सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न: अपनी तैयारी को परखें
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान एक अत्यंत महत्वपूर्ण खंड है। यह खंड अक्सर दैनिक जीवन से जुड़ी वैज्ञानिक अवधारणाओं और सिद्धांतों पर आधारित होता है। इन प्रश्नों का अभ्यास करने से न केवल आपकी समझ मजबूत होती है, बल्कि परीक्षा हॉल में समय बचाने और आत्मविश्वास बढ़ाने में भी मदद मिलती है। आइए, आज के इस अभ्यास सत्र में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों पर एक नज़र डालें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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जल में अमोनिया निष्कर्षण के लिए सौर उपकरणों का उपयोग किस वैज्ञानिक सिद्धांत पर आधारित है?
- (a) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
- (b) प्रकाश-विद्युत प्रभाव (Photoelectric effect)
- (c) प्रकाश-उत्प्रेरण (Photocatalysis)
- (d) ऊष्मीय विकिरण (Thermal radiation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश-उत्प्रेरण (Photocatalysis) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्रकाश की उपस्थिति में एक उत्प्रेरक (catalyst) रासायनिक प्रतिक्रिया को तेज करता है। सौर उपकरणों में, प्रकाश ऊर्जा का उपयोग उत्प्रेरक को सक्रिय करने के लिए किया जाता है, जो फिर अमोनिया जैसे प्रदूषकों को विघटित या रूपांतरित करता है।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण पौधों में होता है, प्रकाश-विद्युत प्रभाव धातुओं से इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन है जब उन पर प्रकाश पड़ता है, और ऊष्मीय विकिरण गर्मी का संचरण है। अमोनिया निष्कर्षण जैसे रासायनिक रूपांतरण के लिए प्रकाश-उत्प्रेरण सबसे प्रासंगिक सिद्धांत है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने वाली प्रक्रिया का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
- (a) पानी को शुद्ध करना
- (b) अमोनिया को अवक्षेपित करना
- (c) अमोनिया का निष्कर्षण और रूपांतरण
- (d) सौर विकिरण को अवशोषित करना
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर उपकरण द्वारा अमोनिया निष्कर्षण का मुख्य कार्य अपशिष्ट जल से अमोनिया को हटाना और उसे एक कम हानिकारक या उपयोगी रूप में परिवर्तित करना है। यह सौर ऊर्जा का उपयोग करके प्राप्त किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): जबकि पानी शुद्धिकरण और सौर विकिरण अवशोषण प्रक्रिया के भाग हो सकते हैं, प्राथमिक उद्देश्य विशिष्ट रूप से अमोनिया का निष्कर्षण और उसका रूपांतरण है, जैसा कि शीर्षक में बताया गया है। अवक्षेपण (precipitation) अमोनिया को हटाने का एक तरीका हो सकता है, लेकिन निष्कर्षण और रूपांतरण अधिक व्यापक शब्द है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जल से अमोनिया (NH₃) के निष्कर्षण में, अमोनिया का रासायनिक सूत्र क्या है?
- (a) N₂H₄
- (b) NH₄⁺
- (c) NH₂OH
- (d) NH₃
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया एक रासायनिक यौगिक है जिसका सूत्र NH₃ है, जिसमें एक नाइट्रोजन परमाणु तीन हाइड्रोजन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों (covalent bonds) द्वारा जुड़ा होता है।
व्याख्या (Explanation): N₂H₄ हाइड्रेज़ीन है, NH₄⁺ अमोनियम आयन है, और NH₂OH हाइड्रोक्सिलएमाइन है। अमोनिया का शुद्ध रूप NH₃ है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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सौर उपकरणों में उपयोग किए जाने वाले सामान्य प्रकाश-उत्प्रेरक (photocatalyst) कौन से हैं?
