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कश्मीर का सच: पहलगाम हमलावर के अंतिम संस्कार से पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब

कश्मीर का सच: पहलगाम हमलावर के अंतिम संस्कार से पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब

चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हाल ही में, जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुई एक दुखद घटना के बाद, जिस आतंकवादी ने हमारे वीर जवानों की जान ली, उसका अंतिम संस्कार नियंत्रण रेखा (LoC) के पार, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में संपन्न हुआ। यह घटना, जो ‘ऑपरेशन महादेव’ के नाम से जानी जाती है, एक बार फिर पाकिस्तान की आतंकवाद के प्रति प्रतिबद्धता और कश्मीर घाटी में अपनी गतिविधियों को छिपाने के असफल प्रयासों पर प्रकाश डालती है। इतना ही नहीं, स्थानीय लोगों द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की उपस्थिति का विरोध भी इस मामले की जटिलताओं को बढ़ाता है। यह ब्लॉग पोस्ट, UPSC उम्मीदवारों के लिए इस घटना के विभिन्न पहलुओं, इसके भू-राजनीतिक निहितार्थों, और भारतीय सुरक्षा तंत्र के लिए इसके महत्व की विस्तृत पड़ताल करेगा।

भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन महादेव’ के सफल निष्पादन ने न केवल पहलगाम में छुपे आतंकवादियों को मार गिराया, बल्कि उन अंतरराष्ट्रीय कड़ियों को भी उजागर किया जो कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं। जब मारे गए आतंकवादी का अंतिम संस्कार PoK में हुआ, तो यह कोई सामान्य घटना नहीं थी। यह एक स्पष्ट संकेत था कि पाकिस्तान, जो लगातार कश्मीर में अपनी भूमिका से इनकार करता रहा है, वास्तव में उन ताकतों का समर्थन करता है जो हमारे देश की शांति और संप्रभुता को भंग करने का प्रयास करती हैं।

यह घटना कई महत्वपूर्ण सवालों को जन्म देती है: पाकिस्तान की आतंकवाद को प्रायोजित करने की क्या रणनीति है? ‘ऑपरेशन महादेव’ ने क्या उजागर किया? PoK में अंतिम संस्कार क्यों किया गया? और स्थानीय लोगों का LeT की उपस्थिति पर विरोध क्यों? आइए, इन सभी पहलुओं को गहराई से समझें।

1. ‘ऑपरेशन महादेव’: एक विस्तृत विश्लेषण

जब भी कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों द्वारा कोई बड़ी कार्रवाई की जाती है, तो उसे एक कोड नाम दिया जाता है। ‘ऑपरेशन महादेव’ पहलगाम क्षेत्र में आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सेना के एक विशेष अभियान का हिस्सा था। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य घाटी में सक्रिय विदेशी आतंकवादियों को निष्क्रिय करना और उनकी घुसपैठ की कोशिशों को विफल करना था।

ऑपरेशन की मुख्य विशेषताएं:

  • स्थान: पहलगाम, जम्मू और कश्मीर। यह इलाका अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, लेकिन दुर्भाग्यवश, यह आतंकवादियों की घुसपैठ और छिपने का स्थान भी बनता रहा है।
  • लक्ष्य: प्रशिक्षित, हथियारबंद और संभवतः विदेशी मूल के आतंकवादी।
  • उद्देश्य: आतंकवादियों को मार गिराना, उनके नेटवर्क का भंडाफोड़ करना और आगे किसी भी हमले को रोकना।
  • परिणाम: इस ऑपरेशन में कई आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिससे स्थानीय स्तर पर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंताएं बढ़ गईं।

यह ऑपरेशन भारतीय सेना के शौर्य, समर्पण और आतंकवाद के खिलाफ उनकी अटूट लड़ाई का प्रतीक है। ऐसे ऑपरेशन न केवल आतंकवादियों को सीधे चुनौती देते हैं, बल्कि उन ताकतों को भी संदेश देते हैं जो उन्हें समर्थन देती हैं।

