इतिहास की गहराइयों में गोता लगाएँ: अपनी तैयारी को परखें!
नमस्कार, भावी अधिकारियों! इतिहास के विशाल सागर में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज का यह अभ्यास सत्र आपको प्राचीन भारत की सभ्यताओं से लेकर मध्यकालीन साम्राज्यों और आधुनिक स्वतंत्रता संग्राम की यात्रा पर ले जाएगा। अपनी तैयारी को धार देने और ज्ञान की गहराई को मापने के लिए तैयार हो जाइए!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से एक विशाल स्नानागार (Great Bath) का साक्ष्य मिला है?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- कालीबंगा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मोहनजोदड़ो, जो वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख पुरातात्विक स्थल है। यहीं से एक विशाल स्नानागार के अवशेष मिले हैं, जो उस समय की उन्नत वास्तुकला और शहरी नियोजन का प्रतीक है।
- संदर्भ और विस्तार: यह स्नानागार संभवतः धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग किया जाता था। इसकी संरचना ईंटों से बनी है और इसमें पानी के रिसाव को रोकने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। यह तत्कालीन समाज के सामाजिक और धार्मिक जीवन की झलक देता है।
- गलत विकल्प: हड़प्पा एक अन्य प्रमुख स्थल है जहाँ से ईंटों के बड़े-बड़े चबूतरे मिले हैं। लोथल एक बंदरगाह शहर था जहाँ से गोदी (dockyard) के साक्ष्य मिले हैं। कालीबंगा से जुते हुए खेत के प्रारंभिक साक्ष्य मिले हैं।
प्रश्न 2: ऋग्वैदिक काल में ‘अस्तोमा सदगमय’ (असत्य से सत्य की ओर ले चलो) का उल्लेख किस वेद में मिलता है?
- ऋग्वेद
- सामवेद
- यजुर्वेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘अस्तोमा सदगमय’ का प्रसिद्ध वाक्य ऋग्वेद के आठवें मंडल के 15वें सूक्त में पाया जाता है। यह वाक्य प्राचीन भारतीय साहित्य में ज्ञान और आत्म-ज्ञान की खोज का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद, चारों वेदों में सबसे प्राचीन है और इसमें मुख्य रूप से देवताओं की स्तुति में मंत्र दिए गए हैं। इस वाक्य का भाव यह है कि व्यक्ति को अज्ञानता, अंधकार और झूठ से हटाकर ज्ञान, प्रकाश और सत्य की ओर ले जाया जाए।
- गलत विकल्प: सामवेद में यज्ञों के अवसर पर गाए जाने वाले मंत्र हैं। यजुर्वेद में यज्ञों के नियम और बलिदान की विधियाँ दी गई हैं। अथर्ववेद में जादू-टोना, टोने-टोटके और औषधियों का वर्णन है।
प्रश्न 3: अशोक के किस शिलालेख में स्वयं को ‘मगध का राजा’ कहा गया है?
- मास्की शिलालेख
- गुर्जर अभिलेख
- बराबर गुहा शिलालेख
- भाब्रू शिलालेख
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: सम्राट अशोक ने अपने भाब्रू शिलालेख (Bhabru Edict) में स्वयं को ‘मगध का राजा’ (Magadhadhiraj) कहा है। यह शिलालेख वर्तमान राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित है।
- संदर्भ और विस्तार: इस शिलालेख में अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की है और भिक्षुओं को बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करने का निर्देश दिया है। यह मौर्यकालीन भारत में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार का महत्वपूर्ण प्रमाण है।
- गलत विकल्प: मास्की और गुर्जर अभिलेखों में अशोक का नाम ‘अशोक’ मिलता है, जो पहले के कुछ अभिलेखों में नहीं था। बराबर गुहा शिलालेखों में आजीवक संप्रदाय के भिक्षुओं के लिए गुहाओं के दान का उल्लेख है।
प्रश्न 4: चोल साम्राज्य का संस्थापक कौन था?