- (a) लोहा (Iron)
- (b) तांबा (Copper)
- (c) टाइटेनियम डाइऑक्साइड (Titanium Dioxide)
- (d) सोना (Gold)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO₂) एक व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला अर्धचालक (semiconductor) प्रकाश-उत्प्रेरक है जो अपनी उच्च स्थिरता, कम विषाक्तता और पराबैंगनी (UV) प्रकाश के तहत उच्च उत्प्रेरक गतिविधि के लिए जाना जाता है।
व्याख्या (Explanation): जबकि अन्य धातुएं कुछ उत्प्रेरक अनुप्रयोगों में भूमिका निभा सकती हैं, TiO₂ को विशेष रूप से जल उपचार और वायु शोधन में प्रकाश-उत्प्रेरण के लिए सबसे प्रभावी और सामान्य सामग्रियों में से एक माना जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सौर निष्कर्षण उपकरण द्वारा अमोनिया को हटाना किस प्रकार की प्रक्रिया मानी जा सकती है?
- (a) केवल भौतिक पृथक्करण (Physical separation)
- (b) केवल रासायनिक ऑक्सीकरण (Chemical oxidation)
- (c) एक फोटो-उत्प्रेरक रासायनिक रूपांतरण (Photocatalytic chemical transformation)
- (d) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): यह प्रक्रिया प्रकाश ऊर्जा (सौर) का उपयोग करके एक रासायनिक रूपांतरण (अमोनिया का रूपांतरण) करती है, जो एक प्रकाश-उत्प्रेरक की मदद से होती है। इसलिए, यह एक फोटो-उत्प्रेरक रासायनिक रूपांतरण है।
व्याख्या (Explanation): यह केवल भौतिक पृथक्करण नहीं है क्योंकि अमोनिया का रासायनिक रूप बदल जाता है। यह केवल रासायनिक ऑक्सीकरण भी नहीं है क्योंकि इसमें प्रकाश ऊर्जा और एक उत्प्रेरक की आवश्यकता होती है। प्रकाश संश्लेषण पौधों से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अपशिष्ट जल में अमोनिया की उच्च सांद्रता का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) जलीय जीवन के लिए ऑक्सीजन की कमी
- (b) यूट्रोफिकेशन (Eutrophication)
- (c) विषाक्तता (Toxicity)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपशिष्ट जल में अमोनिया की अधिकता जलीय पारिस्थितिक तंत्र के लिए कई तरह से हानिकारक हो सकती है। यह जलीय जीवों के लिए विषाक्त हो सकता है, पानी में घुलित ऑक्सीजन को कम कर सकता है (नाइट्रिफिकेशन प्रक्रिया के माध्यम से), और पोषक तत्व के रूप में यूट्रोफिकेशन का कारण बन सकता है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया जलीय जीवों के लिए सीधे तौर पर विषाक्त होता है। नाइट्रिफिकेशन के दौरान, बैक्टीरिया अमोनिया को नाइट्रेट में बदलते हैं, जिसमें ऑक्सीजन का उपयोग होता है, जिससे जलीय जीवन के लिए ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। साथ ही, अमोनिया और नाइट्रेट दोनों शैवाल के विकास को बढ़ावा देते हैं, जिससे यूट्रोफिकेशन होता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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सौर उपकरणों द्वारा अमोनिया को किस रूप में परिवर्तित किया जा सकता है?
- (a) नाइट्रोजन गैस (N₂)
- (b) नाइट्रेट (NO₃⁻)
- (c) नाइट्राइट (NO₂⁻)
- (d) उपरोक्त सभी (परिस्थिति पर निर्भर)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फोटो-उत्प्रेरक प्रक्रियाएं जटिल हो सकती हैं। अमोनिया को सीधे नाइट्रोजन गैस (N₂) में अपचयित (reduced) किया जा सकता है, या इसे ऑक्सीकरण (oxidized) करके नाइट्राइट (NO₂⁻) और फिर नाइट्रेट (NO₃⁻) में बदला जा सकता है, जो कि जल उपचार में एक सामान्य लक्ष्य है। कौन सा उत्पाद बनता है यह उत्प्रेरक, प्रकाश की तीव्रता और प्रतिक्रिया की स्थितियों पर निर्भर करता है।
व्याख्या (Explanation): विभिन्न प्रकाश-उत्प्रेरक प्रणालियाँ अमोनिया को इन सभी उत्पादों में परिवर्तित करने में सक्षम हैं। उदाहरण के लिए, कुछ प्रणालियाँ प्रत्यक्ष रूपांतरण (N₂ में) के लिए डिज़ाइन की गई हैं, जबकि अन्य नाइट्रीकरण (nitrification) के माध्यम से नाइट्रेट उत्पादन को बढ़ावा देती हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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सौर ऊर्जा का उपयोग करने वाले उपकरण, अमोनिया निष्कर्षण के लिए किस प्रकार के ऊर्जा स्रोत पर निर्भर करते हैं?
