इतिहास के रण में विजय का शंखनाद: आज की विशेष प्रश्नोत्तरी!
तैयार हो जाइए एक रोमांचक ऐतिहासिक यात्रा के लिए! आज हम प्राचीन भारत की गहराइयों से लेकर आधुनिक युग की उथल-पुथल और विश्व के महत्वपूर्ण पलों तक, ज्ञान की परीक्षा लेंगे। अपने आत्मविश्वास को परखें और इन 25 प्रश्नों के माध्यम से अपनी तैयारी को एक नया आयाम दें!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘नमक सत्याग्रह’ के संदर्भ में सत्य है?
- इसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए नमक पर एकाधिकार को समाप्त करना था।
- यह 1930 में महात्मा गांधी द्वारा गुजरात के डांडी से शुरू किया गया था।
- इसने सविनय अवज्ञा आंदोलन को और अधिक तीव्र किया।
- उपरोक्त सभी।
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: नमक सत्याग्रह, जिसे डांडी मार्च के नाम से भी जाना जाता है, 1930 में महात्मा गांधी द्वारा ब्रिटिश सरकार के नमक कानून के विरोध में शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य नमक पर ब्रिटिश एकाधिकार को समाप्त करना और ब्रिटिश सरकार के अन्यायपूर्ण कानूनों के प्रति अहिंसक विरोध दर्ज कराना था।
- संदर्भ और विस्तार: इस सत्याग्रह की शुरुआत 12 मार्च 1930 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से हुई थी, जहाँ से गांधीजी और उनके अनुयायियों ने गुजरात के समुद्र तट पर स्थित डांडी गाँव तक 240 मील की पदयात्रा की। 6 अप्रैल 1930 को डांडी पहुँचकर गांधीजी ने अवैध रूप से नमक बनाकर नमक कानून तोड़ा। इस आंदोलन ने पूरे देश में सविनय अवज्ञा आंदोलन को गति दी और इसमें विभिन्न वर्गों के लोगों ने भाग लिया।
- असत्य विकल्प: सभी दिए गए कथन नमक सत्याग्रह के संदर्भ में पूर्णतया सत्य हैं।
प्रश्न 2: हड़प्पा सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बाग’ (Garden of Sindh) कहा जाता है?
- मोहनजोदड़ो
- हड़प्पा
- लोथल
- चन्हुदड़ो
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो को ‘सिंधु का बाग’ या ‘मृतकों का टीला’ (Mound of the Dead) भी कहा जाता है। यह नाम इसके विशाल स्नानागार, अन्न भंडार और सुनियोजित शहरी संरचना के कारण पड़ा, जो इसे अन्य स्थलों से विशिष्ट बनाता है।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है। यह हड़प्पा सभ्यता के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण शहरों में से एक था। यहाँ से प्राप्त प्रमुख अवशेषों में विशाल स्नानागार, पुजारी की प्रतिमा, कांसे की नृत्यांगना, और मुहरें शामिल हैं।
- असत्य विकल्प: हड़प्पा सभ्यता का पहला खोजा गया स्थल ‘हड़प्पा’ था। लोथल एक प्रमुख बंदरगाह शहर था, और चन्हुदड़ो मनकों के निर्माण के लिए जाना जाता था।
प्रश्न 3: ‘सहायक संधि’ (Subsidiary Alliance) प्रणाली किसने प्रारंभ की थी?
- लॉर्ड कार्नवालिस
- लॉर्ड वेलेस्ली
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड हेस्टिंग्स
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सहायक संधि प्रणाली का प्रारंभ लॉर्ड वेलेस्ली ने किया था, जो 1798 से 1805 तक भारत के गवर्नर-जनरल रहे। यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की एक विस्तारवादी नीति थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली के तहत, भारतीय शासकों को अपनी सेना भंग कर ब्रिटिश सेना को अपने राज्य में रखने की अनुमति देनी होती थी और इसके खर्च के लिए एक निश्चित राशि ब्रिटिश सरकार को देनी होती थी। बदले में, ब्रिटिश सरकार भारतीय राज्य की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा की गारंटी देती थी। हैदराबाद, मैसूर, तंजौर, अवध आदि राज्यों ने इस संधि को स्वीकार किया था।
- असत्य विकल्प: लॉर्ड कार्नवालिस को पुलिस सुधारों और स्थायी बंदोबस्त के लिए जाना जाता है। लॉर्ड डलहौजी ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) के लिए प्रसिद्ध हैं, और लॉर्ड हेस्टिंग्स ने कई महत्वपूर्ण संधियाँ कीं, लेकिन सहायक संधि का मूल विचार वेलेस्ली का था।
प्रश्न 4: छठी शताब्दी ईसा पूर्व में ‘षोडश महाजनपदों’ में से सबसे शक्तिशाली महाजनपद कौन सा था?