- राजराज प्रथम
- राजेंद्र चोल
- विद्यालय
- परान्तक प्रथम
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: चोल साम्राज्य का संस्थापक विजयालय था, जिसने 9वीं शताब्दी में तंजौर पर अधिकार कर चोल शक्ति की नींव रखी।
- संदर्भ और विस्तार: विजयालय ने पल्लवों के पतन के बाद अपनी शक्ति का विस्तार किया और तंजौर को अपनी राजधानी बनाया। उसने नरकेसरी की उपाधि धारण की थी। उसके उत्तराधिकारियों, विशेषकर राजराज प्रथम और राजेंद्र चोल ने चोल साम्राज्य को एक शक्तिशाली क्षेत्रीय शक्ति से एक विशाल साम्राज्य के रूप में स्थापित किया।
- गलत विकल्प: राजराज प्रथम और राजेंद्र चोल चोल वंश के महान शासक थे जिन्होंने साम्राज्य का विस्तार किया। परान्तक प्रथम भी एक महत्वपूर्ण चोल शासक थे।
प्रश्न 5: दिल्ली सल्तनत के किस शासक ने ‘दीवान-ए-कोतवाली’ की स्थापना की थी?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- मुहम्मद बिन तुगलक
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली में ‘दीवान-ए-कोतवाली’ की स्थापना की थी, जो एक प्रकार की पुलिस और न्याय प्रणाली का अंग था।
- संदर्भ और विस्तार: अलाउद्दीन खिलजी अपनी प्रशासनिक सुधारों के लिए जाना जाता है। दीवान-ए-कोतवाली का मुख्य कार्य नगर की व्यवस्था और शांति बनाए रखना था। इसके अलावा, उसने ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ (राजस्व विभाग), ‘दीवान-ए-बंदगान’ (गुलामों का विभाग) जैसे अन्य महत्वपूर्ण विभाग भी स्थापित किए थे।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘चालीसा’ (तुर्क-ए-चहलगानी) नामक शक्तिशाली अमीरों के समूह का गठन किया था। बलबन ने ‘दीवान-ए-आरिज’ (सैन्य विभाग) को सुदृढ़ किया। मुहम्मद बिन तुगलक ने ‘दीवान-ए-कोही’ (कृषि विभाग) की स्थापना की थी।
प्रश्न 6: भक्ति आंदोलन के किस संत ने ‘रामचरितमानस’ की रचना की?
- कबीर
- नानक
- तुलसीदास
- सूरदास
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: महान संत और कवि गोस्वामी तुलसीदास ने 16वीं शताब्दी में अवधी भाषा में ‘रामचरितमानस’ की रचना की।
- संदर्भ और विस्तार: ‘रामचरितमानस’ भगवान राम के जीवन पर आधारित एक महाकाव्य है, जो रामायण का एक हिंदी रूपांतरण है। यह भक्ति आंदोलन का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और इसने उत्तर भारत के जनमानस पर गहरा प्रभाव डाला। तुलसीदास अकबर के समकालीन थे।
- गलत विकल्प: कबीर निर्गुण भक्ति के प्रमुख संत थे और उन्होंने ‘बीजक’ की रचना की। गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे। सूरदास की रचनाएँ ‘सूरसागर’ में संकलित हैं।
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्णदेव राय
- देवराय द्वितीय
- हरिहर और बुक्का
- राम राय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इन दोनों भाइयों ने तुंगभद्रा नदी के किनारे इस साम्राज्य की नींव रखी और इसकी राजधानी के रूप में हम्पी को चुना। विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत का एक शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य था जिसने लगभग 200 वर्षों तक शासन किया। यह कला, साहित्य और संस्कृति का एक प्रमुख केंद्र था।
- गलत विकल्प: कृष्णदेव राय विजयनगर के सबसे महान शासकों में से एक थे। देवराय द्वितीय ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। राम राय अंतिम शासक थे जिन्होंने तालीकोटा के युद्ध में नेतृत्व किया था।
प्रश्न 8: 1793 ईस्वी में स्थाई बंदोबस्त (Permanent Settlement) किसके द्वारा लागू किया गया?
