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इतिहास के रण में, ज्ञान का तूफ़ान!

इतिहास के रण में, ज्ञान का तूफ़ान!

नमस्कार, भावी सरकारी अधिकारी! इतिहास के विशाल सागर में आज फिर एक बार डुबकी लगाने का समय आ गया है। हर प्रश्न आपके ज्ञान की गहराई और समझ की सटीकता को परखने के लिए तैयार है। आइए, अतीत के पन्नों को पलटें और अपनी तैयारी को एक नई धार दें!

इतिहास अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: हड़प्पा सभ्यता का कौन सा स्थल ‘सिंधु घाटी का बगीचा’ कहलाता था?

  1. हड़प्पा
  2. मोहनजोदड़ो
  3. लोथल
  4. सिंधु

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: लोथल को ‘सिंधु घाटी का बगीचा’ कहा जाता था। यह गुजरात में स्थित था और यह फारस की खाड़ी से व्यापार का एक प्रमुख बंदरगाह था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: लोथल अपनी डॉकयार्ड (गोदी) के लिए प्रसिद्ध है, जो उस समय की उन्नत इंजीनियरिंग का प्रमाण है। यहाँ से प्राप्त मुहरें और अन्य कलाकृतियाँ तत्कालीन व्यापारिक संबंधों को दर्शाती हैं।
  • गलत विकल्प: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो प्रमुख शहर थे, लेकिन लोथल अपनी विशिष्ट बंदरगाह सुविधा के कारण ‘बगीचा’ या व्यापारिक केंद्र के रूप में अधिक प्रसिद्ध था। सिंधु नदी के नाम पर कोई प्रमुख स्थल इस उपनाम से नहीं जाना जाता।

प्रश्न 2: किस अभिलेख में चन्द्रगुप्त मौर्य का उल्लेख ‘सर्वनोद्रक’ (सभी करों को समाप्त करने वाला) के रूप में किया गया है?

  1. गिरनार अभिलेख
  2. जूनागढ़ अभिलेख
  3. शाहबाजगढ़ी अभिलेख
  4. कालसी अभिलेख

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: जूनागढ़ अभिलेख (जिसे गिरनार अभिलेख भी कहते हैं) में चन्द्रगुप्त मौर्य का उल्लेख ‘सर्वनोद्रक’ के रूप में किया गया है। यह अभिलेख मुख्यतः रुद्रदामन प्रथम द्वारा जारी किया गया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह अभिलेख उस समय के राजनीतिक और प्रशासनिक इतिहास पर प्रकाश डालता है। इसमें सौराष्ट्र क्षेत्र में चन्द्रगुप्त मौर्य द्वारा करवाए गए सिंचाई कार्यों का भी वर्णन है, जिससे उसे ‘सर्वनोद्रक’ की उपाधि मिली।
  • गलत विकल्प: शाहबाजगढ़ी और कालसी अभिलेख अशोक के शिलालेख हैं, जिनमें उस प्रकार का संदर्भ नहीं मिलता। गिरनार अभिलेख भी जूनागढ़ अभिलेख का ही दूसरा नाम है, लेकिन जूनागढ़ अभिलेख में ही यह विशेष उल्लेख पाया जाता है।

प्रश्न 3: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहने का मुख्य कारण क्या था?

  1. सेना की सर्वोच्चता
  2. कला, विज्ञान और साहित्य का उत्कृष्ट विकास
  3. व्यापार में भारी वृद्धि
  4. साम्राज्य का विशाल विस्तार