- कौशल
- कुरु
- अंग
- मगध
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: छठी शताब्दी ईसा पूर्व में भारत में 16 महाजनपद थे, जिनमें मगध सबसे शक्तिशाली और महत्वपूर्ण महाजनपद के रूप में उभरा।
- संदर्भ और विस्तार: मगध का उत्थान बिंबिसार, अजातशत्रु जैसे महत्वाकांक्षी शासकों के नेतृत्व में हुआ। इसकी भौगोलिक स्थिति, उपजाऊ भूमि, लौह अयस्क के भंडार और कुशल नेतृत्व ने इसे सैन्य और आर्थिक रूप से मजबूत बनाया। मगध ने धीरे-धीरे अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराकर अपना साम्राज्य स्थापित किया।
- असत्य विकल्प: कौशल, कुरु और अंग भी महत्वपूर्ण महाजनपद थे, लेकिन मगध की विस्तारवादी नीति और सैन्य शक्ति के कारण वे उससे पिछड़ गए।
प्रश्न 5: 1905 में बंगाल के विभाजन का आदेश किसने दिया था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड लिटन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1905 में बंगाल के विभाजन का आदेश तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कर्जन ने प्रशासनिक सुविधा का हवाला देते हुए बंगाल को दो भागों में विभाजित करने का निर्णय लिया। हालांकि, इस विभाजन का असली उद्देश्य बंगाल में बढ़ती राष्ट्रवादी भावना को दबाना और मुस्लिम व हिंदू आबादी को अलग करना था। इस विभाजन का देशभर में व्यापक विरोध हुआ, जिसके फलस्वरूप स्वदेशी आंदोलन और बहिष्कार आंदोलन चलाए गए।
- असत्य विकल्प: लॉर्ड डलहौजी का संबंध व्यपगत के सिद्धांत से था, लॉर्ड कैनिंग प्रथम वायसराय थे, और लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट लागू किया था।
प्रश्न 6: ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद का गठन किस साम्राज्य में किया गया था?
- मौर्य साम्राज्य
- गुप्त साम्राज्य
- चोल साम्राज्य
- मराठा साम्राज्य
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘अष्टप्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की मंत्रिपरिषद का गठन छत्रपति शिवाजी महाराज के मराठा साम्राज्य में किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: अष्टप्रधान शिवाजी के शासनकाल में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था थी। इसमें पेशवा (प्रधानमंत्री), अमात्य (वित्त मंत्री), सचिव (सरकारी पत्राचार), सुमंत (विदेश मंत्री), सेनापति (सेना प्रमुख), पंडितराव (धर्माध्यक्ष), न्यायाधीश (न्याय मंत्री) और मंत्री (गृह मंत्रालय) शामिल थे। यह व्यवस्था कुशल प्रशासन सुनिश्चित करती थी।
- असत्य विकल्प: मौर्य, गुप्त और चोल साम्राज्यों की अपनी प्रशासनिक व्यवस्थाएँ थीं, लेकिन ‘अष्टप्रधान’ की विशेष संरचना मराठा साम्राज्य की विशेषता थी।
प्रश्न 7: किस वेद में ‘गायत्री मंत्र’ का उल्लेख है?
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: प्रसिद्ध गायत्री मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है।
- संदर्भ और विस्तार: गायत्री मंत्र ऋग्वेद के तीसरे मंडल में विश्वामित्र ऋषि द्वारा रचित है। यह सूर्य देवता (सवितृ) को समर्पित है और ज्ञान प्राप्ति, बुद्धि के विकास तथा आध्यात्मिक उन्नति के लिए इसका पाठ किया जाता है। यह वैदिक साहित्य का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र मंत्र माना जाता है।
- असत्य विकल्प: यजुर्वेद में यज्ञों के मंत्र, सामवेद में सामगान और अथर्ववेद में जादू-टोने व तंत्र-मंत्र से संबंधित सामग्री है।
प्रश्न 8: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ कब प्रारंभ हुआ था?