- लॉर्ड कॉर्नवालिस
- सर जॉन शोर
- लॉर्ड वेलेजली
- वारेन हेस्टिंग्स
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1793 ईस्वी में बंगाल, बिहार, उड़ीसा और बनारस में स्थाई बंदोबस्त (जिसे जमींदारी व्यवस्था भी कहते हैं) की शुरुआत लॉर्ड कॉर्नवालिस द्वारा की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस व्यवस्था के तहत, जमींदारों को भूमि का स्वामी माना गया और उनसे यह अपेक्षा की गई कि वे सरकार को निश्चित राजस्व (लगान) निश्चित समय पर चुकाएंगे। जमींदार किसानों से लगान वसूलते थे और उसका एक हिस्सा सरकार को देते थे। इससे राजस्व की निश्चितता बनी, लेकिन किसानों की स्थिति दयनीय हो गई।
- गलत विकल्प: सर जॉन शोर ने स्थाई बंदोबस्त के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन इसका प्रस्ताव कॉर्नवालिस ने दिया था। लॉर्ड वेलेजली सहायक संधि के लिए जाने जाते हैं। वारेन हेस्टिंग्स ने 1772 में द्वैध शासन समाप्त किया था।
प्रश्न 9: ‘The Indian War of Independence, 1857’ नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं?
- विनायक दामोदर सावरकर
- सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
- र. च. मजूमदार
- ऍस. एन. सेन
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: पुस्तक ‘The Indian War of Independence, 1857’ के लेखक विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) हैं।
- संदर्भ और विस्तार: वीर सावरकर ने इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहकर संबोधित किया और इसे स्वतंत्रता के लिए एक सुनियोजित राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने यह पुस्तक साइमन कमीशन को संबोधित करते हुए लिखी थी।
- गलत विकल्प: सुरेंद्रनाथ बनर्जी ने ‘A Nation in the Making’ लिखी। R.C. Majumdar ने 1857 के विद्रोह पर विस्तृत कार्य किया लेकिन उनके मुख्य कार्य का शीर्षक ‘The Sepoy Mutiny and the Rebellion of 1857’ था। S.N. Sen ने ‘Eighteen Fifty-Seven’ लिखी।
प्रश्न 10: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?
- लाहौर अधिवेशन (1929)
- कलकत्ता अधिवेशन (1920)
- कराची अधिवेशन (1931)
- फैजपुर अधिवेशन (1936)
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन, जो 1929 में हुआ था, में ‘पूर्ण स्वराज’ (संपूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इसी अधिवेशन में 26 जनवरी, 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इस प्रस्ताव ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी और लक्ष्य को स्पष्ट किया।
- गलत विकल्प: कलकत्ता अधिवेशन (1920) में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव पारित हुआ था। कराची अधिवेशन (1931) में मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों का प्रस्ताव पारित हुआ था। फैजपुर अधिवेशन (1936) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला ग्राम अधिवेशन था।
प्रश्न 11: किस गुप्त शासक को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: गुप्त शासक समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। यह उपाधि ब्रिटिश इतिहासकार ए. एल. श्रीवास्तव ने दी थी।
- संदर्भ और विस्तार: समुद्रगुप्त एक महान विजेता और कुशल प्रशासक था। उसने अपने शासनकाल में उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों को जीता और दक्षिण में भी सैन्य अभियान चलाए। उसकी विजयों का वर्णन प्रयाग प्रशस्ति में मिलता है।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम को गुप्त वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने मालवा विजय के उपरांत विक्रमादित्य की उपाधि धारण की और कला, साहित्य को प्रोत्साहन दिया। स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमण को सफलतापूर्वक रोका था।
प्रश्न 12: ‘पंचतंत्र’ के लेखक कौन हैं?
- कालिदास
- बाणभट्ट
- विष्णु शर्मा
- भारवि
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘पंचतंत्र’ के लेखक महान विद्वान विष्णु शर्मा हैं।
- संदर्भ और विस्तार: पंचतंत्र प्राचीन भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें पशु-पक्षियों की कहानियों के माध्यम से नैतिक और व्यावहारिक ज्ञान दिया गया है। यह विश्व की सर्वाधिक अनुदित पुस्तकों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इसे दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास लिखा गया था।
- गलत विकल्प: कालिदास संस्कृत के महान कवि और नाटककार थे, जिन्होंने ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’ लिखी। बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ और ‘कादंबरी’ लिखी। भारवि एक प्रसिद्ध संस्कृत कवि थे।
प्रश्न 13: पुर्तगाली गवर्नर अल्बुकर्क ने कब गोवा पर अधिकार किया?