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: गुप्त काल को ‘भारत का स्वर्ण युग’ कहने का प्रमुख कारण कला, विज्ञान, साहित्य, खगोल विज्ञान, गणित और वास्तुकला जैसे क्षेत्रों में हुआ अभूतपूर्व विकास था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस काल में कालिदास जैसे महान कवियों, आर्यभट्ट जैसे खगोलशास्त्री-गणितज्ञों, वराहमिहिर जैसे ज्योतिषियों और गुप्तकालीन वास्तुकला व मूर्तिकला का उत्कर्ष हुआ।
  • गलत विकल्प: यद्यपि सेना की सर्वोच्चता, व्यापार वृद्धि और साम्राज्य का विस्तार भी हुआ, लेकिन वे ‘स्वर्ण युग’ का मुख्य कारण नहीं थे। गुप्तकाल की विशिष्टता सांस्कृतिक और बौद्धिक पुनर्जागरण था।

प्रश्न 4: किस चोल शासक ने ‘गंगैकोंडचोलपुरम’ नामक अपनी राजधानी का निर्माण करवाया था?

  1. राजराज प्रथम
  2. राजेंद्र प्रथम
  3. कुलतुंग प्रथम
  4. विक्रम चोल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: राजेंद्र प्रथम (राजेंद्र चोल) ने ‘गंगैकोंडचोलपुरम’ नामक एक नई राजधानी का निर्माण करवाया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: राजेंद्र प्रथम ने उत्तर भारत पर एक सफल सैन्य अभियान चलाया था और गंगा नदी तक पहुँचने के उपलक्ष्य में उसने ‘गंगैकोंडचोल’ की उपाधि धारण की और अपनी राजधानी का नाम ‘गंगैकोंडचोलपुरम’ रखा। उसने वहाँ एक भव्य शिव मंदिर भी बनवाया।
  • गलत विकल्प: राजराज प्रथम ने तंजौर में प्रसिद्ध वृहदेश्वर मंदिर का निर्माण करवाया था, लेकिन राजधानी का नाम उसके नाम से नहीं जुड़ा। कुलतुंग प्रथम और विक्रम चोल बाद के शासक थे।

प्रश्न 5: भक्ति आंदोलन के किस संत ने ‘निर्गुण’ ईश्वर की उपासना पर बल दिया?

  1. चैतन्य महाप्रभु
  2. वल्लभाचार्य
  3. कबीर
  4. तुलसीदास

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: कबीर दास ने निर्गुण, निराकार ईश्वर की उपासना पर बल दिया। वे किसी भी विशिष्ट धार्मिक अनुष्ठान या प्रतिमा पूजा के विरोधी थे।
  • संदर्भ एवं विस्तार: कबीर 15वीं शताब्दी के एक महान संत, कवि और समाज सुधारक थे। उन्होंने अपनी रचनाओं (साखी, सबद, रमैनी) के माध्यम से प्रेम, समानता और भाईचारे का संदेश दिया।
  • गलत विकल्प: चैतन्य महाप्रभु और वल्लभाचार्य दोनों ही सगुण उपासना के समर्थक थे (कृष्ण भक्ति)। तुलसीदास भी राम के सगुण रूप के उपासक थे।

प्रश्न 6: बाबरनामा का लेखक कौन था, जिसने भारत पर आक्रमण किया?

  1. अकबर
  2. बाबर
  3. हुमायूँ
  4. जहीरुद्दीन मुहम्मद

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘बाबरनामा’ (जिसे तुजुक-ए-बाबरी भी कहते हैं) के लेखक स्वयं मुगल सम्राट जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर थे।
  • संदर्भ एवं विस्तार: बाबर ने अपनी आत्मकथा तुर्की भाषा में लिखी थी, जिसमें उसने भारत पर आक्रमण के अपने अनुभवों, यहाँ के भूगोल, वनस्पति, समाज और राजनीतिक स्थिति का विस्तृत वर्णन किया है।
  • गलत विकल्प: अकबर, हुमायूँ और जहीरुद्दीन मुहम्मद (जो बाबर का पूरा नाम है) अन्य मुगल शासक थे, लेकिन बाबरनामा बाबर ने ही लिखी थी।

प्रश्न 7: शेरशाह सूरी ने ग्रैंड ट्रंक रोड (G.T. Road) का निर्माण किस काल में करवाया था?

