संविधान मंथन: 25 प्रश्न, 25 चुनौतियाँ
भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को मज़बूत करने का समय आ गया है! अपनी राजव्यवस्था और संविधान की समझ को परखने के लिए तैयार हो जाइए। यह 25 प्रश्नों का सेट आपकी वैचारिक स्पष्टता को चुनौती देगा और आपको परीक्षा के लिए और भी बेहतर ढंग से तैयार करेगा। आइए, आज के इस गहन मंथन में गोता लगाएँ!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ जैसे शब्दों को किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 24वां संशोधन अधिनियम, 1971
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह संशोधन मिनी-संविधान के रूप में भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारत के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक स्वरूप को स्पष्ट करना था। ‘समाजवादी’ शब्द धन के समान वितरण और सामाजिक न्याय पर बल देता है, ‘धर्मनिरपेक्ष’ सभी धर्मों के प्रति राज्य के तटस्थ रवैये को दर्शाता है, और ‘अखंडता’ देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है।
- गलत विकल्प: 24वां संशोधन राष्ट्रपति की संशोधन शक्तियों को स्पष्ट करता है। 44वां संशोधन संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाने जैसे महत्वपूर्ण बदलाव लाया। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है।
प्रश्न 2: किस अनुच्छेद के तहत भारत के राष्ट्रपति भारत के किसी भी भाग में लागू होने वाले मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन को निलंबित कर सकते हैं?
- अनुच्छेद 20 और 21
- अनुच्छेद 19
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 359
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 359 राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वह राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, किसी भी ऐसे अधिकार के प्रवर्तन को निलंबित कर सकता है जो संविधान के भाग III में उल्लिखित हैं। हालांकि, अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण) को किसी भी परिस्थिति में निलंबित नहीं किया जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह निलंबन केवल उन्हीं क्षेत्रों तक सीमित होता है जहाँ आपातकाल लागू होता है। 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 के बाद, अनुच्छेद 20 और 21 को निलंबित करने का अधिकार समाप्त कर दिया गया।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 20 और 21 स्वयं निलंबित नहीं किए जा सकते। अनुच्छेद 19 के तहत प्रदत्त अधिकारों को अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा के साथ ही स्वतः निलंबित कर दिया जाता है (अनुच्छेद 358 के तहत)। अनुच्छेद 32 संवैधानिक उपचारों का अधिकार है, न कि निलंबित करने का।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सी रीट किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी रूप से हिरासत में रखने पर जारी की जाती है?
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) का शाब्दिक अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’। यह एक ऐसी रीट है जो किसी व्यक्ति को अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश देती है, यदि उसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया हो। यह सुप्रीम कोर्ट (अनुच्छेद 32) और हाई कोर्ट (अनुच्छेद 226) द्वारा जारी की जा सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण रीट है, क्योंकि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करती है।
- गलत विकल्प: परमादेश किसी सार्वजनिक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देता है। उत्प्रेषण किसी अधीनस्थ न्यायालय या न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है। प्रतिषेध किसी अधीनस्थ न्यायालय या न्यायाधिकरण को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए जारी किया जाता है।
प्रश्न 4: संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के उपराष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष (Speaker)
- राज्यसभा का उपसभापति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) करते हैं, जैसा कि अनुच्छेद 118(3) में प्रावधानित है।
- संदर्भ और विस्तार: संयुक्त बैठक की सूचना राष्ट्रपति द्वारा दी जाती है (अनुच्छेद 108)। यदि लोकसभा अध्यक्ष अनुपस्थित हैं, तो लोकसभा के उपाध्यक्ष और यदि वे भी अनुपस्थित हैं, तो राज्यसभा के पीठासीन अधिकारी (उपराष्ट्रपति नहीं, बल्कि राज्यसभा के पैनल से कोई व्यक्ति) इसकी अध्यक्षता करते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति संयुक्त बैठक बुलाते हैं, अध्यक्षता नहीं करते। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं, लेकिन संयुक्त बैठक की अध्यक्षता नहीं करते।
प्रश्न 5: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का उद्देश्य क्या है?
- नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सीमित करना
- न्यायिक समीक्षा की शक्ति को बढ़ाना
- राज्य को सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना के लिए मार्गदर्शन देना
- संसद की विधायी शक्तियों को नियंत्रित करना
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित हैं। इनका मुख्य उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है, जो सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र के सिद्धांतों पर आधारित हो।
- संदर्भ और विस्तार: ये तत्व न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन राष्ट्र के शासन में मूलभूत हैं। ये विधायिका और कार्यपालिका के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करते हैं।
- गलत विकल्प: DPSP मौलिक अधिकारों को सीमित नहीं करते, बल्कि उन्हें पूरक बनाते हैं। ये न्यायिक समीक्षा को सीधे तौर पर नहीं बढ़ाते, हालांकि कुछ DPSP को लागू करने के प्रयास न्यायिक समीक्षा का विषय बन सकते हैं। ये संसद की शक्तियों को नियंत्रित नहीं करते, बल्कि एक दिशा प्रदान करते हैं।
प्रश्न 6: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘राज्य’ की परिभाषा दी गई है?
- अनुच्छेद 12
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12 में ‘राज्य’ शब्द को परिभाषित किया गया है। इस परिभाषा में भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में सभी स्थानीय और अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक अधिकारों के संदर्भ में ‘राज्य’ की यह व्यापक परिभाषा महत्वपूर्ण है, क्योंकि मौलिक अधिकार राज्य के मनमाने कार्यों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 मौलिक अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियों को शून्य घोषित करता है। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों का समान संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है।
प्रश्न 7: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) किसके द्वारा नियुक्त किया जाता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- वित्त मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है और संघ तथा राज्यों के खातों का लेखा-परीक्षण करता है। इसकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए, इसके कार्यकाल को छह साल या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) निर्धारित किया गया है, और इसे केवल महाभियोग द्वारा ही हटाया जा सकता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या वित्त मंत्री CAG की नियुक्ति नहीं करते।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा एक गैर-संवैधानिक निकाय है?
- चुनाव आयोग (Election Commission)
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- वित्त आयोग (Finance Commission)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (National Institution for Transforming India) एक कार्यकारी आदेश द्वारा 1 जनवरी 2015 को गठित किया गया था। यह एक गैर-संवैधानिक निकाय है, अर्थात इसका संविधान में कोई विशेष उल्लेख या प्रावधान नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: नीति आयोग योजना आयोग का स्थान लेने वाली एक थिंक-टैंक संस्था है, जिसका उद्देश्य केंद्र और राज्यों के लिए नीतियों का निर्माण करना है।
- गलत विकल्प: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं।
प्रश्न 9: भारतीय संविधान के किस भाग में पंचायती राज से संबंधित प्रावधान हैं?
- भाग VI
- भाग VII
- भाग IX
- भाग IX-A
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX पंचायती राज से संबंधित है, जिसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था। यह अनुच्छेद 243 से 243-O तक फैला हुआ है।
- संदर्भ और विस्तार: इस भाग में पंचायतों की संरचना, उनके सदस्यों का चुनाव, आरक्षण, शक्तियाँ, प्राधिकार और जिम्मेदारियाँ आदि का वर्णन है, जिससे स्थानीय स्वशासन को संवैधानिक दर्जा मिला।
- गलत विकल्प: भाग VI राज्यों के बारे में है, भाग VII (निरस्त) पूर्व राज्यों से संबंधित था, और भाग IX-A नगरपालिकाओं से संबंधित है (74वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया)।
प्रश्न 10: किस अनुच्छेद के तहत वित्तीय आपातकाल की घोषणा की जा सकती है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल के प्रावधान से संबंधित है। राष्ट्रपति इस अनुच्छेद के तहत वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं यदि वे संतुष्ट हों कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें भारत की वित्तीय स्थिरता या साख को खतरा है।
- संदर्भ और विस्तार: अब तक भारत में कभी भी वित्तीय आपातकाल की घोषणा नहीं की गई है। आपातकाल की घोषणा के बाद, राष्ट्रपति राज्य सरकारों को वित्तीय औचित्य के मानकों को बनाए रखने के लिए निर्देश दे सकते हैं और धन संबंधी अन्य आदेश जारी कर सकते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल, अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल), और अनुच्छेद 365 केंद्र के निर्देशों का पालन करने में विफलता से संबंधित है।
प्रश्न 11: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ का आदर्श किस प्रकार का है?