- 1940
- 1941
- 1942
- 1943
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ 8 अगस्त 1942 को प्रारंभ हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने क्रिप्स मिशन की विफलता के बाद इस आंदोलन का आह्वान किया। महात्मा गांधी ने मुंबई के ग्वालिया टैंक मैदान में ‘करो या मरो’ का नारा दिया। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन को तुरंत भारत छोड़ने के लिए मजबूर करना था। आंदोलनकारियों ने सरकार की संपत्तियों को नुकसान पहुँचाया और समानांतर सरकारें भी स्थापित कीं।
- असत्य विकल्प: अन्य वर्ष भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अन्य महत्वपूर्ण आंदोलनों से जुड़े हैं, जैसे 1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह।
प्रश्न 9: ‘इंडिका’ नामक पुस्तक किसने लिखी थी?
- प्लिनी
- टॉलेमी
- मेगस्थनीज
- ह्वेन त्सांग
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘इंडिका’ नामक पुस्तक को यूनानी राजदूत मेगस्थनीज ने लिखा था।
- संदर्भ और विस्तार: मेगस्थनीज चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में सेल्यूकस प्रथम निकेटर का राजदूत बनकर आया था। उसने भारत में अपने प्रवास के दौरान तत्कालीन भारतीय समाज, संस्कृति, प्रशासन और मौर्यकालीन भारत का विस्तृत विवरण अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में प्रस्तुत किया। यद्यपि मूल पुस्तक अब उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके अंश अन्य लेखकों जैसे एरियन, प्लूटार्क आदि के कार्यों में मिलते हैं।
- असत्य विकल्प: प्लिनी ने ‘नेचुरल हिस्ट्री’, टॉलेमी ने भूगोल पर कार्य किया, और ह्वेन त्सांग ने हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत आकर ‘सी-यू-की’ नामक यात्रा वृतांत लिखा।
प्रश्न 10: प्रथम विश्व युद्ध कब से कब तक चला?
- 1905-1910
- 1914-1918
- 1939-1945
- 1941-1946
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: प्रथम विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक चला।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में दुनिया के अधिकांश देश शामिल थे, जो दो प्रमुख सैन्य गठबंधनों में बंटे थे: मित्र राष्ट्र (जैसे फ्रांस, ब्रिटेन, रूस) और केंद्रीय शक्तियाँ (जैसे जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य)। आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या को युद्ध का तात्कालिक कारण माना जाता है। इस युद्ध ने दुनिया का राजनीतिक नक्शा बदल दिया और लाखों लोगों की जान ली।
- असत्य विकल्प: 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का समय है।
प्रश्न 11: ‘कुतुब मीनार’ का निर्माण किसने शुरू करवाया था?
- इल्तुतमिश
- कुतुबुद्दीन ऐबक
- अलाउद्दीन खिलजी
- फिरोज शाह तुगलक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: कुतुब मीनार का निर्माण कार्य दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू करवाया था।
- संदर्भ और विस्तार: कुतुबुद्दीन ऐबक ने सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की याद में 1193 ईस्वी में कुतुब मीनार का निर्माण कार्य शुरू किया। उन्होंने इसका पहला मंजिला बनवाया। बाद में इल्तुतमिश ने इसमें तीन और मंजिलें जुड़वाईं और फिरोज शाह तुगलक ने पांचवी और अंतिम मंजिल का निर्माण करवाया।
- असत्य विकल्प: इल्तुतमिश ने निर्माण पूरा करवाया, अलाउद्दीन खिलजी ने मीनार की मरम्मत और विस्तार की कोशिश की, और फिरोजशाह तुगलक ने अंतिम मंजिल बनवाई।
प्रश्न 12: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी?
- 12वीं शताब्दी
- 13वीं शताब्दी
- 14वीं शताब्दी
- 15वीं शताब्दी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 14वीं शताब्दी में (विशेषतः 1336 ईस्वी में) हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने, जो पहले वारंगल के काकतीय वंश के सामंत थे, दक्षिण भारत में तुर्क आक्रमणों के बढ़ते प्रभाव को रोकने के उद्देश्य से विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की। यह तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थापित किया गया था और अपनी भव्यता, कला, साहित्य और वाणिज्य के लिए प्रसिद्ध था।
- असत्य विकल्प: साम्राज्य की स्थापना 14वीं शताब्दी में हुई थी, 12वीं और 13वीं शताब्दी इससे पहले आती हैं, और 15वीं शताब्दी इसके विकास का प्रमुख काल रहा।
प्रश्न 13: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कहाँ हुई थी?
