इतिहास की रणभेरी: 25 प्रश्नों से अपनी तैयारी परखें!
नमस्कार, भावी अधिकारियों! समय के गलियारों में एक रोमांचक यात्रा के लिए तैयार हो जाइए। आज हम इतिहास के विभिन्न युगों से चुने गए 25 सवालों के साथ आपके ज्ञान का परीक्षण करेंगे। अपनी सूझबूझ और स्मरण शक्ति को जागृत करें, और देखें कि आप अतीत के रहस्यों को कितना भेद पाते हैं!
इतिहास अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: सिंधु घाटी सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु का बाग’ (Garden of Sind) के रूप में जाना जाता था?
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
- धोलावीरा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मोहनजोदड़ो, जिसका अर्थ ‘मृतकों का टीला’ है, को सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा शहर माना जाता है। इसकी भव्यता और सुनियोजित शहरी नियोजन के कारण इसे ‘सिंधु का बाग’ के रूप में भी जाना जाता था।
- संदर्भ और विस्तार: मोहनजोदड़ो वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है। यहां ग्रेट बाथ, अन्नागार और कांसे की नर्तकी की प्रतिमा जैसी महत्वपूर्ण संरचनाएं मिली हैं। इसकी जल निकासी प्रणाली अत्यंत उन्नत थी।
- गलत विकल्प: हड़प्पा पहला खोजा गया स्थल था, लोथल एक प्रमुख बंदरगाह था, और धोलावीरा यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जिसमें जल प्रबंधन के अनूठे उदाहरण मिलते हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा वेद सबसे प्राचीन माना जाता है?
- यजुर्वेद
- सामवेद
- ऋग्वेद
- अथर्ववेद
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ऋग्वेद, वेदों का सबसे प्राचीन और मौलिक ग्रंथ है। इसमें 10 मंडल, 1028 सूक्त और 10,600 से अधिक ऋचाएं हैं। यह आर्यों के प्रारंभिक जीवन, देवताओं और धार्मिक अनुष्ठानों का वर्णन करता है।
- संदर्भ और विस्तार: ऋग्वेद की रचना संभवतः 1500-1000 ईसा पूर्व के बीच हुई थी। इसे मौखिक परंपरा द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी संरक्षित किया गया।
- गलत विकल्प: यजुर्वेद में यज्ञों की विधियाँ, सामवेद में यज्ञों के समय गाए जाने वाले मंत्र और अथर्ववेद में जादू-टोने, चिकित्सा और तंत्र-मंत्र का वर्णन है।
प्रश्न 3: ‘अष्टध्यायी’ के लेखक कौन हैं?
- कालिदास
- पाणिनि
- पतंजलि
- विष्णु शर्मा
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘अष्टध्यायी’ संस्कृत व्याकरण का एक मौलिक ग्रंथ है, जिसके लेखक महर्षि पाणिनि हैं। यह पाणिनि की सबसे महत्वपूर्ण कृति मानी जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: ‘अष्टध्यायी’ ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में लिखी गई थी और इसने संस्कृत भाषा के मानकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसमें लगभग 4000 सूत्र हैं जो वर्णमाला, संधि, कृत्, तद्धित आदि विषयों पर आधारित हैं।
- गलत विकल्प: कालिदास एक महान कवि और नाटककार थे (जैसे ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’), पतंजलि ने ‘योगसूत्र’ लिखा और ‘महाभाष्य’ की रचना की, जबकि विष्णु शर्मा ने ‘पंचतंत्र’ की रचना की।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से किस मौर्य शासक ने ‘सिलालेखों’ (Rock Edicts) के माध्यम से अपने संदेश जनता तक पहुंचाए?
- चंद्रगुप्त मौर्य
- बिंदुसार
- अशोक
- बृहद्रथ
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: सम्राट अशोक, मौर्य वंश के सबसे प्रसिद्ध शासकों में से एक थे, जिन्होंने अपने धम्म (धर्म) के सिद्धांतों और सामाजिक संदेशों को आम जनता तक पहुँचाने के लिए शिलाओं, स्तंभों और गुफाओं पर अपने आदेश खुदवाए थे, जिन्हें ‘अशोक के शिलालेख’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: अशोक के शिलालेख प्राकृत, खरोष्ठी और ग्रीक लिपियों में लिखे गए थे। ये भारत के विभिन्न भागों में फैले हुए हैं और अशोक की धार्मिक नीतियों, प्रशासनिक व्यवस्था और सामाजिक विचारों को समझने के लिए अमूल्य स्रोत हैं।
- गलत विकल्प: चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की नींव रखी, बिंदुसार चंद्रगुप्त के पुत्र थे, और बृहद्रथ मौर्य वंश का अंतिम शासक था।
प्रश्न 5: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है?
