संविधान महारथी: आज की राजव्यवस्था चुनौती
नमस्कार, भविष्य के प्रशासकों! भारतीय लोकतंत्र के ताने-बाने को समझना सफलता की कुंजी है। अपनी राजव्यवस्था की समझ को पैना करने और महत्वपूर्ण संवैधानिक अवधारणाओं पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए तैयार हो जाइए। प्रस्तुत है भारतीय राजव्यवस्था और संविधान पर 25 प्रश्नों की एक विशेष श्रृंखला, जो आपकी तैयारी को एक नया आयाम देगी। आइए, आज के इस ज्ञानवर्धक परीक्षण के साथ अपने संवैधानिक ज्ञान की गहराई को मापें!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राज्य के नीति निदेशक तत्वों को न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं बनाया गया है?
- अनुच्छेद 37
- अनुच्छेद 38
- अनुच्छेद 39
- अनुच्छेद 40
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 37 स्पष्ट रूप से कहता है कि “इस भाग में अंतर्विष्ट तत्वों को किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं बनाया जाएगा, तथापि, यह राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वह विधि के शासन में इन सिद्धांतों को लागू करे।” यह सुनिश्चित करता है कि नीति निदेशक तत्व (DPSP) प्रकृति में गैर-प्रवर्तनीय (non-justiciable) हैं।
- संदर्भ और विस्तार: नीति निदेशक तत्व संविधान के भाग IV में शामिल हैं और देश के शासन के लिए मौलिक हैं। ये सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखते हैं। न्यायालय इन्हें सीधे लागू नहीं कर सकते, लेकिन सरकारें इन्हें कानून बनाते समय लागू करने के लिए बाध्य हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 38 सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने की बात करता है, अनुच्छेद 39 संसाधनों के समान वितरण और अवसर की समानता पर केंद्रित है, और अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के गठन का उल्लेख करता है। ये सभी DPSP के अंतर्गत आते हैं लेकिन किसी भी तरह से उन्हें प्रवर्तनीय नहीं बनाते।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस मामले में भारत के उच्चतम न्यायालय ने ‘मूल संरचना सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) का प्रतिपादन किया?
- ए. के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
- शंकरी प्रसाद देव बनाम भारत संघ
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘मूल संरचना सिद्धांत’ का ऐतिहासिक प्रतिपादन 1973 में केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले में भारत के उच्चतम न्यायालय की एक ऐतिहासिक संविधान पीठ द्वारा किया गया था। इस निर्णय ने स्थापित किया कि संसद के पास संविधान में संशोधन करने की असीमित शक्ति नहीं है; संशोधन संविधान की मूल संरचना को नहीं बदल सकते।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत ने संसद की संशोधन शक्ति (अनुच्छेद 368) को सीमित कर दिया और संविधान की सर्वोच्चता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने संविधान को एक जीवंत दस्तावेज़ के रूप में व्याख्यायित किया जिसे समय के साथ विकसित किया जा सकता है, लेकिन इसके मूल सिद्धांतों को नष्ट नहीं किया जा सकता।
- गलत विकल्प: ‘ए. के. गोपालन’ मामला (1950) जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार से संबंधित था। ‘शंकरी प्रसाद देव’ मामला (1951) और ‘सज्जन सिंह’ मामला (1965) ने माना कि अनुच्छेद 368 के तहत मौलिक अधिकारों को भी संशोधित किया जा सकता है। ‘मिनर्वा मिल्स’ मामला (1980) ने मूल संरचना सिद्धांत को फिर से स्थापित किया और न्यायपालिका की समीक्षा शक्ति को भी मूल संरचना का हिस्सा माना।
प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति से संबंधित कौन सा अनुच्छेद है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 111
- अनुच्छेद 112
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमा, दंडादेश का लघुकरण, प्रविलंबन या परिहार करने की शक्ति प्रदान करता है। यह शक्ति मृत्युदंड के मामलों में भी लागू होती है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति की यह क्षमादान शक्ति न केवल दया पर आधारित है, बल्कि यह न्याय की समीक्षा और सुधार का भी एक माध्यम है। यह राज्य के राज्यपाल की क्षमादान शक्ति (अनुच्छेद 161) से थोड़ी भिन्न है, क्योंकि राज्यपाल मृत्युदंड को क्षमा नहीं कर सकते, केवल लघुकरण या प्रविलंबन कर सकते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की विधायी शक्ति, विशेषकर विधेयकों पर स्वीकृति देने या रोकने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है।
प्रश्न 4: भारतीय संसद के दो सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सत्रावसान की घोषणा कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- भारत के राष्ट्रपति