- केवल राजनीतिक
- केवल सामाजिक
- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
- सामाजिक और राजनीतिक, लेकिन आर्थिक नहीं
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: प्रस्तावना में ‘न्याय’ के तीन रूपों का उल्लेख किया गया है: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक। यह भारतीय लोकतंत्र के बहुआयामी स्वरूप को दर्शाता है।
- संदर्भ और विस्तार: सामाजिक न्याय का अर्थ है जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर कोई भेदभाव न होना। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन का समान वितरण। राजनीतिक न्याय का अर्थ है सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के राजनीतिक प्रक्रियाओं में भाग लेने का समान अधिकार।
- गलत विकल्प: केवल एक या दो प्रकार के न्याय का उल्लेख भारतीय संविधान के लक्ष्यों को सीमित कर देगा, जबकि प्रस्तावना इन सभी को समाहित करती है।
प्रश्न 12: मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर प्रत्यक्ष रूप से सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार किस अनुच्छेद के तहत प्राप्त है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 19
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 226
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32, जिसे डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने ‘संविधान की आत्मा और हृदय’ कहा है, नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद सुप्रीम कोर्ट को विभिन्न प्रकार की रिट (बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, उत्प्रेषण, अधिकार-पृच्छा) जारी करने की शक्ति प्रदान करता है। यह अपने आप में एक मौलिक अधिकार है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता से संबंधित है, अनुच्छेद 19 स्वतंत्रता के अधिकारों से, और अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को रिट जारी करने की शक्ति देता है (जो सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से भिन्न है)।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन केंद्रीय मंत्री परिषद की बैठक की अध्यक्षता करता है?
- राष्ट्रपति
- उपराष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- कैबिनेट सचिव
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद के प्रमुख के रूप में, मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता करते हैं और उनके निर्णयों को प्रभावित करते हैं (अनुच्छेद 74, 77)।
- संदर्भ और विस्तार: प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद के मुखिया होते हैं और राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद के निर्णयों की सूचना देने के लिए बाध्य हैं (अनुच्छेद 78)। वे मंत्रियों को विभागों का आवंटन भी करते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति राष्ट्र का प्रमुख है, सरकार का नहीं। उपराष्ट्रपति का कार्य संसद के सदनों के संचालन से संबंधित है। कैबिनेट सचिव प्रशासनिक प्रमुख होता है, राजनीतिक प्रमुख नहीं।
प्रश्न 14: संसद के सदस्य के रूप में अयोग्यता संबंधी प्रश्नों पर अंतिम निर्णय कौन लेता है?
- भारत के राष्ट्रपति, चुनाव आयोग की सलाह पर
- भारत के राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय की सलाह पर
- लोकसभा अध्यक्ष (यदि सदस्य लोकसभा का है)
- प्रधानमंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 103 के अनुसार, किसी सदस्य की अयोग्यता से संबंधित किसी भी प्रश्न पर निर्णय लेने से पहले, राष्ट्रपति चुनाव आयोग की राय लेंगे, और उसी के अनुसार कार्य करेंगे।
- संदर्भ और विस्तार: यह नियम दल-बदल से संबंधित अयोग्यता (संविधान की दसवीं अनुसूची) पर भी लागू होता है, जहाँ निर्णय क्रमशः लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति द्वारा लिया जाता है, लेकिन राष्ट्रपति की अंतिम शक्ति चुनाव आयोग की सलाह पर ही प्रभावी होती है।
- गलत विकल्प: सर्वोच्च न्यायालय की सलाह सीधे तौर पर अनिवार्य नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष केवल दल-बदल के मामलों में निर्णय लेते हैं, न कि अन्य अयोग्यता संबंधी प्रश्नों पर। प्रधानमंत्री का इसमें कोई भूमिका नहीं होती।
प्रश्न 15: भारत में किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 356 में किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने पर राष्ट्रपति शासन लागू करने का प्रावधान है।
- संदर्भ और विस्तार: यदि राष्ट्रपति को राज्य के राज्यपाल से रिपोर्ट मिलने पर या अन्यथा यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें राज्य का शासन संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है, तो वे अनुच्छेद 356 के तहत उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल, अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल, और अनुच्छेद 365 केंद्र के निर्देशों का पालन न करने पर आपातकाल लागू करने से संबंधित है।
प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा प्रदान करता है?