- भारत
- अमेरिका
- इंग्लैंड
- कनाडा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना संयुक्त राज्य अमेरिका (सैन फ्रांसिस्को) में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में लाला हरदयाल, सोहन सिंह भाकना और अन्य भारतीय देशभक्तों द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराना था। पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक समाचार पत्र प्रकाशित किया, जिसने विदेशों में रहने वाले भारतीयों को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
- असत्य विकल्प: गदर पार्टी की स्थापना मुख्य रूप से अमेरिका में हुई थी, हालांकि कनाडा में भी इसके प्रारंभिक कार्य हुए थे।
प्रश्न 14: इल्तुतमिश द्वारा स्थापित ‘चालीसा दल’ (Turkan-i-Chahalgani) का क्या उद्देश्य था?
- दिल्ली सल्तनत की सुरक्षा
- सुल्तान की शक्ति को मजबूत करना
- सैन्य सुधार
- कानूनी व्यवस्था
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: इल्तुतमिश द्वारा स्थापित ‘चालीसा दल’ का मुख्य उद्देश्य सुल्तान की शक्ति को मजबूत करना और केंद्रीय प्रशासन पर नियंत्रण रखना था।
- संदर्भ और विस्तार: ‘चालीसा दल’ 40 तुर्क सरदारों का एक समूह था, जिसे इल्तुतमिश ने अपनी सत्ता को सुरक्षित करने और राज्य के प्रशासन पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया था। इन सरदारों को महत्वपूर्ण सैन्य और प्रशासनिक पद दिए गए थे। हालांकि, कालांतर में यह दल स्वयं बहुत शक्तिशाली हो गया और सुल्तानों के भाग्य का निर्धारण करने लगा।
- असत्य विकल्प: जबकि यह दल सल्तनत की सुरक्षा और प्रशासन में भूमिका निभाता था, इसका प्राथमिक उद्देश्य सुल्तान की व्यक्तिगत शक्ति को सुदृढ़ करना था।
प्रश्न 15: 1857 के विद्रोह के समय भारत का वायसराय कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1857 के विद्रोह के समय भारत का वायसराय लॉर्ड कैनिंग था।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कैनिंग 1856 से 1862 तक भारत के गवर्नर-जनरल रहे और 1857 के विद्रोह के समय वे ही वायसराय थे। इसी विद्रोह के बाद भारत का शासन ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से सीधे ब्रिटिश ताज के अधीन आ गया था।
- असत्य विकल्प: लॉर्ड डलहौजी 1856 में ही भारत छोड़ चुके थे, जबकि लॉर्ड लिटन और कर्जन बाद के वायसराय थे।
प्रश्न 16: ‘सूफीवाद’ की शुरुआत किस काल में मानी जाती है?