- केवल सैन्य विजय के कारण
- कला, विज्ञान और साहित्य के अभूतपूर्व विकास के कारण
- विदेशी आक्रमणों से सुरक्षा के कारण
- केवल खगोलीय खोजों के कारण
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गुप्त काल (लगभग 320-550 ईस्वी) को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहा जाता है क्योंकि इस अवधि में कला, साहित्य, विज्ञान, खगोल विज्ञान, गणित और दर्शन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस युग में कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे खगोलशास्त्री और गणितज्ञ, और वराहमिहिर जैसे विद्वानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। अजंता की गुफाओं के चित्र और गुप्तकालीन मूर्तिकला इसकी कलात्मक ऊंचाइयों को दर्शाती है।
- गलत विकल्प: हालांकि सैन्य विजय हुई, यह एकमात्र कारण नहीं था। विदेशी आक्रमणों से सुरक्षा थी, लेकिन यह ‘स्वर्ण युग’ का कारण नहीं, बल्कि परिणाम था। खगोलीय खोजें महत्वपूर्ण थीं, लेकिन यह कला और साहित्य के साथ मिलकर समग्र विकास का हिस्सा था।
प्रश्न 6: भारत में ‘मनसबदारी प्रथा’ का आरंभ किस शासक ने किया था?
- इल्तुतमिश
- बलबन
- अलाउद्दीन खिलजी
- अकबर
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मुगल सम्राट अकबर ने 1577 ईस्वी में मनसबदारी प्रणाली का संस्थागत रूप से शुभारंभ किया। यह एक ऐसी व्यवस्था थी जिसमें अधिकारियों को उनकी योग्यता, पद और सैन्य उत्तरदायित्व के अनुसार ‘मनसब’ (रैंक/पद) प्रदान किए जाते थे।
- संदर्भ और विस्तार: मनसबदारों को वेतन के रूप में जागीरें या नकद राशि दी जाती थी और उन्हें अपने मनसब के अनुसार सैनिक रखने पड़ते थे। इस प्रणाली का उद्देश्य सैन्य और प्रशासनिक सेवाओं को एक सूत्र में पिरोना था।
- गलत विकल्प: इल्तुतमिश ने ‘इक्ता’ प्रणाली शुरू की थी, बलबन ने ‘राजत्व का सिद्धांत’ प्रस्तुत किया, और अलाउद्दीन खिलजी ने बाजार नियंत्रण और स्थायी सेना जैसी व्यवस्थाएं लागू की थीं।
प्रश्न 7: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
- कृष्णदेवराय
- देवराय द्वितीय
- हरिहर और बुक्का
- राम राय
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी, जिन्होंने बाद में विजयनगर को अपनी राजधानी बनाया।
- संदर्भ और विस्तार: यह साम्राज्य तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित था और दक्षिण भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण शक्ति था। हरिहर प्रथम ने साम्राज्य की नींव रखी और बुक्का प्रथम ने इसके विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गलत विकल्प: कृष्णदेवराय इस साम्राज्य के सबसे महान शासक थे, देवराय द्वितीय भी एक महत्वपूर्ण शासक थे, और राम राय अंतिम प्रमुख शासक थे जिन्होंने तालीकोटा के युद्ध में निर्णायक हार का सामना किया।
प्रश्न 8: ‘दीन-ए-इलाही’ की शुरुआत किस मुगल सम्राट ने की थी?