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 17
- अनुच्छेद 20
- अनुच्छेद 21
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21 “विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा” का प्रावधान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिकार सर्वोपरि है और इसे किसी भी परिस्थिति में निलंबित नहीं किया जा सकता। सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 21 के दायरे को व्यापक बनाते हुए इसमें गरिमापूर्ण जीवन, आश्रय, आजीविका, स्वास्थ्य, एकांतता आदि जैसे अधिकारों को भी शामिल किया है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है। अनुच्छेद 20 दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण प्रदान करता है।
प्रश्न 17: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) की नियुक्ति किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 148
- अनुच्छेद 165
- अनुच्छेद 267
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति से संबंधित है। राष्ट्रपति, जो भारत सरकार को कानूनी सलाह देने के लिए योग्य व्यक्ति को महान्यायवादी नियुक्त करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और किसी भी भारतीय न्यायालय में सुनवाई का अधिकार रखता है। हालांकि, वह सरकार का पूर्णकालिक कर्मचारी नहीं होता और निजी प्रैक्टिस कर सकता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 148 CAG से, अनुच्छेद 165 राज्य के महाधिवक्ता (Advocate General) से, और अनुच्छेद 267 आकस्मिकता निधि से संबंधित है।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?
- कानून के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
- लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता (अनुच्छेद 16)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 16 (लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता) भारत का नागरिक होने के नाते प्राप्त है। यह अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14, 21, और 25 जैसे अन्य अधिकार सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) को प्राप्त हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 21 और 25 सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं, न कि केवल नागरिकों के लिए।
प्रश्न 19: भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखने और उसकी रक्षा करने का प्रावधान किस अनुसूची में है?
- तीसरी अनुसूची
- चौथी अनुसूची
- पांचवीं अनुसूची
- इसकी चर्चा संविधान के भाग III (मौलिक अधिकार) में की गई है, किसी विशिष्ट अनुसूची में नहीं।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखना और उसकी रक्षा करना एक मौलिक कर्तव्य है, जिसका उल्लेख अनुच्छेद 51A(c) में किया गया है, जो संविधान के भाग IV-A (मौलिक कर्तव्य) का हिस्सा है। किसी विशिष्ट अनुसूची में ऐसा कोई सीधा प्रावधान नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक कर्तव्यों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। ये कर्तव्य नागरिकों को राष्ट्र के प्रति उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।
- गलत विकल्प: तीसरी अनुसूची शपथ और प्रतिज्ञान के प्रारूपों से संबंधित है। चौथी अनुसूची राज्यसभा में राज्यों और संघीय क्षेत्रों के स्थानों के आवंटन से संबंधित है। पांचवीं अनुसूची अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधित है।
प्रश्न 20: पंचायतों के लिए आरक्षण का प्रावधान संविधान के किस भाग में किया गया है?
- भाग IX, अनुच्छेद 243D
- भाग IX-A, अनुच्छेद 243T
- भाग IV, अनुच्छेद 40
- भाग III, अनुच्छेद 15
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भाग IX के अनुच्छेद 243D में पंचायतों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं के लिए सीटों के आरक्षण का प्रावधान है।
- संदर्भ और विस्तार: यह आरक्षण जनसंख्या के अनुपात में होगा। यह प्रावधान पंचायती राज संस्थाओं में समाज के कमजोर वर्गों के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करता है।
- गलत विकल्प: भाग IX-A नगरपालिकाओं से संबंधित है। अनुच्छेद 40 (भाग IV में) पंचायतों के गठन का निर्देश देता है। अनुच्छेद 15 (भाग III में) धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है, जो प्रत्यक्ष रूप से पंचायतों में आरक्षण से संबंधित नहीं है।
प्रश्न 21: अनुच्छेद 19 के तहत प्रदत्त स्वतंत्रता के अधिकार को किस आधार पर युक्ति-संगत प्रतिबंधों के अधीन किया जा सकता है?