- (a) विद्युत ऊर्जा
- (b) ऊष्मीय ऊर्जा
- (c) प्रकाश ऊर्जा
- (d) यांत्रिक ऊर्जा
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ‘सौर’ शब्द का अर्थ है सूर्य से प्राप्त ऊर्जा। सौर उपकरण सूर्य के प्रकाश (प्रकाश ऊर्जा) का उपयोग करके काम करते हैं, इसे रासायनिक या अन्य प्रकार की ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): उपकरण का संचालन मुख्य रूप से सूर्य से आने वाली प्रकाश ऊर्जा पर निर्भर करता है, न कि सीधे विद्युत, ऊष्मीय (सौर तापीय को छोड़कर) या यांत्रिक ऊर्जा पर।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी में, प्रकाश-उत्प्रेरक (photocatalyst) की मुख्य भूमिका क्या है?
- (a) प्रकाश को अवरुद्ध करना
- (b) प्रकाश को अवशोषित करना और रासायनिक प्रतिक्रिया को सक्रिय करना
- (c) प्रकाश को परावर्तित करना
- (d) प्रकाश को प्रसारित करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश-उत्प्रेरक वे पदार्थ होते हैं जो प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करते हैं और इस ऊर्जा का उपयोग प्रतिक्रियाओं की दर को बढ़ाने या शुरू करने के लिए करते हैं, स्वयं प्रतिक्रिया में उपभुक्त हुए बिना।
व्याख्या (Explanation): प्रकाश-उत्प्रेरक का कार्य प्रकाश को अवरुद्ध करना, परावर्तित करना या प्रसारित करना नहीं है, बल्कि प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करके उसे रासायनिक प्रतिक्रियाओं को चलाने के लिए उपयोग करना है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रसायन विज्ञान में, ‘अपशिष्ट जल’ (wastewater) में कौन से प्रमुख संदूषक (contaminants) पाए जा सकते हैं?
- (a) केवल कार्बनिक पदार्थ
- (b) केवल अकार्बनिक लवण
- (c) कार्बनिक पदार्थ, अकार्बनिक लवण, सूक्ष्मजीव और निलंबित कण
- (d) केवल निलंबित कण
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अपशिष्ट जल में घरेलू, औद्योगिक और कृषि गतिविधियों से उत्पन्न विभिन्न प्रकार के संदूषक हो सकते हैं, जिनमें घुलित और निलंबित कार्बनिक और अकार्बनिक पदार्थ, रोगजनक सूक्ष्मजीव और विभिन्न कण शामिल हैं।
व्याख्या (Explanation): अपशिष्ट जल एक जटिल मिश्रण है। केवल एक प्रकार के संदूषक की उपस्थिति अपूर्ण है। इसमें आमतौर पर कार्बनिक पदार्थ (जैसे मल), अकार्बनिक लवण (जैसे नाइट्रेट, फॉस्फेट), बैक्टीरिया, वायरस, और अन्य ठोस कण शामिल होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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अमोनिया (NH₃) का आयनिक रूप, अमोनियम आयन (NH₄⁺), जल में किस प्रकार मौजूद होता है?
