती हैं)।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  17. जैविक तंत्र (Biological Systems) में, ‘हीरा’ शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में किया जा सकता है, यदि यह सीधे तौर पर भौतिक हीरे से संबंधित न हो?

    • (a) किसी विशेष एंजाइम के सक्रिय स्थल (Active Site) के रूप में
    • (b) किसी प्रकार के जीवाश्म (Fossil) के रूप में
    • (c) मस्तिष्क की न्यूरोनल संरचनाओं के वर्णन में
    • (d) कोशिका झिल्ली (Cell Membrane) की संरचना के वर्णन में


    उत्तर:
    (c)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    वैज्ञानिक संदर्भों में, रूपक (metaphorical) या संरचनात्मक तुलनाओं का उपयोग किया जा सकता है।


    व्याख्या (Explanation):
    न्यूरोसाइंस में, मस्तिष्क की कुछ जटिल, बहु-स्तरीय या त्रिविमीय तंत्रिका संरचनाओं के वर्णन के लिए “डायमंड जैसी” या “हीरा-जैसे” जैसे विशेषणों का उपयोग किया जा सकता है, जो उनकी व्यवस्था और कनेक्टिविटी को दर्शाते हैं। यह भौतिक हीरे की कठोर, त्रिविमीय संरचना की तुलना में एक रूपक उपयोग है। अन्य विकल्प सीधे तौर पर ‘हीरा’ शब्द से नहीं जुड़ते।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  18. मानव शरीर में, कार्बन परमाणुओं का संतुलन (Balance) महत्वपूर्ण है। कार्बन के कुछ यौगिकों का क्या कार्य है?

    • (a) केवल ऊर्जा भंडारण
    • (b) प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा जैसे मैक्रोन्यूट्रिएंट्स का निर्माण
    • (c) केवल श्वसन
    • (d) मांसपेशियों का संकुचन


    उत्तर:
    (b)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    कार्बन जीवन के लिए मौलिक तत्व है और विभिन्न जैविक अणुओं का आधार बनता है।


    व्याख्या (Explanation):
    कार्बन, अपने चार सहसंयोजक बंधनों के साथ, अत्यंत बहुमुखी है और जटिल कार्बनिक अणुओं की एक विशाल श्रृंखला बनाने में सक्षम है। ये अणु जीवन के लिए आवश्यक हैं, जैसे प्रोटीन (अमीनो एसिड से बने), कार्बोहाइड्रेट (शर्करा से बने), और लिपिड (वसा) ऊर्जा भंडारण, संरचना और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  19. यदि “Doubling Down on Diamond” का अर्थ किसी चीज़ का महत्व बढ़ाना या उस पर अधिक ध्यान केंद्रित करना है, तो जैविक विज्ञान में ऐसा किस संरचना या अणु के लिए कहा जा सकता है?

    • (a) पानी (Water)
    • (b) डीएनए (DNA)
    • (c) सोडियम क्लोराइड (NaCl)
    • (d) हीमोग्लोबिन (Hemoglobin)


    उत्तर:
    (b)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    जीवन के मूलभूत सिद्धांत अक्सर सबसे महत्वपूर्ण अणुओं से जुड़े होते हैं।


    व्याख्या (Explanation):
    डीएनए (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) आनुवंशिक सामग्री है जो सभी ज्ञात जीवों के विकास, कार्य, वृद्धि और प्रजनन के लिए निर्देश रखती है। इसकी केंद्रीय भूमिका को देखते हुए, इसके महत्व को “Doubling Down on Diamond” के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि यह जीवन की कुंजी है। पानी जीवन के लिए आवश्यक है, लेकिन डीएनए आनुवंशिकता का प्रत्यक्ष वाहक है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  20. हीरे के निर्माण में लगने वाली ऊर्जा की उच्च आवश्यकता का क्या तात्पर्य है?

    • (a) वे आसानी से बनाए जा सकते हैं
    • (b) वे स्वाभाविक रूप से बहुत स्थिर (stable) होते हैं
    • (c) वे आसानी से रासायनिक प्रतिक्रिया करते हैं
    • (d) उनका गलनांक (Melting Point) कम होता है


    उत्तर:
    (b)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    किसी पदार्थ को बनाने के लिए जितनी अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, वह उतना ही अधिक स्थिर होता है।


    व्याख्या (Explanation):
    हीरे की अत्यधिक मजबूत सहसंयोजक जाली संरचना के निर्माण के लिए बहुत अधिक तापीय और दाब ऊर्जा की आवश्यकता होती है। एक बार बनने के बाद, यह संरचना बेहद स्थिर होती है क्योंकि इन बंधनों को तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि हीरा सामान्य परिस्थितियों में रासायनिक रूप से निष्क्रिय (inert) होता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. हीरे के औद्योगिक अनुप्रयोगों में, इसकी घिसाव-रोधी (Wear-resistant) प्रकृति किस गुण के कारण होती है?