  1. मुगल काल
  2. सूरी काल
  3. सैयद काल
  4. लोदी काल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: शेरशाह सूरी ने सूरी काल (1540-1545 ईस्वी) में ग्रैंड ट्रंक रोड का जीर्णोद्धार और निर्माण करवाया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: उन्होंने पेशावर से लेकर सोनार गांव (बंगाल) तक एक पक्की सड़क बनवाई, जिसे तत्कालीन सड़क-ए-आज़म कहा जाता था। यह सड़क आज के जी.टी. रोड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो व्यापार और संचार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण थी।
  • गलत विकल्प: मुगल काल में इस सड़क का विस्तार हुआ, लेकिन इसका मुख्य निर्माण और जीर्णोद्धार सूरी काल में हुआ। सैय्यद और लोदी काल में इस स्तर का निर्माण कार्य नहीं हुआ था।

प्रश्न 8: किस मुगल सम्राट ने ‘दीन-ए-इलाही’ नामक एक नए धर्म की शुरुआत की थी?

  1. अकबर
  2. जहांगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: मुगल सम्राट अकबर ने 1582 ईस्वी में ‘दीन-ए-इलाही’ (ईश्वर का धर्म) नामक एक पंथ की शुरुआत की थी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह एक संश्लेषणवादी धर्म था जिसमें विभिन्न धर्मों के मुख्य सिद्धांतों को शामिल करने का प्रयास किया गया था। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और एकता को बढ़ावा देना था, हालाँकि यह बहुत सफल नहीं रहा।
  • गलत विकल्प: जहांगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब ने इस पंथ को आगे नहीं बढ़ाया। जहांगीर कला और न्याय के लिए, शाहजहाँ वास्तुकला के लिए और औरंगजेब इस्लामी कट्टरता के लिए जाने जाते हैं।

प्रश्न 9: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी?

  1. 1336 ईस्वी
  2. 1492 ईस्वी
  3. 1526 ईस्वी
  4. 1576 ईस्वी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर प्रथम और बुक्का प्रथम नामक दो भाइयों ने की थी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत का एक शक्तिशाली साम्राज्य था जिसने लगभग 250 वर्षों तक शासन किया। इसकी राजधानी हम्पी थी, जो अपनी भव्य वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
  • गलत विकल्प: 1492 ईस्वी क्रिस्टोफर कोलंबस की अमेरिका यात्रा का वर्ष है। 1526 ईस्वी पानीपत के प्रथम युद्ध का वर्ष है जब बाबर ने भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी। 1576 ईस्वी हल्दीघाटी के युद्ध का वर्ष है।

प्रश्न 10: फ्रांसीसी यात्री बर्नियर किस मुगल सम्राट के शासनकाल में भारत आया था?

  1. अकबर
  2. जहांगीर
  3. शाहजहाँ
  4. औरंगजेब

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: फ्रांसीसी यात्री फ्रांस्वा बर्नियर (François Bernier) 1658 से 1668 ईस्वी तक मुगल सम्राट शाहजहाँ के शासनकाल में भारत आया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: बर्नियर एक चिकित्सक और इतिहासकार था, जिसने अपने यात्रा वृत्तांत ‘ट्रेवल्स इन द मुगल एम्पायर’ में उस समय के भारत का विस्तृत वर्णन किया है। उसने शाहजहाँ की राजधानी आगरा और दिल्ली के जीवन, दरबार, कला और समाज पर महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ की हैं।
  • गलत विकल्प: अकबर के काल में रॉल्फ फिंच जैसे यात्री आए, जहांगीर के काल में विलियम हॉकिंस और थॉमस रो आए, जबकि औरंगजेब के काल में भी यूरोपीय यात्री आए थे, पर बर्नियर मुख्य रूप से शाहजहाँ के शासनकाल से जुड़ा है।

प्रश्न 11: 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर-जनरल कौन था?