- राज्यसभा का सभापति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 85(2)(a) राष्ट्रपति को किसी भी सदन का सत्रावसान (prorogue) करने की शक्ति प्रदान करता है। इसका अर्थ है कि राष्ट्रपति एक सत्र को आधिकारिक तौर पर समाप्त कर सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: सत्रावसान, स्थगन (adjournment) से भिन्न है। स्थगन सदन के कार्य को कुछ घंटों, दिनों या हफ्तों के लिए रोकता है, जिसे पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष या सभापति) करते हैं। सत्रावसान सत्र को समाप्त करता है और यह राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। सत्रावसान के बाद, लंबित विधेयक समाप्त हो जाते हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं लेकिन सत्रावसान की घोषणा नहीं करते। लोकसभा अध्यक्ष सदन के कार्य संचालन के लिए उत्तरदायी हैं और स्थगन कर सकते हैं, सत्रावसान नहीं। राज्यसभा का सभापति (जो उपराष्ट्रपति होते हैं) भी सदन के स्थगन से संबंधित हैं, सत्रावसान से नहीं।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा एक संवैधानिक निकाय नहीं है?
- भारत का चुनाव आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग
- नीति आयोग
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद/स्थापना संदर्भ: नीति आयोग (National Institution for Transforming India) एक कार्यकारी प्रस्ताव द्वारा 2015 में स्थापित एक गैर-संवैधानिक निकाय है। इसके विपरीत, भारत का चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) (अनुच्छेद 148) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं, जिनका उल्लेख संविधान में स्पष्ट रूप से किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे हैं जिनका अस्तित्व और कार्यप्रणाली सीधे संविधान में निहित है। नीति आयोग योजना आयोग का स्थान लेने के लिए बनाया गया था और यह सरकार के लिए एक थिंक-टैंक के रूप में कार्य करता है।
- गलत विकल्प: भारत का चुनाव आयोग, संघ लोक सेवा आयोग और CAG तीनों ही संवैधानिक निकाय हैं, जिनका अपना विशेष दर्जा और कार्यप्रणाली है जो सीधे संविधान से प्राप्त होती है।
प्रश्न 6: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘हम, भारत के लोग’ (We, the People of India) वाक्यांश क्या दर्शाता है?
- भारत एक संघीय राज्य है।
- भारत में संप्रभुता जनता में निहित है।
- भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है।
- भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: प्रस्तावना की शुरुआत ‘हम, भारत के लोग’ से होती है, जो यह स्पष्ट करता है कि संविधान का स्रोत और अंतिम अधिकार भारत की जनता है। यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता के जनता में निहित होने का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
- संदर्भ और विस्तार: यह भारत को एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था के रूप में स्थापित करता है जहाँ शक्ति जनता से उत्पन्न होती है और जनता के प्रति जवाबदेह होती है। यह लोकतंत्र का मूल सिद्धांत है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प (संघीय राज्य, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य) भी भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण तत्व हैं, लेकिन ‘हम, भारत के लोग’ वाक्यांश विशेष रूप से संप्रभुता के स्रोत को इंगित करता है, न कि सरकार के स्वरूप को।
प्रश्न 7: अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा कितने समय के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए?
- एक माह
- दो माह
- तीन माह
- छह माह
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 के बाद, अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा एक माह के भीतर अनुमोदित किया जाना आवश्यक है। यदि उद्घोषणा संसद के विघटन के समय या विघटन की अवधि के दौरान की गई है, तो इसे पुनर्गठित होने के बाद लोकसभा की पहली बैठक के 30 दिनों के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन आपातकाल के दुरुपयोग को रोकने और संसद के नियंत्रण को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था। पहले यह अवधि दो माह थी।
- गलत विकल्प: एक माह (a), तीन माह (c) और छह माह (d) गलत अवधि हैं, क्योंकि 44वें संशोधन ने इसे एक माह के भीतर अनुमोदित करने की अनिवार्यता रखी है।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- सभी को विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 के तहत वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक और निःशस्त्र जमा होने का अधिकार, संघ बनाने का अधिकार, संचरण की स्वतंत्रता, निवास की स्वतंत्रता और कोई भी पेशा, वृत्ति, व्यापार या कारोबार करने का अधिकार, केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) सभी व्यक्तियों (नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 15 (विभेद का प्रतिषेध) भी सभी व्यक्तियों पर लागू होता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 21 और 15 भारतीय क्षेत्र में रहने वाले सभी व्यक्तियों के लिए हैं, न कि केवल भारतीय नागरिकों के लिए।
प्रश्न 9: भारत में उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है?