- सार्वजनिक व्यवस्था, सुरक्षा और अखंडता
- राज्य की संप्रभुता और विदेशी राज्यों से मैत्रीपूर्ण संबंध
- मानहानि और न्यायालय की अवमानना
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19(2) से 19(6) तक, विभिन्न स्वतंत्रता के अधिकारों पर आठ आधारों पर युक्ति-संगत प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जिनमें संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था, शिष्टाचार या नैतिकता, या न्यायालय की अवमानना, मानहानि, या अपराध के लिए उकसाना शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्तिगत स्वतंत्रताएं दूसरों के अधिकारों या राज्य की सुरक्षा के साथ टकराव में न हों।
- गलत विकल्प: सभी सूचीबद्ध विकल्प अनुच्छेद 19 के तहत अधिकारों पर लगाए जा सकने वाले प्रतिबंधों के मान्य आधार हैं।
प्रश्न 22: भारतीय संसद में कौन से दो सदन शामिल हैं?
- लोकसभा और विधान परिषद
- राज्यसभा और विधान परिषद
- लोकसभा और राज्यसभा
- विधानसभा और विधान परिषद
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 79 के अनुसार, भारत की संसद में राष्ट्रपति, लोकसभा (लोगों का सदन) और राज्यसभा (राज्यों की परिषद) शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: लोकसभा प्रत्यक्ष रूप से चुनी जाती है, जबकि राज्यसभा अप्रत्यक्ष रूप से राज्य विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा चुनी जाती है।
- गलत विकल्प: विधान परिषद राज्य विधानमंडल का ऊपरी सदन है, जो सभी राज्यों में नहीं है। विधानसभा राज्य विधानमंडल का निचला सदन है।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘विधि के शासन’ (Rule of Law) के बारे में सत्य नहीं है?
- कानून के समक्ष सभी समान हैं।
- किसी भी व्यक्ति को उसकी स्वतंत्रता से तब तक वंचित नहीं किया जाएगा जब तक कि वह विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया का पालन न करे।
- कानून की सर्वोच्चता किसी भी व्यक्ति की शक्ति से ऊपर है।
- न्यायपालिका को विधायिका के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: ‘विधि का शासन’ (Rule of Law) का अर्थ है कि सभी व्यक्ति, चाहे वे कितने भी शक्तिशाली हों, कानून के अधीन हैं, कानून के समक्ष समान हैं, और कानून द्वारा स्थापित उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता और विधायिका के प्रति उसकी जवाबदेही के विपरीत है। न्यायपालिका स्वतंत्र होती है, विधायिका के प्रति जवाबदेह नहीं।
- संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत भारत के संविधान की एक मूल संरचना है।
- गलत विकल्प: A, B, और C ‘विधि के शासन’ के सिद्धांत के महत्वपूर्ण पहलू हैं। D न्यायपालिका की स्वतंत्रता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है।
प्रश्न 24: भारत में त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का सुझाव किस समिति ने दिया था?
- बलवंत राय मेहता समिति
- अशोक मेहता समिति
- एल. एम. सिंघवी समिति
- सादंनम समिति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: बलवंत राय मेहता समिति (1957) ने भारत में पंचायती राज के लिए त्रि-स्तरीय (ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, और जिला परिषद) संरचना का सुझाव दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस समिति की सिफारिशों के आधार पर ही देश में पंचायती राज संस्थाओं को अपनाया गया।
- गलत विकल्प: अशोक मेहता समिति (1977) ने द्वि-स्तरीय व्यवस्था का सुझाव दिया था। एल. एम. सिंघवी समिति (1986) ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा देने की सिफारिश की थी। सांदनम समिति का पंचायती राज से सीधा संबंध नहीं है।
प्रश्न 25: संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को नागरिकता के संबंध में विधि बनाने की शक्ति प्रदान की गई है?
- अनुच्छेद 9
- अनुच्छेद 10
- अनुच्छेद 11
- अनुच्छेद 12
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 11 संसद को नागरिकता के संबंध में विधि बनाने की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इसी अनुच्छेद के तहत संसद ने नागरिकता अधिनियम, 1955 पारित किया, जो नागरिकता प्राप्त करने और समाप्त होने के तरीके को नियंत्रित करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 9 विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने पर नागरिकता की हानि से संबंधित है। अनुच्छेद 10 नागरिकता के अधिकारों के बने रहने का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 12 ‘राज्य’ की परिभाषा देता है।