- बाबर
- हुमायूं
- अकबर
- जहाँगीर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य विभिन्न धार्मिक विश्वासों के अनुयायियों को एक साथ लाना था।
- संदर्भ और विस्तार: ‘दीन-ए-इलाही’ कोई नया धर्म नहीं था, बल्कि यह विभिन्न धर्मों के सार्वभौमिक सिद्धांतों का एक संश्लेषण था। अकबर ने स्वयं को इसका प्रमुख घोषित किया था, लेकिन यह व्यापक रूप से स्वीकार्य नहीं हुआ और इसके अनुयायियों की संख्या बहुत कम थी।
- गलत विकल्प: बाबर ने मुगल साम्राज्य की स्थापना की, हुमायूं उनके पुत्र थे, और जहाँगीर ने अपने पिता अकबर के बाद शासन किया।
प्रश्न 9: ‘अकबरनामा’ और ‘आइन-ए-अकबरी’ के लेखक कौन थे?
- फैजी
- अबुल फजल
- बदायुनी
- ईश्वरदास
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘अकबरनामा’ अकबर के शासनकाल का विस्तृत इतिहास है, और ‘आइन-ए-अकबरी’ अकबर की प्रशासनिक व्यवस्था, राजस्व नीतियों, समाज और संस्कृति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है। इन दोनों महत्वपूर्ण कृतियों के लेखक अबुल फजल थे, जो अकबर के नौ रत्नों में से एक थे।
- संदर्भ और विस्तार: अबुल फजल ने अकबर के कहने पर इन ग्रंथों की रचना की थी। ‘अकबरनामा’ को पूरा करने में उन्हें सात साल लगे थे। ये ग्रंथ अकबर के युग को समझने के लिए प्राथमिक स्रोत माने जाते हैं।
- गलत विकल्प: फैजी अबुल फजल के भाई थे और एक कवि थे, बदायुनी एक इतिहासकार थे जिन्होंने ‘मुंतखब-उत-तवारीख’ लिखा, और ईश्वरदास ने ‘फुतूहात-ए-आलमगीरी’ लिखी।
प्रश्न 10: पानीपत का दूसरा युद्ध कब हुआ था?
- 1526 ईस्वी
- 1556 ईस्वी
- 1576 ईस्वी
- 1600 ईस्वी
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: पानीपत का दूसरा युद्ध 5 नवंबर 1556 ईस्वी को मुगल सम्राट अकबर और हेमू (हेमचंद्र विक्रमादित्य) के बीच लड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस युद्ध में अकबर की सेना ने, बैरम खान के नेतृत्व में, हेमू को निर्णायक रूप से हराया। इस जीत ने भारत में मुगल शासन को मजबूत किया और दिल्ली पर अकबर का अधिकार स्थापित हो गया।
- गलत विकल्प: 1526 ईस्वी में पानीपत का पहला युद्ध हुआ था (बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच), 1576 ईस्वी में हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था, और 1600 ईस्वी में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई थी।
प्रश्न 11: कांग्रेस की स्थापना के समय भारत का वायसराय कौन था?
- लॉर्ड कर्जन
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड लिटन
- लॉर्ड डफरिन
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी। उस समय भारत के वायसराय लॉर्ड डफरिन थे (1884-1888)।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड डफरिन के कार्यकाल में ही कांग्रेस की स्थापना हुई। यह माना जाता है कि उन्होंने अपनी ‘सुरक्षा वाल्व’ सिद्धांत के तहत कांग्रेस की स्थापना को एक हद तक अनुमति दी थी, ताकि उभरते हुए राष्ट्रवादी असंतोष को एक नियंत्रित माध्यम मिल सके।
- गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन (1905 में बंगाल विभाजन) और लॉर्ड लिटन (1876-80, वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट) कांग्रेस की स्थापना से पहले के वायसराय थे, और लॉर्ड डलहौजी (1848-56) भी बहुत पहले थे।
प्रश्न 12: ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा किसने दिया था?