- संबंधित राज्य के राज्यपाल
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 217 के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) और संबंधित राज्य के राज्यपाल से परामर्श करने के बाद, उच्च न्यायालय के प्रत्येक न्यायाधीश की नियुक्ति करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं, लेकिन यह नियुक्ति एक परामर्श प्रक्रिया का हिस्सा है जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश और संबंधित राज्य के राज्यपाल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। यह प्रक्रिया न्यायिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।
- गलत विकल्प: राज्यपाल, मुख्यमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश सीधे तौर पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं करते, हालांकि वे परामर्श प्रक्रिया का हिस्सा हो सकते हैं।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता भारत के संविधान की एकात्मक विशेषता है?
- लिखित संविधान
- कठोर संविधान
- शक्ति का विभाजन
- एकल नागरिकता
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: एकल नागरिकता (single citizenship) भारतीय संविधान की एक प्रमुख एकात्मक विशेषता है। इसका अर्थ है कि सभी भारतीय नागरिक, चाहे वे किसी भी राज्य में रहते हों, केवल एक ही नागरिकता धारण करते हैं, जो भारतीय नागरिकता है।
- संदर्भ और विस्तार: संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे संघात्मक राज्यों में दोहरी नागरिकता होती है (संघीय नागरिकता और राज्य नागरिकता)। भारत में एकल नागरिकता एक मजबूत केंद्रीय सरकार और राष्ट्रीय एकता पर जोर देती है।
- गलत विकल्प: लिखित संविधान (a), कठोर संविधान (b) और शक्ति का विभाजन (c) (केंद्र और राज्यों के बीच) भारतीय संविधान की संघीय विशेषताएं हैं, एकात्मक नहीं।
प्रश्न 11: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद अस्पृश्यता के उन्मूलन से संबंधित है?
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
- अनुच्छेद 18
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है और इसके किसी भी रूप में आचरण को निषिद्ध करता है। अस्पृश्यता से उपजी किसी भी विकलांगता को लागू करना कानून के अनुसार दंडनीय होगा।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक पूर्ण अधिकार है, जिसका अर्थ है कि यह राज्य और निजी व्यक्तियों दोनों पर लागू होता है। संसद ने अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 पारित किया है ताकि इस अनुच्छेद को प्रभावी बनाया जा सके।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता की गारंटी देता है। अनुच्छेद 18 उपाधियों का अंत करता है।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) की नियुक्ति करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- कानून मंत्री
- प्रधानमंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 के अनुसार, भारत का महान्यायवादी (Attorney General for India) भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी वह व्यक्ति होता है जो उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के योग्य हो। वह भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करता है और भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है।
- गलत विकल्प: भारत के मुख्य न्यायाधीश, कानून मंत्री या प्रधानमंत्री नियुक्ति की प्रक्रिया में भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन अंतिम नियुक्ति का अधिकार भारत के राष्ट्रपति का है।
प्रश्न 13: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व’ के आदर्श किस संविधान से प्रेरित हैं?
- अमेरिका
- ब्रिटेन
- फ्रांस
- आयरलैंड
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व (Liberté, Égalité, Fraternité) के आदर्श 1789 की फ्रांसीसी क्रांति से प्रेरित हैं और इन्हें भारतीय संविधान की प्रस्तावना में शामिल किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत भारतीय गणराज्य के मूल आधार हैं, जो सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय को सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।
- गलत विकल्प: अमेरिका से अधिकार-पत्र (Bill of Rights) और महाभियोग जैसी प्रक्रियाएं ली गई हैं। ब्रिटेन से संसदीय प्रणाली और कानून का शासन लिया गया है। आयरलैंड से राज्य के नीति निदेशक तत्व और राष्ट्रपति के चुनाव की अप्रत्यक्ष विधि ली गई है।
प्रश्न 14: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक मान्यता देता है?