  1. लॉर्ड डलहौजी
  2. लॉर्ड कैनिंग
  3. लॉर्ड लिटन
  4. लॉर्ड रिपन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 1857 के विद्रोह के समय भारत के गवर्नर-जनरल लॉर्ड कैनिंग थे।
  • संदर्भ एवं विस्तार: लॉर्ड कैनिंग ने विद्रोह को दबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसके बाद भारत को ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश ताज के सीधे शासन के अधीन हस्तांतरित किया गया, जिससे वे भारत के पहले वायसराय बने।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड डलहौजी ने ‘व्यपगत का सिद्धांत’ (Doctrine of Lapse) लागू किया था, जो विद्रोह के कारणों में से एक था। लॉर्ड लिटन और लॉर्ड रिपन 1857 के बाद के वायसराय थे।

प्रश्न 12: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन कब और कहाँ आयोजित हुआ था?

  1. 1885, कलकत्ता
  2. 1886, मद्रास
  3. 1887, बंबई
  4. 1888, इलाहाबाद

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन 28 दिसंबर 1885 को बंबई (अब मुंबई) में गोकुलदास तेजपाल संस्कृत पाठशाला में आयोजित हुआ था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस अधिवेशन की अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी (W.C. Banerji) ने की थी और इसमें 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इसकी स्थापना का श्रेय ए.ओ. ह्यूम को दिया जाता है।
  • गलत विकल्प: कलकत्ता में दूसरा अधिवेशन (1886) और फिर मद्रास (1887) और इलाहाबाद (1888) में अधिवेशन हुए।

प्रश्न 13: ‘अभिनव भारत’ नामक गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना किसने की थी?

  1. भगत सिंह
  2. सुभाष चंद्र बोस
  3. वीर सावरकर
  4. चंद्रशेखर आजाद

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘अभिनव भारत’ (Abhinav Bharat Society) नामक गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) ने 1904 में की थी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इसकी स्थापना नासिक में की गई थी और यह पूर्व में स्थापित ‘मित्र मेला’ का ही एक विस्तृत रूप था। इस संगठन ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम दिया।
  • गलत विकल्प: भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस और चंद्रशेखर आजाद अन्य महत्वपूर्ण क्रांतिकारी नेता थे, लेकिन उन्होंने अलग-अलग संगठनों की स्थापना की या उनमें सक्रिय रहे।

प्रश्न 14: भारत में ‘सती प्रथा’ को कब समाप्त किया गया?

  1. 1828 ईस्वी
  2. 1829 ईस्वी
  3. 1835 ईस्वी
  4. 1837 ईस्वी

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: भारत में सती प्रथा को 1829 ईस्वी में लॉर्ड विलियम बेंटिक द्वारा समाप्त किया गया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: राजा राम मोहन राय के अथक प्रयासों के कारण, बंगाल के गवर्नर-जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक ने रेगुलेशन XVII, 1829 पारित किया, जिसने बंगाल प्रेसीडेंसी में सती प्रथा को अवैध घोषित किया। बाद में इसे मद्रास और बंबई प्रेसीडेंसी में भी लागू किया गया।
  • गलत विकल्प: 1828 में राजा राम मोहन राय ने ‘ब्रह्म समाज’ की स्थापना की थी। 1835 में अंग्रेजी शिक्षा को प्रोत्साहन मिला और 1837 में मेकॉले की शिक्षा नीति लागू हुई।

प्रश्न 15: ‘हिंदू स्वराज’ नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं?