- स्वामी विवेकानंद
- राजा राम मोहन राय
- स्वामी दयानंद सरस्वती
- ज्योतिबा फुले
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘वेदों की ओर लौटो’ का प्रसिद्ध नारा आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था।
- संदर्भ और विस्तार: स्वामी दयानंद सरस्वती का मानना था कि वेद ज्ञान का सर्वोच्च स्रोत हैं और तत्कालीन भारतीय समाज में फैली कुरीतियों, अंधविश्वासों और विदेशी प्रभावों को दूर करने के लिए वेदों के आदर्शों को फिर से अपनाना चाहिए। उन्होंने ‘सत्यार्थ प्रकाश’ नामक पुस्तक भी लिखी।
- गलत विकल्प: स्वामी विवेकानंद ने ‘उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए’ का नारा दिया, राजा राम मोहन राय ‘ब्रह्म समाज’ के संस्थापक थे, और ज्योतिबा फुले ने ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना की।
प्रश्न 13: 1905 में बंगाल के विभाजन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
- बंगाल में शिक्षा का प्रसार
- बंगाल में प्रशासनिक सुविधा
- बंगाल में राष्ट्रवाद को कमजोर करना
- बंगाल में आर्थिक विकास
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1905 में लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल के विभाजन का घोषित उद्देश्य प्रशासनिक सुविधा था, लेकिन इसका वास्तविक उद्देश्य बंगाल में बढ़ते राष्ट्रवाद और क्रांतिकारी गतिविधियों को कमजोर करना था।
- संदर्भ और विस्तार: विभाजन ने बंगाल को दो भागों में बांटा: पश्चिमी बंगाल (हिंदुओं की बहुलता) और पूर्वी बंगाल (मुसलमानों की बहुलता)। इस विभाजन के कारण पूरे देश में तीव्र विरोध हुआ, जिसने स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन को जन्म दिया।
- गलत विकल्प: शिक्षा या आर्थिक विकास कोई वास्तविक उद्देश्य नहीं थे, बल्कि विभाजन ने राष्ट्रवाद को और मजबूत किया।
प्रश्न 14: ‘गांधी-इर्विन समझौता’ कब हुआ था?
- 1929
- 1930
- 1931
- 1932
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गांधी-इर्विन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था। यह समझौता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और ब्रिटिश सरकार के बीच हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: महात्मा गांधी ने वायसराय लॉर्ड इर्विन के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन को समाप्त करने के संबंध में बातचीत की। इस समझौते के तहत, सरकार ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने, जब्त की गई संपत्ति वापस करने और शांतिपूर्ण सत्याग्रह की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की, जबकि कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित कर दिया।
- गलत विकल्प: 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ और नमक सत्याग्रह हुआ, 1929 में कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन हुआ जहाँ पूर्ण स्वराज की मांग की गई, और 1932 में पूना पैक्ट हुआ।
प्रश्न 15: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया गया?
- कलकत्ता अधिवेशन, 1920
- अमृतसर अधिवेशन, 1919
- लाहौर अधिवेशन, 1929
- फैजपुर अधिवेशन, 1936
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपने दिसंबर 1929 के लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ (संपूर्ण स्वतंत्रता) का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जहाँ कांग्रेस ने ब्रिटिश प्रभुत्व को अस्वीकार कर पूर्ण स्वतंत्रता को अपना लक्ष्य घोषित किया। 26 जनवरी 1930 को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ के रूप में मनाया गया।
- गलत विकल्प: 1920 कलकत्ता अधिवेशन में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव आया, 1919 अमृतसर अधिवेशन में रोलेट एक्ट के विरोध पर चर्चा हुई, और 1936 फैजपुर अधिवेशन भारत में किसी गांव में आयोजित होने वाला पहला कांग्रेस अधिवेशन था।
प्रश्न 16: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?
- लॉर्ड कैनिंग
- लॉर्ड डलहौजी
- लॉर्ड विलियम बेंटिक
- लॉर्ड लिटन
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1857 के महान विद्रोह के समय भारत के गवर्नर-जनरल लॉर्ड कैनिंग थे।
- संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड कैनिंग ही वह व्यक्ति थे जिन्होंने विद्रोह को दबाने का नेतृत्व किया। इस विद्रोह के बाद, कंपनी शासन समाप्त कर दिया गया और भारत का शासन सीधे ब्रिटिश ताज के अधीन आ गया, और लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय बने।
- गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी 1857 से पहले गवर्नर-जनरल थे और उनकी ‘व्यपगत सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) को विद्रोह के कारणों में से एक माना जाता है। लॉर्ड विलियम बेंटिक पहले गवर्नर-जनरल थे, और लॉर्ड लिटन बाद में वायसराय बने।
प्रश्न 17: ‘गदर पार्टी’ की स्थापना कहाँ हुई थी?