- 1505 ई.
- 1510 ई.
- 1529 ई.
- 1509 ई.
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: पुर्तगाली वायसराय अल्फांसो डी अल्बुकर्क ने 1510 ईस्वी में बीजापुर के सुल्तान आदिल शाह प्रथम से गोवा छीनकर उस पर अधिकार कर लिया।
- संदर्भ और विस्तार: गोवा पर अधिकार करने के बाद, अल्बुकर्क ने इसे पुर्तगाली साम्राज्य का केंद्र बनाया। यह पुर्तगालियों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और सैन्य अड्डा बन गया, जिससे उन्हें भारतीय प्रायद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी शक्ति को मजबूत करने में मदद मिली।
- गलत विकल्प: 1505 ईस्वी में फ्रांसिस्को डी अलमीडा भारत में पहला पुर्तगाली वायसराय बनकर आया था। 1509 ईस्वी में अल्बुकर्क ने मलक्का पर अधिकार किया था। 1529 ईस्वी में पुर्तगालियों को हुगली से खदेड़ दिया गया था।
प्रश्न 14: किस मुगल बादशाह ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक धर्म चलाया?
- अकबर
- जहाँगीर
- शाहजहाँ
- औरंगजेब
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: मुगल बादशाह अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की स्थापना की।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक syncretic धर्म था, जिसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के सार को मिलाकर एक ऐसा मार्ग बनाना था जो सभी के लिए स्वीकार्य हो। इसमें हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, पारसी आदि धर्मों के तत्वों को शामिल किया गया था। हालाँकि, यह अधिक लोकप्रिय नहीं हो सका और इसके अनुयायियों की संख्या बहुत कम थी।
- गलत विकल्प: जहाँगीर ने ‘जंजीर-ए-अदल’ की स्थापना की थी। शाहजहाँ वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जैसे ताजमहल का निर्माण। औरंगजेब ने जिजिया कर पुनः लागू किया था।
प्रश्न 15: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड कर्जन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1857 के भारतीय विद्रोह के समय लॉर्ड कैनिंग भारत के गवर्नर-जनरल थे।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कैनिंग ने अपने कार्यकाल (1856-1862) के दौरान इस विद्रोह का सामना किया। उनके कार्यकाल में ही 1857 का विद्रोह हुआ, जिसके बाद भारत का शासन ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश ताज के अधीन चला गया और वे भारत के प्रथम वायसराय बने।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी की ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) को विद्रोह का एक कारण माना जाता है। लॉर्ड लिटन के समय वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट आया था। लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।
प्रश्न 16: ‘संथाल विद्रोह’ का नेतृत्व किसने किया था?
- तिलक मांझी
- बिरसा मुंडा
- सिद्धू और कान्हू
- रघुनाथ महतो
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1855-56 में हुए संथाल विद्रोह का नेतृत्व सिद्धू और कान्हू नामक दो भाइयों ने किया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह विद्रोह बिहार (अब झारखंड) के संथाल परगना क्षेत्र में ब्रिटिश शासन, जमींदारों और साहूकारों के शोषण के विरुद्ध हुआ था। सिद्धू और कान्हू ने संथालों को संगठित कर विद्रोह की शुरुआत की।
- गलत विकल्प: तिलक मांझी 1784 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह करने वाले पहले आदिवासी नेताओं में से एक थे। बिरसा मुंडा ने 19वीं सदी के अंत में ‘उलगुलान’ (महान हलचल) का नेतृत्व किया था। रघुनाथ महतो चुआर विद्रोह से जुड़े थे।
प्रश्न 17: भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी को कहाँ गिरफ्तार किया गया?