    • (a) कम घनत्व (Low Density)
    • (b) उच्च संपीड़न शक्ति (High Compressive Strength)
    • (c) उच्च तापीय विस्तार (High Thermal Expansion)
    • (d) खराब तापीय चालकता (Poor Thermal Conductivity)


    उत्तर:
    (b)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    घिसाव-रोधी गुण पदार्थ की कठोरता और टूटने के प्रतिरोध से संबंधित होते हैं।


    व्याख्या (Explanation):
    हीरे की घिसाव-रोधी प्रकृति इसकी अत्यधिक कठोरता और मजबूत सहसंयोजक बंधनों से उत्पन्न होती है, जो इसे घर्षण (abrasion) और क्षरण (erosion) का बहुत अच्छी तरह से प्रतिरोध करने की अनुमति देती है। उच्च संपीड़न शक्ति (High compressive strength) इसकी कठोरता का एक अन्य पहलू है जो इसे औद्योगिक अनुप्रयोगों में टिकाऊ बनाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  22. हीरे की शुद्धता का परीक्षण करने के लिए किस प्रकार की स्पेक्ट्रोस्कोपी (Spectroscopy) का उपयोग किया जा सकता है?

    • (a) मास स्पेक्ट्रोस्कोपी (Mass Spectroscopy)
    • (b) इन्फ्रारेड (IR) स्पेक्ट्रोस्कोपी
    • (c) अल्ट्रावायलेट-विजिबल (UV-Vis) स्पेक्ट्रोस्कोपी
    • (d) उपरोक्त सभी


    उत्तर:
    (d)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    विभिन्न स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीकें पदार्थों की संरचना और संरचनात्मक विशेषताओं की पहचान करने के लिए विभिन्न प्रकार की अंतःक्रियाओं का उपयोग करती हैं।


    व्याख्या (Explanation):
    मास स्पेक्ट्रोस्कोपी (MS) का उपयोग यौगिकों के आणविक भार और तत्वों का पता लगाने के लिए किया जाता है, जो अशुद्धियों की पहचान कर सकता है। इन्फ्रारेड (IR) स्पेक्ट्रोस्कोपी विभिन्न रासायनिक बंधनों के कंपन से संबंधित होती है और नाइट्रोजन या बोरॉन जैसी अशुद्धियों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए बहुत उपयोगी है। UV-Vis स्पेक्ट्रोस्कोपी यौगिकों के इलेक्ट्रॉनिक संक्रमणों का अध्ययन करती है और रंग पैदा करने वाली अशुद्धियों का विश्लेषण कर सकती है। इसलिए, ये सभी विधियाँ हीरे की शुद्धता और संरचना का विश्लेषण करने में सहायक हो सकती हैं।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  23. हीरे की गुणवत्ता (Quality) का निर्धारण करते समय ‘कट’ (Cut) का क्या महत्व है?

    • (a) यह हीरे की कठोरता को बढ़ाता है
    • (b) यह हीरे के रंग को प्रभावित करता है
    • (c) यह हीरे की चमक (Brilliance) और स्पार्कल (Sparkle) को निर्धारित करता है
    • (d) यह हीरे की उत्पत्ति को बताता है


    उत्तर:
    (c)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    रत्न की कटाई उसकी ऑप्टिकल (optical) विशेषताओं को बढ़ाती है।


    व्याख्या (Explanation):
    जबकि कठोरता (hardness) सामग्री का एक आंतरिक गुण है, और रंग (color) अक्सर अशुद्धियों से आता है, हीरे का कट (जैसे, फेसेट की संख्या, कोण और समरूपता) यह निर्धारित करता है कि प्रकाश हीरे के अंदर कैसे प्रवेश करता है, परावर्तित होता है और बाहर निकलता है। एक अच्छा कट प्रकाश के आंतरिक परावर्तन को अधिकतम करता है, जिससे हीरे की चमक (brilliance) और स्पार्कल (sparkle) बढ़ता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  24. यदि “Doubling Down on Diamond” का अर्थ किसी चीज की ताकत को दोगुना करना है, तो भौतिकी में, हीरे की कौन सी संपत्ति इस विचार का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व करती है?

    • (a) उसका विद्युत इन्सुलेशन
    • (b) उसकी तापीय चालकता
    • (c) उसकी कठोरता
    • (d) उसका घनत्व


    उत्तर:
    (c)


    हल (Solution):


    सिद्धांत (Principle):
    ‘ताकत’ शब्द का प्रयोग अक्सर किसी पदार्थ की यांत्रिक (mechanical) या भौतिक (physical) शक्ति के संदर्भ में किया जाता है।


    व्याख्या (Explanation):
    हीरे की असाधारण कठोरता (hardness) इसे प्रकृति में सबसे मजबूत ज्ञात खनिजों में से एक बनाती है। जब हम “ताकत को दोगुना करना” (doubling the strength) कहते हैं, तो यह अक्सर कठोरता और टूटने के प्रतिरोध में वृद्धि को इंगित करता है, जो कि हीरे की सबसे प्रमुख और ‘मजबूत’ विशेषता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

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