- प्राचीन काल
- मध्यकाल
- आधुनिक काल
- समकालीन काल
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सूफीवाद की प्रमुख धाराएँ मध्यकाल में विकसित हुईं और भारत में इसका प्रसार भी मध्यकाल में ही हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: सूफीवाद एक रहस्यवादी आंदोलन है जो इस्लाम के भीतर विकसित हुआ। यह ईश्वर के प्रति प्रेम, आत्म-शुद्धि, और आध्यात्मिक अनुभव पर जोर देता है। भारत में सूफीवाद का आगमन 8वीं-9वीं शताब्दी से शुरू हो गया था, लेकिन दिल्ली सल्तनत (13वीं शताब्दी) और उसके बाद के काल में यह अधिक लोकप्रिय और व्यवस्थित हुआ। विभिन्न सूफी संतों (जैसे ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती, बाबा फरीद) ने अपने खानकाहों के माध्यम से भारतीय समाज में गहरा प्रभाव डाला।
- असत्य विकल्प: सूफीवाद का उद्भव इस्लाम के प्रारंभिक काल में हुआ, लेकिन इसका व्यवस्थित विकास और भारत में व्यापक प्रसार मध्यकाल में हुआ।
प्रश्न 17: ‘रयतवाड़ी व्यवस्था’ का प्रतिपादन किसने किया था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड विलियम बेंटिंक
- सर थॉमस मुनरो और कैप्टन अलेक्जेंडर रीड
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: रयतवाड़ी व्यवस्था का प्रतिपादन (प्रारंभिक विचार) सर थॉमस मुनरो और कैप्टन अलेक्जेंडर रीड द्वारा किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: रयतवाड़ी व्यवस्था मद्रास और बंबई प्रेसीडेंसी में लागू की गई एक प्रमुख भू-राजस्व प्रणाली थी। इसमें भूमि का स्वामित्व सीधे किसानों (रयतों) को दिया गया था और उन्हें ही सीधे सरकार को लगान देना पड़ता था। इस व्यवस्था का उद्देश्य किसानों को बिचौलियों (जमींदारों) से मुक्ति दिलाना और भू-राजस्व बढ़ाना था।
- असत्य विकल्प: लॉर्ड डलहौजी और लॉर्ड विलियम बेंटिंक अन्य प्रशासनिक सुधारों के लिए जाने जाते हैं, जबकि लॉर्ड कॉर्नवालिस स्थायी बंदोबस्त (जमींदारी व्यवस्था) के प्रणेता थे।
प्रश्न 18: किस मुगल सम्राट ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक धर्म चलाया था?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: महान मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की शुरुआत की थी।
- संदर्भ और विस्तार: दीन-ए-इलाही, जिसका अर्थ ‘ईश्वर का धर्म’ है, अकबर के धार्मिक सहिष्णुता और सभी धर्मों के मूल सिद्धांतों को मिलाकर एक नए मार्ग का अनुसरण करने के प्रयास का परिणाम था। इसमें हिंदू, इस्लाम, ईसाई, पारसी आदि धर्मों के तत्व शामिल थे। यह एक ईश्वरीय पंथ (Religious Sect) था, न कि एक नया धर्म। इसका उद्देश्य लोगों को एक सामान्य आध्यात्मिक सूत्र में बांधना था, लेकिन यह ज्यादा सफल नहीं हुआ।
- असत्य विकल्प: जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब की अपनी धार्मिक नीतियाँ थीं, लेकिन दीन-ए-इलाही का संबंध केवल अकबर से है।
प्रश्न 19: ‘पंचतंत्र’ के लेखक कौन हैं?
- कालिदास
- बाणभट्ट
- विष्णु शर्मा
- भारवि
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘पंचतंत्र’ के लेखक विष्णु शर्मा हैं।
- संदर्भ और विस्तार: पंचतंत्र प्राचीन भारत का एक प्रसिद्ध पशु कथा संग्रह है, जिसे विष्णु शर्मा ने ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में लिखा था। इसमें पाँच खंड हैं – मित्रलाभ, सुहृद्भेद, संधि-विग्रह, काकोलुकीयम और लब्धप्रणाश। यह नैतिक शिक्षाओं और व्यावहारिक ज्ञान से भरपूर है और इसका कई विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुआ है।
- असत्य विकल्प: कालिदास संस्कृत साहित्य के महान कवि और नाटककार थे, बाणभट्ट हर्षवर्धन के दरबारी कवि थे, और भारवि भी एक प्रसिद्ध संस्कृत कवि थे।
प्रश्न 20: ‘जलियांवाला बाग हत्याकांड’ कब हुआ था?
- 13 अप्रैल 1919
- 10 अप्रैल 1919
- 15 अप्रैल 1920
- 05 मई 1919
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: अमृतसर में जलियांवाला बाग में बैसाखी के दिन, जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई गईं। इस नरसंहार में सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक अत्यंत दुखद और महत्वपूर्ण मोड़ थी, जिसने ब्रिटिश सरकार के प्रति आक्रोश को और बढ़ाया।
- असत्य विकल्प: अन्य दिए गए विकल्प इस घटना की सही तारीख नहीं बताते हैं।
प्रश्न 21: ‘बुद्धचरितम्’ के लेखक कौन थे?