- दिल्ली
- बम्बई (अब मुंबई)
- पुणे
- कलकत्ता (अब कोलकाता)
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के प्रारंभ में महात्मा गांधी को बम्बई (वर्तमान मुंबई) में गिरफ्तार किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: 8 अगस्त 1942 को बम्बई में कांग्रेस की बैठक में ‘भारत छोड़ो’ प्रस्ताव पारित किया गया और गांधीजी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया। उसी रात पुलिस ने गांधीजी सहित कई प्रमुख कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। गांधीजी को आगा खां पैलेस, पुणे में रखा गया था।
- गलत विकल्प: दिल्ली में आंदोलन के दौरान अन्य नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी। पुणे में गांधीजी को नज़रबंद रखा गया था। कलकत्ता भी एक महत्वपूर्ण केंद्र था, लेकिन गांधीजी की प्रारंभिक गिरफ्तारी बम्बई में हुई।
प्रश्न 18: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ – यह नारा किसने दिया था?
- महात्मा गांधी
- बाल गंगाधर तिलक
- लाला लाजपत राय
- बिपिन चंद्र पाल
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: यह प्रसिद्ध नारा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: उन्होंने यह नारा 1916 के लखनऊ अधिवेशन में दिया था। तिलक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे और उन्होंने जन-जन में राष्ट्रवाद की भावना जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया। लाला लाजपत राय ‘साइमन वापस जाओ’ के नारे के लिए जाने जाते हैं। बिपिन चंद्र पाल भी गरम दल के प्रमुख नेता थे।
प्रश्न 19: निम्न में से किस यूरोपीय शक्ति ने भारत में अपना पहला कारखाना (trading post) स्थापित किया?
- अंग्रेज
- डच
- पुर्तगाली
- फ्रांसीसी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: पुर्तगालियों ने भारत में अपना पहला कारखाना (trading post) 1503 ई. में कोचीन में स्थापित किया था।
- संदर्भ और विस्तार: वास्को डी गामा के भारत आगमन (1498) के बाद पुर्तगालियों ने काली मिर्च के व्यापार पर एकाधिकार स्थापित करने का प्रयास किया। कोचीन उनके प्रारंभिक व्यापारिक अड्डों में से एक था, जहाँ उन्होंने अपना पहला कारखाना स्थापित किया।
- गलत विकल्प: अंग्रेजों ने सूरत में अपना पहला कारखाना 1613 में स्थापित किया। डच लोगों ने 1605 में मसूलीपट्टनम में कारखाना स्थापित किया। फ्रांसीसियों ने 1668 में सूरत में अपना पहला कारखाना स्थापित किया।
प्रश्न 20: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ का लेखक कौन है?
- अमीर खुसरो
- जियाउद्दीन बरनी
- हसन निजामी
- इब्न बतूता
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ का लेखक जियाउद्दीन बरनी है।
- संदर्भ और विस्तार: यह ग्रंथ ग्यासुद्दीन तुगलक (1320-1325) से लेकर फिरोजशाह तुगलक (1351-1388) के शासनकाल के प्रारंभिक वर्षों तक का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है। यह मध्यकालीन भारत के इतिहास को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
- गलत विकल्प: अमीर खुसरो ने ‘तुगलकनामा’ और ‘खजाइन-उल-फुतूह’ जैसे ग्रंथ लिखे। हसन निजामी ने ‘ताज-उल-मासीर’ लिखी। इब्न बतूता ने ‘रेहला’ लिखी, जिसमें उसने मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल का विवरण दिया है।
प्रश्न 21: फ्रांसीसी क्रांति कब हुई?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: फ्रांसीसी क्रांति 1789 ईस्वी में शुरू हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह क्रांति फ्रांस में राजशाही, सामंतवाद और विशेषाधिकारों के विरुद्ध आम जनता के संघर्ष का परिणाम थी। इसने ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) के विचारों को फैलाया, जिसने पूरे यूरोप और विश्व पर गहरा प्रभाव डाला। इस क्रांति की शुरुआत बास्तील के पतन से हुई।
- गलत विकल्प: 1776 में अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम हुआ था। 1815 में वाटरलू का युद्ध और वियना कांग्रेस हुई थी। 1848 में यूरोप में कई क्रांतियाँ हुईं, जिन्हें ‘राष्ट्रों का वसंत’ कहा जाता है।
प्रश्न 22: किस गुप्त शासक ने विक्रम संवत की शुरुआत की?