2. PoK में अंतिम संस्कार: पाकिस्तान की छिपी हुई भूमिका का सबूत

वह क्षण जो इस पूरी घटना को अंतरराष्ट्रीय पटल पर ले आया, वह था पहलगाम में मारे गए आतंकवादी का अंतिम संस्कार। यह कोई सामान्य घटना नहीं थी, बल्कि नियंत्रण रेखा के पार, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में संपन्न हुआ। यह सीधा प्रमाण है कि:

  • आतंकवादी पाकिस्तान से जुड़ा था: जिस आतंकवादी को भारतीय सेना ने मार गिराया, वह न केवल कश्मीर में सक्रिय था, बल्कि उसका संबंध सीधे तौर पर पाकिस्तान या PoK से था।
  • पाकिस्तान द्वारा समर्थन: PoK में उसका अंतिम संस्कार सार्वजनिक रूप से होना इस बात का संकेत देता है कि पाकिस्तान ऐसे तत्वों को न केवल आश्रय देता है, बल्कि उन्हें अपनी धरती पर सम्मान भी देता है। यह पाकिस्तान के उस आधिकारिक रुख का खंडन करता है जिसमें वह आतंकवाद से लड़ने का दावा करता है।
  • अंतरराष्ट्रीय मापदंडों का उल्लंघन: किसी भी देश द्वारा अपने क्षेत्र में आतंकवादियों को प्रश्रय देना और उनका अंतिम संस्कार करना अंतरराष्ट्रीय कानून और संधियों के विरुद्ध है।

“एक आतंकवादी का अंतिम संस्कार, भले ही वह नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर हो, उसे जोड़ने वाले धागों को स्पष्ट रूप से दिखाता है। यह पाकिस्तान को सीधे जवाबदेही के कठघरे में खड़ा करता है।”

भारत ने बार-बार पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है, और यह घटना उस आरोप को और पुष्ट करती है। यह स्पष्ट करता है कि पाकिस्तान, कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए आतंकवादियों का इस्तेमाल एक ‘रणनीतिक संपत्ति’ के रूप में कर रहा है, और वह इस तथ्य को छिपाने की कोशिश करता है।

3. स्थानीय लोगों का LeT की उपस्थिति का विरोध: एक नया मोड़

इस पूरी कहानी का एक और महत्वपूर्ण पहलू है स्थानीय लोगों द्वारा लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की उपस्थिति का विरोध। यह पहली बार नहीं है जब कश्मीर के स्थानीय लोग आतंकवाद का विरोध कर रहे हैं, लेकिन ऐसे समय में जब एक आतंकवादी का अंतिम संस्कार PoK में हो रहा हो, यह विरोध विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है।

स्थानीय विरोध के निहितार्थ:

  • शांति की चाह: यह दर्शाता है कि कश्मीर के आम लोग भी शांति और सामान्य जीवन की कामना करते हैं, और वे नहीं चाहते कि उनकी भूमि आतंकवादियों का अड्डा बने।
  • पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से मोहभंग: स्थानीय लोगों का LeT जैसे संगठनों का विरोध, पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के प्रति उनके मोहभंग का भी संकेत हो सकता है। वे समझ गए हैं कि ऐसे संगठन उनके जीवन में केवल दुख और विनाश लाते हैं।
  • भारतीय सुरक्षा बलों के प्रति समर्थन: अप्रत्यक्ष रूप से, यह विरोध भारतीय सुरक्षा बलों के प्रयासों को भी बल देता है, क्योंकि यह स्पष्ट करता है कि सुरक्षा बल केवल बाहरी ताकतों से नहीं, बल्कि कुछ हद तक स्थानीय जनसमर्थन के साथ भी काम कर रहे हैं।
  • गलत सूचना का मुकाबला: यह उन दुष्प्रचारों का भी खंडन करता है जो पाकिस्तान और उसके समर्थक कश्मीर में फैलाते हैं कि स्थानीय लोग भारतीय शासन के विरुद्ध हैं।

यह स्थानीय विरोध एक सकारात्मक संकेत है कि कश्मीर में भी जमीनी हकीकत बदल रही है। लोग अब आतंकवादियों और उन्हें समर्थन देने वाली ताकतों को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।