  1. महात्मा गांधी
  2. बाल गंगाधर तिलक
  3. लाला लाजपत राय
  4. बिपन चंद्र पाल

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘हिंदू स्वराज’ (Hind Swaraj) नामक पुस्तक के लेखक महात्मा गांधी हैं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह पुस्तक गांधीजी ने 1909 में लिखी थी, जब वे जहाज से दक्षिण अफ्रीका लौट रहे थे। इसमें उन्होंने स्वराज, आधुनिक सभ्यता, औद्योगिकीकरण, मशीनों के प्रभाव और भारत के भविष्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं।
  • गलत विकल्प: बाल गंगाधर तिलक ने ‘गीता रहस्य’ और ‘आर्कटिक होम ऑफ द वेदास’ लिखीं, लाला लाजपत राय ने ‘अनहैप्पी इंडिया’ और बिपिन चंद्र पाल ने ‘द सोल ऑफ इंडिया’ लिखीं।

प्रश्न 16: पूना पैक्ट (1932) किनके बीच हुआ था?

  1. गांधीजी और लॉर्ड इरविन
  2. गांधीजी और मुहम्मद अली जिन्नाह
  3. गांधीजी और एम.सी. राजा
  4. गांधीजी और बी.आर. अंबेडकर

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: पूना पैक्ट 24 सितंबर 1932 को महात्मा गांधी और बी.आर. अंबेडकर के बीच हस्ताक्षरित हुआ था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह समझौता दलितों के लिए सांप्रदायिक अधिनिर्णय (Communal Award) के प्रस्तावों के विरोध में गांधीजी के अनशन के परिणामस्वरूप हुआ। इसमें दलितों के लिए अलग चुनाव क्षेत्र का प्रावधान समाप्त कर दिया गया और संयुक्त चुनाव क्षेत्र में उनके लिए सीटों का आरक्षण बढ़ाया गया।
  • गलत विकल्प: गांधीजी और लॉर्ड इरविन के बीच 1931 में गांधी-इरविन समझौता हुआ था। जिन्नाह के साथ उनके मतभेद प्रमुख थे। एम.सी. राजा दलितों के एक अन्य नेता थे, लेकिन पूना पैक्ट में मुख्य रूप से गांधीजी और अंबेडकर थे।

प्रश्न 17: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का प्रमुख नारा क्या था?

  1. स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व
  2. रक्त और लोहा
  3. सब के लिए एक, एक के लिए सब
  4. राष्ट्र पहले

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति (1789) का प्रमुख नारा ‘स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व’ (Liberté, égalité, fraternité) था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस नारे ने क्रांति को दिशा दी और इसने फ्रांस के राजनीतिक और सामाजिक ताने-बाने को बदल दिया। यह आज भी फ्रांस का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है।
  • गलत विकल्प: ‘रक्त और लोहा’ बिस्मार्क से जुड़ा है। ‘सब के लिए एक, एक के लिए सब’ द’आर्टागन से संबंधित है। ‘राष्ट्र पहले’ एक आधुनिक राष्ट्रवादी नारा है।

प्रश्न 18: किस घटना को ‘बास्तील का पतन’ कहा जाता है, जिसने फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत को चिह्नित किया?

  1. 14 जुलाई, 1789
  2. 4 जुलाई, 1776
  3. 9 नवंबर, 1799
  4. 28 जून, 1914

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 14 जुलाई, 1789 को बास्तील के किले पर धावा बोलना और उसका पतन फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: बास्तील पेरिस में स्थित एक दुर्ग था जो राजा की निरंकुश शक्ति का प्रतीक था। इस घटना ने फ्रांसीसी क्रांति को एक निर्णायक मोड़ दिया और जनता के विद्रोह को बल प्रदान किया।
  • गलत विकल्प: 4 जुलाई, 1776 अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा का वर्ष है। 9 नवंबर, 1799 नेपोलियन बोनापार्ट के सत्ता में आने की शुरुआत की। 28 जून, 1914 प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत का तात्कालिक कारण (आर्चड्यूक फर्डिनेंड की हत्या) है।

प्रश्न 19: रूस में जारशाही को उखाड़ फेंकने और साम्यवादी शासन की स्थापना करने वाली क्रांति कौन सी थी?