- अनुच्छेद 243 से 243 O
- अनुच्छेद 240 से 243
- अनुच्छेद 243 A से 243 Z
- अनुच्छेद 243
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संविधान में एक नया भाग IX जोड़ा गया, जिसमें अनुच्छेद 243 और 243 O तक पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) के गठन, शक्तियों, कार्यों और वित्तीय प्रावधानों से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को स्थानीय स्वशासन की एक प्रभावी संस्था के रूप में स्थापित किया और उन्हें संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 240 (a) भारत क्षेत्र के कुछ भागों के लिए नियम बनाने की राष्ट्रपति की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 243 Z (b) से आगे आगे के अनुच्छेदों में शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाओं) का वर्णन है। केवल अनुच्छेद 243 (a) अधूरा है, जबकि 243 से 243 O पूर्ण प्रावधानों को कवर करते हैं।
प्रश्न 15: भारत में किसी राज्य का ‘लोक अभियोजक’ (Public Prosecutor) किसके द्वारा नियुक्त किया जाता है?
- राज्यपाल
- उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
- राज्य सरकार
- जिला न्यायाधीश
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 (CrPC) की धारा 24 के अनुसार, राज्य सरकार प्रत्येक जिले के लिए लोक अभियोजक नियुक्त करती है। उच्च न्यायालयों में भी लोक अभियोजकों की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: लोक अभियोजक का कार्य न्यायालय में राज्य की ओर से आपराधिक मामलों का संचालन करना है। इनकी नियुक्ति में राज्य सरकार की भूमिका प्रमुख होती है।
- गलत विकल्प: राज्यपाल या जिला न्यायाधीश सीधे तौर पर लोक अभियोजकों की नियुक्ति नहीं करते, हालांकि राज्यपाल की सहमति से राज्य सरकार नियुक्त करती है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति प्रक्रिया में भूमिका नहीं होती।
प्रश्न 16: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत सर्वोच्च न्यायालय को ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ (Right to Constitutional Remedies) प्राप्त है?
- अनुच्छेद 30
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 31
- अनुच्छेद 29
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32 को डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने ‘संविधान की आत्मा और हृदय’ कहा है। यह अनुच्छेद मौलिक अधिकारों को लागू कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय को रिट (जैसे बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार पृच्छा और उत्प्रेषण) जारी करने की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की स्थिति में सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाने की शक्ति देता है। उच्च न्यायालय भी अनुच्छेद 226 के तहत ऐसी ही शक्ति रखते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 29 अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण से संबंधित है। अनुच्छेद 30 शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यकों का अधिकार है। अनुच्छेद 31 संपत्ति के अधिकार से संबंधित था, जिसे अब हटा दिया गया है।
प्रश्न 17: भारत में ‘संसदीय प्रणाली’ (Parliamentary System) की प्रमुख विशेषता क्या है?
- कार्यपालिका का विधायिका के प्रति उत्तरदायित्व
- राज्यपाल की नियुक्ति
- लोकतंत्र की सर्वोच्चता
- न्यायपालिका की स्वतंत्रता
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: संसदीय प्रणाली की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि कार्यपालिका (प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद) सामूहिक रूप से विधायिका (लोकसभा) के प्रति उत्तरदायी होती है।
- संदर्भ और विस्तार: इसका मतलब है कि मंत्रिपरिषद तब तक सत्ता में बनी रहती है जब तक उसे लोकसभा का विश्वास प्राप्त है। यदि लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पारित कर दे, तो सरकार गिर जाती है। यह ‘संसद की संप्रभुता’ को भी दर्शाता है।
- गलत विकल्प: राज्यपाल की नियुक्ति (Article 155) राष्ट्रपति द्वारा होती है, जो एकात्मक विशेषता है। लोकतंत्र की सर्वोच्चता (b) और न्यायपालिका की स्वतंत्रता (c) संसदीय प्रणाली की विशेषताएँ हो सकती हैं, लेकिन वे कार्यपालिका के विधायिका के प्रति उत्तरदायित्व जितनी प्रमुख नहीं हैं।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सुमेलित नहीं है?