- (a) केवल सहसंयोजक बंधों द्वारा
- (b) केवल आयनिक बंधों द्वारा
- (c) जल के अणुओं के साथ हाइड्रोजन बंधों द्वारा
- (d) यह जल में घुलनशील नहीं है
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अमोनिया (NH₃) जल में अत्यधिक घुलनशील है। यह जल के साथ प्रतिक्रिया करके अमोनियम आयन (NH₄⁺) और हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) बनाता है। हालांकि अमोनियम एक आयन है, यह जल के अणुओं के साथ हाइड्रोजन बंध भी बनाता है, जिससे इसकी घुलनशीलता बढ़ जाती है।
व्याख्या (Explanation): अमोनिया जल में NH₄⁺ और OH⁻ आयनों में वियोजित (dissociate) होता है। NH₄⁺ आयन धनात्मक आवेशित होता है और जल के ध्रुवीय (polar) अणु (जिनमें आंशिक ऋणात्मक ऑक्सीजन और आंशिक धनात्मक हाइड्रोजन होते हैं) इसे घेर लेते हैं। अमोनियम आयन का नाइट्रोजन परमाणु अपने अतिरिक्त प्रोटॉन (H⁺) के माध्यम से जल के अणुओं के साथ हाइड्रोजन बंध बना सकता है, जिससे यह समाधान में स्थिर हो जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, ‘यूट्रोफिकेशन’ (Eutrophication) की प्रक्रिया के लिए कौन से पोषक तत्व मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं?
- (a) केवल कार्बन
- (b) केवल नाइट्रोजन और फास्फोरस
- (c) केवल ऑक्सीजन
- (d) केवल पोटेशियम
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): यूट्रोफिकेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें जल निकाय में पोषक तत्वों (विशेष रूप से नाइट्रोजन और फास्फोरस) की अधिकता हो जाती है, जिससे शैवाल (algae) और जलीय पौधों की अत्यधिक वृद्धि होती है।
व्याख्या (Explanation): कार्बन, ऑक्सीजन और पोटेशियम भी पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व हैं, लेकिन यूट्रोफिकेशन के मुख्य प्रेरक तत्व आमतौर पर नाइट्रोजन (अक्सर अमोनिया और नाइट्रेट के रूप में) और फास्फोरस (अक्सर फॉस्फेट के रूप में) होते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर ऊर्जा रूपांतरण में, किस प्रकार का अर्धचालक (semiconductor) आम तौर पर प्रकाश-उत्प्रेरक (photocatalyst) के रूप में प्रयोग किया जाता है?
- (a) p-प्रकार
- (b) n-प्रकार
- (c) मिश्रित (Intrinsic)
- (d) चौड़े बैंड गैप (Wide band gap) वाले अर्धचालक
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश-उत्प्रेरक के रूप में उपयोग किए जाने वाले अर्धचालकों को आमतौर पर एक विशिष्ट ऊर्जा (बैंड गैप) से अधिक ऊर्जा वाले फोटॉनों को अवशोषित करने की आवश्यकता होती है। चौड़े बैंड गैप वाले अर्धचालक (जैसे TiO₂) पराबैंगनी और कभी-कभी दृश्यमान प्रकाश को अवशोषित करने में सक्षम होते हैं, जो उन्हें इस अनुप्रयोग के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): जबकि p-प्रकार और n-प्रकार अर्धचालकों के अपने अनुप्रयोग हैं, प्रकाश-उत्प्रेरण के लिए, अर्धचालक का बैंड गैप महत्वपूर्ण होता है। चौड़े बैंड गैप वाले अर्धचालक सूर्य के प्रकाश के एक बड़े हिस्से को अवशोषित कर सकते हैं और इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े (electron-hole pairs) उत्पन्न कर सकते हैं, जो उत्प्रेरक प्रतिक्रियाओं के लिए आवश्यक हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्रकाश-उत्प्रेरक प्रतिक्रियाओं में, इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े (electron-hole pairs) कैसे बनते हैं?