  1. फ्रांसीसी क्रांति
  2. अमेरिकी क्रांति
  3. रूसी क्रांति
  4. औद्योगिक क्रांति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 1917 की रूसी क्रांति ने जारशाही को समाप्त किया और व्लादिमीर लेनिन के नेतृत्व में साम्यवादी शासन की स्थापना की।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस क्रांति के दो मुख्य चरण थे: फरवरी क्रांति (जिससे जार निकोलस द्वितीय को सत्ता छोड़नी पड़ी) और अक्टूबर क्रांति (जिससे बोल्शेविकों ने सत्ता पर कब्जा कर लिया)।
  • गलत विकल्प: फ्रांसीसी क्रांति (1789) और अमेरिकी क्रांति (1775-1783) अन्य महत्वपूर्ण क्रांतियाँ थीं, लेकिन वे रूस से संबंधित नहीं थीं। औद्योगिक क्रांति 18वीं-19वीं शताब्दी में हुई थी और यह आर्थिक-तकनीकी परिवर्तन थी।

प्रश्न 20: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) का तात्कालिक कारण क्या था?

  1. जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण
  2. फ्रांस का ऑस्ट्रिया पर युद्ध की घोषणा
  3. ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड की साराजेवो में हत्या
  4. रूस का प्रथम विश्व युद्ध से हटना

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की 28 जून 1914 को साराजेवो में सर्बियाई राष्ट्रवादी गैवरिलो प्रिंसिप द्वारा हत्या प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण बनी।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस हत्या के बाद ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को अल्टीमेटम दिया, जिसे सर्बिया पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर सका, और इस प्रकार विभिन्न गठबंधनों के कारण यूरोप में युद्ध छिड़ गया।
  • गलत विकल्प: जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्व युद्ध (1939) का तात्कालिक कारण था। फ्रांस की ऑस्ट्रिया पर घोषणा युद्ध का हिस्सा थी, लेकिन तात्कालिक कारण नहीं। रूस प्रथम विश्व युद्ध में लड़ा था और बाद में 1917 में बोल्शेविक क्रांति के बाद बाहर निकला।

प्रश्न 21: ‘कम्न या मरो’ (Do or Die) का नारा किस आंदोलन के दौरान दिया गया था?

  1. असहयोग आंदोलन
  2. सविनय अवज्ञा आंदोलन
  3. भारत छोड़ो आंदोलन
  4. भारत छोड़ो आंदोलन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: ‘कम्न या मरो’ (Do or Die) का नारा महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1942 को मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत के समय दिया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस नारे का अर्थ था कि स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए या तो हम सफल हों या फिर इस संघर्ष में अपना जीवन न्योछावर कर दें। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का अंतिम जन आंदोलन था।
  • गलत विकल्प: असहयोग आंदोलन 1920-22 में, और सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930-34 में हुए थे। इन आंदोलनों के अपने विशिष्ट नारे थे, जैसे ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ (तिलक) या ‘साइमन वापस जाओ’। (नोट: विकल्प c और d समान हैं, दोनों ही सही उत्तर को इंगित करते हैं)।

प्रश्न 22: भारत को स्वतंत्रता मिलने के समय इंग्लैंड का प्रधानमंत्री कौन था?

  1. विंस्टन चर्चिल
  2. क्लेमेंट एटली
  3. हैरोल्ड मैकमिलन
  4. एन्थनी ईडन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: 1947 में जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तब इंग्लैंड के प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली थे।
  • संदर्भ एवं विस्तार: क्लेमेंट एटली लेबर पार्टी के नेता थे और उनके मंत्रिमंडल ने भारत को स्वतंत्रता देने का निर्णय लिया था। ब्रिटिश संसद में भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 पेश किया गया, जिसने भारत के विभाजन और स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया।
  • गलत विकल्प: विंस्टन चर्चिल द्वितीय विश्व युद्ध के समय प्रधानमंत्री थे और वे भारत के विभाजन और स्वतंत्रता के समर्थक नहीं थे। हैरोल्ड मैकमिलन और एंथनी ईडन बाद के प्रधानमंत्री थे।

प्रश्न 23: किस प्राचीन भारतीय ग्रंथ में ‘अष्टाध्यायी’ के रूप में संस्कृत व्याकरण का व्यवस्थित अध्ययन प्रस्तुत किया गया है?