4. कश्मीर में आतंकवाद: एक बहुआयामी चुनौती

कश्मीर घाटी में आतंकवाद एक जटिल और बहुआयामी चुनौती है, जिसके कई कारण और प्रभाव हैं।

कारण:

  • बाहरी प्रायोजन: पाकिस्तान द्वारा निरंतर समर्थन, प्रशिक्षण, धन और हथियार की आपूर्ति।
  • वैचारिक घुसपैठ: कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार और युवाओं को भ्रमित करना।
  • ऐतिहासिक और राजनीतिक कारक: कश्मीर विवाद के अनसुलझे मुद्दे।
  • आर्थिक कारक: बेरोजगारी और अवसरों की कमी, जो युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेल सकती है।
  • डिजिटल प्रचार: सोशल मीडिया का उपयोग कर दुष्प्रचार फैलाना और भर्ती करना।

प्रभाव:

  • सुरक्षा बलों और नागरिकों की जान का नुकसान।
  • आर्थिक विकास में बाधा।
  • पर्यटन और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव।
  • स्थानीय समुदायों में भय और अनिश्चितता।
  • क्षेत्रीय अस्थिरता।

“कश्मीर में आतंकवाद केवल एक सैन्य समस्या नहीं है, बल्कि एक सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक समस्या भी है, जिसके समाधान के लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है।”

5. UPSC परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

यह घटना UPSC परीक्षा के विभिन्न चरणों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है:

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims):

  • भूगोल: पहलगाम, PoK, नियंत्रण रेखा (LoC) का स्थान।
  • इतिहास: कश्मीर मुद्दे का संक्षिप्त इतिहास, आतंकवाद का विकास।
  • समसामयिकी: ‘ऑपरेशन महादेव’, LeT की गतिविधियां, भारत-पाकिस्तान संबंध।
  • रक्षा: आतंकवाद विरोधी अभियान, सुरक्षा बल।

मुख्य परीक्षा (Mains):

  • GS-I (Society): कश्मीर में सामाजिक मुद्दे, स्थानीय लोगों का दृष्टिकोण।
  • GS-II (International Relations): भारत-पाकिस्तान संबंध, आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा, पाकिस्तान की विदेश नीति।
  • GS-III (Security & Disaster Management): आंतरिक सुरक्षा चुनौतियां, आतंकवाद का वित्तपोषण और प्रसार, सीमा प्रबंधन, आतंकवाद विरोधी रणनीतियाँ।
  • GS-IV (Ethics): राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति नैतिक कर्तव्य, आतंकवाद के पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता।

निबंध (Essay):

  • ‘कश्मीर में शांति और स्थिरता की राह।’
  • ‘भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा: चुनौतियां और रणनीतियाँ।’
  • ‘आतंकवाद: एक वैश्विक अभिशाप और उसका सामना।’

6. भारत की प्रतिक्रिया और आगे की राह

ऐसी घटनाओं पर भारत की प्रतिक्रिया हमेशा मजबूत और कूटनीतिक रही है।

मुख्य प्रतिक्रियाएं:

  • अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करना: भारत संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करता रहा है।
  • कूटनीतिक दबाव: पाकिस्तान पर आतंकवाद को रोकने के लिए कूटनीतिक दबाव बनाए रखना।
  • सैन्य कार्रवाई: सीमा पर और सीमा के भीतर आतंकवादियों के खिलाफ मजबूत सैन्य अभियान जारी रखना।
  • सूचना युद्ध: दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए तथ्यों और सूचनाओं का प्रसार।
  • स्थानीय विकास: कश्मीर में आर्थिक विकास, रोजगार के अवसर और सुशासन को बढ़ावा देना ताकि युवाओं को अलगाववादी ताकतों से दूर रखा जा सके।

आगे की राह:

  • सीमा पार से घुसपैठ को रोकना: सीमा सुरक्षा को और मजबूत करना।
  • आतंकवादी वित्तपोषण नेटवर्क को तोड़ना: ऐसे नेटवर्कों की पहचान कर उन्हें निष्क्रिय करना।
  • कट्टरपंथी विचारधारा का मुकाबला: शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से युवाओं को गलत विचारों से बचाना।
  • स्थानीय आबादी का विश्वास जीतना: विकास, रोजगार और सुशासन के माध्यम से स्थानीय लोगों का समर्थन प्राप्त करना।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अन्य देशों का सहयोग प्राप्त करना।

“कश्मीर का स्थायी समाधान केवल सैन्य शक्ति से नहीं, बल्कि दिल और दिमाग जीतने, विकास को बढ़ावा देने और पाकिस्तान को अपनी हरकतों से बाज आने के लिए मजबूर करने से ही संभव है।”

पहलगाम हमलावर का PoK में अंतिम संस्कार, पाकिस्तान के दोहरे मापदंडों और भारत के प्रति उसकी शत्रुता का एक और प्रमाण है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी है और इसके लिए हमें न केवल सैन्य बल्कि कूटनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मोर्चों पर भी सक्रिय रहना होगा। स्थानीय लोगों का विरोध एक आशा की किरण है, जो दर्शाता है कि कश्मीर के लोग भी शांति चाहते हैं और अलगाववादी ताकतों से दूर रहना चाहते हैं। UPSC उम्मीदवारों के लिए, इस घटना का विश्लेषण भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा नीतियों, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य को समझने में मदद करेगा।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

  1. प्रश्न: ‘ऑपरेशन महादेव’ किस क्षेत्र में हाल ही में संपन्न हुए एक आतंकवादी विरोधी अभियान से संबंधित है?

    (a) असम
    (b) जम्मू और कश्मीर
    (c) पंजाब
    (d) मणिपुर

    उत्तर: (b) जम्मू और कश्मीर

    व्याख्या: ‘ऑपरेशन महादेव’ जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सेना का एक अभियान था।
  2. प्रश्न: समाचारों में उल्लिखित ‘PoK’ का पूर्ण रूप क्या है?

    (a) पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर
    (b) पंजाब ऑक्यूपाइड कश्मीर
    (c) पीपल ऑफ़ कश्मीर
    (d) पाकिस्तान ऑक्यूपेशन कोर

    उत्तर: (a) पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर

    व्याख्या: PoK, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का संक्षिप्त रूप है, जो भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य का वह हिस्सा है जिस पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है।
  3. प्रश्न: पहलगाम हमलावर का अंतिम संस्कार किस देश में हुआ था, जिससे पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठे?

    (a) अफगानिस्तान
    (b) पाकिस्तान
    (c) ईरान
    (d) बांग्लादेश

    उत्तर: (b) पाकिस्तान

    व्याख्या: अंतिम संस्कार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हुआ, जो सीधे तौर पर पाकिस्तान की संलिप्तता का संकेत देता है।
  4. प्रश्न: समाचार के अनुसार, स्थानीय लोगों ने किस आतंकवादी संगठन की उपस्थिति का विरोध किया?

    (a) जैश-ए-मोहम्मद (JeM)
    (b) हिजबुल मुजाहिदीन (HM)
    (c) लश्कर-ए-तैयबा (LeT)
    (d) अल-कायदा (Al-Qaeda)

    उत्तर: (c) लश्कर-ए-तैयबा (LeT)

    व्याख्या: स्थानीय लोगों द्वारा प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की उपस्थिति का विरोध किया गया।
  5. प्रश्न: कश्मीर घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कौन सा देश प्रमुख रूप से जिम्मेदार माना जाता है?

    (a) चीन
    (b) पाकिस्तान
    (c) बांग्लादेश
    (d) म्यांमार

    उत्तर: (b) पाकिस्तान

    व्याख्या: भारत लगातार पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने और कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने का आरोप लगाता रहा है।
  6. प्रश्न: पहलगाम किस भारतीय राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है?