- (a) उत्प्रेरक के गर्म होने पर
- (b) जब प्रकाश की ऊर्जा अर्धचालक के बैंड गैप से अधिक हो
- (c) जब अर्धचालक को अन्य धातुओं से मिलाया जाता है
- (d) अमोनिया के पानी में घुलने पर
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब एक अर्धचालक पर पड़ने वाले प्रकाश की ऊर्जा (फोटॉन की ऊर्जा) उसके बैंड गैप से अधिक होती है, तो एक इलेक्ट्रॉन अपने संयोजी बैंड (valence band) से चालन बैंड (conduction band) में उत्तेजित हो जाता है, जिससे एक इलेक्ट्रॉन-होल जोड़ा बनता है।
व्याख्या (Explanation): अन्य स्थितियाँ अर्धचालक के गुणों को प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन इलेक्ट्रॉन-होल जोड़े के निर्माण का मुख्य तंत्र प्रकाश अवशोषण है जिसकी ऊर्जा बैंड गैप से अधिक होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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सौर ऊर्जा द्वारा अमोनिया निष्कर्षण, पारंपरिक अमोनिया हटाने की विधियों की तुलना में क्या लाभ प्रदान कर सकता है?
- (a) कम ऊर्जा खपत
- (b) कम पर्यावरणीय प्रभाव
- (c) दोनों (a) और (b)
- (d) कोई लाभ नहीं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर ऊर्जा का उपयोग नवीकरणीय और स्वच्छ है। यह बिजली की खपत को कम कर सकता है और रासायनिक अभिकर्मकों के उपयोग को भी कम कर सकता है, जिससे समग्र ऊर्जा खपत और पर्यावरणीय प्रभाव कम होता है।
व्याख्या (Explanation): पारंपरिक विधियों में अक्सर उच्च ऊर्जा लागत (जैसे वाष्पीकरण) या रासायनिक अवक्षेपण के लिए रसायनों का उपयोग शामिल होता है। सौर विधियाँ, विशेष रूप से फोटो-उत्प्रेरण, इन कमियों को दूर कर सकती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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भौतिकी में, ‘तरंग दैर्ध्य’ (wavelength) का क्या अर्थ है?
- (a) एक तरंग के दो लगातार शिखरों (crests) या गर्तों (troughs) के बीच की दूरी
- (b) एक तरंग के दो लगातार शिखरों के बीच की दूरी
- (c) एक तरंग की आवृत्ति
- (d) एक तरंग की तीव्रता
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): तरंग दैर्ध्य (λ) किसी भी दो लगातार समान बिंदुओं के बीच की दूरी है, जैसे दो लगातार शिखर या दो लगातार गर्त, एक तरंग में।
व्याख्या (Explanation): विकल्प (b) सबसे सटीक परिभाषा प्रदान करता है। विकल्प (a) भी सही है, लेकिन (b) अधिक विशिष्ट है। आवृत्ति (c) प्रति इकाई समय में दोलन की संख्या है, और तीव्रता (d) ऊर्जा के प्रवाह से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रसायन विज्ञान में, ‘ऑक्सीकरण’ (oxidation) का सबसे अच्छा वर्णन क्या है?
- (a) इलेक्ट्रॉनों का लाभ (gain of electrons)
- (b) इलेक्ट्रॉनों का हानि (loss of electrons)
- (c) हाइड्रोजन का लाभ
- (d) ऑक्सीजन का निष्कासन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऑक्सीकरण को परंपरागत रूप से ऑक्सीजन के साथ संयोजन या हाइड्रोजन के निष्कासन के रूप में परिभाषित किया गया था। आधुनिक परिभाषा इलेक्ट्रॉनों के संदर्भ में है: ऑक्सीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कोई प्रजाति इलेक्ट्रॉनों को खो देती है।
व्याख्या (Explanation): इलेक्ट्रॉनों का लाभ अपचयन (reduction) कहलाता है। हाइड्रोजन का लाभ (c) अपचयन है, और ऑक्सीजन का निष्कासन (d) भी अपचयन है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीव विज्ञान में, ‘जैव-रासायनिक अभिक्रिया’ (biochemical reaction) से आप क्या समझते हैं?