- लंदन
- न्यूयॉर्क
- सैन फ्रांसिस्को
- बर्लिन
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: गदर पार्टी की स्थापना 1913 में संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत में स्वतंत्रता आंदोलन को संगठित करना था। लाला हरदयाल, सोहन सिंह भकना और करतार सिंह सराभा जैसे नेता इससे जुड़े थे। इस पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र भी प्रकाशित किया।
- गलत विकल्प: लंदन में भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के कई केंद्र थे, न्यूयॉर्क में भी कुछ गतिविधियाँ हुईं, और बर्लिन में भी कुछ भारतीय देशभक्तों ने समर्थन जुटाने का प्रयास किया, लेकिन मुख्य स्थापना सैन फ्रांसिस्को में हुई।
प्रश्न 18: किस अधिनियम द्वारा भारत में कंपनी शासन का अंत हुआ और ब्रिटिश ताज का शासन स्थापित हुआ?
- 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट
- 1784 का पिट्स इंडिया एक्ट
- 1813 का चार्टर एक्ट
- 1858 का भारत सरकार अधिनियम
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: 1857 के विद्रोह के बाद, ब्रिटिश संसद ने 1858 में भारत सरकार अधिनियम पारित किया। इस अधिनियम द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन का अंत कर दिया गया और भारत का शासन सीधे ब्रिटिश ताज (महारानी विक्टोरिया) के अधीन कर दिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने भारत के वायसराय के पद का सृजन किया और ‘भारत के राज्य सचिव’ (Secretary of State for India) का पद भी बनाया।
- गलत विकल्प: 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट ने बंगाल के गवर्नर-जनरल का पद बनाया, 1784 का पिट्स इंडिया एक्ट ने कंपनी के राजनीतिक और वाणिज्यिक कार्यों को अलग किया, और 1813 का चार्टर एक्ट ब्रिटिश कंपनी के व्यापार एकाधिकार को सीमित किया।
प्रश्न 19: ‘भारतीय अशांति के पिता’ के रूप में किसे जाना जाता है?
- महात्मा गांधी
- बाल गंगाधर तिलक
- लाला लाजपत राय
- बिपिन चंद्र पाल
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: बाल गंगाधर तिलक को ब्रिटिश अधिकारियों और कुछ भारतीयों द्वारा ‘भारतीय अशांति के पिता’ के रूप में जाना जाता था। यह उपनाम उन्हें उनके क्रांतिकारी विचारों और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध सक्रिय विरोध को बढ़ावा देने के कारण दिया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: तिलक ने ‘केसरी’ और ‘मराठा’ जैसे समाचार पत्रों के माध्यम से जनता को संगठित किया और गणपति festival और Shivaji festival जैसे सार्वजनिक उत्सवों का आयोजन कर राष्ट्रवादी भावनाएं जगाईं।
- गलत विकल्प: महात्मा गांधी अहिंसक आंदोलन के नेता थे, लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल लाल-बाल-पाल तिकड़ी के अन्य सदस्य थे, लेकिन तिलक को विशेष रूप से यह उपाधि दी गई थी।
प्रश्न 20: फ्रांस की क्रांति कब हुई?
- 1776
- 1789
- 1815
- 1848
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: फ्रांस की क्रांति 1789 ईस्वी में शुरू हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस क्रांति ने फ्रांस में राजशाही को समाप्त कर दिया और गणतंत्र की स्थापना की। इसने ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) के विचारों को बढ़ावा दिया, जिनका आधुनिक विश्व पर गहरा प्रभाव पड़ा। बास्तील का पतन (14 जुलाई 1789) क्रांति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
- गलत विकल्प: 1776 में अमेरिकी क्रांति हुई, 1815 में वाटरलू का युद्ध और नेपोलियन का पतन हुआ, और 1848 में यूरोप में कई क्रांतियाँ हुईं जिन्हें ‘राष्ट्रों का वसंत’ कहा जाता है।
प्रश्न 21: प्रथम विश्व युद्ध का मुख्य कारण क्या था?