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय
- स्कंदगुप्त
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: यह एक आम भ्रांति है। विक्रम संवत (Victorian era) का संबंध चंद्रगुप्त द्वितीय से नहीं, बल्कि मालवा के राजा विक्रमादित्य से है, जिन्होंने शक राजाओं को हराने के उपलक्ष्य में 57 ईसा पूर्व में इसे चलाया था। चंद्रगुप्त द्वितीय को ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि मिली थी, जो शायद इसीलिए भ्रम पैदा करता है।
- संदर्भ और विस्तार: चंद्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल (लगभग 375-415 ईस्वी) को गुप्त साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। उन्होंने शकों पर विजय प्राप्त कर ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की थी।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त संवत की शुरुआत की थी। समुद्रगुप्त महान विजेता थे। स्कंदगुप्त ने हूणों को पराजित किया था।
प्रश्न 23: 1946 में भारत आए कैबिनेट मिशन का नेतृत्व किसने किया था?
- पैथिक लॉरेंस
- स्टैफोर्ड क्रिप्स
- ए. वी. एलेक्जेंडर
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: 1946 में भारत आए कैबिनेट मिशन के तीन सदस्य थे: लॉर्ड पैथिक लॉरेंस (भारत सचिव), सर स्टैफोर्ड क्रिप्स (व्यापार मंडल के अध्यक्ष) और श्री ए. वी. एलेक्जेंडर (नौसेना मंत्री)। मिशन का नेतृत्व लॉर्ड पैथिक लॉरेंस ने किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत को स्वतंत्रता देने की योजना बनाना और भारतीय नेताओं के साथ मिलकर संविधान निर्माण की प्रक्रिया को शुरू करना था। इस मिशन ने भारत के विभाजन की संभावना को अस्वीकार कर दिया था।
- गलत विकल्प: हालांकि पैथिक लॉरेंस मुख्य नेता थे, क्रिप्स और एलेक्जेंडर भी मिशन के अभिन्न अंग थे।
प्रश्न 24: ‘इंडिपेंडेंस फॉर इंडिया लीग’ की स्थापना कब हुई?
- 1928
- 1929
- 1930
- 1931
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ‘इंडिपेंडेंस फॉर इंडिया लीग’ की स्थापना 1929 में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस लीग की स्थापना का मुख्य उद्देश्य कांग्रेस के भीतर औपनिवेशिक स्वराज (Dominion Status) की अपेक्षा पूर्ण स्वतंत्रता (Purna Swaraj) को एक प्रमुख लक्ष्य के रूप में स्थापित करना था। इसके संस्थापक सदस्यों में जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, श्रीनिवास आयंगर आदि शामिल थे।
- गलत विकल्प: 1928 में साइमन कमीशन का विरोध हुआ। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ। 1931 में गोलमेज सम्मेलन हुआ।
प्रश्न 25: प्रथम विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) में कौन सा देश शामिल नहीं था?
- फ्रांस
- ब्रिटेन
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- ऑस्ट्रिया-हंगरी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता: ऑस्ट्रिया-हंगरी प्रथम विश्व युद्ध में केंद्रीय शक्तियों (Central Powers) का हिस्सा था, मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) का नहीं।
- संदर्भ और विस्तार: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) मुख्य रूप से दो गुटों के बीच लड़ा गया था: मित्र राष्ट्र (जिसमें फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, बाद में इटली और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हुए) और केंद्रीय शक्तियाँ (जिसमें जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ओटोमन साम्राज्य और बुल्गारिया शामिल थे)। ऑस्ट्रिया-हंगरी के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या को युद्ध का तात्कालिक कारण माना जाता है।
- गलत विकल्प: फ्रांस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका (1917 से) मित्र राष्ट्रों के प्रमुख सदस्य थे।