- नागार्जुन
- आश्वघोष
- बौधायन
- चरक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘बुद्धचरितम्’ के लेखक महाकवि आश्वघोष थे।
- संदर्भ और विस्तार: आश्वघोष कनिष्क के दरबार के एक प्रमुख विद्वान और बौद्ध दार्शनिक थे। ‘बुद्धचरितम्’ गौतम बुद्ध के जीवन पर आधारित एक महाकाव्य है, जिसे संस्कृत साहित्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है। यह बुद्ध के जीवन के विभिन्न पहलुओं, उनके उपदेशों और उनके महापरिनिर्वाण का विशद वर्णन करता है।
- असत्य विकल्प: नागार्जुन एक प्रसिद्ध बौद्ध दार्शनिक थे, बौधायन ने धर्मसूत्र लिखे, और चरक एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे।
प्रश्न 22: ‘फ्रांसीसी क्रांति’ कब हुई थी?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 ईस्वी में प्रारंभ हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह क्रांति फ्रांस में राजशाही के अंत, सामंतवाद के उन्मूलन और गणराज्य की स्थापना का एक महत्वपूर्ण काल था। इसका नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था। बास्तील के पतन (14 जुलाई 1789) को क्रांति की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इसने न केवल फ्रांस को बल्कि पूरे यूरोप और विश्व को गहराई से प्रभावित किया।
- असत्य विकल्प: 1776 में अमेरिकी क्रांति हुई, 1815 में वाटरलू का युद्ध हुआ, और 1848 में यूरोप में क्रांतियों का दौर चला।
प्रश्न 23: ‘पानीपत का प्रथम युद्ध’ किनके बीच हुआ था?
- अकबर और हेमू
- बाबर और इब्राहिम लोदी
- अकबर और राणा सांगा
- हुमायूँ और शेरशाह सूरी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: पानीपत का प्रथम युद्ध 1526 ईस्वी में बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह युद्ध भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखने वाला साबित हुआ। इस युद्ध में बाबर ने अपनी ‘तुलगमा’ (Flanking) रणनीति और तोपखाने का प्रभावी उपयोग किया, जिससे इब्राहिम लोदी की सेना हार गई और लोदी वंश का अंत हो गया।
- असत्य विकल्प: अकबर और हेमू के बीच पानीपत का द्वितीय युद्ध (1556) हुआ था। अकबर और राणा सांगा के बीच खानवा का युद्ध (1527) हुआ था, और हुमायूँ और शेरशाह सूरी के बीच चौसा का युद्ध (1539) हुआ था।
प्रश्न 24: ‘अजंता की गुफाएँ’ किस धर्म से संबंधित हैं?
- बौद्ध धर्म
- हिंदू धर्म
- जैन धर्म
- तीनों
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: अजंता की गुफाएँ मुख्य रूप से बौद्ध धर्म से संबंधित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये गुफाएँ महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। इनमें बौद्ध भिक्षुओं के निवास, चैत्य (प्रार्थना हॉल) और विहार (निवास स्थान) पाए जाते हैं। गुफाओं की दीवारों पर बनी चित्रकलाएं जातक कथाओं (भगवान बुद्ध के पूर्व जन्मों की कहानियाँ) और बुद्ध के जीवन की घटनाओं को दर्शाती हैं।
- असत्य विकल्प: हालांकि कुछ गुफाओं में बौद्ध धर्म के अलावा अन्य संप्रदायों के भी अवशेष मिले हैं, लेकिन मुख्य रूप से यह स्थल बौद्ध कला और वास्तुकला का एक अनूठा उदाहरण है।
प्रश्न 25: ‘पुनर्जागरण’ (Renaissance) का प्रारंभ कहाँ हुआ था?
- फ्रांस
- इंग्लैंड
- इटली
- स्पेन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: पुनर्जागरण, जिसका अर्थ ‘पुनर्जन्म’ है, का प्रारंभ 14वीं शताब्दी में इटली में हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: यह काल कला, साहित्य, विज्ञान, दर्शन और अन्वेषण में हुए अभूतपूर्व विकास के लिए जाना जाता है। इटली के शहर जैसे फ्लोरेंस, रोम और वेनिस पुनर्जागरण के प्रमुख केंद्र थे। लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो, दांते और मैकियावेली जैसे व्यक्तित्व इसी काल से संबंधित थे। इसने मध्यकाल की रूढ़िवादिता को चुनौती दी और मानवतावाद को बढ़ावा दिया।
- असत्य विकल्प: पुनर्जागरण के विचार पूरे यूरोप में फैले, लेकिन इसकी शुरुआत और सबसे तीव्र विकास इटली में ही हुआ।