- साम्राज्यवाद
- सैन्यवाद
- राष्ट्रवाद
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के कई जटिल कारण थे, जिनमें साम्राज्यवाद (उपनिवेशों के लिए प्रतिस्पर्धा), सैन्यवाद (सैन्यीकरण और हथियारों की होड़), और राष्ट्रवाद (जटिल गठबंधन और राष्ट्रीय हित) प्रमुख थे।
- संदर्भ और विस्तार: आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या ने चिंगारी का काम किया, लेकिन इन अंतर्निहित कारकों ने यूरोप को युद्ध की ओर धकेला। राष्ट्रवाद ने लोगों को युद्ध के लिए लामबंद किया, सैन्यवाद ने युद्ध की तैयारी को बढ़ावा दिया, और साम्राज्यवाद ने राष्ट्रों के बीच तनाव को बढ़ाया।
- गलत विकल्प: जबकि प्रत्येक कारण महत्वपूर्ण था, ये सभी मिलकर एक प्रमुख कारण बने।
प्रश्न 22: ‘रूस की क्रांति’ किस वर्ष हुई?
- 1905
- 1917
- 1922
- 1929
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: रूस की क्रांति, जिसमें ज़ारशाही का अंत हुआ और साम्यवाद की नींव पड़ी, 1917 ईस्वी में हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: 1917 में दो प्रमुख क्रांतियाँ हुईं: फरवरी क्रांति (जिसने ज़ार निकोलस द्वितीय को अपदस्थ किया) और अक्टूबर क्रांति (जिसमें व्लादिमीर लेनिन के नेतृत्व में बोल्शेविकों ने सत्ता संभाली)। इसने विश्व इतिहास में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया।
- गलत विकल्प: 1905 में रूस में पहली क्रांति हुई थी, 1922 में सोवियत संघ की स्थापना हुई, और 1929 में अमेरिका में महामंदी की शुरुआत हुई।
प्रश्न 23: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ कब शुरू हुआ?
- 1940
- 1941
- 1942
- 1943
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: महात्मा गांधी के आह्वान पर ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ 8 अगस्त 1942 को शुरू हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इस आंदोलन के दौरान गांधीजी ने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का अंतिम व्यापक जन आंदोलन था, जिसने ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी। क्रिप्स मिशन की विफलता और द्वितीय विश्व युद्ध के कारण यह आंदोलन शुरू किया गया था।
- गलत विकल्प: 1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह हुआ, 1941 में क्रिप्स मिशन भारत आया, और 1943 में भारत में अकाल की स्थिति थी।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन ‘जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर’ थे?
- पार्श्वनाथ
- महावीर
- ऋषभनाथ
- नेमिनाथ
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ थे, जिन्हें आदिनाथ के नाम से भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: जैन परंपरा के अनुसार, ऋषभनाथ ने जैन धर्म की नींव रखी और उन्होंने समाज को कृषि, व्यवसाय और अन्य कलाओं की शिक्षा दी। वे इस धर्म के 24 तीर्थंकरों की श्रृंखला में सबसे पहले थे।
- गलत विकल्प: महावीर जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे, जबकि पार्श्वनाथ 23वें तीर्थंकर थे। नेमिनाथ 22वें तीर्थंकर थे।
प्रश्न 25: ‘The Spirit of Laws’ (कानून की आत्मा) नामक प्रसिद्ध पुस्तक का लेखक कौन है?
- रूसो
- वॉल्टेयर
- जॉन लॉक
- मोंटेस्क्यू
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता: ‘The Spirit of Laws’ (कानून की आत्मा) नामक प्रसिद्ध पुस्तक के लेखक फ्रांसीसी दार्शनिक बैरन डी मोंटेस्क्यू थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह पुस्तक 1748 में प्रकाशित हुई थी और इसमें सत्ता के पृथक्करण (Separation of Powers) के सिद्धांत का विस्तृत विवेचन है, जो आधुनिक संवैधानिक गणराज्यों की नींव है। मोंटेस्क्यू ने प्रस्तावित किया कि सरकार की शक्ति को विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में विभाजित किया जाना चाहिए ताकि कोई एक शाखा अत्यधिक शक्तिशाली न हो जाए।
- गलत विकल्प: रूसो ने ‘The Social Contract’ लिखा, वॉल्टेयर फ्रांसीसी प्रबुद्धता के एक प्रमुख विचारक थे, और जॉन लॉक ने ‘Two Treatises of Government’ लिखी, जो संपत्ति और प्राकृतिक अधिकारों पर केंद्रित थी।