- (a) पृथ्वी के वायुमंडल में होने वाली अभिक्रिया
- (b) प्रयोगशाला में होने वाली कोई भी रासायनिक अभिक्रिया
- (c) जीवित जीवों के भीतर होने वाली रासायनिक अभिक्रिया
- (d) जल में घुलने वाली अभिक्रिया
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जैव-रासायनिक अभिक्रियाएँ वे रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं जो जीवित जीवों के अंदर या उनके द्वारा उत्प्रेरित होती हैं, जो जीवन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
व्याख्या (Explanation): अन्य विकल्प गलत हैं क्योंकि जैव-रासायनिक अभिक्रियाएँ विशेष रूप से जीवित प्रणालियों से संबंधित होती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश-उत्प्रेरक (photocatalyst) के रूप में टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO₂) का उपयोग करते समय, किस तरंग दैर्ध्य (wavelength) का प्रकाश सबसे प्रभावी होता है?
- (a) अवरक्त (Infrared)
- (b) पराबैंगनी (Ultraviolet)
- (c) रेडियो तरंगें (Radio waves)
- (d) माइक्रोवेव (Microwaves)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO₂) का बैंड गैप लगभग 3.2 eV (इलेक्ट्रॉन वोल्ट) होता है, जो पराबैंगनी (UV) प्रकाश के अनुरूप होता है (लगभग 387 nm से कम तरंग दैर्ध्य)। इसलिए, TiO₂ को सक्रिय करने के लिए UV प्रकाश की आवश्यकता होती है।
व्याख्या (Explanation): अवरक्त, रेडियो तरंगें और माइक्रोवेव में TiO₂ के बैंड गैप को पार करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं होती है। हालांकि, संशोधित TiO₂ या अन्य को-उत्प्रेरक (co-catalysts) का उपयोग करके दृश्यमान प्रकाश (visible light) के तहत इसकी गतिविधि को बढ़ाया जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रसायन विज्ञान में, ‘पीएच’ (pH) मान क्या मापता है?
- (a) घोल में ऑक्सीजन की सांद्रता
- (b) घोल में हाइड्रोनियम आयन (H₃O⁺) की सांद्रता
- (c) घोल में अमोनियम आयन (NH₄⁺) की सांद्रता
- (d) घोल में लवण की सांद्रता
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पीएच (pH) मान किसी घोल की अम्लता या क्षारकता को मापता है, जो घोल में हाइड्रोजन आयनों (या हाइड्रोनियम आयनों, H₃O⁺) की सांद्रता का ऋणात्मक लघुगणक (negative logarithm) होता है।
व्याख्या (Explanation): पीएच स्केल 0 से 14 तक होता है, जहाँ 7 तटस्थ होता है, 7 से कम अम्लीय और 7 से अधिक क्षारीय होता है। अन्य विकल्प पीएच से संबंधित नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीव विज्ञान में, ‘एटीपी’ (ATP) का पूरा नाम क्या है और यह किसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है?
- (a) एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट; ऊर्जा मुद्रा (Energy currency)
- (b) एलेनिन ट्राइपेप्टाइड; कोशिका झिल्ली (Cell membrane)
- (c) अमोनिया ट्रांसफर प्रोसेस; अपशिष्ट प्रबंधन (Waste management)
- (d) एंजाइम थेरेपी प्रोटोकॉल; प्रोटीन संश्लेषण (Protein synthesis)
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एटीपी (Adenosine Triphosphate) एक मैक्रोमोलेक्यूल (macromolecule) है जिसे कोशिका की ‘ऊर्जा मुद्रा’ के रूप में जाना जाता है। यह कोशिका के भीतर ऊर्जा-निर्भर प्रक्रियाओं को शक्ति प्रदान करता है।
व्याख्या (Explanation): अन्य विकल्प एटीपी के सही नाम या कार्य का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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भौतिकी में, ‘प्रतिरोध’ (resistance) का एसआई मात्रक (SI unit) क्या है?
- (a) वोल्ट (Volt)
- (b) एम्पीयर (Ampere)
- (c) ओम (Ohm)
- (d) वाट (Watt)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रतिरोध (Resistance) विद्युत प्रवाह के प्रति एक सामग्री की आपत्ति है। इसका एसआई मात्रक ओम (Ω) है, जिसे जर्मन भौतिकीविद् जॉर्ज साइमन ओम के नाम पर रखा गया है।
व्याख्या (Explanation): वोल्ट (a) विद्युत विभव का मात्रक है, एम्पीयर (b) विद्युत धारा का मात्रक है, और वाट (d) शक्ति का मात्रक है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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रसायन विज्ञान में, ‘हाइड्रोजन बंध’ (hydrogen bond) क्या है?