- भाग IV: राज्य के नीति निदेशक तत्व
- भाग III: मूल अधिकार
- भाग VA: संघ
- भाग II: नागरिकता
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुसार, भाग II नागरिकता (Citizenship) से संबंधित है, लेकिन यह अनुच्छेद 5 से 11 तक है। भाग VA (Part V A) नामक कोई भाग नहीं है। भाग V संघ (The Union) से संबंधित है (अनुच्छेद 52-151)।
- संदर्भ और विस्तार: संविधान को भागों, अध्यायों, अनुभागों और अनुच्छेदों में विभाजित किया गया है। सही मिलान यह होगा: भाग II नागरिकता (अनुच्छेद 5-11), भाग III मूल अधिकार (अनुच्छेद 12-35), भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्व (अनुच्छेद 36-51), और भाग V संघ (अनुच्छेद 52-151)।
- गलत विकल्प: भाग IV (DPSP), भाग III (मूल अधिकार) और भाग VA (हालांकि यह गलत है, लेकिन यह संघ के लिए है, लेकिन नाम गलत दिया है) सभी सही संदर्भों को बताते हैं, लेकिन प्रश्न में भाग VA का उल्लेख किया गया है, जबकि संघ भाग V में है। नागरिकता भाग II में है, इसलिए यह सही है। प्रश्न की त्रुटि को सुधारें, मान लें कि यह भाग V (संघ) के बारे में था। लेकिन मूल प्रश्न के अनुसार, भाग II नागरिकता सही है। यदि प्रश्न में भाग II की जगह भाग X (अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र) या कुछ और होता तो वह असुमेलित होता। वर्तमान विकल्पों में, भाग VA का अस्तित्व नहीं है, अतः यह युग्म असुमेलित है। (तकनीकी रूप से, भाग II नागरिकता सही है, लेकिन प्रश्न ‘कौन सा युग्म सुमेलित नहीं है’ पूछ रहा है)। यदि भाग VA को छोड़ दें, तो अन्य सभी सही हैं। इसलिए, यह प्रश्न इस प्रकार है कि एक विकल्प निश्चित रूप से गलत है।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन भारत के संविधान की ‘समवर्ती सूची’ (Concurrent List) का विषय है?
- रेलवे
- रक्षा
- वन
- जन स्वास्थ्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची का उल्लेख है। ‘वन’ (Forests) समवर्ती सूची (सूची III) का विषय है, जिसका अर्थ है कि इस पर कानून बनाने का अधिकार केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को है।
- संदर्भ और विस्तार: समवर्ती सूची में ऐसे विषय होते हैं जिन पर दोनों विधानमंडल कानून बना सकते हैं। यदि किसी विषय पर केंद्र और राज्य के कानूनों में विरोध होता है, तो केंद्रीय कानून प्रभावी होता है।
- गलत विकल्प: रेलवे (a) और रक्षा (b) संघ सूची के विषय हैं, जिन पर केवल केंद्र सरकार कानून बना सकती है। जन स्वास्थ्य (d) राज्य सूची का विषय है।
प्रश्न 20: भारतीय संविधान में ‘आपातकालीन प्रावधान’ किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- जर्मनी (वायमर गणराज्य)
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: भारत के संविधान में राष्ट्रीय आपातकाल, राज्य आपातकाल (राष्ट्रपति शासन) और वित्तीय आपातकाल से संबंधित प्रावधानों को मुख्य रूप से जर्मनी के तत्कालीन वायमर गणराज्य के संविधान से लिया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: इन प्रावधानों को संविधान में इसलिए शामिल किया गया ताकि देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए तथा आंतरिक और बाहरी खतरों से निपटने के लिए सरकार को विशेष शक्तियां मिल सकें।
- गलत विकल्प: अमेरिका से मौलिक अधिकार, पुनरीक्षण शक्ति आदि ली गई हैं। कनाडा से संघात्मक व्यवस्था और अवशिष्ट शक्तियां ली गई हैं। ऑस्ट्रेलिया से समवर्ती सूची और संयुक्त बैठक का प्रावधान लिया गया है।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित ‘न्याय’ (Justice) का प्रकार नहीं है?
- सामाजिक
- आर्थिक
- राजनीतिक
- धार्मिक
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का आश्वासन देती है। प्रस्तावना में धार्मिक न्याय का उल्लेख नहीं है, हालांकि यह धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत से निहित है।
- संदर्भ और विस्तार: सामाजिक न्याय का अर्थ है जाति, वर्ग, लिंग आदि पर आधारित भेदभाव का अंत। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन और संपत्ति का समान वितरण। राजनीतिक न्याय का अर्थ है सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार प्राप्त होना।
- गलत विकल्प: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय तीनों प्रस्तावना में सीधे तौर पर वर्णित हैं। धार्मिक न्याय का उल्लेख नहीं है, पर ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द का प्रयोग संविधान को धर्म से अलग करता है, न कि धार्मिक स्वतंत्रता से।
प्रश्न 22: भारत में ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (CAG) का कार्यकाल कितना होता है?