  1. अर्थशास्त्र
  2. इंडिका
  3. अष्टाध्यायी
  4. महाभाष्य

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: पाणिनी द्वारा रचित ‘अष्टाध्यायी’ संस्कृत व्याकरण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और व्यवस्थित ग्रंथ है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह ईसा पूर्व चौथी शताब्दी के आसपास लिखा गया था और इसे व्याकरण के क्षेत्र में एक आधारशिला माना जाता है। इसने संस्कृत भाषा के नियमों और संरचना को एक सुसंगत रूप दिया।
  • गलत विकल्प: अर्थशास्त्र कौटिल्य द्वारा रचित राजनीति और शासन पर आधारित है। इंडिका मेगस्थनीज द्वारा रचित प्राचीन भारत पर वृत्तांत है। महाभाष्य पतंजलि द्वारा अष्टाध्यायी पर की गई टीका है।

प्रश्न 24: प्राचीन भारत में ‘गिल्ड’ (श्रेणी) का प्रमुख कार्य क्या था?

  1. सैन्य प्रशिक्षण देना
  2. धार्मिक अनुष्ठान करवाना
  3. उत्पादन, वितरण और मूल्य निर्धारण का नियंत्रण
  4. न्याय का प्रशासन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: प्राचीन भारत में श्रेणियों (गिल्ड) का प्रमुख कार्य अपने सदस्यों के लिए उत्पादन, वितरण, गुणवत्ता नियंत्रण और मूल्य निर्धारण का प्रबंधन करना था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: श्रेणियाँ व्यापारियों और कारीगरों के संघ होते थे जो अपने व्यवसाय के नियमों को तय करते थे, अपने सदस्यों को प्रशिक्षित करते थे और उनके हितों की रक्षा करते थे। वे सामाजिक और कभी-कभी राजनीतिक भूमिकाएँ भी निभाते थे।
  • गलत विकल्प: सैन्य प्रशिक्षण, धार्मिक अनुष्ठान और न्याय प्रशासन आमतौर पर राजा, पुरोहितों या स्थानीय प्रशासकों द्वारा किए जाते थे, न कि विशिष्ट व्यापारी श्रेणियों द्वारा।

प्रश्न 25: चीन में ‘अफीम युद्ध’ (Opium Wars) किन दो शक्तियों के बीच लड़े गए थे?

  1. चीन और जापान
  2. चीन और रूस
  3. चीन और ब्रिटेन
  4. चीन और फ्रांस

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर: अफीम युद्ध (पहला 1839-1842, दूसरा 1856-1860) मुख्य रूप से चीन और ब्रिटेन के बीच लड़े गए थे।
  • संदर्भ एवं विस्तार: ये युद्ध मुख्य रूप से चीन में अफीम के व्यापार को लेकर हुए थे। ब्रिटेन ने अफीम के व्यापार के माध्यम से चीन में अपना व्यापार घाटा कम करने की कोशिश की, जिसका चीन के शाही शासन ने विरोध किया। इन युद्धों के परिणामस्वरूप चीन को कई असमान संधियाँ करने और अपने कई बंदरगाहों को विदेशी व्यापार के लिए खोलने पड़े।
  • गलत विकल्प: जापान, रूस और फ्रांस की भी चीन के साथ अपनी ऐतिहासिक संधियाँ और हित थे, लेकिन अफीम युद्ध विशेष रूप से ब्रिटेन के साथ ही हुए थे।

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