- (a) एक सहसंयोजक बंध जहाँ हाइड्रोजन परमाणु दो अन्य परमाणुओं के बीच साझा किया जाता है
- (b) एक आयनिक बंध जहाँ हाइड्रोजन परमाणु इलेक्ट्रॉन खो देता है
- (c) एक कमजोर विद्युत आकर्षण बल जो एक आंशिक धनात्मक हाइड्रोजन परमाणु और एक आंशिक ऋणात्मक परमाणु (जैसे ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, या फ्लोरीन) के बीच बनता है
- (d) एक धातु बंध
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): हाइड्रोजन बंध एक विशिष्ट प्रकार का अंतर-आणविक (intermolecular) या अंतरा-आणविक (intramolecular) आकर्षण है जो तब बनता है जब एक हाइड्रोजन परमाणु, जो पहले से ही एक अत्यधिक विद्युतीय परमाणु (जैसे ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, या फ्लोरीन) से सहसंयोजक रूप से बंधा होता है, एक दूसरे विद्युतीय परमाणु के अकेले जोड़े (lone pair) इलेक्ट्रॉनों की ओर आकर्षित होता है।
व्याख्या (Explanation): विकल्प (a) एक विशेष प्रकार के सहसंयोजक बंध (जैसे हाइड्रोजन बॉन्ड में) का वर्णन करने की कोशिश करता है लेकिन अधूरी है। विकल्प (b) गलत है क्योंकि यह आयनिक बंध और इलेक्ट्रॉन हानि का वर्णन करता है। विकल्प (d) एक अलग प्रकार का रासायनिक बंध है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीव विज्ञान में, ‘कोशिका भित्ति’ (cell wall) का मुख्य कार्य क्या है?
- (a) ऊर्जा का उत्पादन करना
- (b) प्रकाश संश्लेषण करना
- (c) कोशिका को संरचनात्मक सहायता और सुरक्षा प्रदान करना
- (d) आनुवंशिक सामग्री को संग्रहीत करना
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिका भित्ति, जो पौधों, कवक और जीवाणुओं में पाई जाती है, एक कठोर बाहरी परत है जो कोशिका को उसकी आकृति प्रदान करती है, यांत्रिक तनाव से बचाती है, और कोशिका को फटने से रोकती है।
व्याख्या (Explanation): ऊर्जा उत्पादन (a) माइटोकॉन्ड्रिया का कार्य है, प्रकाश संश्लेषण (b) क्लोरोप्लास्ट का कार्य है, और आनुवंशिक सामग्री का भंडारण (d) नाभिक (nucleus) का कार्य है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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सौर ऊर्जा का उपयोग करके अमोनिया निष्कर्षण की प्रक्रिया में, ‘सौर सेल’ (solar cell) का क्या कार्य है?
- (a) अमोनिया को तोड़ना
- (b) प्रकाश ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करना, जो फिर प्रकाश-उत्प्रेरक को शक्ति प्रदान कर सकता है
- (c) पानी को फ़िल्टर करना
- (d) अमोनिया को अवक्षेपित करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सौर सेल, जिन्हें फोटोवोल्टेइक सेल भी कहा जाता है, प्रकाश-विद्युत प्रभाव का उपयोग करके सूर्य के प्रकाश (फोटॉनों) को सीधे विद्युत ऊर्जा (इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह) में परिवर्तित करते हैं। यह विद्युत ऊर्जा फिर विभिन्न उपकरणों को शक्ति प्रदान कर सकती है, जिसमें प्रकाश-उत्प्रेरक को सक्रिय करने वाली UV लैंप भी शामिल हो सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): जबकि अंतिम लक्ष्य अमोनिया को हटाना है, सौर सेल सीधे अमोनिया को नहीं तोड़ते या अवक्षेपित नहीं करते। वे मुख्य रूप से ऊर्जा स्रोत के रूप में कार्य करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।