- 5 वर्ष
- 6 वर्ष
- 65 वर्ष की आयु तक
- 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 148 के अनुसार, भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) 6 वर्ष की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक (जो भी पहले हो) पद धारण करता है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है और सरकार के खातों का ऑडिट करता है। वह स्वतंत्र और निष्पक्ष होकर कार्य करता है ताकि सरकारी व्यय में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
- गलत विकल्प: केवल 5 वर्ष (a) या केवल 6 वर्ष (b) या केवल 65 वर्ष (c) गलत हैं क्योंकि कार्यकाल दोनों में से जो पहले हो, उस पर निर्भर करता है।
प्रश्न 23: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘संसद के दोनों सदनों का अभिभाषण’ (Address by the President to both Houses of Parliament) का प्रावधान है?
- अनुच्छेद 77
- अनुच्छेद 86
- अनुच्छेद 87
- अनुच्छेद 88
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 87 के अनुसार, राष्ट्रपति प्रत्येक आम चुनाव के पश्चात प्रथम सत्र के प्रारंभ में और प्रत्येक वर्ष के प्रथम सत्र के प्रारंभ में, दोनों सदनों के समक्ष अभिभाषण करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: यह राष्ट्रपति का संवैधानिक कर्तव्य है और यह सरकार की विधायी प्राथमिकताओं को दर्शाता है। इस अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होती है, जो सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण नीतिगत बयान होता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 77 सरकार के कार्यों का संचालन करता है। अनुच्छेद 86 राष्ट्रपति को सदनों को संबोधित करने का अधिकार देता है, लेकिन विशिष्ट अभिभाषण की बाध्यता अनुच्छेद 87 में है। अनुच्छेद 88 मंत्रियों और महान्यायवादी के अधिकार बताता है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक संशोधन’ (Constitutional Amendment) नहीं है, बल्कि एक अधिनियम है जो नागरिकता से संबंधित है?
- 24वां संशोधन अधिनियम, 1971
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- नागरिकता अधिनियम, 1955
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: नागरिकता अधिनियम, 1955 एक सामान्य संसदीय अधिनियम है, न कि कोई संवैधानिक संशोधन। यह अधिनियम भारत की नागरिकता प्राप्त करने और खोने के विभिन्न तरीकों को परिभाषित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक संशोधन, जैसे 24वां (संविधान संशोधन शक्ति), 42वां (लघु संविधान) और 52वां (दल-बदल विरोधी कानून), भारतीय संविधान के पाठ में सीधे संशोधन करते हैं। नागरिकता से संबंधित प्रावधान संविधान के भाग II (अनुच्छेद 5-11) में हैं, जिन्हें नागरिकता अधिनियम, 1955 द्वारा और विस्तृत किया गया है।
- गलत विकल्प: 24वां, 42वां और 52वां संशोधन अधिनियम सभी भारतीय संविधान में महत्वपूर्ण संशोधन हैं, जबकि नागरिकता अधिनियम, 1955 केवल एक सामान्य कानून है।
प्रश्न 25: भारत में ‘अवशिष्ट शक्तियां’ (Residuary Powers) किसके पास होती हैं?
- केंद्र सरकार
- राज्य सरकारें
- उच्चतम न्यायालय
- संसद और राज्य विधानमंडल दोनों
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुसार, अवशिष्ट शक्तियां, अर्थात वे शक्तियां जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध नहीं हैं, वे केंद्र सरकार (संसद) के पास निहित हैं। यह कनाडा के संविधान से प्रेरित प्रावधान है।
- संदर्भ और विस्तार: सातवीं अनुसूची में तीनों सूचियों का उल्लेख है। यदि कोई नया विषय उत्पन्न होता है जो इन सूचियों में नहीं है, तो उस पर कानून बनाने की शक्ति संसद के पास है।
- गलत विकल्प: राज्य सरकारें केवल राज्य सूची के विषयों पर कानून बना सकती हैं। उच्चतम न्यायालय केवल न्यायिक व्याख्या करता है। संसद और राज्य विधानमंडल दोनों के पास सीमित शक्तियां हैं, अवशिष्ट शक्तियां केवल संसद के पास हैं।