    (a) हिमाचल प्रदेश
    (b) उत्तराखंड
    (c) जम्मू और कश्मीर
    (d) सिक्किम

    उत्तर: (c) जम्मू और कश्मीर

    व्याख्या: पहलगाम जम्मू और कश्मीर में स्थित एक सुंदर घाटी है, जो पर्यटन के लिए जानी जाती है।
  7. प्रश्न: नियंत्रण रेखा (LoC) भारत को किस पड़ोसी देश से अलग करती है?

    (a) चीन
    (b) नेपाल
    (c) पाकिस्तान
    (d) म्यांमार

    उत्तर: (c) पाकिस्तान

    व्याख्या: नियंत्रण रेखा (LoC) भारत और पाकिस्तान के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा है, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में।
  8. प्रश्न: कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने में स्थानीय लोगों का विरोध किस बात का संकेत देता है?

    (a) आतंकवाद के प्रति बढ़ता समर्थन
    (b) शांति और सामान्य जीवन की चाह
    (c) पाकिस्तान के प्रति निष्ठा
    (d) भारतीय सेना के खिलाफ आक्रोश

    उत्तर: (b) शांति और सामान्य जीवन की चाह

    व्याख्या: स्थानीय लोगों का विरोध यह दर्शाता है कि वे शांति चाहते हैं और आतंकवाद को अपनी भूमि पर नहीं पनपने देना चाहते।
  9. प्रश्न: लश्कर-ए-तैयबा (LeT) को किस देश से जुड़ा एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन माना जाता है?

    (a) भारत
    (b) अफगानिस्तान
    (c) पाकिस्तान
    (d) ईरान

    उत्तर: (c) पाकिस्तान

    व्याख्या: लश्कर-ए-तैयबा (LeT) एक पाकिस्तान-आधारित आतंकवादी संगठन है जो कश्मीर में भारत के खिलाफ अपनी गतिविधियों के लिए जाना जाता है।
  10. प्रश्न: कश्मीर में आतंकवाद की समस्या किस प्रकार की चुनौती है?

    (a) केवल सैन्य
    (b) केवल राजनीतिक
    (c) बहुआयामी (सैन्य, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक)
    (d) केवल आर्थिक

    उत्तर: (c) बहुआयामी (सैन्य, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक)

    व्याख्या: कश्मीर में आतंकवाद एक जटिल समस्या है जिसके सैन्य, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक पहलू हैं।

मुख्य परीक्षा (Mains)

  1. प्रश्न: पहलगाम हमलावर के PoK में अंतिम संस्कार की घटना ने पाकिस्तान की आतंकवाद को प्रायोजित करने की भूमिका के संबंध में क्या महत्वपूर्ण प्रमाण प्रदान किए हैं? अपने उत्तर में, कश्मीर में आतंकवाद की बहुआयामी प्रकृति और भारत की प्रतिक्रिया रणनीतियों पर भी प्रकाश डालें। (लगभग 250 शब्द)
  2. प्रश्न: कश्मीर घाटी में स्थानीय लोगों द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों का विरोध, क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए क्या निहितार्थ रखता है? इस बढ़ते स्थानीय प्रतिरोध को भारत अपनी सुरक्षा रणनीति को मजबूत करने के लिए कैसे उपयोग कर सकता है, विस्तार से बताएं। (लगभग 250 शब्द)
  3. प्रश्न: ‘ऑपरेशन महादेव’ जैसी घटनाओं के प्रकाश में, भारत-पाकिस्तान संबंधों में आतंकवाद की भूमिका का आलोचनात्मक विश्लेषण करें। पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के ‘रणनीतिक संपत्ति’ के रूप में उपयोग की अवधारणा की जांच करें और इसके खिलाफ भारत द्वारा अपनाई गई कूटनीतिक और सुरक्षा पहलों का मूल्यांकन करें। (लगभग 250 शब्द)
  4. प्रश्न: कश्मीर में आतंकवाद एक स्थायी चुनौती बनी हुई है। इसके मूल कारणों (बाहरी प्रायोजन, वैचारिक घुसपैठ, आर्थिक कारक) का विश्लेषण करें और उन समग्र समाधानों का सुझाव दें जिन्हें भारत सरकार द्वारा इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए लागू किया जाना चाहिए। (लगभग 250 शब्द)

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